‘‘महिलाओं से अपेक्षाएं कहीं अधिक होती हैं, इसलिए काम और घर में संतुलन बनाए रखना जरूरी है.’’

यह सच है कि महिलाओं में संवेदनशीलता, धीरज, बहुमुखी प्रतिभा और एक आंतरिक शक्ति होती है, जो उन की प्रगति में मददगार साबित होती है. ये सभी गुण उन्हें कौरपोरेट जगत की ऊंची सीढि़यां चढ़ने के काबिल बनाते हैं. ‘नाइन’ की सीईओ भी अपने इन्हीं गुणों के कारण जानी जाती हैं. उन से हुई बातचीत के कुछ अंश इस तरह हैं:

आप की सफलता का क्या राज है?

एक मजबूत विश्वास कि मैं इस काम को 100 प्रतिशत प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ कर सकती हूं. यह विश्वास ही मेरी सफलता का राज है, साथ ही मेरी मां, जिन्होंने हर कदम पर मेरा साथ दिया और मुझे बच्चों की तरफ से चिंतामुक्त रखा.

यह भी पढ़ें- ‘आगे बढ़ने के लिए अपने विवेक और अपनी भावनाओं में संतुलन रखें.’’

कामकाजी महिलाओं को किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है?

जब महिलाओं के काम की बात आती है, तो ऐसा सुनने को मिलता है कि मैरिड वूमन अपनी नौकरी के प्रति प्रतिबद्ध नहीं होती है या बच्चों के साथ औफिस में अच्छी परफौर्मैंस नहीं दे पाती है, जबकि ऐसा कुछ नहीं है, बल्कि वह अपना 100 प्रतिशत देने के लिए अधिक परिश्रम करती है और यह साबित करती है कि वह भी उतनी ही सक्षम है जितने कि औफिस के बाकी लोग. सामाजिक तौर पर भी महिला के साथ पक्षपात होता है. महिला के कैरियर को इतना महत्त्वपूर्ण नहीं समझा जाता है. एक महिला से घर व समाज की अपेक्षाएं कहीं अधिक होती हैं, इसलिए उस के लिए संतुलन बना कर चलना बहुत जरूरी है. चाहे घर हो या औफिस कोशिश करें कि आप अपने लिए भी समय निकाल सकें.

परिवार का कितना सहयोग मिलता है?

मेरे मातापिता ने हमेशा मुझ पर विश्वास किया. मेरे द्वारा किए गए सभी कठिन फैसलों में मेरा समर्थन किया. मेरी मां ने मुझे काम और मदरहुड के बीच संतुलन बनाने में मदद की. मैं ने संघर्ष भी किया जब बच्चे बहुत छोटे थे और काम की वजह से घंटों उन से दूर होने की वजह से वे मुझ से नाराज हो जाते थे. जब वे 3 साल के थे (जुड़वां बेटे) मैं ने काम से डेढ़ साल ब्रेक लिया, क्योंकि मैं मातृत्व के एहसास के साथ उन पलों को जीना चाहती थी. इन पलों को साथ बिताने की वजह से हम तीनों के रिश्ते में मजबूती आई. आज मैं जो भी करती हूं उस पर मेरे बच्चों को गर्व होता है और औफिस से आने के बाद वे जानने को उत्सुक रहते हैं कि मैं ने क्या किया है या मैं क्या कर रही हूं. हमारा रिश्ता बहुत मजबूत हो गया है. यह बहुत जरूरी है कि आप अपने बच्चों के साथ बात करें और उन्हें समझाने की कोशिश करें कि आप क्या करती हैं.

आप की इनर स्ट्रैंथ क्या है?

विनम्रता और किसी भी काम को करने का विश्वास कि मैं कुछ भी कर सकती हूं. ये 2 बातें मुझे बहुत ताकत देती हैं. मैं किसी भी काम, टास्क या लोगों को उन की सफलता से नहीं आंकती हूं. मैं सभी के साथ एकजैसी रहती हूं और हर चीज के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देती हूं.

यह भी पढ़ें- हार्ड वर्क और कमिंटमेंट है सफलता का राज- प्रीति शिनौय

ग्रामीण इलाकों में अब तक सैनिटरी पैड के इस्तेमाल को ले कर बहुत कम जागरूकता है, इस बारे में क्या कहना है?

गांवों के साथसाथ शहरों में भी स्थिति खराब है, लेकिन गांवों में ज्यादा बुरा हाल है. महिलाएं इस समय पुराने कपड़े यूज करती हैं, जिस से संक्रमण की संभावना अधिक होती है. हम सैनिटरी पैड के पक्ष में इसलिए हैं ताकि संक्रमण की घटनाओं को कम किया जा सके. यहां जागरूकता में कमी मानसिक अवरोध के कारण भी हो सकती है, क्योंकि महिलाओं को अपनी सुरक्षा के लिए 30-40 रुपए खर्च करने बहुत ज्यादा लगते हैं.

मैंस्ट्रुअल हाइजीन अवेयरनैस के बारे में क्या सोचती हैं?

इस विषय पर नाइन सैनिटरी नैपकिन ज्यादा से ज्यादा महिलाओं और पुरुषों को इस से जोड़ना चाह रहा है ताकि वे अपने आसपास के लोगों को स्वच्छ रहने व सामान्य रूप से जीवन व्यतीत करने के लिए शिक्षित कर सकें और बता सकें कि इस समय असहज नहीं, बल्कि स्वतंत्र रहें.

यह भी पढ़ें- एक्टिंग में आने से पहले मां से किया था ये वादा- दीपिका

आज भी महिलाएं पीरियड्स पर बात करने में झिझकती हैं. आप इस बारे में महिलाओं से क्या बोलना चाहेंगी?

यह एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है जो हर महिला के जीवन का अहम हिस्सा है. जब महिलाएं फर्टिलिटी और पीरियड के होने का जश्न मना सकती हैं, तो पीरियड के बारे में बात करने में शरमाती क्यों हैं? जब सिर में दर्द है या सर्दी है बोला जा सकता है, तो पीरियड हो रहा है, ऐसा क्यों नहीं बोला जा सकता है? मैं ऐसा मानती हूं कि प्रजनन क्षमता का संकेत किसी के लिए भी शर्मनाक नहीं होना चाहिए.

10 टिप्स : बिजी मौम्स ऐसे रखें अपनी खूबसूरती का ख्याल

अगर आप एक बिजी मौम हैं तो आपके लिए अच्छा ब्यूटी रूटीन बनाए रखना कठिन होगा. समय कम होने के कारण आप अपनी देखभाल की छोटी से छोटी बातों को इग्नोर कर देती होंगी. लेकिन डाइरैक्टर औफ ऐल्प्स ब्यूटी ऐंड ऐकैडमी की डा. भारती तनेजा आप को ऐसे क्विक ब्यूटी टिप्स बता रही हैं, जिन्हें आप रूटीन में शामिल कर हर सुबह बहुत अधिक समय दिए बिना अपनी ब्यूटी पहले जैसी बनाए रख सकती हैं:

स्किन केयर रूटीन पर जरूर दें ध्यान

1. देशी घी: देशी घी किसी भी प्रकार की स्किन के लिए चमत्कार कर सकता है. आप सुबह के समय परांठे या रोटी बनाते समय अपनी उंगली पर घी की एक छोटी सी ड्रौप ले कर अपनी आंखों के चारों ओर लगाएं. ऐसा करने से आंखों के चारों ओर बनने वाली महीन रेखाएं नहीं बनतीं.

यह भी पढें- अपर लिप्स के बाल हटाने के 6 होममेड टिप्स

2. लैमन स्लाइस: सुबह की शुरुआत नीबू पानी से करें और फिर नीबू के छिलके को फेंकने के बजाय उन्हें अपनी कुहनियों के साथसाथ नाखूनों के आसपास भी रगड़ें. यह एक प्राकृतिक ब्लीचिंग एजेंट है और अंगों को काला होने से रोकता है. यह नाखूनों को भी मजबूत बनाने में कारगर है.

3. वर्जिन कोकोनट औयल: अपनी किचन में खाने योग्य वर्जिन कोकोनट औयल की एक बोतल जरूर रखें और हर दिन 2 चम्मच लें. यह ऐंटीऔक्सीडैंट युक्त होता है, जिस में झुर्रियों, ब्रेकआउट्स व पिगमैंटेशन पर रोक लगती है व स्किन सौफ्ट बनती है.

4. बेसन पैक: बेसन में थोड़ा सा हलदी पाउडर और कच्चा दूध मिलाएं. इसे नहाने से पहले चेहरे व बदन पर लगाएं. गरमी में इस पैक में 1 नीबू का रस और सर्दियों में 1 बड़ा चम्मच मलाई मिला कर लगा सकती हैं. इस के इस्तेमाल से मृत स्किन निकल जाएगी और आप फ्रैश फील करेंगी.

हेयर केयर रूटीन भी है जरूरी

5. अंडा: सुबह नाश्ते में अगर आप की किचन में अंडे बनते हैं, तो आप सप्ताह में 1 बार एक गिलास में 1 अंडे को फेंट कर उसे बालों पर लगाना न भूलें. यह काम आप काम करतेकरते कर सकती हैं. इस से आप घने व सौफ्ट बाल पा सकती हैं. वर्जिन कोकोनट औयल: वर्जिन कोकोनट औयल सब से अच्छा और प्र्रभावी हेयर सीरमों में से एक है. इस से अपने बालों में मालिश करें और रातभर लगा छोड़ दें. सुबह धो लें. इस से आप के बाल काफी सौफ्ट दिखेंगे.

यह भी पढ़ें- गरमी में स्किन टाइप के हिसाब से खरीदेंगे लोशन तो होगा दुगुना फायदा

मेकअप केयर रूटीन को करें चेंज

6. मल्टीटास्किंग प्रोडक्ट खरीदें: एक मल्टीटास्किंग प्रोडक्ट यूज करने से समय की बचत होती है. इसलिए आप कुछ उच्च गुणवत्ता वाले प्रोडक्ट खरीदें, जो अप्लाई करने में भी और मल्टीपर्पज यूज करने में भी आसान होते हैं. मल्टीटास्किंग ब्यूटी प्रोडक्ट बीबी या सीसी क्रीम है, जो एक सनस्क्रीन, मौइश्चराइजर और फाउंडेशन के रूप में यूज की जा सकती है. आप अपना चेहरा धो कर सीसी क्रीम लगा कर ब्लश, आईलाइनर, लिपग्लौस और पाउडर का प्रयोग कर सकती हैं. कम समय के लिए शीर, लाइट कलर्स: जब आप के पास अधिक समय हो तो मेकअप के लिए गहरे, चमकीले रंग अप्लाई करें? लेकिन जब समय कम हो तो हलके रंग यूज करें. हलके रंगों को आप हलके हाथ से अप्लाई कर सकती हैं. नियमित रूप से पिन के लिए न्यूट्रल कलर्स परफैक्ट होते हैं.

7. राइट टूल रखें: ब्यूटी टूल्स सस्ते नहीं होते, लेकिन अगर आप उन की अच्छी तरह देखभाल करेंगी तो वे लंबे समय तक चलेंगे. हाई क्वालिटी मेकअप ब्रश खरीदें, जो ऐप्लिकेशन को आसान बनाता है और आप निश्चित रूप से समय बचाएंगी. पाउडर फाउंडेशन है बेहतरीन: जब आप मेकअप करती हैं, तो सब से पहले बेस बनाने के लिए फाउंडेशन का यूज करती होंगी, लेकिन क्रीम बेस्ड फाउंडेशन को ब्लैंड करने में समय तो लगता ही है. साथ ही शाम होते ही चेहरा औयली सा हो जाता है. इसलिए जरूरी है कि अगर कम समय में अच्छा लुक चाहती हैं, तो पाउडर फाउंडेशन का इस्तेमाल करना सही होगा.

यह भी पढ़ें- इन 5 आईलाइनर से पाएं खूबसूरत आंखें, 300 से कम है कीमत

8. ब्लश एक काम अनेक: यह मेकअप का एक अहम हिस्सा है. ब्लश करने के बाद पूरा चेहरा तरोताजा और चमकदार बन जाता है और इसे लगाने में ज्यादा समय भी नहीं लगता. ब्लश में आप पिंक या पीच कलर का चयन कर सकती हैं.

9. आईलाइनर, आईलैशेज, आईब्रोज: इन्हें कंप्लीट किया, तो बस आप का मेकअप हो गया. आईलाइनर के लिए आप पैंसिल आईलाइनर या जैल लाइनर का भी प्रयोग कर सकती हैं. हालांकि कम समय के लिए पैंसिल आईलाइनर ज्यादा सही है, क्योंकि इस में सूखने का कोई झंझट नहीं होता. आईलैशेज पर मसकारा लगने के बाद आप की पलकें बड़ी व बेहद खूबसूरत दिखने लगती हैं. अगर आप की आइब्रोज इतनी घनी नहीं है, जितनी की आप चाहती हैं, तो उस के लिए आइब्रोज पैंसिल का प्रयोग करें. इस के लिए आप ब्राउन या ब्लैक आईब्रोज पैंसिल यूज कर सकती हैं.

10. लिपग्लौस, लिपबाम और लिपस्टिक: मेकअप इन के बिना अधूरा है. लिपस्टिक लगाते ही चेहरा चमक उठता है. अगर आप नैचुरल दिखना चाहती हैं, तो लिपग्लौस लगा सकती हैं. यह बाजार में बड़ी रेंज में मौजूद है, जिसे आप अपनी पसंद के अनुसार खरीद सकती हैं. इसे लगाना भी बेहद ही आसान है. क्विक मेकअप के लिए यह सब से अच्छा विकल्प है और इस के प्रयोग से होंठ न सिर्फ गुलाबी दिखते हैं, बल्कि सौफ्ट भी रहते हैं.

पारुल, पूजा

लैमन हनी पनीर क्यूब्स

लैमन हनी पनीर क्यूब्स एक आसान रेसिपी है, जिसे आप इवनिंग स्नैक्स के रूप में अपने बच्चों के लिए बना सकते हैं. यह बच्चों से लेकर बड़ों सबके लिए बन सकती है. इसे आप सुबह के नाश्ते या शाम को डिनर में भी बनाकर अपनी फैमिली को गरमागरम परोस सकते हैं.

हमें चाहिए

1 कप पनीर क्यूब्स में कटा

1/2 छोटा चम्मच हल्दी पाउडर

1 बड़ा चम्मच तिल पाउडर

यह भी पढ़ें- दही पनीर के आलू

1/4 छोटा चम्मच नीबू का कद्दूकस किया छिलका

1 कली लहसुन कद्दूकस किया

2 बड़े चम्मच रिफाइंड औयल

द्य 2 बड़े चम्मच शहद

1/4 छोटा चम्मच कालीमिर्च चूर्ण

2 छोटे चम्मच नीबू का रस

काला नमक स्वादानुसार.

बनाने का तरीका

पनीर के क्यूब्स में हलदी पाउडर, नमक और तिल पाउडर अच्छी तरह मिक्स करें और फिर मैरिनेट के लिए 1/2 घंटा रखें.

यह भी पढ़ें- मलाई मखाना सब्जी

एक नौनस्टिक पैन में तेल गरम कर के लहसुन भूनें. फिर पनीर क्यूब्स डाल कर उलटें-पलटें. मीडियम आंच पर लाल होने तक भूनें.

इस में नीबू का कद्दूकस किया छिलका डाल दें. सर्विंग डिश में पनीर निकाल लें. शहद में नीबू का रस, कालीमिर्च व काला नमक डाल कर मिलाएं. फिर पनीर के क्यूब्स पर फैला दें.

Edited by Rosy

आप हम और ब्रैंड: स्वाति जैन (मार्केटिंग डाइरैक्टर, एवौन)

स्वाति जैन, (मार्केटिंग डाइरैक्टर, एवौन)

हाल के वर्षों में सौंदर्य और स्वास्थ्य के प्रति भारतीय महिलाओं में काफी जागरूकता आई है. सौंदर्य और हैल्थ के प्रति भारतीय महिलाओं का बढ़ता पैशन कौस्मैटिक कंपनियों के व्यापार को खूब बढ़ा रहा है.

ऐसी ही कंपनियों में शुमार है एवौन कंपनी, जो कौस्मैटिक्स, हैल्थकेयर, ब्यूटी और रोजगार के क्षेत्र में महिलाओं की आशाओं को नए पंख दे रही है.

एवौन की मार्केटिंग डाइरैक्टर स्वाति जैन के अनुसार, हैल्थ, ब्यूटी और पर्सनल केयर को ले कर जागरूकता दुनियाभर में बढ़ी है और भारत में तो बीते 10 सालों में यह ट्रैं तेजी से प्रसार पा रहा है. खुद स्वाति अपनी हैल्थ और ब्यूटी के मामले में काफी सचेत दिखती हैं. उन्हें देख कर कोई अनुमान भी नहीं लगा सकता कि वे 12 और 6 साल के 2 बच्चों की मां हैं और घरपरिवार की तमाम जिम्मेदारियों के साथसाथ इतनी बड़ी कंपनी के अहम ओहदे पर बैठ कर देशभर की महिलाओं की हैल्थ और ब्यूटी को ले कर हर पल कुछ न कुछ नया करने के प्रयास में संलग्न हैं.

यह भी पढ़ें- महिलाएं कैसे लें पर्सनल लोन

हैल्थ और ब्यूटी के क्षेत्र में भारतीय महिलाओं की बदलती सोच, जरूरत, चाहत और सपनों को पूरा करने की दिशा में एवौन क्या रोल अदा कर रही है, इस बारे में हम ने गुरुग्राम स्थित एवौन के दफ्तर में कंपनी की मार्केटिंग डाइरैक्टर स्वाति जैन से बातचीत की. पेश हैं, कुछ खास अंश:

हैल्थ, ब्यूटी और पर्सनल केयर को ले कर वर्तमान पीढ़ी पिछली पीढ़ी के मुकाबले कितनी जागरूक दिखती है?

यह तो ग्लोबल ट्रैंड है जो इंडिया में बहुत तेजी से बढ़ा है. आज हर कोई सुंदर दिखना चाहती है फिर वह गृहिणी हो या कामकाजी महिला. आज की औरत के लिए सुंदरता अब सिर्फ चेहरे के मेकअप तक सीमित नहीं है, बल्कि इस में उस की सेहत, हाइजीन, डै्रस, एक्सैसरीज, फ्रैगरैंस, फुटवियर, हेयर कलर सबकुछ शामिल है. आजकल भारतीय महिलाएं पतला होने के लिए काफी मशक्कत कर रही हैं. वे जिम जा रही हैं, डाइटीशियन के पास जा रही हैं. मुझे लगता है कि जल्द ही उन्हें एहसास होगा कि उन्हें पतला नहीं होना है, बल्कि हैल्दी होना है.

हैल्दी होना आप की पूर्ण खूबसूरती से जुड़ा है. अगर आप हैल्दी हैं तो आप की स्किन ग्लो करेगी, बालों में चमक रहेगी, नेल्स सुंदर होंगे, मेकअप आप के फेस पर ज्यादा समय तक टिकेगा. हैल्थ और ब्यूटी को ले कर आज हर उम्र की महिला सचेत है. आज मेकअप करना भी सिर्फ कुछ खास मौकों की बात नहीं है, बल्कि हर वक्त की जरूरत है. महिलाएं इस बात को समझ रही हैं कि सुंदर और स्वस्थ दिखना हर समय जरूरी है फिर चाहे आप घर पर हों, औफिस में या फिर कालेज में.

swati-jain-1

पहले के समय में एक आम भारतीय घर में एक क्रीम की ट्यूब आ जाती थी और पूरा घर उसे इस्तेमाल करता था, मगर अब ऐसा नहीं है. आज की गृहिणी या कामकाजी महिला अपनी स्किन के हिसाब से कौस्मैटिक्स का चुनाव करने लगी है. इस बारे में एवौन का सर्वे क्या कहता है और आप अपने ग्राहकों की बढ़ती जरूरतों को किस तरह पूरा कर रही हैं?

जी हां, यह बिलकुल सच है कि आज की महिला ब्यूटी को ले कर काफी सचेत है और अपनी स्किन क्वालिटी व कलर के अनुसार अपनी पसंद के कौस्मैटिक्स चाहती है. हम लगातार अपने ग्राहकों की जरूरतों के हिसाब से प्रोडक्ट्स मार्केट में उतारते हैं. थोड़ेथोड़े वक्त में हम उन में चेंजेस भी करते रहते हैं ताकि ग्राहकों को हमेशा कुछ नया और असरकारक मिलता रहे. जैसे एवौन की एक ऐंटी-ऐजिंग क्रीम है, जो दुनिया की बैस्ट ऐंटीऐजिंग क्रीम मानी जाती है, मगर उस में भी हमें हर 3 साल में कुछ नया सूत्रीकरण करना पड़ता है. हम लगातार अपने उत्पाद पर काम करते हैं ताकि ग्राहकों की उस में रुचि तो रहे ही, उसे पहले से ज्यादा असरदार चीज भी हासिल हो सके. ऐसा नहीं है कि हम ने एक क्रीम बना दी और फिर जिंदगी भर वही फौर्मूला चलता रहेगा.

यह भी पढ़ें- आप हम ब्रैंड: क्योंकि हीरा है सदा के लिए…

भारतीय ग्राहक हर पल कुछ नया चाहते हैं, वे एक ही ब्रैंड में नएपन की ख्वाहिश रखते हैं. हर प्रोडक्ट में कुछ ऐक्स्ट्रा चाहते हैं. हम अपने ग्राहकों की इस मनोस्थिति को समझते हैं और उसी के मुताबिक अपने प्रोडक्ट्स में नए बदलाव करते रहते हैं. हमारे पास हर तरह के प्रोडक्ट की लंबी रेंज है. हर इनकम क्लास को ध्यान में रख कर हम ने प्रोडक्ट तैयार किए हैं ताकि एवौन हर आयवर्ग की महिला को सुंदर बनाने में अपनी भूमिका सफलतापूर्वक निभा सके.

आज के दौर में हैवी या डार्क मेकअप का चलन लगभग खत्म हो चुका है. आज की युवतियां बहुत लाइट मेकअप कैरी करती हैं. ऐसा मेकअप जो हो भी और नजर भी न आए, आप का क्या खयाल है?

यह बहुत बड़ा टै्रंड है और इस के चलते एवौन ने भी इसी फरवरी माह में न्यूड मेकअप लौंच किया है. हम न्यूड मेकअप की पूरी सीरीज कर रहे हैं. अभी हम ने न्यूड लिपस्टिक लौंच की है और जल्द ही हम और भी चीजें लौंच करने जा रहे हैं. दरअसल, भारत में मेकअप का चलन सब से ज्यादा बौलीवुड की सैलिब्रिटीज बढ़ाती हैं. आप ने नोटिस किया होगा पहले रेखा या अन्य हीरोइनें काफी डार्क मेकअप यूज करती थीं, हैवी ज्वैलरी पहनतीं थीं, तो समाज में भी वही ट्रैंड बना हुआ था, मगर आज की हीरोइनों जैसे दीपिका पादुकोण या अनुष्का शर्मा को देखिए, जो अब मैरिड हैं, मगर उन का मेकअप बेहद लाइट होता है. लगता है जैसे कुछ किया ही नहीं है, मगर बावजूद उस के उन की स्किन ग्लो करती है. बालों में, आंखों में एक अलग तरह की चमक होती है. ये सब न्यूड मेकअप की वजह से है. भारतीय ग्राहक इस ट्रैंड को बहुत तेजी से अडौप्ट कर रहे हैं और एवौन ने महिलाओं की इस चाहत को देखते हुए कई नए उत्पाद मार्केट में उतारे हैं.

मेकअप को ले कर भारतीय महिलाओं की सोच में पहले के मुकाबले और क्या अंतर देखती हैं?

मुझे यह कहने में जरा भी हिचकिचाहट नहीं है कि दुनिया में अगर कहीं कुछ नया हो रहा है तो हिंदुस्तानी औरत के मेकअप में हो रहा है. मैं ने एक चीज नोटिस की है कि पहले जब कहीं पार्टी में जाना होता था तो भारतीय महिला फेस पर एक क्रीम लगाती थी, उस से जब स्किन कुछ बेहतर नजर आने लगती थी तो वह उस पर थोड़ा मेकअप लगा लेती थी, यानी फाउंडेशन, पाउडर, लिपस्टिक और काजल. पार्टी में जाने के लिए इतना भर उसे काफी लगता था. यह मेअकप थोड़ी ही देर में पसीने में बह भी जाता था. मगर अब महिला अपने मेकअप को ले कर काफी सचेत है. वह मौइश्चराइजर से ले कर फेस पाउडर तक जो कुछ भी अपनी स्किन पर अप्लाई करती है, इस सोच के साथ कि उस का मेकअप ज्यादा समय तक टिके और उस से उस की स्किन लाइफलौंग ठीक भी रहे. मेकअप का कोई साइड इफैक्ट उस की स्किन पर न हो,

इसलिए वह हाई क्वालिटी प्रोडक्ट भी यूज करना चाहती है. एवौन उसे हाई क्वालिटी प्रोडक्ट उस की इनकम के अंदर ही उपलब्ध कराता है.

यह भी पढ़ें- कारपोरेट जगत में बढ़ती महिला शक्ति

आप अपने प्रोडक्ट्स के प्रति ग्राहकों का विश्वास कैसे पाती हैं? यह विश्वास कैसे जगाती हैं कि यह सब से बेहतर है और इस से आप को कोई स्किन प्रौब्लम नहीं होगी?

एवौन के प्रोडक्ट्स को भारतीय ग्राहक सालों से जानते हैं. हम विज्ञापनों से ज्यादा ट्रेनिंग पर जोर देते हैं. जब भी हमारा कोई नया प्रोडक्ट लौंच होता है, हमारे ऐक्सपर्ट्स देशभर में महिलाओं के अनेक समूहों को ऐड्रैस करते हैं. वे उन्हें उस प्रोडक्ट की क्वालिटी बताते हैं, उस के इस्तेमाल के तरीके बताते हैं, उस के फायदे बताते हैं यानी प्रोडक्ट के संबंध में ग्राहकों की सारी जिज्ञासाओं को शांत करते हैं. इस से माउथ टु माउथ प्रोडक्ट की पब्लिसिटी भी होती है और चूंकि ब्यूटी ऐक्सपर्ट सामने है, इसलिए प्रोडक्ट के प्रति विश्वास भी पैदा होता है. इस के अलावा हम डिजिटली बहुत ऐक्टिव हैं. हम अपने ग्राहकों को बहुत सारी जानकारी डिजिटली पहुंचाते हैं. वीडियो के जरीए, ट्यूटोरियल्स के जरीए, ट्रेनिंग के जरीए हम ग्राहकों तक पहुंचते हैं.

swati-jain-3

भारतीय गृहिणियों को हर चीज में मोलभाव करने की आदत होती है. एवौन क्या अपने प्रोडक्ट्स को ले कर उन्हें मोलभाव का मौका देता है?

जी हां, यह सुविधा यहां महिलाओं को खूब मिलती है. वे खुल कर मोलभाव कर सकती हैं. दरअसल, हमारा कौंसैप्ट ही भारतीय गृहिणियों के लिए है. हमारे सारे प्रोडक्ट्स हर महीने एक ब्रोशर के द्वारा बिकते हैं. इस ब्रोशर में हम हर महीने उन्हें कई औफर्स देते हैं. जैसे हमारी वैबसाइट पर

अगर आप जाएं तो कोई लिपस्टिक आप को क्व100 की मिल रही है, तो यदि आप उसे कुछ सीमित घंटों में खरीदती हैं तो वही क्व75 में भी मिल जाएगी. इस के अलावा किसी एक प्रोडक्ट के साथ कोईर् दूसरा प्रोडक्ट फ्री मिल सकता है. ऐसे में इन तमाम तरह के औफर्स को ले कर महिलाएं भी काफी उत्साहित रहती हैं.

एक आम भारतीय महिला कौस्मैटिक्स की खरीद को ले कर औनलाइन शौपिंग ज्यादा पसंद करती है या दुकान पर जा कर सामान खरीदने में ज्यादा भरोसा दिखाती है जहां वह किसी भी प्रोडक्ट को खरीदने से पहले उसे यूज कर के देख सके?

यह बहुत रोचक सवाल है. मेरे हिसाब से भारतीय महिलाएं औनलाइन तो विंडो शौपिंग करती हैं, मगर सामान वे शौप पर जा कर ही खरीदती हैं. हां, पुरुष जरूर औनलाइन शौपिंग धड़ल्ले से करते हैं. भारतीय महिलाएं पसंद करती हैं कि वे जो कुछ खरीद रही हैं, उसे टच कर के, फील कर के देखें और फिर खरीदें. इस के साथ ही वे औनलाइन विंडो शौपिंग कर के सारे रेट्स भी पता कर लेती हैं. औफर्स क्या हैं, किस चीज के साथ क्या फ्री है, ये सब बातें पता करने के बाद ही वे शौप पर जाती हैं और फिर वहां मोलभाव करती हैं. मैं अकसर औरतों को कहते सुनती हूं कि मैं ने एवौन की वैबसाइट पर यह लिपस्टिक क्व100 में देखी है, आप क्व140 की दे रहे हैं? फिर दुकानदार को मजबूर हो कर क्व100 में ही देनी पड़ती है. इस मोलभाव में सफल होने से महिला को बेहद खुशी मिलती है.

यह भी पढ़ें- आप हम और ब्रैंड

एवौन के पास बच्चों और पुरुषों के लिए क्या खास है?

वैसे तो एवौन महिलाओं के लिए महिलाओं की कंपनी है, मगर हम पूरे परिवार का खयाल रखते हैं. अभी न्यू कैटेगरी में हम ने एवौन बेबी केयर लौंच किया है. इस में बच्चों के डायपर, क्रीम, सोप हैं. इसी साल फरवरी में हम ने फ्रोजन डिजनी के साथ ऐसोसिएशन कर के बच्चों के लिए लोशन, हैंड वाश, कोलोन्स भी निकाले हैं. हमारा बेबी बाथ जैल बच्चों की त्वचा के लिहाज से काफी अच्छा और सेफ है. बच्चों के लिए हमारे पास काफी रेंज हैं. हमें जहां पर भी लगता है कि गैप है, वहां पर हम प्रोडक्ट्स निकालते हैं. इसी के साथ बड़ों के लिए भी हमारे पास काफी चीजें हैं.

हमारा एक प्रोडक्ट है एवौन लाइफ मेन, जो दाम के हिसाब से पुरुषों के लिए देश में सब से बेहतर प्रोडक्ट है. इस के अलावा परफ्यूम, डियोड्रैंट्स, शेविंग जैल, बाथ जैल, वालेट, लैपटौप बैग्स, बैल्ट आदि हैं. ग्राहकों की पर्सनल केयर में जिन चीजों की आवश्यकता हमें दिखती है, हम वे चीजें उन्हें उपलब्ध कराते हैं. एवौन की रेंज काफी है. हर इनकम क्लास के लिए हमारे पास प्रोडक्ट्स उपलब्ध हैं. डियोड्रैंट की ही बात करें तो हमारे पास क्व699 का भी प्रोडक्ट है और क्व4,500 का भी. हां, एक चीज जो मैं ने नोटिस की है वह यह कि भारतीय बाजार में बहुत ज्यादा महंगे फ्रैगरैंस नहीं बिकते हैं. हमारी ऐंटीऐजिंग क्रीम लो इनकम गु्रप में काफी पसंद की गई. यह क्रीम मात्र क्व99 की है. इस तरह हमारे फेस वाश भी महिलाओं के साथसाथ पुरुषों ने भी खूब पसंद किए हैं.

महिलाओं को रोजगार से जोड़ने की दिशा में एवौन क्या खास कर रहा है?

महिलाएं तो हमारी लाइफ लाइन हैं. हमारे पास हमारे ग्राहकों तक पहुंचने का माध्यम भी महिलाएं ही हैं. हमारे पास और कोई तरीका ही नहीं है. हर महीने हम विभिन्न प्रकार की अपौइंटमैंट स्कीम्स निकालते हैं. हम ट्रेनिंग सैशन्स चलाते हैं और ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को अपने साथ जोड़ने की कोशिश करते हैं. ऐसी ही एक महिला हैं वरिंदर कौर, जो आज महिलाओं की ब्यूटी और हैल्थ की ट्रेनिंग देती हैं. वे हाउसवाइफ थीं. 2 साल पहले ही उन्होंने एवौन जौइन किया है और इतने कम समय में ही उन्होंने काफी प्रोग्रैस की है.

आज वे अपना घर खुद चलाती हैं. एवौन की ओर से विदेश यात्रा कर के लौटी हैं. हमारी कोशिश है कि हम ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को रोजगार से जोड़ सकें. दुनिया में 50 फीसदी महिलाओं की यह सोच है कि वे ऐंटरप्रन्योर नहीं बन सकती हैं, मगर हमारी कोशिश है कि हम उन में यह विश्वास पैदा कर सकें कि वे बहुत कामयाब ऐंटरप्रन्योर बन सकती हैं. हम उन्हें मौका देते हैं, ट्रेनिंग देते हैं, सुविधा देते हैं और कामयाब बिजनैस का रास्ता दिखाते हैं.

इसी के चलते हम ने एक कैंपेन शुरू की है- लुक्स लाइफ फ्रीडम. एवौन महिलाओं की कंपनी है और यह महिलाओं को फ्रीडम देना चाहती है ताकि वे अपनी जिंदगी में कुछ कर सकें. हम इस कैंपेन के जरिए महिलाओं में खुद के प्रति विश्वास पैदा करना चाहते हैं और समाज को भी यह संदेश देना चाहते हैं कि हर बात में महिलाओं को बेचारा बनाने की आदत छोड़ दे. इस के लिए हम डिजिटली काफी ऐक्टिव हैं. सोशल मीडिया के माध्यम से हम अपनी कई रिप्रैजेंटेटिव्स की सफलता की कहानियों को देश की महिलाओं के साथ साझा करते हैं. हमारी कोशिश है कि 8 मार्च महिला दिवस का दिन ही वूमन के लिए सैलिब्रेशन का दिन न हो, बल्कि उन की जिंदगी का हर दिन सैलिब्रेशन का दिन बन सके.

‘‘एवौन ने मेरी जिंदगी बदल दी’’-वरिंदर कौर

varinder-kaur

मैं 2 साल पहले तक हाउसवाइफ थी. मेरी फैमिली रूढि़वादी सोच की है, जिस में लड़कियों का घर से बाहर जा कर काम करना पसंद नहीं किया जाता. मैं कुछ करना चाहती थी, मगर कोई अच्छा प्लेटफौर्म नहीं मिल रहा था. मैं ने घर में एक ब्यूटीपार्लर खोला, मगर वह बहुत अच्छा नहीं चल रहा था. तभी मुझे एवौन द्वारा आयोजित एक ट्रेनिंग प्रोग्राम में जाने का मौका मिला. इस प्रोग्राम में मैं अपनी एक सहेली के साथ गई थी. उन्होंने वहां स्किन केयर के प्रोडक्ट्स के बारे में बताया, मेकअप का डैमो दिखाया. मुझे वह बहुत पसंद आया और मैं ने एवौन से जुड़ने का मन बना लिया. मैं ने इस के प्रोडक्ट्स यूज किए, जिन का मेरी स्किन पर बहुत अच्छा प्रभाव दिखा. मेरे घर के आसपास की महिलाएं भी पूछतीं कि आजकल क्या यूज कर रही हो जो चेहरा इतना ग्लो करता है. इन बातों से मेरा आत्मविश्वास बूस्ट हुआ. मैं ने उन प्रोडक्ट्स के बारे में लोगों को बताया. उन के यूज के तरीके बताए. लोग मुझ से जुड़ने लगे, मेरे पास मेकअप टिप्स लेने के लिए आने लगे. फिर मैं ने एवौन को ही अपने बिजनैस का माध्यम बना लिया. मैं ने गु्रप्स में डैमो देने शुरू किए. मुझे इस में मजा आने लगा और यह मेरे लिए बहुत आसान बिजनैस बन गया. 2 साल में ही एवौन ने मेरी जिंदगी बदल दी, मेरे परिवार की सोच बदल दी. मैं अपने परिवार की पहली महिला हूं जो विदेश यात्रा कर के लौटी है.

यह भी पढ़ें- फायदा चाहिए तो 31 मार्च से पहले जुटाएं ये 7 डाक्यूमेंट्स

‘‘एवौन महिला अलग से पहचानी जाती है’’ -दिव्या पौल

divya-paul

मैं एवौन के साथ पिछले 10 सालों से जुड़ी हूं. यहां मैं महिलाओं को ट्रेनिंग देने का काम करती हूं. एमबीए करने के बाद मैं ने ब्यूटी इंडस्ट्री को अपने कैरियर के रूप में इसलिए चुना, क्योंकि इस में हम दूसरों को ही सुंदर नहीं बनाते, बल्कि खुद को भी सुंदर और हैल्दी रखते हैं. मुझे हैरानी होती है कि एक वक्त था कि मुझे खुद आईलाइनर तक लगाना नहीं आता था, मगर आज मैं महिलाओं को मेकअप के टिप्स देती हूं, प्रोडक्ट्स के बारे में बताती हूं, उन का यूज बताती हूं. 10 सालों में मैं ने हिंदुस्तानी मेकअप में काफी बदलाव देखे हैं. अब महिलाएं नैचुरल मेकअप चाहती हैं. लाइट और हैल्दी मेकअप के लिए एवौन से अच्छा प्लेटफौर्म कोई दूसरा नहीं है. बीते 10 सालों में मैं ने बहुत सारी महिलाओं को इस से जुड़ते देखा है. एवौन महिलाएं अलग से पहचानी जाती हैं. उन का बात करने का तरीका, कौन्फिडैंस लैवल, ब्यूटी, हैल्थ हर चीज उन्हें बेहतर दिखाती है. मैं ने ऐसी महिलाओं को देखा है जो एवौन से जुड़ने से पहले बात तक करने में हिचकिचाती थीं, मगर आज स्टेज पर खड़े हो कर धाराप्रवाह भाषण कर सकती हैं. एवौन महिलाओं का साहस बढ़ाने की दिशा में लगातार काम कर रहा है.

मेरी मां- मां की एक सीख ने दी जिंदगी को नई दिशा

डौ. पंकज गुप्ता

नारी सृष्टि की श्रेष्ठतम रचना है और मां इस सृष्टि का मधुरतम शब्द. नारी के समस्त रूपों में सर्वश्रेष्ठ स्थान मां का ही है. वाकई मां अनमोल है. मां ही बच्चों की पहली गुरु होती है, जिसके पास अपने बच्चों के लिए बिना किसी शर्त के ममत्व भरा प्यार होता है. सच में वे लोग बड़े ही भाग्यशाली होते हैं जिनके सिर पर मां के प्यार दुलार की छाया लहराती हैं.

वैसे तो अपनी मां से जुड़े बहुत सारे अविस्मरणीय क्षण ऐसे होते हैं जिनसे हमें हर पल कुछ सीख मिलती है. यहां मैं अपनी मां से जुड़ा एक यादगार पल जो लगभग 30-32 वर्ष पुराना है, साझा करना चाहूंगी जिसने मेरे जीवन को एक सकारात्मक दिशा प्रदान की.

ये भी पढ़ें- “मां का साया”: एक कविता मां के नाम

जब मैं बहुत छोटी थी तब एक बार मैं मां के साथ बाजार से घर आ रही थी. तभी देखा कि एक होटल के सामने एक बुजुर्ग व्यक्ति, जिसे देखकर ऐसा लग रहा था कि उसने काफी समय से खाना नहीं खाया, खाने के लिए गिड़गिड़ा रहा था और होटल वाला उसको दुत्कार कर दूर जाने को कह रहा था. तभी बिना एक पल गंवाये, उसकी सच्चाई को समझते हुए मां उसे अपने साथ घर तक ले आयीं और उसे भरपेट खाना खाने को दिया. तब उसकी आंखों में खुशी और संतुष्टि की जो चमक थी उसे मैं आश्चर्यचकित होकर देख रही थी और उस समय अपनी उम्र के हिसाब से थोड़ा बहुत कुछ समझ भी पा रही थी. मगर आज ये मेरे जीवन का सबसे अनमोल पाठ बन गया.

ये भी पढ़ें- मेरी मां: जब मां ने की बेटे की जांच

एक बेटी अपनी सूझबूझ और होशियारी से दो घरों को संपन्न बनाती है, किसी के प्रति मन में दुर्भावना को न पनपने दो, कठिन समय में घबराओ मत, ईश्वर ने हमें हिम्मत, साहस और मस्तिष्क का जो शानदार संगम दिया है, उसका उचित समय पर उपयोग कर सफल जीवन जियो, इत्यादि ऐसी न जाने कितनी सलाहें मुझे हमेशा सकारात्मक सोच रखने की ताकत देता है.

ये भी पढ़ें- ‘मेरी मां’- मां जैसा कोई नहीं

अब, जबकि आज मेरी मां हमारे बीच नहीं हैं तो बस एक यही एहसास कि मां कहीं दूर होकर भी हमारी खुशियों की कामना कर रही है, मुझे जीने का हौसला देता है.

“मां का साया”: एक कविता मां के नाम

कंचन शर्मा

मेरे लिए सबसे सुकून भरा हुआ करता था जो,
और कुछ नहीं था बस मेरी मां का साया था वो,

जिसकी छांव में मेरी पूरी जिंदगी बस्ती थी,
जब मुझे एक नजर देख कर मेरी मां हस्ती थी,
मेरे सारे दर्द कम हो जाया करते थे
जब वो अपना हाथ प्यार से मेरे माथे पर रखती थी

मेरे लिए सबसे सुकून भरा हुआ करता था जो,
और कुछ नहीं था बस मेरी मां का साया था वो,

मेरी छोटी से छोटी गलती भी अपने दामन में छुपा लेती
मेरी आंखों के आंसू को अपनी अपनी आंखों में बसा लेती
मैं अगर नाराज भी हो जाऊं तो मां बस मुस्कुरा देती
अपने अनगिनत तरीकों से मुझे मना ही लेती…..

मेरे लिए सबसे सुकून भरा हुआ करता था जो,
और कुछ नहीं था बस मेरी मां का साया था वो,

ये भी पढ़ें—-

मेरी मां- “मां के नाम एक कविता”

कहानी- मां ने दी जिंदगी की सीख

Cannes 2019: बौलीवुड की क्वीन ने कान्स में बिखेरा जलवा

बौलीवुड में फिल्मों में दमदार रोल में नजर आने वाली एक्ट्रेस कंगना रनौत पेरिस में होने वाले कान्स फिल्म फेस्टिवल में भी दमदार लुक में नजर आईं. जहां दूसरी बौलीवुड हसीनाएं वेस्टर्न लुक में जलवा बिखेरती नजर आईं तो वहीं कंगना इंडियन लुक में इंडिया का मान बढ़ाती नजर आईं. आपको दिखाते हैं उनके कान्स में कैरी किए इंडियन लुक की कुछ खास तस्वीरें…

गोल्डन साड़ी में कगंना ने कान्स में मारी धमाकेदार एंट्री

‘कांस फिल्म फेस्टिवल’ में कंगना गोल्डन कलर की साड़ी में नजर आईं. जिसे देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि इस इवेंट में कंगना ने धमाकेदार एंट्री मारी है.

यह भी पढ़ें- Cannes 2019: रेड कारपेट पर छाई दीपिका और प्रियंका

इंडियन लुक को वेस्ट्रन टच देती नजर आईं कंगना

 

View this post on Instagram

 

The world’s a stage! ? . . . . #KanganaAtCannes #Queenatcannes #Cannes2019 #Greygooselife #LiveVictoriously

A post shared by Kangana Ranaut (@team_kangana_ranaut) on

अपने इस इंडियन लुक को वेस्ट्रन टच देने के लिए कंगना ने पर्पल कलर के ग्लव्स पहने हुए थे. साथ ही गोल्डन साड़ी के साथ कंगना का स्टाइलिश हेयर स्टाइल उनके लुक को रौयल लुक दे रहा था.

कान्स में क्वीन से कम नहीं लग रही थीं कंगना

इस दौरान बौलीवुड की ये हसीना यानी कंगना इतनी बेहतरीन लग रही थी कि लुक देखकर कोई भी उनको क्वीन का दर्जा दे ही देगा.

यह भी पढ़ें- ‘दे दे प्यार दे’ फिल्म रिव्यू: रोमांस के नाम पर बेशर्मी और डबल मीनिंग डायलौग

काले चश्मे के स्वैग में पोज देती नजर आईं कंगना

 

View this post on Instagram

 

XOXO ?? . . . . . . #Queenatcannes #KanganaAtCannes #Cannes2019 #LiveVictoriously #Greygooselife

A post shared by Kangana Ranaut (@team_kangana_ranaut) on

कंगना साड़ी के साथ काला चश्मा लगाए नजर आईं. वहीं इस दौरान इंटरनेशनल मीडिया के सामने जम कर पोज देती भी नजर आईं. साथ ही फैंस को निराश न करते हुए कंगना ने फैंस के साथ सैल्फी लेने से भी परहेज नही किया और उनके साथ पिक्चर्स क्लिक करवाईं.

Cannes 2019: रेड कारपेट पर छाई दीपिका और प्रियंका

बौलीवुड की जानी मानी एक्ट्रैसेस दीपिका पादुकोण और प्रियंका चोपड़ा ‘मेट गाला 2019’ में बिजली गिराने के बाद अब कान्स फिल्म फेस्टिवल (Cannes Film Festival 2019) में अपने लुक को लेकर सुर्खियां बटोरती नजर आईं. एक तरफ जहां प्रियंका पहली बार कान्स फिल्म फेस्टिवल में भारतीय अंदाज में हाथ जोड़कर फैन्स का वेलकम करती नजर आईं. तो दूसरी तरफ दीपिका अपने सेक्सी लुक में रेड कार्पेट पर जलवे बिखेरते दिखीं. आइए आपको दिखाते हैं दीपिका और प्रियंका की कुछ हौट फोटोज…

भारतीय परम्परा दिखाती नजर आईं प्रियंका

 

View this post on Instagram

 

Cannes 2019 @red #5BFilm

A post shared by Priyanka Chopra Jonas (@priyankachopra) on

Cannes Film Festival 2019 के रेट कार्पेट पर प्रियंका चोपड़ा ने शाईनिंग ब्लैक एंड ब्राउन कलर का एक गाउन पहना और वह इसमें बहुत ही खूबसूरत लग रही थीं.

दीपिका ने अपने लुक से जीता फैंस का दिल

 

View this post on Instagram

 

slayed & how ?? #cannes2019 @deepikapadukone

A post shared by Deepika Padukone Fanpage (@deepika.padukone.fanpage) on

वहीं दीपिका  भी औफ व्हाइट गाउन पहना जिसमें लगी बड़ी सी बो ने सबका अट्रैक्शन अपनी ओर खींच लिया. दीपिका की ये ड्रेस हाई स्टिट और डीप नेक है. ड्रेस के साथ दीपिका ने हाई पोनी टेल की. साथ ही रिवर्स कैट आई मेकअप ने दीपिका के लुक को कम्पलीट कर दिया.

 

View this post on Instagram

 

?

A post shared by Priyanka Chopra Jonas (@priyankachopra) on

बता दें, प्रियंका चोपड़ा ने कान्स फिल्म फेस्टिवल में पहली बार कदम रखा है. जबकि दीपिका पहले भी इसका हिस्सा रह चुकी हैं. और अपनी अदाओं से सबको दिवाना बना चुकीं हैं. वहीं दीपिका और प्रियंका हाल ही में हुए मेट गाला 2019 में अपने लुक को लेकर सुर्खियों में आ गए थे. साथ ही ट्रौल भी हो गईं थी.

‘दे दे प्यार दे’ फिल्म रिव्यू: रोमांस के नाम पर बेशर्मी और डबल मीनिंग डायलौग

फिल्म- दे दे प्यार दे

निर्देशक- अकीव अली

कलाकार- अजय देवगन, तब्बू, रकूल प्रीत सिंह, आलोकनाथ, जावेद जाफरी, जिम्मी शेरगिल, भाविन भानुशाली, हुयेन दलाल, अंजीला व अन्य.

रेटिंग- डेढ़ स्टार

बतौर निर्देशक अकीव अली अपनी पहली फिल्म ‘दे दे प्यार दे’ में हास्य के नाम पर जमकर बेशर्मी और फूहड़ता परोसी है. पूरी फिल्म नारी को अपमानित करने का ही काम करती है.यूं भी इस फिल्म के निर्माता व कहानीकार लव रंजन पर उनके द्वारा निर्देशित पहली फिल्म ‘‘प्यार का पंचनामा’’से ही नारी विरोधी होने का आरोप लगता रहा है. इस फिल्म में एक कदम आगे बढ़ते हुए एक पुरूष के लिए दो नारियों को ही बेशर्मी के साथ एक दूसरे के खिलाफ खड़ा कर दिया है. फिल्म ‘‘दे दे प्यार दे’’में एक नारी को उसके रूप, उसके कद, उसकी उम्र, उसके रिश्ते के विकल्प आदि को लेकर शर्मिंदा करने का ही काम करती है.

कहानीः

फिल्म की कहानी लंदन से शुरू होती है. जहां पचास साल के आशीश(अजय देवगन)एक महल नुमा घर में अकेले रह रहे हैं. उन्होने अपनी पत्नी मंजू राव( तब्बू ),बेटे विनोद(भाविन भानुशाली) व बेटी इशिता ( इनायत),माता व पिता वीरेंद्र मेहरा (आलोकनाथ)को भारत में ही छोड़ दिया है. मंजू व अशीश के बीच तलाक नहीं हुआ है,मगर 18 साल से आशीश भारत नहीं गया.

‘बदनाम गली’ में क्या कर रही हैं राजकुमार राव की गर्लफ्रेंड?

एक दिन वह अपने दोस्त की शादी से पहले उसकी बैचलर पार्टी अपने घर में रखता है, जिसमें आशीश से बीस साल छोटी आएशा खुराना(रकुल प्रीत सिंह )पहुंच जाती है. रात में शराब पीकर आएशा, आशीश के घर में ही रह जाती है. जब सुबह आएशा सोकर उठती है, तो दर्शकों को पता चल जाता है कि रात में क्या हुआ होगा.उसके बाद इनकी मुलाकातें बढ़ती हैं. अशीश, आएशा को बताता है कि उसके बड़े बच्चे हैं और उसने अपनी पत्नी को छोड़ दिया है, वह सभी भारत में रहते हैं. पर दोनों बिना शादी किए एक साथ पति पत्नी की तरह रहने लगते हैं.

एक दिन आशीश अपने पूरे परिवार से मिलाने के लिए आएशा को लेकर भारत के हिल स्टेशन के रिसोर्टनुमा अपने घर पर पहुंचता है. जहां सबसे पहले मुलाकात आशीश की बेटी इशिता से होती है, वह गुस्से में आशीश को वापस जाने के लिए कहती है, क्योंकि इशिता की शादी की बात करने के लिए श्रेया का प्रेमी अपने पिता अतुल के साथ वहॉं आ रहा है. इशिता ने कह रखा है कि बचपन में ही उसके पिता मर गए थे. हालात को देखते हुए तय होता है कि अतुल से आशीश की मुलाकात इशिता के मामा के रूप में कराई जाएगी. हालात के मद्दे नजर आशीश सत्य बताने की बजाए आएशा को अपनी सेक्रेटरी बता देता है. इशिता शादी से पहले लिव इन रिलेशनशिप में रहना चाहती है, जिसके लिए अतुल तैयार नही होते. खैर मामला तय होता है कि सगाई के बाद दोनो लिव इन रिलेशनशिप में रहेंगे.

‘इश्कबाज’ की ये एक्ट्रेस बनीं मां, ऐसे सुनाई खुशखबरी

कई घटनाक्रम तेजी से बदलते हैं. आशीश अपनी बेटी इशिता को आशीश व आएशा के रिश्ते का सच पता चल जाता है.वह गुस्से में सबके सामने कह देती है कि आशीश उसके पिता हैं. अतुल शादी तोड़कर अपने बेटे के साथ वापस चले जाते हैं. आशीश व आएशा के बीच भी मनमुटाव हो जाता है और आएशा वापस लंदन चली जाती है. पर बेटी को दुःखी देखकर आशीश उसकी शादी कराने के लिए अतुल के पास जाता है. पर सगाई वाले दिन मंजू लंदन से आएशा को लेकर पहुंच जाती है.

इंटरवल तक तो फिल्म महज अजय देवगन द्वारा आएशा के शरीर की मालिश करने, उसके लिए खरीददारी करने, उसके साथ घूमने या रात में बिस्तर पर रहने तक ही सीमित है. पर द्विअर्थी संवाद व बेशर्मी वाला रोमास जरुर नजर आता है. इंटरवल के बाद ‘लिव इन रिलेशनशिप’, तलाक, पति पत्नी के रिश्ते, पारिवारिक रिश्तों, बेटी व पिता के रिश्ते, पति पत्नी के बीच उम्र के अंतर सहित कई मुद्दों को चूं चूं का मुरब्बा की तरह पेशकर फिल्मकार ने फिल्म को बर्बाद करने में कोई कसर बाकी नहीं रखी. पूरी फिल्म अस्वाभाविक व अविश्वसनीय घटनाक्रमों से भरी हुई है. आएशा कैसे अनजान इंसान आशीश के घर पहुंचती है, पता ही नही चलता.

हम इक्कीसवी सदी में पहुंच गए हैं. पुरूष व नारी समानता के साथ साथ नारी स्वतंत्रता की बातें हो रही है. नारी उत्थान व नारी सशक्ती करण के नाम पर काफी कुछ हो रहा है. नारी खुद को स्वतंत्र मानते हुए हर क्षेत्र में बढ़-चढ़कर काम कर रही हैं. इसके बावजूद फिल्मकार लव रंजन और अकीव अली की सोच यही कहती है कि नारी चाहे जितनी स्वतंत्र व सशक्त हो जाए, पर उसका अस्तित्व उसके साथ एक पुरूष के होने या न होने पर निर्भर है.

14 साल बाद फिर वैम्प के रोल में नजर आएंगी ऐश्वर्या रौय बच्चन

फिल्मकार की मानसिकता को फिल्म के एक लंबे दृश्य से समझा जा सका है. इस दृश्य में अजय देवगन, तब्बू और रकूल प्रीत एक साथ एक पुरानी कार में बैठकर जा रहे हैं. इस दृश्य में रकूल प्रीत व तब्बू दोनों एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए कार को नारी शरीर का प्रतीक मानकर पुरानी गाड़ी व नई गाड़ी की तुलना करते हुए जिस तरह के शब्दों व भाषा का प्रयोग करती हैं, वह कम से कम वर्तमान यानी कि 2019 में जायज नहीं ठहराया जा सकता. फिल्म में अभिनेता जिम्मी शेरगिल का किरदार जबरन ठूंसा हुआ है.जबकि इसका कहानी से कोई संबंध नहीं है.

पटकथा बहुत ही ज्यादा कन्फूयज करने के साथ ही विरोधाभासी संवादो व सोच से भरी हुईहै.लेखक व निर्देशक दोनों ही फिल्म में आधुनिक व सदियों पुराने नैतिक मूल्यों के बीच संतुलन बनाने में बुरी तरह से विफल रहे हैं. फिल्म का क्लायमेक्स भी अजीब सा है.

अभिनयः

जहां तक अभिनय का सवाल है, अजय देगवन किसी भी दृश्य में प्रभावित नहीं करते. पूरी फिल्म रकूल प्रीत सिंह महज अत्याधुनिक व अतिग्लैमरस नजर आती हैं. तब्बू के अभिनय की तारीफ करनी पड़ेगी. वही इस फिल्म की हीरो हैं. कहानी का हिस्सा न होते हुए भी छोटी सी भूमिका में जिम्मी शेरगिल अपना प्रभाव छोड़ जाते हैं.

‘आगे बढ़ने के लिए अपने विवेक और अपनी भावनाओं में संतुलन रखें.’’

42 वर्षीय शोना चौहान पारले एग्रो में मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं. 1999 में उन्होंने 22 वर्ष की आयु में कंपनी के बोर्ड में बतौर डाइरैक्टर जौइन किया था. 2006 में उन के सीईओ बनने के बाद उन का गु्रप विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा 50 से अधिक देशों का निर्यातक बना. ‘बिजनैस स्कूल लुसाने’ से बैचलर की डिगरी ले कर शोना चौहान अपने पिता प्रकाश चौहान के साथ फैमिली व्यवसाय में शामिल हुई थीं. ‘इंदिरा सुपर अचीवर अवार्ड, सितंबर 2004, ‘बैस्ट यंग कौरपोरेट लीडर 2006,’ एफआईसीसीआई एफएलओ यंग वूमन अचीवर्स अवार्ड्स, 2008,’ ‘जीआर8 एफएलओ वूमन अचीवर्स 2009’ सहित शोना चौहान को ढेरों अवार्ड मिल चुके हैं. उन का जीवनमंत्र दूसरों से नहीं, बल्कि खुद से आगे निकलना है. शोना चौहान से हुई बातचीत के कुछ अंश पेश हैं:

इस मुकाम तक पहुंचने के दौरान किस तरह के संघर्ष का सामना करना पड़ा?

सही लोगों को भरती करने, अच्छी प्रतिभाओं को कंपनी से जोड़े रखने, नए बदलावों के अनुसार कंपनी को ढालने जैसी चुनौतियां अकसर आती हैं. मगर मैं इन्हें कठिनाइयों के रूप में नहीं देखती. बदलावों का सामना केवल लीडर्स को ही नहीं करना होता, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर पूरी कंपनी को इस से गुजरना होता है. समस्याओं के अधिक जटिल बनने से पहले ही उन का हल निकालना भी एक चुनौती है.

अपना मैंटोर किसे मानती हैं?

मैं अपने पिता को ही अपना मैंटोर मानती हूं. मैं ने बहुत कम उम्र से उन के साथ काम करने का अवसर हासिल किया और उन से बहुत कुछ सीखा.

ये सब करने की प्रेरणा कहां से मिलती है?

मेरी प्रेरणा अंदर से उत्पन्न होती है. मैं अपने कार्य के प्रति तथा आने वाली चुनौतियों के प्रति जनून रखती हूं. हर चुनौती आप को यह सिखा जाती है कि अगली बार आने वाली चुनौती से आप को किस तरह निबटना है.

खुद को रिलैक्स करने के लिए क्या करती हैं?

मैं अपने बेटे जहान के साथ समय बिताती हूं.

आप का सपोर्ट सिस्टम क्या है?

मुझे अपनी मां से हर तरह का सहयोग मिलता रहा है. मेरी मां ही एक ऐसी शख्सीयत हैं, जिन पर मैं हर मामले में पूरा भरोसा कर सकती हूं. वे मेरी एक मां, एक दोस्त और एक मार्गदर्शक हैं.

आप की नजरों में कौन्फिडैंस क्या है?

अपने जैसा बनें, वह बनें जो आप हैं.

आप को वर्कहोलिक कहा जाता है. इस पर क्या कहेंगी?

यह कई तरह से मुझे तनावमुक्त करने में कारगर है. मैं हर समय कार्य करने में आनंद लेती हूं. हालांकि मुझे पता होता है कि कब मैं थक गई हूं और कब खुद से ज्यादती कर रही हूं. ऐसे में मैं सबकुछ पीछे छोड़ कर अपने परिवार के साथ समय बिताती हूं.

कामकाजी महिलाओं को क्या सलाह देना चाहेंगी?

चुनौतियों से सबक मिलते हैं. जब हम अपने सपनों का पीछा करते हैं तो इस क्रम में हमें आने वाली बाधाओं से भी कुछ न कुछ सीखने को मिलता है. रास्ते में जब रुकावटें आएं तो उन से पार पाने के लिए ढेर सारे जनून के साथ अपना कार्य करें. आगे बढ़ने के लिए अपने विवेक और अपनी भावनाओं में संतुलन कायम रखें.

बिजनैस प्लानिंग करते समय आप का मुख्य मकसद क्या होता है?

बिजनैस प्लानिंग करते समय मैं अपनी कंपनी के विकास का खयाल रखती हूं.

बतौर स्त्री आगे बढ़ने के क्रम में क्या कभी असुरक्षा का एहसास हुआ?

एक महिला के रूप में कभी असुरक्षा महसूस नहीं हुई. बिजनैस की सामान्य चुनौतियां आईं, पर उन का सभी सामना करते हैं.

घर और काम को एकसाथ कैसे संभालती हैं?

मैं इस बात को प्राथमिकता देती हूं कि मुझे क्या करना है और मुझे उसे कब तक कर लेना है.

 और क्या करने का प्लान है?

मैं अपने फैमिली बिजनैस में अपने बेटे को शामिल कर उसे सक्षम बनाना चाहती हूं जैसा कि मेरे पिता ने मुझे बनाया. जो स्किल्स मुझे अपने पिता से मिलीं उन्हें मैं आगे बढ़ाना चाहती हूं.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें