पुरुषों में बढ़ता तनाव: ये 5 टिप्स करेंगे आपकी मदद…

अपने रोजमर्रा के जीवन में  पुरुष अक्सर छोटी-छोटी बातों पर तनाव ले लेते हैं. जो उनकी हेल्थ के लिए हानिकारक तो है ही साथ ही उनके वैवाहिक जीवन के लिए चिंता का सबब बन सकता है. पुरुषों के बीच तनाव की समस्या, इसके लक्षणों की पहचान और इससे कैसा बचा जाए ये हम आपको बताते है.

इन बातों का रखे ध्यान

तनाव पुरुषों के जीवन के लगभग सभी क्षेत्र को प्रभावित करता है, इसलिए जीवनशैली में बदलाव तनाव की समस्या को कम करने में मदद करता है. तनाव के कारण पुरुषों के स्वास्थ्य में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते है जैसे…

1.ब्लड प्रेशर का बढ़ना- 

बढ़ते तनाब के चलते पुरुषों में ब्लड प्रेशर की समस्या आम बात है. हाईपर टेंशन के चलते भी ब्लड प्रेशर में परिवर्तन आता है, जिसके चलते पुरुष ज्यादा गुस्सा और चिड़-चिड़े हो जाते है.

ये भी पढ़ें- गरमी में आंखों को ऐसे बचाएं एलर्जी से…

2.थका हुआ महसूस करना – 

तनाव पुरुषों को शारिरीक रुप से तो कमजोर करता ही है पर मानसिक रुप से भी नुकसान पहुंचाता है. जिसके चलते पुरुष थका हुआ महसूस करने लगते है.

3.दिल तेजी से धड़कना-  

तनाव में घबराहट होना एक आम बात है जिसके चलते आपकी दिल की धड़कन तेजी से बढ़ने लगती है.

4.इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर होना-

तनाव, घबराहट होना, हाईपर टेंशन और दिल की धड़कन तेजी से  बढ़ना इन सभी कारणों से इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर हो जाता है.

ये भी पढ़ें- खाने में दही के इस्तेमाल से सेहत रहेगी दुरुस्त

लाइफस्टाइल में बदलाव बचा सकता है तनाव से

  • योग और मेडिटेशन का प्रयोग करें, इससे मानसिक और शारीरिक दोनों प्रकार के तनाव दूर करने में मदद मिलती है.
  • तनाव से बचाव के लिए पर्याप्त नींद लें.
  • अपनी परेशानियों को दोस्तों और परिवार के साथ साझा करें.
  • तनाव को कम करने के लिए आप अपनी पसंद का गाना सुनें.
  • लाफ्टर थेरेपी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं.

इन सभी टिप्स को फौलो करने से आप तनाव मुक्त रहेंगे.

गरमी में स्किन टाइप के हिसाब से खरीदेंगे लोशन तो होगा दुगुना फायदा

गरमी हो या सरदी आप कभी लोशन लगाना नही भूलते. लोशन हमारी स्किन का मौइशचर को लौटाता है, लेकिन कभी-कभी यह स्किन के लिए आफत का कारण भी बन जाते हैं. जैसे अगर हम स्किन के लिए थिक लोशन खरीदते हैं, तो स्किन को चिपचिपा बना देती है. गरमियों में भी हमारी स्किन को मौइस्चर की जरूरत होती है. ऐसे में अगर आप भी बिना अपनी स्किन के बारे में जानें गलत लोशन का इस्तेमाल करती हैं, तो यह आपकी स्किन को नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए आप अपने लिए कैसे लोशन चुनें इसके लिए इन टिप्स का ध्यान जरूर रखें.

1. नौर्मल स्किन पर यूवी प्रौटेक्शन वाले लोशन का करें इस्तेमाल

अगर आपकी स्किन नौर्मल है तो आप पर सभी तरह के लोशन काम करेंगे, लेकिन ज्यादा थिक लोशन से बचने की कोशिश करें. गरमी में थिक लोशन्स से बौडी पर ज्यादा पसीना आने लगता है, जो स्किन को चिपचिपा बना सकता है. ऐसे लोशन चुनें जो स्किन को यूवी प्रॉटेक्शन दे, जिसके लिए बाजार में कई औप्शन्स मौजूद हैं.

यह भी पढ़ें- 200 से कम की कीमत के ये 4 लिप बाम, रखेंगे आपके होठों का ख्याल

2. औइली स्किन पर वौटर बेस्ड या जेल बेस्ड लोशन का करें इस्तेमाल

गरमियों में सबसे ज्यादा प्रौब्लम औइली स्किन वालों को होती है, क्योंकि अगर गलती से आपने गलत लोशन या मौइस्चराइजर चुन लिया तो यह आपकी स्किन को और भी औयली और चिपचिपा बना देगा, जो दिनभर आपके लिए परेशानी का सबब बन जाएगा. इसके साथ ही औइली स्किन वालों को पसीना भी ज्यादा आता है तो बेहतर होगा कि ऐसा लोशन चुनें वौटर बेस्ड या जेल बेस्ड ज्यादा हो. चाहे तो ऐलोवेरा बेस्ड लोशन भी चुन सकते हैं जो स्किन को प्रौटेक्ट करने के साथ ही सूदिंग भी देगा.

3. ड्राई स्किन पर थिकनेस वाला लोशन करें इस्तेमाल

ड्राई स्किन वाले अगर लोशन न लगाएं तो उनकी स्किन के डैमेज होने का खतरा ज्यादा रहता है. ऐसा इसलिए क्योंकि उनकी स्किन एक तो वैसे ही ड्राई है ऊपर से धूप और गर्मी त्वचा के मौइस्चर को भी सोख लेती है, इससे स्किन के जलने या फिर टैन होने का खतरा बढ़ जाता है. ड्राई स्किन वाले ऐसा लोशन चुनें जिसकी थिकनेस थोड़ी ज्यादा हो. बाजार में कई ऐसे लोशन मौजूद हैं, जिनमें मौइस्चराइजिंग प्रौपटीज होने के साथ ही यूवी प्रौटेक्शन की खासियत भी होती है.

यह भी पढ़ें- 200 से कम कीमत के ये 4 सनस्क्रीन लोशन, हानिकारक धूप से देंगे प्रोटेक्शन

मेरी मां- “मां के नाम एक कविता”

पूजा मिश्रा…

रात के अंधेरों से लड़ना सिखाया उसने,
दिन के उजाले में ढलना सिखाया उसने,
कहते हैं उसको मां जो सबसे कीमती ही मेरे लिए
मेरे लड़खड़ाते क़दमों को थाम कर मुझे चलना सिखाया उसने

पथरीली सड़क हो या सीधा रास्ता,
बिना गिरे और बिना रुके संभलना सिखाया उसने,
आंखों से बहने वाले आंसू को कमजोरी नहीं, हिम्मत बताया उसने
नहीं कोई अंतर बेटियों और बेटों में, इस राज़ से पर्दा उठया उसने

मेरी बेतुकी सी शैतानियों पर नाराज होकर भी बस मुस्कुराया उसने
मेरे हर कदम पर साया बन कर, मेरा साथ निभाया उसने,

उस मां का क़र्ज़ कभी नहीं उतार सकती मैं,
जिसने जीने लायक बनाया मुझे,

ये भी पढ़ें- कहानी- मां ने दी जिंदगी की सीख

ये भी पढ़ें- मेरी मां: स्त्री होने का अर्थ तुम से सीखा मां….

कहानी- मां ने दी जिंदगी की सीख

अंजली खेर, (भोपाल)

संकल्‍प के कमरे का दरवाजा खोलते ही वीणा का मन कसैला सा हो गया. कितना बे‍तरतीब सा कर रखा हैं सब, धुले कपड़े चादर की गठरी से बाहर निकलकर जैसे चिढ़ा रहे थे– ‘’बहुत तहज़ीब पसंद हो ना, अब अपने बेटे को थोड़ा शरूर सिखाओं तो जानें.‘’

चादर झटकारने के लिए तकिया उठाया ही था कि देखा, तकिये के नीचे रोमांटिक पत्रिका रखी हुई हैं, पन्‍ने पलटे तो मन घृणा से भर उठा –‘’ये मेरा ही बेटा है? घिन आती है इसकी सोच पर मुझे. सोचने को मजबूर हो जाती हूं कि क्‍या वाकई बच्‍चों के गुण-अवगुण, आदतें माता- पिता के जींस पर ही निर्भर करते हैं? संकल्‍प के पापा और मैं तो ऐसे नहीं थे, फिर ये हमारा बेटा ऐसा कैसे हो गया?

चादर झटकारकर वीणा से मैग्‍जीन जस की तस तकिये के नीचे रख दी. कमरा थोड़ा सलीके से करके वह बाहर आई तभी डोरबेल बजी. दरवाजा खोला तो सामने संकल्‍प कौलेज का बैग पकड़े खड़ा था.

ये भी पढ़ें- मेरी मां: स्त्री होने का अर्थ तुम से सीखा मां….

हाय मौम, कैसी हो, क्‍या कर रही हो? मैं तो ठीक हूं, चाय बना रही हूं, पिएगा मेरे साथ?

मेरे मन की बात कह दी मौम, आप चाय बनाओ जल्‍दी से, बहुत थकान सी लग रही हैं. मैं फ्रेश होकर आता हूं. वीणा दो कप चाय और बिस्किट ट्रे में ले आई. संकल्‍प टौवेल से मुंह पोंछकर चाय का कप उठाता हैं.

कैसा रहा कौलेज, आज तो चार घंटे लेट आये हो, कोई खास वजह? अरे मौम, आज हम लोग कौलेज के बाद ग्रुप डिस्‍कशन कर रहे थे, इंटर कौलेज कौम्‍पटीशन होने वाले हैं ना.

कौलेज में ही डिस्‍कशन चल रहा था या फिर कहीं और गये थे तुम सब? अरे मौम कौलेज में नहीं थे, बिट्टन मार्केट के कैफे में गये थे, पेट-पूजा के साथ काफी कुछ डिस्‍कस किया. बहुत मजा आया. वाह मौम, चाय तो बहुत ही जायकेदार बनी है, बहुत दिन बाद आपके हाथ की चाय पी हैं.

तुम्‍हारे पास समय ही कहा हैं बेटा, कौलेज, दोस्‍त-सहेलियां, कौम्‍पटीशन्‍स, पता नहीं और भी क्‍या क्‍या

ये भी पढ़ें- ‘मेरी मां’- मां जैसा कोई नहीं

आपको क्‍या लगता हैं मौम मैं क्‍या टाइमपास करता हूं बाहर जाकर?

नहीं बेटा, ऐसा कुछ नहीं. मुझे तुम पर विश्‍वास हैं. अरे हां तुमको पता हैं, शमिता आंटी आई थी कल शाम घर पर, बहुत परेशान सी थी अपनी बेटी के बारे में लोगों से सुन-सुन कर.

क्‍यों ऐसा क्‍या कर दिया बेटी ने?

अरे अपने किसी दोस्‍त के साथ कहीं घूमने या यूं ही ग्रुप डिस्‍कशन के लिए कही गई होगी,

किसी रिश्‍तेदार या पड़ोसी ने देखा होगा तो बताया कि तुम्‍हारी बेटी किसी आवारा से लड़के के

साथ घूमते दिखी, कौलेज बैग पीठ पर टांगे हुए. सुनकर शमिता को समझ ही नहीं आ रहा कि

बेटी को कैसे समझाये, कि वह गलत राह पर जा रही हैं.

ये भी पढ़ें- मेरी मां: जब मां ने की बेटे की जांच

अरे मौम, लड़कों का क्‍या जाता हैं, उनको तो रोज नई-नई गर्लफ्रेंड चाहिए घुमाने के लिए. लड़कियों का क्‍या हैं, दो-चार तोहफें दे दों, पट जाती हैं. फिर बदनामी की भी फिक्र नहीं होती उन्‍हें.

लड़कियों को भले ही नहीं समझ आता होगा, पर लड़कों के गर्लफ्रेंड बनाने के फितूर और टाइमपास की मानसिकता के कारण लड़कियों की जिंदगी तो दागदार बन ही जाती हैं, माता-पिता के लिए जिंदगी भर तिल-तिल कर मरने का सबब. क्‍या तुम्‍हारी बहन या घर की बेटी के साथ ऐसा हो तो तुमको गंवारा होगा.

इन लड़कियो को कहा किसने कि 100-200 के तोहफों के लिए अपनी और मां-बाप की जिंदगी में जहर घोलने के लिए, समझाएं भी तो कौन इन बेवकूफ लड़कियों को? इनका अपना विवेक तो होता नहीं, और लड़के इन्‍हें मोहरा बना अपना मनोरंजन कर लेते हैं. मेरी बहन– बेटी ऐसा करें तो मैं सरे बाजार दो हाथ जड़कर उसका घर से बाहर निकलना बंद करा देता.

संकल्‍प, मैं समझाऊंगी उन लड़कियों को, दो उन लड़कियों का नंबर मुझे अभी और इसी वक्‍त. किनकी बात कर रही हो मौम? मैं शमिता आंटी और उनकी बेटी को जानता भी नहीं. अरे मेरे जलेबी से सीदे-साधे, भोले बेटे, शमिता आंटी की बेटी की नहीं, मैं उन बेवकूफ लड़कियों की बात कर रही हूं, जो गाहे-बगाहे तुम्‍हारी बाइक पर तुम्‍हारे कंधों पर झूलते हुए तुम्‍हारे साथ रोजाना घूमा करती हैं, कम से कम 2-4 लड़कियों की जिंदगी तबाह होने से से बच जाये. मौम आपने कब देख लिया मेरे साथ लड़कियों को घूमते हुए?

ये भी पढ़ें- Mother’s Day Special: बुरे वक्त में ऐसे बने मां का सहारा

मैने नहीं देखा बेटा, पर आए दिन तुम्‍हारे ऐसे मनोरंजक दौरों के बारे में अपने ही लोगों से सुन-सुनकर थक चुकी हूं, इसीलिए ऐसी मनगढ़ंत कहानी कहकर तुम्‍हारी मानसिकता को टटोला. बेवकूफ वो लड़कियां हैं या नहीं मुझे नहीं पता, पर इतना तो पक्‍का हैं कि तुम जैसे लड़के अपने मां-बाप को मूर्ख समझकर दूसरे की बेटियों को खिलौना बनाकर अपना वर्तमान और भविष्‍य दोनों तबाह कर रहे हो.

एक बात ध्‍यान रखना, दूसरे की बेटियों की जिंदगी का नासूर बनाकर तुम कुछ समय के लिए तो खुश हो सकते हो पर इस बात से इंकार नहीं कर सकते कि तुम्‍हारे अंतस में कहीं ना कहीं ऐसे गलत कामों का नकारात्‍मक असर दिखाई ना पड़ता हो.

तुम सच कहती हो मौम, हम लोग आपस में ज्‍यादा गर्लफ्रेंड बनाने की शर्त लगाते हैं और अपना सारा समय उन्‍हें घुमाने-फिराने, गिफ्ट खरीदकर देने जैसे बेतुके कामों में जाया करते हैं. मैं वादा करता हूं, अब इन कामों में अपना समय जाया नहीं करूंगा, अपने कैरियर की तरफ ध्‍यान लगाउंगा.

ये हुई ना बात,,,,, जब तुम अपनी बहन और बेटियों के साथ ऐसे घिनौने काम की कल्‍पना भी नहीं कर सकते तो फिर दूसरी लड़कियां भी तो किसी की बहन, बेटी हैं. यदि सभी लड़के ये बात समझ जाये तो शायद किसी मां को ऐसी कहानियां गढ़ने का कारण ही ना मिले.

हां मौम, मेरी बुद्धि पर चढ़ी धुंध अब छंट गई हैं. चलो, देर आएं दुरूस्‍त आए मेरे लाल

ये भी पढ़ें- Mother’s Day Special: बच्चों के नाम की जिंदगी

‘बदनाम गली’ में क्या कर रही हैं राजकुमार राव की गर्लफ्रेंड?

2014 में महेश भट्ट निर्मित और हंसल मेहता निर्देशित माइग्रेशन की समस्या पर बनी फिल्म ‘‘सिटी लाइट’’ में राजकुमार राव के साथ अभिनय कर अपने कैरियर की शुरूआत करने वाली एक्ट्रेस पत्रलेखा हमेशा राजकुमार के साथ अपने रिश्तों को लेकर चर्चा में बनी रहती हैं. जबकि उनका अभिनय कैरियर अभी तक सही दिशा में आगे नहीं बढ़ पाया है. ‘सिटी लाइट’ के बाद 2016 में उन्होने इरोटिक फिल्म ‘‘लव गेम्स’’ में सेक्स पैडलर महिला का किरदार निभाया. फिर 2018 में वह मल्टीस्टारर फिल्म ‘नानू की जानू’ में नजर आयीं. अब उन्होंने अपने कैरियर की चौथी फिल्म दिव्येंदू शर्मा के संग ‘‘बदनाम गली’’ की है, जिसे दस मई को थिएटर की बजाय डिजिटल प्लेटफार्म ‘‘जी 5’’पर रिलीज किया गया.

‘‘सिटी लाइट्स’’ जैसी चर्चित सफल फिल्म करने के बाद भी आपका कैरियर बहुत धीमी गति से आगे बढ़ रहा है?

-एक सफल व चर्चित फिल्म करने के बावजूद मेरे कैरियर की गति धीमी होने की वजह मुझे नहीं पता. पर मेरी राय में हर किसी की अपनी एक डेस्टिनी होती है. मगर यह फिल्म मेरी जिंदगी और करियर का अहम हिस्सा है. मैं आज भी सोशल मीडिया पर अक्सर ऐसे लोगों से मिलती हूं, जो कि इस फिल्म को लेकर मुझसे चर्चा करते हैं. अक्सर ऐसे लोगों से मेरी मुलाकात होती रहती है, जो कि इस फिल्म को लेकर मेरी तारीफ करते हैं. मेरी राय में हर चीज का आपकी जिंदगी व कैरियर पर असर होना जरुरी नही है. मेरे लिए महत्वपूर्ण बात यह रही कि मुझे अपने अंदर की कला को प्रदर्शित करने का प्लेटफार्म मिला, जिसके लिए मैं अपने आपको भाग्यशाली मानती हूं. वरना यहां तो हर साल हजारों लड़कियां आती हैं,पर सभी को मौका नहीं मिल पाता. सभी को महेश भट्ट साहब के साथ बैठकर उनसे घंटों बातें करने और उनकी ज्ञान भरी बातें सुनने का मौका नहीं मिलता. यह सच है कि ‘सिटीलाइट’ के बाद मेरी जिंदगी एकदम से बदल गयी. इस तरह जो कुछ हुआ, मेरे लिए अच्छा ही हुआ. कैरियर के साथ-साथ जिंदगी में भी मैं एक कदम ऊपर बढ़ी. इस फिल्म के बाद लोगों ने मुझे प्रोफेशनल एक्टर मान लिया. लोगों ने मान लिया कि मैं अभिनय करके पैसे कमा सकती हूं. इसलिए आज बैठकर मैं कैलकुलेट नहीं करती कि मुझे क्या मिला क्या नहीं? या मेरे साथ क्या होना चाहिए था?

ये भी पढ़ें- 14 साल बाद फिर वैम्प के रोल में नजर आएंगी ऐश्वर्या रौय बच्चन

 

View this post on Instagram

 

Weekend vibes ??? #Gaga #mydoll

A post shared by Patralekhaa (@patralekhaa) on

आपने कहा कि फिल्म सिटी लाइटसे आपकी जिंदगी में बदलाव आया. वह क्या है?

-सबसे पहला बदलाव यह रहा कि मैं पब्लिक प्लेटफार्म पर आ गयी. लोगों ने मुझे कलाकार के तौर पर पहचानना शुरू किया. अब कुछ लोग ऐसे हैं, जो मुझे पसंद करते हैं और कुछ लोग ऐसे हैं, जो पसंद नही करते हैं. मैं भट्ट साहब के साथ बैठी, उनसे बातें की. वह मेरी जिंदगी में बहुत ही इज्जतदार इंसान हैं. मैं उनका बहुत सम्मान करती हूं. उसके बाद मैं काम करती गयी. एकदम खाली नहीं बैठी. ‘लव गेम्स’ व ‘नानू की जानू’ जैसी फिल्में की. अब मैंने ‘बदनाम गली’ की है.

फिल्म बदनाम गली को लेकर क्या कहेंगी?

-सरोगेटेड मदर की कहानी पर दोस्ती की बात करने वाली यह एक फनी फिल्म है. वास्तव में हम समाज को लेकर बहुत ही ज्यादा जजमेंटल हैं. यह फिल्म कहती है कि इंसान को किसी के भी प्रति जजमेंटल नहीं होना चाहिए. इसमें मैंने सरोगेटेड मदर का किरदार निभया है, जिसे मैं बुरा नही मानती. फिल्मकार ने इस फिल्म में हमारे समाज के सबसे बड़े टैबू सरोगसी यानी कि सरोगेटे मदर पर कौमेडी के साथ बात की है.

आपने कहा कि लोगो ने मान लिया कि आप अभिनय करके पैसा कमा सकती हैं. तो क्या कलाकार का मकसद सिर्फ पैसा कमाना ही होता है?

-मैंने ऐसा तो नहीं कहा. लेकिन कलाकार का काम महज यह नही होता है कि उसके पास चाहे जिस तरह की फिल्म का आफर आए और वह उसे स्वीकार कर ले. कलाकार की अपनी पसंद-नापसंद भी होती है. कलाकार के तौर पर हम वह किरदार निभाना चाहते हैं या उन फिल्मों में अभिनय करना चाहते हैं, जिनसे हमें संतुष्टि मिले, काम करने में मजा आए .मैं आप के सामने ईमानदारी से कबूल करती हूं कि मेरे पास इस तरह की फिल्में नही आ रही है, जिन्हें करके कलाकार के तौर पर मुझे संतुष्टि मिल सके.

ये भी पढ़ें- Trollers पर भड़कीं ईशा गुप्ता, सुनाई खूब खरी खोटी

देखिए,किसी भी फिल्म को स्वीकार करते समय हमें कई चीजों पर सोचना पड़ता है. फिल्म की स्क्रिप्ट कैसी है? मेरा किरदार किस तरह का है? फिल्म के निर्माता निर्देशक कौन हैं? क्या इस फिल्म का विषय समय के अनुरूप है? इन सारी चीजों पर सोच कर अंतिम निर्णय लेने में समय भी लगता है. यह एक लंबा प्रोसेस हैं, जिसे मैं खुद के लिए महत्वपूर्ण मानती हूं. इससे भी मेरी जिंदगी में काफी बदलाव आते. देखिए, हम जिस फिल्म में अभिनय करते हैं, उससे हम कुछ न कुछ सीखते हैं और उससे हमारी जिंदगी बदलती है. आप मानकर चलें कि जब हम किसी एक फिल्म में काम करना स्वीकार करते हैं, तो शूटिंग के लिए कम से कम 45 दिन देने पड़ते हैं. उसके बाद उसकी डबिंग और प्रमोशन करना है. उसके बाद डेस्टिनी सामने आ जाती है कि फिल्म चली या नही. लोगों ने फिल्म को पसंद किया या नही. तो आपकी जिंदगी का बहुत बड़ा हिस्सा इस तरह से गुजरता है. मैं फिल्म के औफर आने के बाद फिल्म की रिलीज तक के प्रोसेस का स्तर बनाए रखना चाहती हूं. हर फिल्म को करने का निर्णय लेते समय मेरी कोशिश होती है कि हम दो कदम आगे बढे़ं.

यदि आपकी इस बात को हम सही मान लें, तो क्या फिल्म लव गेम्सकरने को आप सही कदम मानती हैं?

-बिलकुल नहीं.. मैं इसे सही कदम नही कह सकती. पर महेश भट्ट साहब ने ही मुझे एक नए अवतार में आने का मौका दिया, जिसके लिए मैं उनकी शुक्रगुजार हूं. उस वक्त मेरी उम्र 26-27 साल की रही होगी. तब मुझे नहीं पता था कि इस फिल्म को करने का क्या असर होगा? मुझे इस बात का बिलकुल अहसास नहीं था कि यह फिल्म इरोटिक जौनर की कही जाएगी. मुझे उस वक्त यह सारी बातें समझ नहीं आती थी. लेकिन महेश भट्ट साहब ने मुझे इस फिल्म को करने के लिए कहा, मैंने किया. लोगों ने मुझसे नफरत की. लोगों ने मुझे पसंद नही किया. मुझे भी पता चला कि यह मेरा अपना जानर नहीं है. मुझे इस तरह कि फिल्में नहीं करनी चाहिए. यदि आपने फिल्म देखी होगी तो आपको अहसास हुआ होगा कि उन सीन्स में मैं भी बहुत असहज नजर आती हूं. पर वह एक मसला था, जो वहीं खत्म हो गया. उसके बाद से मैं कुछ और अधिक सोच समझ कर फिल्में चयन करने लगी.

जब आप शूटिंग नहीं कर रही होती हैं, उस वक्त कुछ और काम करती हैं?

-मुझे यात्राएं करने और किताबें पढ़ने का बहुत शौक है. फिल्में देखती हूं. साल में कुछ माह काम भी करती हूं और फिर मैं इतने पैसे कमा लेती हूं कि मेरी जिंदगी अच्छे ढंग से गुजर जाती है. मुझे किसी से कोई शिकायत करने की जरूरत नहीं पड़ती.

ये भी पढ़ेंविराट से शादी के बाद फिल्मों से दूर हुईं अनुष्का, जानें क्या है सच्चाई

आप यात्राएं बहुत करती हैं? कहां घूमना पसंद करती हैं?

-सर मैं हर जगह जाना चाहती हूं. मुझे नई नई जगहों पर जाना और लोगों से बातें करना बहुत पसंद है. मुझे दूसरो के कल्चर उनके खान-पान को जानने की इच्छा ज्यादा होती है. लोगों का रहन सहन मुझे बहुत प्रभावित करता है.

किस तरह की किताबें पढ़ती हैं?

-अभी मैंने दो किताबें पढ़ी हैं.एक है एम रेन फाउटेन हेड और दूसरी ‘औटोबायोग्राफी औफ योगी’. इन दोनों फिल्मों ने बहुत बड़े स्तर पर मेरी जिंदगी को बदला था. जब आप किसी किताब को पढ़ते हैं, तो वह कहीं न कहीं आपके दिमाग पर असर करती हैं और आप एक अलग दुनिया में चले जाते हैं.

आपने कहा कि उन किताबों ने आपकी जिंदगी को बदला. क्या उसके बारे में बताएंगी?

-यह बहुत ही निजी मसला है. मैं इस पर बात नहीं करूंगी.

ये भी पढ़ें- कोमोलिका को प्रेरणा ने दी ऐसे दी इमोशनल विदाई…

 

View this post on Instagram

 

Hey @rajkummar_rao,we celebrate love and life everyday..But just a shout out to you #Happyvalentinesday ❤️

A post shared by Patralekhaa (@patralekhaa) on

क्या आपको लगता है कि सोशल मीडिया कलाकार के स्टारडम को बरकरार रखने में मदद करता है?

मैंने पहले ही कहा कि स्टार, सुपरस्टार या स्टारडम सबकी परिभाषा खत्म हो गयी. मेरी नजरों में तो खान के बाद किसी भी कलाकार को सुपर स्टार नहीं कहा गया. आप वरूण धवन को देखिए. उसे लोग सुपर स्टार नहीं कहते. लेकिन इसकी हर फिल्म में अपनी उपस्थिति होती है. हर जगह नजर आता है. लोगों का मनोरंजन करता है. आप इंस्टाग्राम पर जाएं, तो भी मिल जाएगा. मुझे तो इंस्टाग्राम पर उसके पोस्ट, उसकी फोटोग्राफ देखना बहुत अच्छा लगता है. मुझे खुशी होती है कि यह तो मेरा दोस्त है, जिसे मैं रोज देखती हूं. तो सोशल मीडिया से कलाकार प्रशंसकों के बीच अपनापन पा जाता है. पर सोशल मीडिया से दर्शक नही मिलते? समाज के साथ साथ और भी बहुत कुछ बदला है. अब यह जरूरी है कि आप लोगों की नजर में आते रहें और लोग आपको पहचाने. यह काम सोशल मीडिया से पूरा होता है. धीरे-धीरे और भी बदलाव आता जाएगा.

इन दिनों कोई दूसरी फिल्म कर रही हैं?

-जी हां! एक कन्नड़ भाषा की फिल्म कर रही हूं, जिसके लिए फिलहाल कन्नड़ भाषा की मेरी ट्रेनिंग जारी है. एक हिंदी फिल्म है, जिसकी चर्चा नहीं कर सकती.

‘इश्कबाज’ की ये एक्ट्रेस बनीं मां, ऐसे सुनाई खुशखबरी

स्टार प्लस के सीरियल इश्कबाज से फैन्स के बीच सुर्खियां बटोर चुकी नवीना बोले के घर नन्ही मेहमान आई हैं. यह गुड न्यूज उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर की है, जिसके बाद टीवी स्टार्स ने एक्ट्रैस को बधाई देना शुरू कर दी हैं. आइए आपको दिखाते हैं नवीना की शेयर की कुछ खास तस्वीरें…

बेटी के जन्म की गुड न्यूज की इंस्टाग्राम पर शेयर

 

View this post on Instagram

 

#bundleofjoy ❤️ @jkarran

A post shared by Navina (@navina_005) on

बीते महीने एक्ट्रेस ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रेग्नेंसी की खबर को बताते हुए लिखा था, ‘बस अब इसी की कमी रह गई थी. नौंवे महीने में पहुंच गई हूं. और अब उनकी बेटी के जन्म की खबर उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर की है.

यह भी पढ़ें- 14 साल बाद फिर वैम्प के रोल में नजर आएंगी ऐश्वर्या रौय बच्चन

नवीना बेबी शावर की तस्वीरें भी कर चुकीं हैं शेयर

नवीना बोले अपने बेबी शावर की कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए एक पोस्ट में लिखा था, ‘कभी नहीं सोचा था कि इस साइज में पिंक मैक्सी ड्रैस में भी मैं इतनी खुश होउंगी. लेकिन सोचिए क्या, यही तो मातृत्व का जादू है. सब कुछ दूसरा हो जाता है. हैप्पी, होपफुल, ग्रेटफुल और ब्लैस्ड.’

साल 2017 में की थी शादी

एक्ट्रैस नवीना बोले की शादी साल 2017 में करण जीत से हुई थी. शादी के कुछ ही महीनों बाद एक्ट्रेस प्रेग्नेंट हो गई थी. हालांकि उन्होंने कहा था कि ये अनप्लान्ड था.

यह भी पढ़ें- कोमोलिका को प्रेरणा ने दी ऐसे दी इमोशनल विदाई…

बता दें, नवीना बोले ”जीनी एंड जीजू”, ‘मिले जब हम तुम” और ‘न बोले तुम ना मैंने कुछ कहा” जैसे सीरियल्स में दिखाई दी थी. जिसके बाद वह सीरियल इश्कबाज में टीना के रोल में नजर आईं थी, जिसमें उन्होंने फैंस के बीच काफी सुर्खियां बटोरी थीं.

14 साल बाद फिर वैम्प के रोल में नजर आएंगी ऐश्वर्या रौय बच्चन

बौलीवुड की सबसे ब्यूटीफुल एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन का एक्टिंग करियर पिछले कुछ वर्षो से घिसट घिसट कर ही आगे बढ़ रहा है. इस बीच उन्होंने ‘जज्बा’, ‘सरबजीत’ व ‘फन्ने खां’ जैसी फिल्में की, जिन्हें बौक्स औफिस पर कोई सफलता नहीं मिली. वहीं अब खबरें है कि ऐश्वर्या फिल्मकार मणि रत्नम की आने वाली फिल्म में खूंखार विलेन के रोल में औडियंस को एंटरटेन करती नजर आएंगी.

 

View this post on Instagram

 

✨Doha☀️?

A post shared by AishwaryaRaiBachchan (@aishwaryaraibachchan_arb) on

खबरों की मानें तो ऐश्वर्या रौय बच्चन के कैरियर को पुनः नई दिशा देने के लिए फिल्मकार मणिरत्नम सामने आ गए हैं. बौलीवुड में चर्चाएं गर्म हैं कि मणिरत्न्म के निर्देशन में बन रही एक फिल्म में ऐश्वर्या रौय बच्चन नकारात्मक किरदार निभाने वाली हैं. सूत्रों की माने तो यह फिल्म ऐतिहासिक तमिल उपन्यास ‘पोन्नी इन सेलवन’ पर आधारित है. यह एक काल खंड वाली नाटकीय फिल्म होगी. इस फिल्म में ऐश्वर्या राय के साथ मोहन बाबू होंगे. सूत्रों का दावा है कि इस फिल्म की शूटिंग इस वर्ष के अंत तक शुरू हो जाएगी. मगर मणिरत्नम या ऐश्वर्या राय बच्चन इस फिल्म को लेकर कुछ भी कहने से बच रही हैं.

 

View this post on Instagram

 

⏱✨?

A post shared by AishwaryaRaiBachchan (@aishwaryaraibachchan_arb) on


यह भी पढ़ें- कोमोलिका को प्रेरणा ने दी ऐसे दी इमोशनल विदाई…

फिल्म की कहानी दसवीं शताब्दी के चोला साम्राज्य के राजा अरूलमोझी वर्मन के जीवन पर आधारित होगी. कहानी उस वक्त से शुरू होगी, जब अरूलमोझी वर्मन राजा नहीं बने थे. इस फिल्म में ऐश्वर्या राय बच्चन, पेरिया पझुवेत्तारय्यर की पत्नी नंदिनी के किरदार में नजर आएंगी, जो कि चोला साम्राज्य की चांसलर और कोषाध्यक्ष के रूप में कार्यरत थीं. सत्ता की लालची नंदिनी एक रहस्यमय पात्र है. वह अपने पति के साथ मिलकर चोला साम्राज्य के पतन की योजना बनाती हैं. क्योंकि उसे लगता है कि उसके पति के साथ अन्याय हुआ है.

 

View this post on Instagram

 

?Here’s lookin’ at you…❤️2019✨

A post shared by AishwaryaRaiBachchan (@aishwaryaraibachchan_arb) on

यह भी पढ़ें- विराट से शादी के बाद फिल्मों से दूर हुईं अनुष्का, जानें क्या है सच्चाई

आपको बता दें, एक्ट्रेस ऐश्वर्या इस फिल्म में खूंखार विलेन के रोल में नजर आएंगी. वैसे  यह पहली बार नहीं होगा, जब ऐश्वर्या राय बच्चन किसी फिल्म में नेगेटिव भूमिका में दिखाई देंगी. इससे पहले एक्ट्रेस साल 2005 में रिलीज खाकी और साल 2006 में आई धूम 2 में नेगेटिव रोल अदा करती दिख चुकी हैं.

इन 5 आईलाइनर से पाएं खूबसूरत आंखें, 300 से कम है कीमत

आप भी गरमियों में अपनी स्किन और आंखों को सुंदर बनाने के लिए बाजार से महंगे स्किन प्रोडक्ट खरीदते हैं, तो आज हम आपको आंखों को ब्यूटीफुल बनाने के लाइनर के कुछ ऐसे प्रौडक्ट के बारे में बताएंगे, जिसे आप दुकानों से 300 रूपए की कीमत के अंदर खरीद सकते हैं. जो आपके बजट में होगा.

1. लैक्मे इंस्टा लिक्विड आईलाइनर

कौलेज गर्ल्स के फेवरेट आईलाइनर्स में से एक है लैक्मे इंस्टा लिक्विड आईलाइनर. जो आपको दुकानों में 110 रुपये की कीमत में मिल जाएगा. इसका ब्रश पतला और कलर काला होता है. साथ ही यह वौटर प्रूफ भी है जो गरमी में भी आंखों को खूबसूरत बनाए रखेगा.

यह भी पढ़ें- 7 टिप्स : दांतों से लिपस्टिक रहेगी दूर

2. मेबेलिन हाइपर ग्लौसी लिक्विड आईलाइनर

मेबेलिन लिक्विड आईलाइनर स्मज प्रूफ और वौटर रेसिस्टेंट लिक्विड आईलाइनर है, जो कि 225 रुपये में आता है. इसका लंबा और पतला हैंडल सही ढंग से आईलाइनर अप्लाई करने में मदद करता है.

3. कलर सेंस लिक्विड आईलाइनर

कलर सेंस लिक्विड आईलाइनर यह एक सस्ता लिक्विड आईलाइनर है जिसमें एक अच्छा पिगमिंटेशन होता है. पतली लाइन जैसा लाइनर लगाने के लिए ब्रश बहुत अच्छा है. इसे सूखने में कुछ समय लगता है और इसके सूखने के बाद इसे स्मज प्रूफ हो जाता है, लेकिन यह वाटर रेसिस्टेंट नहीं है. यह आपको 115 रुपये में दुकानों में आसानी से मिल जाएगी.

4. स्ट्रीट वियर कलर रिच लिक्विड आईलाइनर

स्ट्रीट वियर कलर रिच लिक्विड आईलाइनर यह बहुत सस्ता है. यह केवल 80 रुपये में मिल जाता है. अच्छा पिगमेंटेड स्ट्रोक पाने के लिए आपको इसे दो बार स्वाइप करना होगा. इसका ब्रश बहुत पतला और स्ट्रैचेबल होता है.

यह भी पढ़ें- 200 से कम की कीमत के ये 4 लिप बाम, रखेंगे आपके होठों का ख्याल

5. एले 18 ब्लैक लिक्विड आईलाइनर

एले 18 ब्लैक आई लिक्विड आईलाइनर यह मेकअप में शुरुआती लोगों के लिए या कम बजट वाले लोगों के लिए एक बहुत अच्छा औप्शन है. इसमें एक अच्छा ब्रश है, जो एक स्ट्रोक में आपको ब्यूटीफुल आंखे देगा. इसकी कीमत 75 रुपये है.

सिर्फ खूबसूरती ही नही हेल्थ के लिए भी फायदेमंद है एवोकाडो

बिजी लाइफस्टाइल में हम हर वक्त अपनी हेल्थ को कैसे ठीक रखें, इसके बारे में सोचते हैं. जिसके लिए हम फ्रूट्स को सभी चीजों में बेहतर समझते हैं. पर क्या आप एवोकाडो के बारे में जानते हैं. एवोकाडो एक ऐसा फ्रूट है, जिसमें फैटी एसिड तो बहुत ज्यादा मात्रा में पाया जाता है, लेकिन इसमें कोलेस्ट्रौल का लेवल कम होता है. जो कम हेल्दी लोगों को वजन बढ़ाने में मदद करता है. पर क्या आप एवोकाडो के हेल्थ को लेकर दूसरे फायदों के बारे में जानते हैं…

खाना डाइजेस्ट करने में मदद करता है एवोकाडो

ऐसा माना जाता है कि एवोकैडो इंटेस्टाइन के कार्यों को सरल बनाता है, जिससे खाना आसानी से पच जाता है. इसमें घुलनशील और अघुलनशील फाइबर मौजूद होते हैं जो पाचन तंत्र की क्रिया को बेहतर बनाते हैं. इससे किसी को भी डायरिया और कब्ज की शिकायत नहीं होती है और हेल्थ भी ठीक रहती है.

मुंह के कैंसर से बचाता है एवोकाडो

अगर आपको सांसों की बदबू को दूर भागना है तो एवोकैडो खाइए इसे खाने से सांसों की बदबू दूर करने में मदद मिलती है, जो कि आमतौर पर खाना सही तरीके से न पचने और पेट गड़बड़ होने के कारण होता है. एवोकैडो में मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीऔक्सीडेंट फ्लेनौयड मुंह के बैक्टीरिया को मारने में सहायक होता है. साथ ही यह इसके अलावा एवोकैडो मुंह के कैंसर से भी हमें बचाता है.

स्किन और बालों के लिए असरदार है एवोकाडो

बौडी में बालों और स्किन का स्वस्थ होना बहुत जरुरी होता है. एवोकैडो पोषक तत्वों से युक्त होता है जो स्किन को स्वस्थ बनाने में मदद करता है. यह ड्राई और डैमेज स्किन को हटाकर स्किन को सौफ्ट बनाता है. एवोकैडो में विटामिन और पोषक तत्व मौजूद होने के कारण कौस्मेटिक प्रौडक्टस में इस्तेमाल किया जाता है, जिससे स्किन पर निखार आता है.

लीवर के लिए भी फायदेमंद है एवोकाडो

एवोकाडो से आंखों को हेल्दी रखने में मदद मिलती है. इसमें ल्यूटिन और जियाजैन्थीन नामक कैरोटीनौयड मौजूद होते हैं जो आंखों को मोतियाबिंद और उम्र बढ़ने के साथ होने वाली आंखों की बीमारियों से बचाते हैं.

हार्ट प्रौब्लम से दूर रखने में उपयोगी है एवोकैडो

एवोकाडो हार्ट को हेल्दी रखने में भी काफी उपयोगी है. एवोकाडो में बीटा-सिटोस्टीरौल पाया जाता है, जो कोलेस्ट्रौल के लेवल को कम कर हार्ट को रोगों से दूर रखता है. रिसर्च में पाया गया है कि नियमित एवोकैडो खाने से एचडीएल कोलेस्ट्रौल के एंटीएथेरोजेनिक गुण बढ़ते हैं जो हार्ट को एथेरोस्क्लेरोसिस से दूर रखता है.

वजन घटाने में फायदेमंद है एवोकाडो 

एवोकाडो फल बौडी को पोषण देता है, साथ ही वजन को कंट्रोल रखने में भी मदद करता है. इसलिए अगर आप वजन कम करने के लिए कोई डाइट प्लान बना रहे हैं तो आपको अपने खाने में इसे जरूर खाना  चाहिए.

मेरी मां: स्त्री होने का अर्थ तुम से सीखा मां….

विनीता राहुरिकर (भोपाल, मध्यप्रदेश)

प्यारी मां,

सस्नेह प्रणाम, कई बार हम सामने बैठकर अपनी भावनाओं को इतना खुलकर अभिव्यक्त नहीं कर पाते हैं जितना उन्हें पत्र में लिख कर कर पाते हैं. इसलिए इस स्मार्टफोन के जमाने में भी मैं तुम्हें पत्र लिख रही हूं. बचपन से ही देखती आई हूं तुम पति की सच्ची संगिनी, घर की कर्तव्यशील बहू, बच्चों की स्नेहशील ममतामयी मां और इन सबसे ऊपर एक कर्मठ व्यक्तित्व की स्वामिनी हो.

नहीं खोई अपनी पहचान…

ढेर सारे रिश्तो की भीड़ में उम्र भर से तुम न जाने कितनी ही भूमिकाओं का निर्वाह बहुत आत्मीयता और अपनेपन, लगन से करती रही हो. लेकिन तुम्हारा सबसे अच्छा गुण जिसने मुझे सबसे अधिक प्रभावित किया है वह है अपनी सारी व्यवस्थाओं, व्यस्तताओं और सभी भूमिकाओं को पूरी जिम्मेदारी से निभाने के पश्चात भी अपने अंदर के व्यक्ति को, अपने अंदर की स्त्री को भी पूरा मान-सम्मान देना. तभी तो तुम घर-परिवार, सास-ससुर, पति, बच्चों, नाते-रिश्तेदारों के पूरे कर्तव्य हंसते हुए पूरे मन से निभा पाई क्योंकि तुम्हारे अंदर की स्त्री अपने आप में संतुष्ट थी, सुखी थी.

ये भी पढ़ें- ‘मेरी मां’- मां जैसा कोई नहीं

हमेशा कुछ नया सीखने की चाह…

तुममें पढ़ने और कुछ न कुछ नया सीखते रहने की सतत लगन है. कई औरतें अपने आप के लिए समय न मिल पाने के क्षोभ और क्रोध में अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से नहीं निभा पाती. वह अपना सम्मान भी नहीं रख पाती और उस हीनताबोध और कुंठा में दूसरों का अपमान करते हुए भी मैंने उन्हें देखा है. वही मैंने देखा कि तुमने हमेशा अपने व्यक्तित्व में एक गरिमामयी संतुलन बनाए रखा.

जो स्वयं का सम्मान करता है वह कभी किसी और का अपमान कर ही नहीं सकता. जो अपने कर्तव्यों को पूरी इमानदारी से निभाता है उसके मन और आत्मा में एक दिव्य संतुष्टि होती है. वहीं संतोष तुम्हारे संपूर्ण व्यक्तित्व में है.

ये भी पढ़ें- Mother’s Day 2019: मां मुझमें हर पल बसती है…

तुमसे ही सीखा है सब…

धीर-गंभीर, सकारात्मक, संतुष्ट और आनंदित. तुमसे ही मैंने अपने अंदर की स्त्री की आवाज को सुनना और उसकी इच्छाओं को मान देना सीखा. “स्व” का सम्मान करना सीखा. कर्तव्य के साथ ही अधिकारों के प्रति जागरूक होना सीखा. तुमने ही बताया जो अपने कर्तव्य पूरी निष्ठा से निभाते हैं वही वास्तव में अपने अधिकारों के प्रति भी सचेत रहते हैं. स्त्री सुखी संतुष्ट तो परिवार सुखी. जीवन को उसके सम्पूर्ण आनंद में जीना. जब भीतर आनंद हो तो बाहर भी आनंद ही छलकता है. और तुमने सदा अपने आसपास के लोगों पर, वातावरण में आनंद ही बरसाया.

ये भी पढ़ें- Mother’s Day 2019: बेटी ने ‘मां’ की तरह दी जिंदगी की सीख

मुझे हमेशा अपना आशीर्वाद और मार्गदर्शन देती रहना कि तुम्हारी तरह तुम्हारी बेटी भी एक संतुलित व्यक्तित्व की स्वामिनी बनकर घर समाज और स्वयं के साथ न्याय कर पाए. दूसरों को कुछ अच्छा देने के साथ ही खुद को भी खुश रख पाए.

तुम्हारी बेटी

ये भी पढ़ें- Mother’s Day 2019: अनमोल है मां की ममता

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें