हेल्थ से जुड़ी इन समस्याओं को न करें अनदेखा

हेल्थ एक्सपर्ट्स नम्रता गॉड ने, हेल्थ से सम्बंधित कई परेशानियों व उनके इलाज के बारे में जानकारी दी, जैसे, मेनोपॉज़, एनीमीया व ऐसिडिटी आदि जिनका स्वास्थ्य पर तो प्रभाव पड़ता ही है,साथ ही सुंदरता  भी प्रभावित हुए बिना नहीं रहती.

जब तक आप भीतर से स्वस्थ नहीं हैं तब तक,मँहग़े से महग़ा प्रोडक्ट व ट्रीटमेंट भी आपको सुंदर नहीं बना सकता.सुंदर व चमकदार बाँहें,रेशमी बाल,गालों की गुलाबी रंगत,कांतिमय स्किन- ये लक्षण हैं,जिन्हें देखकर आसानी से ये जाना जा सकता है कि अमुक व्यक्ति वास्तव में सुंदर है–

1-कमर दर्द

पतली बलखाती कमर,महिला के फिगर को तो आकर्षक बनाती है,लेकिन,यदि,महिला की वही कमर दर्द से ग्रस्त हो,और महिला सीधी भी खड़ी न हो सके तो,सुंदरता कैसी ?प्रसव के बाद,उचित व्यायाम ,सेंक या मालिश का अभाव,भारी वज़न उठाना,गर्भाशय के रोग,वात रोग,मेंरुदंड में ख़राबी,ग़लत फ़ुटवैअर का इस्तेमाल,आदि कुछ ऐसे कारण हैं,जिनसे कमर दर्द हो सकता है.

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कमर दर्द को दूर भागने के लिए अपनी जीवन शैली बदलें.लम्बी झाड़ू से घर की सफ़ाई करें,जिससे आगे की ओर झुकना न पड़े.वज़न न बढाएँ.बार बार कमर को आगे की ओर न झुकाए पंजों के बल चलने का अभ्यास करें.सीधे बैठें.सीधे चलने का अभ्यास करें.ठंडी चीज़ें कम खाएँ.सर्दी का मौसम हो तो गुनगुना पानी पिएँ,और गुनगुने पानी से ही स्नान करें.यदि फिर भी आराम न मिले तो डॉक्टर को दिखाएँ.

2-स्किन

उन के अनुसार यदि स्किन में पीले या गुलाबी रंग के चकत्ते बन जायँ तो ,ये सूर्य किरणो से होने वाले  स्किन के ट्यूमर हो सकते हैं,जिनका इलाज समय पर होना ज़रूरी है.स्किन पर यदि सफ़ेद रंग के छोटे छोटे दाग़ बढ़ रहे हों तो,यह एक क़िस्म का स्किन का कैंसर हो सकता है.

3-पैर व पंजेप

लाख पेडिक्योर करवाएँ यदि पंजों में सूजन है,स्किन साफ़ नहीं है,उँगलियों में लालिमा है ,पंजो में गर्र्माहट है अधिक पसीना आता है तो पैरों में कभी निखार नहीं आ सकता .ये सब ,ग्रंथियों में अधिक असंतुलन की निशानी है .इसके विपरीत यदि आप ,पंजों में ठंडक,रूखी स्किन तथा नाख़ूनों के टूटने से परेशान हों तो ये, पंजों में ख़ून का सही दौरा न होने का संकेत देते हैं.पंजों का सुन्न हो जाना या हल्की हल्की झनझनाहट ,डाइबिटीज की निशानी है.स्किन का रंग बदलना तथा एड़ी के पास के हिस्सों में सूजन,ह्रदय से सम्बंधित रोगों का संकेत देते हैं.

4-हेअर फ़ौल

यदि आपके बालों में स्वाभाविक चमक व मज़बूती है तो आपका स्वास्थ्य ठीक है.रूखे बाल,हल्के थाइरायड के कारण भी हो सकते हैं,जब की फूले फूले बालों का अर्थ है शरीर में ज़िंक व मैगनेशियम की कमी.सिर की स्किन में रूसी,तनाव या स्किन के अन्य किसी रोग के कारण भी हो सकती है.१०० से१५० बालों का झड़ना सामान्य सी बात है ,लेकिन इससे अधिक यदि बाल झड़ते हैं तो यह गम्भीर समस्या है.

प्रोटीन की कमी-  डाइट में इसकी कमी फंगल इन्फ़ेक्शन और रूसी को जन्म देती है,जिससे बालों के झड़ने की समस्या होती है.इसके लिए किसी स्किन रोग विशेषज्ञ की सलाह लें.

5-हाथ व नाख़ून

हाथों में नीला पन बताता है कि,रक्त का दौरा,सुचारू रूप से नहीं चल रहा है.हाथों में सूजन का कारण थाइरोइड हो सकता है. हाथों का कम्पन–उक्त रक्त चाप या न्यूरोलोजिकल गड़बड़ी की निशानी है.

स्वस्थ नाख़ून गुलाबी रंग के होते हैं और नीचे की ओर सफ़ेद रंग की गोलाई लिए होते हैं.शरीर में लौह तत्व की कमी के कारण ,नाख़ून सख़्त होकर टूटते हैं.रूखे ,खुरदरे,उठे हुए या मोटे नाख़ून संक्रमण के कारण हो सकते हैं.नाखूनों पर सफ़ेद निशान,ज़िंक या प्रोटीन की कमी या अत्यधिक शुगर की वजह से होते हैं.यदि नाख़ून हरे या पीले हैं तो ऐसा फ़ंगस इन्फ़ेक्शन की वजह से होता है

नियमित रूप से अपनी डाइयट में  ज़िंक,रेड मीट,सी फ़ूड,गेहूँ,दाल,अंडे,पनीर की मात्रा बढ़ायें कहती हैं न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या

6-झाईयाँऔर आँखों के इर्द गिर्द काले गड्ढे-

आँखों के इर्द गिर्द काले गड्ढेअनिद्रा,तनाव व खुराक में पोषक तत्वों की कमी के कारण होते हैं.झाईयाँ एनेमीया की वजह से होती हैं,भारत में लगभग७०% महिलाएँ एनीमीया की शिकार हैं,जिसकी वजह से शरीर में,हीमग्लोबिन की कमी हो जाती है.यह,पिरीयड्ज़ के दौरान,अत्यधिक ब्लीडिंग के कारण भी हो सकता है.इससे  थकान,महसूस होना ,चेहरे पर सफ़ेदी आ जाना जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं.

आइरनयुक्त पदार्थों जैसे,पालक,आँवला,सेब,टमाटर,एल्लोवीरा,किशमिश का नियमित सेवन करने से एनेमीया से बचा जा सकता है.ठंडे गुलाब जल/या ठडी चाय के पानी में कॉटन भिगोकर आँखों पर रखें.भरपूर नींद लें तनाव से दूर रहें.

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7-पी॰सी.ओ.ड़ी.

पोलीसिसटिक ओवेरीयन डिज़ीज़,ओवर्री से सम्बंधित है,जिसकी शुरुआत १५ से २२ साल तक युवतियों में हो जाती है, लेकिन इसका पता,काफ़ी समय बाद लग पाता है इस सिंड्रोम के कारण ब्यूटी से सम्बंधित परेशनियाँ जैसे,हिरसोटिज़्म,पिग्मेंटेशन,पिरीयड्ज़ में देरी जैसी कई समस्याएँ देखने को मिलती हैं.कई बार इन परेशानियों का इलाज करवाने पर भी ये ठीक नहीं होतीं.ऐसे स्थिति में ,ब्यूटीशिअन को चाहिए कि वो अपने क्लाइयंट को डॉक्टर के पास जाने की सलाह दे या टेस्ट आदि करवाने की सलाह दे.पी.सी.ओ.ड़ी.के लिए,पैल्विस का अल्ट्रा साउंड,थाईरायड,और डी.एच.ई.एस का टेस्ट करवाएँ ट्रीटमेंट में दवाईयों के साथ वज़न कम करने पर ज़ोर दिया जाता है.

8- झुर्रियाँ

झुर्रियाँ बढ़ती उम्र का तो संकेत होती ही हैं इनमे,जींस की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है.इस के अतिरिक्त धूम्रपान कुपोषण,मुँह बिराने से भी झुर्रियाँ पड़ती हैं.

चीनी या शक्कर का सेवन कम करें क्योंकि ये ,ब्लड शुगर लेवल को बढाकर शर्करा बनने की प्रक्रिया को तेज़ करता है जिससे कोलाजन और इलास्टिक बनने की क्षमता कम हो जाती है और झुर्रियाँ जल्द ही नज़र आने लगती हैं.पर्याप्त पानी पियें,मेवे और दालों का सेवन करें.ये खाद्य,स्किन पर क़ुदरती तेल प्रदानों करके उसमें कसाव और चमक लाते हैं.कार्बोरेटेड ड्रिंक्स कुकीज़,कैंडीज का प्रयोग कम करें.नियमित फ़ेशिअल करवाएँ.

कही ईगो न बन जाए आपके रिश्ते के टूटने का कारण

“राजेश क्या तुम अपने पहने कपड़ों को सही जगह नहीं रख सकते? लांड्री बैग है, फिर क्यों सब बिखरा पड़ा है? मैं और कितना करूँगी”!

राजेश  कहता है, “अजीब बात है, मैं ऑफिस से थका हुआ घर आया हूँ, तो एक कप चाय पूछने के बजाए तुम कपड़ों को लेकर झगड़ रही हो! माँ सही कहती थी, तुम कभी मेरी सही पत्नी नहीं बन सकती!”

ऐसे छोटे छोटे झगड़ों से ही रिश्ते में तनाव आता है. गौर करें ‘सही’ शब्द पर. आखिर ‘सही’ की परिभाषा क्या है? ये समझ ना पाने की वजह से ही रिश्ते टूटते हैं. इंसान क्यों शादी जैसे पाक रिश्ते को तोड़ना चाहता है, और कैसे हम इसे बचा सकते हैं?

1. क्रोध बुरा है

अपने गुस्से को खुद पर हावी न होने दें. मतभेद होंगे, झगड़ा होगा, एक दूसरे पर कभी कभी गुस्सा भी आएगा, पर अपने गुस्से से अपने प्यार को मिटने न दें.

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2. बात करना ज़रूरी है

अगर आप बात नहीं करेंगे, तो एक दूसरे के नज़रिये को समझ नहीं पाएंगे, और इससे, गलतफहमियां बढ़ सकती है. इसलिए, समस्या जो भी है, गुस्सा है, मलाल है, तो बता दीजिये. बैठ कर उस पर विचार करें, तो मन हल्का हो जाएगा, और मुश्किलें आसान हो जाएँगी.

3. सुनने और समझने की कोशिश करें

नमन वैसे तो शांत इंसान था, लेकिन हर दिन घरवालों की शिकायत से वह तंग आ गया था. वह अपने घरवालों को जानता था, उनसे जुड़ी समस्या को भी समझता था, पर सपना की बात को सुनना नहीं चाहता था. समस्या से मुंह फेरना, समस्या का हल नहीं है. सपना गलत नहीं थी. वह घर में नई थी, और उसे कई नई परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा था, और ऐसे में वह नमन को छोड़ किसे बताती? इसलिए अपने साथी की बात को सुने, उनका सहारा बने. उनसे बहस करना ज़रूरी नहीं है, समझाया बाद में भी जा सकता है.

4. खुद को उनकी जगह रख कर सोचें

ये पति पत्नी दोनों पर लागू होता है, कि बहस के वक़्त, वे खुद को एक दूसरे की जगह रख कर सोचें. अगर सपना ऐसा करती तो वह समझ पाती कि घरवालों की निंदा हमेशा नमन को सुनना पसंद नहीं होगा.

5. अपने साथी पर का दबाव न डालें

हम अकसर अपने साथी को सर्वोत्तम समझने लगते हैं, और चाहते हैं, की वह हमारी तरह सोचें और करें, पर सब अलग व्यक्ति है, मत अलग है, तो ये आशा न करें कि आपका साथी आपकी तरह सोचेगा.

6. साथी बने, अभिभावक नहीं

पत्नियां सोचती हैं, कि वे अपने पति को बदल देंगी, पर इसकी ज़रूरत क्या है? मोबाइल चेक करना, हर बात पर टोकना, घर से बाहर जाते वक़्त रोकना, ये हरकतें, आपको उनके दिल से  दूर कर सकती हैं . उन्हें अपनी ज़िन्दगी जीने दें, अगर कोई आदत उनके लिए हानिकारक है, तो उन्हें सही तरह से समझाएं.

पति को भी समझना चाहिए की उनकी पत्नी एक पूर्ण महिला हैं, और उन्हें अपनी जिम्मेदारी और फैसले लेना आता है. तो उनके साथी बने, अभिभावक नहीं.

7. साथ में फैसले करें

इससे हर साथी खुद को ख़ास और महत्वपूर्ण महसूस करेगा, और आपके रिश्ते पर अच्छा असर पड़ेगा.

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8. ईगो को छोड़ दें

“मैं क्यों आगे जा कर बात करूँ, उसने झगड़ा किया है, उसे माफ़ी मांगनी चाहिए, अगर उसे परवाह नहीं, तो मुझे भी नहीं”, ऐसी मनोवृत्ति रखने का कोई फायदा नहीं. उन्हें हो न हो, आपको उनकी ज़रूरत है, ये आप समझें, अगर आप कहते हैं, “परवाह नहीं”, तो आप खुद को धोखा  दे रहे हैं.

इस लिए ईगो को छोड़ दें, और खुद आगे बढ़ कर रिश्ते में सुधार लाएं, और अपनी शादी को बचाएं.

ब्रेड रोल बनाने की आसान रेसिपी

सर्दियों में अगर आप स्नैक्स के लिए कुछ टेस्टी बनाना चाहते हैं तो ब्रेड रोल आपके लिए अच्छी रेसिपी है.

हमें चाहिए-

– ब्रेड (10 स्लाइस)

– आलू (5 मीडियम साइज के)

– धनिया पाउडर  (1 छोटा चम्मच)

– गरम मसाला (1/4 छोटा चम्मच)

– अमचूर पाउडर (1/4 छोटा चम्मच)

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– लाल मिर्च पाउडर (1/4 छोटा चम्मच)

– हरी मिर्च (बारीक कटी हुई)

– हरी धनिया 2 बड़े चम्मच (बारीक कटी हुई)

– अदरक 1 इंच का टुकड़ा (कद्दूकस किया हुआ)

– तेल (तलने के लिये)

– नमक  (स्वादानुसार)

बनाने का तरीका

– सबसे पहले आलुओं को धो कर उबाल लें.

– उबालने के बाद इन्हें ठंडा कर लें और फिर छील कर मैश कर लें,

– अब कढ़ाई में एक बड़ा चम्मच तेल डालें और उसे गरम करें.

– तेल गरम होने पर उसमें कटी हुई हरी मिर्च, कद्दूकस की हुई अदरक और धनिया का पाउडर डालें, फिर     इसे  चलाते हुए भून लें.

–  मसाला भुनने के बाद कढ़ाई में मैश किये हुए आलू, गरम मसाला पाउडर, अमचूर पाउडर और नमक  डालें और हल्का सा भून लें.

– इसके बाद गैस बंद कर दें और आलू के मिश्रण का ठंडा होने दें.

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– आलू का मिश्रण ठंडा होने पर उसे होने पर 10 भाग कर लें.

– इसके बाद एक भाग आलू को लें और उसे हाथ से बेलनाकर आकार में बना लें.

– इसी तरह आलू के सभी हिस्सों को बेलनाकार बना लें.

– अब ब्रेड के किनारे के भूरे वाले भाग को तेज चाकू से काट कर अलग कर दें.

– इसके बाद एक बड़े बाउल में पानी लें और उसमें ब्रेड के पीस को भि‍गो कर निकाल लें.

– फिर दोनों हथेलियों के बीच भीगे हुए ब्रेड को रख कर दबा दें, जिससे ब्रेड का पानी निकल जाये.

– अब ब्रेड के ऊपर एक आलू की बेलनाकार टुकड़ा रखें और ब्रेड को मोड़ते हुए रोल बना लें.

-इसके बाद के किनारों को अच्छी तरह से दबा कर बंद कर दें.

– इसी तरह से सारे ब्रेड पीस में आलू भरकर उनके रोल तैयार कर लें.

– अब कढ़ाई में तेल डालकर गरम करें.

– तेल गरम होने पर उसे 2-3 ब्रेड रोल डालें और उलट-पलट कर ब्राउन होने तक तल लें.

– लीजिये अब आपके ब्रेड रोल्स ब्रेड रोल्स तैयार हैं.

इन्हें प्लेट में निकालें और मनचाही चटनी या टोमैटो सौस के साथ आनंद लें.

छोटी सरदारनी: परदे के पीछे ऐसे लोहड़ी मना रहे हैं मेहर, सरब और परम

कलर्स के शो छोटी सरदारनी में मेहर, सरब और परम लोहड़ी का त्योहार मनाते हुए नजर आ चुके हैं. लेकिन हम आपको परदे के पीछे शो के सितारों की मस्ती दिखाने वाले हैं. जहां एक तरफ गिल परिवार में परम से जुड़ी बात मेहर को परेशान कर रही है तो वहीं औफस्क्रीन शो के सितारे लोहड़ी सेलिब्रेशन को धूमधाम से मनाते हुए नजर आ रहे हैं. आइए आपको दिखाते हैं छोटी सरदारनी की कास्ट की परदे के पीछे लोहड़ी सेलिब्रेशन की मस्ती…

परदे के पीछे हो रहा है असली सेलिब्रेशन

दरअसल, शो के कई कलाकार जैसे मेहर (निमरत कौर आहलूवालिया) और कुलवंत कौर (अनीता राज) असल जिंदगी में भी पंजाबी है लेकिन शूटिंग के चलते ये लोग लोहड़ी सेलिब्रेशन के लिए अपने घर नहीं जा पा रहे हैं. इसलिए इन सभी ने शूटिंग में ही असली सेलिब्रेशन करने का फैसला किया. जिससे सेट पर काफी खुशनुमा माहौल हो गया.

 

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मेहर और सरब ने दिया परम को गिफ्ट

param

परम के ऑनस्क्रीन मम्मी-पापा यानी मेहर और सरब ने अपने लाडले बेटे को एक क्यूट बनी ड्रेस गिफ्ट की जिसे पाकर परम बेहद खुश हुआ.

लोहड़ी सेलिब्रेशन के दौरान दिखा फैशनेबल अंदाज

शो के कई एक्टर्स जैसे निमरत कौर, अनीता राज और अविनेश रेखी ने अपने लोहड़ी लुक की फोटोज अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर की है. जिसमें आप इन सभी का फैशनेबल अंदाज देख सकते हैं. जहां मेहर ग्रीन और मजेंटा कलर के पटियाला सूट में कहर ढा रही थीं. वहीं मेहर की मम्मी कुलवंत कौर भी पिस्ता कलर के सूट में काफी अच्छी लग रही थीं.

 

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Beauty ? #ChotiSarrdaarni #ColorsTV @nimritahluwalia

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लड़कों का स्टाइल भी रहा हटकर

इस दौरान लड़कों का लुक भी कमाल का था, जिन्होंने स्काई ब्लू कुर्ते के सात व्हाइट पजामे का कॉम्बीनेशन पहना था. लेकिन इन सबके बीच सबसे प्यारा लग रहा था परम जिसने ड्रेस के साथ मैचिंग पगड़ी पहनी थी. परम ने यहां मस्ती करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ा.

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@anitaraaj You just made this picture priceless by standing besides me..??

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मेहर, सरब और परम की खुशियों में शामिल होने के लिए देखते रहिए ‘छोटी सरदारनी’, सोमवार से शनिवार, रात 7:30 बजे, सिर्फ कलर्स पर.

‘रोडीज’ फेम रघु राम बने पिता ,पत्नी नताली ने दिया बेटे को जन्म

साल 2011 से डेटिंग करने के बाद रोडीज और स्प्लिट्सविला फेम रघु राम और उनकी केनेडियन सिंगर गर्लफ्रेंड नताली डी लूसियो 2018 में शादी के बंधन में बन्ध  गए. रघु और नताली ने पिछले साल अगस्त में प्रेग्नेंसी की घोषणा की थी. सोमवार, 6 जनवरी को नताली डी लुसियो ने एक बेटे को जन्म दिया है.

इस बारे में रघु ने कहा, ‘अब राहत मिली ,वास्तव में कई भावनाएं हैं. हम इसके लिए महीनों से तैयारी कर रहे थे.हमने प्रेग्नेंसी, बच्चे के जन्म, उसकी देखभाल सभी के बारे में सीखा लेकिन इनमें से कुछ भी आपको माता-पिता बनने के लिए तैयार नहीं करता है.’ रघु ने बताया कि मां और बेटा दोनों स्वस्थ और सुरक्षित हैं. वो आगे कहते हैं, ‘नताली ने बच्चे को जन्म देने के लिए वॉटर बर्थ के साथ हाइपोबर्थिंग तकनीक का प्रयोग किया है. शांत, सुंदर और प्राकृतिक तरीका.’ “और जहाँ तक बच्चे के नाम की बात है , तो हमारे लिए बहुसांस्कृतिक, बहुराष्ट्रीय और बहुभाषी नाम खोजना महत्वपूर्ण था इसलिए हमने बच्चे का नाम ‘रिदम’ रखा .ये नाम किसी भी धर्म को लिंक नहीं करता “ रघु ने हंसकर कहा.

रघु ने बताया कि वे और नताली पहले ही नए घर में शिफ्ट हो चुके हैं.जहां नताली ने बच्चे के लिए नर्सरी डेकोरेट कर रखी है. जिसकी दीवारों पर मेरे दोस्तों ने संदेश लिखे हैं.वहीं कुछ छोटे जानवर, बादल और स्टार्स भी कमरे में हैं

 

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@nataliediluccio happy court registration anniversary, baby! What a fun, hilarious day it was! #NatRag #1Year

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बता दें कि रघु और नताली साल 2011 से एक-दूसरे को डेट कर रहे थे . 12 दिसंबर 2018 को दोनों ने शादी कर ली थी . रघु और नताली के करीबी रिश्तेदार और दोस्त ही इस शादी में पहुंचे थे.यह शादी दक्षिण भारतीय रीति-रिवाज से हुई थी.

रघु राम ने पहली शादी सुगंधा गर्ग से की थी . साल 2016 में दोनों अलग हो गए थे . तलाक के बाद भी रघु राम और सुगंधा दोस्त बने हुए हैं .नताली और रघु राम सॉन्ग ”आंखों ही आंखों में” के लिए साथ आए थे . तभी से वे एक-दूसरे को पसंद करने लगे थे.

रिसेप्शन पार्टी में दिखा बिग बौस फेम नेहा पेंडसे का हौट अवतार, देखें फोटोज

बिग बौस 12 फेम एक्ट्रेस नेहा पेंडसे ने हाल ही में बौयफ्रेंड शार्दुल बायस से शादी की थी, जिसकी फोटोज सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थीं. वहीं अब नेहा ने सोशल मीडिया पेज पर अपनी शादी के रिसेप्शन की फोटोज शेयर की हैं, जिसमें उनका लुक हौट लग रहा है. आइए आपको दिखाते हैं नेहा के रिसेप्शन की खास फोटोज…

सोशल मीडिया पर शेयर की फोटोज

नेहा ने इंस्टाग्राम पर रिसेप्शन पार्टी की फोटोज शेयर की, जिसमें वह ब्लू कलर की रौयल गाउन पहनकर एंट्री की. इसी के साथ रिसेप्शन पार्टी में अपने पति श्रद्धुल बायस का हाथ पकड़कर नेहा ने बेहद स्टाइलिश अंदाज में एंट्री मारी.

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रौयल अंदाज में करवाया फोटोशूट

 

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Outfit: @kalkifashion jewellery: @narayanjewels Styled by @nehachaudhary_ ? @thecelebstories

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रिसेप्शन पार्टी के बीच ही दोनों ने एक बेहद प्यारा फोटोशूट भी करवाया, जिसमें उनका लुक काफी हौट था. वहीं, शादी के बाद एक और रिसेप्शन पार्टी में नेहा पेंडसे ने ग्रीन कलर का गाउन पहना. साथ ही अपनी रिसेप्शन पार्टी के लिए तैयार होते हुए फैंस के लिए फोटोज भी शेयर की.

शादी में मराठी मुलगी के लुक में आईं थीं नजर

एक्ट्रेस नेहा पेंडसे की शादी मराठी रीति-रिवाज से हुई थी, जिसमें वह पूरे मराठी ज्वैलरी और साड़ी में नजर आईं थीं. नेहा का ये लुक सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था.

सिंपल अंदाज में हुई थी वेडिंग

 

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वधू वरयो:शुभम भवतु सावधान

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नेहा पेंडसे की शादी बेहद सिंपल अंदाज में हुई थी, जिसमें फिल्मी इंडस्ट्री के खास लोग ही शामिल थे. वहीं नेहा पेंडसे खुशी से डांस करते हुए भी नजर आईं थी, जिसके बाद उनकी फोटोज को फैंस ने काफी पसंद किया था.

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बता दें, नेहा काफी पौपुलर शो में नजर आ चुकी हैं. अब देखना ये है कि नेहा शादी के बाद एक्टिंग की दुनिया का हिस्सा बनी रहती है या दूसरी एक्ट्रेसेस की तरह एक्टिंग की दुनिया से दूर हो जाती हैं.

Chhapaak रिव्यू: फिल्म देखने से पहले यहां पढ़ें कैसी है दीपिका की ‘छपाक’

रेटिंगः दो स्टार

निर्माताः फौक्स स्टार स्टूडियो,दीपिका पादुकोण,मेघना गुलजार और गोविंद सिंह संधू

निर्देशकः मेघना गुलजार

कलाकारः दीपिका पादुकोण, विक्रांत मैसे, मधुरजीत सरघी, रोहित सुख्वामी,आनंद तिवारी और अन्य.

अवधिः दो घंटे तीन मिनट

पिछले कुछ समय से सिनेमा में सामाजिक मुद्दों के साथ औरतों की त्रासदी,उनके शोषण वाली कहानियों को तरजीह दी जा रही है. उसी दिशा में एसिड अटैक सरवाइवर लक्ष्मी अग्रवाल के जीवन से प्रेरित कहानी को फिल्मकार मेघना गुलजार फिल्म ‘‘छपाक’’ में लेकर  आयी हैं, मगर फिल्म मनोरंजक की बजाय डाक्यू ड्रामा बनकर रह गयी है. फिल्म में औरतों के प्रति पुरूषों द्वारा की जाने वाली हिंसा और शोषण ही मुख्य मुद्दा है. मगर जब फिल्मकार किसी खास सोच के साथ फिल्म का निर्माण करता है, तो सिनेमा अपनी आत्मा खो बैठता है.ऐसा ही कुछ ‘छपाक’के साथ हुआ. फिल्म में एसिड सरवाइवर मालती की कहानी और किसी भी लड़की पर एसिड फेंकने की वजह का जो निष्कर्ष फिल्मकार ने दिया है, वह अपने आप मे विराधोभाषी है. इतना ही नहीं लड़की पर एसिड अटैक को ‘ओमन इम्पवारमेंट’से जोड़कर फिल्मकार ने  किसी भी लड़की के चेहरे पर एसिड फेंकने के जघन्य अपराध को भी कमतर कर दिया.

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कहानीः

फिल्म शुरू होती है निर्भया कांड के बाद दिल्ली में हो रहे विरोध से.निर्र्भया कांड का विरोध व नय की मांग करने वाली आम जनता जब पुलिस बैरी केटर तोड़कर आगे बढ़ती है, तो किस तरह दिल्ली पुलिस उन पर लाठी मांझती है और उन पर पानी की बौछार करती है, से. यहां पर मीडिया का जमावड़ा भी है. तो वहीं एक बूढ़ा व्यक्ति अपनी बेटी की फोटो लेकर न्याय के लिए भटक रहा है, जिस पर एसिड अटैक हमला हुआ था. महिला टीवी रिपोर्टर उससे कहती है कि उसकी कहानी बाद में सुनी जाएगी, तभी वहां पर अमोल द्विवेदी (विक्रांत मैसे) पहुंचता है और  वह उस वृद्ध को अपने साथ लेकर जाता है. पर अमोल जाते जाते रिपोर्टर पर तंज कसता है कि लोगों के लिए लड़की पर एसिड हमला ज्यादा मायने नहीं रखता. तब वह महिला रिपोर्टर निर्भयाकांड के सात साल पहले एसिड हमले की शिकार मालती (दीपिका पादुकोण) की तलाश में जुट जाती है और वह मालती को ढूढ़कर उसका इंटरव्यू करती और उसे अमोल द्विवेदी से मिलने के लिए कहती है कि अमोल उसे नौकरी देंगे. फिर मालती,अमोल की एनजीओ ‘आशा’ में काम करने लगती है,जो कि एसिड सरवाइवर लड़कियों की मदद करती है. एसिड हमले के बाद मालती के शराबी पिता की मौत हो चुकी है, भाई टीवी का मरीज है और अस्पताल में है.मॉं पैसे को लेकर परेशान रहती है. मालती अदालत में खुद पर एसिड फेंकने वाले मुस्लिम युवक बब्बू का सजा दिलाने का मुकदमा लड़ने के साथ ही एसिड की ब्रिकी पर रोक लगाने का भी मुकदमा लड़ रही है. इसी के साथ बीच बीच में मालती की अपनी कहानी आती रहती है कि मालती के माता पिता किस तरह एक अमीर शिराज परिवार में नौकरी करते हैं और उन्ही के यहां नौकरों के बने कमरे में रहती है.वह बाहरवीं की पढ़ाई कर रही है.उसके घर पर मुस्लिम युवक बब्बू का आना जाना है.बब्बू मन ही मन मालती के साथ शादी का सपना देख रहा है.पर मालती को नहीं पता.मालती तो उसे बब्बू भइया कहती है. मालती और राजेश दोनो प्यार करते हैं दोनो एक साथ स्कूल जाते हैं. एक दिन बब्बू को इस बात का पता चल जाता है,तो वह इसका विरोध करता है और मालती को मोबाइल पर संदेश भेजता है कि वह उससे शादी करेगा.मालती चुप रहती है. इसी चुप्पी के चलते एक दिन बब्बू अपनी बहन परवीन के साथ मिलकर मालती पर तेजाब फेंक देता है.मकान मालकिन उसका महंगे अस्पताल में इलाज करवाती है और वकील अर्चना(मधुरजीत सरगी)उसका मुकदमा लड़ती है..फिर अमोल के एनजीओं से जुड़कर एसिड सरवाइर लड़कियों के लिए काम करना शुरू करती है.बाद में उसे एक टीवी चैनल में नौकरी मिल जाती है.अंततः बब्बू को अदालत से दस साल की सजा और एसिड बिक्री पर कानून बन जाता है.इसी कहानी के बीच में वकील अर्चना की पारिवारिक कहानी भी चलती है कि किस तरह उसका पति(आनंद तिवारी )  हर वक्त उसकके काम में हाथ बताता है.अर्चना का पति खुद बेटी के बालों की चोटी करने से लेकर उसकी जन्मदिन पार्टी के काम को भी संभालता है, जिससे अर्चना अपने काम को सही ढंग से अंजाम दे सके.

लेखन व निर्देशनः

फिल्म‘‘छपाक’’देखकर इस बात का अहसास कम होता है कि इस फिल्म का निर्देशन ‘राजी’जैसी फिल्म की निर्देशक मेघना गुलजार ने किया है.माना कि अपनी अपनी पहचान के अनुरूप निर्देशक मेघना गुलजार ने इस फिल्म में भी कहानी को यथार्थ परक ही बनाए रखा और कहीं भी मैलोड्ामैटिक नहीं किया.मगर वह फिल्म में एसिड हमले की शिकार लड़की के दर्द को उभारने में नाकामयाब रही हैं.उनका सारा दारोमदार महिलाओं द्वारा शक्तिशाली स्थानों पर काबिज होने की तरफ ही रहा है,फिर चाहे वह वकील हो,जज हो या मकान मालकिन शिराज हो अथवा टीवी की न्यूज एंकर हो.परिणामतः फिल्म के कुछ पात्र और दृश्य अविश्वसनीय सा लगते हैं.काश हर गरीब और मजबूर को श्रिाज जैसी अमीर मकान मालकिन मिलती.फिल्म का सुखद पक्ष यह है कि इसमें एसिड सरवाइवर को बेचारी की तरह नहीं पेश किया गया.बल्कि फिल्म अपनी पहचान को पुनः प्राप्त करने और अच्छी लड़ाई लड़ने के बारे में है.यह एक ऐसी फिल्म भी है,जिसमें एक पवित्र चेहरे वाली महिला के मानस की खोज और उसके मनोविज्ञान को गहाई से समझने का प्रयास किया गया है.तो वहीं सर्जरी की संख्या और चेहरे के पुनर्निर्माण की जटिलताओं पर भी जोर दिया गया है.मगर अदालत के अंदर यह बयान कि जो लड़कियां पढ़ना चाहती हैं अथवा जो लड़कियां आगे बढ़ना चाहती है और निचले तबके की हैं,उन्हे रोकने के लिए एसिड फेंका जा रहा है,यह बयान अपने आप में मालती की कहानी से विरोधाभासी है.नारी उत्थान और नारी स्वतंत्रता के नाम एसिड फेकने वाले आरोपी को लेकर इस तरह का बयान फिल्म को बहुत सतही कर देता है.जबकि फिल्म की कहानी के अनुसार बब्बू ने मालती द्वारा अपने प्रेम व शादी के प्रस्ताव को ठुकराने के चलते उस पर एसिड फेका.

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अभिनयः

एसिड सरवाइवर मालती के किरदार में दीपिका पादुकोण ने सशक्त अभिनय किया है.अमोल के किरदार में विक्रांत मैसे ने काफी सहज अभिनय किया है.बाकी कलाकारों ने ठीक-ठाक अभिनय किया है.

BIGG BOSS 13: शहनाज के बाद इस कंटेस्टेंट से फ्लर्ट करते नजर आए सिद्धार्थ, देखें वीडियो

कलर्स के पौपुलर रियलिटी शो ‘बिग बौस 13’ में सिद्धार्थ शुक्ला और शहनाज की दोस्ती खत्म होती नजर आ रही है. दोनों कंटेस्टेंट जहां एक दूसरे के साथ खुश नजर आते थे तो वहीं अब दोनों में आए दिन लड़ाइयां होती रहती है, जिसके कारण फैंस भी उनकी हरकतों से ऊब गए हैं. लेकिन सिद्धार्थ ने अपने फैंस को एंटरटेन करने का नया रास्ता ढूंढ लिया है. आइए आपको दिखाते हैं किसके साथ सिद्धार्थ बढ़ा रहे हैं नजदीकियां…

प्रोमों में मधुरिमा के साथ नजर आए सिद्धार्थ

शहनाज से लड़ाई के बाद अब सिद्धार्थ शुक्ला का ध्यान अचानक से मधुरिमा तुली पर जा पहुंचा है. बिग बौस 13 के नए प्रोमो में मधुरिमा तुली और सिद्धार्थ शुक्ला एक दूसरे के बारे में बड़ी प्यारी प्यारी बातें करते नजर आ रहे हैं.

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ये है पूरा मामला

दरअसल, बिग बौस 13 के प्रोमो में सिद्धार्थ शुक्ला, मधुरिमा से कहते नजर आ रहे हैं कि तुम मुझको लगातार परेशान कर रही हो. अपना काम क्यों नहीं पूरा करतीं. ये बात सुनकर मधुरिमा कहती हैं कि सिद्धार्थ तुम सो जाओ. ये सुनकर सिद्धार्थ शुक्ला कह रहे है कि तुम होती कौन हो मुझको मेरा काम बताने वाली. तुम्हारा दिमाग कहां है. सिद्धार्थ शुक्ला की इस बात पर मधुरिमा कहती हैं कि मेरा दिमा आपके घुटनों में हैं. सिद्धार्थ शुक्ला भी किसी से कम नहीं है. तभी तो तुरंत सिद्धार्थ शुक्ला ने मधुरिमा को ताना मारा कि, अगर आपका जादू ऐसे ही चलता तो आपके यहां इतना सुनना नहीं पड़ा.

एक्स बौयफ्रेंड को लग सकता है बुरा

मधुरिमा तुली के एक्स बौयफ्रेंड विशाल आदित्य सिंह को पास देखकर इन दोनों की लड़ाई फ्लर्ट में तब्दील हो गई. फिर क्या था…आगे मधुरिमा ने कहा कि, मैं तुमसे प्यार करती हूं. तुम मुझको नजरअंदाज नहीं कर सकते. वहीं सिद्धार्थ शुक्ला भी मधुरिमा की हां में हां मिलाते हुए कहते हैं कि उनको भी मधुरिमा की आंखों में बसना है. इन दोनों की ये हरकतें देखकर विशाल आदित्य सिंह बुरी तरह जलभुन कर राख नजर आते हैं.

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बता दें, शो में इन दिनों कैप्टैन्सी टास्क की दौड़ शुरू हो गई है, जिसमें सारे कंटेस्टेंट अपनी टीम बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.  अब देखना ये है कि इस कैप्टैन्सी टास्क में कौन बाजी मारता है.

सर्दियों में बड़े काम का है पुदीना

मौसम में बढ़ती ठण्ड में हर कोई सर्दी से बचाने के लिए सभी कारगर कदमो कों उठाते है.  इस सर्द मौसम में  पुदीना का इस्तेमाल हर प्रकार से फायदेमंद साबित होती है. पुदीना कों  गर्मियों में रामबाण के नाम से जाना जाता है, गर्मियों का रामबाण अपने कई गुणों के कारण सर्दियों में भी उपयोग किया जाता . इस मौसम में पुदीने का सेवन आप शर्बत के तौर पर करें या फिर चटनी के रूप में, हर स्वाद में यह फायदेमंद ही है. इसमे मौजूद मेन्थोल का उपयोग बड़ी मात्रा में दवाइयों, सौंदर्य प्रसाधनों, पेय पदार्थों, सिगरेट, पान मसाला आदि में खुशबू हेतु किया जाता है.

इसके पत्तों में मैथोल और पिपरमेंट तेल होता है. इसकी गंध बहुत तीव्र होती है. जापानी मिन्ट, मैन्थोल का प्राथमिक स्रोत है. ताजी पत्ती में 0.4 – 0.6% तेल होता है. तेल का मुख्य घटक मेन्थोल (65 – 75%), मेन्थोन (7 – 10%) तथा मेन्थाइल एसीटेट (12 – 15%) तथा टरपीन (पिपीन, लिकोनीन तथा कम्फीन) है. तेल का मेन्थोल प्रतिशत, वातावरण के प्रकार पर भी निर्भर करता है. पुदीने में विटामिन ए, बी, सी, डी और ई के अतिरिक्त लोहा, फास्फोरस और कैल्शियम भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं.

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पुदीने के ताज़गीवाले स्वाद से कौन परिचित नहीं. चाहें चटनी में इस्तेमाल करें या आम के पने में इसके ताज़े हरे पत्ते शरीर को तरावट देने के सर्वोत्तम साधन हैं. रायते में पुदीने को पीस कर मिलाया जा सकता है और ठंडे सूप में खीरे का जवाब नहीं. पुदीना उच्च और निम्न रक्त चाप  दोनों ही स्थिति कों को नियंत्रित करता है, इस में मौजूद एपटाइजर गुणों के कारण यह पेट संबंधी समस्याओं के लिए काफी कारगर होता है. इसकी खुशबू स्लाइवा ग्लैंड्स को एक्टिव बना देती है, जिससे पाचन तंत्र संतुलित बना रहता है. स्किन इन्फेक्शन, पिंपल्स, खुजली आदि में यह काफी कारगर है. इसके अलावा यह मुंह में उत्पन्न होने वाले बैक्टीरिया को खत्म कर सांस में ताजगी भर देता है. कई गुणों से भरे पुदीना कों आप आराम से अपने घर के गार्डन में लगा सकते हैं.

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अब सख्ती से पेश आने की जरूरत

राहुल गांधी का रेप इन इंडिया रिमार्क भारतीय जनता पार्टी को ज्यादा ही खला. गनीमत है कि उस के मंत्रियों, संतरियों ने चौकीदार चोर है के कटाक्ष के दौरान किए मैं हूं चौकीदार की तर्ज पर मैं हूं रेपिस्ट लिखना शुरू नहीं किया जबकि इस पर सोचा जरूर गया होगा. जिस तरह देश में रेप की खबरें फैली हुई हैं उस से लगता तो यही है कि अचानक यह नई महामारी डेंगू या एड्स की तरह की है जो हाल ही में  पनपी है.

सच तो यह है कि बलात्कार हमेशा ही हमारे देश में औरतों पर अत्याचार का जरीया रहा है. यह उन्हें गुलाम बनाए रखने की साजिश है ताकि पुरुषों को हर समय सेवा करने वाली हाड़मांस की मशीनें मिलती रहें. बलात्कार की शिकार को समाज ने बलात्कार करने वालों से ज्यादा गुनहगार माना और ये शिकार हमेशा के लिए समाज में मुंह छिपाने वाली हैसीयत बन कर अपने पापों का बो झ जीवनभर ढोतीं और इन पर वही बलशाली पुरुष राज करते, जिन्होंने असल मर्यादा को नष्ट करा.

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हमारे यहां कानूनों को सख्त करने की बात चल रही है, जल्दी फैसला करने की मांग उठ रही है, बिना सुबूतों के किसी को भी बलात्कारी मान कर गोलियों से

उड़ा देने पर तालियां पिट रही हैं. ये सब ठीक है पर कोई यह नहीं कह रहा कि बलात्कारी के घर का हुक्कापानी बंद कर दिया जाए. बलात्कार की चेष्टा करने वाले पुरुष मर्द कहलाए जाते हैं. पत्नियां उन पुरुषों को छोड़ कर नहीं जातीं जिन पर बलात्कार का शक हो. बलात्कारी गैंग की तरह काम करते हैं यानी उन के दोस्तों और उन की सामाजिक स्थिति में कोई फर्क नहीं पड़ रहा.

चोर की इन से बुरी हालत होती है. चोर का पता चलने पर घर वाले शरण नहीं देते. कहीं नौकरी नहीं मिलती. उसे समाज के सब से गंदे इलाके में फेंक दिया जाता है जबकि बलात्कारी ठाट से सांसद, विधायक, अफसर बना घूमता रहता है. कहीं से यह आवाज तक नहीं उठ रही कि बलात्कारी की सामाजिक सजा पूरे परिवार को दी जाए, पूरी रिश्तेदारी उस से कट जाए. महल्ला उसे निकाल दे, वह गांव में न रह पाए.

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यह इसलिए होता है कि बलात्कार को सामाजिक मान्यता मिली हुई है. औरतों में इतनी हिम्मत नहीं कि अपने बेटे, भाई, पति, पिता को बलात्कार के अपराध में अपने से अलग कर दें. सड़कों पर जुलूस निकालना ठीक है पर इस से ज्यादा जरूरी है अपनी मानसिकता को बदलना. बलात्कार कहीं भी किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं होना चाहिए पर न धर्म, न सामाजिक नियम, न इतिहास, न कानून औरतों को यह बल देते कि वे बलात्कारी पुरुषों को भारी कीमत देने को मजबूर कर दें. उलटे बलात्कारी पुरुष को तो हार पहनाए जाते हैं. विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के मामले में यही हुआ हैझ्र न जब एक सांसद उस से मिलने जेल पहुंचे और फिर अपने चरणकमलों से संसद में नैतिकता का पाठ पढ़ाने लगे.

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