तू तो नामर्द निकला

अनिल और श्रुति का कई महीने से मिलनाजुलना था. वे दोनों इस रिश्ते को अब शादी में बदलना चाहते थे. एक दिन श्रुति ने उस से कहा कि शादी से पहले वह अनिल के साथ एक बार हमबिस्तर होना चाहती है, लेकिन अनिल शादी से पहले हमबिस्तर होने के पक्ष में नहीं था. दरअसल, श्रुति नहीं चाहती थी कि उसे शादी के बाद सैक्स संबंधों को ले कर किसी तरह की समस्या झेलनी पडे़, लेकिन जब अनिल श्रुति की दलील सुनने को तैयार नहीं हुआ तो श्रुति को अनिल की मर्दानगी पर कुछ शक होने लगा.

अब श्रुति अनिल को परखना चाहती थी. इसलिए उस ने अनिल के साथ एक दिन बाहर घूमने का प्रोग्राम बनाया और दोनों एक पिकनिक स्पौट पर साथसाथ एक ही कमरे में रुके, जहां श्रुति ने अनिल के साथ छेड़छाड़ शुरू की, लेकिन इस का अनिल पर कोई असर नहीं हुआ. वह अनिल को सैक्स संबंध बनाने के लिए खुला औफर दे रही थी, लेकिन अनिल के सैक्स के नाम पर दूर भागने से उस के मन में शक का कीड़ा कुलबुलाने लगा.

श्रुति ने कहा कि अगर उस ने उस के साथ सैक्स करने से इनकार किया तो वह लोगों से चिल्ला कर कहेगी कि होटल के कमरे में उसे अकेला पा कर उस ने जबरदस्ती करने की कोशिश की है. आखिर अनिल भी श्रुति के सामने अपने कपडे़ उतारने को तैयार हो गया, लेकिन लाख प्रयासों के बाद भी अनिल सैक्स के मामले में फुस्स साबित हुआ तो श्रुति का गुस्सा सातवें आसमान पर था, क्योंकि उसे अनिल के नानुकुर का राज पता चल चुका था. वह बोली कि तुम अपनी नामर्दी की बात जानते हुए भी मुझ से यह बात छिपाते रहे. तुम ने प्यार के नाम पर मेरे साथ धोखा किया है.

नामर्दी छिपाने के लिए की जाती है शादी

नामर्दी के मामले में होने वाली शादियां भी अकसर धोखे से ही की जाती हैं, जिस का बाद में खुलासा होना निश्चित होता है. फिर भी नामर्दी के शिकार लोग कालेज में घंटों लड़कियों का इंतजार करने व उन पर डोरे डालने से बाज नहीं आते और जब बात प्यार व सैक्स तक पहुंचती है तब वे अपने पार्टनर के साथ सैक्स करने में आनाकानी करते हैं, ज्यादातर मामलों में शादी से पहले सैक्स संबंध स्थापित न हो पाने की वजह से उस के होने वाले जीवनसाथी को यह पता ही नहीं चलता कि जो व्यक्ति उस के साथ अपनी मर्दानगी की बड़ीबड़ी बातें कर रहा है वह बिस्तर पर जाने के बाद फुस्स साबित होगा.

रिचा के मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ. डाक्टरी की पढ़ाई के दौरान ही वह अपने सहपाठी से प्रेम कर बैठी और बाद में दोनों ने शादी कर ली, लेकिन जब शादी की पहली रात रिचा के लाख प्रयास के बाद भी उस का पति संबंध नहीं बना पाया तो उस ने पति से कहा कि जब उसे पता था कि वह नामर्द है तो फिर मुझे धोखे में रख कर शादी क्यों की? उस के पति राजेश ने उसे विश्वास दिलाया कि उस की यह नामर्दी अस्थायी है जो कुछ दवाओं से दूर हो सकती है, चूंकि रिचा और राजेश मैडिकल सैक्टर से ही थे, इसलिए उन्होंने इस बात को सावधानी से लिया और राजेश आज अपनी अस्थायी नामर्दी से मुक्ति पा कर सफल वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रहा है.

चूंकि रिचा एक डाक्टर थी इसलिए उसे पता था कि नामर्दी क्या होती है और उस का निदान किस तरह से संभव है, लेकिन ज्यादातर नामर्दी के मामलों में समस्या को दूर नहीं किया जाता. ऐसे में स्थिति तलाक तक पहुंच जाती है या फिर महिला के अपने पति के अलावा किसी दूसरे के साथ शारीरिक संबंध स्थापित हो जाते हैं, जो आगे चल कर हत्या या आत्महत्या का कारण भी बन जाता है.

सौम्या के मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ. उस ने कालेज लाइफ में एक युवक से प्रेम किया और उस की रजामंदी से शादी भी हो गई, लेकिन शादी की पहली रात जब सौम्या का पति उस से सैक्स संबंध न बना पाया तो सौम्या और उस के पति में तूतू मैंमैं हो गई और वह बोली कि जब तुम नामर्द थे तो तुम ने मुझ से प्रेम क्यों किया और यह बात छिपा कर शादी क्यों की.

शादी के दूसरे दिन ही सौम्या ने अपने सासससुर से कहा कि वह उन के बेटे से तलाक लेना चाहती है, क्योंकि वह नामर्द है.

सौम्या के मामले में उस का पति शादी न कर के अपनी किरकिरी से बच सकता था, लेकिन शादी के लिए उस ने नामर्दी की बात छिपा कर लोगों में अपनी जगहंसाई कराई, जिस की वजह से वह घोर मानसिक निराशा का शिकार हो गया.

इस तरह के तमाम मामले सामने आते हैं, जिस में युवकों द्वारा युवतियों से धोखे से शादी कर ली जाती है और बाद में पता चलता है कि उस के अंग में या तो तनाव ही नहीं आता या फिर वह सैक्स से पहले ही स्खलित हो जाता है.

शादी से पहले सैक्स संबंध

भारत में शादी से पहले सैक्स संबंध बनाना गलत माना जाता है. ऐसे में जब शादी हो जाए और बिस्तर पर जाने के बाद यह पता चले कि जिस मर्द के साथ उस की शादी हुई है वह नामर्द है तो शादी से पहले संजोए गए उस के सारे सपनों पर न केवल पानी फिर जाता है बल्कि वैवाहिक जीवन भी बरबाद हो जाता है. ऐसे में अगर युवती ने अपने होने वाले पति के साथ शादी से पहले सैक्स संबंध बनाए हैं तो निश्चित ही उस का वैवाहिक जीवन सुखमय बीतेगा, क्योंकि उसे यह पता होता है कि वह जिस के साथ शादी करने जा रही है उस के साथ सैक्स संबंध सफल होंगे या नहीं.

कालेज लाइफ के दौरान प्यार हो जाना आम बात है और ज्यादातर मामलों में प्यार शादी में बदल जाता है. ऐसे में प्यार करने वाले युवकयुवती में शादी से पहले सैक्स संबंध बन जाना आम बात है. इसे आमतौर पर अच्छा भी माना जा सकता है, क्योंकि इस तरह से शादी करने में धोखे की आशंका एकदम समाप्त हो जाती है.

शादी से पहले अपने होने वाले पति के सैक्स की जानकारी रखना हर महिला का अधिकार होना चाहिए और यह बिना सैक्स संबंध बनाए संभव नहीं है. इसलिए पुराने दकियानूसी खयालों से निकल कर युवाओं को इस की पहल करनी होगी.

नपुंसकता के कारण

सैक्स संबंध में संतुष्टि के मानदंडों का आकलन करना कठिन है, लेकिन शादी से पहले युवती व उस के परिवार वालों को चाहिए कि जिस युवक के साथ उस की बेटी की शादी होने जा रही है वे इस मसले पर उस से खुल कर बात करें और अगर कहीं शक की गुजाइंश हो तो उस युवक से दूरी बना लेनी चाहिए.

यह भी जरूरी नहीं कि पुरुष जिसे नामर्दी समझ रहा है वह असल में हो. यह उस का भ्रम भी हो सकता है, क्योंकि उस के अंग में तनाव न आना किन्हीं दूसरे कारणों की वजह हो सकता है. ऐसे में पुरुष को भी चाहिए कि एक बार सैक्स स्पैशलिस्ट से सलाह जरूर ले.

नामर्दी के ज्यादातर मामले स्थायी नहीं होते. अंग में तनाव न आना, कुछ ही क्षणों में हमबिस्तरी के दौरान पस्त हो जाना, अस्थायी नामर्दी में गिना जाता है. जिस का इलाज संभव है. अगर इस में उस की महिला मित्र द्वारा समझदारी और संयम दिखाया जाए तो पति की इस समस्या से नजात दिलाने में वह मदद कर सकती है.

सैक्स विशेषज्ञ डा. मलिक मोहम्मद अकमलुद्दीन का कहना है कि नामर्दी के मामले में यह देखा गया है कि या तो पुरुष के अंग में तनाव आता ही नहीं है और किसी तरह तनाव आता भी है तो वह सैक्स संबंध बनाने से पहले ही पस्त हो जाता है. इस का मतलब जरूरी नहीं कि वह नामर्द हो. हो सकता है कि वह अस्थायी नामर्दी का शिकार हो. इस अस्थायी नामर्दी के तमाम कारण हो सकते हैं, जिन में मानसिक अवसाद, नशा, धूम्रपान, मधुमेह, हृदय रोग, हाई ब्लडप्रैशर और दवा की अत्यधिक डोज लेना भी शामिल हैं. नामर्दी का कारण अंग में चोट लगने की वजह भी होता है, जिसे समय से इलाज कर दूर किया जा सकता है. इसलिए अगर कोई अस्थायी नपुंसकता का शिकार है तो उसे किसी योग्य डाक्टर को दिखाना चाहिए.

ज्यादा उम्र के शख्स से शादी करने से बचें

आप यदि अपनी उम्र से दोगुनी उम्र के बड़े व्यक्ति से शादी का विचार मन में ला रही हैं तो इस खयाल को मन से निकाल दीजिए, क्योंकि ज्यादातर मामलों में पति की उम्र में ज्यादा अंतर होने से सैक्स ताकत जल्दी खत्म हो जाती है फिर पत्नी को या तो सैक्स के बिना तड़पते हुए बाकी जीवन काटने पर मजबूर होना पड़ता है या तो किसी गैर मर्द से संबंध स्थापित करना पड़ता है, जो ठीक नहीं है.

दूर हो सकती है नामर्दी

पुरुषों की तंत्रिका तंत्र संबंधी बीमारियां भी नामर्दी का कारण बन सकती हैं. अगर इन समस्याओं से नजात पा ली जाए तो निश्चय ही नामर्दी की समस्या से छुटकारा मिल सकता है. डा. अकमलुद्दीन के अनुसार अगर पुरुष को लगता है कि उस के अंग में तनाव नहीं आ रहा है तो उसे डाक्टर से परामर्श लेना नहीं भूलना चाहिए, क्योंकि नामर्दी के 75त्न मामलों में नामर्दी से छुटकारा पाया जा सकता है.

पुरुष की नामर्दी को दूर करने में महिला पार्टनर भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. उसे कोशिश करनी चाहिए कि पार्टनर के साथ संयम और प्यार से पेश आए और उस में मानसिक तनाव और निराशा की भावना को न उपजने दे.

यदि पति की दिनचर्या अनियंत्रित है तो उस में भी सुधार करने के प्रयास करने चाहिए, पति के अच्छे खानपान व नियंत्रित लाइफस्टाइल को बढ़ावा देना चाहिए. इन उपायों को अपना कर कुछ हद तक नामर्दी की समस्या से नजात पाई जा सकती है.

नामर्दी से छुटकारा दिलाने वाली कई दवाएं भी बाजार में उपलब्ध हैं जिन का सेवन करने से अंग में पर्याप्त तनाव आ जाता है, लेकिन दवाओं का उपयोग बिना डाक्टर के परामर्श के नहीं करना चाहिए. यह जानलेवा भी साबित हो सकता है.

नार्मदी दूर करने में वैक्यूम पंप कारगर साबित हुआ है. रक्त कोशिका संबंधित समस्या या रक्त विकार से पीडि़त पुरुषों के लिए यह उपयोगी साबित हुआ है. यह एक तरह का वैक्यूम पंप होता है जिस को पुरुष अपने अंग में डाल कर पंप करता है. इस से उस के अंग में तनाव आ जाता है और वह सैक्स के लिए तैयार हो जाता है. इस पंप का उपयोग बिना डाक्टरी सलाह के नहीं किया जाना चाहिए. सैक्स से पहले फोरप्ले व आफ्टर प्ले भी कारगर उपाय हैं. इस से जोश में वृद्धि होती है जिस से अंग में रक्त संचार बढ़ने से तनाव आ सकता है.

स्थायी नामर्दी की दशा में पुरुष को शादीविवाह जैसे पचडे़ से दूर रहना चाहिए, क्योंकि न तो यह शादी सफल हो सकती है और न ही उस का विवाहित जीवन.

अगर मातापिता की तरफ से अरेंज मैरिज का दबाव बनाया जाए तो नामर्दी के शिकार युवक को खुल कर अपनी समस्या उन्हें बतानी चाहिए, ताकि सोचसमझ कर फैसला लिया जा सके और शादी के बाद होने वाली किल्लत और जिल्लत दोनों से बच सकें.

कपड़े धोने के कुछ आसान से टिप्स

कपड़े धोना उन कुछ बुनियादी कामों में से होता है जिनसे हर गृहणी सही से परिचित होती है और जमाने से ऐसा होता चला आ रहा है कि लड़कियों को मां घर के कामों के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी धीरे-धीरे देती रहती है और शादी तक लड़की को हर काम में पारंगत बना दिया जाता है.

लेकिन आजकल आजकल लड़कियां कंधे से कंधा मिलकर लडकों के साथ चल रही है तो उनके साथ ऐसा नहीं हो तो भी कोई नयी बात नहीं और सामान्य तौर पर हम में से कोई भी कपडे धोने तो जानता ही होता है लेकिन वॉसिंग मशीन से कपड़े धोते समय आप कुछ बातों का ध्यान रखते हुए अपने काम को और भी सुगम बना सकती हैं.

तो आज कपड़े धोने के कुछ आसान तरीकों पर बात करते है–

1. सबसे पहली चीज जो आपको ध्यान में रखने की जरुरत है वो ये है कि आपको एक साथ भारी कपड़े और हलके कपड़े नहीं धोने चाहिए क्योंकि दबाव के कारण जो हल्के कपड़े है वो भारी कपड़ों से उलझ कर फट सकते है या उनके कलर को नुक्सान हो सकता है.

2. कपड़ों को धोने के लिए अलग करते समय ध्यान रखें कि उन्हें दो वर्गो के में बांट दें क्योंकि ज्यादा गंदे कपड़े एक साथ धोने और कम गंदे कपड़े धोने की अपनी सुविधा है आप इस से पानी और डिटर्जेंट की बचत कर सकते है.

3. चादरों को धोते समय उन्हें एक साथ नहीं धोएं क्योंकि ऐसे में उनमे सलवटे आ जाती है इसलिए उन्हें एक-एक कर के धोएं और अगर संभव हो तो उनके साथ आप एकदम छोटे कपड़ों को डाल सकते है.

4. डेनिम जैसे भारी कपड़े के साथ ऐसा करें कि एक तो उन्हें ठन्डे पानी में धोये और उन्हें धोते समय उल्टा कर लें और छाया में सुखाये इस से आपके कपड़े ज्यादा समय तक खराब नहीं होते.

5. रंगीन कपड़े जब हम ले कर आते है उनके पहली बार धोते समय रंग उतरने की सम्भावना होती है इसलिए उन्हें बाकि कपड़ों के साथ डालने से पहले उनको जांच लें और उन्हें गीला करके एक सफेद रंग के या हलके रंग के किसी कपड़े के टुकड़े के साथ रगड़ कर देख लें अगर कपड़े रंग छोड़ते है तो आप उन्हें अलग करके धोएं और या जब तक उन्हें धोते रहें जब तक वो रंग छोड़ना बंद न कर दें.

6. अक्सर हम छोटे कपड़े जैसे मोजे और अन्य चीजे उनको बाकी कपडों के साथ धोने के लिए डाल देते है और बाद में उन्हें खोजते है क्योंकि वो बड़े कपड़ों में खो जाते है और उलझ जाते है जिसकी वजह से बड़ी मुश्किल होती है. इसलिए एक आसान सा तरीका है आप किसी पुराने तकिये के कवर में डाल कर उन्हें धोये इस से वो बाकि कपड़ों के साथ मिक्स नहीं होंगे और या फिर उन्हें सबसे पहले मशीन में डाल दे और बाद में बाकि कपड़े डालें.

7. जिप वाले कपड़ों के मामले में ध्यान दें उन्हें धोते समय उनकी चैन बंद कर दें क्योंकि वो बाकि कपड़ो में अगर उलझ जाती है तो कपड़ों को नुकसान पहुंच सकती है इसलिए इस बात का ध्यान रखें और अगर कपड़े छोटे है तो आप वही तकिये वाली विधि से उन्हें धो सकते है.

8. वैसे अगर सर्दी का मौसम नहीं है और छत पर या आंगन में कपड़े सुखाने के लिए पर्याप्त जगह है तो आप जितना संभव हो ड्रायर का इस्तेमाल नहीं करें क्योंकि एक तो उस से बिजली की भी बचत होती है साथ ही कपड़ों के आकार के साथ कोई खिलवाड़ भी नहीं होता है ऐसे में आप ये भी कर सकते है और अगर सर्दी का मौसम हो तो भी कपड़ों को जरुरत से अधिक ड्राई नहीं करें और न ही ड्रायर को ओवरलोड करें क्योंकि इस से मोटर के जलने का खतरा रहता है और मशीन की कार्यक्षमता पर भी फर्क पड़ता है.

9. मशीन में कपड़े धोने के लिए सबसे सही तरीका होता है पानी और कपड़ों को लोड करने के बाद उस पर डिटर्जेंट को डालें और अगर आप ब्लीच इस्तेमाल कर सकते है तो पानी के बाद ब्लीच डालें.

10. कपड़े धोने के बाद मशीन की सफाई का भी ध्यान रखे और उसमें पानी या अधिक समय तक गीले कपड़े नहीं रखे क्योंकि कपड़े से निकली गंदगी और धूल इकठा होकर पाइप में फस सकती है इसलिए कोशिश करें कपड़े ज्यादा देर भिगोकर नहीं रखे और समय-समय पर मशीन की साफ-सफाई करते रहे.

जेब में है सिर्फ 5 हजार तो इन खूबसूरत जगहों की करें सैर

कई बार ऐसा होता है कि आप कहीं छुट्टी पर जाने की सोचती हैं, लेकिन आपका बजट बहुत कम होता है. ऐसे में आप उन जगहों के बारे जानना चाहती होंगी. जहां आप कम बजट में भी घूम सकती हैं. अगर आप भी बजट ट्रिप के बारे में सोच रही हैं, तो हम आपको ऐसी परफेक्ट डेस्टिनेशन के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां आप 5000 में भी घूम सकती हैं.

शाही ओरछा

मध्य प्रदेश में बेतवा नदी के किनारे स्थित ओरछा एक शाही शहर है. बारिश के सीजन में इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है. नेचुरल ब्यूटी के अलावा यह डेस्टिनेशन मंदिरों और महलों के लिए भी मशहूर है. यहां पर 2 रात 3 दिन रुकने के लिए आपको खर्च करने पड़ेंगे. अगर आप ट्रैवल पैकेज में जाती हैं, तो यह खर्च महज साढ़ें 3 हजार तक आ सकता है. यहां देखने लायक जगहों में है, राम राजा मंदिर, ओरछा का किला, जहांगीर महल, चतुर्भुज मंदिर और राजा महल.

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डलहौजी

अगर आपको पहाड़ों और प्राकृतिक खूबसूरती से प्यार है, तो हिमाचल प्रदेश स्थित डलहौजी आपको बेहद लुभाएगा. यहां की हरियाली मौनसून के सीजन में देखने लायक होती है जो आपका मन मोह लेगा. यहां पर रुकने के लिए प्रति व्यक्ति 2 रात 3 दिन का पैकेज सिर्फ 5000 रुपये का है. यहां पर आसपास भी कई जगहें घूमने लायक हैं.

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माउंट आबू

राजस्थान का सबसे खूबसूरत हिल स्टेशन है माउंट आबू. यहां का दिलवाड़ा मंदिर काफी मशहूर है. यहां आने के लिए आपकी जेब पर ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा. 2 रात 3 दिन तक ठहरने का किराया आपको तकरीबन 5,000 रुपये तक देना होगा.

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वैली औफ फ्लावर

उत्तराखंड का वैली औफ फ्लावर घूमने के लिहाज से बेस्ट औप्शन है. यहां आपको हर तरह के फूल मिल जाएंगे. वाइल्ड रोज, डालिया, सैक्सिफेज, गेंदा जैसे कई फूल यहां पाए जाते हैं. यहां पर 2 रात 3 दिन ठहरने का किराया महज 3,500 रुपये है.

 

सैक्स : भ्रम से निकलें युवा

अकसर युवा सैक्स को ले कर कई तरह की भ्रांतियों से घिरे रहते हैं. अपनी गर्लफ्रैंड से सैक्स को ले कर अपने इमैच्योर फ्रैंड्स से उलटीसीधी ऐडवाइज लेते हैं और जब उस ऐडवाइज का सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ता है तो शर्मिंदगी से किसी से बताने में संकोच करते हैं. यहां युवाओं को यह बात समझनी जरूरी है कि सैक्स से सिर्फ मजा ही नहीं आता बल्कि इस से सेहत का भी बड़ा गहरा संबंध है.

सैक्स और सेहत को ले कर कम उम्र के युवकों और युवतियों में ज्यादातर नकारात्मक भ्रांतियां फैली हैं. स्वास्थ्य के लिए सैक्स कितना अच्छा है, यह बात न इन्हें स्कूल और कोचिंग सैंटर्स में पढ़ाई जाती है और न ही पैरेंट्स सैक्स ऐजुकेशन को ले कर इतने जागरूक हैं कि अपने युवा बच्चों को सैक्स और सेहत के बीच के सही तालमेल और पोजिटिवनैगेटिव फैक्टर्स से रूबरू करा सकें.

आएदिन देशदुनिया में कहीं न कहीं सैक्स और सेहत को ले कर रिसर्च होती रहती है जिस से अंदाजा लगाना आसान होता है कि सैक्स कोई बीमारी नहीं बल्कि आप की सेहत के लिए बहुत आवश्यक है बशर्तें इस के बाबत आप को सही गाइडैंस मिली हो.

सैक्स, सेहत और भ्रांतियां

सैक्स के बाद युवतियों के हिप्स और ब्रैस्ट का वजन बढ़ जाता है. सैक्स करने से कमजोरी आती है. सैक्स करने से शरीर में खून की कमी होती है. सैक्स के दौरान भयानक पीड़ा से गुजरना पड़ता है. सैक्स करने से पढ़ाई में मन नहीं लगता. ज्यादा सैक्स करने से वजन कम हो जाता है. सैक्स करने से लड़की तुरंत प्रैग्नैंट हो जाती है. सैक्स तनाव का बड़ा कारण है, सैक्स करने से हार्टअटैक का खतरा बढ़ जाता है. सैक्स का याद्दाश्त पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, सैक्स करने से ब्लड प्रेशर अनियंत्रित रहता है… वगैरावगैरा.

यह तमाम भ्रांतियां आजकल के युवकयुवतियों के दिमाग में घर कर गई हैं. इन के चलते सैक्स को ले कर जो रवैया युवाओं में होना चाहिए, वह नहीं दिखता.

हर मिथक और गलतफहमी के वैज्ञानिक और मैडिकल तथ्य हैं जो इन को सिरे से खारिज करते हैं. मसलन, वजन बढ़ने वाली बात की जाए, तो सैक्सुअल रिलेशन की शुरुआत होते ही युवतियों के हिप्स और ब्रैस्ट का वजन नहीं बढ़ता है. एक तर्क यह है कि युवतियों और महिलाओं के खून में स्पर्म आत्मसात हो जाता है और वह बाहर नहीं निकल पाता, लेकिन समझने वाली बात यह है कि 2-3 मिलीलिटर स्पर्म से मात्र 15 कैलोरी बढ़ती हैं. इसलिए सैक्स को मनोवैज्ञानिक रूप से वजन बढ़ने का सही तथ्य नहीं माना गया है.

विल्किस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक और एक अन्य अमेरिकन शोध बताते हैं कि  सप्ताह में एक या दो बार सैक्स करने से इम्युनोग्लोबुलिन नाम के ऐंटीबौडी में बढ़ोतरी होती है. इसलिए रैगुलर ऐक्सरसाइज करें और हैल्दी डाइट से वजन मैंटेन करें न कि सैक्स न करने से. शोध में यह बात भी सामने आई है कि यह हार्ट के लिए बेहद फायदेमंद है. वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया कि सप्ताह में 2 बार या इस से ज्यादा बार सैक्स करने वाले पुरुषों में दिल की बीमारी होने की आशंका 45 फीसदी तक कम होती है. इतना ही नहीं सैक्स करना आप के ब्लडप्रैशर और हृदयगति के लिए भी अच्छा है. सैक्स के दौरान जितना ज्यादा स्खलन होगा उस से प्रोस्टैट कैंसर होने की आशंका उतनी ही कम होगी.

रिसर्च से यह सच भी सामने आया कि जो लोग ज्यादा तनाव में रहते हैं वे ज्यादा सैक्स करते हैं. ऐसा करने से तनाव दूर हो जाता है. यह शोध मैसाच्यूसैट्स स्थित न्यू इंगलैंड इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिकों ने किया है.

परफैक्ट टाइमिंग है जरूरी

सैक्स के दौरान अगर सेहत को भी अनुकूल रखना चाहते हैं तो युवाओं को सैक्स का समय, माहौल और मानसिक दशा पर सतर्कता बरतने की जरूरत होती है. मान लीजिए आप सैक्स रात को ढाई बजे कर रहे हैं. उस समय एक सैक्स पार्टनर को हलकीहलकी नींद आ रही है. ऐसे में जाहिर है सैक्स का भरपूर आनंद तो मिलेगा नहीं, मानसिक तनाव ही बढे़गा. सैक्स सर्वे भी स्पष्ट करते हैं कि मौर्निंग सैक्स करने वाले ज्यादा खुश रहते हैं और हैल्दी भी यानी सैक्स के साथ टाइमिंग की बड़ी भूमिका है. स्कूल या औफिस से लौट कर सैक्स करने में जो आनंद और शरीर को रिलैक्स मिलेगा उस का अनुपात सुबहसुबह तरोताजा मूड में सैक्स करने वाले कपल से अलग होगा. इस का एक कारण यह भी है कि मोर्निंग सैक्स करने वालों के शरीर में एक ऐसे तत्त्व का रिसाव होता है जो पूरे दिन प्यार बनाए रखने में लाभदायक सिद्ध होता है. हफ्ते में तीन बार सुबहसुबह सैक्स करने वालों को हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा भी कम हो जाता है.

इसी तरह अगर किसी से झगड़ा हुआ है किसी नुकसान के चलते मन अस्थिर है, तो ऐसे समय सैक्स करने से न तो शारीरिक संतुष्टि मिलती है और न सैक्स का मजा, उलटा यह गलती बारबार दोहराने में सैक्स के प्रति मन भी उचटने लगता है और उदासीनता सैक्स लाइफ के लिए बिलकुल भी ठीक नहीं है.

सैक्स से रहें हैल्दी

सैक्स का सेहत से कितना गहरा रिश्ता है इस का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीते साल  स्वीडिश सरकार ने अपने देश के नागरिकों की सैक्स लाइफ से चिंतित हो कर व्यापक पैमाने पर एक स्टडी शुरू की. 2019 में पूरी होनी वाली यह स्टडी इसलिए करवाई गई क्योंकि लोगों का सैक्स के प्रति झुकाव कम हो रहा था. वहां के हैल्थ मिनिस्टर के मुताबिक यदि स्वीडिश नागरिकों की सैक्स लाइफ तनाव और अन्य हैल्थ समस्याओं के कारण प्रभावित हो रही है तब भी यह एक राजनीतिक समस्या है.

सैक्स स्टडी कर रहे शोधकर्ताओं के मुताबिक, ‘‘सैक्स से लोगों की सेहत पर व्यापक असर होता है. जो लोग हफ्ते में कम से कम एक बार सैक्स करते हैं वे सैक्स न करने वालों की तुलना में ज्यादा खुश और प्रोडक्टिव रहते हैं.’’

सैक्स के दौरान न सिर्फ इम्यून सिस्टम बेहतर होता है बल्कि शरीर की फुरती में भी इजाफा होता है. इतना ही नहीं सही मूड, अवस्था और जगह में किए गए सैक्स से बालों, स्किन और नाखूनों को भी बेहतर बनाने में मदद मिलती है. सैक्स करने से हड्डियां और मसल्स भी मजबूत होते हैं. जो सैक्स को ले कर उदासीन रहते हैं उन्हें मीनोपोज के बाद आस्टियोपोरोसिस की समस्या का खतरा रहता है. नियमित सैक्स से एस्ट्रोजन हारमोंस का रिसाव ज्यादा होता है जो सेहत के लिए फायदेमंद होता है. सैक्स ऐक्सपर्ट मानते हैं कि युवाओं में अकसर सैक्स के दौरान एनर्जी लैवल और ऐक्ससाइटमैंट की कमी के चलते तनाव रहता है. ऐसे में वे सुझाव देते हैं कि ऐरोबिक्स शरीर को फिट रखने के लिए सब से बेहतरीन और शानदार वर्कआउट है. इस को करने से शरीर में हमेशा उत्तेजना और फुरती बनी रहेगी. ऐरोबिक्स एनर्जी लैवल को हमेशा बढ़ाए रखता है.

सैक्स, नुकसान और समाधान

जीवनयापन के लिए खाना, पानी, हवा की तरह सैक्स भी एक शारीरिक जरूरत है और इसे सक्रिय रखना युवा रहने के लिए बेहद जरूरी है. एक तरफ जहां सैक्स न करने के कई नुकसान हैं वहीं कुछ हमारी बिगड़ी आदतें ऐसी होती हैं जो हमें सेहत और सैक्स के मोरचे पर कमजोर कर देती हैं.

पहले बात करते हैं सैक्स से जुड़े नफेनुकसानों की. सैक्स न करने वाले हमेशा तनाव में डूबे रहते हैं और यह तनाव हमारे जीवन की सभी जरूरी चीजों को बुरी तरह से प्रभावित करता है. काम, पढ़ाई और निजी संबंधों में तनाव जहर का काम करता है.

जहां सैक्स के कई फायदे हैं वहीं कुछ नुकसान भी हैं. कहते हैं न कि अति हर चीज की बुरी होती है. सैक्स के मामले में यह बात लागू होती है. दिन में 2-3 बार सैक्स करना उसी को सूट करता है जिस का स्टेमिना बेहद अच्छा हो वरना इस से दिल के रोगियों के लिए मुश्किलें भी पैदा हो सकती हैं. इसी तरह जो युवा हस्तमैथुन के आदी हो जाते हैं, उन के लिए भी यह अनहैल्दी हो सकता है. गर्लफ्रैंड नहीं हो जिस की वजह से जो युवा पोर्न का सहारा लेते हैं, धीरेधीरे वे पोर्न के भी इतने आदी हो जाते हैं कि हर पल उन के दिमाग में वही चलता रहता है. इस एडिक्शन के चलते असली सैक्स के दौरान वह उत्तेजना नहीं आती जो पोर्न देखने के दौरान आती है. कई बार युवा अपने साथी दोस्तों, उन की गर्लफ्रैंड और सैक्स लाइफ के किस्से सुन कर कौंप्लैक्स के शिकार हो जाते हैं और चिड़चिडे़ और गुस्सैल होने लगते हैं. यह चीज आप के बोलचाल और व्यव्हार में भी दिखती है.

स्मोकिंग करने से भी सैक्स लाइफ बुरी तरह से बिगड़ जाती है. आजकल के युवा स्मोकिंग को फैशन और लाइफस्टाइल का हिस्सा मान कर कूल और टशन के नाम पर स्मोकिंग करते हैं. इस से सैक्स और्गन के सिकुड़ने से ले कर नपुंसक होने तक का खतरा रहता है.

मोटापा, अनियमित जीवनशैली और मानसिक तनाव जैसे कई तत्त्व सैक्स का खेल बिगाड़ सकते हैं. युवाओं को इन्ही कमियों को दूर करना होगा तभी वे युवावस्था का आनंद ले सकेंगे. याद रखें जिन युवाओं की सैक्सुअल जरूरतें समय से पूरी हो जाती हैं उन का स्वास्थ्य ऐसा न कर पाने वालों की तुलना में अच्छा होता है. इसलिए सैक्स से सेहत के तालमेल को सही बैठा कर बिंदास जिंदगी जीने के लिए कमर कस लीजिए, क्योंकि न तो जवानी बारबार आती है और न आप चिर युवा रह सकते हैं.

औयली डैंड्रफ को हटाने का ये है आसान तरीका

रुसी कई प्रकार की होती है, जिसमें से तेलीय रुसी यानी की औयली डैंड्रफ एक आम समस्‍या है. यह त्‍वचा की समस्‍या है जिसमें सिर की त्‍वचा से तेल ज्‍यादा मात्रा में निकलता है जिस कारण त्‍वचा पर यीस्‍ट जम जाती है जिसको मैलेसेजिया कहते हैं.

औयली डैंड्रफ की समस्‍या किसी को भी हो सकती है जो कि वंशानुगत होती है. इसके कारण पल्‍यूशन, तनाव, मोटापा और मौसम होता है. आइये जानते हैं इसको दूर करने का घरेलू उपचार.

घरेलू उपचार

  1. कुछ बूंदे टी ट्री औयल,सिरका, लहसुन पेस्‍ट और नीम पाउडर यीस्‍ट के संक्रमण को ठीक कर के रुसी दूर करता है.
  2. अपने सिर पर एलो वेरा की पत्‍ती को रगड़े या फिर उसमें हल्‍का सा नींबू भी मिला लें. इसको सिर पर रात में लगाएं ओर सुबह बालों को धो लें.
  3. गुडहल के फूल की पत्‍तियों का जेल लगाने से औयली त्‍वचा से छुटकारा मिल जाता है. इसको मेथी के पेस्‍ट के साथ हर रोज लगाने से काफी लाभ मिलता है.
  4. सेब का सिरका तेलीय रुसी को खतम करता है इसलिए जब भी नहाने जाएं उससे कुछ घंटे पहले अपने बालों को इससे जरुर मसाज करें.
  5. अगर आपके बाल तेलीय हैं तो उस पर हिना लगा सकती हैं.

जब रिश्तेदारों को देनी हो स्पाइसी ट्रीट

अगर आपके घर पर मेहमान आए हैं और ऐसे में आप फटाफाट स्पाइसी डिश बनाना चाहती हैं तो मशरूम गलौटी बना सकती हैं. ये स्पाइसी गलौटी बहुत ही यम्मी बनने वाली है. आइए आपको बताते है इसकी रेसिपी.

सामग्री

– 1/2 कप मशरूम

– 6 छोटे चम्मच तेल

– थोड़ा सा प्याज बारीक कटा

– 2 हरीमिर्चें बारीक कटी

– थोड़ा सा चाट मसाला

– थोड़ा सा गरममसाला पाउडर

– थोड़ा सा जीरा पाउडर

– 1/4 कप पनीर टुकड़ों में कटा

–  1-2 आलू उबले व कटे हुए

– 1/2 छोटा चम्मच अदरक लहसुन का पेस्ट

– 1 छोटा चम्मच बेसन

– 50 ग्राम पनीर

– नमक स्वादानुसार

बनाने की विधि

– सबसे पहले  मशरूम उबाल लें.

– फिर एक पैन में तेल गरम कर प्याज डाल कर चलाएं.

– फिर इस में हरीमिर्च व अदरकलहसुन का पेस्ट डाल कर तब तक भूनें जब तक सभी चीजें अच्छी तरह      भुन न जाएं.

– फिर इस में मशरूम के साथ चाट मसाला, गरममसाला, जीरा पाउडर व कद्दूकस किया पनीर डाल कर       अच्छी तरह मिक्स करें.

– और आंच से उतार कर उस में आलू डालें और पेस्ट तैयार कर उसे प्लेट में निकालें.

– उस में थोड़ा सा बेसन मिलाएं फिर हाथ पर थोड़ा सा औयल लगा कर इस मिक्स्चर से कबाब बना कर      उसे गरम तेल में फ्राई करें और पुदीने की चटनी के साथ सर्व करें.

हैल्दी ब्रैकफास्ट : फ्यूजन क्रोकेट्स

फ्यूजन क्रोकेट्स

सामग्री

– 1 कप स्पैगैटी उबली

– 2 आलू उबले

– 1/2 कप पनीर

– 2 बड़े चम्मच चीज कसा

– 2 बड़े चम्मच लहसुन की चटनी

– 1/2 कप कच्चे भुट्टे का पेस्ट

– 1/2 शिमलामिर्च कटी

– 1-2 हरीमिर्चें कटी

– तलने के लिए तेल

– 1/2 कप ब्रैड क्रंब्स

– 2 बड़े चम्मच कौर्न पाउडर

– 1 प्याज कटा

– नमक स्वादानुसार.

विधि

स्पैगैटी, आलू, पनीर, चीज, प्याज, हरीमिर्च, शिमलामिर्च, कच्चे भुट्टे का पेस्ट, लहसुन की चटनी व ब्रैड क्रंब्स को एक साथ मैश करें. नमक डाल कर फिर मैश करें व आयताकार में रोल बनाएं. कौर्न पाउडर में डस्ट कर गरम तेल में सुनहरा होने तक तल लें. सौस व चटनी के साथ परोसें.

झटपट बनाएं यम्मी पिस्ता मलाई ब्रोकली

झटपट आप टेस्टी  पिस्ता मलाई ब्रोकली बना सकती हैं. तो चलिए इसकी रेसिपी आपको बताते हैं.

सामग्री

– मैरिनेट 100 ग्राम हंग कर्ड

– 20 ग्राम काजू का पेस्ट

– 25 ग्राम ताजा क्रीम

–  थोड़ा सा कालीमिर्च का पाउडर

– 25 एमएल सलाद औयल

– 25 ग्राम कद्दूकस किया प्रोसीड चीज

–  थोड़ा सा इलायची पाउडर

– थोड़ा सा अदरक बारीक कटा

– 20 ग्राम हरी चटनी

बनाने की विधि

– ब्रोकली के मीडियम साइज के टुकड़े कर उन्हें उबाल कर थोड़ी देर के लिए ठंडे पानी में डाल छोड़ दें.

– फिर सारी मैरिनेट सामग्री को अच्छी तरह मिक्स कर उसे ब्रोकली के टुकड़ों पर लगाएं.

– अब टुकड़ों को सीख में लगा कर तंदूर में सुनहरा होने तक पका कर हरी चटनी के साथ सर्व करें.

सौंदर्य निखारें ब्यूटी आयल से

होम ब्यूटी ट्रीटमेंट में अगर आप कुछ खास तेलों को जगह दें, तो सौंदर्य में अपने आप निखार आने लगेगा. इतना ही नहीं आपका ब्यूटी प्रोडक्ट और कौस्मेटिक पर होनेवाला मोटा खर्च बच जाएगा. तेलों में बहुत से ऐसे तत्व होते हैं, जो त्वचा को पौष्टिकता देने और रंग को साफ करने में मदद करते हैं. सिर में लगाने के अलावा तेलों से अपने लिए नेचुरल स्क्रब, बौडी लोशन, आई क्रीम, मेकअप रिमूवर भी बना सकती हैं.

बौडी स्क्रब और नारियल तेल : नारियल तेल में थोड़ी सी चीनी मिला कर नेचुरल फुट स्क्रब बनाएं. इसके इस्तेमाल से मृत कोशिकाएं दूर होंगी और त्वचा चमकदार बनेगी. नारियल तेल को बेस आइल बनाएं और अपनी पसंद का असेंशियल आइल डालें, इसकी महक से मस्तिष्क को ठंडक मिलेगी और थकान दूर होगी.

मेकअप रिमूवर आलिव आइल : दिन में अगर आप मेकअप करती हैं, या शादी, पार्टी में मेकअप लगाना का इस्तेमाल करती हैं, तो शाम को मेकअप उतारना ना भूलें. इसे उतारने के लिए पानी में भिगोयी हुई रुई पर आलिव आइल की कुछ बुंदें डालें और मेकअप साफ करें. अगर मेकअप हेवी है, तो इस प्रक्रिया को 2-3 बार दोहराएं. इस तरीके से वाटरप्रूफ मेकअप भी हटा सकती हैं. इसे बेहद हल्के हाथों से हटाएं. इसके बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें. रक्तसंचार बढ़ेगा, बंद पोर्स खुलेंगे और त्वचा की खोयी नमी लौट आएगी. आइली या मुंहासेवाली त्वचा पर इसका प्रयोग ना करें. इससे मुंहासे में संक्रमण होने की समस्या और बढ़ेगी.

बादाम का तेल व अंडर आई क्रीम : आंखों के नीचे काले घेरे और महीन रेखाओं को दूर करने का सबसे आसान और प्रभावी उपाय है बादाम का तेल. रोज रात को सोने से पहले अपनी अनामिका उंगली में एक बूंद बादाम का तेल मलें और आंखों के नीचे लगाएं. कुछ ही हफ्ते में आंखों के नीचे की त्वचा का रंग साफ और त्वचा मुलायम हो जाएगी.

त्वचा और बादाम का तेल : माना जाता है कि त्वचा पर सीधे आइल मसाज नहीं करनी चाहिए. इससे त्वचा की रंगत सांवली पड़ सकती है. लेकिन सभी तेल की मसाज से ऐसा हो, यह जरूरी नहीं. बादाम का तेल लगाने पर रंग निखरता है. इसे सर्कुलर मोशन में तब तक मालिश करें, जब तक यह त्वचा पर पूरी तरह जज्ब(सोख न ले) ना हो जाए. त्वचा की झुर्रियां और बारीक रेखाओं को दूर करने के लिए क्रीम लगाने की जगह बादाम के तेल का प्रयोग कर सकती हैं.

अंधभक्ति से काम नहीं चलेगा

कश्मीर में 40 अर्धसैनिकों की दुखद मृत्यु के बदले आतंकवादियों और उन्हें शह देने वाले पाकिस्तान के खिलाफ जिस तरह की भाषा का उपयोग एक वर्ग कर रहा है, वह स्पष्ट करता है कि जिस महान संस्कृति, सभ्यता, ज्ञान, धैर्य, सदाचार, सत्यवचन का बखान हम हर पल करते हैं, वह कम से कम इस वर्ग में तो नहीं है, जो असल में संस्कृति का स्वयंभू ठेकेदार बना हुआ है.

न केवल पाकिस्तानी सरकार, बल्कि प्रधानमंत्री, पाकिस्तान में खुलेआम घूमते आतंकवादियों के नेताओं को मांबहन की गालियां ट्विटर, व्हाट्सऐप और फेसबुक पर दी जा रही हैं, हर उस भारतीय को भी दी जा रही हैं जो भावनाओं की जगह सोचीसमझी नीति अपनाने की वकालत कर रहा है. यह कट्टर वर्ग न केवल आतंकवादियों के खिलाफ आग उगल रहा है, आतंकवादियों के लपेटे में हर कश्मीरी को भी ले रहा है और लड़कियों तक को नहीं छोड़ रहा.

केवल यह सुझाव देने पर कि पाकिस्तान या आतंकवादियों से समझौतों से भी शांति लाई जा सकती है, यह कट्टर वर्ग उग्र हो उठता है. यह वर्ग भूल रहा है कि इसकी इस कट्टरता के बावजूद इस के पुरखे मुट्ठीभर यूनानियों, हूणों, पार्शियों, मुसलमानों, अफगानों, मुगलों, फ्रैंच, ब्रिटिश, डच से हारते रहे हैं. भारत का इतिहास इन हारों से भरा हुआ है, क्योंकि हम बोलने और गाली देने में तो दक्ष हैं पर कुछ करने में निकम्मे.

आज मोबाइल की सुविधा के कारण कुछ शब्दों में गाली देना इतना आसान हो गया है जितना अपने घर के सामने खड़े हो कर गुजरते राहगीर को देना. ताकत तो वह होती है जब संख्या में कम होते हुए भी हमला करने वालों को हराया जा सके.

मांबहनों की भद्दी गालियां असल में चरित्र की सही पहचान करा रही हैं, हमारा बल नहीं दिखा रहीं. मोबाइल के पीछे छिप कर वार करना पेड़ या शिखंडी के पीछे से तीर मारने की तरह है. पर जो समाज उसे सही और दैविक मानता हो, उस से और क्या अपेक्षा की जा सकती है?

जहां जरूरत है कि पूरा देश आतंकवादियों के हौसले पस्त करे, वे जहां पनप रहे हैं, जहां प्रशिक्षण ले रहे हैं, वहां उन्हें रोकें, उन्हें देश में घुसने न दें. अगर होम ग्रोथ यानी अपने ही देश की पैदावार हों तो या तो उन्हें पकड़ लें या समझा कर राह पर ला सकें.

आतंकवाद बहुत गंभीर समस्या है और हमें उसे रोकने में बहुत चतुराई की जरूरत होगी. अंधभक्ति और गालियों से काम नहीं चलेगा चाहे वह किसी धर्म के प्रति हो या व्यक्ति विशेष के प्रति.

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