‘नायरा-कार्तिक’ के रिश्ते के बारे में जान जाएगा ‘कायरव’, लेगा ये फैसला

सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में ‘कायरव’ की खुशी के लिए ‘नायरा और कार्तिक’ साथ दिखाई दे रहे हैं. वहीं अब ‘नायरा-कार्तिक’ के मिलने का इंतजार कर रहे फैंस  के लिए अब बुरी खबर सामने आ रही है. खबरों की मानें को जल्द ही ‘कायरव’ को ‘नायरा और कार्तिक’ के रिश्ते की सच्चाई पता लग जाएगी. आइए आपको बताते हैं शो में आने वाले ट्विवस्ट के बारे में…

 ‘वेदिका’ संग इंटीमेट होने का नाटक करेगा ‘कार्तिक’

‘नायरा’ ‘नक्क्ष’ को फोन करके गोयनका सदन बुलाएगी और उससे कहेगी कि वह उसे और ‘कायरव’ को सिंघानिया हाउस लेकर चले. ये सुनकर ‘नायरा’ पर ‘कार्तिक’ भड़क जाएगा और वह उसे बुरा भला सुनाएगा. वहीं ‘नायरा’ को जलाने के लिए ‘कार्तिक’ ‘वेदिका’ संग इंटीमेट होने का नाटक करता दिखाई देगा. ताकि ‘नायरा’ को लगे कि वह जिंदगी में काफी आगे बढ़ गया है और अब उसे ‘नायरा’ के होने ना होने से कोई भी फर्क नहीं पड़ता है.

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‘कायरव’ के पैरों तले खिसकेगी जमीन

जहां ‘कायरव’ को कोई स्ट्रेस ना देने की वजह से ‘नायरा और कार्तिक’ अपने रिश्ते की सच्चाई को उससे छुपाया हुआ था. वहीं अब सीरियल के अपकमिंग एपिसोड्स में ‘वंश’ बातों-बातों में ही ‘कायरव’ को बता देगा कि ‘कार्तिक और वेदिका’ की शादी हो चुकी है और इसी वजह से ‘वेदिका’ सिंदूर लगाती है. जिसे सुनकर हैरान परेशान ‘कायरव’ ‘नायरा’ से सवाल पूछता नजर आएगा.

‘नायरा’ देगी ये जवाब

 

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‘कायरव’ के ‘नायरा-कार्तिक’ के रिश्ते के सवालों को सुनकर ‘नायरा’ परेशान होती दिखाई देगी और वह तुरंत गर्दन में दर्द होने का बहाना बनाएगी. इसके तुंरत बाद ‘कायरव’ अपने सवाल को भूल जाएगा और सभी के सामने ‘कार्तिक’ से ‘नायरा’ को मसाज देने की मांग कर बैठेगा. वहीं जल्द ही सीरियल में दिखाया जाएगा कि ‘कायरव’ अपनी मां के साथ रहने की जिद करेगा, जिसके चलते सारे घर वाले मान जाएंगे.

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बता दें, सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ के सितारे इन दिनों अपने लेटेस्ट ट्रैक के चलते काफी सुर्खियां बटोर रहे हैं. वहीं ‘कार्तिक’ यानी मोहसीन खान और ‘नायरा’ यानी शिवांगी जोशी इन दिनों फैन फौलोइंग काफी बढ़ गई है.

रूढ़ियों की रूकावट अब नहीं

मुंबई की ओर दौड़ती राजधानी ट्रेन में बैठीं आशा, रीता, शैल और सुनील बातचीत करतेकरते अंधविश्वास और रूढ़ियों पर चर्चा करने लगे.

‘‘दुख और शर्म की बात है कि शिक्षित और उच्चपदों पर आसीन लोग भी धर्म और रीतियों के नाम पर लकीर के फकीर बन उन्हें निभाते चले जाते हैं. विरोध करने का साहस नहीं जुटा पाते और कभी साहस करने की कोशिश की भी जाए तो लोग उन के खिलाफ खड़े हो जाते हैं,’’ आशा बोली. ‘‘ठीक कह रही हैं आप. उत्तर प्रदेश के शहरों में तो पुराने रीतिरिवाजों का बोलबाला है. जीतेजी तो परंपराएं मानी ही जाती हैं मृत्यु के बाद भी पंडितों को पूछना पड़ता है. जो पंडित कहता जाए वही करना पड़ता है. मेरे ससुरजी पूरे डेढ़ वर्ष से बिस्तर पर थे, हमारी आर्थिक स्थिति के साथसाथ मानसिक स्थिति भी संकट में थी. हम पूरे तनमन से उन की सेवा कर रहे थे. पर सबकुछ करने के बाद भी परिणाम उन का देहावसान ही रहा. जब इलाज करने की बात थी और पैसों की बात थी तो पंडित गायब थे, पर मौत के बाद आ धमके,’’ रीता ने समर्थन किया.

‘‘ससुरजी के अंतिम संस्कार आदि के बाद, शैयादान परंपरा के वक्त मोटेतगड़े पंडित को बाजार से कपड़े, गद्दा, रजाई, बैड, छतरी, कैश, खाद्यसामग्री देते वक्त मन कसैला हो उठा कि यह सामान क्यों दिया जा रहा है… पंडितजी तो सोने की लक्ष्मीनारायण की मूर्ति की मांग करने लगे. मेरे पति ने जब इस मांग पर असमर्थता जताई, तो पंडितजी का जवाब था कि उतना कैश दे दें. वे स्वयं खरीद लेंगे.

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‘‘इस बात पर मैं सामने आ गई और इस के लिए साफ इनकार कर दिया. तब पंडितजी ने ऐलान किया कि आत्मा को शांति नहीं मिलेगी अधूरी पूजा से.

‘‘हमारे पिताजी को आप के द्वारा दी गई शांति की जरूरत नहीं है. अब आप जाइए, जो होना था वह हो गया, बस. घर के लोग मेरे खिलाफ खड़े हो गए पर मैं अड़ी रही. हां, मेरे पति मेरे साथ थे,’’ रीता ने बताया.

‘‘रिश्तेदार, पड़ोसी उन्होंने क्या प्रतिक्रिया दी?’’ आशा ने पूछा.

‘‘उस वक्त तो चेहरों पर तनाव व व्यंग्यपूर्ण भंगिमा थी पर बाद में उन्होंने मेरा साथ दिया. उन्हें मालूम है कि यह धंधा है पर विरोध करने की हिम्मत नहीं. ये सब इन पंडितों का बिछाया जाल है. पैसा ऐंठने के लिए हथकंडे अपनाते रहते हैं.’’

सामने की बर्थ पर बैठे सुनील कुमार ने आगे बात बढ़ाते हुए कहा, ‘‘मैं स्वयं शहरी शिक्षित इंसान पंडितों के जाल में उलझा रहा. उन के बताए टोटके जैसे शनिवार को तेल का दान, पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दिया जलाना, शुक्रवार को व्रत रखना, नंगे पांव 5 मंगलवार मंदिर जाना जैसे मूर्खतापूर्ण कार्य करता रहा. ये सब मैं अपनी बेटी के विवाह के लिए कर रहा था. बेटी की कुंडली यानी जन्मपत्री में उसे घोर मंगली बताया गया था. पूरे 3 साल तक धक्के खा कर समझ में आया कि हम मूर्ख बन रहे हैं. असल में हमारी बिरादरी में बिना पत्री मिलाए विवाह संभव ही नहीं हो रहा था. जहां अच्छा घरवर होता वहां कुंडली आड़े आ जाती. परेशान हो मैं ने ठान लिया कि अब पत्री मिलाए बिना विवाह होगा मेरी बेटी का.

‘‘उन्हीं दिनों मेरा कलीग जोकि मलयाली था मेरे घर आया. मैं ने उस से मन की बात की तो उस ने मेरी बेटी को अपने परिवार की सदस्या बनाने की इच्छा जाहिर कर दी. उस का बेटा कनाडा में था. बस झट मंगनी पट ब्याह वाली बात कर डाली हम ने. और हां, एक खास बात यह रही कि उस अवधि में देव सोए थे. हमारे रिश्तेदारों ने वह समय अशुभ बताया पर हम ने शान से विवाह कर दिया. आज बेटी कैरियर और परिवार दोनों क्षेत्रों में सफल है.

‘‘मैं तो यही कहूंगा कि आज के व्यस्त समय में अपनी सहूलत देख कर पुरानी रीतियों को त्याग, आगे कदम बढ़ाना ही सही सोच और बुद्धिमत्ता होगी.’’

‘‘ठीक कह रहे हैं आप. आजकल अखबार व टीवी चैनल इन बातों का प्रचार कर रहे हैं. इसलिए कदम उठाने में विरोध तो सहना ही पड़ता है पर मन का निश्चय और दृढ़ता मार्ग निकाल ही लेती है,’’ शैल अपना अनुभव बताते हुए बोलीं, ‘‘मेरी ससुराल उत्तर प्रदेश के गांव में पुरानी मान्यताओं से भरी हुई थी. मेरी सासूमां, माहवारी के दिनों में रसोईघर में प्रवेश निषेध कर देती थीं. मेरे मायके में यह पोंगापंथी बिलकुल नहीं थी. मैं भूखीप्यासी सासूमां या किसी अन्य सदस्य की राह देखती, अगली बार जब ससुराल गई, तो मैं ने इस कुरीति को नकार दिया. रसोईघर में जा कर खाना, पानी सब अपनेआप ले लिया.’’

‘‘फिर तो बहुत होहल्ला हुआ होगा? तुम ने कैसे संभाली वह स्थिति?’’ आशा ने पूछा.

‘‘हां बहुत होहल्ला हुआ. यहां तक कि पुरुषवर्ग को भी इस में शामिल कर लिया, पर मैं ने वैज्ञानिक तरीके से सब स्पष्ट कर डाला. हमारे शरीर की यह प्राकृतिक क्रिया है. माहवारी एक नारी की पूर्णता है.

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‘‘यही नहीं एक और भ्रामक परंपरा फैली थी उस परिवार में. उस का नाम था ‘सूतक’. कहीं भी चाहे विदेश में ही हो किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर पूरे 13 दिनों तक सूतक माना जाता था. कारण था कि वह अपने रक्त से संबंध रखता है, खानदान से संबंधित है. उस रक्त संबंध को निभाने के लिए रसोईघर में हलदी, मिर्च, मसालों को त्याग दिया जाता था. ग्रहण लगने से घंटों पूर्व लगे सूतक, ग्रहण समाप्ति के बाद ही स्नान करने के बाद ही खत्म माने जाते थे. अखबार, टीवी सूतक का समय शान से बताते हैं मानो इन दिनों अपना प्रकाशन भी बंद कर देंगे.

‘‘इन दोनों समय पर मेरा ससुराल में होना क्रांतिकारी कदम बन गया. मेरे चचेरे देवर की मृत्यु अमेरिका में हुई तो रसोई में काली उरद की दाल और बिना घी की रोटी के अलावा कुछ और बनना निषेध हो गया. एक दिन मेरे बच्चे भूखे थे, तो मैं ने सब्जी आदि बनाई. इस पर तहलका मचा पर जीत मेरी ही हुई. मेरी दलील थी कि पिछले

8 वर्षों से जिस व्यक्ति से आप मिले तक नहीं, उस के जाने पर ऐसी क्रिया कहां तक उचित है और खानेपीने का इस से क्या संबंध है?’’

‘‘विज्ञान चंद्रमा तक पहुंच गया, नित नए वैज्ञानिक सत्य व तथ्य सामने आ रहे हैं. पर हमारे नेताअभिनेता पंडों के कहने पर पुराने रीतिरिवाजों को बनाए रखने में साथ दे रहे हैं,’’ रीता बोली, ‘‘ऐसी कई कुरीतियां हैं जो आज भी वर्चस्व बनाए हुए हैं. मंगल, शनि, वीरवार को बाल न धोना, शेव न करना, नाखून न काटना आदि.’’

‘‘मुझे एक और अनुभव याद आया है, सुनील ने कहना शुरू किया, ‘‘अपने फूफाजी की मृत्यु के समाचार पर मैं बूआजी की ससुराल गया. उस गांव में परंपरा थी कि हर रिश्तेदार को शमशान तक शवयात्रा में नंगे पांव जाना पड़ता था. यह जान कर हमारे होश उड़ गए. गरमी का मौसम और भरी दोपहरी में…? कई लोगों के चेहरे पर तनाव दिख रहा था. तब मैं ने आव देखा न ताव साफ कह दिया कि मैं तो चप्पलें पहन कर चलूंगा.’’

‘‘तब तो बहुत विरोध हुआ होगा आप का. नास्तिक, कलयुगी कह कर बहुत कुछ कहा होगा,’’ शैल ने सुनील की ओर देखते हुए पूछा.

‘‘अरे नहीं, यही तो कमाल की बात हुई. मेरी देखादेखी कई लोगों ने अपनी चप्पलें पहन लीं. मैं खुश था कि एक कुरीति पर विराम लगा. गांव में नया कदम उठ चुका था.’’

‘‘सही बात यह है कि पुरानी रीतियों, पुराने विचारों जो कि कूपमंडूक बनाए रखते हैं उन पर रोक लगा दी जाए. हर बात पर पंडे, पुजारी, धर्मपुराणों को बीच में न ला कर अपनी शिक्षा, बुद्धि व तर्कशक्ति के आधार पर कदम बढ़ाए जाएं.’’

आशा, रीता, शैल ने मुसकरा कर स्वीकृति में सिर हिला दिए.

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ब्लीच के इस्तेमाल से पहले जान लें ये बातें

फेस से अतिरिक्त बालों को छिपाने और फेस को खूबसूरत बनाने व  फेस से टैनिंग को कम करने के लिए ब्लीच किया जाता है. ब्लीच करने के लिए  कौस्मेटिक्स ब्लीच का इस्तेमाल करते हैं लेकिन क्या आप जानती हैं कि जरूरत से ज्यादा ब्लीच करना आपकी स्किन के लिए हानिकारक हो सकता है. अगर आप अक्सर ब्लीच का इस्तेमाल करते हैं तो इससे आपकी स्किन को काफी नुकसान पहुंच सकता है. ऐसे में आपको ब्लीच का इस्तेमाल अपनी स्किन पर बहुत कम करना चाहिए. आइए जानते हैं कि ब्लीच करने से कैसे आपकी स्किन पर क्या-क्या दुष्प्रभाव पड़ सकते हैं.

1. जलन

ब्लीच का ज्यादा इस्तेमाल या ज्यादा समय तक इस्तेमाल आप के फेस  के बालों को सुनहरा कलर तो जरूर देगा लेकिन साथ में देगा जलन. जो कि ब्लीच क्रीम में मौजूद केमिकल के कारण होती है, जिससे की स्किन लाल पड़ जाती है और जलन होने लगती है. अगर आपकी स्किन संवेदनशील होती है तो ऐसे में फेस पर जलन और भी तेजी से होगी.

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2. आंखों से पानी बहना

ज्यादा ब्लीच का इस्तेमाल या ज्यादा देर तक इसका प्रयोग आपकीी आंखों पर भी बुरा प्रभाव डालताा है क्योंकि इसम मौजूद केमिकल की गंध बहुत तीव्र होती है .जो आंखोंं पर असर करतीी है .जिसकी वजह से  आंखों से पानी गिरना और आंखें लाल पड़ने जैसी समस्याएं पैदा हो जाती है .

3. बिगड़ जाती है फेस का ग्लो

अगर आप बार-बार ब्लीच करते हैं तो इससे आपकी स्किन पर बुरा प्रभाव पड़ता है और स्किन की प्राकृतिक रंगत पर असर होता है.  इसमें मौजूद केमिकल बालों को हमेशा के लिए सफेद कर देता है . यही नहीं  इसका अधिक इस्तेमाल करने से  स्किन का रंग धीरे-धीरे सफेद पड़ जाता है. जिससे  फेस की प्राकृतिक रंगत खराब हो जाती है.

4. एलर्जी का खतरा

ब्लीच हमेशा अच्छी कंपनी का इस्तेमाल करना चाहिए और उसमें लिखे हुए निर्देशों का पालन जरूर करना चाहिए .ब्लीच को समय से पहले या जल्दी-जल्दी करना मतलब फेस के स्किन से संबंधित बहुत सी परेशानियों को दावत देना है. ब्लीच करने से पहले यह देख लेना चाहिए कि इसमें कौन-कौन से तत्व मौजूद है. के अत्यधिक इस्तेमाल के कारण इसमें मौजूद केमिकल से फेस पर रिएक्शन हो जाते हैं. जिससे  स्किन पर रैशेज और खुजली हो जाती है. ऐसे में ब्लीच की बजाय स्किन पर घरेलू उपायों का इस्तेमाल करें.

स्किन एंड हेयर केयर स्पेशलिस्ट निधि सिधानामेकअप ब्लिस, नोएडा एक्सटेंशन से बातचीत पर आधारित

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‘जमाई राजा’ एक्ट्रेस निया के ये लुक हैं फेस्टिवल के लिए परफेक्ट

छोटे परदे का हिट शो ‘जमाई राजा’ एक बार फिर लोगों को एंटरटेन करने आ रहा है. शो की मेन स्टार कास्ट यानी रवि दुबे और निया शर्मा सालों बाद एक साथ दोबारा नजर आने वाले हैं. ड्रामा-थ्रिलर से भरपूर इसी सीरियल में रवि और निया अपनी सेक्सी कैमेस्ट्री के साथ औनस्क्रीन किस करते नजर आने वाले हैं. पर आज हम बात सीरियल जमाई राजा की नही बल्कि एक्ट्रेस निया शर्मा की करेंगे. निया अक्सर अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपने फैशन की हौट फोटोज शेयर करती रहती हैं पर आज हम उनके इंडियन फैशन के बारे में बात करेंगे, जिसे आप किसी फेस्टिवल, वेडिंग या पार्टी में ट्राय कर सकते हैं.

1. डार्क स्किन के लिए निया का ये लहंगा है परफेक्ट

आजकल मार्केट में नेट वर्क वाले डिजाइन काफी पौपुलर हैं. अगर आप किसी फेस्टिवल शादी या पार्टी में लहंगा ट्राय करना चाहते हैं तो निया शर्मा का ये लुक परफेक्ट है. सिंपल स्काई ब्लू कलर वाला लहंगा आपके लुक को सिंपल के साथ-साथ ट्रेंडी दिखाने में भी मदद करेगा. साथ ही ज्वैलरी की बात करें तो कोशिश करें की लहंगा हैवी हो तो ज्वैलरी सिंपल रखें. क्योंकि अगर आपकी ज्वैलरी हैवी होगी तो लोगों की नजर आपके लुक पर कम जाएगी.

 

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Alexa! Match my eyeshadow with my outfit and wing the eyeliner sharper than anyone .!!

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2. सिंपल वाइट कलरफुल साड़ी के साथ हैवी इयरिंग्स करें ट्राय

 

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A lot like ?!

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अगर आप कुछ सिंपल ट्राय करना चाहते हैं तो निया की तरह वाइट कलर की साड़ी विद कलरफुल पैटर्न वाली साड़ी के साथ गोल्ड कलर के हैवी इयरिंग्स आपके लुक को बैलेंस और स्टाइलिश दिखाने में मदद करेगा.

3. वाइट और यैलो कलर का कौम्बिनेशन है परफेक्ट

अगर आप किसी शादी या फेस्टिवल के लिए कुछ नया ट्राय करना चाहती हैं तो यैलो के साथ सिंपल यैलो कलर का औफस्लीव ब्लाउज जरूर ट्राय करें. साथ ही गोल्डन कलर के इयरिंग्स आपके लुक को कम्पलीट करने में मदद करेगा.

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बता दें, हाल ही एक्टर रवि दुबे ने अपने सोशलमीडिया अकाउंट पर शो की झलक दिखाते हुए अपनी निया शर्मा के साथ औनस्क्रीन किस की वीडियो शेयर करते हुए अपने इस सीन में असहज होने की बात कही थी.

‘Bigg Boss 13’ की खातिर इस एक्ट्रेस ने छोड़ा अपना पौपुलर TV शो

बौलीवुड के दबंग खान यानी सलमान खान के पौपुलर रियलिटी शो ‘बिग बौस 13’ जल्दी ही औडियंस को एंटरटेन करने आ रहा है, जिसकी तैयरियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. हाल ही में शो के टीजर में सलमीन मास्टर के रूप में नजर आए थे. कंटेस्टेंट की बात करें तो शो से जुड़ने के लिए हर कोई तैयार है. वहीं खबरें हैं कि टीवी की जानी मानी टीवी एक्ट्रेस ने शो का हिस्सा बनने के लिए अपनी शो छोड़ दिया है. आइए आपको बताते हैं कौन है वह एक्ट्रेस जो जल्द नजर आएंगी ‘बिग बौस 13’ में…

एक्ट्रेस दलजीत कौर ने छोड़ा शो

खबरें आ रही है कि टीवी की एक जानी मानी हसीना ने अपने सुपरहिट शो को भी अलविदा कह दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो दलजीत कौर सलमान खान के शो में हिस्सा लेने वाली है. वहीं खबरें है कि बिग बौस शो में हिस्सा लेने के लिए दलजीत ने जीटीवी के सुपरहिट शो में ‘एक गुड्डन तुमसे ना हो पाएगा’ को रातोंरात ही अलविदा कह दिया है.

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नोटिस पीरियड सर्व कर रही हैं दलजीत

सीरियल ‘एक गुड्डन तुमसे ना हो पाएगा’ कि तो शुरुआत से ही इसे दर्शकों का बेशुमार प्यार मिला है और इस सीरियल में दलजीत कौर ‘अंतरा’ के किरदार में नजर आती है. सुनने में आ रहा है कि जब दलजीत ने इस सीरियल के मेकर्स से बिग बौस में हिस्सा लेने की बात कही तो उन्होंने उनके फैसले का सम्मान किया और इस समय दलजीत अपना नोटिस पीरियड सर्व कर रही है.

 

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Fun day at work be like…

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बता दें,  शो के मेकर्स अंतरा के रोल के लिए नए कलाकार की तलाश में हैं. वहीं खबरें हैं कि शो में जल्दी ही लीप लेते हुए नजर आएंगे. अब देखना ये है कि दलजीत के जाने से शो पर क्या असर पड़ता है. साथ ही दलजीत ‘बिग बौस’ के जरिए कितना एंटरटेन कर पाती हैं.

38 की उम्र में इस TV एक्ट्रेस को मिला परफेक्ट लाइफ पार्टनर

अड़तीस साल की उम्र पार कर चुकी एक्ट्रेस और सेलेब्रिटी टैरो कार्ड रीडर मोनिषा खटवानी ने अब तक शादी नही की है. इसके लिए वह पारिवारिक सदस्यां व रिश्तेदारों से काफी ताने सुना करती थी. मगर अब उन्हें ताना नहीं सुनना पड़ेगा. क्योंकि मोनिषा खटवानी को भी अब सच्चा प्यार नसीब हो गया है. मोनिषा खटवानी को मिस्टर राइट के रूप में समीर ठाकुर औनलाइन डेटिंग एप के माध्यम से मिले और अब मोनिषा खटवानी अगले साल समीर ठाकुर संग शादी करने वाली हैं.

शादी के बारे में ये कहती हैं मोनिषा

खुद मोनिषा खटवानी कहती हैं- जब से मैं समीर से मिली हूं, मुझे वह एकदम सही इंसान लगते हैं. मैं उनके साथ खुद को बहुत सहज महसूस करती हूं और मुझे लगता है कि वही मेरे लिए एकदम उपयुक्त हैं. वह विनम्र और प्यारे इंसान है. हमने बहुत जल्द हर सब्जेक्ट पर बात करनी शुरू कर दी. जिसने मुझे अहसास कराया कि वह सिर्फ मेरे लिए ही बने हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि वह भी मेरी तरह सिंधी हैं. हम बहुत तेजी से आगे बढ़े. सिर्फ सात दिन के अंदर उसने मुझे कह दिया कि वह मुझेसे प्यार करते हैं. जब उन्होने प्यार का इज़हार किया, तो मैने उसे कबूल करने में देरी नहीं की.

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सही समय पर मिला मिस्टर राइट

मोनिषा आगे कहती हैं-  मजेदार बात यह है कि मुझे हमेशा लगा कि सही समय पर मुझे मेरा मिस्टर राइट मिलेगा. पर लोग मुझे कह रहे थे कि अब तीस साल से ज्यादा उम्र की हो गयी हैं. अब जल्द से जल्द शादी कर लो. मैने किसी की नहीं सुनी. मैने हमेशा अपने दिल की सुनी. लोग मुझसे कह रहे थे कि अब मुझे समझौता करना पड़ेगा. तलाक शुदा या बच्चों वाला पति मिलेगा. लेकिन सच यही है कि मैंने समझौता नहीं किया. मुझे अपने आप पर यकीन था. मैने अपने दिल की ही बात सुनी. मैं दावे के साथ कह सकती हूं कि समीर मेरे लिए ही बने है.

ज्वैलरी बिजनसमैन है मोनिषा के होने वाले पति


मोनिषा खोटवानी के प्रेमी और मिस्टर राइट समीर ठाकुर ज्वेलरी बिजनेस में हैं और 18 साल तक विदेश रहकर वापस मुंबई लौटे हैं. अब वह सोच रहे हैं कि मुबई मे भी ज्वेलरी के बिजनंस से जुडें या कैफे खोलें. वह हांगकांग व चीन में ज्वेलरी का बिजनेस कर चुके हैं.

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ज्ञातब्य है कि मोनिषा खटवानी ने 2001 में सीरियल ‘‘श्श्श ..कोई है’’ से अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा था. उसके बाद वह ‘अपने पराए’ व ‘तंत्र’ सहित कई सीरियलों व दो इंटरनेशनल फिल्म में अभिनय कर चुकी हैं.

‘कार्तिक-नायरा’ को एक करने के लिए फैंस ने पार की हदें, लिया फोटोशौप का सहारा

स्टार प्लस के सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ के नए-नए ट्विस्ट से शो की फैन फौलोइंग काफी बढ़ गई है. साथ ही शो की स्टार कास्ट यानी मोहसीन खान और शिवांगी जोशी के भी फैंस दोनों को साथ मिलाने की उम्मीद करते रहते हैं. पर भले ही ‘नायरा- कार्तिक’ साथ हो या न हो उनके फैंस उनके लिए सोशलमीडिया पर अक्सर फोटोशौप की मदद से फोटोज शेयर करते हैं, जो अक्सर वायरल हो जाते हैं. तो आइए आज आपको दिखाते हैं शो से जुड़े कुछ वायरल पोस्ट…

 फोटोशौप की मदद से फैंस ने की ये करामात

‘नायरा-कार्तिक’ के कुछ हार्डकौर फैंस ने फोटोज को फोटोशौप के जरिए मजाकिया तौर ‘नायरा कार्तिक’ को मिलवाने की कोशिश की है, जिसकी फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.

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फैंस ने किया ‘नायरा और कार्तिक’ का रीयूनियन

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सीरियल के लेटेस्ट ट्रेक में भले ही ‘नायरा और कार्तिक’ का मिलना अभी भी मुश्किल सा लग रहा हो, लेकिन एक फैन ने तो इस तस्वीर के जरिए ही अकेली पड़ गई ‘नायरा और कार्तिक’ का रीयूनियन करवा दिया है.

कार्तिक का किया ये हाल

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‘नायरा और कार्तिक’ की इस फोटो में कार्तिक का हाल-ए-दिल साफ पता चल रहा है. भले ही ‘कार्तिक’ मन ही मन ‘नायरा’ से अलग नही होना चाहता हो लेकिन हालात के चलते उसके हाथ कुछ भी नहीं लग रहा है.

वक्त के साथ मजबूत हुआ ‘कायरा’ का रिश्ता

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एक फैन ने तस्वीरों के जरिए ये भी साफ कर दिया है कि भले ही इस समय ‘नायरा और कार्तिक’ बात-बात पर लड़ रहे हो, लेकिन वक्त के साथ-साथ उनका रिश्ता पहले भी ज्यादा मजबूत हो चुका है.

वेदिका का किया  ये हाल

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‘कार्तिक और नायरा’ के फैंस ‘वेदिका’ के साये से भी नफरत करते है. इसीलिए उन्होंने फोटो को अलग एंगल दिया है. फैंस रोजाना ‘वेदिका और नायरा’ को एक दूसरे से कम्पेयर करते रहते है.

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बता दें, इन दिनों जन्माष्टमी का स्पेशल एपिसोड चल रहा है, जिसके चलते सारे घरवाले एकसाथ नजर आ रहे हैं. वहीं इस फंक्शन में ‘कायरव’ की खुशा के लिए नायरा भी नजर आ रही हैं.

इन 5 होममेड टिप्स से पाएं माइग्रेन से छुटकारा

आजकल की बिजी लाइफस्टाइल में लोगों को सिर दर्द की प्रौब्लम होती है, लेकिन कईं बार सिर दर्द की प्रौब्लम ज्यादा बढ़ जाते हैं. माइग्रेन को इन प्रौब्लम से भी पहचान सकते हैं जैसे- अस्पष्टीकृत मतली, पेट में दर्द आदि. इसके अलावा बच्चों में कुछ ऐसे लक्षण भी हैं, जिसपर पैरेंट्स को ध्यान देना चाहिए जैसे- मिजाज, सुस्ती, सोते हुए चलने की आदत, खाने में कमी. इसीलिए माइग्रेन का इलाज कराना जरूरी है, जिसके लिए मार्केट में कईं दवाईयां मौजूद है. पर आज हम आपको माइग्रेन ठीक करने के कुछ होममेड टिप्स बताएंगे, जिससे आप घर बैठे माइग्रेन की प्रौब्लम से छुटकारा पा सकते हैं…

  1. अरोमा थैरेपी से पाएं माइग्रेन से राहत

अरोमा थेरेपी माइग्रेन यानी सिर की मालिश से ज्यादातर माइग्रेन की प्रौब्लम से छुटकारा पा सकते हैं. हर्बल तेलों के एक तकनीक के माध्यम से हवा में फैला दिया जाता है. आप हाथों से अगर सिर, गर्दन और कंधों की मालिश करें तो इस दर्द से राहत मिल सकती है. इसके लिए हल्की खुश्बू वाले अरोमा तेल का प्रयोग भी किया जा सकता है.

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  1. नींद से करें माइग्रेन का इलाज

माइग्रेन के लिए प्रतिदिन अपनी पूरी नींद लें. नींद लेने से रोगियों को आराम मिलता है. यदि आपको गहरी नींद आती है तो यह माइग्रेन में आपको काफी आराम दे सकती है. गहरी नींद के लिए आप शोर वाले वातावरण से दूर समय से सो जाएं.

  1. देसी घी से माइग्रेन का इलाज

माइग्रेन के दर्द से छुटकारा पाने के लिए रोजाना देसी घी की 1-1 बूंदे नाक में डालें. इससे आपको इसके दर्द से राहत मिलेगी. माइग्रेन के दर्द में घी बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है.

  1. लौंग से माइग्रेन का इलाज

माइग्रेन से अगर सिर में ज्यादा दर्द हो रहा है तो तुरंत लौंग पाउडर और नमक मिलाकर दूध के साथ पिएं. ऐसा करने से सिर का दर्द गायब हो जाएगा. लौंग हमारे लिए बहुत फायदेमंद है.

  1. अदरक से करें माइग्रेन का इलाज

माइग्रेन के लिए 1 चम्मच अदरक का रस और शहद को मिक्स करके पीएं. माइग्रेन के दर्द को दूर करने के लिए आप अदरक का टुकड़ा भी मुंह में रख सकते हैं. अदरक का किसी भी रूप में सेवन माइग्रेन में राहत दिलाता है. कईं बार होममेड प्रौडक्टस का इस्तेमाल करने से भा हमें माइग्रेन की प्रौब्लम से राहत नही मिलती या एलर्जी होने का खतरा रहता है. इसीलिए कोशिश करें कि एलर्जी के खतरें से बचे रहें.

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Saaho Film Review: फिल्म देखने से पहले यहां पढ़ें कैसी है ‘बाहुबली’ की ‘साहो’

रेटिंग: दो स्टार

निर्माता: वामसी कृष्णा रेड्डी, प्रमोद उपालापट्टी और टी-सीरीज के भूषण कुमार

निर्देशकः सुजीत

कलाकारः प्रभास, श्रद्धा कपूर, जैकी श्रौफ, नील नितिन मुकेश, चंकी पांडे, महेश मांजरेकर, मंदिरा बेदी व अन्य.

अवधिः दो घंटे 50 मिनट

कहानीः

फिल्म की कहानी के केंद्र में दो ऐसी कंपनियां है,जो कि लगातार अवैध व गैर कानूनी गतिविधियों से जुड़ी हुई हैं. इनमें से एक दूसरे को खत्म कर खुद बादशाह बनना चाहती है.

कहानी भारत से थोड़ी दूर बसे वाजी शहर की है,जहां राय ग्रुप के रौय (जैकी श्राफ) का दबदबा है.हर तरह के गलत कामों मे वह लिप्त है.जबकि दूसरा ग्रुप देवराज (चंकी पांडे) के पिता (टीनू आनंद) . देवराज के पिता समय को भांपते हुए समझ जाते हैं कि पूरी सत्ता सिर्फ रौय ही संभाल सकते हैं. इसी के चलते वह अपने धंधे की बागडोर अपने बेटे देवराज को देने की वजह रौय को दे देते हैं. इस बात से देवराज नाराज हो जाता है.अब वह रौय को बर्बाद करना चाहता है. रौय का बेटा सिद्धांत उर्फ साहो(प्रभास)पिछले 20 वर्षों से मुंबई में है. इसी बीच रौय तय करते हैं कि वह वाजी शहर के सभी अवैध धंधे बंद कर भारत के मंुबई शहर जाकर एक नई फैक्टरी डालेंगे. इसके लिए वह भारत सरकार के एक मंत्री का अपहरण कर अपनी फैक्टरी के लिए इजाजत ले लेते हैं. जब सारा पैसा वाजी से लेकर रौय मुंबई पहुंचते हैं, तो बेटे साहो से मिलने से पहले ही रौय को देवराज खत्म कर देता है. उसके बाद रौय का विश्वासपात्र सिद्धांत को सलाह देता है. योजना बनती है कि किस तरह से देवराज को खत्म किया जाए.उसके बाद साहो अपने तरीके से 3 चोरियां करता है. पुलिस चोर को पकड़ नहीं पाती. तब यह काम एक स्पेशल इंवेस्टीगेशन अफसर अशोक चक्रवर्ती (प्रभास) को दिया जाता है.इधर पता चलता है कि पुलिस का एक उच्च अधिकारी देवराज से मिला हुआ है. जब वास्तव में चोर पकड़ा जाता है, तो पता चलता है कि जो चोर था,वह असली पुलिस अफसर है.

जबकि अब तक पुलिस के साथ जो औफिसर अशोक चक्रवर्ती बनकर काम कर रहा था,वह तो साहो था,जिसे पुलिस अफसर अमृता (श्रृद्धा कपूर) से प्रेम से हो जाता है.अब असली अशोक चक्रवर्ती,साहो की तलाश में अपनी रणनीति के अनुसार काम करता है.देवराज अपनी गणित चल रहा है.जबकि साहो अपने साथी व हैकर डेविड (मुरली शर्मा) के साथ मिलकर काम कर रहा है. कई घटनाक्रम तेजी से बदलते हैं. अंततः देवराज का खात्मा होता है और रौय ग्रुप के चेयरमैन के रूप में सिद्धांत उर्फ साहो बैठते हैं.

निर्देशन

फिल्म का बजट 350 करोड़ है,जो कि क्रिमिनल वेस्टेज आफ मनी है. फिल्म की पटकथा में बहुत सी खामियां हैं. कहानी में कोई नयापन नहीं है. इसी तरह की कहानी पर हिंदी में सैकड़ों फिल्में बन चुकी हैं. सिर्फ बेहतरीन एक्शन परोसने की कोशिश की गई है. बेवजह के गाने ठूंसे गए हैं. गानों का कहानी से कोई तालमेल नहीं है.कहानी बहुत तितर- बितर है. इंटरवल के पहले ही दर्शक सोचने लगता कि कहां फंस गया है.इंटरवल के बाद दर्शक को लगता है कि कुछ राहत मिलेगी,पर ऐसा कुछ नहीं होता. इंटरवल के बाद फिल्म ज्यादा खराब हो गयी है. इसे एडीटिंग टेबल पर कसने की जरूरत थी. जिस पर ध्यान नहीं दिया गया.फिल्म की लंबाई जरूरत से ज्यादा हो  गई है.

अभिनय

बाहुबली देख कर दर्शकों ने प्रभास से जो उम्मीदें बनाई थीं, उन्हें घोर निराशा होगी.फिल्म के किरदार के साथ कहीं से भी प्रभास फिट नहीं बैठते हैं.वह हिंदी भी अजीबो गरीब तरीके से बोलते हैं. उनके ओंठ चलने से संवाद मेल नही खाते.यह मिक्ंिसग की गलती है.जो बहुत ही ज्यादा अखरता है. इतना ही नहीं कई दृश्य में तो वह बहुत अजीब सा नजर आते हैं. श्रद्धा कपूर भी प्रभावित नहीं करती.वह सिर्फ दो-तीन दृश्यों में सुंदर नजर आई है.श्रृद्धा कपूर के अब तक के करियर की यह सर्वाधिक कमजार पराफार्मेंस जैकी श्रौफ की प्रतिभा को जाया किया गया.चंकी पांडे प्रभावित करते हैं. फिल्म के  कैमरामैन जरूर बधाई के पात्र हैं.

फिल्म का कोई भी गाना प्रभावशाली नहीं है.

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केबीसी: कभी कूड़े में फेक दिया था इस लड़की को, अब जीते लाखों रुपए

सोनी टीवी के शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ ने लाखों लोगों का दिल जीता है. हाल ही में शो के 11वें सीजन का आगाज हुआ है, जिसमें कई तरह की प्रेरित करने वाली स्टोरी मिल रही हैं. शो के होस्ट यानी बौलीवुड के महानायक यानी एक्टर अमिताभ बच्चन हाल ही में एक कंटेस्टेंट की स्टोरी सुनकर इमोशनल हो गए. आइए आपको बताते हैं कौन है वो कंटेस्टेंट…

शो में पहुंची 29 साल की दिव्यांग नूपुर

अमिताभ बच्चन के टीवी रियलिटी शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में इस बार नूपुर सिंह हौट सीट पर पहुंची. 29 साल की नूपुर दिव्यांग होने के बावजूद उन्होंने 12 सवालों का सही जवाब देकर 12.50 लाख रुपये जीते. उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बीघापुर में रहने वाली नूपुर का जन्म रामकुमार सिंह के घर हुआ था. रामकुमार पेशे से एक किसान हैं.

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विकलांग होने के बावजूद पढ़ना चाहती थीं नुपूर

मां कल्पना सिंह ने कहा कि नूपुर विकलांगता के बावजूद पढ़ाई में हमेशा अच्छी स्टूडेंट रही हैं. वह 12वीं में मेरिट में थीं और पहले ही प्रयास में बीएड के लिए उनका सिलेक्शन हो गया. नूपुर अभी एक प्ले ग्रुप में बच्चों को पढ़ाती हैं और 10वीं की छात्रों को मुफ्त में शिक्षा देती हैं.

नुपूर की मां ने कहा था शो में हिस्सा लेने के लिए

उन्होंने आगे कहा कि वह हमेशा से यह शो देखती थीं और प्रतियोगियों से पहले इसका जवाब भी देती थीं. नूपुर के जवाब सही होते थे. मां ने ही नूपुर को केबीसी में आवेदन करने के लिए कहा था. कौन बनेगा करोड़पति से नूपुर 12 लाख 50 हजार रुपये जीतकर बेहद खुश हैं. नूपुर की मां का कहना है कि उन्हें नूपुर के दिव्यांग होने के लिए डौक्टरों से कोई शिकायत नहीं है. वो कहतीं हैं, ‘हम नूपुर की विकलांगता के लिए डौक्टरों को दोष नहीं देते हैं. यह उसकी नियती है. मैं किसी को दोष नहीं देती’.

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बता दें, ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के 11वें सीजन में कईं ऐसे कंटेस्टेंट आए हैं, जो गरीब या किसी प्रौब्लम होने के बावजूद पढ़ाई करना चाहते हैं. और कुछ बनना चाहते हैं. वहीं शो के दौरान नूपुर ने बताया कि जन्म लेते ही उन्हें मरा हुआ घोषित कर दिया गया था. डौक्टरों ने उन्हें कचरे के डिब्बे में फेंक दिया था. तभी एक रिश्तेदार को उनका शरीर हलका सा हिलता दिखा. तब उन्हें उठाया गया और नया जीवन दिया गया. हालांकि डौक्टरों की लापरवाही से नूपुर शारीरिक रूप से अक्षम हो गईं.

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