Mother’s Day 2020: ‘मां’ बहुत याद आती हो तुम

‘मां’ कितना प्यारा शब्द है न. इस छोटे से शब्द में मेरी पूरी दुनिया समाई हुई है.आज न जाने क्यूँ मुझे अपना पूरा बचपन जीने का मन कर रहा है.आज न जाने क्यूँ तेरी गोद में सिर रखकर रोने को मन कर रहा है .आज न जाने क्यूँ तेरे आँचल में छिप जाने को मन कर रहा है.

मां काश मै महसूस कर पाती  तुम्हारी वो ख़ुशी जब तुमने मुझे अपने अन्दर पहली बार महसूस किया था. मां काश मैं देख पाती  तुम्हारे चेहरे की वो ख़ुशी जब तुमने मुझे पहली बार अपनी गोद में लिया था.

कितनी नींद खराब की है न मैंने तुम्हारी. वह रात-रात भर तुम्हारा जगना और मुझे अपनी गोद में लेकर लोरी सुनाना और फिर  सुबह-सुबह उठना, जैसे तुम्हारा सारा वक्त बस मेरा ही होकर रह गया था.

मां तुमने मेरा हाथ पकड़ के कदम से कदम मिलाकर चलना सिखाया और मुझे लगा था कि मैं अपने आप ही चलने लगी  हूं.

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मुझे क्या चाहिए हमेशा मुझसे पहले तुम्हें पता चल जाता था. तुम कैसे मेरी मन की बात को बिना कहे जान जाती  थी ? चोट तो मुझे लगती थी पर दर्द तुमको मुझसे ज्यादा होता था.

इंजेक्शन तो मुझे लगता  था पर आंसू तुम्हारे आँखों से निकलते थे. खुद मेरा स्कूल में एडमिशन करवाया तुमने पर पहले ही दिन मुझको खुद से दूर भेजने के ख्याल से तुम रो पड़ी थी और फिर मैंने तुम्हे कितना समझाया था की ‘तुम रो मत मां मै जल्दी आ जाउंगी ‘.

मेरी सैतानियों पर तुम्हारी वो डांट  जिसमें प्यार असली होता था और गुस्सा बिल्कुल नकली.जब मै कोई शरारत करके छिप जाती थी तब तुम मुझसे दुनिया का सबसे प्यारा झूठ  बोलती थी ‘आ जाओ मेरे पास, मै मारूंगी  नहीं’.

जब मैं किसी बुरे सपने से डरकर तुम्हारे आँचल में छिप जाती थी तब मैंने ये कभी नहीं सोचा था की कभी तुम्हें भी डरा हुआ देखूंगी मै.जब मैं हाई फीवर में तप रही थी तब डर के मारे तुम्हारी हाथ पैर ठंडे पड़ गए थे.मुझे सिर्फ बुखार ही तो था मां!  पर तुमने तो न जाने कितनी मन्नते मांग डाली मेरे लिए. बोर्ड एग्जाम में मेरे अच्छे नंबर से पास  होने की खुशी में तो तुम नाच उठी थी मां.

पर थोड़ी बड़ी होने पर जाने-अनजाने मेरी एक अपनी एक अलग सी  दुनिया बनने लगी थी ……तुमसे दूर…….

मुझे ऐसा लगने लगा था कि तुम मुझे समझ नहीं पाती .डांटना, झगड़ना, लड़ना, मनाना जैसे लगा ही रहता था. नए –नए  दोस्तों के साथ मेरी  नई-नई मस्ती मजाक वाली यादें बनती गई, पर इन सबके बीच में मै अपनी पुरानी दोस्त को कब भूल गई मुझे पता ही नहीं चला. मै अपनी नयी दुनिया में इतनी खो सी गयी कि मै तुम्हारा अकेलापन देख ही नहीं पायी .

ना कभी तुम्हारी फिक्र समझ पाई और ना कभी तुम्हारी खामोशी सुन पाई.तुमने मुझे क्या कुछ नहीं दिया ‘मां ‘.लाइफ के हर मोड़ पर मेरा साथ दिया, मेरा ख्याल रखा………

मां जिस आजादी के लिए मैं तुमसे  सारी उम्र लडती  रही , वो सारी आजादी आज मेरे पास है, फिर भी ना जाने क्यों मेरे दिल की हर धड़कन आज बहुत उदास है .

मै कहती थी न ‘मैं वही करूंगी  जो मेरा जी करेगा’. आज मैं वही करती हूं जो मेरा जी करता है .ऐसा नहीं है मां की मुझे कोई रोकने वाला नहीं है . बात तो सिर्फ इतनी है मां कि जब मै  सुबह देर से उठती हूँ , तो मुझे कोई टोकने वाला नहीं है.

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पर पता नहीं आज मुझे यह सारी बातें अचानक कैसे याद आ रही हैं. जैसे एक ही पल में सब समझ आ गया हो. हो सकता है ये इसलिए हो की शायद अब मै भी एक ‘मां’ हूँ.

मां तुम मुझे बहुत याद आती हो.

I love you ‘मां’

एक मुद्दत से मेरी मां नहीं सोई,मैंने इक बार कहा था मुझे डर लगता है

Mother’s Day 2020: मेरी सफलता को नहीं देख पाई मेरी मां– सोनू सूद

दो दशक से अधिक समय तक अभिनय के क्षेत्र में गुजार चुके अभिनेता, मॉडल और प्रोड्यूसर सोनू सूद ने हिंदी, तमिल, तेलगू, कन्नडा और पंजाबी फिल्मों में काम किया है. ‘शहीद ए आज़म उनकी पहली हिंदी फिल्म थी, इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में अच्छा काम किया, फिल्में हिट भी रही, पर उनकी सुपरहिट फिल्म ‘दबंग’ थी ,जिसमें उनकी निगेटिव भूमिका को दर्शकों ने खूब पसंद किया. नॉन फ़िल्मी बैकग्राउंड से होते हुए भी सोनू सूद आज सफल है. इसकी वजह वे दर्शकों का प्यार और माता-पिता का आशीर्वाद मानते है. सोनू सूद को जिंदगी में जो भी काम मिला, उसे करते गए और अपनी अलग पहचान बनायीं.

कोरोना वायरस को लेकर सोनू सूद बहुत चिंतित है और हर संभव सहायता देने की कोशिश कर रहे है, इस दिशा में उन्होंने अपने जुहू वाले होटल को डॉक्टर्स, नर्सेज, पैरामेडिकल स्टाफ के लिए खोल दिया है. इन लोगों को वे फ्रंटफुट के योद्धा मानते है, जो देश के हर एक नागरिक को बचाने के लिए जान जोखिम में डालकर दिनरात काम कर रहे है, उनके लिए जितना भी किया जाय, कम ही होगा. उनसे उनकी जर्नी और इंडस्ट्री की रणनीति के बारें में बात हुई, पेश है कुछ अंश.

सवाल-इस लॉक डाउन में आप क्या कर रहे है?

अभी हम सब घर पर रह रहे है और अधिक से अधिक लोगों की मदद करने की कोशिश कर रहे है. इसमें माइग्रेंट वर्कर्स को खाना देने का काम लगातार चल रहा है. यह एक अच्छा काम है, जिसे अब कर पा रहे है. मुश्किल घड़ी में हर इंसान को एक दूसरे की मदद करना जरुरी है.

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सवाल-लॉक डाउन के बाद फिल्म इंडस्ट्री को फिर से एक्टिव होने के लिए किस प्रकार की रणनीति को अपनानी पड़ेगी, ताकि काम फिर से शुरू हो सकें?

लॉक डाउन के बाद फिल्म इंडस्ट्री को फिर से एक्टिव होना ही पड़ेगा, क्योंकि कोई और उपाय नहीं है. सबको रोजी रोटी चाहिए. ये सही है कि फिल्म इंडस्ट्री में बहुत सारे लोग एक साथ काम करते है, जिसमें एक साथ सेट पर आना, मिलकर काम करना आदि होता है. इन सबमें बहुत अधिक सावधानी रखने की आवश्यकता होगी. थोडा समय लगेगा, पर धीरे-धीरे इंडस्ट्री पटरी पर आ जाएगी. तब तक लोग भी समझ जायेंगे कि किस तरह इस हालात से निपटने की जरुरत है और इंडस्ट्री पहले की तरह ही एक्टिव हो जाएगी.


सवाल-आप अपनी जर्नी से कितना संतुष्ट है?

इंडस्ट्री में मेरी जर्नी अच्छी रही है, क्योंकि मेरा कोई फ़िल्मी बैकग्राउंड नहीं था. इसके बावजूद मुझे अच्छे लोगों के साथ काम करने का मौका मिला. इसमें मैं अपनी माता-पिता के आशीवार्द को सबसे अधिक महत्व देता हूं. मुझे अच्छा लगता है कि मैंने खुद से अपने पैरों पर खड़ा हुआ और एक अच्छी जिंदगी जी रहा हूं. ये उन लोगों के लिए भी प्रेरणा है जो इंडस्ट्री से न होने के बावजूद कुछ अच्छा कर सकते है.

सवाल-कोई रिग्रेट रह गया है क्या?

कोई रिग्रेट नहीं है, जितनी सफलता मैंने अपनी जिंदगी में देखी है, वह बहुत अच्छी रही. अगर माता-पिता इस समय मेरे साथ होते और इस सफलता को देख पाते तो अच्छा लगता, क्योंकि उन्होंने मेरे संघर्ष को करीब से देखा है. मुझे आज उसका दुःख जरुर रहता है कि जो मैंने अचीव किया, वह मेरी माँ नहीं देख पायी, जबकि पिता ने कुछ हद तक देखा है. वे दोनों आज अगर मेरे साथ होते, तो वे जरुर गर्व महसूस करते.

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सवाल-कोरोना काल में आप सबको हेल्प कर रहे है और इस पेंड़ेमिक को नजदीक से महसूस भी कर रहे है, आगे कभी ऐसी नौबत कभी न आयें इसके लिए देश की इंफ्रास्ट्रक्चर में किस तरह की बदलाव होने की जरुरत है?

मैं ऐसे समय में सबको सहायता करने की कोशिश कर रहा हूं और सोचता हूं कि ऐसी नौबत फिर कभी न आये. इसके लिए देश की इंफ्रास्ट्रक्चर अच्छी होने की जरुरत है, पर इसकी लडाई कोई अकेले नहीं लड़ सकता. सबको मिलकर ये जंग लड़नी पड़ेगी. वापस देश की आर्थिक व्यवस्था को ठीक करने के लिए सबको मिलकर काम करना पड़ेगा. ये हर देशवासी के लिए एक पाठ है, जिसमें उन्हें मेहनत और इमानदारी से काम कर उन ऊँचाइयों पर देश को पहुँचाने की जरुरत है, जहां देश पहले था. कोरोना वायरस की वजह से जो हालात पैदा हुए है, उसे मिलजुलकर ही ठीक किया जा सकेगा.

 

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सवाल-जीवन में आये किसी कंट्रोवर्सी को कैसे लेते है?

सही रास्ते पर चलने से और काम पर फोकस रहने पर कोई कंट्रोवर्सी नहीं आती. इससे आप अपने डेस्टिनेशन पर जल्दी पहुंचते है और इससे बचकर भी रह सकते है.

सवाल-देश को क्या मेसेज देना चाहते है?

सबने मिलजुलकर को इस लॉक डाउन को सपोर्ट किया है. उम्मीद है जल्दी ही आगे सब ठीक हो जायेगा. इसके अलावा जिन लोगों को आपके सहयोग की आवश्यकता है, उन्हें किसी न किसी रूप में सहयोग दे.

मेरे नाक पर हमेशा ब्लैकहेड हो जाता है. इसे कैसे ठीक करूं?

सवाल-

 मैं 25 साल की हूं. मेरे चेहरे पर कोई दाग-धब्बे नहीं है लेकिन मेरे नाक पर ब्लैकहेड्स हमेशा हो जाता है. इसे कैसे ठीक करूं?

जवाब-

हार्मोनल डिसऔर्डर के कारण ब्लैक हेड्स की प्रॉबलम हो जाती है. यह स्किन के पोर जाम हो जाने के वजह से बनते हैं. दिखने में यह छोटे काले धब्बे जैसे होते हैं. इनको ज़्यादातर नाक और नाक के आस-पास वाले हिस्सों में देखा जाता हैं. इससे छुटकारा पाने के लिए आप इन नुस्खों को अपना सकती हैं.

नींबू और बेकिंग सोडा

एक चम्मच बेकिंग सोडा में थोड़ा नीम्बू मिलाकर, उसका पेस्ट बनाएं. इसे ब्लैकहेड्स वाले जगह पर लगाएं और सूखने दें. जब यह अच्छे तरह से सुख जाएं तो इसे पानी से मसाज करते हुए धो लें.इसे महीने में चार बार करें.

टूथपेस्ट और नमक

इस मिश्रण के लिए एक चम्मच नमक लें उस में थोड़ा टूथपेस्ट मिला लें. इसे ब्लैकहेड्स पर लगाकर थोड़ी देर सूखने दें. जब यह सुख जाएं तो इसे धो लें.  इसे हफ्ते में 2 बार करें. आपको फर्क नजर आ जाएगा.

नींबू और शहद

इस नुस्खें के लिए आप नींबू के रस में थोड़ा शहद मिला लें. इसको ब्लैकहेड्स वाले जगह पर लगा लें. आप चाहे तो पूरे चेहरे पर भी लगा सकती हैं. 15 मिनट तक इसे ऐसे ही रहने दें. जब 15 मिनट हो जाएं तब इसे हल्कें गरम पानी से धो लें. नींबू और शहद हमारे त्वचा के लिए काफी लाभदायक माने जाते है. इसे आप हफ्ते में 2-3 बार लगा सकती हैं.

चारकोल

चारकोल मास्क चेहरे के लिए काफी अच्छा माना जाता हैं. चारकोल से ब्लैकहेड्स तो ठीक होता ही है साथ ही चेहरे के अंदर की गंदगी, डेड स्किन सेल्स भी आसानी से रिमूव हो जाते है. यह चेहरे पर जमा होने वाले औयल को भी हटाने में मदद करता है. इससे ओपन पोर्स की प्रॉबलम भी ठीक हो जाती है. आप महीने में 2 बार चारकोल मास्क का इस्तेमाल कर सकती हैं.

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Mother’s Day 2020: मां मां होती है

डंबल्स से बनाएं मसल्स

लेख-मृदुला भारद्वाज

हर युवा चाहता है कि देखने में उस की बौडी फिट लगे यानी उभरी हुई मसल्स हों. डंबल्स से आप अपनी यह इच्छा पूरी कर सकते हैं. कमर, थाइज और बांहें वजन बढ़ने की सूचना तब देती हैं जब आप का शरीर बेडौल हो चुका होता है. हैवी डाइट लेने और वर्कआउट न करने के कारण यह सब होता है. हर कोई चाहता है कि वह फिट ऐंड फाइन नजर आए, खासकर युवाओं में तो अपने मसल्स और कर्व्स को ले कर कुछ ज्यादा ही क्रेज होता है. हर युवा की तमन्ना होती है कि फिट बौडी के साथ उस के मसल्स भी उभरे हुए हों और उस की बौडी में कर्व्स भी दिखें.मसल्स बनाने का जनून आज लगभग हर युवा पर सवार है और अब तो युवतियां भी इस फेहरिस्त में शामिल हो गई हैं.

युवतियां भी अपनी बौडी में अब मसल्स और कर्व्स चाहती हैं.मसल्स और कर्व्स बनाने के लिए वैसे तो जिम में बहुत से उपकरण हैं जो बेहद आधुनिक हैं, लेकिन आज भी एक ऐसा उपकरण है जो बहुत पुराने जमाने से चला आ रहा है. वह उपकरण है डंबल. डंबल आज भी फिट बौडी चाहने वालों के फिटनैस मंत्र का अहम हिस्सा है. जिम के अत्याधुनिक उपकरणों के बावजूद डंबल्स में आज भी इतनी क्षमता है कि वे आप के मसल्स भी बना सकते हैं और आप की बौडी को कर्व्स भी दे सकते हैं.वैसे तो डंबल्स को सिर्फ हाथों के व्यायाम करने का एक उपकरण माना जाता है लेकिन ऐसा नहीं है. डंबल्स से आप अपने पूरे शरीर का व्यायाम भी कर सकते हैं और शरीर के किसी भी भाग की मसल्स को भी बिल्डअप कर सकते हैं.

आर एम टैस्ट

लक्ष्मीबाई स्पोर्ट्स एजुकेशन ऐंड वैलफेयर सोसाइटी के डिप्टी डायरैक्टर (औपरेशंस) डा. दीपक डोगरा के अनुसार, डंबल्स व्यायाम करने के लिए एक टैस्ट किया जाना बहुत जरूरी है. यह टैस्ट ही बताता है कि कितने भार के डंबल्स के साथ व्यायाम करना आप के लिए सही है. इसे आर एम टैस्ट कहते हैं. यह रिपिटेशन टैस्ट होता है. इस में देखते हैं कि व्यक्ति एक बार में कितना भार अधिकतम उठा पाता है. यह प्रक्रिया लगभग 5 बार दोहराई जाती है. जो भार आप एक बार में उठाते हैं वह आप की 100 प्रतिशत इंटैनसिटी है. वजन बढ़ाने के लिए डंबल व्यायाम को 3 से 6 सैट में करना चाहिए.यदि आप अपना वजन कम करना और मसल्स को शेप और कर्व्स देना चाहते हैं, तो आप का रिपिटेशन एवरेज 61 से 70 फीसदी कम होना चाहिए और सैट 15 से ज्यादा नहीं होने चाहिए.अगर आप घर पर ही डंबल व्यायाम करते हैं तो 2 से 4 सैट हफ्ते में 4 बार एक दिन छोड़ कर करें, लेकिन इस के लिए आप पहले दिन अपर बौडी, दूसरे दिन लोअर बौडी का व्यायाम करें.

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डंबल्स व्यायाम से पहले

किसी भी वर्कआउट को करने के कुछ नियम होते हैं. चाहे आप घर में कसरत करें या जिम में, आप को नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए, तभी आप फिट बौडी और मसल्स बना पाएंगे. वर्कआउट के लिए पुश ऐंड पुल के सिद्धांत को अपनाया जाता है. कोई भी व्यायाम शुरू करने से पहले जरूरी होता है वौर्मआप. इस के बाद आप डंबल्स के साथ कोर असिस्टैंस करें.डा. दीपक डोगरा का कहना है कि डंबल्स का इस्तेमाल मुख्यतया संतुलन और सामंजस्य के लिए किया जाता है. हमारे शरीर का एक हाथ दूसरे हाथ से अधिक ताकतवर होता है. अगर आप दाहिने हाथ से काम करते हैं तो आप के दाहिने हाथ में बाएं हाथ से ज्यादा स्ट्रैंथ होती है. डंबल्स हमारी इस स्ट्रैंथ को दोनों हाथों में बराबर करता है, ताकि बाकी उपकरणों पर कसरत करने में हमें इस परेशानी का सामना न करना पड़े. इस के साथ ही डंबल्स हमारी कोर और असिस्टैंस मसल्स को डैवलप करता है.

विभिन्न डंबल्स व्यायाम

डा. दीपक डोगरा का कहना है कि डंबल्स के साथसाथ आप अपनी पूरी बौडी के मसल्स और कर्व्स बना सकते हैं. इस के लिए शरीर के हर भाग की डंबल्स के साथ एक अलग कसरत होती है.

छाती

छाती के व्यायाम में आप की छाती मुख्य मसल होती है, जबकि कंधे और ट्राइसैप्स मददगार मसल्स के रूप में काम करती हैं.

डीबी बेंचप्रैस : आप बैंच पर लेट कर डंबल्स को प्लैट, ऊपर की तरफ और नीचे की तरफ ले जाएं.

डीबी फ्लाइस : इस में आप बैंच पर लेट कर डंबल्स ले कर हाथों को छाती की सीध में लाएं, फिर दोनों हाथों को खोलें.कंधेकंधे का व्यायाम करते वक्त ध्यान रखें कि पहले कम वजन ही उठाएं. इस से चोट लगने का खतरा कम रहता है. यदि आप की किसी तरह की शोल्डर इंजरी हो तो आप यह व्यायाम न करें.

डीबी प्रैस : बैंच पर बैठ कर थाई की सहायता से एकएक कर के डंबल को कंधे के ऊपर उठाएं. अब एक हाथ को ऊपर की तरफ ले जाएं, उसे नीचे दोबारा कंधे के ऊपर रखें. अब दूसरे हाथ के साथ यही प्रक्रिया फिर से दोहराएं.

डीबी साइड लेटरल : दोनों हाथों में डंबल्स नीचे की तरफ पकड़ें. अब एकसाथ दोनों हाथों को ऊपर की तरफ ले जाएं. हाथों को कंधे की सीध में ले जाएं. इस में हाथों को शरीर के दोनों साइड्स की तरफ ले जाते हैं.

डोबी फ्रंट लेटरल : दोनों हाथों में डंबल्स नीचे की तरफ पकड़ें. अब एक हाथ को सामने की तरफ कंधे की सीध में उठाएं, फिर वापस नीचे की ओर ले जाएं. इसी तरह दूसरे हाथ की कसरत करें. इस प्रक्रिया को बारीबारी दोहराएं.ट्राइसैप्सकुहनी से ऊपर का भाग ट्राइसैप्स होता है.

टू आर्म्स ट्राइसैप्स एक्सटैंशन : दोनों हाथों में एक ही डंबल पकड़ें. अब हाथ को सिर के ऊपर ले जाएं. अब कुहनियों को मोड़ते हुए हाथों को सिर के पीछे की तरफ ले जाएं. कुछ देर रुकें, फिर दोबारा हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं. इस प्रक्रिया को दोहराएं.

वन आर्म ट्राइसैप्स एक्सटैंशन : टू आर्म्स ट्राइसैप्स एक्सटैंशन की प्रक्रिया को ही एक हाथ से करें.

ट्राइसैप्स किकबैक : अपने एक हाथ और एक घुटने को बैंच पर रखें. दूसरे हाथ में डंबल पकड़ें. डंबल वाले हाथ को पीछे की तरफ धकेलें. थोड़ी देर रुकने के बाद उसी पहले वाली अवस्था में आ जाएं. इस प्रक्रिया को दोहराते रहें.बेंट ओवर वन आर्म ट्राइसैप एक्सटैंशन: एक बैंच पर बैठें. पेट के बल मुड़ जाएं. एक हाथ में डंबल पकड़ें और हाथ को पीछे की तरफ 90 डिग्री तक ले जाएं. थोड़ी देर रुकें और दोबारा पोजिशन की अवस्था में आ जाएं. इस प्रक्रिया को दोहराएं.

लेइंग ट्राइसेप एक्सटैंशन : पीठ के बल बैंच पर लेट जाएं. अब दोनों हाथों से एक डंबल पकड़ें. हाथों को सामने की ओर ले जाएं. अब डंबल को सिर के ऊपर की तरफ ले जाएं. इस प्रक्रिया को दोहराते रहें.

बाईसैप्सबाइसेप्स ऊपरी बांह की मसल्स को कहते हैं.

डेक्लाइन सिटिड बाइसैप कर्ल्स : बैंच 45 डिग्री के एंगल के अनुसार हो. दोनों तरफ हाथों में डंबल्स पकड़ें. कुहनियों को अपने शरीर के निकट लाएं. कुहनी को मोड़ते हुए वजन को ऊपर की तरफ उठाएं. इस प्रक्रिया को बारीबारी एकएक हाथ से दोहराएं.

हैमर कर्ल्स : डंबल्स को दोनों हाथों में अलगअलग पकड़ कर सीधे खड़े हो जाएं. कुहनी को मोड़ते हुए हाथों को मुंह के सामने लाएं. इस प्रक्रिया को एकएक हाथ से बारीबारी से करें.

प्रिएचर कर्ल्स : बैंच को 45 डिग्री के ऐंगल पर सैट करें. कमर को हलका सा कर्ल दें. एक  हाथ में डंबल पकड़ कर आराम से बैंच पर पीठ रखें. अब डंबल वाले हाथ को नीचे से चेहरे की तरफ ले जाएं. इसी तरह थोड़ा रुक कर प्रक्रिया को दोहराते रहें.

कंसंट्रेशन कर्ल्स : एक बैंच पर बैठ जाएं और पैरों को जमीन पर सीधा रखें. एक हाथ को थाई पर रखें, ठीक घुटने के ऊपर. अब नीचे की तरफ दूसरे हाथ में डंबल पकड़ें. अब डंबल वाले हाथ को ऊपर की तरफ चेहरे के सामने लाएं. अपनी कमर को वेट उठाते समय न घुमाएं. इसी प्रक्रिया को दोहराते रहें.पीठ का व्यायाम

डेड लिफ्ट्स : सीधे खड़े हों. अब लोअर बैक और घुटनों को मोड़ कर वेट उठाएं. कमर को सीधा रखें. पूरी प्रक्रिया के दौरान आप का सिर ऊपर की ओर रहेगा. इसे दोहराएं.

सिंगल आर्म रा : बैंच पर एक घुटना और एक हाथ रखें. एक हाथ में डंबल पकड़ें. अब उस बाजू को ऊपर की तरफ खींचें. इसी प्रक्रिया को दोहराते रहें. वन आर्म ऐक्सरसाइज में दूसरे हाथ से भी उतनी ही ऐक्सरसाइज करें.पैरपैर के व्यायाम में अपर थाई, लोअर थाई और इनर थाई शामिल होती हैं.

हाफ स्क्वैट : दोनों हाथों में एकाएक डंबल नीचे की तरफ पकड़ें. अब अपनी थाइज को मोड़ते हुए नीचे की तरफ बैठें. कमर को सीधा रखें. सिर को ऊपर रखें. जिस तरह उठकबैठक होती है, इसे बिलकुल उसी तरह करें.

डंबल लंज्स : दोनों तरफ हाथों में नीचे की ओर डंबल पकड़ें. एक पैर को आगे की तरफ 2 फुट बढ़ाएं और घुटने को 90 डिग्री के ऐंगल पर मोड़ें. जब आप अपने पैर को मोड़ें तो आप का घुटना फर्श को छूना चाहिए. आगे के पैर को धकेलते हुए पहली वाली अवस्था में वापस आ जाएं. अब ऐसा ही दूसरे पैर के साथ करें. इसी प्रक्रिया को बारीबारी से दोनों पैरों के साथ दोहराते रहें.काल्फइस में घुटने से नीचे का भाग होता है.

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सिंगल लैग काल्फ प्रैस : कमर को सीधा रखें. एक हाथ को बैंच के ऊपरी हिस्से पर सहारे के लिए रखें और दूसरे हाथ में डंबल को नीचे की तरफ पकड़ें. एक पैर को बैंच के फ्रेम में रखें. दूसरे पैर को नीचे लटकाएं. अब बिना हाथों का सहारा लिए पैर को जमीन पर रखें. फिर ऊपर की ओर खींचें. इस प्रक्रिया को बारीबारी दोहराते रहें. याद रहे, जिस तरफ के पैर को बैंच पर रखा है उसी तरफ के हाथ में डंबल भी पकड़ें.

सिटिड काल्प रेजेस : बैंच के किनारे पर पैरों को जमीन से 12 इंच ऊपर रख कर बैठें. डंबल्स को हाथों में पकड़े हुए ही थाइज पर रखें. पैरों की उंगलियों के सहारे से एडि़यों को ऊपर की तरफ उठाएं. इस प्रक्रिया को दोहराते रहें.

डंबल्स के प्रकार

डंबल्स 3 प्रकार के होते हैं : प्लास्टिक डंबल्स, रबड़ डंबल्स और आयरन डंबल्स.प्लास्टिक और रबड़ के बने डंबल्स ज्यादा सुरक्षित होते हैं, क्योंकि इन से किसी तरह की चोट लगने का खतरा नहीं होता है, जबकि आयरन डंबल्स ज्यादा प्रभावशाली होते हैं. आयरन डंबल्स में मैगनेटिक फील्ड होती है जो आप की मसल्स को बनाने में ज्यादा असरदार होती है.

पोषण

अच्छी बौडी सभी को अपनी ओर आकर्षित करती है. सभी युवा अपनी बौडी बनाना, मसल्स बनाना पसंद करते हैं. कुछ लोग मसल्स बनाने के लिए कसरत तो करते हैं, लेकिन पर्याप्त और सही खुराक नहीं लेते. नतीजतन, मसल्स तो बनतीं नहीं, उलटे, वे और दुबले हो जाते हैं.इंडियन काउंसिल औफ मैडिकल रिसर्च, हैदराबाद के अनुसार, हर देश के लोगों का खानपान, बौडी स्ट्रक्चर अलगअलग होता है. इसलिए उन की क्षमताएं भी एकदूसरे से भिन्न होती हैं. अगर आप बौडी फिटनैस के लिए वर्कआउट करते हैं, तो आप की डाइट इस प्रकार होनी चाहिए.- अगर आप वर्कआउट के साथ अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं तो आप को हाई प्रोटीन डाइट लेनी चाहिए.- अगर आप अपनी बौडी को मैंटेन रखना चाहते हैं तो आप को बैलेंस डाइट लेनी चाहिए. इस के लिए आप की डाइट में 50 से 60 फीसदी कार्बोहाइड्रेट, 10 से 15 फीसदी प्रोटीन और 25 से 30 फीसदी वसा होनी चाहिए.- अगर आप वर्कआउट से अपना वजन कम करना चाहते हैं, मसल्स और कर्व्स चाहते हैं, तो आप को लो कार्बोहाइड्रेट डाइट लेनी चाहिए.

Lockdown Effect: करोड़ों की रोज़ी स्वाहा

सोने की चिड़िया कहे जाने वाले भारत में पिछले 45 वर्षों में आज सबसे ज्यादा बेरोज़गार हैं. देश की तकरीबन सभी राजनीतिक पार्टियां सत्ता का स्वाद ले चुकी हैं गठबंधन में रहकर ही सही. रामराज्य स्थापित करने का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी को सत्ता मिली तो देशवासियों को रोजी तो मिली नहीं, उलटे, उनके रोजगार छिनने लगे.

बेरोज़गारी खत्म करने का वादा/दावा करने वाली सभी पार्टियों ने सत्ता में आने के बाद बेरोज़गारी को बढ़ाया है. आज वायरसरूपी वैश्विक महामारी से निबटने के नाम पर लागू किए गए लौकडाउन के चलते देश में 12 करोड़ लोगों से रोजगार छिन गया है. इतना ही नहीं, विदेशों में रोजीरोटी कमा रहे लाखों भारतीय रोजी छिनने के चलते वापस आने की कतार में हैं. ऐसे में स्थिति कैसी होगी जबकि बेरोज़गारी के चरम पर भारत पहले से ही है. आने वाला वक्त बहुत ही डरावना हो सकता है.

कोविड-19 को फैलने से रोकने को लगाए गए लौकडाउन की वजह से 12 करोड़ से ज़्यादा लोगों की रोज़ीरोटी छिन गई है. इनमें छोटेमोटे कामधंधे करने वाले और इस तरह के धंधों से जुड़ी दुकानों या कंपनियों में काम करने वाले लोग ज़्यादा हैं. सैंटर फ़ौर मौनिटरिंग इंडियन इकोनौमी यानी सीएमआईई ने अनुमान लगाया है कि इसमें से कम से कम 75 फीसद तो दिहाड़ी मज़दूर ही हैं.

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लौकडाउन की चपेट में आकर रोज़गार गंवाने वालों में सबसे अधिक लोग तमिलनाडु में हैं. दूसरी ओर, केरल पर इसका इस मामले में सबसे कम असर पड़ा है. इसके अलावा वेतन पर नौकरी करने वालों की तादाद भी कम नहीं है.

सीएमआईई ने कहा है कि लौकडाउन खत्म होने के बाद दिहा़ड़ी मज़दूरों और दुकान वगैरह में छोटेमोटे काम करने वालों को तो जल्द ही काम मिल जाएगा लेकिन वेतनभोगी लोगों को नौकरी पाने में बहुत दिक्क़तों का सामना करना होगा, उन्हें पहले की तरह की नौकरी आसानी से नहीं मिलेगी.

एक मोटे अनुमान के मुताबिक़, अप्रैल महीने में लगभग 1.80 करोड़ छोटे व्यवसायियों का धंधा बंद हो गया. आंकड़ों के अनुसार, देश में इस तरह के लगभग 7.80 करोड़ धंधे थे, लेकिन अप्रैल में यह संख्या घट कर 6 करोड़ रह गई. मतलब साफ है, लगभग 1.80 करोड़ कारोबार बंद हो गए.

इस तरह के कारोबार के इतनी बड़ी तादाद में बंद होने का मतलब यह है कि ये कारोबारी ही नहीं, इनसे जुड़े कर्मचारियों का रोज़गार भी गया. इसके अलावा इनके कामकाज से जुड़े दूसरे लोगों और सप्लाई चेन के लोगों की भी रोज़ीरोटी छिन गई.

सीएमआईई ने अनुमान लगाया है कि वित्तीय वर्ष 2019-2020 में इस तरह के रोज़गारों की तादाद लगभग 40.4 करोड़ से घट कर 39.6 करोड़ पर आ गई थी. लौकडाउन के दौरान इसमें और कमी आई, वह गिर कर 28.2 करोड़ तक पहुँच गई. इस तरह लगभग 12.2 करोड़ लोगों की रोज़ीरोटी छिन गई.

वहीं, सवाल यह भी है कि महानगरों और विदेश से लौटने वाले प्रवासियों को कैसे मिलेगा रोज़गार? कोविड-19 ने बिहार जैसे ग़रीब राज्य के लिए जो परेशानी पैदा की है और जिसे आगेपीछे बाक़ी प्रदेशों को भी भुगतना है, वह यह है कि क्या उन मज़दूरों को जो इस संकल्प के साथ वापस लौट रहे हैं कि चाहे जो हो जाए वे महानगरों को वापस नहीं जाएंगे, वे बरदाश्त कर पाएंगे जो एक जर्जर अर्थव्यवस्था में अपने लिए जगह बनाने के लिए पहले से ही संघर्ष कर रहे हैं?

यही नहीं,  एक अनुमान के अनुसार, 5 सौ से ज़्यादा विमानों और 3 बड़े युद्धपोतों की सेवाएं अलगअलग कारणों से विदेशों से भारत लौटने का इंतज़ार कर रहे लोगों को वापस लाने में लगने वाली हैं. वापस लौटने वाले ये लोग कौन हैं? इनमें अधिकांश वे हैं जिनकी नौकरियां चली गईं हैं, वीज़ा की अवधि समाप्त हो गई है, पढ़ने वाले छात्र हैं और कुछ ऐसे भी हैं जो चिकित्सा संबंधी या किन्हीं पारिवारिक कारणों से वापस आना चाहते हैं. ये उन 15 लाख लोगों से अलग हैं जो लौकडाउन लागू होने से पहले के 2 महीनों में भारत लौट चुके हैं.

एक अनुमान के अनुसार,लगभग 3 करोड़ प्रवासी और भारतीय मूल के नागरिक अलगअलग देशों में काम कर रहे हैं. यह संख्या थोड़ी कमज़्यादा हो सकती है. अकेले यूएई में ही 35 लाख और सऊदी अरब तथा अमेरिका में 20-20 लाख भारतीय हैं.

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विदेशों से लौटने वाले लोग अगर एक लंबे समय तक यहीं रुकते हैं तो वे उसी अर्थव्यवस्था में अपने लिए भी ‘स्पेस’ ढूंढ़ेंगे जिसमें कि इस समय पिछले 45 वर्षों में सबसे अधिक बेरोज़गारी बताई जाती है. ऐसे में यह स्पष्ट है कि देश की हालत ‘सोने की चिड़िया’ जैसी नहीं, बल्कि ‘सोती चिड़िया’ जैसी है.

Mother’s Day 2020: 46 की उम्र में भी इतनी फैशनेबल हैं मंदिरा बेदी, यंग हिरोइनो को देती हैं मात

स्पोर्ट्स के साथ-साथ टीवी और फिल्मों में अपनी पहचान बनाने वाली मंदिरा बेदी इन दिनों अपनी फैमिली और फ्रेंड्स के साथ मालदीव में वेकेशन मना रही हैं, जिसकी फोटोज वह सोशल मीडिया पर लगातार शेयर कर रही हैं. मंदिरा 46 साल की उम्र में फिट रहती है. वहीं उनके फैशन के बात करें तो जिस तरह उनकी फिटनेस लोगों को इंस्पायर करता है उतना ही लोगों को उनका फैशन बहुत अच्छा लगता है. मंदिरा के अगर वेस्टर्न से लेकर इंडियन फैशन की बात करें तो दोनों में वे बेहद खूबसूरत लगती हैं. आज हम उनके 46 साल की उम्र में भी कैसे ट्रेंडी फैशन रखें इसके बारे में बात आपको बताएंगे…

1. लाइट साड़ी है पार्टी परफेक्ट

अगर आप किसी शादी या पार्टी में कुछ सिंपल ट्राय करना चाहती हैं तो मंदिरा बेदी की ये साड़ी परफेक्ट औप्शन है. सिंपल स्किन कलर के साथ औफ स्लीव ब्लाउज आपके लुक को क्लासी और फैशनेबल बनाएगा.

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2. कड़ाईदार सूट है शादियों के लिए परफेक्ट औप्शन

अगर आप किसी शादी या पार्टी में सूट ट्राय करना चाहती हैं तो आप मंदिरा बेदी का ये मेहंदी कलर सूट ट्राय कर सकती हैं. ये आपके लिए शादी में जाने के लिए परफेक्ट लुक होगा. अगर आप इस हैवी सूट के साथ सिंपल पटयाला पजामा और जूती ट्राय करें तो ये आपके लुक को सिंपल और खुबसूरत लुक देगा.

3. लौंग स्कर्ट और रेड टौप है पार्टी परफेक्ट

अगर आप किसी पार्टी या शादी में जा रही हैं और कुछ नया ट्राय करना चाहती हैं तो ये लुक आपके लिए परफेक्ट रहेगा. सिंपल प्लेन औफ शोल्डर टौप के साथ चेक लौंग सकर्ट आपके लुक को सिंपल रखेगा. साथ ही ड्रैस के साथ हैवी गोल्डन इयरिंग्स आपके लुक को सिंपल रखेगा.

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बता दें, एक्ट्रेस मंदिरा बेदी बौलीवुड की हिट फिल्म दिल वाली दुल्हनियां जैसी फिल्मों में नजर आ चुकी हैं. साथ ही काफी टीवी शो होस्ट और कईं रोल भी अदा कर चुकी हैं. वहीं खेल के मैदान में कौमेंट्री भी करती हुईं नजर आ चुकी है.

डेली हेयर केयर: पाएं लंबे और खूबसूरत बाल

बालों की समस्या ऐसी है जिससे आज लगभग हर इंसान जूझ रहा है. भागदौड़ भरी जिंदगी और प्रदूषण ने सेहत के साथ साथ हमारे बालों पर भी बुरा प्रभाव डाला है. ऐसे में जहां हम अपनी सेहत के लिए इतना कुछ करते हैं वहीं हमें अपने बालों की सेहत के लिए भी कुछ समय जरूर निकालना चाहिए. दिल्ली के अनवाइंड सैलून की हेयर एंड स्किन एक्सपर्ट नीति चोपड़ा बताती हैं कि अगर हम रुटीन में छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखें तो बालों की टूटने व झड़ने संबंधी कई समस्याओं को दूर कर सकते हैं. जैसे- हम सब अपने बाल धोते हैं लेकिन हर कोई अपने बालों की कंडिशनिंग नहीं करता जोकि बहुत जरूरी है. वहीं कुछ लोग बालों से शैंपू को भी ठीक तरीके से वॉश नहीं करते.

कुछ लोग जो कंडिशनर इस्तेमाल तो करते हैं लेकिन उसे बालों से अच्छी तरह वॉश नहीं करते जिस वजह से कंडिशनर बालों पर ही चिपका रह जाता है. इसलिए जब भी बाल धोएं पहले शैंपू को अच्छी तरह बालों से हटाएं. उसके बाद कंडिशनर जरूर यूज करें और कंडिशनर को भी अच्छी तरह से वॉश करें. शैंपू और कंडिशनर यूज करने के बाद बालों को अच्छी तरह वॉश करना बहुत जरूरी है. अगर आप ऐसा नहीं करते तो उससे बाल कमजोर हो जाते हैं और टूटने लगते हैं. यह बालों के कमजोर होने व टूटने की एक सबसे बड़ी वजह है.

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एक बात का और ध्यान रखे कि जब भी आप कंडिशनर यूज करें तो वह आपके स्कैल्प पर नहीं लगना चाहिए. कंडिशनर का इस्तेमाल केवल बालों की लेंथ पर करना है जड़ों पर नहीं. कई लोग अज्ञानतावश शैंपू की तरह ही कंडिशनर को भी सर पर अच्छे से लगा देते हैं, यह गलत है. कंडिशनर कैसे यूज करना है यह आपको पता होना चाहिए. जिस प्रकार बालों के लिए कंडिशनर लगाना जरूरी है, उसी प्रकार उसे बालों से अच्छी तरह धोकर निकालना भी जरूरी है.

अगर आप शैंपू या कंडिशनर को अच्छी तरह धोकर नहीं निकालेंगे तो इससे आपके बालों पर बहुत जल्दी गंदगी जमा हो जाती है. बाल चिपचिपे हो जाते हैं. धूल मिट्टी बालों पर जल्दी चिपक जाती है. कंडिशनर बालों से अच्छी तरह न निकालने की वजह से हेयर फॉल बहुत तेजी से होने लगता है.

जब भी आप बाल धोएं तो उन्हें पूरी तरह से सुखाकर ही घर से बाहर निकलें. गीले बालों के साथ घर से बाहर न निकलें. अगर आप पार्लर जाकर अपना सर धुलवा रहे हैं तो बालों को पूरी तरह से सुखाकर ही या ब्लोड्राई कराकर ही पार्लर से बाहर निकलें. आधे सूखे आधे गीले बालों को लेकर पार्लर से बाहर न आएं. गीले बाल सबसे वीक पोजिशन में होते हैं और सूखे बाल उतने ही स्ट्रॉग होते हैं.

इसके अलावा बाल जल्दी सुखाने के लिए गीले बालों पर जोर से तौलिया न रगड़ें.  बस तौलिये को बालों पर लपेट लें.

गीले बालों पर कंघी भी नहीं करनी चाहिए. पहले बालों को सौ प्रतिशत सुखाना बहुत जरूरी है. उसके बाद आप कंघी करें.

कई लोगों का मानना है कि बाल सुखाने के लिए ड्रायर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. नीति बताती हैं कि ड्रायर में भी दो विकल्प होते हैं गरम हवा और ठंडी हवा का. अगर कहीं जाना है और आपके पास सामान्य तरीके से बाल सुखाने का समय नहीं है तो जल्दी बाल सुखाने के लिए ड्रायर के ठंडी हवा वाले विकल्प को चुनें. यह उतना नुक्सान नहीं करता.

अच्छे बालों के लिए ऑयलिंग करना भी बहुत जरूरी है. अच्छा तो यह है कि सप्ताह में चार बार ऑयलिंग की जाए.

बहुत सारे लोगों को यह शिकायत होती है कि हम ऑयलिंग भी करते हैं इसके बावजूद हमारे बाल बहुत सूखे हैं. नीति बताती हैं कि यह इसलिए होता है क्योंकि हम तेल लगा तो लेते हैं लेकिन उसे निकालने के लिए तीन-चार बार शैंपू भी कर लेते हैं. यह गलत है. आप एक बार ही शैंपू अच्छे से यूज करें. अगले दिन बेशक फिर से शैंपू से बाल धो लें लेकिन एक ही समय में तीन-तीन बार शैंपू लगाकर बालों को धोना ठीक नहीं है. कई लोगों की यह आदत भी होती है बेशक उन्होंने सर पर तेल न भी लगाया हो तो भी वे पहले एक बार शैंपू लगाते हैं फिर उसे धोकर फिर से शैंपू लगाते हैं. फिर से धोते हैं. तीसरी बार भी ऐसा ही करते हैं. उन्हें लगता है कि ऐसा करने से सर अच्छी तरह साफ हो जाएगा. यह बालों की सेहत के लिए बहुत ही गलत है. आप जब भी नहाएं चाहे आपने बालों में तेल लगाया हो या न लगा हो, नहाते वक्त शैंपू एक बार ही यूज़ करें. अगर किसी के बहुत घने और लंबे बाल हैं वो इंसान बेशक दो बार यूज़ कर लें, लेकिन बाकी लोग नहीं. यह बाल टूटने की बड़ी वजहों में से एक है.

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बीच-बीच में बालों की जरूरत के अनुसार हेयर स्पा जरूर कराएं. महीने में कम से कम एक बार सैलून जाकर सर जरूर धुलवाएं.

क्या हर किसी को हेयर स्पा की जरूरत होती है? नीति बताती हैं कि  हेयर स्पा एक ट्रीटमेंट है हमारी बालों की देखभाल करने के लिए. हेयर स्पा के बहुत सारे वैरिएशन आते हैं. इसे आप ऑयल मसाज के साथ भी ले सकते हैं. यह अलग-अलग ब्रॉड के होते हैं. सबसे जरूरी यह समझना है कि सामने वाले ने आपकी बालों की दिक्कत को अच्छी तरह समझा या नहीं? अगर आप किसी समस्या को लेकर किसी सैलून में गए लेकिन वहां वो इंसान आपकी समस्या को अनंदेखा कर किसी और ही सर्विस के बारे में आपको बताने लगे तो वहां दिक्कत आती है. लेकिन अगर वह आपके बालों की समस्या के आसपास ही कोई सर्विस सजेस्ट करे तो वो बिल्कुल फायदा रहेगी. हेयर स्पा में बहुत सारी चीज़ें आती हैं इसलिए यह किसी न किसी रूप में हर किसी को सूट करती ही है.

हेयर केयर को लेकर कुछ और बातों की जानकारी होना भी जरूरी है. जैसे जिन लोगों को हेयर फॉल हो रहा होता है उन्हें अपने सर पर चंपी नहीं करानी चाहिए. हेड मसाज करानी चाहिए वह भी सॉफ्ट हाथों से. हेड मसाज के साथ-साथ में शोल्डर मसाज भी करानी चाहिए.

Mother’s Day 2020: Snacks खाने की भूख को मिटाएं कुछ ऐसे

लॉक डाउन के चलते सभी लोग घरों में कैद है, ऐसे में चाहे अनचाहे भी लोग टीवी स्क्रीन को देखते हुए, काम करते हुए या कोई गेम खेलते हुए कुछ न कुछ स्नैकिंग करते रहते है. ये देखने में तो सिंपल लगता है, पर कम एक्सरसाइज और बार-बार मंचिंग व्यक्ति को कई शारीरिक समस्या में डाल सकती है. मसलन मोटापा, मधुमेह, एसिडिटी, अपच आदि.

इस समय घर पर रहते हुए  हेल्दी स्नैकिंग करने की जरुरत है, ताकि शरीर स्वस्थ रहे और किसी प्रकार की बीमारी न हो. इस बारें में मुंबई की न्यूट्रिशनिस्ट माधुरी रुइया कहती है कि गलत मंचिंग से शारीरिक कई समस्याएं होती है, ऐसे में नट्स सबसे अधिक लाभदायक होता है, जिससे शारीरक समस्या तो आयेगी नहीं, साथ ही स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा. इसमें खासकर बादाम की गुणवत्ता सबसे अधिक है, क्योंकि इसमें विटामिन, खनिज, प्रोटीन और फाइबर भरे हुए होते है. नियमित इसका सेवन सभी के लिए उपयोगी होता है. इसके फायदे निम्न है,

बादाम वजन को घटाने में सबसे अधिक कारगर होती है, अगर आपको एक जगह बैठकर काफी समय तक काम करना है तो एक मुट्ठी बादाम अपने पास रखे, इससे मेन मील के बीच में भूख भी नहीं लगेगी और किसी प्रकार की जंक फ़ूड खाने से भी बच सकते है.

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बादाम स्किन को मुलायम और जवां बनाती है, खासकर जिसकी स्किन रुखी हो और सूर्य की किरणों से बचाना हो, तो बादाम स्किन की खोयी नमी और पोषण को बनाये रखने में कारगर होती है, किसी प्रकार की मोयास्चराइजर स्किन को बाहरी प्रोटेक्शन दे सकती है, पर बादाम अंदर से स्किन को निखारती है और स्किन की ग्लो को भी बढ़ाती है,

बादाम हेल्दी स्नैक होने के साथ-साथ आसानी से मिलता भी है, साथ ही पोषण से भरपूर होने की वजह से कभी भी खाया जा सकता है, ये शरीर के सारे विटामिन्स और मिनरल्स में संतुलन बनाये रखती है, इसे अधिक टेस्टी बनाने के लिए रोस्ट करने के साथ-साथ किसी भी डिश में मिलाया भी किया जा सकता है,

ये टाइप 2 डायबिटीस को मेनेज करने में सक्षम होती है, इसे रोज व्यक्ति अपने डेली डाइट में शामिल कर सकता है,ये ब्लड शुगर के प्रभाव को कम करती है और इन्सुलिन के स्तर को बनाये रखती है,इससे डायबिटीस की बीमारी को बहुत हद तक मेन्टेन किया जा सकता है,

आज की जीवनशैली भागदौड़ वाली हो चुकी है, कम समय में लोग बहुत सारी चीजे पा लेना चाहते है, ऐसे में स्ट्रेस सबकी जिंदगी में बहुत बढ़ चुकी है, जिसका असर शरीर पर बहुत अधिक पड़ने लगता है, घर पर रहकर आजकल लोग बहुत अधिक तनावग्रस्त हो रहे है, ऐसे में सही डाइट और नियमित एक्सरसाइज ही आपको हेल्दी रख सकती है. बादाम, टोटल और एल डी एल कोलेस्ट्रोल को कम करती है ,जिससे हार्ट डेमेज होने से बचता है,

ये जानकर ख़ुशी होगी कि आलमंड में 15 पोषक तत्व होते है, मसलन विटामिन इ, मैग्नीशियम, प्रोटीन, राइबोफ्लेविन जिंक आदि ये केवल स्फूर्ति को ही नहीं बढाते, बल्कि मसल्स मास के ग्रोथ को भी बनाए रखती है.

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बादाम में कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करती है,इसलिए हड्डी की बीमारी ओस्टियोपोरोसिस होने के कम चांसेस होते है, इसके अलावा इससे दांत भी मजबूत रहते है,

आलमंड में फाइबर की मात्रा अधिक होने से पाचन क्रिया ठीक रहती है, जिससे कोलोन कैंसर का खतरा कम हो जाता है,

स्मरण शक्ति को मजबूत बनाने के लिए भी बादाम अधिक उपयोगी होता है, इसे नियमित डाइट में लेना सभी के लिए जरुरी है, अल्जाईमर के मरीज भी इसका सेवन कर सकते है.

शिवांगी जोशी को ‘बीवी’ बोलता है ये फेमस TV एक्टर, क्या होगा मोहसिन खान का रिएक्शन?

 सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ (Yeh Rishta Kya Kehlata Hai) फेम एक्ट्रेस शिवांगी जोशी (Shivangi Joshi) का हर कोई दीवाना है. वहीं शिवांगी की मोहसिन खान संग कैमेस्ट्री फैंस को काफी पसंद आती है. लेकिन इसी बीच शिवांगी जोशी को लेकर ‘बिग बॉस 13’ फेम विशाल आदित्य सिंह (Vishal Aditya Singh) सुर्खियों में हैं. दरअसल इसकी वजह उनका एक स्टेटमेंट है, जिसमें विशाल ने बताया है कि वह शिवांगी को बीवी कहकर बुलाते हैं, जिसके बाद उनके फैंस चौंक गए हैं. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला….

शो में साथ काम करते हुए बनी थी बौंडिंग

 

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Vishal n shivangi josi…#begusaria

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विशाल आदित्य सिंह ने हाल ही में दिए इंटरव्यू में कहा है कि सीरियल की शूटिंग  के दौरान हम काफी नए थे और ये शिवांगी के करियर की शुरुआत थी. ये शिवांगी का पहला बड़ा प्रोजेक्ट था और हम शूटिंग के दौरान खूब मस्ती किया करते थे. मैं आज भी उसे बीवी ही कहकर बुलाता हूं क्योंकि शो में शिवांगी ने मेरी पत्नी का रोल अदा किया था. हम अच्छा बॉन्ड शेयर करते हैं. शिवांगी की मम्मी बहुत ही प्यारी है और वो शिवांगी के लिए खाना बनाती थी तो हर दिन मेरे लिए भी अलग से टिफिन भेजा करती थी क्योंकि उन्हें पता चल गया था कि मुझे घर का खाना पसंद है. उन्हें पता था कि मैं अपने परिवार के बिना अकेला रहता हूं तो वो हमेशा मेरे लिए खाना भिजवाती थी और मुझे बहुत प्यार करती थी. मैं उन्हें मासी बुलाता था और कभी-कभी मैं उन्हें उनके नाम से भी बुला लिया करता था. शिवांगी के साथ मेरा बॉन्ड एक दोस्त के जैसा है और हम-एक दूसरे के साथ काफी फ्रेंडली हैं वो मेरी अच्छी दोस्त है.’

 

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Sher khan….🦁🦁 lakhan thakur…#begusaria #vishaladityasingh #shivangijosi

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साथ काम करने पर विशाल ने कही ये बात

 

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साथ काम करने पर विशाल आदित्य सिंह ने बताया कि, ‘बेगुसराय में हमें हमारी केमेस्ट्री काफी पसंद आती थी. एक अलग मजा था उस शो में काम करने का. मुझे लगता है कि जब आपका को-एक्टर अच्छा हो तो अलग ही बात होती है और मैं शिवांगी जैसे को-स्टार पाकर काफी खुश था. शिवांगी के साथ मेरा कम्फर्ट लेवल काफी अलग है. लेकिन ये हमारे हाथ में नहीं है कि हम दोबारा काम करें..सिर्फ समय और प्रोड्यूसर ही ये फैसला लेगा. मैं उसके साथ दोबारा काम करना पसंद करुंगा.’

 

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बता दें, शिवांगी जोशी (Shivangi Joshi) और विशाल आदित्य सिंह सीरियल ‘बेगुसराय’ (Begusarai) में साथ नजर आ चुके हैं, जिसमें दोनों ने पति-पत्नी के रोल में नजर आ चुके हैं. वहीं दोनों की कैमेस्ट्री फैंस को काफी पसंद आई थी.

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