बेटे समर की बगावत का वनराज देगा जवाब, अनुपमा समेत घरवाले होंगे हैरान

सीरियल ‘अनुपमा’ में आए दिन नए ट्विस्ट एंड टर्न्स आ रहे हैं. इसी कारण शो के मेकर्स पूरी कोशिश कर रहे हैं कि दर्शकों का एंटरटेनमेंट बनाए रख सकें. वहीं सीरियल की कहानी की बात करें तो समर और नंदिनी के रिश्ते के खिलाफ वनराज का गुस्सा बढ़ता जा रहा है. वहीं अब इस गुस्से के कारण वनराज एक नया फैसला लेने वाला है, जिसका असर पूरे शाह परिवार पर पड़ने वाला है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

समर करता है ये काम

अब तक आपने देखा कि अनुपमा हर कदम पर समर का साथ दे रही है. महाशिवरात्रि समर, नंदिनी को अपने घर लेकर आता है, जिसे देखकर वनराज काफी गुस्सा हो जाता है. वहीं उसका गुस्सा तब बढ़ जाता है जहां अनुपमा, नंदिनी और समर तांडव डांस करते हुए देखता है.

 

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वनराज और समर के बीच होती है लड़ाई

गुस्से में वनराज, समर से नंदिनी को भूलने के लिए कहता है, जिसके जवाब में समर कहता है आप भी तो काव्या से प्यार करते है ना और इस घर में रह रहे हैं. पहले खुद को आप देखिए, फिर मेरे प्यार पर उंगली उठाना. हालांकि अनुपमा बात संभालने की कोशिश करती है, लेकिन वनराज गुस्से में समर को घर छोड़कर जाने के लिए कहता है. लेकिन समर जवाब देते हुए कहता है कि ये घर आपका नहीं है. किसी को जाना चाहिए तो वो आप दोनों है क्योंकि ये घर उसकी मां का है.

वनराज लेगा ये फैसला

 

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आगबबूला वनराज घर छोड़ने का फैसला तो करता है लेकिन काव्या वहां से ना जाने के लिए नाटक करती है और वनराज को समझाती है, जिसके बाद अब आने वाले एपिसोड में वनराज फैसला करेगा कि वह शाह हाउस को छोड़कर कहीं नही जाएगी. और यह भी कहेगा कि काव्या भी अब इसी घर में उसके साथ ही रहेगी. अब देखना ये है कि क्या वनराज और समर के बीच की लड़ाई कौनसे अंजाम पर पहुंचेगी.

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‘अनुपमा’ के बाद ‘गुम है किसी के प्यार में’ के लीड एक्टर को हुआ कोरोना, पढ़ें खबर

स्टार प्लस के सीरियल्स इन दिनों TRP चार्ट में कमाल कर रहे हैं, जिनमें ‘अनुपमा’ और ‘गुम है किसी के प्यार में’ सीरियल शामिल है. लेकिन इसी बीच खबर है कि ‘अनुपमा’ के बाद अब ‘गुम है किसी के प्यार में’ के लीड एक्टर नील भट्ट को कोरोना हो गया है. वहीं इसका असर शो के ट्रैक पर पड़ता हुआ दिखने वाला है. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला…

शो की रोकी गई शूटिंग

दरअसल, टीआरपी टॉप 5 में जगह बनाने वाले एक्टर नील भट्ट को कोरोना संक्रमित पाए गए खबरों की मानें तो 11 मार्च की दोपहर को उनके कोरोना टेस्ट के नतीजे पॉजिटिव आने के बाद प्रोडक्शन ने शूट रोक दिया है. वहीं, शो के निर्माता ने इस बात की पुष्टि भी की है. दरअसल, होली के सीक्वेंस की शूटिंग के दौरान नील को कुछ लक्षण पाए गए थे, जिसके बाद शूटिंग को तुरंत रोक दिया गया था.

 

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को एक्ट्रेस संग हुई थी सगाई

‘गुम है किसी के प्यार में’ में आईपीएस ऑफिसर विराट चव्हाण का किरदार निभा रहे एक्टर नील भट्ट ने बीते दिनों को स्टार ऐश्वर्या संग रोका किया था, जिसकी फोटोज दोनों ने फैंस संग शेयर की थी. वहीं इस फोटो को शेयर करते हुए नील ने लिखा था, ‘साथ में किए पागलपन से लेकर मस्ती और फिर हमारे बीच प्यार हो गया. अब हम जिंदगीभर के लिए एक हो गए.’

 

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सीरियल की कहानी में आएगा धमाकेदार मोड़

‘गुम है किसी के प्यार में’ Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin) की कहानी में आए दिन नए ट्विस्ट आ रहे हैं. दरअसल, सई और विराट (Virat) की जिंदगी में एक लेटर के कारण गलतफहमियां बढ़ती ही जा रही है. वहीं सई , पुलकित और देवयानी की शादी को भी सपोर्ट करती नजर आ रही है. लेकिन पाखी के कारण अब विराट भी सई के खिलाफ हो गया है. आने वाले एपिसोड में विराट, सई पर बंदूक तान देगा.

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मेरे फेस पर अकसर दाने हो जाते हैं, इसका इलाज बताएं?

सवाल-

मेरी उम्र 35 साल है. अगले महीने मेरे भाई की शादी है और 5 दिन बाद मेरी सगाई है. मेरे फेस पर अकसर दाने हो जाते हैं. मेरी स्किन बहुत सैंसिटिव है. मैं ऐसा क्या कर सकती हूं जिस से स्किन ग्लो करे, दाने भी कम हो जाएं और स्किन पहले से ज्यादा सौफ्ट हो जाए?

जवाब-

सैंसिटिव स्किन में मुख्यतौर पर स्किन रैशेज होने के कारण स्किन में पाए जाने वाले ऐसिड व ऐल्कलाइन का बैलेंस बिगड़ जाता है.

स्किन टाइप जैसी होती है, सैंसिटिविटी और इरिटेशन भी उसी तरह रिएक्ट करती है. यदि सैंसिटिव औयली स्किन है तो पिंपल्स और ब्लैकहेड्स हो सकते हैं और अगर ड्राई स्किन है तो लाल रैशेज आ जाएंगे या चेहरे पर छोटेछोटे दाने हो सकते हैं.

आप के लिए अपनी स्किन टाइप को जानना बहुत जरूरी है. ऐसा होने के कई कारण होते हैं, जिस के लिए आप चैकअप करवा के ट्रीटमैंट ले सकती?हैं. लेकिन इस में समय लगेगा.

यदि आप के पास ज्यादा समय नहीं है तो आप इस के साथसाथ ओजोन ट्रीटमैंट भी ले सकती हैं. इस ट्रीटमैंट में हाई फ्रीक्वेंसी मशीन के जरीए स्किन रिवाइटलाइज और रीजूविनेट की जाती है, जिस से हीलिंग प्रोसैस की प्रक्रिया तेज हो ती है.

इस ट्रीटमैंट में त्वचा के आसपास की औक्सीजन ओजोन में बदलने के कारण इस से बनने वाले एंटीसैप्टिक गुण त्वचा को क्लीन करते हैं साथ ही इस के ऐंटीफंगल और ऐंटीबैक्टीरियल गुण से इन्फैक्टेड स्किन जल्दी ठीक होने लगती है. आप को मनचाही ग्लोइंग स्किन मिलती है.

यदि पिंपल्स की प्रौब्लम हारमोनल नहीं है तो रैड लेजर और ओजोन का इस्तेमाल कर के इस प्रौब्लम को बहुत जल्दी ठीक कर के मनचाहा रिजल्ट पा सकती हैं.

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बेदाग स्किन की चाह हर महिला रखती है. मगर यदि चेहरे पर एक भी पिंपल आ जाए तो सुंदरता में कमी आ जाती है. पिंपल्स दूर करने के लिए महिलाएं न जाने कितने प्रयास करती हैं पर रिजल्ट कोई खास नहीं निकलता. मगर अब आप को परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हम आप को कुछ ऐसे होममेड फेस पैक की जानकारी दे रहे हैं, जो चेहरे पर दिखाई देने वाले दागों व जिद्दी पिंपल्स को जड़ से खत्म कर आप को देंगे चमकती-दमकती स्किन.

क्यों होते हैं मुंहासे

वैसे तो मुंहासों की समस्या तैलीय त्वचा पर ज्यादा होती है, लेकिन आजकल हरकोई मुंहासों से परेशान रहता है. इस का कारण है खराब लाइफस्टाइल, हारमोनल बदलाव और गलत व जल्दीजल्दी कौस्मैटिक प्रोडक्ट्स चेंज करना.

मुंहासे तब होते हैं जब स्किन के रोमछिद्रों में तेल व डैड स्किन इकट्ठी हो जाती है. यह मुंहासों का कारण बनती है. असल में सीबम औयल स्किन के रोमछिद्र में उत्पन्न होता है. सीबम खराब सैल्स को रोमछिद्र से बाहर लाने में मदद करता है, जिस से नए सैल्स बनते हैं. मगर कई बार हारमोंस की गड़बड़ी के कारण सीबम औयल ज्यादा मात्रा में बनने लगता है, जिस से रोमछिद्र बंद हो जाते हैं और मुंहासे हो जाते हैं.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- पिंपल्स से छुटकारा पाने के लिए ट्राय करें ये 5 फेस पैक

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

7 TIPS: गुलाब की पंखुड़ियों से पाएं स्किन पर निखार

गुलाब की पंखुड़ियों में कई गुण होते हैं ये आपकी त्‍वचा, बालों और शरीर को स्‍वस्‍थ बनाते हैं. अगर आपकी त्‍वचा में किसी भी प्रकार की समस्‍या हो, तो आपको गुलाब की पंखुड़ियों का इस्‍तेमाल करना ही चाहिए, इसका कोई साइड इफेक्‍ट नहीं होता है. इसमें प्रोटीन की मात्रा भी काफी ज्‍यादा होती है जो त्‍वचा को पर्याप्‍त मात्रा में पोषण पहुंचाती है. आइए जानते हैं कि त्‍वचा की देखभाल करने के लिए गुलाब की पंखुडियों को किस तरह इस्‍तेमाल करें, जिससे आपको भरपूर फायदा हों.

1. शहद के साथ गुलाब की पंखुडियां

अगर आपके चेहरे पर बहुत ज्‍यादा बाल हों, तो आप गुलाब की पंखुडियों को शहद में भिगोकर लगाएं, इससे चेहरे के एक्स्ट्रा बाल निकल जाएंगे और आपके चेहरे पर चमक आ जाएगी.

2. गुलाब की पंखुडियां और चीनी

अगर आप अपनी त्‍वचा को ज्‍यादा से ज्‍यादा चमकाना चाहती हैं और उसे प्राकृतिक रूप से स्‍क्रब करना चाहती हैं तो गुलाब की पंखुडियों को चीनी में भिगो लें. इस मिश्रण को अपने चेहरे और गर्दन पर अच्‍छी तरह से लगाएं और स्‍क्रब करने के बाद धो लें.

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3. अखरोट के साथ गुलाब की पत्तियां

चेहरे की त्‍वचा को सबसे अच्‍छा बनाने के लिए अखरोट के साथ गुलाब की पत्तियों को पीस लें और इस मिश्रण को चेहरे पर लगाएं. इससे चेहरा अच्‍छी तरह से चमक उठेगा और स्‍कीन में सौफ्टनेस भी आ जाएगी.

4. दूध और गुलाब की पत्तियां

आंखों के नीचे डार्क सर्कल होने पर आपको दूध और गुलाब की पत्तियों को मिश्रित करके लगाना चाहिए. इससे आंखों के नीचे के काले धब्‍बे हल्‍के पड़ जाते हैं.

5. पानी के साथ गुलाब की पत्तियां

अगर चेहरे पर ताजगी नहीं रहती है तो गुलाबी की पत्तियां और पानी मिला लें और फिर इससे चेहरे को धो लें. इससे चेहरा अच्‍छी तरह साफ हो जाता है और ताजगी आ जाती है.

6. नींबू और गुलाब की पत्तियां

नींबू के रस में गुलाब की पत्तियां मिला लें और उसे मसल लें. इसे 5 से 10 मिनट तक अपने चेहरे पर लगाएं रखें. इससे चेहरे पर ग्‍लो आ जाता है.

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7. जैतून का तेल और गुलाब की पत्तियां

गुलाबी की पत्तियां और जैतून का तेल आपके चेहरे की त्‍वचा को सुंदर बनाने के लिए एक अच्‍छा कॉम्‍बो है. इसे लगाने से चेहरे पर दाने नहीं होते हैं और झुर्रिया भी नहीं पड़ती है.

शादी से लेकर वेकेशन तक परफेक्ट हैं एक्ट्रेस प्राची देसाई के ये लुक्स, देखें फोटोज

जी टीवी के सीरियल ‘कसम से’ से एक्टिंग करियर की शुरुआत करने वालीं एक्ट्रेस प्राची देसाई (Prachi Desai) कई बौलीवुड फिल्मों में काम कर चुकीं हैं. हालांकि कुछ वक्त से वह फिल्मी दुनिया से दूर थीं. लेकिन अब वह डिजीटल प्लैटफौर्म के जरिए फैंस का दिल जीतने वाली हैं. दरअसल, प्राची इन्वेस्टिगेटिव मर्डर मिस्ट्री ‘साइलेंस … … कैन यू हियर इट?’ से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कदम रखने वाली हैं, जिसमें वह एक्टर मनोज बाजपेयी संग स्क्रीन शेयर करती दिखेंगी. पर आज हम प्राची की अपकमिंग फिल्म की नही बल्कि उनके बात उनके सिंपल लुक्स की करेंगे. प्राची अक्सर सिंपल लुक्स से फैंस का दिल जीतती हैं. इसीलिए आज हम आपको प्राची के कुछ लुक्स दिखाएंगे, जिसे आप समर में आसानी से किसी भी पार्टी या वेकेशन में कैरी कर सकती हैं.

1. वेडिंग फैशन के लिए परफेक्ट है ये लुक

हाल ही में एक फोटोशूट में प्राची का लुक काफी खूबसूरत लग रहा था. समर वेडिंग के लिए मिंट ग्रीन कलर के ऑउटफिट बेहद अच्छा औप्शन है. बोटकट चोली के साथ प्रिंटेड शरारा और मैचिंग की ओवरकोट जैकेट प्राची के ओवरऔल लुक को खूबसूरत बना रही है.

 

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2. लाइट प्रिंटेड सूट है परफेक्ट

 

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अगर आप गरमियों में औफिस के लिए सूट कलेक्शन की तलाश कर रही हैं तो प्राची का ये लाइट प्रिंटेड सूट अच्छा औप्शन है. इसके साथ औक्साइड झुमके आपके लिए परफेक्ट लुक बनाने में मदद करेंगे.

3. समर वेडिंग के लिए लुक

 

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प्राची का ये फ्लावर प्रिंटेड कौटन लहंगा परफेक्ट समर वेडिंग औप्शन है. पिंक कलर के इस लहंगे पर औक्साइड ज्वैलरी कलेक्शन आपके लुक पर चार चांद लगा देगा. वहीं वेडिंग में साड़ी कलेक्शन की बात करें तो प्राची की ये प्लेन साड़ी के साथ डार्क औफ शोल्डर ब्लाउज भी गरमियों में वेडिंग का लुत्फ उठाने के लिए परफेक्ट औप्शन होगा.

 

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4.  फ्लावर प्रिंटेड सूट करें ट्राय

 

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अगर आप किसी फैमिली फंक्शन में लाइट और कम्फरटेबल लुक चाहती हैं तो प्राची देसाई का ये लुक आपके लिए परफेक्ट औप्शन रहेगा. ये फ्लावर प्रिंटेड लुक आपको गरमी में भी ठंडक का एहसास कराएगा.

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5. परफेक्ट है वेकेशन लुक

 

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बीते दिनों वेकेशन का लुत्फ उठा चुकीं प्राची का वेकेशन फैशन भी काफी खूबसूरत है. चाहे क्राप टौप शर्ट के साथ पैंट हो या फ्लावर प्रिंटेड टौप के साथ ट्राउजर, प्राची का हर लुक वेकेशन के लिए परफेक्ट औप्शन है.

 

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ह्यूमन ग्रोथ हार्मोन: शारीरिक विकास के लिए महत्त्वपूर्ण

शारीरिक विकास के लिए ह्यूमन ग्रोथ हार्मोन महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह कोशिकाओं के निर्माण और पुनर्निर्माण को बहाल करता है. छोटी उम्र में हार्मोन काफी तेजी से बनता है. यही ब्लड ग्रोथ हार्मोन हमें जवां बनाए रखता है. लेकिन जैसेजैसे उम्र बढ़ती है, हमारा शरीर हार्मोन बनाना कम कर देता है. 30 साल की उम्र के बाद हमारा शरीर ग्रोथ हार्मोन बनाना कम कर देता है यानी उम्र 10 साल बढ़ने में इस की क्षमता 25 फीसदी तक घट जाती है.

क्या है ह्यूमन ग्रोथ हार्मोन

 यह हमारे शरीर में मौजूद जरूरी हार्मोन है. यह शरीर में मांसपेशियों और कोशिकाओं को विकसित करता है. ह्यूमन ग्रोथ हार्मोन को पिट्यूटरी ग्लैंड बनाता है. इस हार्मोन के बिना शरीर में मांसपेशियों का गठन और बोन डोसिटी बढ़ना नामुमकिन है.

कद बढ़ाने में मददगार

इंसान के कद बढ़ाने में जिस तत्त्व का महत्त्वपूर्ण स्थान है, वह है ह्यूमन ग्रोथ होर्मोन. कैल्शियम का सेवन भी हमारे लिए काफी महत्त्वपूर्ण है. कैल्शियम से न केवल हमारी हड्डियां मजबूत होती हैं बल्कि यह हमारे कद बढ़ाने में भी काफी मददगार साबित होता है. हम अपने कद को योग के द्वारा भी प्राकृतिक रूप से बढ़ा सकते हैं. योग तनावमुक्त रखने के साथ ही शारीरिक विकास में भी मददगार है.

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चीनी का सेवन कम करें

 डायबिटीज वाले लोगों के बजाय नौन डायबिटिक लोगों का ह्यूमन ग्रोथ हार्मोन का लैवल 3-4 गुना ज्यादा होता है. इंसुलिन को सीधे तौर पर प्रभावित करने के साथ ही चीनी का अधिक इस्तेमाल करने से वजन और मोटापा भी तेजी से बढ़ता है और इस का असर ह्यूमन ग्रोथ हार्मोन के स्तर पर पड़ता है. इसलिए ज्यादा से ज्यादा संतुलित आहार लेने की कोशिश करें, ताकि आप स्वस्थ रहें. आप जो भी आहार लेते हैं उस का सीधा प्रभाव आप के स्वास्थ्य, हार्मोन और शारीरिक बनावट पर पड़ता है.

रात को खाना कम खाएं

 रात को सोने से पहले कभी भी ज्यादा खाना न खाएं. अधिक कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन वाला आहार इंसुलिन को बढ़ाता है और रात को बनने वाले ग्रोथ हार्मोन को रोकता है. खाना खाने के 2-3 घंटे तक इंसुलिन का स्तर कम हो जाता है.

दिनचर्या बदलें

लगातार तनाव में रहना शरीर में ह्यूमन ग्रोथ हार्मोन की मौजूदगी को कम करता है. हंसने और खुश रहने से शरीर को सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है, साथ ही ग्रोथ हार्मोन में भी बढ़ोतरी होती है. सिनेमा देखना भी काफी लाभप्रद है.

ग्रोथ हार्मोन को बढ़ाने की दवा

 मार्केट में ह्यूमन ग्रोथ हार्मोन को बढ़ाने की काफी दवाएं मौजूद हैं, लेकिन इन का इस्तेमाल आप अपनी मरजी से नहीं कर सकते. इन का सेवन करने के लिए आप को अपने डाक्टर से सलाहमशवरा करना पड़ेगा. डाक्टर यदि जरूरी समझे तो कुछ समय के लिए इस के सेवन की अनुमति दे सकता है.

साइड इफैक्ट्स

 बिना जरूरत के ह्यूमन ग्रोथ हार्मोन का इस्तेमाल करने से कई नुकसान हो सकते हैं. इस के ज्यादा सेवन से शरीर का कोई भी अंग बढ़ सकता है, जैसे हाथ, पैर और जबड़ा. इसलिए इस का इस्तेमाल आवश्यकतानुसार ही करें.

ह्यूमन ग्रोथ हार्मोन कैसे बढ़ता है

  • व्यायाम शुरू करने के आधे घंटे बाद शरीर में ग्रोथ हार्मोन बनना शुरू होता है, जो 45 मिनट तक बढ़ता है यानी 60 मिनट तक स्थिर रहता है. इस के बाद इस का लैवल घटना शुरू हो जाता है.
  • शरीर दिन भर में जितना ग्रोथ हार्मोन बनाता है उस का 75 फीसदी निर्माण अच्छी नींद के दौरान करता है.
  • ह्यूमन ग्रोथ हार्मोन के लिए विटामिन और अच्छी डाइट बहुत जरूरी है. विशेषज्ञ की सलाह के बिना सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल कतई न करें.
  • शरीर में ग्रोथ हार्मोन बनाए रखने के लिए रोजाना जरूरी कैलोरी का 20 फीसदी हिस्सा शुद्ध फैट से हासिल होता है.

खास आहार बढ़ाए ग्रोथ हार्मोन

 स्वस्थ शरीर पाने के लिए ग्रोथ हार्मोन बहुत जरूरी है. यह मांसपेशियों के लिए काफी अहम है. इस के लिए प्रोटीनयुक्त भोजन का सेवन करें.

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मांसमछली का सेवन

 एमिनो एसिड के महत्त्वपूर्ण स्रोतों में एक खास है मांस और मछली, जो पूरी तरह प्रोटीन से भरपूर होते हैं. यह शरीर में ह्यूमन ग्रोथ होर्मोन बनाने में कारगर साबित होते हैं.

डेयरी और अंडे

 भरपूर प्रोटीन के लिए डेयरी प्रोडक्ट्स और अंडे भी खास हैं यानी ये ह्यूमन ग्रोथ हार्मोन बनाने के लिए सभी जरूरी एमिनो एसिड प्रदान करते हैं. दूध और सोया दूध में लगभग प्रति एक गिलास में 8 ग्राम प्रोटीन होता है, जबकि स्ट्रिंग पनीर या एक अंडे में 6 ग्राम प्रोटीन होता है.

सब्जियों का अधिक सेवन करें

 एमिनो एसिड हासिल करने के लिए हरी सब्जियों का ज्यादा सेवन करें, क्योंकि ज्यादातर पौधों में एमिनो एसिड होता है. इसलिए हरी सब्जियों को रोजाना अपने खाने में इस्तेमाल करें.

बेटियों को ही नहीं, बेटों को भी संभालें

मेरी सहेली ने एक बार मुझे एक वाकया सुनाया. जब वह अपनी 8 वर्षीया बेटी रिचा को अकेले में ‘गुड टच’ और ‘बैड टच’ के बारे में बता रही थी, तब बेटी ने उस से कहा था, ‘मम्मी, ये बातें आप भैया को भी बता दो ताकि वह भी किसी के साथ बैड टचिंग न करे.’

सहेली आगे बताती है, ‘‘बेटी की कही इस बात को तब मैं महज बालसुलभ बात समझ कर भूल गई. मगर जब मैं ने टीवी पर देखा कि प्रद्युम्न की हत्या में 12वीं के बच्चे का नाम सामने आया है तो मैं सहम उठी. इस से पहले निर्भया कांड में एक नाबालिग की हरकत दिल दहला देने वाली थी. अब मुझे लगता है कि 8 वर्षीया रिचा ने बालसुलभ जो कुछ भी कहा, आज के बदलते दौर में बिलकुल सही है. आज हमें न सिर्फ लड़कियों के प्रति, बल्कि लड़कों की परवरिश के प्रति भी सजग रहना होगा. 12वीं के उस बच्चे को प्रद्युम्न से कोई दुश्मनी नहीं थी. महज पीटीएम से बचने के लिए उस ने उक्त घटना को अंजाम दिया.’’

आखिर उस वक्त उस की मानसिक स्थिति क्या रही होगी? वह किस प्रकार के मानसिक तनाव से गुजर रहा था जहां उसे अच्छेबुरे का भान न रहा. हमारे समाज में ऐसी कौनकौन सी बातें हैं जिन्होंने बच्चों की मासूमियत को छीन लिया है. आज बेहद जरूरी है कि बच्चों की ऊर्जा व क्षमता को सही दिशा दें ताकि उन की ऊर्जा व क्षमता अच्छी आदतों के रूप में उभर कर सामने आ सकें.

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आज मीडिया का दायरा इतना बढ़ गया है कि हर वर्ग के लोग इस दायरे में सिमट कर रह गए हैं. ऐसे में यह जरूरी हो गया है कि हम अपने बच्चों को मीडिया की अच्छाई व बुराई दोनों के बारे में बताएं. एक जमाना था जब टैलीविजन पर समाचार पढ़ते हुए न्यूजरीडर का चेहरा भावहीन हुआ करता था. उस की आवाज में भी सिर्फ सूचना देने का भाव होता था. मगर आज समय बदल गया है. आज हर खबर को मीडिया सनसनी और ब्रेकिंग न्यूज बना कर परोस रहा है. खबर सुनाने वाले की डरावनी आवाज और चेहरे की दहशत हमारे रोंगटे खड़े कर देती है.

घटनाओं की सनसनीभरी कवरेज युवाओं पर हिंसात्मक असर डालती है. कुछ के मन में डर पैदा होता है तो कुछ लड़के ऐसे कामों को अंजाम देने में अपनी शान समझने लगते हैं. अफसोस तो इस बात का भी होता है कि मीडिया घटनाओं का विवरण तो विस्तारपूर्वक देती है परंतु उन से निबटने का तरीका नहीं बताती.

कुछ मातापिता हैलिकौप्टर पेरैंट बन कर अपने बच्चों पर हमेशा कड़ी निगाह रखे रहते हैं. हर वक्त हर काम में उन से जवाबतलब करते रहते हैं. इसे आप भले ही अपना कर्तव्य समझते हों परंतु बच्चा इसे बंदिश समझता है. कई शोधों में यह सामने आया है कि बच्चे सब से ज्यादा बातें अपने मातापिता से ही छिपाते हैं, जबकि हमउम्र भाईबहनों या दोस्तों से वे सबकुछ शेयर करते हैं.

आज के बच्चे वर्चुअल वर्ल्ड यानी आभासी दुनिया में जी रहे हैं. वे वास्तविक रिश्तों से ज्यादा अपनी फ्रैंड्सलिस्ट, फौलोअर्स, पोस्ट, लाइक, कमैंट आदि को महत्त्व दे रहे हैं. वे किसी भी परेशानी का हल मातापिता से पूछने के बजाय अपनी आभासी दुनिया के मित्रों से पूछ रहे हैं. वे अंतर्मुखी होते जा रहे हैं, साथ ही, उन का आत्मविश्वास भी वर्चुअल इमेज से ही प्रभावित हो रहा है. बच्चों को यदि सोशल मीडिया तथा साइबर क्राइम से संबंधित सारी जानकारी होगी और अपने मातापिता पर पूर्ण विश्वास होगा, तो शायद वे ऐसी हरकत कभी नहीं करेंगे.

एकल परिवारों में बच्चे सब से ज्यादा अपने मातापिता के ही संपर्क में रहते हैं. ऐसे में वे अपने अभिभावक की नकल करने की कोशिश भी करते हैं. बच्चों में देख कर सीखने का गुण होता है. ऐसे में अभिभावक उन्हें अपनी बातों द्वारा कुछ भी समझाने के बजाय अपने आचरण से समझाएं तो यह उन पर ज्यादा असर डालेगा. उदाहरणस्वरूप, नीता अंबानी अपने छोटे बेटे अनंत को मोटापे से छुटकारा दिलाने के लिए उस के साथसाथ खुद भी व्यायाम तथा डाइटिंग करने लगी थीं.

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प्रौढ़ होते मातापिता अपने किशोर बेटों से बात करते समय उन से बिलकुल भी संकोच न करें. मित्रवत उन से लड़कियों के प्रति उन की भावनाओं को पूछें. रेप के बारे में वे क्या सोचते हैं, यह भी जानने की कोशिश करें. यदि कोई लड़की उन्हें ‘भाव’ नहीं दे रही है तो वे इस बात को कैसे स्वीकार करते हैं, यह जानने की अवश्य चेष्टा करें.

आमतौर पर यदि खूबसूरत लड़की किसी लड़के को भाव नहीं देती तो लड़का इसे अपनी बेइज्जती समझता है और इस बारे में जब वह अपने दोस्तों से बात करता है तो वे सब मिल कर उसे रेप या एसिड अटैक द्वारा उक्त लड़की को मजा चखाने की साजिश रचते हैं. एसिड अटैक के मामलों में 90 प्रतिशत यही कारण होता है. इसलिए, ‘लड़कियां लड़कों के लिए चैलेंज हैं’ ऐसी बातें उन के दिमाग में कतई न डालें.

निर्भया कांड में शामिल नाबालिग युवक या प्रद्युम्न हत्याकांड में शामिल 12वीं के छात्र का उदाहरण दे कर बच्चों को समझाने का प्रयास करें कि रेप और हत्या करने वाले को समाज कभी भी अच्छी नजर से नहीं देखता. कानून के शिकंजे में फंसना मतलब पूरा कैरियर समाप्त. सारी उम्र मानसिक प्रताड़ना व सामाजिक बहिष्कार का भी सामना करना पड़ता है.

मातापिता अपने बच्चों को अच्छा व्यक्तित्व अपनाने के लिए कई बार समाज या परिवार की इज्जत की दुहाई देते हुए उन पर एक दबाव सा बना देते हैं, जो बच्चों के मन में बगावत पैदा कर देता है. मनोवैज्ञानिक फ्रायड के अनुसार, ‘‘जब हम किसी को भी डराधमका कर या भावनात्मक दबाव डाल कर अपनी बात मनवाना चाहते हैं तो यह एक प्रकार की हिंसा है.’’

बच्चे में किसी भी तरह की मानसिक कमियां हैं तो अभिभावक उसे छिपाएं नहीं, बल्कि स्वीकार करें और उसी के अनुसार उस की परवरिश करते हुए उस के व्यक्तित्व को संवारें. दिल्ली के निकट गुरुग्राम के रायन इंटरनैशनल स्कूल के प्रद्युम्न की हत्या करने वाला 12वीं का छात्र अपराधी नहीं था, बल्कि एक साइकोपैथ था. यह एक ऐसा बच्चा है जिसे सही मौनिटरिंग व सुपरविजन की जरूरत है यानी उसे परिवार के प्यार व मातापिता के क्वालिटी टाइम की जरूरत है. समय रहते यदि उस की मानसिक समस्याओं का निवारण किया गया होता तो शायद प्रद्युम्न की जान बच सकती थी. जिस तरह शरीर की बीमारियों का इलाज जरूरी है उसी तरह मानसिक बीमारियों की भी उचित इलाज व देखभाल की आवश्यकता होती है. इसे ले कर न ही मातापिता कोई हीनभावना पालें और न ही बच्चों को इस से ग्रसित होने दें.

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सक्सैस के लिए शौर्टकट नहीं लेना चाहिए- रेवतीकांत

रेवतीकांत

चीफ डिजाइन आफिसर, टाइटन कंपनी लिमिटेड 

रेवतीकांत आज एक जानापहचाना नाम है. यकीनन यहां तक पहुंचने में कड़ी मेहनत, मजबूत इरादे और लगन की जरूरत होती है. हम ने रेवतीकांत से उन की पर्सनल और प्रोफैशनल लाइफ के बारे में बात की. पेश हैं, बातचीत के कुछ अंश:

अपने बारे में कुछ बताएं?

टाइटन कंपनी में मेरी जर्नी काफी लंबी रही है. मुझे इस कंपनी में काम करते हुए 30 साल पूरे हो चुके हैं. टाइटन की सब से बड़ी खासियत यह है कि यहां पर फ्रीडम बहुत है और अवसर भी काफी ज्यादा हैं. 30 सालों से मैं ने भी यहां काफी अलगअलग चीजें की हैं. ऐसा नहीं है कि मैं पिछले 30 सालों से डिजाइन में हूं. मेरा बैकग्राउंड मार्केटिंग से रहा है. मैं ने मार्केटिंग रिसर्च में जौइन किया था. इस के बाद मैं मेन मार्केटिंग में शिफ्ट हुई. मैं ने 10 साल दुबई में काम किया. जब मैं भारत वापस आई तो मुझे लगा कि कुछ और ट्राई करना चाहिए. तब मेरी रुचि प्रोडक्ट डिजाइन की तरफ ज्यादा हुई.

जब मैं साल 2005 में भारत आई तो जापान हैड करने की जिम्मेदारी संभाली. यहां पर मेरा काम घडि़यां खरीदने का था, जो कि टाइटन डिजाइन स्टूडियो के नाम से जाना जाता है. यहां पर मैं ने 5 से 6 साल काम किया. यह काम मुझे काफी इंट्रैस्टिंग लगा. यहां काम कर के मुझे समझ आया कि इस काम में काफी संभावना है, इस में मैं कंपनी के लिए बहुत वैल्यू ऐड कर सकती हूं.

इस के बाद ज्वैलरी बिजनैस की जिम्मेदारी मिली. यह मेरे लिए एक बड़ी जिम्मेदारी थी, क्योंकि भारत में ज्वैलरी मार्केट काफी बड़ा है. यह मेरे लिए काफी बड़ी जिम्मेदारी थी जिसे मैं ने बखूबी तरीके से निभाया.

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टाइटन के साथ काम करते हुए आप को लगभग 30 साल हो चुके हैं, हमें  अपनी यात्रा और ऐक्सपीरियंस के बारे  में कुछ बताएं.

जब मैं ज्वैलरी बिजनैस में गई तो फिर मैं ने इस क्षेत्र में बेहतर से बेहतरीन करने का सोचा. मैं ने 7 से 8 साल ज्वैलरी डिजाइन को हैड किया. इस में मेरा काफी शानदार ऐक्सपीरियंस रहा, क्योंकि हम ने ज्वैलरी बिजनैस में काफी कुछ किया. हम ने कंज्यूमर्स के हिसाब से डिजाइन बनाए.

इस क्षेत्र में आने के लिए आप को प्रेरणा कहां से मिली?

मैं जब घर से बाहर निकली तो बहुत बड़ा ड्रीम ले कर नहीं आई थी, लेकिन मैं ने यह जरूर सोचा कि मैं जो भी काम करूंगी वह पूरी लगन से करूंगी और अपना पूरा योगदान दूंगी. मैं ने अपनी लाइफ में पौजिटिविटी को काफी अहमियत दी है. साथ ही मेरा यह मानना है कि किसी भी चीज को पाने के लिए लगन और मेहनत काफी जरूरी है और मैं ने अपनी लाइफ में काफी मेहनत और लगन से काम किया है.

ग्लास सिलिंग को ले कर आप का क्या ऐक्सपीरियंस रहा है?

मेरे कैरियर की शुरुआत ऐसी कंपनी में हुई है जहां पर इन चीजों को अहमियत नहीं दी जाती है. हां, लेकिन एक बात जरूर है कि महिलाओं को किसी भी फील्ड में काफी ज्यादा स्ट्रगल करना पड़ता है. कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है.

मेरा महिलाओं से यह कहना है कि जो भी काम करो, पूरे कौंफिडैंस के साथ करना चाहिए. यह भी ध्यान देने वाली बात है कि सही रास्ते पर चल कर काम करना है, गलत लोगों से दूर रहना है और कभी भी सक्सैस के लिए शौर्टकट नहीं लेना चाहिए.

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महामारी के इस समय में आप अपने काम और घर को किस तरह मैनेज करती हैं?

वर्किंग वूमन के लिए यह समय काफी कठिन है. शुरूआत में मुझे घर से काम करने में काफी दिक्कतें आई थीं, क्योंकि घर में काम करने के लिए कोई और नहीं है, तो घर का काम भी करना है और औफिस का भी. लेकिन अब धीरेधीरे आदत पड़ गई है. यहां एक बात ध्यान देने वाली यह है कि घर में और भी लोग होते हैं तो घर के काम में सब की मदद लेनी चाहिए, चाहे वे पुरुष हों, ऐसे में घर का काम बंट जाता है और महिलाओं को घर के काम का प्रैशर फील नहीं होता.

इन 17 तरीकों से करें एल्युमिनियम फौयल का इस्तेमाल

एल्युमिनियम फौयल का इस्तेमाल हर घर में खाना पैक करने के लिए किया जाता है लेकिन इस बात को कम लोग ही जानते हैं कि एल्युमिनियम पेपर से क्लीनिंग और कुकिंग जैसे कई काम लिए जा सकते हैं. आज हम आपको एल्युमिनियम फौयल से खाना पैक करने के अलावा और भी कई कमाल के फायदे बता रहे हैं.

1. अक्सर जब पौधों पर तेज धूप पड़ती है तो वे मुर्झा जाते हैं. ऐसे में पौधों की जड़ों पर एल्युमिनियम फौयल लपेट दें जिससे प्लांट्स खराब नहीं होंगे और जल्दी बड़े भी हो जाएंगे.

2. फल काटकर रखने के कुछ समय बाद ही वे काले हो जाते हैं खासकर सेब. ऐसे में कटे हुए फलों को एल्युमिनियम फौयल में लपेट कर रखें जिससे वे ज्यादा समय तक ताजे रहेंगे और काले भी नहीं होंगे.

3. हरे धनिए को ज्यादा दिनों तक ताजा रखने के लिए उसे एल्युमिनियम फौयल में लपेट कर फ्रिज में रखें.

4. बालों पर डाय लगाते वक्त अक्सर आपके चश्में की डंडियों पर भी रंग लग जाता है. एल्युमिनियम फौयल से अगर चश्मे के इस हिस्से को ढंक लेंगे तो बिना टेंशन के डाय लगा सकती हैं.

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5. पुताई करते वक्त दरवाजे के हैंडल, स्टापर पर रंग न लगे इसके लिए इन्हें फौयल से ढक लें. यह आसानी से निकल भी जाते हैं. पेंटर अक्सर इन जगहों पर कागज लगा लेते हैं जो कारगर उपाय नहीं है.

6. प्रोफेशनल फोटोग्राफर्स अंधेरे से लड़ने के लिए रिफ्लेक्टर्स का उपयोग करते हैं. आप सिर्फ एक मोटे कार्डबोर्ड पर एल्युमिनियम फौयल लगा लेंगी तो यह बेहतरीन रिफ्लेक्टर साबित होगा.

7. फौयल को आसानी से एक गीले स्पौन्ज से पोछा जा सकता है इसलिए इन्हें ऐसी जगह बिछाया जा सकता है जहां सफाई करना थोड़ा कठिन हो.

8. एक प्लास्टिक केबिन के इर्द-गिर्द फौयल चिपका दें. अब इसमें सिल्वर का सामान रखें. 1/4 कप वाशिंग सोडा और गरम पानी इसमें डालें. हिलाकर 10-15 मिनट तक सोक करके रखें.

9. बारबेक्यू ग्रिल पर चिपका हुआ खाना एल्युमिनियम फौयल के एक बौल से खुरच कर साफ किया जा सकता है.

10. स्टील के कूचे की तरह ही एल्युमिनियम फौयल का कूचा बनाकर जले हुए बरतन वगैरह भी साफ किए जा सकता है. खासकर कैसरोल और कास्ट आयरन बर्तन इससे साफ करेंगी तो उन पर स्क्रैच भी नहीं आएंगे.

11. हेवी ड्यूटी फौयल से अपने फर्नीचर के पैर को ढक दें. अब आप ये फर्नीचर कारपेट पर रखेंगी तो कारपेट पर गड्ढे नहीं पड़ेंगे. कारपेट अगर डेलिकेट है तो भी कोई नुकसान नहीं होगा और फर्नीचर का निचला हिस्सा साफ और सुरक्षित भी बना रहेगा.

12. एल्युमिनियम फौयल हीट रिफ्लेक्ट करता है. तो अपने आयरन बोर्ड के नीचे एक शीट बिछाकर रखें. इससे आपके कपड़े कम समय में प्रेस हो जाएंगे.

13. अगर आप जल्दी में हैं और फनल नहीं है तो एल्युमिनियम फौयल को कोन शेप देकर उससे फनल का काम भी लिया जा सकता है.

14. कई बार रिमोट में सेल लगाने की जगह पर एक गैप हो जाता है. इस गैप को एल्युमिनियम फौयल से आसानी से भरा जा सकता है. यह सर्किट पूरा करने का काम कर देते हैं.

15. फ्रिज में कच्चा नौनवेज या पनीर रखने से पहले उसे फौयल पेपर में लपेट लें. इससे फ्रिज से दुर्गंध नहीं आएगी.

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16. वाशिंग मशीन में कपड़े ड्राई करती हैं तो कपड़ों के साथ एल्युमिनियम फौयल की एक बौल बनाकर ड्रायर में डाल दें. ऐसा करने से कपड़े जल्दी सूख जाएंगे.

17. कैंची की धार तेज करने में भी एल्युमिनियम फौयल सक्षम है. इसे धार पर रगड़कर साफ कर सकती हैं. फौयल पर कैंची चलाएंगे तो भी धार तेज होगी.

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Serial Story: रुपहली चमक- भाग 4

तब मैं ने उस की आंखों में गहरी नजर से झांकते हुए पूछा, ‘‘क्या मैं तुम्हारी इस परम सखी पामेला से मिल सकता हूं?’’

अब चौंकने व स्तब्ध रह जाने की बारी सुकेशनी की थी. वह चकित स्वर में बोली, ‘‘तुम क्यों उस से मिलना चाहते हो?’’

‘‘इसलिए कि मेरी अपेक्षा उस के सान्निध्य में तुम अधिक खुश रहती हो और यह मैं स्वयं अपनी आंखों से देख चुका हूं,’’ मैं ने संयत स्वर में कहा.

ऐसा लगा कि उस पर किसी ने घड़ों पानी एकसाथ उड़ेल दिया हो, पर एका- एक उस ने शर्म को उतार कर बेशर्मी का बाना पहन लिया और बोली, ‘‘ओह, तो तुम्हें पता लग गया है, पर इस से क्या…मैं और पाल अच्छे मित्र हैं.’’

अब मैं चीख पड़ा, ‘‘मत बतलाओ मुझे कि वह तुम्हारा मित्र है. मैं अच्छी तरह से जानता हूं कि इस देश में पले लोगों के मित्र की परिभाषा क्या होती है? यदि ऐसा ही था तो तुम ने कभी उसे घर क्यों नहीं बुलाया? मुझ से क्यों नहीं मिलवाया? मुझे पता है क्योंकि तुम्हारे मन में चोर था, तभी तो उस के साथ सारा दिन स्कूल में व्यतीत करने के पश्चात तुम्हें सप्ताह में 3-4 दिन उस के घर भी मिलने जाना पड़ता था. तुम और पाल अमेरिका जा कर मौज करो और मैं तुम्हारा नाममात्र का पति अपनी नौकरी के साथ इन बच्चों का पालनपोषण करूं. शायद ही इस दुनिया में कोई ऐसा बेगैरत पति होगा जो ऐसा करेगा.’’

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कुछ क्षण ठहर कर मैं फिर बोला था, ‘‘तुम्हें पाल अच्छा लगता है न? तो ठीक है, तुम्हें तुम्हारा पाल, तुम्हारा देश, तुम्हारा सुख मुबारक हो, तुम उस के साथ अमेरिका खुशीखुशी जा सकती हो. पर एक बात ध्यान से सुन लो, हमारे विवाह में तुम्हारे मातापिता ने कन्यादान कर के तुम्हारा दायित्व मुझे सौंपा था.

‘‘यदि तुम मुझ से संतुष्ट व खुश नहीं हो तो मैं तुम्हें मुक्त कर दूंगा. पर इस के पहले तुम पाल के पास जाओ, तुम उसे चाहती हो न? और वह भी तुम्हें चाहता है…तो जाओ और जा कर उस से पूछो कि वह तुम से विवाह करेगा? यदि करेगा तो मैं तुम्हें तलाक दे कर इन बच्चों के साथ सदा के लिए भारत चला जाऊंगा. मैं अपने बच्चों को यहां के खुले व बेशर्म वातावरण में खराब नहीं होने दूंगा. मैं तुम से वादा करता हूं कि भविष्य में मैं कभी भी तुम्हारे रास्ते में नहीं आऊंगा.’’

सुकेशनी मुझे आंखें फाड़े देखती रही. ऐसा लगा कि उसे मुंहमांगी मुराद मिल गई हो. वह भौचक्के स्वर में बोली, ‘‘तो तुम्हें कोई एतराज नहीं है?’’

मैं शांत पर खीजे स्वर में बोला, ‘‘नहीं, 10 लोगों से तुम्हारे बारे में तरह- तरह के किस्से सुनने से तो यही अच्छा होगा कि तुम पाल से विवाह कर लो.’’

सुकेशनी उसी समय पर्स उठा कर बाहर चली गई. उस की आधी बची चाय में से अभी तक थोड़ीथोड़ी भाप निकल रही थी. मेरे संतप्त हृदय का भी यही हाल था. मैं समझ गया कि वह पाल के घर गई है. मैं दोनों बच्चों को साथ ले कर पार्क में चला गया.

मुझे सुखसुविधाओं से संपन्न इस घर से विरक्ति सी हो रही थी. विरक्ति से उत्पन्न घुटन मुझे सांस नहीं लेने दे रही थी. मैं रोना चाहता था, पर बच्चों के सामने रो भी नहीं सकता था. पार्क में ठंडी हवा में टहलने से मन कुछ शांत हुआ. हाथ में हाथ डाले अनेक जोड़े वहां टहल रहे थे, उन्हें देख कर मैं और भी उदास हो गया. तभी एहसास हुआ कि रात घिर आई है और मैं बच्चों को ले कर घर आ गया.

लगभग 10-15 मिनट के बाद ही सुकेशनी के आने की आहट हुई.

मैं सोचने लगा कि वह आ कर खिले हुए मुख से मुझे एक और खुश- खबरी सुनाएगी. मैं उदास व खोयाखोया सा बैठा रहा. वह कमरे में आई, पर उदास, निढाल व थकीथकी सी. मैं अभी भी चुप रहा.

उस चुप्पी को भंग करते हुए सुकेशनी बोली, ‘‘विशेष, मुझे क्षमा कर दो, मैं तुम्हारी अपराधी हूं. मैं तुम से दंड चाहती हूं…वह यह कि तुम मुझे जिंदगी भर के लिए अपने हृदयरूपी पिंजरे में कैद कर लो. पाल मुझे खिलौना समझ कर मुझ से खेल रहा था. विवाह की बात सुनते ही वह साफ इनकार कर गया और बोला, ‘मैं ने तुम से विवाह करने की बात तो कभी सोची भी नहीं, यह बात तुम्हारे दिमाग में आई कैसे? क्या तुम अपने पति व बच्चों को जरा भी नहीं चाहती हो? कैसी औरत हो तुम? जब तुम उन से प्यार नहीं कर सकीं तो मुझ से क्या कर पाओगी?’

‘‘विशेष, मुझे अपनी भयंकर भूल का उसी समय एहसास हो गया. मैं तुम से वादा करती हूं कि ऐसी भूल मैं भविष्य में कभी भी नहीं दोहराऊंगी. मुझे एक और अवसर दे दो, विशेष. मैं ने सोच लिया है कि उस स्कूल से अपना तबादला करवा लूंगी. आज से मैं तुम्हारे व बच्चों के प्रति अपने सभी उत्तरदायित्व पूरी ईमानदारी के साथ निभाऊंगी,’’ कहतेकहते वह हिचकियां ले कर रोते हुए मेरे पैरों पर गिर पड़ी.

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मैं ने उसे बांहों से पकड़ कर उठाते हुए कहा, ‘‘सुकु, तुम एक भयंकर भूल कर रही थीं, पर तुम्हें सही समय पर ही अपनी भूल का एहसास हो गया, यह अच्छी बात है. मैं संकीर्ण विचारधारा का नहीं हूं, पर मेरा यह दृष्टिकोण है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी मर्यादा व सीमाओं में रहना चाहिए. फिर भी मैं तुम्हें क्षमा कर रहा हूं और तुम्हारे लिए तुम्हारे द्वारा मांगा दंड ही निर्धारित कर रहा हूं अर्थात जीवन भर तुम्हें अपने हृदयरूपी पिंजरे में कैद रखूंगा. तुम्हारे लिए यह अंतिम अवसर है और मुझे विश्वास है कि तुम अपनी कही बातों का पालन करोगी.’’

दोनों बच्चे वहीं आ गए थे, जिन्हें सुकु ने अपनी बांहों में समेट लिया. आंसू उस की आंखों में झिलमिला रहे थे. बच्चों के चेहरों को देख कर ऐसा लगा कि उन्हें वर्षों बाद अपनी मां मिली हो और मुझे भी एक तरह से उसी दिन अपनी पत्नी मिली थी क्योंकि सुकु की आंखों में बहते हुए आंसुओं में उस का मिथ्या- भिमान, जिद, अहं मुझे साफ बहते दिखाई दे रहे थे.

उसी रात हम दोनों ने यह निर्णय लिया कि अपने मतभेदों को बजाय झगड़ा कर के और बढ़ाने के, बच्चों की अनुपस्थिति में एकसाथ बैठ कर सुलझाएंगे. तभी सुकु ने अनुप्रिया व अनन्य का हाथ पकड़ कर कहा, ‘‘चलो बच्चो, तुम्हें कल स्कूल भी तो जाना है.’’

मैं ने प्रश्नसूचक दृष्टि से सुकु की ओर देखा तो वह बोली, ‘‘विशेष, मैं एक माह की छुट्टी ले लूंगी. मुझे वर्षों से बिखरा घर सहेजना है.’’

मैं कुछ न बोल कर मुसकराता रहा. दोनों बच्चे मेरे दोनों गालों पर स्नेहचिह्न अंकित कर अपनी मां का हाथ पकड़े खुशीखुशी सोने के कमरे में चले गए.

मुझे गहन काले बादलों में रुपहली चमक दृष्टिगोचर हो रही थी. ऐसी चमक, जो सूर्योदय की प्रतीक थी.

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