एक बच्चे की अभिलाषा

“अनिक 10 साल का लड़का था . वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान  था . अनिक के पापा काफी व्यस्त बिजनेसमैन थे, जो अपने बेटे के साथ समय नहीं बिता पाते थे. वे अनिक के सोने के बाद घर आते और सुबह अनिक के जागने से पहले ऑफिस चले जाते . अनिक अपने पापा का ध्यान पाने के लिए तरस जाता . वह पार्क जाकर अपने दोस्तों की तरह ही अपने पापा के साथ खेलना था.

एकदिन अनिक अपने पापा को शाम को घर पर देखकर बहुत हैरान था.

“पापा, आपको घर पर देखकर बहुत अच्छा लगा ,” अनिक ने कहा.

“हाँ बेटा, मेरी मीटिंग कैंसिल हो गयी है. इसलिए मैं घर पर हूं लेकिन दो घंटे बाद मुझे एक फ्लाइट पकड़नी है , ”उसके पापा  ने जवाब दिया.

“आप वापिस कब आओगे?”

“कल दोपहर”

अनिक कुछ समय के लिए गहरी सोच में था.  फिर उसने पूछा, “पापा, एक साल में आप कितना कमाते हैं?”

उन्होंने कहा, “मेरे प्यारे बेटे, यह एक बहुत  बड़ी राशि है और आप इसे समझ नहीं पाएंगे.”

“ठीक है पापा , क्या आप जो कमाते हैं उससे खुश हैं?”

“हाँ मेरे बेटे मैं बहुत खुश हूं, और वास्तव में मैं कुछ महीनों में अपनी नई ब्रांच और एक नया बिज़नेस शुरू करने की योजना बना रहा हूं.

यह बहुत अच्छा है पापा मैं यह सुनकर खुश हूँ.

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क्या मैं आपसे एक सवाल पूछ सकता हूं? ”

“हाँ बेटा”

“पापा, क्या आप मुझे बता सकते हैं कि आप 1 घंटे में कितना कमाते हैं?”

“अनिक, आप यह सवाल क्यों पूछ रहे हो?” अनिक के पापा  हैरान थे.

लेकिन अनिक लगातार पूछ रहा था , “PLEASE मुझे जवाब दो. क्या आप मुझे बता सकते हैं कि आप एक घंटे में कितना कमाते हैं? ”

अनिक के पापा ने जवाब दिया, ” यह लगभग 4000 रुपये/- प्रति घंटे होगा. ”

अनिक अपने कमरे में ऊपर चला गया और अपने गुल्लक के साथ नीचे आया जिसमें उसकी बचत थी.

“पापा , मेरे गुल्लक में 500 रुपए हैं.क्या आप इतने पैसो में ही मेरे लिए दो घंटे का समय दे सकते हैं? मैं आपके साथ बहार घूमने जाना चाहता हूं और शाम को आपके साथ खाना खाना चाहता हूँ.क्या आप मेरे लिए थोड़ा टाइम निकाल सकते है.

अनिक के पापा अवाक थे!”

दोस्तों ये सिर्फ एक घर की ही कहानी नहीं है. आजकल ये लगभग सभी घरों की कहानी बन चुकी है .एक तो हम दिनभर अपने कामों में व्यस्त रहते है और अगर हमारे पास टाइम रहता भी है तो हम अपने  स्मार्टफोन में लगे रहते  है . हम अपने बच्चे से कायदे से बैठ कर बात भी नहीं कर पाते और न ही ये जानने की कोशिश करते है की उनके मन में क्या चल रहा है या वो हमारे बारे में क्या सोचते है .

शायद कल को ऐसा दिन आएगा की हर बच्चा ये सोचेगा कि “काश मै एक SMARTPHONE होता “ .

“वो सोचेगा कि अगर मैं smartphone बन जाऊ तो घर में मेरी एक ख़ास जगह होगी और सारा परिवार मेरे आस पास रहेगा. जब मैं बोलूँगा तो सारे लोग मुझे ध्यान से सुनेंगे.पापा ऑफिस से आने के बाद थके होने के बावजूद भी मेरे साथ बैठेंगे. मम्मी को जब तनाव होगा तो वो मुझे डाटेंगी नहीं बल्कि मेरे साथ रहना चाहेंगी. मेरे बड़े भाई-बहन  मुझे अपने पास रखने के लिए झगडा करेंगे, और हाँ phone के रूप में मैं सबको ख़ुशी भी दे पाऊँगा.”

कहीं ये किस्सा आपके बच्चे की भी तो नहीं ?

दोस्तों आज की भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगी में हमें वैसे ही एक दूसरे के लिए बहुत कम टाइम मिल पाता है और अगर हम ये भी सिर्फ tv देखने, mobile पर खेलने और facebook में गंवा देंगे तो हम कभी अपने रिश्तों की अहमियत और उससे मिलने वाले प्यार को नहीं समझ पाएंगे

पैसा सब कुछ नहीं खरीद सकता है. एक स्वस्थ्य भविष्य की शुरूआत एक स्वस्थ्य मन से होती है .एक अभिभावक अपने बच्चे को जो सबसे बड़ा उपहार दे सकता है वह है ‘समय’.

मेरी आपसे गुज़ारिश है कि जिस जिसने भी इस लेख को पढ़ा है वो केवल इसे पढ़े  नहीं बल्कि  इस पर अमल भी करें.

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न होने दें कैल्शियम की कमी

एक अध्ययन के अनुसार 14 से  17 साल के आयुवर्ग की लगभग 20% लड़कियों में कैल्शियम की कमी पाई गई है, जबकि पहले इतनी ज्यादा मात्रा में कैल्शियम की कमी केवल प्रैगनैंट और उम्रदराज महिलाओं में ही पाई जाती थी.

इस की वजह आज की बिगड़ती जीवनशैली है. आजकल लोग तेजी से पैकेट फूड पर निर्भर होते जा रहे हैं जिस के कारण उन के शरीर को संतुलित भोजन नहीं मिल पा रहा.

महिलाएं अपने पति और बच्चों की सेहत का तो भरपूर खयाल रखती हैं, मगर अकसर अपनी फिटनैस के प्रति लापरवाह हो जाती हैं. अच्छे स्वास्थ्य और मजबूत शरीर के लिए कैल्शियम बेहद जरूरी है. इस से हड्डियों और दांतों को मजबूती मिलती है.

हमारी हड्डियों का 70% हिस्सा कैल्शियम फास्फेट से बना होता है. यही कारण है कि कैल्शियम हड्डियों और दांतों की अच्छी सेहत के लिए सब से जरूरी होता है.

पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को कैल्शियम की अधिक जरूरत होती है. उन के शरीर में 1000 से 1200 एमएल कैल्शियम होना चाहिए वरना इस की कमी से कई तरह की शारीरिक परेशानियां होने लगती हैं.

कैल्शियम तंदुरुस्त दिल, मसल्स की फिटनैस, दांतों, नाखूनों और हड्डियों की मजबूती के लिए जिम्मेदार होता है. इस की कमी से बारबार फ्रैक्चर होना औस्टियोपोरोसिस का खतरा, संवेदनशून्यता, पूरे बदन में दर्द, मांसपेशियों में मरोड़ होना, थकावट, दिल की धड़कन बढ़ना, मासिकधर्म में अधिक दर्द होना, बालों का  झड़ना जैसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं. ऐसे में यह जरूरी है कि कैल्शियम की पूर्ति अपनी डाइट से करें न कि सप्लिमैंट्स के जरिए.

महिलाओं में कैल्शियम की कमी के कारण

मेनोपौज की उम्र यानी 45 से 50 वर्ष की महिलाओं में अकसर यह कैल्शियम की कमी सब से अधिक होती है क्योंकि इस उम्र में फीमेल हारमोन ऐस्ट्रोजन का स्तर गिरने लगता है, जबकि यह कैल्शियम, मैटाबोलिज्म में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

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हारमोनल परिवर्तन: कैल्शियम रिच डाइट की कमी खासकर डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, दही आदि न खाना.

हारमोन डिसऔर्डर हाइपोथायरायडिज्म: इस स्थिति में शरीर में पर्याप्त मात्रा थायराइड का उत्पादन नहीं होता जो ब्लड में कैल्शियम लैवल कंट्रोल करता है.

महिलाओं का ज्यादातर समय किचन में बीतता है, मगर वे यह नहीं जानतीं कि किचन में ही ऐसी बहुत सी सामग्री उपलब्ध हैं जो उन के शरीर में कैल्शियम की कमी दूर कर सकती है. इस के सेवन से उन्हें ऊपर से कैल्शियम सप्लिमैंट्स लेने की जरूरत नहीं पड़ती.

रागी: रागी में काफी मात्रा में कैल्शियम होता है. 100 ग्राम रागी में करीब 370 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है.

सोयाबीन: सोयाबीन में भी पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम मौजूद होता है. 100 ग्राम सोयाबीन में करीब  175 मिलीग्राम कैल्शियम होता है.

पालक: पालक देख कर नाकमुंह सिकोड़ने वाली महिलाओं के लिए यह जानना जरूरी है कि 100 ग्राम पालक में 90 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है. इस के प्रयोग से पहले इसे कम से कम 1 मिनट जरूर उबालें ताकि इस में मौजूद औक्सैलिक ऐसिड कौंसंट्रेशन घट जाता है, जो कैल्शियम औबजर्वेशन के लिए जरूरी होता है. हाल ही में किए गए अध्ययन के अनुसार कोकोनट औयल का प्रयोग कर बोन डैंसिटी के लौस को रोक सकते हैं, साथ ही यह शरीर में कैल्शियम के अवशोषण में भी मदद करता है.

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धूप सेंकना: भोजन ही नहीं बल्कि सुबह की धूप सेंकना जरूरी है, क्योंकि इस में मौजूद विटामिन डी कैल्शियम अवशोषण के लिए जरूरी होता है. विटामिन डी खून में कैल्शियम के स्तर को नियंत्रण करने के लिए जिम्मेदार होता है. इस का सेवन शरीर में कैल्शियम अवशोषित करने की क्षमता को बढ़ाता है और हड्डी टूटने का खतरा कम होता है.

हर ओकेजन के लिए परफेक्ट है ‘रामायण’ की ‘सीता’ के ये लुक

सीरयल ‘रामायण’ में ‘सीता’ के रोल में नजर आने वाली देबिना बनर्जी ने एक बार फिर टीवी इंडस्ट्री में एंट्री कर ली है, लेकिन देबिना इन दिनों अपने शो को लेकर नही बल्कि अपने फैशन के चलते सुर्खियों में आ गई है. एक्टर गुरमीत सिंह की वाइफ देबिना अक्सर अपनी हौट फोटोज सोशल मीडिया पर शेयर करती हैं, जिनमें देबिना का फैशन साफ नजर आता है. इसीलिए आज हम देबिना के कुछ लुक बताएंगे, जिसे आप अपने हनीमून या फैमिली गैदरिंग में ट्राय कर सकती हैं.

1. देबिना का लहंगा लुक करें ट्राय

आजकल वेडिंग सीजन के लिए अगर आप कुछ नया ट्राय करना चाहते हैं तो रेशम का पफी ब्लाउज के साथ सिंपल वाइट लहंगा ट्राय करें. इसके साथ आप सिंपल कौंट्रास्ट वाला ब्लाउज आपके लिए परफेक्ट औप्शन है.

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2. कुछ ऐसा हो वेडिंग लुक 

 

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Happy Janmashtami #janmashtami

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सिंपल लहंके साथ गोल्ड कौम्बिनेशन वाली ज्वैलरी और उसके साथ ट्रेंडी हेयर स्टाइल आपके लुक पर चार चांद लगा देगा.

3. फ्लावर प्रिंट का है ट्रेंड

 

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. . . Styled by- @kamakshi_revandkar and @gracy_modi Outfit by- @getnatty_official Jewellry by- @the_jewel_gallery

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फ्लावर प्रिंट ट्रैंड आजकल काफी पौपुलर है. जैकेट हो या ड्रेस या साड़ी. अगर आप भी कुछ नया ट्राय करने के शौकीन हैं. तो फ्लावर प्रिंट साड़ी के साथ ग्रीन कलर का कौम्बिनेशन ब्लाउज ट्राय करें.

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4. वेस्टर्न लुक करें ट्राय

 

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Floral telephone booth. Worth a click. . #dubai

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अगर आप कहीं घूमने जाने के लिए फैशन ट्राय करना चाहते हैं तो वाइट स्वैट शर्ट के साथ ब्लैक पैंट ट्राय करें. इसके साथ आप विंटर में शूज ट्राय कर सकती हैं.

5. वेकेशन के लिए परफेक्ट है ये लुक

 

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अगर आप वेकेशन के लिए कोई नया लुक ट्राय करने का सोच रही हैं तो ब्लैक फुल स्लीव टौप के साथ चेक स्लिम फिट स्कर्ट ट्राय करें. वहीं शूज की बात करें तो आप इस आउटफिट के साथ लौंग बूट ट्राय कर सकती हैं.

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#bethebetterguy: ड्राइविंग के दौरान फोन का इस्तेमाल करने से बचें

अगर आप भी ड्राइविंग करते समय फोन का इस्तेमाल करते हैं तो सुधर जाइए. ये आपके लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है. कुछ समय पहले एक अध्ययन के मुताबिक भारत में हर 10 में से 3 व्यक्ति वाहन चलाते वक्त फोन का इस्तेमाल करते हैं.

गाने सुनते हैं या बात करते हैं जिसके कारण वो सड़क दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं. आजके समय में मोबाइल फोन यदि सबके लिए अच्छा है तो कुछ मामलों में खतरनाक भी है और यहां पर तो आपकी जिंदगी का सवाल है.

29 मई 2016 की बात है एक खबर आई थी कि मध्य प्रदेश में बिलासपुर के रेलवे स्टेशन पर एक व्यक्ति फोन पर बात करते हुए ट्रेन में चढ़ने की कोशिश कर रहा था उसका पैर फिसल गया और गिर गया जिसके कारण तत्काल ही उसकी मौत हो गई थी.

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एक खबर 25 जुलाई 2016 को आई थी कि उत्तर प्रदेश के भदोही मे एक व्यक्ति रेलवे फाटक को क्रॉस कर रहा था, उसने अपने कान में ईयरफोन लगा रखे थे और उसे ट्रेन आवाज सुनाई नहीं दी वो व्यक्ति बस चला रहा था ट्रेन की बस से टक्कर हो गई और बस में सवार आठ लोगों की जान चली गई.

ऐसी तमाम खबरें आई हैं कि ड्राइविंग के दौरान फोन का इस्तेमाल करने की वजह से दुर्घटना हुई है. अखबारों के पन्नों में ऐसी तमाम खबरें मिलेंगी. सबसे ज्यादा तो आजकल युवा इसके पीछे पागल हैं. उन्हें लगता हैं कि हेड फोन लगा कर चलने से मैं ज्याद कूल दिखुंगा.

उन्हें ये सब फैशन लगता है लेकिन वो ये नहीं जानते कि वो अपनी मौत को न्योता दे रहें हैं. तो आपके लिए ये जरूरी है कि यदि आपके पास फोन है तो उसका इस्तेमाल सही तरीके से करें ताकि कहीं वो आने वाले समय में आपके लिए वरदान की जगह अभिशाप ना बन जाए. इसलिए सावधान हो जाइए.


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हौट लुक पाना चाहती हैं तो पेश हैं विंटर मेकअप मंत्र

अगर आप हौट, गौर्जियस और फैब्यूलस लुक को पाना चाहती हैं जोकि हर नारी का सपना होता है, तो आप के लिए पेश हैं विंटर हौट मेकअप मंत्र. यह जरूरी नहीं कि आप हौट व ग्लैमरस नजर आने के लिए आप अपना बजट ही गड़बड़ा दें. बल्कि जरूरत है मेकअप के बदलते ट्रैंड पर नजर रखने की और उन मंत्रों को फौलो करने की, जो आप का रूप एवं व्यक्तित्व निखार दें.

1. ट्रांसपेरैंट मेकअप मंत्र

इस बार विंटर सीजन में ट्रांसपेरैंट मेकअप का चलन रहेगा, जो कभी आउट औफ फैशन नहीं होगा. अगर आप फ्रैश, नैचुरल व क्लियर लुक पाना चाहती हैं, तो ट्रांसपेरैंट मेकअप से बढ़ कर दूसरा औप्शन नहीं है. इसलिए अगर आप मेकअप प्रोडक्ट खरीदने को सोच रही हैं तो ध्यान रखें कि कलर शेड्स ज्यादा लाउडी नहीं हों. बल्कि ट्रांसपेरैंट मेकअप के लिए अपने स्किनटोन के अनुसार फाउंडेशन के ऐसे टोन का चुनाव करें, जो मैचिंग हो. आईशैडो में नैचुरल शेड्स, वौल्यूमाइजिंग मसकारा व लाइट काजल (विद स्मजिंग इफैक्ट), चिक्सबोन पर लाइट ब्लशर स्ट्रोक्स, ट्रांसपेरैंट लिपग्लौस या लिपस्टिक से अपने लुक को कंपलीट करें. ध्यान रखें कि ओवर मेकअप ट्रैंडी नहीं. ट्रांसपेरैंट मेकअप प्रोडक्ट के लिए लैक्मे, मेबिलिन और कलरबार बेहतरीन विकल्प हैं.

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2. मिक्स कलर स्मोकी आइज

इस के साथ ही मिक्स कलर स्मोकी आइज का ट्रैंड रहेगा. लेकिन सिर्फ स्मजिंग ब्लैक शेड्स ही नहीं बल्कि मिक्स फैमिली कलर शेड्स का भी चलन रहेगा. पर हैवी ग्लिटर को बायबाय और आंखों को हाईलाइट करने के लिए फाइन शिमर शेड्स का वैलकम करें.

3. हेयर डिजाइन

केशों को रिंगलेट्स, रोलर, स्टे्रटनिंग, क्रिस्पी स्पारल आदि से केशों को नया लुक दिया जाएगा. इस के अलावा विभिन्न प्रकार का ऐक्सैसरीज से केशों की सुंदरता बढ़ाने का चलन जोरों पर रहेगा. इस के साथ डबल नौट, फ्रैंच चोटीबन, ट्विस्ट पोनीटेल, ट्विस्ट बन फंकी आदि स्टाइल का भी चलन रहेगा.

4. हौट ज्यूसी लिप्स

इस के अलावा इस सीजन में स्पैशली मिक्स ऐंड मैच का बोलबाला रहेगा. यानी एक तरफ ट्रांसपेरैंट मेकअप का चलन रहेगा, तो दूसरी तरफ लिप्स को डिफाइन करने के लिए हौट रैड, बरंगडी और डार्क पर्पल जैसे शेड्स मेकअप में रहेंगे. इसलिए लिपस्टिक का चुनाव करते समय बोल्ड शेड्स को भी शामिल करें.

5. थिक आर्च आईब्रोज

चेहरे को खूबसूरती को बढ़ाने के लिए थिक आईब्रोज का चलन रहेगा. स्पैशली आर्च शेप लौंग लेंथ का चलन दिखाई देगा. इस के अलावा कलर आईब्रोज का भी जोर रहेगा. अगर आप की आईब्रोज हलकी हैं तो उन पर रात को सोने से पहले हलके कुनकुने जैतून के तेल में आईब्रो पैंसिल डीप कर के लगाएं. इस के अलावा ब्लैक, ब्राउन आईब्रो पैंसिल से आईब्रोज को डिफाइन करें.

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6. रेट्रो आईलाइनर

अगला मेकअप मंत्र है हैवी थिक आईलाइनर. तकरीबन 50-60 के दशक वाला रेट्रो आईलाइनर फैशन में रहेगा. गौर्जियस ब्यूटी लुक के लिए तकरीबन पूरी आईलिड पर थिक लाइनर का प्रयोग किया जाएगा. इस के अलावा ब्लैक के साथ कलर लाइनर का भी चलन रहेगा. लाइनर में आप मोटी केयर, लक्मे कलरबार आदि का चुनाव कर सकती हैं.

छोटी सरदारनी : क्या अतीत को भूलकर नई जिंदगी की शुरुआत कर पाएगी मेहर?

कलर्स टीवी के पौपुलर शो “ छोटी सरदारनी” में सरब और मेहर का रिश्ता अब एक नया मोड़ ले रहा है. दोनों धीरे-धीरे एक-दूसरे के करीब आ रहे हैं. दूसरी तरफ हरलीन ने मेहर को एक बड़ी जिम्मेदारी भी सौंपी. तो आइए जानते है, क्या होने वाला है आज के एपिसोड में.

सरब और परम के घर आने वाला है छोटा मेहमान

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पिछले एपिसोड में आपने देखा कि सरब और मेहर ने अपने आने वाले बच्चे के बारे में परम को बता दिया है लेकिन दोनों ने परम से वादा लिया है कि वो, ये बात घर में किसी को भी नहीं बताए कि उसका छोटा भाई या बहन इस दुनिया में आने वाला है.

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मेहर को मिली सबसे बड़ी जिम्मेदारी

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आज के एपिसोड में दर्शकों को काफी इमोशनल ड्रामा देखने को मिलेगा. क्योंकि हरलीन मेहर को घर की चाबी सौंप चुकी है. जिससे मेहर बहुत भावुक हो जाएगी और  अपने ससुराल के लिए पहले से ज्यादा जिम्मेदार महसूस करेगी. वो इस घर को अब पूरे मन से भी अपनाने का फैसला करेगी.

क्या ‘मानव’ की यादों को मिटा पाएगी ‘मेहर’?  

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मेहर के कोख में पल रहा बच्चा उसके पहले प्यार मानव का  है. मानव और मेहर एक दूसरे से बेइंतहा प्यार करते थे और लोहड़ी की अग्नि को साक्षी मानकर साथ जीने और मरने की कसम भी खा चुके थे. जब मेहर की मां को पता चलता है कि मेहर प्रेग्नेंट है, वो साजिश रचकर मानव को मरवा देती है. अपनी प्यार की आखिरी निशानी को बचाने के लिए, मेहर सरबजीत से शादी कर लेती है.

मेहर और सरब करीब तो आ रहे हैं. अब ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या मेहर मानव की यादों को मिटाकर ‘सरब’ के परिवार को  पूरे जिम्मेदारी से अपनाने के लिए तैयार है? क्या वो अब अपने नई जिंदगी को पूरे मन से अपनाएगी ? जानने के लिए देखते रहिए “छोटी सरदारनी” सोमवार से शनिवार, शाम 7:30 बजे, सिर्फ कलर्स पर.

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#bethebetterguy: ड्राइविंग के दौरान सीट बेल्ट है जरूरी

वैसे तो यातायात के सभी नियमों का पालन आपको करना चाहिए उनमें सबसे मुख्य बात यह भी है की यदि आप चार पहिया वाहन का इस्तेमाल कर रहें हैं तो आपको सीट बेल्ट अवश्य लगाना चाहिए ये आपके लिए एक तरह से सुरक्षा कवच है. जरा सोचिए कि आखिर सीट बेल्ट की क्या जरूरत थी इसका आविष्कार ही क्यों किया गया.

दरअसल जब भी चार पहिया वाहन चलाते हैं तो अक्सर ऐसा होता है कि अचानक कोई गाड़ी के सामने आ गया व्यक्ति या कोई जानवर या आगे कोइ गाड़ी ही आ गई तो अचानक से ब्रेक लगाना पड़ता है ऐसे में आप भी आगे की और झुक जाते हैं तब ये सीट बेल्ट ही आपके माथे को गाड़ी में लड़ने से बचाता है. क्योंकि यदि आप आगे की ओर झुकें और आपने सीट बेल्ट नहीं लगा रखी है तो आपको गंभीर चोट लग सकती है सर में. ऐसे में आप बेहोश हो सकते हैं कोमा में जा सकते हैं या आपकी मौत भी हो सकती है. इसलिए ही सीट बेल्ट जैसी चीज का आविष्कार किया गया है.

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बिना सीट बेल्ट के गाड़ी चलाने की वजह से भी दुर्घटना आए दिन होती रहती है. जिसमें काफी लोगों को अपनी जान से हांथ धोना पड़ता है. ऐसा नहीं है कि लोगों को इसके बारे में पता नहीं है सभी जानते हैं लेकिन फिर भी इस नियम का पालन नहीं करना चाहते.

हालांकि अब तो ट्रैफिक नियम के मुताबिक सीट बेल्ट ना लगाने पर आपका चालान कटेगा जैसे की अभी बाइक वालों पर हेलमेट ना लगाने पर कट रहा है तो अब इस डर से लोग सीट बेल्ट लगाने लगे हैं. और अच्छा ही है भले डर कर ही सही लोग अपनी जान को जोखिम में नहीं डाल रहें हैं. और यदि आप भी अभी तक इस नियम का पालन नहीं कर रहें हैं तो अब जरूर करिए ये आपकी सुरक्षा के लिए ही है.


Hyundai रखता है आपकी सभी जरूरतों का ख्याल और करता है आपकी सुरक्षित यात्रा के लिए हर प्रयास. आप भी करें हर ट्रैफिक नियम का पालन और रखें अपना और अपने चाहने वालों का ध्यान.

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Exclusive: 25 साल की हुई ‘मेहर’, जानें कैसे बनीं TV की ‘छोटी सरदारनी’?

कलर्स के पौपुलर शो छोटी सरदारनी की मेहर यानी निमरत कौर अहलूवालिया 11 दिसंबर को अपना 25वां बर्थडे मना रही हैं. इस खास मौके पर हमने उनसे एक एक्सक्लूसिव बातचीत की. तो आइए जानते है निमरत की लाइफ और उनके शो से जुड़ी कुछ अनदेखी पर दिलचस्प बातें.

1. निमरत, ज्यादातर न्यू एक्ट्रेसेस, लव स्टोरी बेस्ड शो से करियर शुरू करती हैं, लेकिन आपने ऐसा नहीं किया और लीग से हटकर रोल चुना. ऐसा क्यों?

सच कहूं तो मैं हमेशा से ऐसा रोल करना चाहती थी जिसमें एक आर्टिस्ट के तौर पर मुझे खुद को एक्सप्लोर करने का मौका मिले. इस शो की स्क्रिप्ट बहुत ही खूबसूरत है. ये सही है कि ज्यादातर न्यू एक्ट्रेस गर्ल नेक्सट डोर जैसे शोज से अपना करियर शुरू करती है लेकिन मुझे इस एक रोल में ही कई अलग-अलग किरदार निभाने का मौका मिला. एक बेटी से लेकर एक प्रेमिका, एक प्रेग्नेंट लड़की, सौतेली मां और दूसरी बीवी तक का सफर मैंने बहुत जल्दी तय कर लिया है. मैं बहुत खुशनसीब हूं जो मुझे मेहर का रोल करने का मौका मिला.

सच्चाई तो ये है कि एक एक्टर की ग्रोथ इन्हीं चीजों से होती है. अगर आपका फोकस बस नेम और फेम जैसी चीजों पर होता है तो आप भूल जाते हो कि एक आर्टिस्ट की सबसे बड़ी खासियत उसकी ईमानदारी है और उसका खुद को एक्सपोलर करने का तरीका है. इसी वजह से मैंने ये रोल चुना.

2. निमरत, 24 साल की उम्र में आप एक मां का रोल प्ले कर रही है और ये आपका पहला शो है. तो कितना चैलेंजिंग था ये रोल करना?

बहुत चैलेंजिंग था, हर एक्टर के मन में ये डर होता है कि आप कही टाइप कास्ट न हो जाए. लेकिन आज के दौर में सिनेमा इतना बदल गया है कि आप जब अपने कैरेक्टर को पूरी ईमानदारी से निभाते है तो सब ठीक हो जाता है.

जहां तक एक मां का रोल करने की बात है तो मैं आपको बता दूं कि प्यार एक ऐसा इमोशन है जो हम कभी न कभी एक्सपीरियंस कर चुके होते हैं इसलिए वो करना चैलेंजिंग नहीं था, लेकिन जब शो में मेहर की प्रेग्नेंसी वाला फेज शुरू हुआ, तब खुद को प्रेग्नेंट समझना और फील करना बिल्कुल अलग था.

मैंने ये मान लिया था कि मैं सच में प्रेग्नेट हूं. मुझे याद है कि एक बार रात को 12.30 बजे मैं एक केमिस्ट की शॉप पर थी. वहां मुझे दूध की एक बॉटल दिखी जो मैंने खरीद ली. मैं अपने कैरेक्टर में इतना घुस गई थी कि अगले 15-20 दिन तक मैं उस बॉटल को रोज अपने हाथ में रख कर सोती थी. कुलमिलाकर आप जब किसी किरदार के लिए खुद को इतना पुश करते हैं तो उसकी झलक अपने आप उस किरदार में दिखने लगती है.

3. क्या असल जिंदगी में भी आपने मेहर जैसा कोई कैरेक्टर देखा है? जिससे आपको ये रोल करने की प्रेरणा मिली हो.

सच कहूं तो मैंने मेहर के जैसे मुश्किल हालात कभी नहीं देखे और भगवान करे कि कभी देखूं भी ना. लेकिन मुझे इस कैरेक्टर की कुछ चीजों ने अट्रैक्ट किया और कुछ बातें मेरी रियल लाइफ से मिलती-जुलती है. जैसे मेरे पापा भी आर्मी से थे और सरदारनी होने के नाते मेरा फैमिली बैकग्राउंड भी मेहर से मिलता जुलता है. मेहर की तरह मैं भी 4-5 भाइयों के बीच इकलौती बहन हूं. इसके अलावा मैं पढ़ाई के लिए 5 साल चंडीगढ़ में भी रह चुकी हूं तो कल्चर वाइस जो चीजे उस वक्त एक्सपीरियंस और एक्सपोलर की थी वो मुझे इस शो के दौरान काम आई.

आजकल लोग बहुत ग्रे होते हैं, लेकिन मेहर का किरदार बहुत ब्लैक एंड व्हाइट है. वो सही को सही कहती है और गलत को गलत. मेहर बहुत समझदार लड़की है, जिसकी अपनी सोच और समझ है.

ये सभी चीज़ें मुझे कनेक्ट कर गई और आपको ये सब बताकर मुझे अहसास हो रहा है कि मैं इस रोल से कितनी जुड़ी हुई हूं. शायद इसलिए जब मैं छोटी सरदारनी के लिए ऑडिशन और लुक टेस्ट दे रही थी तब मेरे मन में बस यही बात थी कि ये रोल मुझे मिल जाए.

 

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Wishing you all the happiness, always. Happy Children’s Day cutie ❤️?

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4. मेहर का रोल करने के लिए आपने क्याक्या तैयारियां की थी?

शो के शुरू होने से करीब एक-डेढ़ महीने पहले मैंने मशहूर थिएटर आर्टिस्ट विभा छिब्बर मैम के साथ एक महीने की वर्कशॉप की थी मेरे कैरेक्टर को समझने के लिए. अगर आज मुझे अपनी एक्टिंग का 10 परसेंट भी अच्छा और सच्चा लगता है तो वो सिर्फ उनकी वजह से है.

5. रियल लाइफ में आप कैसी है और आपको क्या-क्या करना पसंद है?

असल जिंदगी में मैं बहुत ही सिंपल हूं. मैं एक आम लड़की हूं जिसे अपनी फैमिली से बेहद प्यार है. मैं बहुत ही ज्यादा आत्मनिर्भर हूं. मुंबई में अकेले रहती हूं और खाली टाइम में फ्रेंड्स के साथ समय बिताती हूं. असल जिंदगी में थोड़ी टॉम बौय हूं. फैशन और फोटोज को लेकर क्रेजी हूं. कुल मिलाकर एक टिपिकल लड़की हूं. सच कहूं तो मुझे लगता है कि मेरे अंदर अभी भी एक बच्चा है और मैं हमेशा ऐसी ही रहना चाहती हूं.

6. मेहर आप स्क्रीन पर तो अच्छी दिखती ही हैं, ऑफ स्क्रीन भी काफी खूबसूरत है तो आपकी ब्यूटी और फिटनेस का सीक्रेट क्या है?

सच तो ये है कि मैं कुछ भी नहीं करती. मुझे इस बात के लिए अपनी मां की डांट भी खानी पड़ती है कि मैं अपना ज्यादा ध्यान नहीं रखती हूं. लेकिन एक बात मैं जरूर कहूंगी कि जब आप एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में आ जाते हैं और आपको ये एहसास होता हैं कि आप ऐसी पोजीशन पर है जहां आप न सिर्फ अपने काम से बल्कि अपने लुक्स से भी लोगों को इंस्पायर कर सकते हैं.

मैं शुक्रगुजार हूं कि मिस इंडिया कॉन्टेस्ट और फौजी लाइफ स्टाइल ने मेरी पर्सनल ग्रूमिंग पर काफी असर डाला. मैं कैसे उठती-बैठती हूं, मेरा रहन-सहन और तौर-तरीके ये सब बातें मुझमें बचपन से थीं और वक्त के साथ और ग्रूम होती गई. मिस इंडिया कॉन्टेस्ट का हिस्सा बनने के बाद आप हेयर केयर और मेकअप करना भी सीख जाते हैं.

स्किन केयर के लिए मैं यही कहूंगी कि नेचुरल रहें, पूरी नींद लें और खूब सारा पानी पिए.

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7. मेहर के लिए फैमिली सबसे अहम है और निमरत के लिए?

जी बिल्कुल, मेरे लिए भी फैमिली सबसे अहम है. मुझे लगता है कि मेरी फैमिली का जो सहयोग रहा है उसी की वजह से मै आज इस मुकाम पर हूं. मेरी जो पूरी जर्नी रही है, वकालत से लेकर एक्टिंग में आने के फैसले तक उन्होंने हमेशा पूरा सपोर्ट किया. मेरी लाइफ के बारे मे ऐसा कुछ भी नहीं है जो उन्हें पता नहीं है. इसके अलावा मुझे पेट्स बहुत पसंद है, खासकर कुत्ते. मैं नेचर से जुड़ी हुई हूं. ये कुछ ऐसी चीजे हैं जो मेरे दिल के करीब हैं.

8. निमरत, अपने बर्थडे को लेकर आपका क्या प्लान है, इस खास दिन को आप किस तरह से सेलिब्रेट करने वाली हैं?

पिछले साल जब मैं मिस इंडिया का हिस्सा बनी थी, तब मैंने Ketto India के साथ एक टायअप किया था, जिसके लिए मैंने पिछले साल करीब डेढ़ लाख रूपए का फंड रेज किया था. इस साल भी मैं कुछ ऐसा ही करने वाली हूं, क्योंकि छोटी सरदारनी काफी पौपुलर हो चुका है और मेहर को लोग काफी पसंद करते हैं इसलिए मैं कुछ ऐसा करना चाहती हूं, जिससे समाज का भला हो.

हमने निमरत बर्थडे फंड रेज शुरू किया है जिसकी लिंक आप मेरे इंस्टाग्राम पर देख सकते हैं. ये सारा फंड एक एनजीओ को जाएगा जो गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए काम करते हैं.

मैं ये सब दर्शकों के प्यार की वजह से ही कर पा रही हूं जिसके लिए मैं सभी की शुक्रगुजार हूं. और इसी वजह से मेरा बर्थडे काफी अलग और स्पेशल होगा.

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9. छोटी सरदारनी और मेहर के फैंस को कोई मैसेज देना चाहेंगी?

मैं हमेशा से एक ऐसी पोजीशन पर पहुंचना चाहती थी, जहां मैं लड़कियों को प्रेरित कर पाऊं या उनके लिए कुछ कर सकूं. मैं बराबरी के कॉन्सेप्ट पर भरोसा करती हूं. ये शो भी मैंने इसलिए चुना था क्योंकि मुझे लगा कि ये शो वुमन एंपावरमेंट की बात करता है. इस शो के जरिए मैं लड़कों को मैसेज देना चाहती हूं कि अपनी मां, बहन, बेटी या पत्नी को कैसे ट्रीट नहीं करना चाहिए और लड़कियों से ये कहना चाहती हूं कि किसी से भी दबने की या कोई गलत बात सहने की कोई जरूरत नहीं है.

अगर छोटी सरदारनी के जरिए हम अपने दर्शकों की सोच को 10 परसेंट भी बदल पाए और समानता की तरफ बढ़ पाए तो ये हम सबके लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी. इसलिए जो ये शो देखते है और जो नहीं भी देखते हैं, मैं उन सभी से ये रिक्वेस्ट करती हूं कि प्लीज ये शो देखिए क्योंकि वाकई में इसमें कुछ अलग है और इसकी कहानी आपके दिलों को छू लेगी.

निमरत आपके इस जज्बे को हमारा सलाम और हमारी तरफ से आपको जन्मदिन की ढेर सारी बधाइयां.

मेहर की कहानी जानने के लिए देखते रहिए छोटी सरदारनी, हर सोमवार से शनिवार शाम 7.30 बजे सिर्फ कलर्स पर.

बच्चों से निभाएं दोस्ताना रिश्ता

प्रिया अपनी 5 साल की बेटी मान्या से बहुत प्यार करती है . इसी कारण वे उसकी सारी जिद भी पूरी करती. लेकिन एक बात प्रिया को हर समय खलती थी कि जब माननीय गुस्सा हो जाती तो वह किसी की नहीं सुनती और बच्चों से लड़ती थी.और गुस्सा होने के कारण भी बहुत छोटे-छोटे थे जैसे किसी ने खेलने के लिए मना कर दिया यह प्रिया कहीं चली गई या किसी सामान को लाने के लिए मना कर दिया तो मान्या गुस्से में चीजों को तोड़ना फोड़ना फेंकना यह जोर जोर से चिल्लाना रोना शुरू कर देती.आखिर परेशान होकर प्रिया ने डॉक्टर से कंसल्ट करना ठीक समझा. क्योंकि उसके इतने अधिक गुस्से में वह किसी से की सुनती ही नहीं थी.

चाइल्ड साइकैट्रिस्ट का कहना है कि पहले के दशक के मुकाबले माता पिता  काफी फ्रैंडली हो गयें हैं. इसलिए बच्चे अपने मां-बाप से बिना किसी हिचक के बात मनवाना चाहते हैं. 2साल से 5 वर्ष तक के बच्चे में शारीरिक व मानसिक परिवर्तन बहुत ही तेजी से होते हैं और इस उम्र के बच्चे में ध्यान खींचने की प्रवृति एक आम बात है. जब बच्चा थोड़ा और बड़ा हो जाता है तब अक्सर अपने छोटे भाई बहन से या औरों से अपनी तुलना करता हैं. अमूमन जिद्दी होना,तोङफोङ करना अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए नये-नये हथकंडे अख्तियार करना इनकी आदत में शुमार हो जाता है. आइए जानते हैं कुछ सुझाव.

1. माता-पिता से तुलना

आजकल न्यूक्लीयर फैमिली का चलन अत्याधिक है और इन न्यूक्लियर फैमिली में एक या दो बच्चे होते हैं. यदि घर में एक ही बच्चा है तो वह बात बात परअपने माता पिता से ही खुद की तुलना करने लगता है. न्यूक्लियर फैमिली में खासतौर पर इस उम्र के बच्चे ज्दातर भावनात्मक रूप से उग्र हो जाते हैं और किसी भी बात को मनवाने के लिए सीमाएँ लांघ जाते हैं.

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2. अपशब्द ना कहें

यदि आप स्वयं हाइपर होकर बच्चे को उल्टे सीधे शब्द यानी अपशब्द बोलने लगेंगे जैसे कि बेवकूफ नालायक डफर शरारती आदि तब ऐसे में बच्चा और ज्यादा गुस्सा दिखाएगा क्योंकि यह अपशब्द उसको गुस्सा बढ़ाने के लिए काफी हैं और अननेसेसरी आप भी अपना टेंपल लूज करेंगी और घर का माहौल अलग खराब होगा.

3. कनेक्ट हो

आज की अधिकतम व्यस्त दिनचर्या में माता पिता के पास इतना भी समय नहीं होता कि वह थोड़ा सा भी समय निकाल कर ,अपने बच्चों के साथ वार्ता करें .उनकी मनोदशा समझे या बच्चे को समझाएं. ऐसे में यदि बच्चा किसी बात पर अत्यधिक क्रोधित हो रहा है ,तो माता-पिता को सबसे आसान तरीका लगता है डांटना डपटना .जो सही नहीं है .जब बच्चा शांत हो जाए तब आप उसे प्यार से अपने पास बैठा कर  उससे बात करें .उसके गुस्से का कारण जानने की कोशिश करें और साथ ही उदाहरणों के साथ उसे  उसकी गलती समझाने की कोशिश करें.हालांकि यह आसान नहीं फिर भी कोशिश करके तो देखें आपको सकारात्मक परिणाम मिलेंगे.

4. टेम्पर टैट्रम 

9 वर्ष से ऊपर की आयु के बच्चे उपयुक्त महौल न मिलने पर बङो के प्रति तिरस्कार की भावना रखने लगते  हैं. वह एक चीज पर स्थिर न होकर बहुत जगह अपना ध्यान लगाते हैं. जल्दी किसी से खुद को प्रभावित कर उसके विचार व व्यवहार को अपनाना चाहते है. बच्चे अपनी जिद्द के लिए परिवार के संस्कारों को भूलने लगते हैं. कुछ समय में ही वह हर बात बात पर अनावश्यक गुस्सा कभी भी ,किसी के सामने और कहीं भी करने लगते हैं.

5. आर्टीफिशियल इमोशंस

आजकल बच्चों में आर्टीफिशियल इमोशंस डालने का प्रचलन बढता जा रहा.मसलन थके हारे काम के मारे माता-पिता अपने बच्चों में लाङ-दुलार भी ऊपरी तौर पर देते हैं. सोसाइटी से लेकर शैक्षणिक संस्थानों, आस-पास के महौल से जब बनावटी भावनात्मक अहसास मिलने लगते हैं. तब बच्चों में असुरक्षा की भावनाएं धर करने लगती है ,यहीं से सेपरेशन एंगजाइटी का असर  व्यवहार में दिखने लगता है.

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6. बच्चों का सम्मान करें

अंत में यही सलाह है कि बच्चे को एहसास दिलाएं कि वह आपके लिए कितना स्पेशल है. उसके दोस्त बने. उसके खेलों में उसके कामों में रुचि ले. उसे सराहें, उसे प्यार करें .इससे बच्चा आपके ज्यादा करीब होगा और उसके खराब व्यवहार उसके क्रोधित स्वभाव में भी सुधार होगा.

चाइल्ड साइकैटरिस्ट डॉ मनोज कुमार से बातचीत पर आधारित.

जानें ब्राउन राइस के हेल्थ के लिए ये 10 फायदे

जब भी बात वजन घटाने कि आती है तो चावल से दूरी बनाने कि सलाह दी जाती है. कई डाइटीशियन चावल को डाइट से पूरी तरह आउट कर देते है. ऐसे में चावल के शौकीन लोग  अपनी डाइट के साथ चीटिंग भी करने लगते है. ऐसे में उन चावल लवर्स के लिए ब्राउन राइस एक बेहतरीन विकल्प हैं. ब्राउन राइस व्हाइट राइस की तुलना में अधिक फायदेमंद होता है. जो लोग हेल्दी डाइट और वजन कम करने में रुचि रखते हैं और चावल खाने से परहेज करते है, उनके लिए ब्राउन राइस एक बेहतर ऑप्शन है. कैलोरी कम करने के साथ इसके कई फायदे हैं. आइए जानते हैं ब्राउन राइस से होने वाले फायदे के बारे में-

1. पोषक तत्व से है भरपूर

ब्राउन राइस खाने का एक सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि चावल के पोषक तत्व जैसे मिनरल, फाइबर विटामिन बी कॉम्पलैक्स यूं ही बरकरार रहते हैं. जबकि व्हाइट राइस में यह पोषक तत्व काफी हद तक कम हो जाते हैं. इस में डाइटरी फाइबर मौजूद होने के कारण वजन घटाने में भी ये काफी सहायक होता हैं. इसलिए व्हाइट राइस की अपेक्षा ब्राउन राइस खाना स्वास्थ्य के लिए ज्यादा लाभकारी होता है. इसमें एंटीओक्सीडेंट भी मौजूद होते हैं जो कि फल सब्जियों में पाए जाते हैं. ब्राउन राइस में सैलेनियम कि मात्र भी अधिक ज्यादा होती हैं, जो कि हृदय रोग, कैंसर और गाठिया जैसी गंभीर बीमारी से दूर रखता हैं.

2. बीमारियों से रखता हैं दूर

ब्राउन राइस अनेक प्रकार कि बीमारियों से दूर रखने में मदद करता है. यह वजन कम करने से लेकर कैंसर जैसी घातक बीमारियों दूर रखता है. आइए जानते हैं ब्राउन राइस से होने वाले स्वास्थय लाभ-

3. कोलेस्ट्रोल के स्तर को करता है कम

कोलेस्ट्रोल लेवल का बढ़ना यानी दिल से जुड़ी बीमारियां होने की आशंका. कोलेस्ट्रोल को कंट्रोल करने के लिए ब्राउन राइस खाने की सलाह दी जाती है. ब्राउन राइस में फाइबर होता है जो पचाने के साथ एलडीएल कोलेस्ट्रोल को कम करने में भी मदद करता हैं.

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4. हृदय रोग

मेनोपोज होने के बाद महिलाओं में तरह तरह की प्रोब्ल्म्स शुरू हो जाती है. जैसे केलोस्ट्रोल का बढ़ना, हाई ब्लड प्रैशर, सांस फूलना, हार्टअटैक या अन्य हृदय रोग. ऐसे में डाक्टर इन महिलाओं को सप्ताह में 6 बार साबुत अनाज, विशेष तौर पर ब्राउन राइस खाने की सलाह देते हैं. ब्राउन राइस का सेवन लाभदायक माना जाता हैं. ज्यादातर दिल की बीमारियां धमनियां ब्लॉक होने के वजह से होती है. ब्राउन राइस खाने से धमनियां ब्लॉक नहीं होती और दिल से जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है. अमेरिका के रिसर्च के अनुसार यह पता चला है की, जो महिलाएं सप्ताह में 6 बार साबुत अनाज और ब्राउन राइस का सेवन करती हैं, उनकी धमनियों में जमा होकर उनको जाम करने वाली पट्टियों का बनना कम पाया गया है.

5. डाइबिटीज में होगा सुधार

हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, डायबिटीज के मरीजो को उन्हीं चीजों का सेवन करना चाहिए, जिनमें ग्लाइसिमिक इंडेक्स का स्तर 55 से कम होता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है इससे ब्लड शुगर पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता है, यदि मरीज 70 से ज्यादा ग्लाइसिमिक इंडेक्स वाली चीजों का सेवन करते हैं तो, यह उनके लिए खतरनाक साबित हो सकता है. इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट मरीजों को व्हाइट राइस की जगह ब्राउन राइस खाने की सलाह देते हैं. ब्राउन राइस में ग्लाइसिमिक इंडेक्स का स्तर 68 होता है, जबकि व्हाइट राइस में इसकी मात्रा 73 होती है. ब्राउन राइस डाइबीटीज जैसी बीमारी को नियंत्रित रखने में भी मदद करता है. इसमें मौजूद फाइबर, प्रोटीन, फाइटोकेमिक्ल्स और मिनरल्स शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को कम रखते हैं, जो डाइबीटीज के मरीज़ो के लिए फायदेमंद है.

6. पथरी रोकने में भी सहायक

ब्राउन राइस में इंसोल्यूबल फाइबर अधिक पाया जाता है जो पथरी जैसी दिक्कत को भी दूर भगाने में सहायक है. दरअसल, अमेरिकन जर्नल गेस्ट्रोएन्ट्रोलोजी में छपे एक शोध में यह उल्लेख किया गया है कि फाइबर युक्त आहार जैसे ब्राउन राइस का अधिक इस्तेमाल करने वाली महिलाएं में पथरी बनने की संभावना कम रहती है. दरअसल, इंसोल्यूब्ल फाइबर भोजन को धीरे धीरे पचाता है, यह बाइल एसिड को भी कम करता है और इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ा कर ब्लड फैट को भी कम करता है. इसलिए ब्राउन राइस का सेवन करने की सलाह डॉक्टर से लेकर डाटीशियन भी देते हैं.

7. वजन को करता है कम

ब्राउन राइस में कैलोरीज कम होती है लेकिन इसमें फाइबर की मात्रा भरपूर पाई जाती है, जिससे मेटाबोलिजम बेहतर होता है. फाइबर खाने को धीरे धीरे पचाता है, जिससे भूख कम लगती है. भूख कम लाग्ने के वजह से ओवरइटिंग नहीं हो पाती. इससे शरीर में कैलोरी और फेट की मात्रा कम हो जाती है, जो शरीर के लिए लाभदायक हैं.

8. हड्डियां रहती है मजबूत

हड्डियों को मजबूत रखने के लिए मैग्नीशियम बहुत फायदेमंद मिनरल है और यह ब्राउन राइस में भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं. यह बोन मिनरल डेंसीटी को बढ़ाने में भी मदद करता हैं. इस के सेवन से जोड़ों में होने वाला दर्द में भी राहत मिलता हैं.

9. डिप्रेशन से आराम

ब्राउन राइस में एंटी डिप्रेशन गुण होते हैं, जो तनाव और दिमाग से संबन्धित समस्याओं से लड़ने में मदद करते हैं. इसमें मौजूद गामा- एमिनोब्यूटिरिक एसिड और ग्लूटामाइन जो एक प्रकार के एमिनो एसिड हैं, जो दिमाग में न्यूरोट्रांसमीटर का निर्माण करते हैं. इससे तनाव का असर दिमाग में नहीं पड़ता.

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10. बच्चों के लिए भी है लाभदायक 

ब्राउन राइस में बच्चों के विकास के लिए प्र्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट और फेट होता है. जो बच्चों के दिमागी विकास के लिए काफी फायदेमंद है. इसलिए बढ़ते बच्चों को ब्राउन राइस जैसे साबुत अनाज व ऊर्जा युक्त आहार खिलाने की सलाह दी जाती है.

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