स्किन केयर प्रौडक्ट खरीदने से पहले जान ले ये बातें

मौनसून यानी बारिश का मौसम जहां उमंग से भर देता है वहीं स्किन के लिए कई परेशानियां भी ले कर आता है जैसे ऐक्ने, इन्फैक्शन, ऐलर्जी, औयली स्किन की समस्या आदि. ऐसे में स्किन को खास केयर की जरूरत होती है, जिस में सब से जरूरी है कि जो भी प्रोडक्ट खरीदें या यूज करें उस के बारे में पूरी जानकारी हो ताकि वह स्किन को किसी तरह का कोई नुकसान न पहुंचा सके.

आइए, कौस्मैटोलौजिस्ट डाक्टर भारती तनेजा से स्किन केयर उत्पादों को खरीदने से पहले ध्यान रखने वाली सावधानियों के बारे में विस्तार से जानते हैं:

स्किन टाइप के हिसाब से हो केयर

औयली स्किन: मौनसून औयली स्किन वालों के लिए सब से ज्यादा मुसीबत बन कर आता है, क्योंकि हवा में जो मौइस्चर होता है, वह गंदगी को स्किन के अंदर तक पहुंचा देता है, जिस से पोर्स बंद हो जाते हैं. इस कारण पिंपल्स, ऐक्ने की समस्या पैदा होती है. औयली और ड्राई स्किन वालों को पसीना भी बहुत ज्यादा आता है. इसलिए उन्हें पूरे दिन में 3 बार क्लींजिंग जरूर करना चाहिए.

इस बात का खास खयाल रखें कि जब भी क्लींजिंग करें तो उस के लिए हलके गरम पानी का ही इस्तेमाल करें, क्योंकि इस की मदद से स्किन से औयल आसानी से क्लीन हो जाता है. दूसरी बात कि रोज स्क्रब जरूर इस्तेमाल करें. आप सोच रही होंगी कि स्क्रब तो कम से कम इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है तो आप को बता दें कि अगर आप ऐप्रिकोट या फिर होममेड स्क्रब का इस्तेमाल स्किन पर हलके हाथों से करती हैं तो इस से आप की स्किन को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा.

आप रोजाना साबुन की जगह इसे ही इस्तेमाल करें. बस ध्यान रखें कि इसे ज्यादा देर अप्लाई नहीं करना है.

ड्राई स्किन: जिन की स्किन ड्राई होती है उन्हें भी इस मौसम में काफी परेशानी होती है. इस मौसम में ड्राई स्किन वालों की स्किन पर पैच भी हो जाते हैं, जिन पर बहुत जल्दी इन्फैक्शन हो जाता है. इसलिए उन्हें मौइस्चराइजर जरूर इस्तेमाल करना चाहिए. लेकिन उन्हें भूल कर भी औयल बेस्ड क्रीम यूज नहीं करनी चाहिए. औयली स्किन वालों को भी लाइट मौइस्चराइजर या फिर वाटर बेस्ड मौइस्चराइजर का इस्तेमाल करना चाहिए. क्योंकि स्किन में नमी कम हो जाती है.

नौर्मल स्किन: नौर्मल स्किन वाले रोजाना सुबह और रात को क्लींजिंग जरूर करें वरना स्किन पोर्स बंद होने से पिंपल्स, इन्फैक्शन हो सकता है. नौर्मल स्किन वालों को हमेशा जैल बेस्ड मौइस्चराइजर या क्रीम ही यूज करनी चाहिए. अब बात करते हैं कि जो भी स्किन टोनर, फेस वाश, मौइस्चराइजर, क्रीम, स्क्रब आप इस्तेमाल करें वह कैसा होना चाहिए.

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स्किन टोनर

टोनर ऐसा हो, जिस में रोजवाटर, ऐलोवीरा, खीरा या फिर उस में टीट्री औयल हो, क्योंकि जहां रोजवाटर में इनफ्लैमेटरी प्रौपर्टीज होती हैं. वहीं ऐलोवेरा स्किन को ठंडक पहुंचाने के साथसाथ उसे मौइस्चर भी प्रदान करता है, साथ ही स्किन की डार्कनैस को भी दूर करने का काम करता है. खीरे में विटामिन सी होने के कारण यह स्किन

को हाइड्रेट रखने के साथसाथ सनबर्न से भी बचाता है. टीट्री औयल किसी भी तरह की

स्किन ऐलर्जी को ठीक करने में मददगार साबित होता है.

टोनर में क्या न हो

मार्केट में मिलने वाले ज्यादातर टोनर्स में अल्कोहल होता है, जिस से स्किन का मौइस्चर धीरेधीरे खत्म होने लगता है. इसलिए अल्कोहल युक्त टोनर न खरीदें खासकर इथाइल अलकोहल और मिथाइल अल्कोहल मिले प्रोडक्ट बिलकुल न खरीदें.

फैटी ऐसिड्स से भी अल्कोहल बनते हैं, जो महंगे जरूर होते हैं, लेकिन स्किन को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. ये स्किन को नरिश व मौइस्चराइज भी करते हैं. इसलिए जब भी टोनर खरीदें तो इन चीजों को देख कर ही खरीदें.

स्क्रब

अगर स्क्रब में ऐप्रिकोट, ग्रीन टी, ग्लिसरीन मिला हुई है तो आप के लिए वह स्क्रब बैस्ट है, क्योंकि ग्रीन टी स्किन पर ग्लो लाती है, ऐंटीऔक्सीडैंट्स प्रौपर्टीज होने के कारण बैक्टीरिया को भी मारने में यह मददगार होती है, साथ ही ग्रीन टी स्किन को नरिश करने के साथसाथ और ऐंटीएजिंग का भी काम करती है.

स्क्रब में क्या नहीं होना चाहिए

ऐसा स्क्रब न खरीदें, जिस में मिथाइल पैराबिन, इथाइल पैराबिन, प्रौपिल पैराबिन और लेड हो.

सनस्क्रीन

अकसर हमारी सोच होती है कि बारिश में सनस्क्रीन लगाने की कोई जरूरत नहीं होती है, क्योंकि बादल जो छाए हुए होते हैं, जबकि ऐसा नहीं है सनस्क्रीन हर मौसम में लगाना चाहिए. इसलिए ऐसा सनस्क्रीन खरीदें, जिस में जिंक औक्साइड, टाइटेनियम औक्साइड हो, क्योंकि ये स्किन को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं.

सनस्क्रीन में क्या न हो

आप जिस सनस्क्रीन को खरीद रही हैं उस में देख लें कि औक्सीबैनजोन, होमोसोलेट न हों, क्योंकि ये स्किन के लिए अच्छे नहीं होते. इन से कैंसर भी हो सकता है.

फेस वाश

जब भी चेहरे को धोने की बात आती है तो हम चेहरे को साबुन के बजाय फेस वाश से ही धोते हैं. लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि ज्यादा खुशबू वाले फेस वाश इस्तेमाल न करें, बल्कि माइल्ड और नैचुरल चीजों से बने फेस वाश ही इस्तेमाल करें. ऐसे फेस वाश स्किन पर ग्लो लाने के साथसाथ उसे किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं.

फेस वाश में क्या न हो

ज्यादातर फेस वाश में ऐंटीबैक्टीरियल प्रौपर्टीज ज्यादा मात्रा में होती हैं, जिन में टीसीएस, टीसीसी और टैल्कोसन होते हैं, जोकि सिर्फ प्रोडक्ट की सैल्फ लाइफ को बढ़ाते हैं, लेकिन स्किन के लिए सही नहीं होते, साथ ही फेस वाश में एसएलएस यानी सोडियम लौरेल सल्फेट होता है, जो स्किन के लिए सही नहीं होता. इसलिए ये सब देख कर ही फेस वाश खरीदना चाहिए.

क्रीम या मौइस्चराइजर

जब भी महिलाएं मार्केट से कोई क्रीम खरीदने जाते हैं वही क्रीम खरीदती हैं, जिस में वही क्रीम खरीदेंगे जिस में सब से ज्यादा खुशबू हो. लेकिन जिस प्रोडक्ट में जितनी खुशबू होगी उस में उतने ही ज्यादा कैमिकल्स भी होते हैं, जो स्किन के लिए सही नहीं होते. इसलिए ऐसी क्रीम को अवौइड ही करना चाहिए. अगर उस में हाइड्रोनिक ऐसिड है तो वह आप की स्किन के लिए अच्छा है, क्योंकि वह हवा में मौजूद मौइस्चर का स्किन के भीतर पहुंचाता है, जिस से स्किन हाइड्रेट रहती है, साथ ही  झुर्रियों की समस्या भी दूर होती है.

क्या नहीं हो

ज्यादातर क्रीम्स में औक्सीबैनजोन डला होता है, जो उस की खुशबू और कलर को ज्यादा देर तक टिकाए रखने के लिए होता है. यह स्किन को अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाता तो है, लेकिन लंबे समय तक इस का इस्तेमाल करने से हारमोंस गड़बड़ा जाते हैं.

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कैसी हो ऐक्ने क्रीम

जब भी ऐक्ने क्रीम या मौइस्चराइजर खरीदें तो देख लें कि उस में सैलिसिलिक ऐसिड जरूर हो. क्योंकि वह एक तरह से बीटा हाइड्रौक्सी ऐसिड है, जो पोर्स को खोल कर ऐक्नों को ठीक करने का काम करेगा. ऐक्नों के ट्रीटमैंट के लिए रैटिनौल ऐसिड भी बहुत अच्छा होता है, क्योंकि यह एक तरह से विटामिन ए का फौर्म है, जो स्किन के लिए काफी अच्छा माना जाता है. यह डार्क सर्कल्स को कम करने, रंग में निखार लाने और इरिटेशन को कम करने का काम करता है.

एडवांस्ड गैजेट्स बनाएं घर के काम आसान

लेखिका-पारुल

ले ही होम औटोमेशन का बाजार नया है, लेकिन है बड़े काम का. इस की मदद से घर का काम आसान होने के साथसाथ ये हमें टैक्नोलौजी से भी जोड़ने का काम करता है, साथ ही गैजेट्स से हमारा घर भी काफी स्मार्ट दिखता है. इन्हें चलाना भी हर किसी के लिए आसान होता है, जिस से घर के काम की जिम्मेदारी का भार किसी एक पर नहीं आता. ऐसे में हमारे लिए यह जानना जरूरी है कि किन गैजेट्स से हम अपने घर के काम को आसान बना सकते हैं.

रोबोटिक वैक्यूम क्लीनर

घर की साफसफाई करना एक बड़ा टास्क होता है. ऐसे में रोबोटिक वैक्यूम क्लीनर जैसाकि नाम से ही प्रतीत होता है कि रोबोट ही घर की  झाड़पोंछ का जिम्मा उठाता है, तो आप ने बिलकुल सही सोचा है. यह क्लीनर आप के घर की सफाई खुद ही करता है. असल में यह औटोमैटिक होने के कारण आप को बस एक बार औन कर के इसे सेट करना होगा कि आप को इस से क्या करवाना है. फिर यह अपना काम करना शुरू कर देता है. इस में लगा माइक्रो फाइबर क्लोथ डस्ट को आसानी से अपने अंदर ले लेता है, साथ ही इस में लगा कैमरा उसे क्त्रलोर का नैविगेशन करने में मदद करता है और इस में आगेपीछे लगे सैंसर इसे किसी भी चीज से टकराने नहीं देते, जिस से यह बिना रुकावट अपना काम कर पाता है.

आखिर में आप बस इस में लगे कपड़े और गार्बेज बौक्स से डस्ट को निकाल कर अलग व साफ कर लें. इसे रिमोट से भी कंट्रोल किया जा सकता है. तो हुआ न आसान. इसे आप मार्केट से या फिर औनलाइन आसानी से खरीद सकती हैं. एक बार का खर्चा, बारबार की परेशानी से छुटकारा दिलवाने में मदद करता है.

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डीप क्लीन डस्ट वैक्यूम क्लीनर

चाहे हम अपना घर कितना भी बंद व साफ क्यों न रखें फिर भी धूलमिट्टी आ ही जाती है. ऐसे में रोज खिड़कीदरवाजों, फर्नीचर, परदों को साफ करना काफी मुश्किल होता है. ऐसे में डीप क्लीन डस्ट वैक्यूम क्लीनर काफी मददगार साबित होता है, क्योंकि इस की मदद से जब आप चीजों को साफ करती हैं तो धूलमिट्टी उड़ कर बाकी चीजों पर नहीं जाती, बल्कि वैक्यूम के डस्ट बौक्स में एकत्रित हो जाती है. साथ ही इस का ऐक्सटैंशन पाइप काफी लंबा होने के कारण इस से जालों को भी साफ करना काफी आसान होता है. इस में लगे फ्लोअर से आसानी से खिड़की के पीछे की साइड व बालकनी को भी साफ कर सकती हैं. बस इस बात का ध्यान रखें कि कोई भी नुकीली चीज न लगे, क्योंकि इस से वैक्यूम खराब होने का डर रहता है. तो फिर रोजरोज की टैंशन से मिला न छुटाकारा.

सर्विलांस कैमरा

घर में हर समय बच्चों को टोकना या फिर उन की निगरानी करना काफी मुश्किल होता है. ऐसे में सर्विलांस कैमरा बड़े काम का साबित होता है यानी काम भी आसान और बच्चों को पता भी न चले कि उन पर निगरानी रखी जा रही है. यह कैमरा आई पी नैटवर्क्स पर काम करता है. इस की मदद से घर में क्या ऐक्टिविटी चल रही है इस का पता लगा सकती हैं. इस के लिए इंटरनैट की खास जरूरत होती है.

डिशवाशर

घर में सब से ज्यादा टैंशन बरतनों को धोने की रहती है. बारबार किचन में जा कर बरतन धोना काफी  झं झट वाला काम लगता है. ऐसे में डिशवाशर से आप एक बार में ढेरों बरतन धो सकती हैं और जब मन चाहे तब. तो अब अगर आप के पास काम वाली नहीं है तो आप के लिए ये बड़े काम की चीज साबित होगी.

बस ध्यान रखें कि बरतनों में गंदनी जमा न होने दें या फिर थोड़ी देर उन्हें पानी में सोक कर के रख दें. इस से डिशवाशर में बरतन जल्दी व आसानी से साफ हो जाते हैं. इस में डिशवाशर डिटर्जैंट, रिंस ऐड और साल्ट तीनों ऐड करने होते हैं, क्योंकि जहां डिटर्जेंट बरतनों से गंदगी को साफ करता है, वहीं रिंस ऐड कड़े मैल को हटाने और बरतनों में चमक लाने का काम करता है तो साल्ट हार्ड वाटर को साफ करने में मदद करता है. यह ज्यादा महंगा नहीं. इस में आप बरतनों को रख कर टाइम सैट भी कर सकती हैं कि आप को कब बरतनों को धोना है, तो हुआ न आप का काम आसान.

स्मार्ट स्विच

स्मार्ट होम की तरह आजकल स्मार्ट स्विच का चलन भी काफी चलन में है. इन स्मार्ट स्विच की मदद से आप अपने घर की लाइटिंग को बड़ी आसानी से कंट्रोल कर के बिजली की बचत भी कर सकती हैं. इन स्विच में मोशन सैंसर लगा होता है, जिस के कारण जिस कमरे में मूवमैंट होती है वहां की लाइट जल जाती है और जहां मूवमैंट नहीं होती वहां की लाइट अपनेआप बंद हो जाती है. यहां तक कि इस के माध्यम से जब भी आप घर से बाहर निकलें तो पूरे घर की लाइट अपनेआप औफ हो जाए, ऐसी सैटिंग भी कर सकती हैं.

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यह आप के होम वाईफाई नैटवर्क से कनैक्ट हो कर काम करता है, जिस की आप संबंधित ऐप के माध्यम से सैटिंग कर सकती हैं. तो हुआ न स्मार्ट स्विच, जो आप को हरदम खुद लाइट औनऔफ की ड्यूटी से नजात दिलवाने का काम करेगा.

ब्रेकफास्ट मेकर

सुबह के समय घर में काफी भागदौड़ सी मच जाती है. सभी का टाइम एक होने के कारण सब चीजों को एकसाथ मैनेज करना काफी मुश्किल हो जाता है. ऐसे में ब्रेकफास्ट मेकर आप की मुश्किल को आसान बनाने का काम करता है, क्योंकि इस में आप एक बार में काफी चीजें जो बना सकती हैं. इस में टोस्टर मेकर, फ्राइंग पैन और कौफी मेकर एक ही एप्लायंस में सैट होते हैं, जिस से आप मिनट में सब की फरमाइश को पूरा कर सकती है. यह आप को मार्केट से ₹3 हजार से ₹5 हजार में आसानी से मिल जाएगा.

सीलिंग फैन विद रिमोट कंट्रोल

सीलिंग फैन तो हर किसी के घर में लगे होते हैं, लेकिन ऐसे सीलिंग फैंस, जिन्हें रिमोट से भी कंट्रोल कर सकते हैं और साथ ही इन में मल्टीकलर एलईडी लाइट भी होती है, जिस से कमरे में रोशनी भी रहेगी और आप बैठेबैठे इस की स्पीड को भी कंट्रोल कर सकती हैं, आप को मार्केट या औनलाइन ऐसे फैंस ₹3 हजार से ₹10 हजार में आसानी से मिल जाएंगे. इन की स्पीड भी काफी अच्छी होती है.

आईओटी डिवाइस

आईओटी डिवाइस के लिए नैट का होना बहुत जरूरी है. इस की मदद से आप अपने घर के उपकरणों को अपने स्मार्ट फोन आदि की मदद से कहीं से भी औन या औफ कर सकती है यानी उपकरणों को कंट्रोल करना आप के हाथों में है. तो हैं न कमाल के गैजेट्स.

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Short Story: हिम्मत वाली लड़की

‘‘अरे राशिद, आज तो चांद जमीन पर उतर आया है,’’ मीना को सफेद कपड़ों में देख कर आफताब ने फबती कसी.

मीना सिर झुका कर आगे बढ़ गई. उस पर फबतियां कसना और इस प्रकार से छेड़ना, आफताब और उस के साथियों का रोज का काम हो गया था. लेकिन मीना सिर झुका कर उन के सामने से यों ही निकल जाया करती. उसे समझ नहीं आता कि वह क्या करे? आफताब के साथ हमेशा 5-6 मुस्टंडे होते, जिन्हें देख कर मीना मन ही मन घबरा जाती थी.

मीना जब सुबह 7 बजे ट्यूशन पढ़ने जाती तो आफताब उसे अपने साथियों के साथ वहीं खड़ा मिलता और जब वह 8 बजे वापस आती तब भी आफताब और उस के मुस्टंडे दोस्त वहीं खड़े मिलते. दिनोदिन आफताब की हरकतें बढ़ती ही जा रही थीं.

एक दिन हिम्मत कर के मीना ने आफताब की शिकायत अपने पापा से की. मीना की शिकायत सुन कर उस के पापा खुद उसे ट्यूशन छोड़ने जाने लगे. उस के पापा को इन गुंडों की पुलिस में शिकायत करने या उन से उलझने के बजाय यही रास्ता बेहतर लगा.

एक दिन मीना के पापा को सवेरे कहीं जाना था इसलिए उन्होंने उस के छोटे भाई मोहन को साथ भेज दिया. जैसे ही मीना और मोहन आफताब की आवारा टोली के सामने से गुजरे तो आफताब ने फबती कसी, ‘‘अरे, यार अब्दुल्ला, आज तो बेगम साले साहब को साथ ले कर आई हैं.’’

यह सुन कर मोहन का खून खौल गया. वह आफताब और उस के साथियों से भिड़ गया, पर वह अकेला 5 गुंडों से कैसे लड़ता. उन्होंने उस की जम कर पिटाई कर दी. महल्ले वाले भी चुपचाप खड़े तमाशा देखते रहे, क्योंकि कोई भी आफताब की आवारा मित्रमंडली से पंगा नहीं लेना चाहता था.

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शाम को जब मीना के पापा को इस घटना का पता चला तो उन्होंने भी चुप रहना ही बेहतर समझा. मोहन ने अपने पापा से कहा, ‘‘पापा, यह जो हमारी बदनामी और बेइज्जती हुई है इस की वजह मीना दीदी हैं. आप इन की ट्यूशन छुड़वा दीजिए.’’

मोहन के मुंह से यह बात सुन मीना हतप्रभ रह गई. उसे यह बात चुभ गई कि इस बेइज्जती की वजह वह खुद है. उसे उन गुंडों के हाथों भाई के पिटने का बहुत दुख था. लेकिन भाई के मुंह से ऐसी बातें सुन कर उस का कलेजा धक रह गया. वह सोच में पड़ गई कि वह क्या करे? सोचतेसोचते उसे लगा कि जैसे उस में हिम्मत आती जा रही है. सो, उस ने दृढ़ निश्चय कर लिया कि अब उसे क्या करना है? उस ने उन आवारा टोली से निबटने की सारी तैयारी कर ली.

अगले दिन सवेरे अकेले ही मीना ट्यूशन के लिए निकली. उस ने न अपने भाई को साथ लिया और न ही पापा को. जैसे ही मीना आफताब की आवरा टोली के सामने से गुजरी उन्होंने अपनी आदत के अनुसार फबती कसते हुए कहा, ‘‘अरे, आज तो लाल गुलाब अंगारे बरसाता हुआ आ रहा है.’’

इतना सुनते ही मीना ने पूरी ताकत से एक तमाचा आफताब के गाल पर जड़ दिया. इस झन्नाटेदार तमाचे से आफताब के होश उड़ गए. उस के साथी भी एकाएक घटी इस घटना से ठगे रह गए. इस से पहले कि आफताब संभलता मीना ने दूसरा तमाचा उस की कनपटी पर जड़ दिया. तमाचा खा कर आफताब हक्काबक्का रह गया. वह उस पर हाथ उठाने ही वाला था कि तभी पास खड़े एक आदमी ने उस का हाथ पकड़ते हुए रोबीली आवाज में कहा, ‘‘खबरदार, अगर लड़की पर हाथ उठाया.’’

यह देख आफताब के साथी वहां से भागने की तैयारी करने लगे, तभी उन सभी को उस आदमी के इशारे पर उस के साथियों ने दबोच लिया.

आफताब इन लोगों से जोरआजमाइश करना चाहता था. तभी वह आदमी बोला, ‘‘अगर तुम में से किसी ने भी जोरआजमाइश करने की कोशिश की तो तुम सब की हवालात में खबर लूंगा. इस समय तुम सब पुलिस की गिरफ्त में हो और मैं हूं इंस्पेक्टर जतिन.’’

यह सुन कर उन आवारा लड़कों की पांव तले जमीन खिसक गई. उन के हाथपैर ढीले पड़ गए. इंस्पेक्टर जतिन ने मोबाइल से फोन कर मोड़ पर जीप लिए खड़े ड्राइवर को बुला लिया. फिर उन्हें पुलिस जीप में बैठा कर थाने लाया गया.

तब तक मीना के मम्मीपापा और भाई भी थाने पहुंच गए. इंस्पेक्टर जतिन उन्हें वहां ले गए जहां मीना अपनी सहेली सरिता के साथ बैठी हंसहंस कर बातें करती हुई नाश्ता कर रही थी.

इस से पहले कि मीना के मम्मीपापा उस से कुछ पूछते, इंस्पेक्टर जतिन खुद ही बोल पड़े, ‘‘देवेश बाबू, इस के पीछे मीना की हिम्मत और समझदारी है. कल मीना ने सरिता को फोन पर सारी घटना बताई. तब मैं ने मीना को यहां बुला कर योजना बनाई और बस, आफताब की आवारा टोली पकड़ में आ गई.

‘‘देवेश बाबू, एक बात मैं जरूर कहना चाहूंगा कि इस प्रकार के मामलों में कभी चुप नहीं बैठना चाहिए. इस की शिकायत आप को पहले ही दिन थाने में करनी चाहिए थी. लेकिन आप तो मोहन की पिटाई के बाद भी बुजदिल बने खामोश बैठे रहे. तभी तो इन गुंडों और समाज विरोधी तत्त्वों की हिम्मत बढ़ती है.’’

यह सुन कर मीना के मम्मीपापा को अफसोस हुआ. मोहन धीरे से बोला, ‘‘अंकल, सौरी.’’

‘‘मोहन बेटा, तुम भी उस दिन झगड़े के बाद सीधे पुलिस थाने आ जाते तो हम तुरंत कार्यवाही करते. पुलिस तो होती ही जनता की सुरक्षा के लिए है. उसे अपना मित्र समझना चाहिए.’’

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इंस्पेक्टर जतिन की बातें सुन कर मीना के मम्मीपापा व भाई की उन की आंखें खुल गईं. वे मीना को ले कर घर आ गए. इस हिम्मतपूर्ण कार्य से मीना का मानसम्मान सब की नजरों में बढ़ गया. लोग कहते, ‘‘देखो भई, यही है वह हिम्मत वाली लड़की जिस ने गुंडों की पिटाई की.’’

अब मीना को छेड़ना तो दूर, आवारा लड़के उसे देख कर भाग खड़े होते. मीना के हौसले की चर्चा सारे शहर में थी अब वह सब के लिए एक उदाहरण बन गई थी.

 राणा दग्गुबाती की शादी में रौयल लुक में नजर आईं भाभी सामंथा अक्किनेनी, देखें फोटोज

बाहुबली के भल्लालदेव यानी राणा दग्गुबाती (Rana Daggubati) और मिहीका बजाज (Miheeka Bajaj) की शादी कोरोनावायरस के बीच काफी सुर्खियों में रही. हालांकि कोरोनावायरस के चलते सीमित मेहमानों ने ही इस शादी में शिरकत की, जिसमें टॉलीवुड एक्ट्रेस सामंथा अक्किनेनी (Samantha Akkineni) भी शामिल रहीं. राणा दग्गुबाती और उनके परिवार के बेहद रहने वाली सामंथा (Samantha Akkineni) शादी के हर फंक्शन में मौजूद रहीं, जिसमें उनके लुक ने सोशलमीडिया पर काफी सुर्खियां बटोरीं. सिंपल साड़ी को रौयल लुक में देते हुए सामंथा बेहद खूबसूरत लग रही थीं, जिसके कारण सभी की नजरें उन पर थीं. इसीलिए आज सामंथा अक्किनेनी (Samantha Akkineni) के कुछ साड़ी लुक्स के बारे में बताएंगे, जिसे आप शादी के फंक्शन्स में आराम से कैरी कर सकते हैं.

1. शादी में दिखा खूबसूरत लुक

देवर राणा दग्गुबाती की शादी में भाभी सामंथा ने नीले रंग की रॉ मैंगो साड़ी पहनीं, जिसमें उनका लुक काफी रॉयल दिख रहा था. सिल्वर बॉर्डर और फूलों वाले मोटिफ्स के साथ इस रॉ मैंगी सिल्क साड़ी के साथ सामंथा ने ग्रीन डायमंड और पर्ल के चोकर नेकपीस पहना. वहीं इस रॉ मैंगो सिल्क की साड़ी को आइस ब्लू कलर के स्लीवलेस राउंड नेक ब्लाउज के साथ उनका लुक खूबसूरत लगा.

 

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When in doubt .. wear @raw_mango 💓.. @sheetalzaveribyvithaldas .. styled @jukalker 📷 @eshaangirri

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2. ग्रीन ग्रे का कौम्बिनेशन है परफेक्ट

 

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💚

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सांमथा के साड़ी लुक की बात करें तो ग्रीन और ग्रे के कौम्बिनेशन वाला ये लुक शादी या पार्टी के लिए परफेक्ट है. इसके साथ आप हैवी इयरिंग्स पहनें तो परफेक्ट रहेगा.

3. हैवी साड़ी लुक है परफेक्ट

हैवी एम्ब्रौयडरी वाली सामंथा की लाइट पर्पल पिंक साड़ी के साथ हैवी फुल स्लीव्स ब्लाउज आपके लिए परफेक्ट लुक है. इस हैवी लुक के साथ सिंपल ज्वैलरी आपके लुक के लिए परफेक्ट है.

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4. ब्लैक साड़ी है परफेक्ट

 

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Jaanu in theatres tomorrow 🖤 Styled @jukalker.. In @anavila_m @laramorakhia M&H @sadhnasingh1 @koduruamarnath 📷 @eshaangirri

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ब्लैक कलर की सिपंल साड़ी के साथ ट्रैंडी वी नेक ब्लाउज के साथ औक्साइड ज्वैलरी आपके लुक के लिए परफेक्ट औप्शन है. ये आपके लिए एक ट्रैंडी और स्टाइलिश लुक है, जिसे कोई भी वेडिंग या पार्टी में ट्राय कर सकते हैं.

5. प्रिंटेड लुक है ट्रैंडी

स्टाइलिश और ट्रैंडी लुक के लिए आप सामंथा की रेड कलर की प्रिंटेड साड़ी आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. इसके साथ आप ग्रीन कलर की मार्बल ज्वैलरी आपके लिए परफेक्ट औप्शन है.

लड़की में क्या-क्या ढूंढ़ते हैं लड़के 

विश्वास पिछले 3 वर्षों से अपनी बेटी सोनिया की शादी के लिए लड़का देख रहे हैं. दर्जनों लड़के इन वर्षों के दौरान सोनिया को देखने आए और अच्छीभली लड़की को रिजैक्ट कर के चले गए. चार्टर्ड अकाउंटैंट का कोर्स खत्म करने के बाद जब सोनिया की शादी की बात चलनी शुरू हुई थी, तो सोनिया कैसे शरमाईलजाई, मगर खुश दिखती थी. उस की सारी सहेलियों की शादी हो चुकी थी. मगर उस की जिद थी कि सीए की पढ़ाई पूरी कर के ही शादी करेगी. पढ़ाई पूरी होते ही उस के मातापिता ने उस के लिए लड़का ढूंढ़ना शुरू कर दिया था. तमाम लड़के देखे, कितने परिवार उस के घर भी आए और कई बार पब्लिक प्लेसेज पर भी सोनिया की दिखाई हुई. मगर बात बनी नहीं.

लड़के वाले कोई न कोई नुक्स निकाल कर रिश्ता करने से मना कर देते थे. इन बीते 3 सालों में बारबार रिजैक्ट होने के चलते सोनिया हताश हो गई है, मुर झा सी गई है, अवसादग्रस्त होने लगी है. अब तो कोई उस को देखने आता है तो बड़े अनमने ढंग से तैयार हो कर सामने जाती है. उस का व्यवहार भी रूखा होता जा रहा है. उस के मातापिता बेटी की इस हालत से काफी चिंतित हैं. ‘पता नहीं इस की शादी होगी या नहीं, पता नहीं लड़की में कोई दोष न निकाल दे, पता नहीं किसी ने जलन में कोई टोनाटोटका करवा दिया हो,’ इन आशंकाओं से घिरे अब वे पंडितोंबाबाओं के चक्कर लगाने लगे हैं. इस चक्कर में जहां उन की जमापूंजी उड़ रही है, वहीं सोनिया का व्यवहार इन सब बातों से और ज्यादा नैगेटिव होता जा रहा है. वह सोचती है कि उस ने थ्रूआउट फर्स्ट डिविजन में अपनी पढ़ाई पूरी की, दिखने में भी ठीकठाक है, कल को अच्छी नौकरी भी करेगी, फिर भी कोई उस से शादी के लिए हां क्यों नहीं बोल रहा है?

पहले जहां लड़के को ले कर सोनिया की अपनी कुछ चौइसेस थीं कि लड़के में यह होना चाहिए, वह होना चाहिए, वहीं अब बारबार ठुकराए जाने व अपने मातापिता की गहरी होती चिंताओं को देख कर वह सोचती है कि कोई भी, कैसा भी लड़का हो, चलेगा. बस, कोई हां तो कर दे.

दरअसल, सोनिया एक सीधीसरल लड़की है. वह दिखावे में कतई विश्वास नहीं करती है. वह सोचती है जैसी वह है, बस वैसी ही कोई उस को पसंद कर ले. इसलिए जब भी लड़के वाले आते हैं तो वह शालीन मगर साधारण तरीके से तैयार हो कर उन के सामने प्रस्तुत होती है. सोनिया सम झ नहीं रही है कि यह डिजिटल युग है. हर आदमी रंगीन परदे की चमक और ग्लैमर को अपने स्मार्टफोन में समेटे घूम रहा है. दिनरात उन तसवीरों से अपनी आंखें सेंकता है, सपने बुनता है. उस ग्लैमर में वह इतना रचबस गया है कि वास्तविक, सरल और साधारण चीजें उस को फूहड़ व पिछड़ी नजर आती हैं. आजकल लड़के ही नहीं, वरन उन के मांबाप भी होने वाली बहू में कुछ एक्सट्राऔर्डिनरी खूबियां तलाशते हैं, भले वे आर्टिफिशयल क्यों न हों.

दरअसल, सोनिया के रिजैक्शन की बड़ी वजह है उस की हाइट और साधारण तरीके से एक चोटी में गुंथे उस के बाल. सोनिया 5 फुट 2 इंच लंबी है. आमतौर पर भारत में लड़कियां इसी लंबाई की ही होती हैं. मगर ज्यादातर लड़कियां हाईहील में खुद को और लंबा शो करती हैं और लड़के उन की इस हाइट पर फिदा हो जाते हैं. वहीं, सोनिया ने आज तक हाईहील ट्राई ही नहीं की. वह साड़ी के नीचे भी फ्लैट चप्पल या सैंडल ही पहनती है. अपने घने, लंबे और चमकीले बालों को वह हमेशा एक चोटी में गूंथ कर रखती है. जबकि, फैशन है खुलेलहराते बालों का. यही कुछ छोटेमोटे कारण हैं कि लड़के वाले सोनिया को रिजैक्ट कर के चले जाते हैं.

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कोई लड़का जब शादी के लिए लड़की देखने को निकलता है तो आमतौर पर वह 4-5 चीजें अपनी होने वाली बीवी में देखना चाहता है. पहली नजर में वह कुछ बातें नोटिस करता है और अगर आप उन बातों में मात खा जाएं तो आप को रिजैक्ट होने में देर नहीं लगेगी. क्या कभी आप ने सोचा है कि पहली मुलाकात में पुरुष आप के बारे में क्या सोचते हैं? वे आप को किस रूप में देखते हैं?

किसी ने कहा है, ‘ह्यूमन बींग्स आर विजुअल बींग्स’ यानी जिन लोगों से हम मिलते हैं, उन के शारीरिक हावभाव पर हमारा ध्यान सब से पहले जाता है और यह बहुत स्वाभाविक है कि जब हमें वह व्यक्ति शारीरिक रूप से आकर्षित करता है, तभी बात आगे बढ़ती है, अन्यथा वहीं खत्म हो जाती है. आप की पढ़ाईलिखाई, गुण, आदतें, विचार, पैसा, बैंक बैलेंस ये सब तो बहुत बाद की बातें हैं.

लड़के जब पहली बार किसी लड़की से मिलते हैं तो उन की कुछ शारीरिक बातों की तरफ ही सब से ज्यादा आकर्षित होते हैं. जी हां, यह बात सुनने में जरूर अटपटी लग सकती है, लेकिन सच है. लड़के कुछ बेहद छोटीछोटी बातों को नोटिस करते हैं और इन्हीं बातों पर उन की हां या न टिकी होती है. आप की शानदार उपस्थिति के अलावा, आप की सम झदारी, बौडी लैंग्वेज, मुसकान, आंखें, लंबाई यहां तक कि पुरुष आप के बालों को भी नोटिस करते हैं. पहली बार लड़की देखने जा रहे लड़के मन ही मन इन्हीं चीजों को सोचते हैं. हालांकि, वे कभी बताते नहीं हैं. हम आप को बताते हैं वो बातें, जो लड़की देखने जा रहा लड़का जरूर नोटिस करता है. अगर आप भी इन बातों का खयाल रखें तो मजाल है कि कोई आप को रिजैक्ट कर दे.

आप की लंबाई

अधिकांश लड़के उन लड़कियों से दूर भागते हैं जो उन से बहुत ज्यादा लंबी या छोटी होती हैं. पहली मीटिंग में लड़के ज्यादातर लड़कियों की हाइट पर ध्यान देते हैं. लड़के उन्हीं लड़कियों की तरफ सब से ज्यादा आकर्षित होते हैं, जिन की लंबाई उन के समान हो या लड़की कम से कम उन की गरदन तक तो जरूर हो. इसलिए शादी के लिए लड़के वाले आ रहे हों तो लड़के की हाइट पहले से पता कर लें और उसी के मुताबिक हाईहील सैंडल का चुनाव कर के खुद को तैयार करें. अगर लड़के की हाइट कम है तो हाईहील हरगिज न पहनें क्योंकि लड़के कभी भी यह नहीं चाहते कि लड़की की लंबाई उन से ज्यादा निकली हुई हो. हालांकि, इस का मतलब यह बिलकुल नहीं है कि लंबी लड़कियों की तरफ लड़के आकर्षित नहीं होते या छोटी हाइट वाली लड़कियां उन्हें नहीं भातीं, लेकिन यह पूरी तरह सभी की पसंदनापसंद पर निर्भर करता है.

आप की मुसकान

किसी ने ठीक ही कहा है कि एक खूबसूरत मुसकान किसी का भी दिल जीत सकती है. जी हां, जो लड़कियां मुसकराती हैं, उन्हें काफी आकर्षक माना जाता है. शायद यही एक कारण भी है कि ऐसी लड़कियों से लड़कों को बात करने में काफी आसानी होती है. ऐसे में अगर आप को लड़के वाले देखने आ रहे हैं तो अपनी मुसकान के साथ पर्सनैलिटी का भी ध्यान रखें. न बहुत ज्यादा मुसकराएं और न होंठ सी कर बैठें. आप के चेहरे की लज्जाशील मुसकराहट किसी का भी दिल जीत लेगी, इसलिए हलकी मुसकान जरूर ओढ़े रहें.

आप की आंखें

आप एक व्यक्ति की आंखों में देख कर उस के बारे में बहुतकुछ पता लगा सकते हैं. यही नहीं, आंखें एक चुंबक की तरह हैं जो किसी भी अजनबी को अपनी तरफ आकर्षित कर सकती हैं. ऐसे में ज्यादातर लड़के एक लड़की की आंखों में देखने का जरूर प्रयास करते हैं. वे बातचीत के दौरान आप की आंखों में देख कर यह जानने की कोशिश करते हैं कि आप उन को कैसा फील कर रही हैं. आप की आंखों में उन के लिए प्यार और विश्वास है कि नहीं. ऐसे में बाकी बौडी पार्ट्स की तरह अपनी आंखों पर भी विशेष ध्यान दें. आप की आंखें छोटीबड़ी जैसी भी हों, उन्हें मेकअप के जरिए थोड़ा और आकर्षक बनाएं. काजल, मसकारा और आई लाइनर ये तो अब रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजें हैं, इन से परहेज न करें. आंखों को साफ भी रखें. ऐसा न हो कि उन से बात करतेकरते आप की आईज के साइड बट्स पर जमा मैल उन को नजर आ जाए और बनती बात बिगड़ जाए.

आप की ड्रैसिंग स्टाइल

यह आप को थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन ऐसा सच है कि लड़के ज्यादातर लड़कियों को उन की ड्रैसिंग स्टाइल से भी जज करते हैं. हालांकि, इस का मतलब यह बिलकुल नहीं है कि आप ने फर्स्ट मीटिंग में इंप्रैस करने के लिए एक सुपर हौट ड्रैस चुन ली या जो ड्रैस आप ने चुनी है उस का रंग आप के टैक्सचर पर बिलकुल भी सूट न करे. ऐसे में वहां बात बनने से पहले ही बिगड़ जाएगी.़

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हर लड़की को पता होता है कि उस पर सब से ज्यादा कौन सा रंग खिलता है. कौन से कलर में उस का शरीर आकर्षक दिखता है. तो जिस रंग को ले कर आप पहले से कौन्फिडैंट हैं, उसी रंग की पोशाक ट्राई करें. किसी और के कहने पर भड़काऊ रंग के कपड़े न पहनें. जिस के बारे में आप को पहले से पता है कि यह कलर आप को सूट करता है तो उस में आप का आत्मविश्वास जागेगा, जो आप की बौडी लैंग्वेज में भी पता चलेगा और आप की आंखों से भी छलकेगा.

इस बात को गांठ बांध लीजिए कि एक आत्मविश्वास से भरा हुआ व्यक्ति सब से अधिक आकर्षक लगता है. यदि आप फुल कौन्फिडैंस के साथ बातचीत करती हैं या उन की हर बात का बेबाक तरीके से जवाब देती हैं तो आप की बात बननी पक्का है, कोई कैसे आप को रिजैक्ट कर सकता है.

 इम्यूनिटी बढ़ाने वाले 7 ब्रेकफास्ट

आए दिन नाश्ता स्किप करना आप की आदत बन चुका है तो संभल जाएं, क्योंकि रात के लंबे ब्रेक के बाद सुबह शरीर को फ्यूल की जरूरत होती है, क्योंकि जब हम सोते हैं तब हमारे शरीर की कोशिकाएं मरम्मत का काम करती हैं, हमारा शरीर व दिमाग कार्य करता रहता है. इस काम में खर्च हुई ऐनर्जी की पूर्ति सुबह के ब्रेकफास्ट से ही हो सकती है. लेकिन कभी जल्दबाजी के कारण तो कभी यह सोच कर कि लंच जल्दी कर लूंगी, महिलाएं नाश्ते के साथ समझौता कर लेती हैं और फिर धीरेधीरे इस का सेहत पर बुरा असर पड़ने लगता है.

जैसे अगर आप के दिन की शुरुआत अच्छी होती है तो पूरा दिन अच्छा बितता है ठीक यही बात ब्रेकफास्ट पर भी लागू होती है. अगर ब्रेकफास्ट हैवी और न्यूट्रिशन से भरपूर होगा तो आप पूरा दिन तरोताजा और स्फूर्ति से भरपूर महसूस करेंगी.

अमेरिका की वांडरबिल्ट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर आप समय पर व न्यूट्रिशन से भरपूर ब्रेकफास्ट नहीं लेते तो इस से मैटाबोलिज्म स्लो हो जाता है जो मोटापा बढ़ा सकता है. इसलिए अपने ब्रेकफास्ट को कभी स्किप न करें और उसे हैल्दी बनाने की कोशिश करें. आप के ब्रेकफास्ट में प्रोटीन, कैल्सियम, ऐनर्जी, कार्ब्स, विटामिंस, मिनरल्स, फाइबर, फैट्स सभी शामिल होने चाहिए.

कैसा हो आप का ब्रेकफास्ट, इस संबंध

में बता रही हैं फरीदाबाद के एशियन इंस्टिट्यूट औफ मैडिकल साइंसेज की डाइटीशियन

डा. विभा.

1. स्टफ्ड ब्रैड

परांठा खाना हर किसी को पसंद होता है, लेकिन सेहत के चक्कर में सब से पहले हम अपनी डाइट से परांठे को ही आउट कर देते हैं. जबकि इसे बनाने के हैल्दी तरीके अपना कर हम इसे अपने नाश्ते में ऐड कर सकती हैं. परांठे को पोषणयुक्त बनाने के लिए गेहूं के आटे में बेसन या अपनी पसंद का कोई और आटा मिला लें. मिक्स आटे से कैल्सियम, मैग्नीशियम, फाइबर और फौलेट की उचित मात्रा भी मिल जाती है. परांठे को भरावन के तौर पर गोभी, आलू, पनीर, मटर, प्याज, अदरक इत्यादि का इस्तेमाल करें या फिर मौसमी हरी सब्जियों का इस्तेमाल या मेथी की पत्तियों का पेस्ट मिला साधारण परांठे को पोषणयुक्त परांठा बना लें. इस तरह स्वाद भी बढ़ जाएगा और अलगअलग सब्जियों के पोषक तत्त्व भी नाश्ते में मिल जाएंगे.

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गोभी में बोन बूस्टिंग विटामिन के और इम्यूनिटी बूस्टर विटामिन सी मौजूद होता है, साथ ही इसे ऐंटीऔक्सीडैंट का भी अच्छा स्रोत माना जाता है. अगर आप गोभी का 1 परांठा खाती हैं, तो आप को इस से 200 कैलोरी मिलती है. वहीं गाजर में विटामिंस, मिनरल्स, फाइबर होते हैं. इन का परांठा खाने से आप को 130 कैलोरी मिलेगी. पालक न्यूट्रिऐंट्स और ऐंटीऔक्सीडैंट्स से भरपूर होता है, इस के एक परांठे से आप को 140 कैलोरी मिलती है.

2. स्टीम्ड पोहा

स्टीम्ड पोहा से आप को कैलोरीज, फैट, कार्बोहाइड्रेट, मिनरल, फाइबर, सोडियम सब मिलता है, जो रोज ब्रेकफास्ट की डिमांड होती है. यह हाई फाइबर रिच फूड होने के कारण इसे खाने से आप को लंबे समय तक भूख नहीं लगती, साथ ही यह शरीर में आयरन की कमी को भी दूर करता है. इस से इम्यूनिटी भी बूस्ट होती है.

यहां तक कि प्रैगनैंट व ब्रैस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाओं को रोजाना ब्रेकफास्ट में पोहा खाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि बच्चे की सारी जरूरतें मां के शरीर से पूरी होती हैं. ऐसे में शरीर में आयरन की कमी से गैस्टेशनल ऐनीमिया का खतरा बढ़ जाता है, जबकि पोहा बनने की प्रक्रिया में चावल को आयरन रोलर्स से हो कर गुजरना होता है. ऐसे में उस में आयरन की मात्रा भी मिल जाती है. इसलिए ही उसे आयरन रिच फूड में गिना जाता है. आप चाहें तो अपने पोहा बाउल में नीबू भी ऐड कर सकती हैं, क्योंकि यह आयरन को आप के शरीर में बेहतर ढंग से अवशोषित करने का काम करता है.

पोहा के एक बाउल में लगभग 173 कैलोरी और 4.8 ग्राम प्रोटीन होता है.

3. स्टफ्ड डंपलिंग

अगर आप एकजैसे ब्रेकफास्ट से बोर हो गए हैं तो स्टफ्ड डंपलिंग, जिसे दाल के फरे भी कहते हैं को अपने ब्रेकफास्ट में शामिल करें. यह काफी हैल्दी व टेस्टी ब्रेकफास्ट माना जाता है. इस की स्टफिंग चने, उरद की दाल, चावल का आटा, जीरा, लहसुन, नमक डाल कर तैयार की जाती है और डो आटे से तैयार किया जाता है. उरद की दाल में प्रोटीन और आयरन की मात्रा अधिक होती है, चने की दाल में वसा बहुत कम होती है, जो शरीर के लिए काफी फायदेमंद होती है. इसे स्टीम करने के कारण इस की न्यूट्रिशन वैल्यू कम नहीं होती.

इस के 2 पीस में लगभग 186 कैलोरी और 7.9 ग्राम प्रोटीन होता है.

4. क्विनोआ पोहा विद हरे मटर

क्विनोआ पोहा हाई प्रोटीन रिच ब्रेकफास्ट है. इस में कैलोरीज बहुत कम होती हैं. यह ग्लूटेनफ्री होता है. इस में न्यूट्रिऐंट्स, ओमेगा 3 फैटी ऐसिड्स, मोनो अनसैचुरेटेड फैट्स होने के कारण यह पचने में आसान होता है, साथ ही इस में फाइबर होने के कारण यह लंबे समय तक आप को तृप्त रखता है और जब हम इस में मटर, प्याज व अन्य सब्जियां ऐड करते हैं तो इस की न्यूट्रिशन वैल्यू कहीं अधिक बढ़ जाती है, क्योंकि मटर में विटामिंस, ऐंटीऔक्सीडैंट्स जैसे विटामिन सी, के और फौलेट होते हैं, साथ ही ये मैग्नीशियम और फाइबर में भी रिच होने के कारण काफी हैल्दी ब्रैकफास्ट माना जाता है.

इसे बनाना भी काफी आसान है. पहले क्विनोआ को भूनें, फिर इस में पानी डाल कर अच्छी तरह से उबालें. इस के बाद इसे सब्जियों के तड़के में डालें. क्विनोआ पोहा तैयार है. आखिर में ऊपर से नीबू ऐड करें. यह जहां

टेस्ट को बढ़ाने का काम करता है वहीं इस में मौजूद विटामिन सी आयरन के अवशोषण में

मदद करेगा.

इस में एक बाउल में लगभग 182 कैलोरी और 6.9 ग्राम प्रोटीन होता है.

5. ओट्स की इडली

सूजी व चावल की इडली तो आप ने खाई होगी, लेकिन क्या कभी ओट्स की इडली ट्राई की है? यह न सिर्फ खाने में स्वादिष्ठ होती है, बल्कि यह प्रोटीन, फाइबर, ऐंटीऔक्सीडैंट्स, विटामिन बी व मिनरल्स से भरपूर होने के कारण आप के दिल की सेहत का भी खास खयाल रखती है. इसे आप पीनट की चटनी के साथ भी खा कर इस के स्वाद को और बढ़ा सकती हैं.

इस के 2 पीस में लगभग 147 कैलोरी और 5.3 ग्राम प्रोटीन होता है.

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6. अंकुरित अनाज

अंकुरित अनाज हमारी सेहत के लिए कई मानों में फायदेमंद माना जाता है. यह न सिर्फ हमें तंदुरुस्त रखने का काम करता है, बल्कि हमें कई बीमारियों से भी बचाने का काम करता है. एक बाउल मूंग दाल स्प्राउट्स में सिर्फ 50 कैलोरी होती है, साथ ही ये विटामिन बी, ई, सी, फाइबर, प्रोटीन, आयरन का अच्छा स्रोत होने के साथसाथ आप की बौडी को डीटौक्स करने का भी काम करते हैं.

स्प्राउट्स में प्रचुर मात्रा में विटामिन ए और सी होता है. स्प्राउट के अंकुरित होने की 1 हफ्ते की प्रक्रिया में उस में विटामिन ए की मात्रा 10 गुना तक बढ़ जाती है. उच्च मात्रा में विटामिन ए का मतलब शरीर में व्हाइट ब्लड सैल्स के उत्पादन में वृद्धि है जिस से आप को इन्फैक्शन, फ्लू, कोल्ड होने की संभावना कम होती है.

7. टोफू कटलेट

टोफू में लो कैलारी प्रोटीन होने के साथ यह विटामिन बी, कैल्सियम और अल्फा लीनोलिक, जो शरीर में जा कर ओमेगा 3 फैटी ऐसिड में बदल जाता है, इसलिए आप इस का कटलेट बना कर अपने ब्रेकफास्ट को न्यूट्री रिच बना सकती हैं.

इस के 2 पीस में लगभग 131 कैलोरी और 5.8 ग्राम प्रोटीन होता है.

तो नाश्ते के इन 7 विकल्पों को अपना कर सेहतमंद रहने के साथसाथ अपनी इम्यूनिटी को भी बूस्ट करें.

दो बहनें: क्या हुआ शीला और प्रीति के बीच?

Serial Story: दो बहनें (भाग-3)

‘‘तुम इतनी घबरा क्यों रही हो? तुम कांप रही थीं, इसलिए मैं ने तुम्हें पकड़ा था,’’ सिड बोला.

‘सिड, वह पहले ही तुम पर शक करती है, अब तो बात और भी बिगड़ जाएगी,’ वह बुदबुदाई, ‘क्या शीला कहीं से देख रही है?’

‘‘पार्टी कैंसिल करनी पड़ेगी, सिड. मेरा मन नहीं है,’’ प्रीति अब शीला की बात से डर रही थी. कहीं वह सचमुच न आ जाए. कहीं रहस्य खुल न जाए.

साल का आखिरी दिन था. शाम के 7 बजे थे, फिर भी प्रीति ने सभी नौकरों को छुट्टी दे दी थी. पीछे मंद स्वर में म्यूजिक औन था. सिड किचन काउंटर के बगल में एक ऊंचे स्टूल पर बैठा मार्टीनी की छोटीछोटी चुस्कियां ले रहा था और पिछले 15 मिनटों से प्रीति की किचन में आगेपीछे चलने की कदमताल सुन रहा था. लेकिन उस की नजरें बाहर फाटक पर टिकी हुई थीं. प्रीति घड़ीघड़ी रुकती, आह भरती और उस के कंधे पर अपना सिर रख देती. सिड तब हलके से उस का सिर थपथपाता, दिलासा देता.

‘‘ओह, कितना अनप्लेजेंट लग रहा है,’’ वह कहती, ‘‘उसे हमारे मजे वाले दिन को खराब कर के क्या मिला? हाऊ सैल्फिश.’’

सिड की समझ में नहीं आ रहा था कि प्रीति को हुआ क्या है?

‘‘तुम्हारे लिए कुछ लाया हूं, बेबी. ऊपर रखा है, बैडरूम में,’’ कह कर सिड ने उस का माथा चूम लिया.

प्रीति अपनी धुन में बोले जा रही थी, ‘‘फिर भी, मेरा 16वां जन्मदिन ही बैस्ट था. शुरू से अंत तक शीला का प्लान किया हुआ.’’

घड़ी ने 8 बजे का घंटा बजाया और उस ने सोचा, ‘मुझे नहीं लगता कि अब वह आएगी.’

‘‘चलो, किसी की नई साल की पार्टी में ही चलते हैं,’’ कह कर वह ऊपर कपड़े बदलने चली गई. कमरे में जब उसे ज्यादा ठंड महसूस हुई, उसे लगा कि सामने वाली खिड़की खुली है. सिड की लापरवाही पर सिर हिलाते हुए वह उसे बंद करने के लिए बढ़ी तो देखा कि खिड़की बंद थी. इधर उस के नथुने फड़फड़ाने लगे.

‘यह क्या? शैनल नंबर फाइव, तो यह था मेरा सरप्राइज?’

वह इसी विचार में डूबी हुई थी जब उस की नजर सामने रखी आरामकुरसी पर पड़ी. शीला उस में धंस के बैठी  सिगरेट फूंक रही थी और प्रीति को देख कर मुसकरा रही थी.

‘‘मैं ने सुना, तुम बता रही थीं सिड को अपने 16वें जन्मदिन के बारे में. तुम्हें याद रहा. दैट वाज स्वीट.’’

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प्रीति उसे फटी आंखों से देख रही थी, ‘‘मैं ने तुम्हें अंदर आते हुए नहीं देखा. तुम अंदर कब आईं?’’

‘‘काफी देर हो गई आए हुए. आंख भी लग गई थी. जगी तब जब तुम ने नौकरों को दफा करना शुरू किया.’’

सिगरेट का धुआं हवा में सांप की भांति उठ रहा था, ‘‘ओह यस, इट इज योर बर्थडे टुडे. तुम जियो हजारों साल साल के दिन हों पचास हजार.’’

‘‘यह तुम किस से बातें कर रही हो, डार्लिंग?’’ आवाज सुन कर सिड भी आ गया. शीला को देखते ही उस का चेहरा तमतमा उठा, ‘‘तुम?’’

‘‘क्यों? चौंक गए.’’

सिड कुछ बुदबुदा रहा था, मगर आवाज गले में फंस सी गई थी.

शीला का चेहरा भी कुछ पीला सा हो गया था.

‘‘सिड, तुम ने मुझे मारना क्यों चाहा?’’ शीला बोली, ‘‘मैं ने तो तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ा था.’’

‘‘सिड ने ऐसा कुछ भी नहीं किया. मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा है कि मैं चुपचाप खड़े हो कर तुम्हारी यह बकवास सुन रही हूं. तुम को अपने सब से प्यारे पति से ऐसे बोलने दे रही हूं,’’ शीला पर नजर गड़ाते हुए प्रीति बोली.

‘‘और तुम कर भी क्या सकती हो?’’ फिर सिड को देखते हुए जोरदार आवाज में बोली, ‘‘जब तक मुझे अपने सवाल का जवाब नहीं मिलेगा, मैं वापस नहीं जाऊंगी,’’ शीला उसी आरामकुरसी पर वैसे ही बैठी रही थी.

सिड अब नौर्मल हो गया था. वह प्रीति के कंधों को पकड़े खड़ा था.

‘‘नो बेबी, माई हाउस, माई रूल्स, माई वे. यहां बस मेरी चलती है. मुझे किसी बात का जवाब देने की जरूरत नहीं और तुम तो अब खुशीखुशी वापस जाओगी,’’ यह कह कर प्रीति ने पर्स से रिवाल्वर निकाल कर शीला पर तान दिया और कहा, ‘‘और मेरे पास तुम्हें वापस भेजने का बड़ा अच्छा रास्ता भी है.’’

सिड भौचक्का सा देख रहा था कि प्रीति को हुआ क्या है. क्या बोल रही है?

वह घबरा गया और दो कदम पीछे हट गया. फिर बुदबुदाया, ‘शीला को मारने का प्लान मैं ने और प्रीति ने खुद बनाया था पर क्या किसी को पता चल गया? प्रीति बारबार शीलाशीला क्यों कर रही है. क्यों उस कुरसी की ओर नजरें गड़ाए हुए है.’

‘‘जल्दी खत्म करो, प्रीति. प्लीज,’’ सिड कह रहा था.

‘‘पागल हो गई हो क्या?’’ अपनी घनी बरौनियों के पीछे से शीला उन दोनों को देख रही थी और धीमेधीमे मुसकरा रही थी, ‘‘तुम मुझे, अपनी बहन को मारोगी?’’ यह कह कर उस ने फिर अपनी सिगरेट का कश लिया. उस की सिगरेट की आदत काफी बढ़ गई थी. पहले वह सिर्फ स्टाइलिश लगने के लिए कभीकभार ही सिगरेट फूंकती थी. अब, एक सिगरेट खत्म होती नहीं थी कि दूसरी जल जाती थी.

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प्रीति ने अपनी उंगली रिवाल्वर के घोड़े पर घुमाई और अगले क्षण जोर से धमाका हुआ. शीला के मुंह से निकला हुआ आखिरी शब्द था, ‘‘बाय.’’

धूल और धुएं के बादलों में लिपटी हुई, वह चली गई. न कोई चीख निकली, न कोई पुकार, लेकिन प्रीति को लगा कि धमाके के बाद उस ने उस की खिंचती हुई आवाज यह कहते हुए सुनी, ‘‘जब तक मुझे अपने सवाल का जवाब नहीं मिलेगा, मैं वापस नहीं जाऊंगी.’’

धूल थम गई. धुआं खिड़की से बाहर चला गया. न जाने फिर लाश क्यों नहीं मिली?

प्रीति ने देखा कुरसी पर खून के निशान भी न थे. हां, सीट पर गोली फंसी थी. सिड जोरजोर से चीख रहा था, ‘‘यह क्या हो गया है तुम्हें प्रीति. प्रीति होश में आओ. प्रीति, यू स्वीट गर्ल. प्रीति, यू आर बिग बिच.’’

बड़ा अजीब है यह मियाबीवी का जोड़ा, कैसे तुनकमिजाज हो गए हैं ये. बातबात में लोगों को काटने को दौड़ते हैं. बेवजह बहस करते हैं. खरगोश की तरह अचानक चौंक जाते हैं, बौराए से घूमते हैं. दोस्त हों या दुश्मन, अब सब इन से कतराते हैं.

हर साल प्रीति की हालत बद से बदतर होती जा रही है. सोना भी कम हो गया है. एक और अजीब आदत है प्रीति की कि वह किसी को ढूंढ़ती रहती है. उस को लगता है कि उस के आसपास कोई बैठा है, आरामकुरसी में लेटे हुए या बारस्टूल पर बैठे हुए या किचन के काउंटर पर टिके हुए कोई औरत, ऐंठती, सिगरेट फूंकती, टांग हिलाती, देख रही है, मुसकरा रही है, किसी सवाल के जवाब का इंतजार कर रही है.

प्रीति का यह बदला रुख देख कर सिड भी परेशान है. वह भी आपा खोता सा दिख रहा है.

सिड शीला के नाम पर फिल्म बनाना चाहता था पर प्रीति और सिड दोनों ने ही उस प्रसिद्ध अभिनेत्री को भगा दिया था, चिल्लाचिल्ला कर. प्रीति चीखी थी, ‘‘शीला पर फिल्म उस के मरने के बाद बनेगी. अभी वह काम बाकी है.’’

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Serial Story: दो बहनें (भाग-2)

‘‘कितनी भली लग रही हो, मेरी जान,’’ ऐसा कह कर वह एक लंबी हंसी हंसी. फिर उस ने अपनी सिगरेट का कश लिया. इस बीच, उस ने अपनी नजर प्रीति के चेहरे से नहीं हटाई.

‘‘क्या हुआ माई स्वीटनैस,’’ अपनी खनकती आवाज में वह बोलती रही, ‘‘मुझे देख कर खुश नहीं हुई?’’

प्रीति शीला को विस्फारित नेत्रों से देख रही थी. उस का मुंह एकदम सूख गया था. एक शब्द भी निकालना मुश्किल हो गया था.

‘‘नहीं,’’ आखिर एक शब्द निकल ही आया, ‘‘हमें तो लगा था कि ऐक्सिडैंट.

शीला ने धुएं का छल्ला बनाते हुए कहा, ‘‘ऐक्सिडैंट? कैसा ऐक्सिडैंट? कोई ऐक्सिडैंट नहीं हुआ था. वह तो मुझे मारने की कोशिश की गई थी जो नाकामयाब रही. हूं न तुम्हारे सामने, माई डार्लिंग,’’ वह फिर हंस दी.

लेकिन जब प्रीति उस से गले मिलने उस की तरफ बढ़ी, तो उस ने अपना हाथ उठा कर उसे आगे बढ़ने से रोक दिया, ‘‘नहीं, वहीं रहो. तुम्हें क्या लगता है, मैं भूल गई हूं, कैसी एलर्जी हो जाती है तुम्हें, मेरी सिगरेट के धुएं से. लेकिन फिर भी,’’ मुंह से धुएं का बड़ा सा बादल निकालते हुए वह बोली, ‘‘फिर भी तुम्हारा हर आशिक चेन स्मोकर था. हाऊ आइरौनिक.’’ फिर वह जोरजोर से हंसने लगी और हंसतेहंसते उस ने अपनी सिगरेट बुझा दी.

प्रीति की नजरें शीला पर से अब जा कर हट पाई थीं. गरमियों की छुट्टियों में दोनों बहनें किसी नई जगह जाती थीं, शिमला, नैनीताल, मसूरी आदि. इन की मम्मी को असल में हिलस्टेशन बहुत पसंद थे. जहां भी ये बहनें जातीं, हालात कुछ ऐसे बनते कि ये हमेशा अपने चारों तरफ अपने हमउम्र नौजवानों को पातीं. शीला से तो इन नौजवानों को डर लगता था. वह उन्हें घास भी नहीं डालती थी. मगर प्रीति का हर गरमी में एक नया अफसाना हो ही जाता था.

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‘‘मुझे तुम्हारे सभी आशिक पसंद थे, लेकिन पिन्का सब से अच्छा था. याद है?’’

खयालों में खोई प्रीति मुसकरा रही थी.

अब भी उसे याद था वह दृश्य. ऊंचाई इतनी थी कि बादल जमीन पर आ गए थे. मोटरसाइकिलों पर सवार कई सारे नौजवान दूर से आतेआते, उन तक पहुंच कर आगे निकल गए थे. बस, एक रुक कर देर तक दोनों बहनों को घूरघूर कर देख रहा था. उस के घूरने में कोई छिछोरापन नहीं था. ‘ऐसी होती हैं दिल्ली की लड़कियां,’ वह यह सोच रहा था, बाद में उस ने खुद ही यह बात प्रीति को बताई थी. वह था पिन्का. उस गरमी की छुट्टियों में पूरा शिमला प्रीति ने उस की मोटरसाइकिल पर पीछे बैठ कर देखा.

प्रीति ने आखिर कह ही दिया, ‘‘हां, मुझे अपने सभी आशिक पसंद थे, सिर्फ आखिरी वाला कभी नहीं अच्छा लगा. लेकिन मजेदार बात यह है कि बस, एक वही स्मोक नहीं करता था. जस्ट नौट माई टाइप. काश, तुम ने उस से शादी नहीं की होती,’’ सूखते गले और होंठों को गीला करने की असफल कोशिश करने लगी वह.

शीला ने एक और सिगरेट जला ली थी और बड़े ध्यान से प्रीति को देख रही थी.

‘‘सिड में बहुत सी अच्छी क्वालिटीज हैं. तुम ने उसे ठीक से नहीं समझा,’’ प्रीति बोली.

गहरी सांस लेते हुए वह बोली, ‘‘शायद, तुम ठीक कह रही हो. लेकिन उस ने मेरी कार क्यों टैंपर की?’’

प्रीति का मुंह फक् पड़ गया. बड़ी मुश्किल से वह बस इतना ही कह पाई, ‘‘ऐसा मत कहो. यह सच नहीं है. सिड तुम्हें बहुत चाहता है.’’

‘‘मैं तुम्हें बहुत कंट्रोल करती हूं, यही कह कर वह तुम्हें ले गया था न? अब वह तुम्हें कंट्रोल करता है. मुझे लगता है तुम्हें शौक है किसी न किसी के कंट्रोल में रहने का. गड़बड़ तुम में है, प्रीति.’’

वह फिर जोर से हंसने लगी. प्रीति को फिक्र हो रही थी कि आसपास वाले कहीं शिकायत न करने लगें. लेकिन किसी ने कुछ नहीं कहा. सब या तो खा रहे थे या बस उसे ही देख रहे थे. शीला की तरफ किसी का ध्यान न था. उस को लगा कि उस की आवाज ही नहीं निकलेगी. बड़ी मुश्किल से वह हिम्मत जुटा पाई, ‘‘शीला, यह सच नहीं है कि सिड ने तुम्हारी कार के साथ टैंपर किया था.’’

‘‘सच?’’ कुरसी से उठते हुए शीला बोली, ‘‘देखो तो. यहां मैं बातों में उलझ गई, वहां मेरा इंतजार हो रहा है. पता नहीं वह वेटर मेरा दोसा ले कर क्यों नहीं आया. बैठा होगा कहीं, इधरउधर, अपने प्यारे नेपाल के खयालों में खोया हुआ. खैर, कोई बात नहीं. आज बिना खाने के ही काम चलाना पड़ेगा. तुम से मैं बाद में मिलूंगी.’’

‘‘रुको, शीला, तुम यों नहीं जा सकतीं.’’

‘‘तुम्हारी पार्टी में आऊंगी. परसों है न? योर बर्थडे बैश.’’

प्रीति ने हौले से अपना सिर हिला दिया.

एक सुंदर हंसिनी की भांति इठलाती हुई शीला दरवाजे की तरफ बढ़ने लगी. प्रीति ने उसे रोकते हुए कहा, ‘‘सुनो, क्या तुम वाकई सोचती हो…मेरा मतलब है, सिड और तुम्हारी कार…तुम बिना बात के शक कर रही हो…सोचो, कोई तुम्हें क्यों मारना चाहेगा?’’

यह सुनते ही शीला अपनी हील की नोक पर घूम गई. उस ने सिगरेट का गहरा कश लिया और प्रीति की ओर देखते हुए उसे आंख मारी और फिर बोली, ‘‘कई वजहें हो सकती हैं, माई इनोसैंट सिस्टर. पैसा, यश, रौब वगैरह सब काम की चीजें हैं, चाहे वे अपनी मेहनत की हों. या किसी और की,’’ यह कहने के साथ ही उस ने प्रीति को एक फ्लाइंग किस दिया.

‘‘सच, अब और नहीं रुक सकती. काम है. तुम्हें मैं कल 10 बजे फोन करूं?’’ जवाब का इंतजार किए बिना शीला वहां से चली गई. वापस मुड़ने पर प्रीति ने देखा कि उस का खाना कब का आ कर ठंडा भी हो गया था.

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‘‘क्या बात है, मेम साब? खाना अच्छा नहीं लगा? छुआ तक नहीं. कुछ और लाऊं?’’ वेटर ने बड़े अदब से कहा.

जो लोग बैठे थे वे प्रीति को घूर रहे थे. उन की चहेती शीला की बड़ी बहन है. कुछकुछ तो शीला जैसी ही है पर शीला वाली बात कहां है उस में, हर आंख में यही कथन था. यही बात प्रीति को वर्षों से सालती रही है.

अगले दिन औफिस में प्रीति बड़ी कसमसाहट महसूस कर रही थी. वैसे उस का मोबाइल नंबर नया था इसलिए शीला के फोन के आने की संभावना थी ही नहीं. फिर भी, मन बेचैन था. अभी 10 बजे ही थे कि फोन की घंटी बज उठी. बहुत सहम कर उस ने फोन उठाया.

‘‘हैलो.’’

उधर से जानीपहचानी सी आवाज सुनाई दी. इस से पहले कि वह आगे कुछ कह पाती, पीछे से 2 हाथों ने उस के कंधे पकड़ लिए. जब तक वह यह देखने के लिए मुड़ी कि कौन है, फोन ही कट गया. वह कोई और नहीं, सिड था.

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Serial Story: दो बहनें ( भाग-1)

उस का नाम प्रीति नहीं था. उस की मां ने उस का नाम प्रतिमा रखा था. मगर प्रीति नाम में कुछ अलग ही खनक थी. जब लोग उसे इस नाम से पुकारते थे तो उसे लगता था कि वह खूबसूरत है. इसीलिए उस ने अपना नाम प्रीति कर लिया था. वह साल के आखिरी दिन पैदा हुई थी, उसे इस में तारों की साजिश लगती थी. उस के पैदा होने का कोई न कोई खास मतलब जरूर है, ऐसा उसे लगता था.

उस के परिवार की असली हीरोइन शीला थी. उम्र में उस से 1 साल छोटी उस की बहन शीला और कोई नहीं ‘सिल्क शीला’ के नाम से मशहूर अभिनेत्री थी. देश का चमकता तारा थी वह. शान, शोहरत तो उस के पांव पर पड़े थे. ओह, क्या नहीं था उस में.

शीला हवा में उड़ती, आसमान को छूती, बादल जैसी थी और खुद प्रीति जमीन पर पड़ी हुई, उस बादल की स्लेटी परछाईं के नीचे दबी हुई, अपनी नीरस जिंदगी जी रही थी. यह थी उस की हकीकत और यह बात प्रीति को काफी सताती थी.

एक दिन प्रीति के लिए अचानक धूप निकल आई. शीला एक कार ऐक्सिडैंट में मारी गई. एक अजीब हादसा था. लाश घाटी में कहीं गिर गई थी. शीला के लाखों फैंस की दुनिया में मातम की लहर छा गई. मायूसी ने उन्हें उस की इकलौती जीवित बहन प्रीति की तरफ मोड़ दिया. प्रीति के चेहरे में उन्हें अपनी परमप्रिय शीला की झलक दिखाई दी. उस से वे शीला के बारे में जानना चाहते थे. कैसी थी वह, उस के बचपन के किस्से, उस की छोटीमोटी आदतें, उस की पसंदनापसंद, सब कुछ जानना चाहते थे वे.

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आने वाले दिनों और महीनों में प्रीति को लोगों ने अपने सिरआंखों पर बिठा लिया और वह उन के विस्मित ध्यान में लोटने लगी. दोनों बहनों का बचपन कैसे व्यतीत हुआ, इस पर एक नामी लेखक के साथ किताब लिखने का प्लान भी बनने लगा. और केक के ऊपर लगे हुए लाल चैरी के बारे में तो पति सिड हरदम याद दिलाता था. तमाम कानूनी कागजात पूरे हो जाने के बाद प्रीति को इंश्योरैंस कंपनी में नौकरी मिल गई थी और कंपनी की तरफ से जो पैकेज मिला था वह भी कम भारी नहीं था.

प्रीति अब संपूर्ण स्वतंत्रता के साथ एक मिड लेवल कौर्पोरेट औरत की जिंदगी व्यतीत कर रही थी. उस ने अपना कैरियर बड़े धीरज और मेहनत के साथ बनाया था. लेकिन अपनी मशहूर बहन के सामने उसे अपनी सब सफलताएं फीकी लगती थीं. अब उस की छोटी बहन इस दुनिया में नहीं रही. बस, उस की यादें ही बची थीं और उन यादों की हिफाजत करना उस के जिम्मे था. और क्या चाहिए था उसे. अवसर का पासा खुदबखुद गिर कर सही दाने दिखा रहा था. सही कहा गया है, दुनिया में देर है लेकिन अंधेर नहीं.

एक दिन प्रीति दफ्तर में बहुत व्यस्त थी. उसे अपनी असिस्टैंट लतिका से कोई जरूरी काम था इसलिए वह उसे ढूंढ़ रही थी. डैस्क पर उसे न पा कर उस ने अनुमान लगाया कि हो न हो वह प्रोग्राम मैनेजर रैंबो के औफिस में गई है. वह रैंबो के औफिस में गई. औफिस का दरवाजा अंदर से बंद था. परदे भी गिरे हुए थे.

‘तो यह बात है. कितना मजा आएगा उस की रोंदी सूरत देखने में जब वह उस रिपोर्ट को पढ़ेगी जो इस वक्त मैं अपने मन में लिख रही हूं. ‘आई जस्ट कांट वेट,’ मन ही मन बड़बड़ाते हुए पैर घसीट कर वह वापस अपने औफिस में आ गई. यह काम बेशक उसे ध्यान से करना पड़ेगा, क्योंकि जहां औफिस की टीम का हर सदस्य उस के अंडर में था और वे सभी इस बात से डरते थे कि प्रीति मैडम उन की रिपोर्ट में क्या लिखेंगी, उस की अपनी रिपोर्ट की इंक रैंबो के पैन से निकलती थी.

‘थोड़ी ताजी हवा ले ली जाए,’ यह सोचते हुए वह औफिस से बाहर आ गई. उस के पास अकसर औफिस वालों के साथ शेयर करने के लिए कई सारी रसदार बातें हुआ करती थीं, लेकिन उस दिन वह अलग मूड में थी.

‘मैं अब काफी आगे बढ़ गई हूं. वे सब कैम्पेनशैम्पेन जो चलते रहते हैं अंदर, अब मुझे उन में शामिल होना शोभा नहीं देता,’ वह सोच रही थी.

उस के लिए पदोन्नति अकस्मात, अनचाहे ट्रांसफर की चिंताएं, ये सब पुरानी बातें हो गई थीं. औरों को बस काटना, उन का मजाक उड़ाना, बौस के कान में औरों की एकाएक पदावनति का कीड़ा डालना, या फिर मिल कर किसी एक के चक्कर दिलाने वाले पतन की कल्पना करना, ये सब बातें अब उसे थका देने वाली लगने लगी थीं.

आज बाहर निकल कर उस ने चैन की सांस ली थी. उसे बड़ा अच्छा लग रहा था. पास के एक कैफे में अर्ली लंच के लिए घुस गई. वेटर गोरखा था. उस के मुसकराते चेहरे की हर शिकन से गरमाहट रिस रही थी. और्डर लेने के बाद वह चला गया, बड़े हिचकिचाते हुए वह चारों ओर देखने लगी. लोगों की उस पर टिकी हुई नजरों को खोजना, यह उस का नया शौक बन गया था. वह सैलिब्रिटी जो बन गई थी शीला के कारण. लेकिन उस वक्त कैफे खाली था.

अचानक उसे पीछे से सरसराहट की आवाज आई, सिल्क साड़ी की सरसराहट, लेकिन उस ने उसे नजरअंदाज कर दिया. पर जब सिगरेट की हलकी, मिंट वाली बू उस तक पहुंची उस के बदन में जैसे बिजली सी दौड़ पड़ी. एक जानीपहचानी सी महक उस के नथुनों ने महसूस की. उस ने एक गहरी सांस ली. इस में कोई शक नहीं था कि जो सिगरेट फूंकने वाली महिला उस के पीछे बैठी थी, उस ने वही फरफ्यूम लगाया था जो उस की बहन का फेवरिट हुआ करता था.

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रोज सुबह तैयार होने के बाद, शीला शनैल नंबर फाइव की 5 बूंदें ठीक उनउन जगहों पर लगाती थी जहांजहां वह अपने चहेतों से चुंबन चाहती थी. प्रीति खयालों में खो गई. तभी किसी औरत के पहले जोर से हंसने और फिर बोलने की आवाज आई, ‘‘चाहे मेरे हजार टुकड़े कर के चारों तरफ बिखेर दिए जाएं, लेकिन मेरी बहन मुझे इगनोर करे, ऐसा कदापि न हो.’’

प्रीति से न रहा गया. उस ने  तेजी से पलट कर देखा. सामने बैठी थी सर्वांग सुंदर, मूर्तिनुमा, हवा में उठी 2 तिरछी उंगलियों में सिगरेट दबाए, रेशमी साड़ी पहने मुसकराती उस की बहन शीला. बड़े अंदाज से उस ने अपना सिर एक तरफ टेढ़ा किया हुआ था. वह (शीला) उसे अजीब नजरों से घूर रही थी. प्रीति को लगा मानो 2 छुरियों ने उसे पकड़ रखा है.

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