पति संग समंदर में दिखा काजल अग्रवाल का सेक्सी अवतार, PHOTOS VIRAL

 बौलीवुड और साउथ की फिल्मों में अपनी एक्टिंग से धूम मचाने वाली एक्ट्रेस काजल अग्रवाल इन दिनों पति गौतम किचलू संग हनीमून पर हैं. मालदीव्स में अपने हनीमून की फोटोज काजल अपने फैंस के लिए शेयर कर रही हैं, जो सोशलमीडिया पर काफी वायरल हो रही हैं. हाल ही में उन्होंने कुछ फोटोज शेयर की हैं, जिनमें वह जलपरी की तरह नजर आ रही हैं. आइए आपको दिखाते हैं वायरल फोटोज…

काजल अग्रवाल ने लगाए समंदर में गोते

एक्ट्रेस काजल अग्रवाल ने अपने इंस्टागाम अकाउंट पर अपने हनीमून की नई फोटोज शेयर की हैं, जिनमें से एक फोटो में वह बिकिनी पहने समंदर में डुबकी लगाते नजर आ रही हैं.


ये भी पढ़ें- दिवाली के दिन अनुपमा करेगी कुछ ऐसा, वनराज को लगेगा झटका

पति संग भी काजल आईं नजर

समंदर में पति गौतम किचलू संग अंडर वाटर टूर के मजे लेते हुए एक्ट्रेस काजल अग्रवाल ने फोटोज शेयर किए हैं, जिसमें दोनों बेहद खूबसूरत लग रहे हैं. इसी के साथ दोनों ढेर सारी फोटोज भी क्लिक करवाते नजर आए.

कुछ इस तरह मना रही हैं हनीमून


पति संग मालदीव्स का लुत्फ उठा रहीं एक्ट्रेस काजल अग्रवाल समंदर के साथ-साथ बीच का भी लुत्फ उठाती नजर आ रही हैं, जिसकी फोटोज उन्होंने पिछले दिनों सोशमलीडिया पर शेयर की थी.

पिछले महीने हुई है शादी

एक्ट्रेस काजल अग्रवाल ने बीते महीने गौतम किचलू संग साथ फेरे लिए हैं, जिसकी फोटोज सोशमलीडिया पर काफी वायरल हो चुकी हैं. वहीं इस शादी में इंडस्ट्री के कम लोग शिरकत करते हुए नजर आए थे.

3 साल से कर रहे थे डेटिंग

7 सालों से एक दूसरे को गौतम और काजल जानते हैं. हालांकि दोनों ने तीन साल पहले ही एक दूसरे को डेट करने का मन बनाया, जिसके बाद गौतम और काजल ने कोरोना काल के दौरान शादी करने का मन बनाया.

ये भी पढ़ें- ओटीटी ने हमें जिन्दा रखा है – नुसरत भरुचा

लम्बे समय बाद दिखाया सेक्सी अवतार

काजल अग्रवाल ने ब्लैक मोनोकिनी में समंदर में गोते लगाते हुए बेहद खूबसूरत नजर आईं. वहीं लौकडाउन हो या कोई और ओकेशन काजल अग्रवाल का सेक्सी अवतार लोगों को कम ही नजर आया है. हालांकि इस बार हनीमून पर वह अक्सर सेक्सी अवतार में फैंस को लुभा रही हैं.

दिवाली के दिन अनुपमा करेगी कुछ ऐसा, वनराज को लगेगा झटका

कलर्स के सीरियल ‘अनुपमा’ में वनराज और काव्या के बीच लड़ाई देखने को मिल रही है. वहीं आत्मसम्मान की लड़ाई लड़ रही अनुपमा अपनी जिंदगी की नई शुरूआत कर रही हैं. लेकिन अब शो में हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिलने वाला है, जिससे फैंस हैरान रह जाएंगे. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

अनुपमा को मिला बराबरी का हक

जहां बीते दिनों बाबूजी ठीक होकर अस्पताल से घर आ गए हैं तो वहीं उन्होंने एक बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि जिस घर को लेकर वनराज, अनुपमा का धमकी देता है, वही घर अब अनुपमा और वनराज दोनों के नाम पर होगा. यानी अब घर पर वनराज और अनुपमा दोनों का बराबर हक होगा.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by RayMiss Media (@raymiss_media)

ये भी पढ़ें- कुंडली भाग्य: करण और प्रीता को दूर करने में कामयाब होगी माहिरा! आएगा नया ट्विस्ट

काव्या कहेगी ये बात

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Anupamaa_lover (@anupamaa_lover)

आने वाले एपिसोड में आप देखेंगे कि दिवाली की तैयारियों के बीच जहां अनुपमा खुद के लिए भी सजती-संवरती नजर आएगी तो वहीं वनराज, काव्या के घर जाएगा. जहां जाकर वह देखेगा कि पूरे घर को काव्या ने ट्रेडिनशल तरीके से सजाया होगा और खुद भी उसी तरह से तैयार होती है, जिसे देखकर काव्या में वनराज को अनुपमा दिखाई देगी और वह काव्या से लड़ बैठैगा. हालांकि वनराज को जवाब देते हुए काव्या कहेगी कि तुम यहां से चले जाओ. मैं अनुपमा नहीं हूं जो तुम्हारा चिल्लाना बर्दाशत कर लूंगी.

दिवाली पर ये कदम उठाएगी अनुपमा

काव्या से मिलने के दौरान लक्ष्मी पूजा में पूरे घरवाले वनराज का इंतजार करते नजर आएंगे तो वहीं बापूजी सुझाव देंगे कि अनुपमा खुद लक्ष्मी पूजा करेगी, जिसके बाद जब वनराज घर पहुंचेगा तो वह देखेगा कि अनुपमा लक्ष्मी पूजा कर रही होगी. वहीं यह सब देखने के बाद घर पर बहुत हंगामा होगा.

ये भी पढ़ें खास दोस्त मनीष रायसिंघानी के बाद ‘बालिका वधू’ की ‘आनंदी’ को भी मिला सपनों का राजकुमार, Photos Viral

बता दें, जायदाद को अनुपमा के नाम पर करने के बाद से कुछ घरवाले इस फैसले से नाराज हैं, जिसके चलते घर दो हिस्सों में बंटता नजर आ रहा है.

हर ब्राइड के मेकअप किट में होनी चाहिए ये 12 चीजें

शादी हर ब्राइड के लिए खास दिन होता है, जिसके लिए वह सुंदर दिखने का मौका नही छोड़ती, लेकिन सुंदर दिखने के लिए सही मेकअप प्रौडक्ट का होना बहुत जरूरी होता है, जो स्किन को खूबसूरत दिखाने का काम करता है. पर क्या आपको पता है कि ब्राइडल मेकअप के लिए आपके मेकअप किट में क्या-क्या सामान होना चाहिए. इसीलिए आज हम आपको ब्राइडल मेकअप किट में होने वाले प्रौडक्ट के बारे में बताएंगे, जिससे आपका खास दिन खराब नही होगा.

1. प्राइमर है सबसे जरूरी

प्राइमर सबसे ज्‍यादा जरूरी होता है. यह मेकअप को लम्‍बे समय तक टिकाकर रखता है और स्‍कीन के टोन को भी हल्‍का कर देता है. यह प्रोडक्‍ट किट में भी लम्‍बे समय तक चलता है.

2. बीबी/सीसी क्रीम का करें इस्तेमाल

अगर आपको चेहरे पर फाउंडेशन नहीं लगाना है तो बीबी/सीसी क्रीम का इस्‍तेमाल करें. यह भी लगभग फाउंडेशन की तरह ही काम करता है लेकिन चेहरे पर भारीपन नहीं लाता है, काफी लाइट लगता है. इसमें मिनिमल एसपीएफ भी होता है.

ये भी पढ़ें- बेदाग स्किन के लिए ट्राय करें ब्यूटी सीक्रेट्स

3. बेसिक आईशैडो है ब्राइडल लुक के लिए जरूरी

अपनी किट में बेसिक आईशैडो जरूर रखें ताकि आप उसे मेकअप के दौरान लगा सकें. बहुत ज्‍यादा शेड के आईशैडो पैलेट न लें, कुछ बेसिक रंग के ही खरीदें.

4. फाउंडेशन कम कंसीलर पाउडर का करें इस्तेमाल

मूस के रूप में मार्केट में यह पाउडर उपलब्‍ध होता है जो स्‍कीन को इवन टोन प्रदान करता है और त्‍वचा को मखमली बना देता है. इसे लगाने से दाग-धब्‍बे छिप जाते हैं और मेकअप को फ्रेश टच मिलता है.

5. लिप लाइनर से लिप्स को दें नया लुक

लिप पर लिपस्‍टि‍क या ग्‍लास लगाने से पहले हल्‍का सा लिपलाइनर लगाने से वो फैलता नहीं है. साथ ही लिप्‍स को सही लुक भी मिल जाता है. कुछ कॉमन कलर के लिप लाइनर अपने मेकअप बौक्‍स में जरूर रखें.

6. लिप कलर का रखें खास ध्यान

अपने मेकअप बौक्‍स में कुछ बेसिक कलर के लिप ग्‍लास या लिपस्टिक जरूर रखें. लाल, मैरून, मौवे, ब्राउन ये बहुत ही कॉमन कलर है जो आपके पास नई दुल्‍हन बनने के दौरान जरूर होने चाहिए.

ये भी पढ़ें- ट्रैडिशनल लुक के लिए ट्राय करें ये 6 मेकअप ट्रिक्स

7. जेल आईलाइनर पेंसिल का करें इस्तेमाल

नई दुल्‍हन काफी व्‍यस्‍त रहती है ऐसे में उसके पास झट से मेकअप करने का सामान होना बेहद जरूरी है. जेल आईलाइनर पेंसिल भी इसमें से एक है. इससे आप बिना आईलाइनर फैलाएं कुछ ही सेकेंड में आसानी से आंखों पर लाइनर लगा सकती हैं.

8. आंखों के लिए जरूरी है काजल

काजल, आंखों के मेकअप के लिए सबसे ज्‍यादा जरूरी होता है. यह आंखों को आकर्षक और सुंदर बनाता है. आपकी किट में ब्‍लैक और चारकोल ग्रे काजल अवश्‍य होना चाहिए. ये हर ब्राइडल ड्रेस के साथ मैच करता है.

9. रेड नेलपेंट है ब्राइडल लुक के लिए परफेक्ट

दुल्‍हन के हाथों और पैरों में लाल रंग की नेलपौलिश ही अच्‍छी लगती है. ऐसे में रेड कलर की नेलपेंट आप अपने मेकअप बौक्‍स में हमेशा रखें.

10. मस्‍कारा करें आई लुक को कम्पलीट

आंखों के कम्‍पलीट मेकअप के लिए मस्‍कारा अवश्‍य लगाएं. आप चाहें तो शिमर आईशैडो के साथ भी आंखों को स्‍मोकी लुक दे सकते हैं लेकिन मस्‍कारा से कम्‍पलीट लुक आता है. वौटरप्रुफ मस्‍कारा लें.

ये भी पढ़ें- ग्लोइंग स्किन के लिए बेस्ट हैं ये 5 ग्रीन टी फेस पैक

11. औवटाइम जरूरी है लिप बाम

अपनी किट में एक नेचुरल कलर का लिपबाम जरूर रखें ताकि आप अपने होंठो को नम बनाएं रखें और वो फटे नहीं. रात में सोने से पहले भी इसका इस्‍तेमाल अवश्‍य कर लें.

12. मेकअप रिमूवर का रखें ध्यान

किट में किसी अच्‍छी कम्‍पनी या ब्रांड का मेकअप रिमूवर जरूर रखें. रात को सोने से पहले मेकअप रिमूव करके ही सोएं वरना इसका नुकसान आपकी खूबसूरत स्किन को हो सकता है, जिससे आपका ब्राइडल लुक खराब होने के चांस बढ़ जाते हैं.

जब सताए घर की याद

बेहतर भविष्य और अच्छी नौकरी की चाह में घर से दूर रहने वाले युवाओं की संख्या दिनबदिन बढ़ती जा रही है. चूंकि अत्याधुनिक समाज में आए तकनीकी विकास ने आज संभावनाओं के नए द्वार खोल दिए हैं, लिहाजा यह दूरी बच्चों और उन के परेरैंट्स के लिए ज्यादा माने नहीं रखती है, क्योंकि मोबाइल, इंटरनेट, सोशल साइट्स के जरीए ये अपनों के संपर्क में लगातार बने रहते हैं. मगर घर से दूर रहने वाले युवाओं के लिए बाहर इतना आसान भी नहीं होता. कई बच्चे बाहर रह कर होम सिकनैस का शिकार हो जाते हैं, जिस से अपनी पढ़ाई या नौकरी में अपना सौ प्रतिशत नहीं दे पाते. यह होम सिकनैस उन की कार्यक्षमता को प्रभावित करती है, लिहाजा सफलता पाने की दौड़ में वे पीछे रह जाते हैं.

आखिर क्या है होम सिकनैस

बाहर रहने वाला बच्चा जब घर की याद कर अकेलापन महसूस करे और तनावग्रस्त रहने लगे तो यह लक्षण होम सिकनैस का है. घरपरिवार से अत्यधिक लगाव की स्थिति में बच्चा कहीं बाहर रहने से घबराता है और यदि बाहर रहना पड़े तो वह बारबार बीमार पड़ जाता है या अपनी पढ़ाई और अन्य कार्यों के प्रति उदासीन हो जाता है. यह स्थिति बच्चे के मानसिक व शारीरिक विकास को तो बाधित करती ही है, उस की कार्यक्षमता पर भी बेहद बुरा प्रभाव डालती है. यह समस्या ज्यादातर उन युवाओं के समक्ष खड़ी होती है जो पहली बार घरपरिवार से दूर रह रहे होते हैं या फिर वे इस का शिकार आसानी से बनते हैं जो कुछ अधिक संवेदनशील होते हैं.

ये भी पढ़ें- क्या आपको पता है महिलाओं के ये 12 सीक्रेट

होम सिकनैस के कारण

दरअसल, घर पर रहने वाले बच्चे छोटेछोटे कामों के लिए मां को आवाज लगाते नजर आते हैं. घर के इसी सहज और सुविधाजनक माहौल के चलते वे आसान जिंदगी जीने के आदी हो जाते हैं. मगर बाहर रहने के दौरान जब उन्हें अपने सभी कार्य स्वयं ही करने पड़ते हैं तो ये कार्य उन्हें बोझ लगते हैं और उन की झल्लाहट का कारण बनते हैं. दूसरी तरफ कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं जो मम्मीपापा या भाईबहनों को याद कर उदास हो जाते हैं. अपने घरपरिवार से अत्यधिक जुड़ाव के कारण उन्हें बाहर रहना और वहां के माहौल में एडजस्ट करना बहुत मुश्किल लगता है.

ऐसी स्थिति में क्या करें

कहते हैं न कि कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है. तो जब आप अपनी आरामतलब जिंदगी को छोड़ कर घर से बाहर निकलेंगे तभी चुनौतियों से जूझने की क्षमता आप के अंदर विकसित हो सकेगी. यह जान लें कि जितनी अधिक मेहनत उतना बेहतर भविष्य. यह सही है कि अपनों से दूर रहना आसान नहीं. फिर भी घबराने के बजाय अगर समाधान ढूंढ़ा जाए और कुछ बेहतर विकल्पों की तलाश की जाए तो घर से दूर अकेलेपन की यह राह इतनी भी कठिन नहीं प्रतीत होगी. आइए, जानें कि घर की याद जब बहुत सताने लगे तो क्या करें:

अपना मनोबल ऊंचा रखें: यह माना कि आप अपने घर से दूर हैं और घर वालों से बारबार नहीं मिल सकते, लेकिन आज के दौर में उन के संपर्क में आसानी से रहा जा सकता है. मगर इस का यह मतलब भी नहीं कि आप अपनी पढ़ाई या जौब पर ध्यान न दे कर बारबार उन्हें कौल करते रहें. यदि हो सके तो रोज शाम को अपने काम से फ्री हो कर आप घर फोन कर सब की खैरखबर ले सकते हैं, साथ ही अपने काम व प्रोग्रैस के बारे में उन्हें बता सकते हैं.

ये भी पढ़ें- पति और परिवार से पहले खुद से करें प्यार

नए दोस्त बनाएं: अपने कालेज, कोचिंग या कार्यस्थल पर नए दोस्त बनाएं. उन के साथ कुछ समय व्यतीत करें. आसपास की जगहों पर उन के साथ घूमने का प्रोग्राम भी बना सकते हैं. इस से आप का अकेलापन दूर होने के साथ ही उस जगह विशेष के बारे में भी आप को नई जानकारी प्राप्त होगी. वैसे भी दोस्तों के साथ क्वालिटी वक्त बिता कर हम तरोताजा महसूस करते हैं.

खुद को व्यस्त रखें: अगर पढ़ाई या जौब करने के बाद आप के पास कुछ समय बचता है तो आप उस समय का प्रयोग अपना शौक पूरा करने में कर सकते हैं. इस के अलावा अपने पासपड़ोस में दूसरों की मदद करने में भी आप अपना खाली वक्त बिता सकते हैं. किसी की सहायता कर के आप को बेइंतहा खुशी महसूस होगी और इस से आप खुद को बहुत ऊर्जावान भी पाएंगे.

खुद से एक मुलाकात: अकेलेपन के इस सुअवसर का लाभ उठाएं और इस खूबसूरत वक्त में खुद से एक मुलाकात करना न भूलें. वैसे भी बाद में जीवन की बढ़ती व्यस्तता और आपाधापी में यह मौका हमें कम ही मिल पाता है. कहने का सार सिर्फ यह है कि अपनी अच्छाइयों और कमियों से रूबरू हो कर इस समय आप अपने व्यक्तित्त्व के सुधार की ओर अग्रसर हो सकते हैं.

अकेलेपन के शिकार तो नहीं: अकेलापन अवसाद की स्थिति की निशानी है, जबकि व्यक्ति के अकेले रहने का वक्त अपनेआप को कामयाब बनाने का एक स्वर्णिम अवसर है. अत: स्वयं को प्रेरित कर अपना आत्मविश्वास बढ़ाएं. हर उस पल जब आप अकेला महसूस करें खुद को दिलासा दें कि यह स्थिति सदा के लिए नहीं है और जल्द ही आप अपने निश्चित मुकाम पर पहुंचेंगे.

इस तरह इन उपायों को अमली जामा पहना कर अपनी सफलता की राह में आड़े आ रही होम सिकनैस नामक बाधा से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है.

ये भी पढ़ें- ससुर के साथ ऐसा हो आपका व्यवहार

 

फैस्टिवल ड्रैस के साथ हो जाएं सजने के लिए तैयार

त्योहार चाहे कोई भी हो, पारंपरिकता की छाप आज भी उन पर दिखाई देती है. चमकदमक और सलमेसितारों से जड़े परिधान व जरीबौर्डर वाली साडि़यां भी त्योहारों की शान बनती हैं. त्योहार के अवसर पर कढ़ाईदार, कुंदन, सिक्वेंस, बीड्स, सैमी प्रेशियस स्टोंस, नवरत्न स्टोंस जडि़त परिधान पसंद किए जाते हैं. आप चाहे साड़ी पहनें, लहंगाचोली या फिर सलवारसूट, उस पर किया गया सिल्वर थ्रेड, मैटालिक गोल्ड का काम या ऐंटीक जरी व जरदोजी वर्क आप की सुंदरता में चारचांद लगा देगा. बौर्डर, स्लीव्स, नैक या घेरे पर बना पैटर्न त्योहार के दिन आप को खास बना देगा. इन दिनों कौकटेल साडि़यों का चलन भी बढ़ा है. इन साडि़यों में प्लेट्स होने के बजाय अलगअलग रंगों की कलियां होती हैं. जब आप किसी के घर जाएं तो भारी साड़ी पहनने के बजाय कौकटेल साड़ी पहनें. ये साडि़यां बहुत ही ट्रेंडी लुक देती हैं.

नए कट में सलवार

इन दिनों बाजार में आप को सलवारें भी नए स्टाइल व डिजाइन की मिलेंगी. मल्टी कलर्ड, ब्रोकेड पैटर्न वाली सलवार परिधान की सुंदरता बढ़ा देती है. स्किन टाइट फिट चूड़ीदार के साथ रिंकल्ड दुपट्टा और घाघरा कुरता बहुत ही ऐथनिक लुक देता है. सिक्वेंस व जरी वर्क की कुरती फैस्टिवल लुक के लिए एकदम सटीक है. बस, इस के साथ जरी की कढ़ाईदार जूती पहनें. सलवारसूट के साथ उस के दुपट्टे को आप नए अंदाज में साड़ी के पल्लू की तरह ले सकती हैं. आजकल त्योहारों पर स्कर्ट पहनने का फैशन भी बढ़ गया है. लंबी स्कर्ट के साथ आप टीशर्ट पहन सकती हैं. शौर्ट लैंथ के टौप व दुपट्टे के साथ जिप्सी स्टाइल की जरी वर्क की लंबी स्कर्ट में आप फ्रैश लुक अपना सकती हैं.

पारंपरिक परिधान

फैशन डिजाइनर विधि सिंहानिया के अनुसार, ‘‘त्योहारों के दौरान पारंपरिक परिधान सब से अच्छे लगते हैं क्योंकि इस समय सब से अलग व खूबसूरत दिखने की चाह मन में होती है. ये परिधान कुछ भी हो सकते हैं, साड़ी, लहंगा, घाघरा, स्कर्ट आदि. कपड़ों में आप जार्जेट, सिल्क, ब्रोकेड का कोई भी परिधान पहन सकती हैं और उस में अगर गोल्ड व सिल्वर का काम किया गया हो तो वह बेहद खूबसूरत लगेगा. त्योहारों पर कढ़ाईदार ब्लाउज पहनने का चलन इन दिनों बहुत बढ़ गया है, जो सुंदरता को बढ़ाते हैं. रंगों में पारंपरिक औरेंज, टरक्वाइज, पीकौक, गोल्डन आदि का चलन जोरों पर है. अगर आप ऐंब्रौइडरी वाले परिधान पहनती हैं तो वे देखने में तो हैवी लुक देते हैं पर वजन के हिसाब से हलके होते हैं. इस वजह से उन्हें पहनना ज्यादा सुविधाजनक रहता है. लौंग अंपायर लाइन कट या कलीदार परिधान त्योहारों पर पहने जा सकते हैं.’’

फ्यूजन लुक

त्योहारों पर पारंपरिक व पश्चिमी यानी  फ्यूजन लुक के परिधान भी पहने जा सकते हैं. इस तरह मिक्स ऐंड मैच करने से विकल्प बहुत बढ़ जाते हैं. फंकी घाघराचोली पहन सकती हैं, जिस के साथ मोजड़ी व क्रिस्टल की चूडि़यां पहनी जा सकती हैं. मिरर वर्क के परिधान भी अपनेआप में स्टाइलिश होते हैं. एक बार इन्हें पहन कर देखिए, फिर तो हर जगह आप ही आप चमकती नजर आएंगी. साथ ही आप कढ़ाईदार बैग्स, बैल्ट व जूतियां पहन सकती हैं.

त्योहारों पर ब्राइट कलर्स के परिधान बहुत अच्छे लगते हैं. डिजाइनर्स भी हरा, गुलाबी, नीला, बैगनी, लाल और मैरून रंगों के कपड़े पहनने की सलाह देते हैं. इस के अतिरिक्त एमरल्ड ग्रीन, गोल्डन पीला, गुलाबी, भूरा, आइवरी व ब्लैक कलर भी त्योहारों के मौके पर अच्छे लगते हैं.

अगर कुछ हट कर दिखना चाहती हैं तो मिक्स ऐंड मैच कर के आप खुद का एक स्टाइल बना सकती हैं. फैशन डिजाइनर वारिजा बजाज के अनुसार, ‘‘इस बार त्योहारों के अवसर पर गहरे व चमकदार रंगों के ऐसे परिधानों का चलन रहेगा जो पारंपरिक होने के साथसाथ पश्चिमी स्टाइल्स के भी होंगे, यानी फ्यूजन लुक का ट्रैंड रहेगा.

‘‘आप स्कर्ट व जींस के साथ चोली पहन सकती हैं. घाघरा स्कर्ट के साथ स्पैगिटी पहनेंगी तो आप का लुक निखर जाएगा. चूंकि त्योहारों पर मौजमस्ती का वातावरण होता है और हर कोई उल्लास में डूबा होता है, इसलिए परिधानों से भी ऐसा ही लुक झलकना चाहिए.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by vintage and modern (@classywomens_)

’’इन दिनों ऐथनिक फैशन का ट्रैंड है. साड़ी और लहंगे जैसे पारंपरिक परिधानों का फैशन कभी खत्म नहीं होता, लेकिन विभिन्न अवसरों जैसे अपने परिचितों से मिलने जाते समय या दीपमाला के दौरान आप मिक्स ऐंड मैच कर अपने नए लुक से सब की तारीफ पा सकती हैं. फैमिली डिनर के दौरान आप ट्यूनिक भी आजमा सकती हैं. गोल्डन फाएल के प्रिंटेड पेटीकोट के साथ नैट की साडि़यों का फैशन है. डबल फैब्रिक जैसे बनारसी जार्जेट व नैट से बनी जरी वर्क की साडि़यां त्योहारों जैसे खास मौके पर पहनी जा सकती हैं.

’’इन दिनों दबका, सिक्वेंस, आरी व जरदोजी वर्क के सूट, लहंगे व साडि़यों का चलन है. बिना दुपट्टे के रा सिल्क के ट्यूनिक सूट लैगिंग के साथ पहनने पर बहुत स्टाइलिश लगते हैं. उस के साथ मुगल मोटिफ प्रिंट्स की जैकेट पहनी जा सकती है. इस तरह आप खुद को एक फ्यूजन लुक दे सकती हैं.’’

फैब्रिक में आप मौसम व उम्र के अनुसार सिल्क, जार्जेट, शिफौन, क्रेप और नैट का चयन कर सकती हैं. फैशन डिजाइनर मिनी सिंह के अनुसार, ‘‘त्योहारों की मौजमस्ती के अनुसार आप को ऐसे परिधान पहनने चाहिए जो सुविधाजनक होने के साथसाथ स्टाइलिश भी हों. इस बार त्योहारों में फ्यूजन लुक का चलन ज्यादा देखने को मिलेगा यानी वैस्टर्न कट व भारतीय ऐथनिक वर्क का संयोजन. स्टोन और क्रिस्टल वर्क की ऐंब्रौइडरी के साथ स्ट्रेट ट्यूनिक का इन दिनों बहुत ज्यादा चलन है. ये लाएक्रा में पसंद की जा रही हैं और पारंपरिक परिधान वैलवेट व बनारसी में. इस बार आप त्योहारों में इलैक्ट्रिक ब्लू व ग्रीन कलर ट्राई कर सकती हैं.’’

हालांकि त्योहारों पर बनारसी, कांजीवरम, पटोला या चंदेरी साडि़यां भी बहुत पहनी जाती हैं. आजकल डिजाइनर साडि़यों का चलन भी बहुत है. ब्लाउज के डिजाइन व स्टाइल में भी समय के साथ बहुत बदलाव आया है. हैवी ऐंब्रौइडरी व स्टोन वर्क इन दिनों ज्यादा प्रचलित है. अगर साड़ी आप हैवी नहीं पहन रही हैं तो भारी कढ़ाईदार जार्जेट व शिफौन के ब्लाउज उन पर बहुत जंचते हैं. स्पैगिटी स्टेप या हौल्टर नैक के ब्लाउज व चोली त्योहारों में खास पसंद किए जाते हैं.

3 महीनों से पीरियड्स न होने के बाद हैवी पीरियड्स हो रहे हैं?

सवाल

मुझे 3 महीनों से पीरियड्स नहीं हो रहा था. अब अचानक 1 हफ्ते से ब्लीडिंग हो रही है. क्या यह सही है और मुझे इस हालत में क्या करना चाहिए?

जवाब-

कई महिलाओं में महीनों या यहां तक कि 1 साल तक भी पीरियड्स नहीं आता है और कुछ महीनों के बाद फिर शुरू हो जाता है. यह बदलाव तभी होता है जब हारमोन, तनाव, टफ व्यायाम और आहार में परिवर्तन होता है. इस से निबटने के लिए आप थोड़े समय के लिए कोई आयरन टौनिक लें. अगर फिर भी समस्या दूर नहीं होती है तो जल्द से जल्द स्त्रीरोग विशेषज्ञा से मिलें.

ये भी पढ़ें- बढ़े वजन को कम करने के कारण मेरे पीरियड्स बिलकुल बंद हो गए हैं?

ये भी पढ़ें-

कुछ लड़कियां पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग्स का सामना करती हैं तो कुछ लड़कियों को कोई खास बदलाव महसूस नहीं होता है. ऐसे ही कुछ लड़कियां डिप्रैशन और इमोशनल आउटबर्स्ट का शिकार होती हैं. इसे कहते हैं प्रीमैंस्ट्रुअल सिंड्रोम और 90 प्रतिशत लड़कियां वर्तमान में इसे महसूस कर रही हैं.

पीरियड के दौरान अनेक परेशानियां भी आती हैं. महीने में 2 बार पीरियड्स क्यों हो रहे हैं? मसलन, फ्लो इतना ज्यादा या इतना कम क्यों है ? पीरियड्स और लड़कियों के समान क्यों नहीं हैं? अनियमित पीरियड्स क्यों हैं? ये सब प्रश्न अकसर हमारे दिमाग में घर कर लेते हैं.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- पीरियड्स की मुश्किलों से कैसे निबटें

ये भी पढ़ें- जल्दी मेनोपौज होने के कारण मुझे पेट पर बहुत ब्लोटिंग हो रही है?

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

3 टिप्स: क्या आप जानते हैं कद्दू के बीज के ये फायदे…

कद्दू या सीताफल खाने में जितना स्वादिष्ट होता है, सेहत के लिए भी उतना ही फायदेमंद होता है. कद्दू में मौजूद बीटा कैरोटीन आपके शरीर में फ्री रेडिकल से लड़ने में मदद करते हैं. कद्दू के बीज में अनेक कार्बनिक रसायन और पोषक तत्‍व पाये जाते हैं.

विटामिन्स से भरपूर

कद्दू विटामिन डी, विटामिन ए, विटामनि बी1, बी2, बी6, विटामिन सी और ई के अलावा बीटा कैरोटिन का बहुत अच्‍छा स्‍त्रोत है. कद्दू में कौपर, आयरन और फास्‍फोरस भी होता है जिसके चलते सेहत के लिए कद्दू बहुत पौष्टिक होता है. लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कद्दू ही नहीं, बल्कि उसके बीज भी आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद होते है. कद्दू के बीज में अनेक पोषक तत्‍व और रसायन होते हैं, जो आपकी सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं. आइए जानते हैं कद्दू के बीज आपको किन बिमारियों के लिए मददगार होते है.

ये भी पढ़ें- 5 टिप्स: क्या आप जानते हैं काफल के ये फायदे

1. हृदय की बीमारियों के लिए फायदेमंद

कद्दू के बीज हृदय संबंधी समस्‍याओं से निपटने में बेहद फायदेमंद है. यदि आप रोजाना करीब 2 ग्राम कद्दू के बीजों का सेवन करे तो आपको फायदा मिलेगा. कद्दू में फाइबर, पोटैशियम और विटामिन सी पाया जाता है. पोटैशियम के सेवन से दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है.

ये भी पढ़ें- पुरुषों में बढ़ता तनाव: ये 5 टिप्स करेंगे आपकी मदद…

2. जोड़ों के दर्द के लिए असरदार

डौक्टर के अनुसार गठिया के रोगियों के लिए कद्दू के बीज का सेवन फायदेमंद माना जाता है. कद्दू के बीजों को नेचुरल हर्ब के तौर पर इस्‍तेमाल किया जा सकता है. इससे आपके शरीर पर कोई नेगेटिव असर नहीं पड़ता. कद्दू के बीज के सेवन से शरीर में ब्लड और एनर्जी के स्‍तर का सही रूप से डेवेलपमेंट होता है.

ये भी पढ़ें- फिगर भी बर्गर भी…

3. बेहतर नींद के लिए फायदेमंद है कद्दू..

कद्दू के बीज में ट्रिप्टोफेन प्रोटीन पाया जाता है, इसे नींद का कारक माना जाता है. कद्दू के बीज के सेवन से अनिंद्रा की समस्‍या में राहत मिलती है. इसमें मौजूद  एमिनो एसिड ट्रीप्टोफन शरीर में सेरोटोनिन को परिवतिर्त कर गहरी नींद में मदद करता है. इसलिए जिन लोगों को नींद नहीं आती अगर वह कद्दू के बीजों का नियमित सेवन करें, तो उन्‍हें सामान्‍य दिनों की तुलना में बेहतर नींद आएगी. इसके अलावा कद्दू के बीच टेंशन को दूर करने में भी स‍हायक हैं.

5 होममेड टिप्स: ऐसे पाएं फ्रिज की बदबू से छुटकारा

अक्सर घर में कईं चीजों की सफाई करने के बावजूद घर में कुछ ऐसी चीजें होती हैं जिनकी सफाई के बावजूद बदबू रह जाती, जिसमें फ्रिज एक आम चीज है. फ्रिज में हम खाने-पीने की चीजों को ये सोचकर रखते हैं कि वे वहां सुरक्षित हैं लेकिन अगर फ्रिज से बदबू आने लगे तो समझ जाइए कि आपके फ्रिज में रखा सामान सुरक्षित नहीं रह गया है. कई बार ऐसा होता है कि फ्रिज में रखी चीजों की बदबू आपस में मिलकर बदबू में बदल जाती है या अगर कुछ सड़ जाए तो भी फ्रिज से बदबू आने लगती है. ऐसे में फ्रिज की बदबू दूर करना बहुत जरूरी हो जाता है. फ्रिज की बदबू दूर करने के लिए आप ये घरेलू उपाय अपना सकती हैं.

बेकिंग सोडा है सफाई के लिए बेस्ट औप्शन

खाने वाले सोडे को फ्रिज में एक कटोरी में रख दें. इससे फ्रिज की बदबू चली जाएगी. आप इसे स्थायी रूप से भी इस्तेमाल कर सकती हैं.

ये भी पढ़ें- 9 टिप्स: चमकती रहेंगी घर की टाइल्स

नींबू से करें फ्रिज की जर्म फ्री सफाई

अगर आप चाहें तो नींबू की कुछ बूंदों को एक कटोरी में पानी के साथ मिलाकर रख सकती हैं. या फिर आधे कटे नींबू को यूं भी फ्रिज में रख सकती हैं.

कौफी के बीज भी फ्रिज की सफाई के लिए आ सकते है काम

काफी की कुछ बीन्स को कटोरी में रखकर फ्रिज में रख दें. फ्रिज से न केवल बदबू चली जाएगी बल्कि काफी की सोंधी खुशबू भी आने लगेगी.

फ्रिज की सफाई के लिए संतरा या पुदीना करें ट्राई

संतरा या पुदीने का अर्क फ्रिज की बदबू को दूर करके उसे एक बहुत अच्छी खुशबू से भर देता है. इसमें बदबू सोखने की क्षमता होती है. आप जिस पानी से फ्रिज साफ करें उसमें इनके अर्क की कुछ बूंदें मिला दें. आप चाहें तो इसे कटोरी में डालकर हमेशा के लिए रख भी सकती हैं.

ये भी पढ़ें- क्या आपका घर भी है बारिश के लिए तैयार

फ्रिज की बदबू को सोखने में अखबार है बेस्ट

अखबार फ्रिज की बदबू को सोख लेता है. आप चाहें तो पहले से ही फ्रिज में रखी जाने वाली चीजों को पेपर से लपेट दें. अगर आप ऐसा नहीं करना चाहती हैं तो फ्रिज में पेपर का एक बंडल रख दीजिए. बदबू चली जाएगी.

तनिष्क विज्ञापन हंगामा है क्यों बरपा?

तनिष्क के हिंदूमुसलिम परिवारों में एकजुटता दिखाने के प्रयास को कट्टरपंथियों ने ‘लव जेहाद’ से जोड़ कर उस का विरोध किया. सोशल मीडिया पर उभरे विरोध के सामने टाटा जैसा बड़ा कारोबारी समूह घुटने टेकने को मजबूर हो गया.

धर्म के प्रचारक दूसरे धर्म वाले को शत्रु साबित करने पर तुले हुए हैं. देश के विचारक, बुद्धिजीवी, पत्रकार चुपचाप न केवल देख रहे हैं, बल्कि तमाम लोग इस दुष्प्रचार का हिस्सा भी बन गए हैं, क्योंकि धर्र्म के दुकानदारों से भिड़ने की हिम्मत किसी में नहीं बची है.

धर्म का कट्टरपन शादी के बहाने औरतों की आजादी और स्वतंत्र सोच को दबाना चाहता है. इस की वजह यह है कि धर्म औरतों को स्वतंत्र सोच लायक नहीं सम झता है. तनिष्क के विज्ञापन के विरोध से शुरू हुई लड़ाई ‘लव जेहाद’ और ‘गैर धर्म में शादी’ के मसले तक पहुंच गई है. इस विवाद की जड़ में प्रेम विवाह की खिलाफत भी है, जिस से सभी शादियां पंडित ही कराएं और इन के कर्मकांड कराने की आड़ में उन का रोजगार चलता रहे.

फैस्टिवल सीजन की शुरुआत में ज्वैलरी के प्रचारप्रसार के लिए टाटा गु्रप के तनष्कि ब्रैंड ने ‘एकत्वम’ नाम से विज्ञापन फिल्म यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया थी. 43 सैकंड की इस विज्ञापन फिल्म को 9 अक्तूबर को रिलीज किया था. विज्ञापन में हिंदू लड़की की मुसलिम लड़के से शादी को दिखाया गया था.

क्या है विडियो में

वीडियो फिल्म में महिला की गोदभराई यानी बेबी शावर का फंक्शन दिखाया गया. मुसलिम परिवार हिंदू रीतिरिवाजों के हिसाब से सभी रस्मों को करता है. कार्यक्रम के अंत में गर्भवती महिला अपनी सास से पूछती है कि मां यह रस्म तो आप के घर में होती भी नहीं है न? तो इस पर उस की सास जवाब देती है कि बिटिया को खुश रखने की रस्म तो हर घर में होती है न?

वीडियो में हिंदूमुसलिम परिवार को एकजुट दिखाने की कोशिश की गई है. तनिष्क ने इस फिल्म का टाइटिल संस्कृत भाषा के ‘एकत्वम’ के नाम पर रखा. तनिष्क ने कहा कि वीडियो में हिंदूमुसलिम परिवारों को एकजुट दिखाने की कोशिश की है.

ये भी पढ़ें- ताकि धर्म की दुकानदारी चलती रहे

तनिष्क ज्वैलरी का यह विज्ञापन कट्टरवादी सोच रखने वाले लोगों को पसंद नहीं आया. सोशल मीडिया पर ऐसे लोगों ने तनिष्क के बायकौट की मुहिम चला दी. सोशल मीडिया के बड़े प्लेटफौर्म ट्विटर, फेसबुक, इंस्ट्राग्राम पर विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाने और ब्रैंड के बायकौट करने की मुहिम चल पड़ी. इस के प्रभाव को रोकने के लिए तनष्कि ने सब से पहले यूट्यूब पर लाइक, डिसलाइक और कमैंट के औप्शन को डिसएबल कर दिया. ट्विटर पर हजारों लोगों ने कहा कि इस विज्ञापन को प्रतिबंधित किया जाए. कट्टरवादी सोच रखने वालों की एकजुटता के सामने तनिष्क भी खड़ा नहीं हो सका.

कारोबारी नुकसान का हवाला दे कर तनिष्क ने विज्ञापन के वीडियो को अपने यूट्यूब चैनल से हटा दिया. तनिष्क के द्वारा विज्ञापन हटा देने के बावजूद सोशल मीडिया पर इस के पक्ष में बहस शुरू हो गई.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Political Indians (@politicalindians)

ट्रोल होते मैसेज

सोशल मीडिया पर एक ऐसा समूह भी है, जो ऐसे तमाम उदाहरण गिनाने का काम कर रहा जब मुसलिम लड़की होने पर मुसलिम कट्टरपंथी लोगों ने फिल्मों का विरोध किया था. सहारनपुर के दीपक कुमार ने तनिष्क के विज्ञापन को ट्रोल करते हुए लिखा कि जब ‘गदर’ फिल्म रिलीज हुई थी तब यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश और बंगाल के बड़े शहरों के सिनेमाघरों में भयंकर तोड़फोड़ व आगजनी हुई थी. परदे फाड़ दिए गए, जला दिए गए थे.

वजह ये थी कि फिल्म में ताराचंद एक सिख था और सकीना एक मुसलिम लड़की थी. सकीना को परदे पर प्रैगनैंट दिखाया गया था. तब इस फिल्म के निर्मातानिर्देशक को केवल जान से मारने की धमकियां ही नहीं मिली थीं बल्कि बरेली के मौलवी ने इन का सिर कलम करने पर ईनाम भी रख दिया था. तब यूपी में मायावती, मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह और बिहार में लालू यादव की सरकार थी. इन तीनों सरकारों ने इस तोड़फोड़ और आगजनी पर चुप्पी साध ली थी.

वे एक फिल्म में अपने धर्म की लड़की को प्रैगनैंट देख कर आगजनी कर सकते हैं, तोड़फोड़ कर सकते हैं, चक्काजाम कर सकते हैं, तो ये सैक्युलर लोग उन का धार्मिक मामला कह कर टाल देते हैं और यहां तनिष्क वाले विज्ञापन पर दोगले जो कहने के लिए हिंदू हैं वे हिंदुओं की बेटियों को मुसलिमों की बहू बना कर उन्हें गर्भवती दिखला कर पेश कर रहे हैं और चाहते हैं कि लोग तनिष्क का बहिष्कार भी न करें. मुसलिम लड़कियों को हिंदू परिवारों की बहुएं बनाते दिखाओ, तो माने कि सच्चे सैक्युलर हो वरना बहिष्कार ही होगा. (शेयर करें खूब फैलाएं) जय सनातन. जय भारत.

गोदभराई पर विवाद

कानपुर के रहने वाले श्रीप्रकाश ने सोशल मीडिया पर ट्रोल करते हुए गोदभराई की रस्म को ही सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया. इन का कहना है, ‘‘तनिष्क के विज्ञापन में सब से बड़ी आपत्तिजनक बात यह है कि लड़की गोदभराई के पहले ही गर्भवती है. मतलब मुसलिम युवक पहले से उसे गर्भवती कर देता है. उस के बाद यह कार्यक्रम हो रहा है.’’

श्रीप्रकाश ने बड़ी चतुराई से मसले को घुमाने का काम किया है. गोदभराई की रस्म 2 बार होती है. एक गोदभराई की रस्म शादी से पहले होती है, जिसे ‘रोका’ और ‘इंगेजमैंट’ के नाम से जाना जाता है तथा गोदभराई की दूसरी रस्म तब होती है जब लड़की शादी के बाद पहली बार गर्भवती होती है. इस को ‘बेबी शावर’ के नाम से जाना जाता है.

विज्ञापन के विवाद से हुई शुरुआत इसलाम तक पहुंच गई. शिवचरण नामक व्यक्ति ने ट्रोल करते लिखा कि कांग्रेसियों ने कठमुल्लों को सिर पर चढ़ा रखा था. अब उन को पता चला है कि बाबर लुटेरा बन कर आया था. इस देश में इसलाम थोपा गया है.

हालांकि ट्रोल करने वालों को विरोधी जवाब भी दे रहे थे. शादाब लिखते हैं, ‘‘कट्टर जाहिल हर ओर हैं. फिल्म ‘गदर’ का उदाहरण दिया गया तो ‘पदमावत’ का भी देना चाहिए. मुट्ठीभर लोग हैं, जो समाज को दूषित कर रहे हैं. इस विवाद के कारण विज्ञापन का अधिक से अधिक प्रचार हो गया है.’’

रफत ने लिखा कि यदि बहू मुसलिम होती और पति हिंदू होता तो कोई समस्या नहीं होती. अब ‘धर्मपुत्र’ जैसी बनाने का विचार भी अपराध जैसा बना दिया गया है. ऐसे में ललित कलाओं का क्या होगा? कुछ हो न हो देश की गंगाजमुनी तहजीब अवश्य ही धूमिल होगी. केवल जनता ही नहीं देश की मीडिया भी इस विवाद को भड़काने में लगा हुआ है. कुछ चैनलों ने यह बताया कि फिल्मों की कहानियों में शुरू से ही हिंदुओं के खिलाफ साजिश रची जाती रही है. हिंदू धर्म के नामों की गलत परंपरा डाली गई. मीडिया चैनलों ने इस बहाने अपने धार्मिक एजेंडे को थोपने का काम किया.

फिल्मों के उदाहरण

तनिष्क जैसी विज्ञापन फिल्मों के पहले तमाम फिल्में बन चुकी हैं. यश चौपड़ा ने ‘वीर जारा’ में हिंदू प्रेमी और मुसलिम प्रेमिका को दिखाया था. ‘वीर जारा’ यश चोपड़ा की बेहद सफल फिल्मों में से एक थी. भारत में किसी मुसलमान ने इस फिल्म का विरोध नहीं किया. पाकिस्तान में भी यह फिल्म बेहद सफल रही. वहां भी इस फिल्म का विरोध नहीं हुआ.

इसी तरह से सनी देओल की फिल्म ‘गदर एक प्रेम कथा’ में भी हीरो सरदार ‘तारा सिंह’ और नायिका ‘सकीना’ थी. इस फिल्म में कुछ इंटिमेट सीन भी थे. ‘सकीना’ को मुसलिम होने के कारण होने वाली परेशानियों के बारे में दिखाया गया.

मणिरत्नम की फिल्म ‘बांबे’ में नकाबपोश महिला ‘शहला बानो’ का आशिक एक हिंदू ‘शेखर मिश्रा नारायण’ है. यह फिल्म मुंबई दंगों में दूसरे धर्म के प्रेमीप्रेमिका पर बनी है. इस में मनीषा कोइराला को हिंदू प्रेमिका और अरविंद स्वामी को मुसलिम प्रेमी बनाया गया था.

ये भी पढ़ें- नुकसान औरतों का ही हुआ

फिल्म ‘हिना’ में भी हिना मुसलिम थी और प्रेमी ‘चंदर’ हिंदू था. इन फिल्मों पर विवाद नहीं किया गया. ऐसे में 43 सैकंड के ‘तनिष्क’ के विज्ञापन पर विवाद की वजह सम झ में आने वाली नहीं थी और सोशल मीडिया पर आपस में बहस तेज हो गई.

सोशल ऐक्टिविस्ट नाइश हसन कहती है, ‘‘पहले ऐसे विवाद कम होते थे. इस वजह से फिल्मों को मनोरंजन के हिसाब से देखा जाता था. कट्टरवादी तत्त्व हिंदू और मुसलिम दोनों ही तरफ हैं. सोशल मीडिया के प्रभावी होने के बाद ऐसे तत्त्व अधिक सक्रिय हो गए हैं. अब धर्म के मुद्दों को आगे कर के आपस में वैमनस्यता फैलाने का काम तेजी से शुरू हो गया है.’’

घृणा का माहौल

फिल्म ‘केदारनाथ’ को भी भारी विरोध का सामना करना पड़ा था. इस की वजह यह थी कि फिल्म में प्रेमी मुसलिम धर्म का था और प्रेमिका हिंदू थी. गैरधर्म में शादी के मसले को पहले भी आसानी से स्वीकार नहीं किया जाता था. अब इसे ले कर समाज में बैर और घृणा का माहौल बनाया जाने लगा है.

मुसलिम लड़कियों से हिंदू लड़कों के इश्क और विवाह को सम्मान की जगह ‘हिंदुत्व’ के विजय और हिंदू लड़की और मुसलिम लड़के के इश्क और विवाह को पराजय और ‘लव जेहाद’ के रूप में देखा जाने लगा है.

संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘बाजीराव मस्तानी’ में मुसलिम नायिका ‘मस्तानी’ का एक ब्राह्मण राजा ‘बाजीराव’ के महल में उस की प्रेमिका बन कर नृत्य करना दर्शकों में इतना जोश भर देता है कि वे ‘हर हर महादेव’ के नारे लगाने लगते हैं. यही दर्शक ‘जोधा अकबर’ की आलोचना करने से नहीं कतराते हैं. तनिष्क के विज्ञापन का विरोध बताता है कि कट्टरवादी जनता अब सिनेमा के काल्पनिक पात्रों में भी धर्म ढूंढ़ने लगी है.

विज्ञापन विरोध से लव जेहाद पर निशाना

बहुत सी ऐसी महिलाएं हैं, जिन्होंने गैरधर्म में शादी की और सालोंसाल से खुशहाल जीवन व्यतीत करती आ रही हैं. आगरा की रहने वाली शबाना खंडेलवाल इन्हीं में से एक हैं. उन्होंने हिंदू परिवार में शादी की. वे खुशीखुशी रह रही हैं. उन का कहना है, ‘‘मैं अपने घर में दीवाली भी मनाती हूं और ईद भी. हिंदू और मुसलिम दोनों ही रीतिरिवाज होते हैं. हमें कोई दिक्कत नहीं है. हमारे मिलनेजुलने वालों को भी दिक्कत नहीं है.’’

बीते कुछ सालों में हिंदूमुसलिम में होने वाले विवाह को लव जेहाद से जोड़ा जाने लगा है. प्रेम विवाह हो या अरैंज मैरिज विवाद दोनों में होते हैं. पारिवारिक न्यायालय में ऐसे तमाम मामले मिल जाते हैं. अगर हिंदूमुसलिम में विवाह के बाद कोई विवाद आपस में होता है तो वह मुद्दा लव जेहाद का बन जाता है.

जिस समय तनिष्क के विज्ञापन का विवाद चल रहा था ठीक उसी वक्त आयशा नामक की महिला ने उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यालय के गेट नंबर 2 के सामने आत्मदाह करने का प्रयास किया. पुलिस ने उसे बचाने का काम किया. अस्पताल में भरती कराया पर ज्यादा जल जाने की वजह से मौत हो गई.

छानबीन में यह सामने आया कि आयशा असल में हिंदू थी. उस का नाम अंजलि था. वह मूलरूप से छत्तीसगढ़ की रहने वाली थी. 3 साल पहले उस की शादी उत्तर प्रदेश के महराजगंज में रहने वाले अखिलेश तिवारी से हुई थी. कुछ समय बाद दोनों में विवाद हुआ और फिर अलगअलग रहने लगे. अंजलि ने अपने जीवनयापन के लिए राजघराना साड़ी सैंटर पर काम करना शुरू किया.

जेहाद का खौफ दिखा कर डराया जाता है

यहां उस की जानपहचान आसिफ से हुई और फिर दोनों ने निकाह कर लिया. अंजलि आयशा बन गई. आसिफ कुछ समय के बाद सऊदी अरब चला गया. इस के बाद अंजलि उस के घर में रहने की जिद करने लगी. आसिफ के घर के बाहर धरने पर बैठ गई.

महराजगंज पुलिस उसे थाने ले गई. महराजगंज पुलिस से इंसाफ न मिलता देख अंजलि राजधानी लखनऊ आ गई और विधानसभा भवन के सामने भाजपा कार्यालय के गेट नंबर 2 पर अपने ऊपर मिट्टी का तेल डाल कर खुद को जलाने का प्रयास किया, जिस में वह बुरी तरह  झुलस गई. पुलिस ने उसे सिविल अस्पताल में भरती कराया जहां मौत हो गई.

सोशल मीडिया पर उस के प्रति संवेदना की जगह तिरस्कारभरे शब्दों का प्रयोग होने लगा. लोगों ने कहा कि गैरधर्म में शादी करने का यही अंजाम होता है. अंजलि से आयशा बनी इस महिला के साथ जो हुआ वह गलत हुआ. सवाल उठता है कि परिवारों की पहल से शादी करने वाली न जाने कितनी महिलाओं को दहेज के लिए जलाया जाता है. इस पर लोग विचार नहीं करते. लव जेहाद के खौफ को दिखा कर गैरधर्म में होने वाले प्रेम विवाह से लोगों को डराया जाता है ताकि लोग गैरधर्म में शादी न करें.

ये भी पढ़ें- अंधविश्वास की दलदल में फंसते लोग

यह एक व्यापक षड्यंत्र है ताकि सभी शादियां पंडित ही कराएं और प्रेम विवाह न हो. एक बार पंडितों के फेर में आने के बाद सारे पाखंड और पूजापाठ कराने होते हैं? चढ़ावा चढ़ाना होता है. साधारण से साधारण शादी में भी पंडित को पूजापाठ और चढ़ावा के नाम पर ₹20 से ₹25 हजार मिल ही जाते है.

Serial Story: फटे नोट का शेष हिस्सा

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें