फैमिली एंटरटेनमेंट फिल्म है ‘छड़ा’: नीरु बाजवा

पंजाबी एक्ट्रैस नीरु बाजवा ने अपने एक्टिंग करियर की शुरूआत 18 साल की उम्र में 1998 में हिंदी फिल्म‘‘मैं सोलह बरस की’’से की थी. उसके बाद उन्होंने 2003 में हिंदी सीरियल ‘‘अस्तित्वःएक प्रेम कथा’’ और ‘जीत’ जैसे सीरियल किए. इसी बीच उन्होंने 2004 में पंजाबी फिल्म‘अस नु मान वतन दा’ की.2005 में नीरू बाजवा ने राकेश चैधरी निर्मित सीरियल ‘‘हरी मिर्च लाल मिर्च’’में लीड किरदार निभाया. इसके साथ ही वह फिल्म निर्माण में भी भी अपना हाथ आजमा चुकी हैं. फैमिली के साथ-साथ वह फिल्मी करियर से अभी तक जुड़ी हुई हैं. और अब 21 जून को उनकी नई पंजाबी फिल्म ‘‘छड़ा’’ रिलीज होने वाली है. जिसमें चार साल बाद नीरू बाजवा ने दिलजीत दोशांझ के साथ एक्टिंग की है. पेश है नीरू बाजवा के साथ हुई एक्सक्लूसिव बातचीत के अंश…

आप पंजाबी फिल्मों की स्टार हैं. जबकि हिंदी फिल्मों में आपने बहुत कम सफलता पायी है. आपको कहां क्या कमी नजर आती है?

-कमी कहीं नही है. मुझे पंजाबी फिल्में करने में मजा आता है. मैं वहीं ज्यादा व्यस्त रहती हूं.मैंने हिंदी में टीवी सीरियल ‘हरी मिर्ची लाल मिर्ची’’ में मेन लीड किरदार निभाने के साथ साथ कुछ हिंदी फिल्मों में छोटे किरदार भी निभाए थे. पर बाद में मेरा ध्यान पंजाबी फिल्मों की तरफ ही हो गया. मैं पंजाबी फिल्मों में अभिनय करने के अलावा अब तक ‘चन्नोःकमली यार दी’’, ‘‘सरगी’’ और ‘‘लौंग लाची’’जैसी तीन पंजाबी फिल्मों का निर्माण कर चुकी हूं. एक फिल्म ‘‘सरगी’’का निर्देशन भी किया है. फिल्म‘‘सरगी’’ में मेरी बहन रूबीना बाजवा के साथ बब्बल राय और जस्सी गिल ने अभिनय किया था. इसी के चलते मेरा पूरा ध्यान पंजाबी सिनेमा में ही लगा रहता है.

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अभिनय व निर्माण के साथ साथ निर्देशन में उतरने की कोई खास वजह रही?

-सबसे बड़ी वजह यह रही कि मुझे अपनी छोटी बहन रूबीना बाजवा को फिल्मों में लांच करना था. इसके अलावा इसकी कहानी भी ऐसी थी कि मुझे लगा कि मैं ही इसका निर्देशन करूं, तो बेहतर होगा. मैं अपनी बहन के टैलेंट को बहुत बेहतर तरीके से जानती थी. मुझे लगा कि मैं ही उसे सही ढंग से परदे पर ढाल सकती हूं. इसलिए मैंने इस फिल्म का निर्देशन किया. फिल्म को जबदस्त सफलता मिली. अब मेरी बहन पंजाबी फिल्मों में कई फिल्में कर रही है.

आपने कब महसूस किया कि आपकी बहन को भी फिल्मों में आना चाहिए?

-देखिए,बचपन में तो मैं और मेरी बहन दोनों ही एक साथ डांस व थिएटर किया करते थे. इसलिए मैं उसकी प्रतिभा को बचपन से देखती आ रही हूं.फिर जब मैं मुंबई रह रही थी,तो मैंने उसे अनुपम खेर के एक्टिंग स्कूल में भेजकर अभिनय का विधिवत प्रशिक्षण भी दिलाया. जब मुझे लगा कि अब वह फिल्मों में हीरोइन के रूप में बेहतर काम कर सकती है,तो मैंने उसे हीरोईन लेकर पंजाबी फिल्म ‘‘सरगी’’ निर्माण व निर्देशन किया.इस त्रिकोणी पे्रम कहानी वाली फिल्म में रूबीना के साथ जस्सी गिल व बब्बर रॉय ने अभिनय किया है.

इन दिनों पंजाबी सिनेमा किस दिशा में जा रहा है.क्या नए बदलाव आ रहे हैं?

-देखिए,पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री लंबे समय समय पहले बंद हो गयी थी. लगभग दस साल पहले इसकी दोबारा शुरूआत हुई.इस तरह देखा जाए तो हमारी फिल्म इंडस्ट्री बहुत पुरानी नही है. जब पंजाबी सिनेमा की दोबारा शुरूआत हुई, तो एक ही लेखक निर्माता निर्देशक अभिनेता काम कर रहा था. धीरे-धीरे कुछ नए लोग आए. पिछले पांच छह वर्षों के दौरान पंजाबी सिनेमा के साथ काफी लोग जुडे़ हैं. अब यह काफी बड़ा सिनेमा हो गया है. हमें पंजाबी सिनेमा पर गर्व है, क्योंकि हमारा पंजाबी सिनेमा सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनी सफलता के झंडे गाड़ रहा है.आप यकीन करें या ना करें, लेकिन विदेशों में हिंदी फिल्मों के मुकाबले पंजाबी फिल्में ज्यादा कमायी कर रही हैं. पंजाबी सिनेमा में हीरोइनों के लिए भी काफी अच्छे किरदार लिखे जा रहे हैं. नारी प्रधान किरदार लिखे जा रहे हैं. पारिवारीक फिल्में भी बन रही हैं. अब पंजाबी सिनेमा की पहचान सिर्फ कौमेडी फिल्मों वाली नही रही. गंभीर विषयों पर आधारित फिल्मों ने भी सफलता के परचम लहराए हैं.

विदेशों में हिंदी फिल्में कमायी नही कर पा रही हैं. जबकि पंजाबी फिल्में अच्छी कमायी कर रही हैं. इसकी क्या वजह आपकी समझ में आती है?

-पहली बात तो इंग्लैड, कनाडा, जापान, अमरीका सहित कई देशों में पंजाबी भारतीय बहुत रह रहे हैं. इस वजह से वह पंजाबी सिनेमा देखते हुए रिलेट करते हैं.यह उनकी अपनी बोली का सिनेमा होता है. उसके साथ खुद को जुड़ा हुआ पाते हैं.दूसरी वजह यह है कि तमाम हिंदी फिल्में ऐसी होती हैं, जिन्हें आप पूरे परिवार के साथ देखने नही जा सकते. जबकि हम पंजाबीयों की खासियत है कि हम पूरे परिवार के साथ फिल्में देखने जाते हैं. पूरे परिवार का मतलब नाना नानी दादा दादी बच्चे सब होते हैं. शायद इन्ही वजहों के चलते विेदश में पंजाबी सिनेमा ज्यादा देखा जाता है. आप यदि देखेंगे तो हर पंजाबी फिल्म ऐसी ही होती हैं जिन्हें बच्चे से बूढे तक परिवार का हर सदस्य इकट्ठा देख सकें. जबकि हिंदी फिल्मों में समस्या आती है.

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पर आम धारणा यह है कि पंजाबी दर्शक कॉमेडी फिल्में ही देखना पसंद करता है?

-ऐसा नही है. कुछ लोग इस तरह की गलत धारणाएं बना रखी हैं. मैंने पहले ही कहा कि अब पंजाबी में हर तरह का सिनेमा देखा जाता है. पंजाब का दर्शक अलग तरह के कौंसेप्ट वाली फिल्म देखने के लिए पूरी तरह से तैयार है. हमारा पंजाबी का दर्शक काफी मैच्योर है.

दिलजीत दोसांझ के साथ आपकी सफल जोड़ी रही है.आप लोगों ने तीन फिल्में एक साथ की थी.अब छड़ा आपकी चौथी फिल्म है. पर यह चार साल का गैप क्यों हो गया?

-मैं और दिलजीत दोनों ही हमेशा स्क्रिप्ट को प्रधानता देते हैं.काफी लंबे समय से ऐसी कोई स्क्रिप्ट नहीं आ रही थी, जो हम दोनों को पसंद आ सके.हम हमेशा एक साथ काम करने के लिए तैयार थे.पर अच्छी स्क्रिप्ट नही आ रही थी.जैसे ही अच्छी स्क्रिप्ट आयी, ‘छड़ा’ के साथ हम दोनों दर्शकों के सामने आने जा रहे हैं.

फिल्म छड़ा’’में ऐसी क्या बात है कि आपको लगा कि यह फिल्म की जानी चाहिए?

-इस फिल्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस फिल्म के हीरो दिलजीत दोसांझ के साथ साथ इसके निर्माता लेखक निर्देशक सभी से अच्छी तरह से परिचित थी. मैं निर्देशक के साथ पहले भी एक फिल्म कर चुकी हूं. इसकी कहानी भी रिलेट कर रही हैं.

चार साल के दौरान दिलजीत में क्या बदलाव आया?

-कोई बदलाव नहीं आया.वह उसी तरह के इंसान हैं. कलाकार के तौर पर उन्होंने ग्रो किया है.अब हिंदी फिल्मों में भी उन्होंने अपनीअच्छी पहचान बना ली है.हां!चार साल में वह बडे़ स्टार हो गए है.

फिल्म‘‘छड़़ा’’के अपने किरदार को लेकर क्या कहेंगी?

-मेरे किरदार का नाम अंजली है. वह भी छेड़ी है.30 से अधिक की उम्र हो गयी है, पर शादी नहीं हुई है. पर वह आत्मनिर्भर है.वेडिंग प्लानर है.जबकि दिलजीत का किरदार भी छड़ा है.वह शादियों में फोटोग्राफी करते हैं. हम दोनों के बीच रोमांटिक कौमेडी है. इसमें कहीं कोई रोना धोना नही है. सिर्फ रोमांस और हास्य है. यह फिल्म लोगों को शुद्ध मनोरंजन देगी.

आपने काफी फिल्में कर लीं. अब किस तरह की फिल्में या किरदार करना चाहती हैं?

-खुद को सीमाओं में बांधना मुझे पसंद नहीं है.मैं हर तरह का किरदार निभाना चाहती हूं.मुझे हर जौनर की फिल्मों में अभिनय करना है. मैं अपने आपको लक्की मानती हूं कि मुझे हर फिल्म में अलग तरह का किरदार निभाने का मौका मिलता रहता है. मेरी दूसरी खुशनसीबी यह है कि रोने धाने वाले किरदार मेरे पास नहीं आते. मैं ना तो लोगों को रोते हुए देखना चाहती हूं ना खुद रोना चाहती हूं.

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तो दूसरी फिल्म भी निर्देशित करना चाहेंगी?

-जी हां!! फिल्म निर्देशित करना है. एक अच्छी स्क्रिप्ट की तलाश जारी है. स्क्रिप्ट को लेकर मैं बहुत सोचती नही हूं. पढ़ते पढ़ते मेरे अंतर्मन ने कह दिया कि अच्छी है,तो फिर अच्छी है.

कोई बायोपिक फिल्म नही करना चाहती?

-जी नहीं.. बायोपिक फिल्म नही करनी है. क्योंकि मुझे नही लगता कि मैं किसी भी बायोपिक के साथ न्याय कर पाउंगी.

हिंदी फिल्में करनी हैं या नहीं?

-हिंदी फिल्में न करने की मैंने कोई कसम नही खायी है.यदि कोई रोचक विषय वाली फिल्म में रोचक किरदार होगा, तो कर लूंगी.किरदार ऐसा हो जो मुझे अंदर से इंस्पायर करे.

टीवी करना चाहेंगी या नहीं?

-टीवी के लिए मेरे पास बिलकुल समय नही है. टीवी में बहुत समय देना पड़ता है. मेरे वश का नहीं है.

आप ज्यादातर समय कनाडा में रहती हैं. कनाडा और भारत के बीच कैसे सामंजस्य बैठाती हैं?

-जी हां! शादी के बाद मैं कनाडा रहने लगी हूं. मेरी तीन साल की बेटी भी है.पर कनाडा और पंजाब के बीच मुझे बहुत ज्यादा दूरी कभी नहीं लगी. हम हवाई जहाज पकड़कर महज 14 घंटे में कनाडा से मुंबई पहुंच जाते हैं. अब तो कनाडा में भी शूटिंग होने लगी है. मेरे द्वारा निर्मिज पहली पंजाबी फिल्म ‘‘चन्नोःकमली यार दी’’ की 95 प्रतिशत शूटिंग कनाडा में हुई थी. सच यह है कि शादी के बाद मेरे करियर को पंख लग गए.शादी के बाद ही मैने तीन फिल्मों का निर्माण किया.एक फिल्म का निर्देशन भी किया. अभिनय भी लगातार कर रही हूं.

इन दिनों आप क्या देखती हैं?

-बेटी की वजह से टीवी देख नही पाती. पर नेटफिलिक्स पर बहुत अच्छे कार्यक्रम आ रहे हैं, जो देख रही हूं. कुछ बहुत बेहतरीन वेबसीरीज भी मैंने देखी हैं. अब नेटफिलिक्स पर भारत से भी बेहतरीन कार्यक्रम ही जा रहे हैं, यह सुखद बात है.

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क्या वेब सीरीज करना चाहेंगी?

-बहुत जल्द आप मुझे किसी वेब सीरीज में देख सकेंगे. तीन चार वेब सीरीज के औफर आए हैं, जिनसे जुड़ने के बारे में सोच रही हूं. हो सकता है कि मैं खुद भी एक वेब सीरीज निर्देशित करूं.

कनाडा में लोग किस तरह की फिल्में देखना पसंद करते हैं?

-अब दर्शक काफी मैच्योर हो गया है. वह उल जलूल फिल्में नही देखना चाहता. सभी को अच्छी फिल्में देखना हैं. लोगों को स्टार नहीं कंटेट चाहिए.

आपके शौक क्या हैं?

-जिम जाना, पढ़ना,फिल्में देखना, यात्राएं करना. मुझे पंजाबी संगीत सुनना पसंद है. खासकर पुराने पंजाबी गाने सुनती हूं.

अब तक आपने जितनी भी फिल्में की हैं, उनमें से किस फिल्म के किस किरदार ने आपकी जिंदगी पर असर डाला?

-किसी भी फिल्म के किसी भी किरदार ने मेरी जिंदगी पर असर नही डाला.क्योंकि मैं काम को घर तक नही ले जाती. मैं खुद को औन औफ आर्टिस्ट मानती हूं.

कोई ऐसा किरदार है, जिसे आप करना चाहती हैं?

-नहीं.. मेरा एक ही सपना था हीर का किरदार निभाने का.तो मैंने फिल्म‘‘हीरा रांझा’’में अभिनय कर लिया.अब मैं योजना नहीं बनाती.

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सुष्मिता सेन के भाई ने की तीसरी बार शादी, फोटोज वायरल

बौलीवुड एक्ट्रेस सुष्मिता सेन के भाई राजीव सेन और टीवी एक्ट्रेस चारु असोपा के साथ बंगाली रीति रिवाज से शादी के बंधन में बंध गए हैं. वहीं इससे पहले दोनों ने कोर्ट मैरिज की थी हैं और इसके बाद इस कपल ने गोवा में क्रिश्चियन वेडिंग भी की.  चलिए आपको दिखाते हैं इनकी बंगाली शादी की कुछ खास फोटोज…

बंगाली रीति-रिवाज से हुई राजीव-चारू की शादी

 

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Just got married to the person i love & respect from my heart .. Sen family ❤️ #lifeline #rajakibittu forever

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सुष्मिता सेन का परिवार बंगाली हैं इसीलिए राजीव और चारू की शादी की रस्में बंगाली रीति रिवाजों से पूरी हुई. जिसकी फोटोज दोनों ने अपने इंस्टाग्राम पर शेयर की.

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राजस्थानी रीति रिवाज से भी हुई शादी

 

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My soul mate for life ❤️ #rajakibittu . . . . . . Photography – @amolkamatphotography #sangeetnight

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राजीव बंगाली हैं तो वहीं चारू राजस्थान से ताल्लुक रखती हैं. ऐसे में उनकी शादी बंगाली के अलावा राजस्थानी रीति-रिवाजों से भी हुई.

बंगाली और राजस्थानी दोनों लुक में ब्राइड चारू दिखीं खूबसूरत

 

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Family❤️ @asopacharu @chintanasopa @chetanasopa @subhra51 @neelam_asopa @sushmitasen47 ?? #rajakibittu

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चारु असोपा बंगाली दुल्हन के लिबास में जहां चांद के टुकड़े से कम नहीं लगी तो वहीं राजस्थानी लुक में वो गजब ढा रही थीं.

फैमिली के साथ सुष्मिता सेन भी नजर आईं

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मिस यूनिवर्स रह चुकी सुष्मिता सेन अपने भाई राजीव सेन की शादी में सुष्मिता पूरे परिवार के साथ नजर आईं. इस दौरान सुष्मिता की दोनों बेटियां भी मामा-मामी के साथ पोज देती दिखी. तो वहीं, सुष्मिता के बौयफ्रेंड रोहमन शौल भी फैमिली फोटो का हिस्सा बनते नजर आए.

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सोशल मीडिया पर हुई दोनों की फोटोज वायरल

 

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❤️ @asopacharu #rajakibittu

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चारु और राजीव ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर की, जिसके बाद उनकी फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल हो गई.

डांस करते नजर आए चारू और राजीव

 

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We danced our way to a beautiful dream wedding ❤️? Charu sen with Rajeev sen . Beyond blessed #rajakibittu

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राजीव और चारू अपने संगीत पर जहां फोटोज करते दिखे, वहीं अपनी शादी के इन खास पलों को इन्जौय करते हुए डांस करते भी नजर आए.

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सेल्फी क्लिक करवाने से भी नहीं रहे पीछे

 

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Romancing with the haldi ? #rajakibittu. . . . . . Photo credit – @amolkamatphotography

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चारु और राजीव अपनी शादी को लेकर बेहद खुश थे. जिसमें वह सेल्फी खीचते भी नजर आए.

 

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She never gave up on me , i never let go of her .. ?? #Rajakibittu . . . . . . . Photography by @amolkamatphotography

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पीरियड्स: लोगों की घटिया सोच…..

शर्म आती है ऐसी नीची सोच रखने वाले लोगों पर. एक स्त्री के मासिक धर्म(पीरियड्स) को अपवित्र मानने वाले लोगों ने ही इस तरह की परंपरा बनाई है. अरे अपनी आंखों को खोल कर देखो की जिस पीरियड्स को तुम अपवित्र मानते हो असल मे उसी वक्त एक स्त्री सबसे ज्यादा पवित्र होती है.

मासिक धर्म तो एक प्रक्रिया है जिससे एक स्त्री हर महीने गुजरती है. दर्द सहन करती है,  तकलीफ सहन करती है. अरे जिस वक्त स्त्री को परिवार के सहयोग की आवश्यकता होती है उस वक्त लोग उसके साथ ऐसा बर्ताव करते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि ये कुरीति आयी कहां से? ये कुरीति समाज में उन पुर्खों ने उन पंडितों ने फैलाया जो खुद को भगवान का का बहुत बड़ा भक्त मानते हैं.

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भला ऐसी भक्ति का क्या फायदा जो समाज के लिए ज़हर बन जाये. एक स्त्री के परिवार वाले भी खुश नहीं होते हैं उसके साथ ऐसा बर्ताव करके क्योंकि वो उसके करीबी हैं, लेकिन इन पंडितों ने जो पवित्र -अपवित्र की बातें लोगों के दिमाग मे डाली हैं उससे मजबूर हैं.  एक स्त्री पीरियड्स के दिनों को कैसे काटती है , शायद इन पुरुषों को ये पता नहीं क्योंकि वो खुद इन सबसे नहीं गुज़रते हैं. मानती हूं पुरुष और स्त्री दोनों में अंतर है लेकिन इन रूढ़िवादी स्त्रियों को क्या कहें?

जो खुद सब जानते हुए भी सही और गलत में फर्क नहीं करतीं.  जानकारी के लिए बता दू कि महिला का शरीर हर महीने गर्भ की तैयारी करता है, जो गर्भाशय की नलिका में चला जाता है. इसी समय महिला के गर्भाशय की परत में रक्त जमा होता रहता है ताकि गर्भ के बैठने पर उस रक्त से बच्चा विकसित हो सके. गर्भ के न बैठने पर ये परत टूट जाती है और जमा रक्त पीरियड्स में योनि के माध्यम से निकल जाता है. इस रक्त के द्वारा शरीर के बैक्टीरिया भी निकल जाते हैं. तो अब आप खुद इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि पीरियड्स क्यों जरूरी है और इसमें कितनी पवित्रता है.

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अभी हाल ही में माहवारी पर आधारित एक फ़िल्म “पिरियड:एंड द सेंटेंस ” को ऑस्कर अवार्ड मिला है. ये फिल्म पवित्र-अपवित्र माने जाने वाली कुरीतियों पर नज़र डालती हैं. इस फिल्म में वो सच है जो एक स्त्री की सच्चाई को बयां करती है. जो लड़कियां पहली बार माहवारी का सामना करती हैं वो डर जाती हैं. कई बार तो मौत के मुंह में चली जाती हैं. स्नेह भी उन लड़कियों में से एक हैं जिनपर ये फिल्म बनी है. समाज को आइना दिखाती है ये फिल्म. फिल्म में उस लड़की की कहानी को बयां किया जिसनें पैड बनाने वाली कंपनी एक्शन इंडिया को ज्वाइन किया, जबकि उसका सपना दिल्ली शहर में काम करने का था.

अभी हाल ही में एक खबर छपी थी कि एक महिला को माहवारी के दौरान ठंड में घर से बाहर कर दिया गया और फिर वो दूसरे दिन अपने दो बच्चों के साथ एक कंबल में मृत पायी गई. आखिर जब पीरियड ‘एंड औफ सेन्टेंस’ जैसी फिल्मों को अवौर्ड देते हैं तो फिर ऐसी कुरीतिंयों को हटाने की कोशिश क्यों नहीं करते हैं? यह फिल्म एक ऐसी लड़की पर बनी है जिसनें अपनी जिंदगी में काफी लंबा सफर तय किया है.

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स्नेह 15 साल की थी, जब पहली बार उनका सामना माहवारी से हुआ था. उन्हें उस वक़्त समझ नहीं आया कि उनके साथ क्या हो रहा है किन्तु समझ आने पर उन्होंने एक बड़ा कदम उठाया. स्नेह अब 22 साल की हैं, वह अपने गांव की एक छोटी फैक्ट्री में काम करती हैं, जहां सैनेटरी पैड बनाया जाता है.  पीरियडः एंड औफ सेन्टेंस, एक डौक्यूमेंट्री फिल्म है, जिसे औस्कर में बेस्ट डौक्यूमेंट्री शौर्ट सब्जेक्ट कैटेगरी में अवौर्ड मिला है. पैड बनाने का काम करना एक लड़की के लिए बहुत बड़ी बात है.

स्नेह हापुड़ जिले के काठीखेड़ा गांव में स्थित एक्शन इंडिया नाम की कंपनी में काम करती हैं. जान कर हैरानी होगी कि इस गांव में आज भी लोगों के बीच माहवारी पर बात नहीं होती लोगों को शर्मिंदगी महसूस होती है. इस फिल्म में इन्हीं कुरीतियों पर नज़र डाली गई है. अगर समाज से इन कुरीतियों को हटाना है तो इसके लिए लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है. उन्हें बताने की आवश्यकता है कि माहवारी में कोई अपवित्रता नहीं है बल्कि ये तो एक प्रक्रिया है शरीर की जो हर महीने होती है. पवित्रता – अपवित्रा तो बस पंडितों की दिमाग में बैठाई हुई सोच है, जिससे हर किसी को बाहर निकलना ही होगा.

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Edited by Rosy

घर पर बनाएं गुजरात का फेमस ढोकला

गुजरात की जितना अपने गाने और घूमने के लिए मशहूर है उतना ही वह अपने खाने के लिए भी फेमस है. आप चाहे देश के किसी भी हिस्से में रह रहें होंगे पर आपने ढोकले के बारे में तो सुना ही होगा. ढ़ोकला गुजरात की मेन डिशेज में से एक है. इसे आप आसानी से घर पर बना सकते हैं. ये हेल्दी के साथ-साथ टेस्टी होता है.

हमें चाहिए

बेसन – 200 ग्राम (2 कप)

हल्दी – 1/6 छोटी चम्मच (यदि आप चाहैं )

नमक – स्वादानुसार ( 1 छोटी चम्मच से कम)

हरी मिर्च का पेस्ट – 1 छोटी चम्मच (यदि आप चाहें)

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अदरक का पेस्ट – 1 छोटी चम्मच

नीबू का रस – 2 टेबल स्पून (2 मीडियम आकार के नीबू)

ईनो साल्ट – 3/4 छोटी चम्मच से थोड़ा कम

तड़का लगाने के लिये हमें चाहिए

तेल – 1 टेबल स्पून

राई –  आधा छोटी चम्मच

हरी मिर्च – 2 – 3 (2 टुकड़े करते हुये लम्बाई में काट लीजिये)

नमक – 1/4 छोटी चम्मच(स्वादानुसार)

चीनी – 1 छोटी चम्मच

नीबू का रस – 1 छोटी चम्मच (यदि आप चाहें)

हरा धनियां – 1 टेबल स्पून (बारीक कतरा हुआ)

बनाने का तरीका

-बेसन को छान कर किसी बर्तन में निकाल लीजिये. थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुये, चमचे से चलाते हुये गाड़ा घोलिये, घोल में गांठे नहीं रहनी चाहिये, घोल में ह्ल्दी पाउडर डाल कर मिला दीजिये.

-बेसन के घोल को 20 मिनट के लिये ढककर रख दीजिये ताकि बेसन के कड़ फूल सके.

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-बर्तन जिसमें आप ढोकला बनाना चाहते हैं, 2 छोटे गिलास पानी (500 ग्राम पानी) डालिये और गैस फ्लेम पर गरम होने के लिये रख दीजिये, एक स्टैन्ड भी इसी बर्तन में रखिये जिसके ऊपर हम बेसन का घोल भर कर थाली रखेंगे. थाली को तेल लगाकर चिकना कर लीजिये.

-बेसन के घोल में नीबू का रस, नमक, हरी मिर्च पेस्ट, अदरक पेस्ट डाल कर अच्छी तरह मिलाइये, . अब इस मिश्रण में ईनो साल्ट डालिये और चमचे से मिश्रण को चलाइये जैसे ही मिश्रण में एअर बबल आ जाय तुरन्त मिश्रण को थाली में डालिये और थाली को बर्तन के अन्दर स्टैन्ड पर रखिये. बर्तन में डाला गया पानी भी गरम हो गया है, उसमें भाप आ रही है. इस बर्तन को ढककर ढोकला लगभग 20 मिनट मीडियम गैस फ्लेम पर पकाइये.

– ढोकला पक चुका है, (टेस्ट के लिये पके हुये ढोकला में चाकू की नोक गढ़ा कर देखिये, मिश्रण चाकू की नोक से नहीं चिपकता है). बेसन का ढोकला बन गया है, गैस बन्द कर दीजिये, ढोकला को थाली बर्तन से निकालिये, ठंडा कीजिये और चाकू को किनारे पर चला कर किनारे से ढोकला अलग कीजिये.  ढोकला की थाली को किसी दूसरी थाली या प्लेट में पलट कर बेसन का ढोकला निकालिये. चाकू से अपने मन पसन्द आकार में ढोकला काट लीजिये.

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इस तरह लगाएं तड़का

– छोटी कढ़ाई में तेल डालिये, तेल गरम होने के बाद, राई डालिये, राई तड़कने के बाद हरी मिर्च डाल कर हल्का सा तलिये, अब इस मसाले में आधा कप पानी (100 ग्राम पानी) डाल दीजिये, नमक और चीनी भी डाल दीजिये.  उबाल आने पर गैस बन्द कर दीजिये, और नीबू का रस मिला दीजिये. इस तड़के को चम्मच से ढोकले के ऊपर सभी जगह डालिये.  हरा धनियां या कद्दूकस किये हुये नारियल को ऊपर से डाल कर सजाइये. गरमा गरम गुजरात का फेमस ढोकला अपनी फैमिली और फ्रैंड्स को सर्व करें.

5 टिप्स: मौनसून में ऐसे रखें स्किन का ख्याल

देश के कईं हिस्सों में मौनसून की शुरूआत हो चुकी है, लेकिन क्या आपने मौनसून में स्किन का ख्याल रखने की तैयारी की है. आजकल पौल्यूशन इतना बढ़ गया है कि ये मौनसून में ज्यादा प्रौब्लम पैदा करता है. बारिश जितना हमें गरमी से राहत दिलाती है उतना ही स्किन के लिए बीमारियां पैदा करती है. इसीलिए आज हम आपको मौनसून की शुरूआत में ही बताएंगे कि स्किन का ख्याल कैसे रखें.

1. मौनसून में क्लीनिंग का रखें ख्याल

बारिश के मौसम में गंदगी के कारण ज्यादातर बीमारियां फैलती हैं. इसलिए जरूरी है कि आप बरसात में भी सफाई का ख्याल रखें. बारिश में आप अपने हाथ, फेस और पैरों को टाइम से क्लीन करते रहें. फेस के लिए कोशिश करें कि दिन में दो बार स्किन के हिसाब से फेस वौश से फेस क्लीन करें. इसके लिए आप चाहें तो वाटरप्रूफ क्लींजर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

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2. मौनसून में स्किन टोनिंग भी है जरूरी

बारिश के मौसम में आसपास नमी ज्यादा रहती है. ऐसे में स्क‍िन पोर्स भी ब्लौक हो जाते हैं. जिसके कारण अक्सर पिंपल हो जाते हैं. आप चाहें तो कोई अच्छा एंटी-बैक्टीरियल टोनर का इस्तेमाल कर सकती हैं. और अगर आप टोनर मार्केट का इस्तेमाल नहीं करना चाहती हैं तो रोज वौटर का इस्तेमाल कर सकती हैं.

3. मौनसून में ड्राई रहना है जरूरी

मौनसून में गीला होना आम बात है, लेकिन भीगे रहने से कई बार इंफेक्शन का खतरा बना रहता है. मौनसून में कोशि‍श कीजिए कि आपकी स्किन ज्यादा देर तक गीली न रहे. वरना फंगल इंफेक्शन हो सकता है.

4. मौनसून की धूप हो सकती है स्किन के लिए नुकसानदायक

बारिश के बाद जब धूप होती है तो बहुत ही कड़क होती है और अगर धूप में निकलना हो तो बिना सनस्क्रीन लगाए नहीं निकलें. सनस्क्रीन से स्किन अल्ट्रा वायलेट किरणों से बची रहती है.

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5. मौनसून में स्किन को मौइश्चराइज करना है जरूरी

लोगों का कहना है कि मौनसून में मौइश्चराइजर का इस्तेमाल करने से स्किन चिपचिपी हो जाती है, लेकिन मौनसून में ही स्किन को पोषण की जरूरत होती ही है. बारिश में बार-बार पानी से भीगने से स्किन ड्राई हो जाती है. जिससे इचिंग और रैशेज हो जाते हैं. ऐसे में मौइश्चराइजर लगाना छोड़े नहीं. आप चाहें तो औयल-फ्री मौइश्चराइजर का इस्तेमाल करना स्किन के लिए अच्छा होगा.

6 टिप्स: मौनसून में बीमारियों से ऐसे रहें दूर

मौनसून की सीजन आते ही हम घरों से बाहर निकलना शुरू करते हैं, लेकिन घर से बाहन निकलते ही हम कईं बीमारियों का शिकार हो जाते हैं. गरमी में बीमारियों से बचना आसान होता है, लेकिन बारिश में पानी जगह-जगह इकट्ठा होने से कईं बीमारियां जैसे डेंगू, मलेरिया, डायरिया आदि बीमारियों के हम शिकार हो जाते हैं. इसीलिए आज हम आपको कैसे मौनसून में भी बिमारियों से बचें रहें इसके कुछ टिप्स बताएंगे…

1. स्ट्रीट फूड से बनाएं दूरी

अगर आप स्ट्रीट फूड के शौकीन हैं, तो बारिश में बाहर का खाना खाने से बचें. मौनसून के दौरान गंदे पानी में उगने वाली सब्जियां आम होती है, इसीलिए घर पर सब्जी बनाने से पहले सब्जियों को अच्छी तरह से धोकर बनाएं.

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2.मच्छरों से बचने की करें कोशिश

मौनसून में मच्छरों का होना आम बात है. इसीलिए मच्छरों से खुद को दूर रखने के लिए मच्छरों से काटने वाली क्रीम जरूर लगाएं. साथ ही इस दौरान मलेरिया से बचने वाली मेडिसिन खाना भी आपके लिए अच्छा होगा.

3. गंदे पानी से रहें बचकर 

गंदे पानी से चलने से बचने की कोशिश करें. गंदे पानी से पैरों में लेप्टोस्पायरोसिस के अलावा कई फंगल इंफेक्शन हो सकते हैं. साथ ही जब भी आपके पैर भीग जायें तो तो अपने पैरों को सूखा लें. गीले सौक्स या गीले जूते पहनने से भी बचें.

4. बारिश में भीगने के बाद भी रखें स्किन का ख्याल

अगर आप बारिश में भीग जाते हैं, तो स्किन की प्रौब्लम्स से बचने के लिए एंटीबैक्टीरिया वाली बिटाडिन को नहाने का पानी में मिलाना न भूलें. दिन में दो बार इससे नहाने से आपकी स्किन क्लीन रहेगी. नमी वाली स्किन कईं प्रौब्लम की शुरूआत कर सकती है.

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5. मौनसून में एसी से बचने की करें कोशिश

मौनसून में अपनी बौडी को गर्म और सूखा रखकर सर्दी और खांसी से बचने की कोशिश करें. गीले बालों और नमी वाले कपड़ों के साथ एसी वाले कमरों में न जाएं. सिंथेटिक कपड़े से बने टाइट कपड़ों को पहनने से बचें.

6. मौनसून में एक्सरसाइज करना न भूलें

अगर आप मौनसून में भी अपनी हेल्थ बनाए रखना चाहते हैं तो जिम जाना या एक्सरसाइज करना न भूलें. अक्सर लोग बारिश में बाहर नही निकलते. इसीलिए अगर आप मौनसून में बाहर नही निकलना चाहते तो घर पर ही एक्सरसाइज करें, इससे आपकी हेल्थ भी अच्छी रहेगी और आप बीमारियों से भी दूर रहेंगे.

MISS INDIA 2019: राजस्थान की इस लड़की ने जीता दिल

फेमिना मिस इंडिया 2019 की विनर का ताज इस बार राजस्थान की सुमन को मिला है. फेमिना मिस इंडिया 2019 के इस फंक्शन में कई सारे बौलीवुड स्टार्स ने जैसे नेहा धूपिया, हुमा कुरैशी, विक्की कौशल, चित्रांगदा सिंह, रेमो डिसूजा पहुंचे. वहीं सुमन के इस मिस इंडिया 2019 बनने के बाद उनकी फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं हैं.

मिस राजस्थान भी रह चुकी हैं सुमन

मिस इंडिया 2019 का खिताब हासिल करने वाली सुमर राव राजस्थान से ताल्लुक रखती है और वह मिस राजस्थान भी रह चुकी हैं. चार्टेड एकाउंटेंट की पढ़ाई करने वाली सुमन राव अपनी इस उपलब्धि को लेकर बेहद खुश दिखीं.

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लास्ट विनर ने पहनाया ताज

सुमन राव को बीते साल की विजेता मिस इंडिया 2018 अनुकृति दास ने ताज पहनाया. इस ग्रैंड इवेंट की फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं. वहीं सुमन राव अब मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता के लिए भारत का प्रतिनिधित्व भी करेंगी.

2018 में भी फर्स्ट रनर अप रह चुकीं हैं सुमन

माता-पिता के बेहद करीब रहने वाली सुमन राव अपने पैरेंट्स से काफी प्रभावित भी हैं. सुमन का कहना है कि वो हर उस चीज को करने की हिम्मत रखती हैं जो दूसरे लोग मुश्किल मानते हैं. सुमन साल 2018 में भी फर्स्ट रनर अप चुनी गई थी।

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मिस वर्ल्ड के लिए करेंगी भारत का प्रतिनिधित्व

मिस वर्ल्ड का खिताब अपने नाम कर चुकीं सुमन राव के लिए अगली बड़ी चुनौती विश्व स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने की होगी. इससे पहले 2017 में भारत का प्रतिनिधत्व करने वाली मानुषी छिल्लर ने भारत का मान बढ़ाते हुए 2017 मिस वर्ल्ड का खिताब अपने नाम किया था.

कटरीना को छोड़ फिर यूलिया के साथ दिखें सलमान, देखें फोटोज…

बौलीवुड के दबंग खान यानी सलमान खान अपनी रूमर्ड गर्लफ्रेंड यूलिया वंतूर के साथ पार्टी में जाने से एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं. बीती रात यानी रविवार को सोहेल खान के बेटे युहान की बर्थडे पार्टी में खान खानदान नजर आया तो वहीं सलमान के साथ यूलिया भी नजर आईं. आइए आपको दिखाते हैं पार्टी में शामिल हुए खास मेहमानों की फोटो…

लूलिया संग भतीजे के बर्थडे में पहुंचे सलमान

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एक्टर सलमान अपने प्यारे भतीजे युहान के बर्थडे में यूलिया वंतूर के साथ कार में एक साथ पहुंचे, जिसकी फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.

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सलमान की मां सलमा खान भी आईं नजर

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सलमान खान की मां भी अपने पोते के बर्थडे पर साथ नजर आईं. जहां उन्होंने फोटोज भी क्लिक करवाईं.

पिता सलीम खान भी वाइफ हेलेन के दिखे साथ

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पार्टी में सलमान खान की मां सलमा के साथ-साथ उनकी दूसरी मां यानी  हेलेन भी पहुंची थी. जहां पिता सलीम खान भी साथ आए नजर

बेटे के बर्थडे पर कूल अंदाज में दिखी मौम सीमा खान

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सोहेल की पत्नी यानी बेटे युहान की मौम सीमा खान बेटे की बर्थडे पार्टी में  कूल लुक में नजर आईं.

अरबाज खान की गर्लफ्रेंड भी रहीं पार्टी का हिस्सा

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भतीजे की जन्मदिन पार्टी में जहां अरबाज खान मस्ती में नजर आएं, तो वहीं गर्लफ्रेंड जौर्जिया भी पार्टी का हिस्सा बनती नजर आईं.

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आर्यन खान भी हुए स्पौट

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मलाइका अरोड़ा और अरबाज खान के बेटे आर्यन खान भी इस पार्टी का हिस्सा बनते हुए नजर आए, लेकिन वह मीडिया से बचते नजर आए.

सिंपल और एलिगेंट लुक में नजर आई लूलिया वंतूर

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सलमान के भतीजे के बर्थडे में जहां सभी सजधज कर पहुंचे तो वहीं यूलिया वंतूर सिंपल और एलिगेंट लुक में नजर आई.

पार्टी में सलमान की हिरोइन रह चुकीं डेजी भी पहुंचीं

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बर्थडे पार्टी का हिस्सा कुछ बौलीवुड सेलेब्स और सलमान खान के बेहद करीबी लोग भी बने. जिनमें एक्ट्रेस डेजी शाह का नाम भी शामिल है.

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अरबाज की एक्स वाइफ की बहन अमृता अरोड़ा भी पहुंची पार्टी में

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अरबाज की एक्स वाइफ यानी मलाइका भले ही बेटे की बर्थडे पार्टी का हिस्सा न बनीं हो लेकिन उनकी बहन अमृता जरुर यहां पहुंची.

बता दें, हाल ही में भारत के प्रमोशन से लेकर हर जगह सलमान के साथ उनकी बेस्ट फ्रेंड यानी कटरीना नजर आती रहीं, वहीं अब यूलिया वंतूर का सलमान के भतीजे की बर्थडे पार्टी में पहुंचने से न्यूज वायरल होना तो लाजिमी है.

6 टिप्स: डिलीवरी के बाद ऐसे रखें खुद को फिट

मां बनना एक खुशी का पल होता है, जिसे हर मां अपनी तरह से जीना चाहती है. मां बनने से पहले तो हर कोई अपनी हेल्थ का ध्यान रखता है, लेकिन प्रैग्नेंसी के बाद कईं महिलाएं अपना ख्याल नहीं रखती, जिससे वह कईं बिमारियों का शिकार हो जाती हैं. वहीं बौलीवुड एक्ट्रेस की बात की जाए तो वह मां बनने के बाद भी स्लिम एंड फिट नजर आती हैं, लेकिन कुछ महिलाएं मां बनने के बाद खुद को रिटायर समझने लगती हैं और सोचने लगती हैं कि अब उन की फिगर पहले जैसा आकार नहीं ले सकती. इसलिए वे अपनी फिटनेस को लेकर लापरवाह हो जाती हैं, जिससे उनकी बौडी थुलथुली हो जाती है व स्किन डल हो जाती है. पर बच्चा पैदा होने के बाद अगर थोड़ा ध्यान खुद पर दिया जाए तो किसी भी महिला की हेल्थ नही बिगड़ेगी. इसीलिए आज हम आपको डिलीवरी के बाद भी अपने को फिट और खूबसूरत कैसे रखें इसके बारे में बताएंगे…

1. डिलीवरी के बाद कब शुरू करें एक्सरसाइज

प्रौफेशनल का कहना है अगर डिलीवरी नौर्मल हुई हो तो डिलीवरी के 6 हफ्तों के बाद कोई भी महिला एक्सरसाइज शुरू कर सकती है और अगर डिलीवरी सिजेरियन हुई हो तो 3 महीनों के बाद महिला एक्सरसाइज शुरू कर सकती है. डिलीवरी के समय वेट गेन होना यानी वजन का बढ़ना नौर्मल है. हर महिला 9 किलोग्राम से 11 किलोग्राम तक वेट गेन करती है. चूंकि इस समय फिजिकल एक्टिविटीज नहीं होती और घी, ड्राई फू्रट्स आदि हाईकैलोरी वाली चीजों का सेवन ज्यादा किया जाता है, तो वजन बढ़ ही जाता है. अगर रोज एक्सरसाइज और खानपान का ध्यान रखा जाए तो बढ़ते वजन को घटाया जा सकता है.

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2. ऐसे कैसे करें डिलीवरी के बाद एक्सरसाइज

सबसे अच्छी एक्सरसाइज वौकिंग है. जितना अधिक चल सकें चलें, पानी बौडी को मूव करती रहें. शुरुआत सरल एक्सरसाइज से करें. शुरू में 15 मिनट ही एक्सरसाइज करें. धीरे-धीरे एक्सरसाइज का समय बढ़ा कर 45 मिनट करें. टोनिंग, ब्रीदिंग आदि एक्सरसाइज करें. ध्यान रहे हैवी  पीरियड्स के दौरान एक्सरसाइज न करें. एक्सरसाइज उतनी ही करें जिस से थकान न हो. ऐसी एक्सरसाइज भी न करें जिससे शरीर में खिंचाव या दर्द महसूस हो. डिलीवरी के बाद हारमोनों के प्रभाव से जोड़ों में ढीलापन आ जाता है. पेट की मांसपेशियां ढीली पड़ जाती हैं. ऐसे में एक्सरसाइज द्वारा उन्हें मजबूत बनाया जा सकता है.

3. केगेल एक्सरसाइज का करें इस्तेमाल

डिलीवरी के बाद योनि पर नियंत्रण कम होने से हंसते या खांसते समय यूरिन पास होने लगता है. इस प्रौब्लम के लिए केगेल एक्सरसाइज बहुत जरूरी है. यह ढीली हो चुकी योनि को मजबूत बनाती है. इस एक्सरसाइज द्वारा योनि को संकुचित किया जाता है. इस एक्सरसाइज में सांस को रोक कर योनि को 10-15 सैकंड तक सिकोड़ कर रखें. फिर ढीला छोड़ दें. इस एक्सरसाइज को दिन में 5 बार करें. इस से योनि की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, उनका ढीलापन कम होता है.

4. पेट की एक्सरसाइज है जरूरी

पेट की मांसपेशियों के लिए पीठ के बल लेट जाएं और घुटनों को मोड़ लें. पेट पर दोनों हाथ क्रौस की मुद्रा में रखें. फिर सिर को उठाएं. सिर उठाने पर पेट की मांसपेशियां सख्त हो जाएंगी. फिर एक गहरी सांस लें. फिर सांस छोड़ते हुए सिर और कंधों को 45 डिग्री के कोण तक उठाएं और पेट की मांसपेशियों को सख्त कर लें. धीरे-धीरे वापस पहले वाली स्थिति में आ जाएं. इस एक्सरसाइज को धीरे-धीरे बढ़ाते हुए रोज 50 बार करें.

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5. डिलीवरी के बाद मौर्निंग वौक है फायदेमंद

अगर आप हमेशा फिट रहना चाहती हैं और अपने चेहरे की चमक भी बरकरार रखनी है तो प्रतिदिन वाकिंग को अपनी आदत में शामिल करें. इससे ब्लड में कोलैस्ट्रौल कम होने के साथ-साथ हृदयरोग का खतरा भी कम होता है. जोड़ भी मजबूत होते हैं और शरीर में मैटाबोलिज्म की गति तीव्र होती है. वौक आपकी रोगप्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है. इससे इमोशनल सपोर्ट भी मिलता है.

6. खानपान का रखें ध्यान

आप प्रोटीनयुक्त भोजन करें तो ज्यादा फायदा होगा. हम जो भोजन करते हैं उसमें 60% कार्बोहाइड्रेट और 25 से 40% वसा होती है जबकि प्रोटीन कम होता है. कार्बोहाइड्रेट व वसा की मात्रा कम कर के यदि प्रोटीन की मात्रा बढ़ा दें तो मोटापा आसानी से कम किया जा सकता है.

महाराष्ट्र की फेमस पूरन पोली करें घर पर ट्राय 

सपनों का शहर कहा जाने वाला मुंबई जहां लोग अपने सपने पूरे करने जाते हैं, वह सिर्फ स्टार्स के लिए ही फेमस नही हैं बल्कि अपने खाने के लिए भी फेमस है. मुंबई महाराष्ट्र का ही हिस्सा है, जहां कई तरह का खाना मिलता है, जो हेल्दी के साथ-साथ अफोर्डेबल भी है. जिनमें पूरन पोली भी आता है. ये महाराष्ट्र का सबसे फेमस खाना है, जिसे लोग बड़े मजे से खाते हैं. आज हम आपको पूरन पोली की रेसिपी बताएंगे जिसे आप अपनी फैमिली के साथ ब्रेकफास्ट में बनाकर खा सकते हैं.

हमें चाहिए

1/ 2 कप चीनी

3 छोटी इलाइची का पाउडर

1 चुटकी नमक

4 बड़ा चम्मच दूध

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2 छोटे चम्मच चावल का आटा

1/ 2 कप चना दाल

1 /2 कप घी

1/ 4 कप पानी

आवश्यकता अनुसार रिफाइंड तेल

1 /2 छोटा चम्मच जायफल पाउडर

बनाने का तरीका

– सबसे पहले एक बाउल में आटा और पानी को अच्छे से मिलाकर कढ़ा गूंथ लें. फिर उस आटे को एक घंटे के लिए ढका अलग छोड़ दें. इसके बाद प्रेशर कुकर में दाल और पानी मिलाकर तेज आंच पर पकाएं और दाल पकने के बाद उसे अच्छे से निचोड़कर बचे पानी से अलग कर लें.

– इसके बाद दाल को एक बाउल में निकालकर ठंडा होने के लिए छोड़ दें. फिर ठंडी दाल को एक गर्म पैन में मध्यम आंच पर पकाएं और उसमें चीनी और 1/2 बड़ा चम्मच घी साथ में डाल दें. जब तक दाल का मिश्रण नरम और चिपचिपा ना हो जाए तब तक धीमी आंच पर लगातार चलाते हुए पका लें. एक बार हो जाने पर गैस बंद करके इस मिश्रण को अलग रख लें.

– उसके बाद आटे को एक बार फिर नमक, पानी और तेल एक-एक करके डालकर गूंथ लें, जब तक कि आटा अच्छे से मुलायम ना हो जाए.

– इसके बाद दाल और चीनी के मिश्रण को ग्राइंड कर लें और अगर मिश्रण ज्यादा सूख गया है तो थोड़ा-थोड़ा दूध मिलाकर पिस लें. फिर उसमें इलाइची और जायफल का पाउडर मिला दें.

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– अब आप आटे की नींबू के बराबर लोई लेकर, उससे थोड़ी सी बड़ी दाल की गोली तैयार कर लें. फिर चावल का आटा छिड़क कर इनके दो 7 इंच गोल रोटी बेल लें.

– अब दाल के मिश्रण को बेले गए आटे पर किनारों से आधा इंच छोड़कर फैला लें और फिर दूसरी बेली गई रोटी से कवर कर दें. इसके बाद एक बार फिर बेल कर इस पूरी प्रक्रिया को आपस में पके तौर पर चिपका लें. आखिर में यह एक गोल मोटी रोटी की भांति लगेगा, जिसके किनारे एकदम अच्छे से चिपके होंगे.

– इसके बाद तवा गर्म करके उस पर पूरन पोली सेक लें. दोनों तरफ से अच्छे से पक जाए इसके लिए बीच-बीच में प्रेशर डालें और पलटते रहें. तवे पर घी डालकर सभी तरफ से एक बराबर भूरा होने तक सेंक लें,ध्यान रहे यह तवे पर चिपकने नहीं चाहिए. अब आपकी पूरन पोली को अपनी फैमिली को ब्रेकफास्ट में गरमागरम परोसें.

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