जानें क्या है HIV होने के 12 लक्षण

एच आई वी यानि ह्यूमन इम्‍युन डिफिशिएंशी वायरस एक विषाणु है जो बॉडी के इम्‍यून सिस्‍टम पर नकारात्‍मक प्रभाव ड़ालता है और व्‍यक्ति के शरीर में उसकी प्रतिरोधक क्षमता को दिनोंदिन कमजोर कर देता है.

भारत की बात करें तो यहां एड्स के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. यहां सबसे ज्‍यादा एचआईवी एड्स के केस (13107) महाराष्‍ट्र में दर्ज हुए हैं. वहीं दूसरे नंबर पर आंध्र प्रदेश है.

अगर पिछले वर्षों से तुलना करें तो संख्‍या लगातार बढ़ रही है. 2009-10 में 246,627 केस पूरे देश में आये, जबकि 2010-11 में यह संख्‍या बढ़कर 320,114 रही.

सही तरीके से देखभाल न करने की दशा में यह बीमारी बढ़कर एड्स का रूप धारण कर लेती है. एक सर्वे के अनुसार, एच आई वी के शुरूआती स्‍टेज में इसका पता नहीं चल पाता है और व्‍यक्ति को इलाज करवाने में देर हो जाती है. इसीलिए आपको एच आई वी के शुरूआती 12 लक्षणों के बारे में पता होना जरूरी है.

1. बार-बार बुखार आना: हर दो तीन दिन में बुखार महसूस होना और कई बार तेजी से बुखार आना, एच आई वी का सबसे पहला लक्षण होता है.

2. थकान होना: पिछले कुछ दिनों से पहले से ज्‍यादा थकान होना या हर समय थकावट महसूस करना एच आई वी का शुरूआती लक्षण होता है.

3. मांसपेशियों में खिचावं: आपने किसी प्रकार का भी भारी काम नहीं किया या फिर आप शारीरिक मेहनत का कोई काम नहीं करते , फिर भी मांसपेशियों में हमेशा तनाव और अकड़न रहती है. यह भी एच आई वी का लक्षण होता है.

4. जोड़ों में दर्द व सूजन: ढ़लती उम्र से पहले ही अगर आपके जोड़ों में दर्द और सूजन हो जाती है तो आपको एच आई वी टेस्‍ट करवाने की जरूरत है.

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5. गला पकना: अक्‍सर कम पानी पीने की वजह से गला पकने की शिकायत होती है लेकिन अगर आप पानी पर्याप्‍त मात्रा में पीते हैं और फिर भी आपके गले में भयंकर खराश और पकन महसूस हो, तो यह लक्षण अच्‍छा नहीं

6. सिर में दर्द: सिर में हर समय हल्‍का – हल्‍का दर्द रहना, सुबह के समय दर्द में आराम और दिन के बढ़ने के साथ दर्द में भी बढ़ोत्‍तरी एच आई वी का सबसे बड़ा लक्षण है.

7. धीरे-धीरे वजन का कम होना: एच आई वी में मरीज का वजन एकदम से नहीं घटता है. हर दिन धीरे – धीरे बॉडी के सिस्‍टम पर प्रभाव पड़ता है और वजन में कमी होती है. अगर पिछले दो महीनों में बिना प्रयास के आपके वजन में गिरावट आई है तो चेक करवा लें.

8. स्‍कीन पर रेशैज होना: शरीर में हल्‍के लाल रंग के चक्‍त्‍ते पड़ना या रेशैज होना भी एच आई वी का लक्षण है.

9. बिना वजह के तनाव होना: आपके पास कोई प्रॉब्‍लम नहीं है लेकिन फिर भी आपको तनाव हो जाता है, बात-बात पर रोना आ जाता है तो नि:संदेह आपको एच आई वी की जांच करवाना जरूरी है.

10. मतली आना: हर समय मतली आना या फिर खाना खाने के तुरंत बाद उल्‍टी होना भी शरीर में एच आई वी के वायरस का होना इंडीकेट करते हैं.

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11. हमेशा जुकाम रहना: मौसम आपके बेहद अनुकूल है लेकिन उस हालत में भी नाक बहती रहती है. हर समय छींक आती है और रूमाल का साथ हमेशा चाहिए होता है.

12. ड्राई कफ: आपको भयंकर खांसी नहीं हुई थी लेकिन हमेशा कफ आता रहता है. कफ में कोई ब्‍लड़ नहीं आता. मुंह का जायका खराब रहता है. अगर आपको इनमें से अधिकाशत: लक्षण अपने शरीर में लगते हैं तो आप एच आई वी टेस्‍ट जरूर करवाएं.

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Festive Special: त्योहारों के मौसम में Skin को ऐसे रखें जवां

त्योहारों के मौसम के शुरू होते ही सर्दियों की आहट भी आने लग जाती है. आज हम आपको बताएंगे कि त्योहारों के इस मौसम में त्वचा को कैसे रखें जवां और चमकदार.

ऐसे रखें त्वचा को जवां जवां

पपीता, शहद और नींबू को आपस में मिलाकर लगाये. पपीता में मौजूद पपेन नाम का एंजाइम प्राकृतिक तरीके से मृत त्‍वचा की परत को उतारता है. एंटी-बैक्टीरियल गुण से युक्त शहद त्‍वचा को मुलायम बनाता है. जबकि साइट्रिक एसिड युक्त नींबू त्‍वचा को चमकाने का काम करता है.

चीनी, नींबू का रस और आलिव आयल को एक साथ मिक्स करके आप बाडी स्‍क्रब तैयार कर सकती हैं. मुलायम त्वचा के लिए यह स्क्रब सही है. इसके मिश्रण को अपने शरीर पर चीनी के घुलने तक धीरे-धीरे रगड़ें. इससे त्वचा की रंगत निखरती है.

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हल्दी, चंदन पाउडर, बेसन और दूध का उबटन त्वचा पर लगाएं. इसका जादुई स्पर्श अपकी त्वचा को त्‍वचा को चमकाने में आपकी मदद करेगी. एंटी-आक्‍सीडेंट गुणों से भरपूर हल्‍दी और चंदन त्वचा में कसाव लाते हैं, जबकि बेसन मृत त्वचा को हटाकर त्वचा को प्रोटीन उपलब्‍ध करवाता है. दूध त्‍वचा की रंगत को निखारने का काम करती है और त्वचा को मुलायम बनाती है.

अगर आपकी त्वचा तैलीय है, तो त्वचा से ब्लैकहेड्स और अतिरिक्त आयल हटाने के लिए कोई अनाज वाले स्क्रब का इस्तेमाल करें. इससे आपकी त्वचा की ऊपरी परत हेल्दी रहेगी, मुंहासे नहीं होंगे और त्वचा चमकदार बनी रहेगी.

दही, एवोकाडो और शहद को मिक्स कर चेहरे पर लगाएं. इससे त्वचा में निखार आता है. दही में लैक्टिक एसिड होता है, जो त्‍वचा की चमक बरकरार रखने वाले कोलेजन का उत्‍पादन करता है. एवोकाडो में आवश्‍यक फैटी एसिड होता है, जो त्‍वचा को मजबूत, नरम और अधिक लचीला बनाने में मदद करता है.

पपीता, एवोकाडो, ककड़ी के गूदे में दो चम्मच क्रीम मिलाकर फेस पैक तैयार करें. इसे त्‍वचा पर 20 मिनट तक लगा रहने दें. इसके बाद हल्‍के गुनगुने पानी से त्वचा को धो लें.

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महिलाओं के लिए Insurance

इंश्योरेंस पॉलिसी कोई भी हो, इसका एक मात्र उद्देश्‍य हमारा और हमारे अपनों का भविष्‍य बेहतर और सुरक्षित बनाना होता है. लेकिन यह बात भी सही है कि एक इंश्‍योरेंस पॉलिसी सभी की जरूरतों को पूरा नहीं कर सकती. क्‍योंकि व्‍यक्ति दर व्‍यक्ति जरूरत और जिम्‍मेदारी अलग-अलग होती है.

महिलाओं की बात करें तो यह बात और भी जरूरी हो जाती है. आज के तेजी से ग्‍लोबल हो रहे भारत में महिलाएं हाउस वाइफ के दायरे से बाहर निकलकर प्रोफेशनल लाइफ में नए मुकाम हासिल कर रही हैं.

यही ध्‍यान में रखते हुए महिलाओं की जरूरत को देखते हुए इंश्योरेंस कंपनियां दर्जनों बीमा उत्पाद पेश कर चुकी हैं.

महिलाओं के लिए कौन सी कंपनियों की हैं पॉलिसी

देश की प्रगति में महिलाओं की बढ़ती हिस्‍सेदारी को देखते हुए लगभग सभी  इंश्योरेंस कंपनियों ने वुमन सेंट्रिक प्रोडक्‍ट पेश किए हैं. इन कंपनियों में सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी, आईसीआईसीआई प्रू लाइफ, एचडीएफसी लाइफ, एगॉन रेलिगेयर, बजाज अवीवा लाइफ इंश्योरेंस, बिरला सन लाइफ और कई अन्य कंपनियों ने महिला ग्राहकों के लिए बीमा पालिसी पेश की हैं. एलआईसी के कुल ग्राहकों में से करीब 28 फीसद महिला बीमाधारक हैं. इससे पता चलता है कि महिलाएं अपनी आर्थिक मजबूती के लिए कितनी सजग रहती हैं.

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वुमेन इंश्योरेंस में क्या है खास

महिला ग्राहकों को केंद्रित कर तैयार की गई बीमा पालिसी में महिलाओं से जुड़े तमाम जोखिम कवर को शामिल किया गया है. इनमें लाइफ कवर के साथ-साथ बीमारियों से जुड़ कवर भी शामिल हैं.

इनमें सामान्य अथवा गंभीर बीमारियां शामिल हैं. महिलाओं की बीमा पालिसी में प्रेग्नेंसी कवर को भी शामिल किया गया है. साथ ही इनके भविष्य की आर्थिक सुरक्षा को देखते हुए पेंशन प्लान में भी महिलाओं के लिए प्रीमियम में छूट प्रदान की गई है.

कई कंपनियों ने ऐसी व्यवस्था की है कि अगर कोई महिला पूरे परिवार के लिए फैमिली पालिसी का चयन करेगी तो उसको प्रीमियम में ज्यादा छूट दी जाएगी.

सिंगल वुमन के लिए भी हैं स्‍पेशल प्‍लान

महिला एकांकी जीवन व्यतीत कर रही हैं उनके लिए भी भविष्य की आर्थिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई बीमा कंपनियों ने फ्यूचर प्रोटेक्शन प्लान भी पेश किए हैं. यह प्लान उन महिलाओं लिए भी अच्छे साबित हो सकते हैं जिनके कंधों पर उनके माता-पिता या सास-ससुर के भरण पोषण का दायत्वि भी है.

बच्‍चों की परवरिश के लिए स्‍पेशल पॉलिसी

बच्चों की सुरक्षा और उनकी शिक्षा को ध्यान में रखते हुए कई कंपनियों ने ऐसे प्लान लांच किए हैं जिनमें एक निश्चित अवधि के बाद महिला को इतनी रकम अवश्य मिल जाती है जिसके जरिये वह अपने बच्चे की शिक्षा के लिए अच्छी रकम हासिल कर सकती है. ग्रुप पालिसी के तहत भी महिलाओं के लिए जीवन बीमा निगम ने कुछ पालिसी पेश कर रखी हैं. इनमें आंगनबाड़ी समूह के लिए भी बीमा पालिसी शामिल है.

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कैसी पालिसी खरीदें

बीमा कंपनियों ने यूं तो महिलाओं से जुड़ी पालिसी उतारी हैं लेकिन पालिसी लेते वक्त यदि आपको लगता है कि वुमेन स्पेशल पालिसी से ज्यादा बेहतर कोई अन्य पालिसी है तो आप उसको भी खरीद सकती हैं लेकिन प्रीमियम में जो छूट वुमेन स्पेशल पालिसी पर मिलती है वह सामान्य पालिसी पर नहीं मिलती. इसके पालिसी खरीदते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि जो पालिसी आप ले रही हैं आवश्यकता पड़ने पर वह आपकी जरूरतों को पूरा कर पाएगी या नहीं. मान लीजिए आपने बच्चे की उच्च शिक्षा को ध्यान में रखकर कोई पालिसी खरीदी है और आपको 15 साल बात पैसों की जरूरत पड़ती है लेकिन पालिसी 18 साल में पूरी होती है तो ऐसे में आप अपनी जरूरतें नहीं पूरी कर पाएंगी. इसलिए आप पालिसी के चयन में आयु, समय और आवश्यकता का ध्यान जरूर रखें.

Festive Special: त्योहारों में जब अपने लुक को बनाना हो खास

त्यौहार आते ही चारों तरफ खुशी का माहौल दिखाई पड़ता है. ऐसे में सबसे जरुरी होता है कि आप क्या खास पहने कि आप सबसे अलग दिखें. इस मौसम में प्रिंट्स और एम्ब्रोइडरीस की खास झलक हर जगह दिखाई पड़ेगी. फ्रेश लुक और फ्री फ्लो फैशन सबको आकर्षित करता है. इस बारे में मैक्स फैशन के डिजाइनर कामाक्षी कौल बताती है कि फैशन चाहे कुछ भी हो मिक्स एन मैच और फ्यूजन के साथ कपड़े को पहनने से उसमें एक नयी चमक आ जाती है. कुछ टिप्स निम्न है.

• ट्रेडिशनल कपड़े जो कंटेम्पररी लुक देते हैं. किसी भी लाइट कलर के मैक्सी ड्रेस को लें. उसके साथ हैवी कान और गले की नेकपीस पहने. इससे आपका व्यक्तित्व निखरेगा और इसे आप किसी फॅमिली फंक्शन में पहन सकती है.

• त्योंहारों में किसी भी तरह के पोशाक अगर आपने सही तरह से कैरी किया है तो वह खास ही लगता है. इसमें अगर कढ़ाई किया हुआ हो. तो सबसे अलग दिखता है. मसलन महीन कसीदाकारी. बंधेज और चटक फुलकारी जैसे डिजाईन कपड़ो की शोभा को अधिक बढ़ाते है. ऐसे कपड़ों के साथ गहने हलके पहनकर कढ़ाई को उभार दिया जा सकता है. ऐसे पोशाक अधिकतर पारिवारिक पार्टी के लिए अच्छा होता है.

• फ्लेयर वाले कपड़े आज काफी चलन में है.ये पहनने में जितने आरामदायक है उतना ही इसे कैरी करना भी आसान होता है. अगर आपको मौडर्न लुक देना है. तो कम प्लीट्स का प्रयोग करें.

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• कपड़ो के साथ-साथ फेस्टिव सीजन में अपने लुक को भी इम्प्रूव करें.जिसमें फुटवियर के साथ-साथ मेकअप और एक्सेसरीज का भी सही प्रयोग करना जरुरी होता है.

• चटकदार रंग हर मौसम में चलता है. इसमें गुलाबी. ओरेंज. नेवी ब्लू.लाल आदि सभी त्योहारों के लिए खास है. इसमें अगर गोल्डन टच हो तो ये और भी सुंदर दिखता है.

• ट्रेडिशनल साड़ियाँ हर त्यौहार में पहनी जा सकती है इसका एक खास अंदाज़ होता है.ऐसे में कुछ खास दिखना हो. तो एथनिक को मौडर्न टच दे. मसलन हाई स्लीटेड ब्लाउज जो आपको कुरते जैसा लुक देगा. प्लेन साड़ी के साथ ये बहुत ही अलग दिखेगा.

• लीक से हटकर दिखने के लिए सिल्वर या प्रिंट वाली मिडी ड्रेस पहन सकती है. इसके अलावा मेक्सी गाउन भी पहन सकती है.

• ट्रेडिशनल लुक के लिए ग्रेसफुल कुर्ता. पलाज़ो पेंट के साथ पहने. साथ में मेहंदी लगे हाथ और कान में झुमका. इसकी शोभा को और बढ़ा देंगे. इसके अलावा एक खूबसूरत दुपट्टा या स्कार्फ भी गले के चारों ओर लपेट सकती है.

• जो महिलाएं अपने पोशाक को लेकर थोड़ी उलझन में है वे महिलाएं प्लेन टी शर्ट के साथ धोती पेंट पहन सकती है. ये धोती पेंट खूबसूरत चटक रंग में आती है. इसके साथ एक सुंदर नेकलेस इसकी शोभा को और अधिक बढाती है.

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• महिलाये ही नहीं. पुरुष भी त्योंहारों में खास लगने की कोशिश करते है. ऐसे में उनके लिए कुर्ता पायजामा जिसपर थोड़ी कढ़ाई हो. त्यौहार को आकर्षक बना देते है.इसके अलावा इंडो वेस्टर्न कोट को पटियाला सलवार. ट्राउजर्स.शेरवानी और धोती के साथ पहना जा सकता है.कलर्स. कट्स और डिजाईन के साथ नये प्रयोग करने से स्टाइल में क्रिएटिविटी आती है. वैसे ही हलके और गहरे रंग के कॉम्बिनेशन वाले अटायर्स भी आपको अलग लुक दे सकते है.

• बच्चों के लिए वही पोशाक चुने. जो उन्हें आराम और आनंद दें.क्योंकि ये त्योहारों का मौसम है जहाँ हर किसी को खुश रहना जरुरी है.

महिलाओं के लिए अलग से बने पिंक बूथ

यूपी पुलिस व्य वस्थाट में जो बदलाव बरसों से नहीं हो सके उसे प्रदेश सरकार ने मात्र साढ़े 04 सालों में करके दिखा दिया. प्रदेश की महिलाओं के लिए अलग से पिंक बूथ और पुलिस लाइन स्थित खस्ताकहाल भवनों का नवीनीकरण कर पुलिस कर्मियों को नए आवास दिए गए हैं. सरकार ने यूपी के कई शहरों में कमिश्नआरेट सिस्ट म लागू कर पुलिसिंग को नई दिशा दी है. राज्य में यूपी पुलिस आधुनिकीकरण एवं सुदृढ़ीकरण आयोग का गठन किया गया और पुलिस रिफार्म के लिए बेहतर कदम उठाए गए.

साढ़े 4 सालों में प्रदेश सरकार ने पुलिस का चेहरा ही बदल कर रख दिया. सरकार ने संकल्प पत्र में यूपी पुलिस को आधुनिक बनाने के जो वादे किए उससे अधिक करके दिखाया. यूपी पुलिस को मॉडर्न पुलिस बनाने के लिए उनको अत्याकधुनिक वाहनों व हथियारों से लैस किया. साथ ही 18 नई विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं का निर्माण कराया. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फॅारेंसिक साइंसेज का निर्माण भी लखनऊ में शुरू हो चुका है. जिससे जटिल अपराधों की जांच आसानी से हो सकेगी. पॉक्सो एक्ट में त्वरित न्याय दिलाने के लिए 218 नये फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन क‍िया. पुलिस अधीक्षक कार्यालयों में एफ.आई.आर. काउन्टर स्थापित किए. महिलाओं की सुरक्षा के लिए वूमेन पावर लाइन-1090 चलाई गई.

पुलिस विभाग में हुई रिकार्ड भर्ती

कानून व्यावस्थाक को बेहतर बनाने के लिए प्रदेश में 214 नए थानों की स्थानपना की गई. उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के द्वारा 1 लाख 43 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों की भर्ती व 76 हजार से अधिक अराजपत्रित पुलिसकर्मियों की पदोन्नति की गई. महिलाओं के लिए प्रदेश के सभी 1535 थानों में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गई. यू.पी.-112 हेल्पलाइन से 6 लाख 46 हजार जरूरतमंद को मदद दिलाई. इसके अलावा ‘सवेरा’ कार्यक्रम में 7 लाख 33 हजार 770 लाख बुजुर्ग पंजीकृत किए गए हैं.

काव्या को नौकरी देंगें Anuj-Anupama, क्या होगा वनराज का रिएक्शन

इन दिनों टीवी का नंबर वन सीरियल ‘अनुपमा’ (Anupama) दर्शकों का दिल जीत रहा है. जहां फैंस को अनुज कपाड़िया और अनुपमा की दोस्ती देखकर बेहद खुशी हो रही है तो वहीं सीरियल में वनराज की जलन बढ़ती जा रही है, जिसे देख फैंस गुस्से में हैं. इसी बीच सीरियल के अपकमिंग एपिसोड में अनुपमा के बाद काव्या भी वनराज के खिलाफ जाने वाली है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

वनराज- काव्या के रिश्ते में बढ़ी कड़वाहट

 

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अब तक आपने देखा कि वनराज की जलन अनुज कपाड़िया के लिए बढ़ती जा रही है, जिसके कारण उसकी और काव्या की शादीशुदा जिंदगी पर भी असर पड़ने लगा है. इसी के चलते दोनों के बीच परिवार के सामने बहस देखने को मिलती है. वहीं बा इन सब का जिम्मेदार अनुपमा को बताती है और उससे कहती है कि एक मर्द और औरत कभी दोस्त नहीं हो सकते.

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वनराज का बढ़ा मेल ईगो

 

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अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि वनराज और बा की नाराजगी के बावजूद अनुपमा और अनुज अपने बिजनेस की प्लानिंग करेंगे. दूसरी तरफ अनुपमा के इस फैसले को देखकर वनराज का गुस्सा काव्या पर निकलेगा और वह उसे अपना मेल ईगो दिखाने की कोशिश करेगा. इतना ही नहीं वनराज, काव्या को अपने रेस्टोरेंट में आने से मना कर देगा.

अनुपमा के बाद काव्या होगी अनुज के साथ

 

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दूसरी तरफ वनराज के साथ हुई लड़ाई के बाद काव्या अपने भविष्य के लिए फैसला लेती नजर आएगी. अपकमिंग एपिसोड में वनराज के लाख मना करने के बावजूद काव्या उसे बिना बताए अनुज कपाड़िया के ऑफिस जाएगी. जहां पर वह अनुपमा के सामने अनुज से जॉब ऑफर को एक्सेप्ट करने की बात कहेगी. वहीं इस बात से अंजान वनराज को इसका अंदाजा होगा कि काव्या, अनुज से मिलने गई है. काव्या की जौब को लेकर अनुज, अनुपमा से बात करेगा कि काव्या को रखना चाहिए या नहीं, जिस पर अनुपमा काव्या को जौब देने की बात कहेगी. वहीं ये बात जानने के बाद वनराज अपना आपा खो देगा कि अब काव्या भी उसके खिलाफ हो गई है.

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कानूनी दांव-पेंच में बुरे फंसे किंग खान के बेटे Aryan Khan

2 अक्तूबर को अभिनेता शाहरुख खान (Shahrukh Khan) के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan ) को मुंबई से गोवा जा रहे क्रूज में चल रही ड्रग्स पार्टी (Drugs Party) मामले में एनसीबी (NCB) (नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो) ने गिरफ्तार किया. मामले में आर्यन के अलावा गिरफ्तार दो अन्य अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा को मुंबई के किला कोर्ट में पेश किया गया, जहां से तीनों को 7 अक्टूबर तक कस्टडी में रखने का फैसला सुनाया गया. पता चला है कि आर्यन के पास भी ड्रग्स मिले है. इस मामले में इन तीनों के अलावा 5 अभियुक भी गिरफ्तार किये गए है, जिनसे पूछताछ जारी है. आज आर्यन खान को बेल मिलेगी या नहीं इसपर कोर्ट में बहस चल रही है. इस मामले की चर्चा में आने के बाद देशभर में रेव पार्टी की जमकर आलोचना हो रही है. लोग जानना चाहते है, आखिर रेव पार्टी में कई बार मॉडल्स और सेलेब्रिटी किड्स ही क्यों पकडे जाते है और इसमें होता क्या है? आइये जाने रेव पार्टी की शुरुआत कहाँ और कैसे हुई.

दम मारो दम…….’ वर्ष 1971 की इस गाने को शायद सभी जानते होंगे, क्योंकि उस दौर की इस गाने को यूथ ने बहुत पसंद किया था. ये गाना फिल्म ‘हरे कृष्ण हरे राम’ की रेव पार्टी का ही है, जिसमें सभी यूथ ड्रग्स लेते हुए मौज-मस्ती करते हुए दिख रहे है और अभिनेता देवानंद अपनी बहन और अभिनेत्री जीनत अमान को वहां से घर ले जाने की कोशिश कर रहे है. दरअसल रेव पार्टी होती ही ऐसी है, जहाँ आने वाले लोग सब भूलकर मौज मस्ती में डूब जाते है और वहां उन्हें एक अनुभूति होती है.

कब हुई शुरुआत

रेव पार्टी (Rave Party) की शुरुआत यूरोप के देशों में 60 के दशक में होने वाली पार्टियां शराब और शवाब तक सीमित थी, लेकिन 80 के दशक में इसका स्वरूप बदलने लगा और इसने रेव पार्टी का रूप ले लिया. 90 के दशक के शुरुआत में कई देशों में रेव पार्टियां होने लगी.‘रेव’ शब्द का अर्थ एक डांस पार्टी से है, जो रातभर चलती रहती है. इसमें एक डीजे गाना बजाता है और उसमे लोग संगीत की धुन पर थिरकने के साथ-साथ खूब मौज-मस्ती करते है. ये पार्टिया अधिकतर बंद कमरे में कम रौशनी में चलती है. इसकी जानकारी केवल उसमे आने वाले चंद लोगों को ही होती है.

 

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अमेरिकी कानून विभाग कहता है कि 80 के दशक की डांस पा​र्टीज से ही रेव पार्टी की शुरुआत हुई. डांस पार्टीही धीरे-धीरे रेव पार्टी में बदल गई. इसमें संगीत की धुन के साथशौक और ड्रग्‍स जुड़ते चले गए, इससे यूथ में रेव पार्टियों की लोकप्रियता बढ़ती गई.

भारत में इसकी शुरुआत गोवा से हुई, जहाँ हिप्पियों ने इसकी शुरुआत की थी, लेकिन अब ये हिमाचल की कुल्लू घाटी, बेंगलुरु, पुणे, मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता, चेन्नई आदि कई शहर रेव हॉटस्पॉट बनकर उभरे है.

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रेव पार्टी में होता क्या है

रेव पार्टियों में डांस, मस्ती, धमाल, शराब, ड्रग्स आदि की पूरी छूट होती है. ये पार्टियां रात-रात भर चलती हैं. इन पार्टियों में जाने वाले लोगों को मोटा फीस के तौर पर मोटा पैसा देना पड़ता है. पार्टियों में अंदर लाऊड संगीत बजते रहते हैं और युवा मस्ती और नशे में चूर होते है. खाना-पीना, ड्रिंक्स, शराब, सिगरेट आदि के अलावा कोकीन, हशीश, चरस, एलएसडी(लिसर्जिक एसिड डाईएथिलेमाइड)आदि ड्रग्‍स का इंतजाम रहता है.

कुछ रेव पार्टियों में सेक्स के लिए ‘चिल रूम्‍स’ भी होते है. एनसीबी के अधिकारियों की मानें तो रेव पार्टियां केवल पार्टी सर्किट से जुड़े हुए कुछ चुनिंदा लोगों के लिए आयोजित की

 

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क्या है रिश्ता दोनों से

आर्यन के साथ दो नाम जिनकी कस्टडी 7 अक्तूबर तक है, उसमें मुनमुन धमेचा और अरबाज़ मर्चेंट का नाम जुड़ा है, आखिर ये दोनों है कौन और आर्यन के साथ इनका रिश्ता क्या है?

39 वर्षीय मुनमुनधमेचा फैशन जगत की एक चर्चित मॉडल है, जो मध्यप्रदेश के सागर जिले की है, लेकिन सागर में उनके परिवार का कोई भी नहीं रहता. व्यवसायी परिवार की मुनमुन ने पिछले साल अपनी माँ और इससे पहले अपनी पिता को खो चुकी है. उनका एक भाई प्रिंस धमेचा है, जो नौकरी की वजह से दिल्ली में रहते है. इस मॉडल की इन्स्टाग्राम पर 70 हज़ार से अधिक फैन फोलोवर्स है, जबकि अरबाज़ खान एक अभिनेता है और फिल्मों में काम के लिए संघर्ष कर रहा है उसकी पहचान आर्यन खान और सुहाना खान दोनों के अलावा कई स्टार किड्स के साथ है,इन्स्टाग्राम पर अरबाज़ की तस्वीरें कई बार अभिनेत्री पूजा बेदी की बेटी अलाया फ़र्निचरवाला के साथ देखी गयी, जिन्हें वह डेटिंग कर रहा था. अरबाज़ के पिता असलम मुंबई में एक वकील है और लकड़ी की व्यवसाय भी सम्हालते है. उनके नाना मुंबई हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज है, जो बांद्रा में रहते है. आर्यन खान और अरबाज़ मर्चेंट दोनों स्कूल फ्रेंड है.

फिल्मों में आने की थी तैयारी

ये सही है कि ये पार्टियाँ काफी महँगी होती है, इसलिए इसमें आने वाले सभी पैसे वाले घरों से होते है. हालाँकि अभिनेता शाहरुख़ खान ने अपने बेटे को अच्छी परवरिश के लिए इंडस्ट्री से दूर विदेश में रखा था, लेकिन गलत संगत और नशे के आदी होने की वजह से जेल की हवा खानी पड़ रही है. बॉलीवुड सितारे या उनके बच्चे कानून और पुलिस के लिए सॉफ्ट टारगेट होते है, इसलिए इन्हें पकड़ने पर लोगों में चर्चा अधिक होती है और उन्हें इसका हर्जाना भुगतना पड़ता है. इसके कई सबूत है, जिसकी वजह से बॉलीवुड के कई सितारे बदनाम हुए, उनका कैरियर बर्बाद हो गया. आर्यन खान अब फिल्मों में उतरने के लिए तैयार हो रहे है, ऐसे में इस तरह की बदनामी उनकी फ़िल्मी कैरियर पर असर अवश्य डालेगी.

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रहना पड़ेगा जेल में

आर्यन खान की एनसीबी कस्टडी आज 7 अक्टूबर को खत्म होने वाली थी. आज उनके वकील उनकी जमानत के लिए अर्जी भी दी थी,लेकिन आज देर शाम फैसला आया है कि आर्यन जेल जाएंगे, हालांकि बेल के लिए उनके वकील ने अर्जी दी थी, पर जज ने आर्यन खान और 7 अभियुक्तों को जेल भेजने को कहा है, लेकिन परिवार वालों को सभी अभियुक्तों से मिलने की अनुमति भी दी है, जिसके परिणामस्वरुप गौरी खान अपने बेटे आर्यन से मिलने एनसीबी दफ्तर पहुंची है. आज रात ये सभी 8 अभियुक्त एन सी बी के दफ्तर के लॉकअप में न्यायायिक हिरासत में रहेंगे, क्योंकि इन सभी ने कोविड 19 का टेस्ट नहीं करवाया है और जेल अधिकारी ने इन्हें जेल में रखने से इनकार कर दिया है.

कितनी घातक होती है ये पार्टियाँ

ड्रग का ये धंधा विश्वव्यापी है, इसमें फंसने वाले अधिकतर यूथ ही होते है. बॉलीवुड ही नहीं, देश के अधिकतर मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में खासकर होस्टल में रहने वाले यूथ इसकी चपेट में आते है, जिन्हें पेरेंट्स काफी पैसे खर्च कर उच्च शिक्षा के लिए भेजते है, जिसकी जानकारी उन्हें नहीं होती. इस धंधे का फायदा इन ड्रग्स माफियाओं को होता है और नशे की आदी से यूथ खुद को नहीं निकाल पाते और इस दलदल में फंसते जाते है, इससे उनकी शिक्षा उनका भविष्य सब बेकार हो जाती है, क्योंकि ये बदनाम हो जाते है और आम लोगों के बीच अपनी जिंदगी नहीं बिता पाते, जिससे असामयिक मृत्यु और कई जानलेवा बीमारी के शिकार हो जाते है. ड्रग्स के विरुद्ध हर देश में कानून सख्त है, लेकिन इन ड्रग सप्लायरों का काम चलता रहता है, वजह समझना मुश्किल है, पर एक यूथ का भविष्य बेकार हो जाता है.

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Instagram Credit- Viral Bhayani

फैशन के मामले में ‘नायरा’ से कम नहीं है ‘बैरिस्टर बाबू’ की ‘सौदामिनी’, हो सकती है ‘ये रिश्ता’ में एंट्री

स्टार प्लस (Star Plus) का पौपुलर टीवी शो ये रिश्ता क्या कहलाता है (Yeh Rishta Kya Kehlata Hai) इन दिनों में सुर्खियों में बना हुआ है, जिसकी वजह कार्तिक यानी मोहसिन खान और सीरत यानी शिवांगी जोशी की शो से अलविदा होने के चलते है. वहीं खबरे हैं कि शो से जुड़ने वाली स्टारकास्ट भी चुन ली गई है, जिसमें बैरिस्टर बाबू की सौदामिनी यानी एक्ट्रेस प्रणाली राठौर (Pranali Rathod) का नाम भी शामिल है. लेकिन आज हम प्रणाली राठौर (Pranali Rathod) के किसी शो की नहीं बल्कि उनके लुक्स की बात करेंगे, जिसे आप फेस्टिव सीजन में ट्राय कर सकती हैं. ये लुक्स आपके फैशन पर चार चांद लगा देंगे. तो आइए आपको बताते हैं प्रणाली राठौर (Pranali Rathod) के फेस्टिव लुक्स की झलक…

नायरा को देती हैं टक्कर

सीरत हो या नायरा हर रोल में शिवांगी जोशी ने अपने फेस्टिव लुक्स से फैंस का दिल जीता है. लेकिन बैरिस्टर बाबू की सौदामिनी यानी प्रणाली ठाकुर का भी फैशन किसी से कम नही हैं. हौट अवतार से लेकर इंडियन लुक में फैंस का दिल जीतती हैं. उनका हर लुक फैंस को इंस्पायर करता है.

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लहंगे में जीता फैंस का दिल

हाल ही में प्रणाली ठाकुर अपना लहंगा फ्लौंट करती नजर आईं थीं, जिसमें वह बेहद खूबसूरत लग रही थीं. ग्रीन कलर का लहंगा पहने प्रणाली अपनी अदाओं से फैंस को दिवाना बनाती नजर आईं थीं. उनका लुक देख फैंस प्यार कमेंट्स की बरसात करने लगे थे.

साउथ इंडियन लुक में लगती हैं कमाल


फेस्टिव सीजन में हर कोई नया नया लुक ट्राय करता है और अगर आप भी फेस्टिव सीजन में अपने लुक पर चार चांद लगाना चाहती हैं तो प्रणाली ठाकुर का साउथ इंडियन लुक ट्राय करना ना भूलें.

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Married Life पर पड़ता परवरिश का असर

आप जब विवाह के बंधन में बंधते हैं, तो जीवन में ढेर सारे बदलाव आते हैं. जिंदगी में प्यार के साथसाथ जिम्मेदारियों का भी समावेश होता है. जब आप अपने जीवनसाथी के साथसाथ उस के परिवार के सदस्यों को भी दिल से स्वीकारते हैं, तो आप के जीवन से कभी न जाने वाली खुशियों का आगमन होता है.

पतिपत्नी का संबंध बेहद संवेदनशील होता है, जिस में प्यारदुलार के साथसाथ एकदूसरे की अच्छीबुरी बातों को स्वीकार करने की भावना भी होती है. आप चाहे इस बात को मानें या न मानें कि आप के संबंधों पर आप के मातापिता का संबंध एकदूसरे के साथ कैसा था, इस का प्रभाव पड़ता है. सच तो यह है कि आप के व्यक्तित्व पर कहीं न कहीं आप के पेरैंट्स की छाप होती है. जीवन के प्रति आप के नजरिए में काफी हद तक आप के पेरैंट्स का असर दिखता है.

कई बार न चाहते हुए भी आप अपने पेरैंट्स की गलत आदतों को सीख लेते हैं, जो जानेअनजाने आप के संबंधों को प्रभावित करती हैं.

अगर आप में अपने पेरैंट्स की कोई ऐसी आदत है, जिस की वजह से जीवनसाथी के साथ आप के संबंधों में टकराहट आ रही है, तो उसे छोड़ने का प्रयास करें.

कभी प्यार कभी तकरार

रिलेशनशिप काउंसलर डा. निशा खन्ना के अनुसार, पतिपत्नी का रिश्ता बेहद संवेदनशील होता है, जिस में प्यारदुलार के साथसाथ तकरार भी होती है. लेकिन जब यह तकरार जरूरत से ज्यादा बढ़ जाती है, तो दोनों के संबंधों में दरार आते देर नहीं लगती. सच तो यह है कि पतिपत्नी अपने संबंध को बिलकुल ही वैसा बना देना चाहते हैं, जैसा संबंध उन के पेरैंट्स का एकदूसरे से था. इस की वजह से दोनों के संबंधों में दूरी आने लगती है. जब पतिपत्नी एकदूसरे पर अपनी बातें थोपना शुरू करते हैं, तो उन के संबंधों से प्रेम समाप्त होने लगता है और वे एकदूसरे से छोटीछोटी बातों पर भी लड़ना शुरू कर देते हैं. आमतौर पर पत्नी को शिकायत होती है कि पति उसे समय नहीं देता है और पति को यह शिकायत रहती है कि पत्नी औफिस से आते ही उस के सामने शिकायतों की पिटारा खोल कर बैठ जाती है.

आमतौर पर पतिपत्नी में यह आदत उन के पेरैंट्स से आती है. अगर आप के पेरैंट्स की आदत अपनी गलतियों को एकदूसरे के ऊपर थोपने की रही है, तो न चाहते हुए भी आप उस आदत का शिकार हो जाते हैं. सुखमय दांपत्य जीवन के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप अपने साथी को उस की हर अच्छाईबुराई के साथ स्वीकार करें. कोशिश करें कि आप के जीवन में वैसी नकारात्मक बातें न हों जैसी आप के पेरैंट्स के जीवन में थीं.

जिन दंपतियों के पेरैंट्स की आदत संबंधों को फौर ग्रांटेड लेने की रही है, उन के बच्चे भी अपने जीवनसाथी के साथ उसी तरह का संबंध स्थापित करते हैं. इस तरह की सोच दोनों के संबंधों को पनपने नहीं देती है.

सच तो यह है कि पतिपत्नी एकदूसरे के पूरक हैं. जब दोनों एकसाथ मिल कर चलते हैं, तो जीवन की गाड़ी सहजता से आगे बढ़ती है, लेकिन जब दोनों में टकराव होता है, तो संबंधों की डोर को टूटते देर नहीं लगती. अपने रिश्ते को सहजता से चलाने के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप अपने साथी को टेकन फौर ग्रांटेड लेने की भूल न करें. उसे अपना दोस्त, अपना हमसफर समझ कर उस के साथ अपने सुखदुख को साझा करें.

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जरूरी नहीं आप ही सही हों

अगर आप के पेरैंट्स की आदत यह रही है कि मैं ही सही हूं, तो यकीनन कहीं न कहीं आप के अंदर भी वही बात होगी. अपनी इस तरह की सोच को बदलें. आजकल पतिपत्नी एकदूसरे के साथ मिल कर काम कर रहे हैं. घरपरिवार की जिम्मेदारियों को साथ मिल कर निभा रहे हैं. ऐसे में दोनों की बात माने रखती है. अगर आप के अंदर अपनी बात को ही ऊपर रखने की आदत है, तो इस आदत को छोड़ कर अपने साथी की बात को भी मानें. जरूरी नहीं कि हर बार आप ही सही हों. आप का साथी जो सोच रहा है, कर रहा है. वह भी सही हो सकता है.

साझी जिम्मेदारी साझा पैसा

आमतौर पर हम में से बहुत सारे लोगों की परवरिश ऐसे माहौल में होती है, जहां पति का काम पैसा कमाना और पत्नी का घर की जिम्मेदारियों को निभाना था. आप के पिता मां को पैसा दे कर अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त हो जाते थे और मां जरूरत पड़ने पर भी अपने संचित पैसे पिता को देने से गुरेज करती थीं.

अगर आप की सोच इस तरह की है, तो इस में बदलाव लाने की जरूरत है, क्योंकि बदलते परिवेश में जब पतिपत्नी दोनों वर्किंग हैं, तो ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि संबंधों में मजबूती के लिए पतिपत्नी दोनों ही एकदूसरे की जिम्मेदारियों में सहयोग दें. पति यह न सोचे कि घर का काम करना पत्नी की जिम्मेदारी है. इसी तरह पत्नी को भी इस सोच से बाहर निकलने की जरूरत है कि घर के खर्चे चलाना तो पति का काम है.

जमाना बदल गया है

जीवनसाथी के साथ संबंधों में प्रगाढ़ता के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप पुरानी चीजों से बाहर निकलें. यह जरूरी नहीं है कि जिस तरह से आप की मां साड़ी पहनती थीं या फिर घूंघट निकालती थीं ठीक उसी तरह आप की पत्नी भी करेगी. आप की मां मंदिर जाती थीं पूजा करती थीं, तो इस का यह अर्थ नहीं है कि आप की पत्नी भी वैसा ही करेगी. उसे अपनी तरह से जीने की आजादी दें. पत्नी के लिए भी यह समझना जरूरी है कि घर से संबंधित बाहर के कामों की जिम्मेदारी पति की ही नहीं है. यह जरूरी नहीं है कि आप के पिता घर से बाहर के सारे काम करते थे, तो आप के पति को भी वैसा ही करना चाहिए. बदलते परिवेश में अपनी सोच को बदल कर ही आप अपने संबंधों में प्यार और दुलार का समावेश कर सकते हैं.

लड़ाई झगड़ा न बाबा न

आप के पेरैंट्स आपस में छोटीछोटी बातों पर उलझ जाते थे, तो इस का अर्थ यह नहीं है कि यह बहुत अच्छी बात है और आप भी बातबात पर अपने जीवनसाथी से उलझने लगें.

सच तो यह है कि आप दोनों एकदूसरे की भावनाओं की कद्र कर के और एकदूसरे का सम्मान कर के अपने संबंधों को ज्यादा बेहतर तरीके से जी सकते हैं.

क्वालिटी लव है जरूरी

अगर आप के मन में अपने पेरैंट्स को देख कर यह सोच घर कर गई है कि पेरैंट्स बनने के बाद एकदूसरे के साथ रोमांस करना एकदूसरे से प्यार जताना गलत है, तो अपनी इस सोच को अपने मन से बाहर निकालें.

आमतौर पर मां बनने के बाद पत्नी का पूरा ध्यान अपने बच्चे पर रहता है, जिस की वजह से पति फ्रस्टे्रट होता है. पेरैंट्स बनने के बाद भी एकदूसरे के साथ समय बिताएं. कभीकभार एकदूसरे के साथ घूमने जाना और एकदूसरे से अपना प्यार जताना आप के संबंधों की मजबूती देगा. बच्चे की जिम्मेदारी मिलजुल कर उठाएं. इस सोच को परे करें कि बच्चे की जिम्मेदारी सिर्फ मां की है.

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इन बातों का भी रखें ध्यान

– अगर आप के पिता आप के ननिहाल के लोगों की कद्र नहीं करते थे, तो इस का यह अर्थ बिलकुल भी नहीं है कि आप भी अपनी पत्नी के मायके वालों से वैसा ही व्यवहार करें. अपनी ससुराल के लोगों की कद्र करें, उन को पूरा सम्मान देंगे तो आप की पत्नी के मन में आप के प्रति प्यार का भाव और बढ़ेगा फिर वह भी आप के परिवार के सदस्यों को पूरा मानसम्मान देगी.

– अगर आप की आदत बातबात पर चिल्लाने की है, तो उसे भूल जाएं. घर में प्रेमपूर्ण माहौल बनाए रखें.

– घरपरिवार की जिम्मेदारियों को मिलजुल कर निभाएं.

– अपने जीवनसाथी को पूरा स्पेस दें.

– अगर किसी बात पर मनमुटाव हो गया है, तो तेज आवाज में एकदूसरे से लड़ने के बजाय चुप बैठ जाएं.

– सुखमय दांपत्य के लिए एकदूसरे पर गलतियां थोपने के बजाय एकदूसरे की गलतियों को स्वीकार करना सीखें.

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