कहीं बांझपन का कारण न बन जाए मोबाइल

31 साल की कामकाजी महिला नीलम शादी के 3 वर्षों बाद भी बच्चा न होने से घबराई. वह डाक्टर के पास गई. शुरुआती जांच के बाद डाक्टर ने पाया कि सबकुछ ठीक है. सिर्फ औव्यूलेशन सही समय पर नहीं हो रहा है. उस की काउंसलिंग की गई, तो पता चला कि उस के मासिकधर्म का समय ठीक नहीं. इस की वजह जानने पर पता चला कि उस का कैरियर ही उस की इस समस्या की जड़ है. उस की चिंता और मूड स्विंग इतना ज्यादा था कि उसे नौर्मल होने में समय लगा और करीब एक साल के इलाज के बाद वह आईवीएफ द्वारा ही मां बन पाई.

आज की भागदौड़भरी जिंदगी में पूरे दिन का बड़ा भाग इंसान अपने मोबाइल फोन से चिपके हुए बिताता है. खासकर, आज के युवा पूरे दिन डिजिटल वर्ल्ड में व्यस्त रहते हैं. ऐसे में उन की शारीरिक अवस्था धीरेधीरे बिगड़ती जाती है, जिस में फर्टिलिटी की समस्या सब से अधिक दिखाई पड़ रही है.

वर्ल्ड औफ वूमन की फर्टिलिटी ऐक्सपर्ट डा. बंदिता सिन्हा का कहना है, ‘‘डिजिटल वर्ल्ड के आने से इस की लत सब से अधिक युवाओं को लगी है. वे दिनभर मोबाइल पर व्यस्त रहती हैं. 19 से 25 तक की युवतियां कुछ सुनना भी नहीं चाहतीं, मना करने पर वे विद्रोही हो जाती हैं. इस वजह से आज 5 में से एक लड़की को कोई न कोई स्त्रीरोग जनित समस्या है.’’

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mobile phone causing infertility

वे आगे बताती हैं, ‘‘25 साल की लड़की मेरे पास आई जो बहुत परेशान थी, क्योंकि उस का मासिकधर्म रुक चुका था. उसे नींद नहीं आती थी. वह पौलिसिस्टिक ओवेरियन डिजीज की शिकार थी. जिस में उस का वजन बढ़ने के साथसाथ, डिप्रैशन, मूड स्विंग और हार्मोनल समस्या थी. इसे ठीक करने में 2 साल का समय लगा. आज वह एक अच्छी जिंदगी जी रही है. लेकिन यही बीमारी अगर अधिक दिनों तक चलती, तो उसे फर्टिलिटी की समस्या हो सकती थी.’’

यह समस्या केवल महिलाओं में ही नहीं, पुरुषों में भी काफी है. इस बारे में मनिपाल फर्टिलिटी के चेयरमैन और यूरो एंड्रोलौजिस्ट डा. वासन एस एस बताते हैं, ‘‘वैज्ञानिकों ने सालों से इलैक्ट्रोमैग्नेटिक रैडिएशन (ईएमआर) का मानव शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में शोध किया है. यह हमारे आसपास के वातावरण और घरेलू उपकरणों ओवन, टीवी, लैपटौप, मैडिकल ऐक्सरे आदि सभी से कुछ न कुछ मात्रा में आता रहता है. लेकिन इन में सब से खतरनाक है हमारा मोबाइल फोन, जिसे इंसान ने आजकल अपने जीवन का खास अंग बना लिया है.

अध्ययन कहता है कि इलैक्ट्रोमैग्नेटिक के अधिक समय तक शरीर में प्रवेश करने से कैंसर, सिरदर्द और फर्टिलिटी की समस्या सब से अधिक होती है.’’

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गंभीर बीमारी की आहट

डा. वासन आगे बताते हैं, ‘‘ऐसा देखा गया है कि जिन पुरुषों ने अपने से आधे मीटर की दूरी पर सैलफोन रखा, उन के भी स्पर्मकाउंट पहले से कम हुए. इतना ही नहीं, 47 प्रतिशत लोग जिन्होंने मोबाइल फोन को अपनी पैंट की जेब में पूरे दिन रखा, उन का स्पर्मकाउंट अस्वाभाविक रूप से 11 प्रतिशत आम पुरुषों से कम था और यही कमी उन्हें धीरेधीरे इन्फर्टिलिटी की ओर ले जाती है.’’

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रिसर्च यह भी बताती है कि पूरे विश्व में 14 प्रतिशत मध्यम व उच्च आयवर्ग के कपल, जिन्होंने मोबाइल फोन का लगातार प्रयोग किया है, को गर्भधारण करने में मुश्किल आई. सैलफोन पुरुष और महिला दोनों के लिए समानरूप से घातक है.

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इस के आगे डा. वासन कहते हैं, ‘‘मोबाइल के इस्तेमाल से फर्टिलिटी के कम होने की वजह को ले कर भी कई मत हैं. कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि मोबाइल से निकले इलैक्ट्रोमैग्नेटिक रैडिएशन स्पर्म के चक्र को पूरा करने में बाधित करता है या यह डीएनए को कम कर देता है, जबकि दूसरे मानते हैं कि मोबाइल से निकले रैडिएशन द्वारा उपजी हीट से स्पर्मकाउंट कम होता जाता है. 30 से 40 प्रतिशत फर्टिलिटी के मामलों में अधिकतर पुरुषों में ही पुअर क्वालिटी का स्पर्म देखा गया, जो चिंता का विषय है.’’

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कोई भी व्यक्ति चौबीस घंटे चुस्त नहीं रह सकता है. रात में कम से कम आठ घंटे की नींद शरीर और दिमाग को ऊर्जावान बनाये रखने के लिए नितांत जरूरी है, मगर दिन में काम के दौरान महसूस होने वाली छोटी-छोटी नींद को भी हरगिज नजरअंदाज न करें. ये चंद मिनटों की झपकी शरीर और दिमाग को दुरुस्त रखने के लिए बेहद जरूरी है, जिसे पावर नैप कहते हैं. फ्रेश फील करने के लिए पावर नैप अति आवश्यक है. पावर नैप यानि दिन के वक्त दस मिनट से लेकर आधे घंटे तक की नींद, जो शरीर और दिमाग को कार्य करने के लिए पुन: ताजगी से भर देती है.

अक्सर औफिस में लंच के बाद आलस्य या नींद हावी हो जाती है. ऐसे में कुछ काम करते ही नहीं सूझता. बार-बार आंखें बंद हो जाती हैं. मन करता है कि कोई एकांत कोना मिल जाए जहां कुछ देर की झपकी ले जी जाये. इसी झपकी को वैज्ञानिक पावर नैप कहते हैं, जिसे ले लेना बहुत जरूरी है. इससे आपका काम बिल्कुल भी प्रभावित नहीं होता है, बल्कि पावर नैप लेने के बाद आप दुगनी ऊर्जा के साथ तेजी से अपना काम निपटा सकते हैं.

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पावर नैप कितनी देर

आपको फिर से तरोताजा करने वाली पावर नैप जरूरत के अनुसार 10 मिनट, 20 मिनट या फिर एक घंटा तक की हो सकती है. आदर्श पावर नैप बीस मिनट की मानी जाती है. लगातार 7 से 8 घंटे काम करने के बाद कुछ देर के लिए ली गई एक पॉवर नैप आपको दोबारा घंटों के लिए रिचार्ज कर देती है और आप बेहतर तरीके से काम कर पाते हैं. इंसान पूरे दिन में दो बार ऐसा महसूस करता है कि उसे नींद आ रही है. यह मानव शरीर का एक स्वाभाव है. आप चाहे भी तो इसे रोक नहीं सकते हैं. दिन में ली गई एक झपकी वास्तव में पूरी रात की नींद के बराबर आपको एनर्जी देती है. अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अनुसार 26 मिनट तक कौकपिट में सोने वाला पायलट बाकी पायलटों की तुलना में  54 प्रतिशत सतर्क और नौकरी के प्रदर्शन में 34 प्रतिशत ज्यादा बेहतर देखा गया है. नासा में नींद के विशेषज्ञों ने नैप के प्रभावों पर शोध करते हुए पाया कि नैप लेने से व्यक्ति के मूड, सतर्कता और प्रदर्शन में काफी सुधार होता है. दस मिनट की झपकी आपको पूरी रात की नींद जैसा फ्रेश महसूस करवा सकती है. आप 10 से 20 मिनट के बीच लिए गए पावर नैप से  बिना सोए रात भर की नींद जैसा फायदा उठा सकते हैं. खास बात यह है कि 10 मिनट की झपकी लेने से मांसपेशियों के बनने से लेकर याद्दाश्त तक मजबूत होने में सहायता मिलती है. दोपहर के वक्त लंच के बाद 20 से 30 मिनट की पावर नैप सबसे अच्छी है, मगर ज्यादा नींद आती हो तो भी एक घंटे से ज्यादा नहीं सोना चाहिए, वरना आपके शरीर की जैविक घड़ी प्रभावित हो जाएगी और रात की नींद में खलल पड़ेगा.

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नैप के लिए शान्त कोना ढूंढें

पावर-नैप से अधिकतम लाभ पाने के लिए, आपको एक शांतिपूर्ण, ठंडी और आरामदायक जगह ढूंढनी चाहिए, जहां दूसरे लोग आपको परेशान न करें. औफिस में कौन्फ्रेंस रूम का कोना हो या कार पार्किंग स्थल, दस से पंद्रह मिनट यहां खामोशी से आंख बंद करके बिताये जा सकते हैं. लगभग 30 प्रतिशत कौरपोरेट औफिस में लंच के बाद एम्प्लौइज को आधा घंटे का वक्त पावर नैप के लिए दिया जाता है. इससे उनके काम की गति और क्षमता में बढ़ोत्तरी होती है. अगर आप किसी स्कूल-कौलेज में पढ़ाते हैं, तो वहां की लाइब्रेरी इस काम के लिए सबसे बेहतर जगह है, जहां शांति और खाली जगह होती है.

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आप सड़क पर जा रहे हों और आपको झपकी लगी हो तो किसी पार्किंग स्थल पर कार खड़ी करके दस-पन्द्रह मिनट की झपकी ले लेनी चाहिए. अक्सर देखा गया है कि कार ड्राइव करने वाले लोग नींद आने पर तम्बाकू-गुटका आदि का सेवन नींद भगाने के लिए करते हैं, जो सेहत के लिए बहुत खतरनाक है. इससे बेहतर है कि नींद आने पर किसी सेफ जगह पर गाड़ी खड़ी करके झपकी मार ली जाए, इससे नींद तो भागती ही है, शरीर और दिमाग पहले से अधिक ऊर्जा महसूस करने लगते हैं.

कम रोशनी का स्थान चुनें

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पावर नैप लेते वक्त लाइट औफ कर दें. बेहतर हो कि आप कोई अंधेरा कमरा चुनें ताकि आंख बंद करते ही आपको नींद आ जाए. अंधेरा होने से आपकी आंखों की मांसपेशियों को आराम मिलेगा और दिमागी तनाव भी दूर होगा. यदि अंधेरा स्थान उपलब्ध न हो तो आप स्लीप-मास्क या धूप का चश्मा आंखों पर चढ़ा लें और आराम से सो जाएं. इसके अलावा जिस जगह आप पावर नैप लें वह स्थान बहुत गर्म या बहुत ठंडा नहीं होना चाहिए. आपकी नैपिंग आरामदायक हो, इसलिए एक शीतल लेकिन आरामदायक जगह तलाश करिये. ज्यादातर लोग 65 डिग्री फारेनहाइट या 18 डिग्री सेल्सियस के आसपास सबसे अच्छी नींद लेते हैं. यदि आपकी नैपिंग की जगह बहुत ठंडी है, तो एक कंबल रखें या आरामदायक जैकेट साथ रखें, जिसे पहन कर आप आराम महसूस करें. यदि आपकी नैपिंग की जगह बहुत गर्म है तो कमरे में एक पंखा रखने पर विचार करें.

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शांतिदायक संगीत सुनें

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रिलैक्सिंग म्यूजिक आपके दिमाग को सही स्थिति में ला सकता है. यदि आप अपनी कार में पावर नैप ले रहे  हैं, तो कोई हल्का संगीत लगा लें, इससे नींद अच्छी आती है. हल्की आवाज में वौकमैन पर भी हल्का म्यूजिक सुन सकते हैं. सिर्फ इन्ट्रूमेंटल म्यूजिक भी शरीर और दिमाग को तरोताजा करने में कारगर साबित होता है. अगर आप काम की वजह से ज्यादा तनाव में हैं और आंख बंद करने पर भी आपको नींद नहीं आती है तो कुछ मेडिटेशन करें. आंख बंद करके एक से सौ तक गिनती गिनें या कोई मनपसंद गीत गुनगुनाएं. इसके बाद आपको जल्द ही नींद आ जाएगी और जागने पर दिमाग तनावमुक्त महसूस होगा.

नैप की अवधि

आप खुद तय करें कि आप कितनी देर तक नैप लेना चाहते हैं. एक पावर नैप 10 से 30 मिनट के बीच का होना चाहिए. वैसे तो, छोटे और लंबे नैप्स भी विभिन्न लाभ प्रदान कर सकते हैं. आपका शरीर खुद आपको बता देगा कि आपको कितनी देर तक नैप लेनी है. बस उस समय-सीमा का पालन आप हर दिन समान रूप से करें. यदि आपके पास अधिक समय नहीं है, लेकिन आप इतनी नींद में हैं कि आप जो कुछ भी कर रहे हैं, उसे जारी नहीं रख पा रहे हैं, तो दो से पांच मिनट की नैप, जिसे “नैनो-नैप” कहा जाता है, आपको नींद से निपटने में मदद कर सकती है.

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पांच से बीस मिनट के लिए नैप आपकी सतर्कता, स्टैमिना, और मोटर-परफौर्मेंस बढ़ाने के लिए बहुत अच्छी होती है. इन नैप्स को “मिनी-नैप्स” के रूप में जाना जाता है. बीस मिनट की नींद बहुत आदर्श नैप मानी जाती है. एक पावर-नैप, मस्तिष्क को अपने शौर्ट-टर्म मेमोरी में एकत्रित अनावश्यक जानकारी से छुटकारा पाने में भी मदद करती है, और मसल-मेमोरी में भी सुधार लाती है. बीस मिनट की पावर नैप आपके नर्वस सिस्टेम में मौजूद इलेक्ट्रिकल सिग्नल्स, आपको अधिक आराम किया हुआ और सतर्क महसूस कराने के अलावा, आपके मसल-मेमोरी में शामिल न्यूरौन्स के बीच के संबंध को भी मजबूत करता है, जिससे आपका मस्तिष्क तेजी से और अधिक सटीक तरीके से काम करने लगता है. यदि आप बहुत से महत्वपूर्ण तथ्यों को याद करने की कोशिश कर रहे हैं, उदाहरणस्वरूप किसी परीक्षा के लिए, तो पावर-नैप लेना विशेष रूप से उपयोगी हो सकता है.

पावर नैप से पहले कौफी पियें

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यह बात अजीब लग सकती है क्योंकि कौफी का इस्तेमाल नींद को दूर भगाने के लिए किया जाता है. परन्तु बीस मिनट की पावर नैप लेने से पहले अगर आप कौफी का एक प्याला पी लेते हैं तो यह कौफी आपके शरीर में तुरंत अवशोषित नहीं होती है. कौफी पहले आहार नाल से गुजरती है और फिर शरीर में अवशोषित होने में उसे 45 मिनट का वक्त लगता है. इस दौरान आप बीस-पच्चीस मिनट की पावर नैप ले लें तो जागने के बाद शरीर में मौजूद कौफी आपको और ज्यादा ताजगी से भर देगी और आप दुगनी ऊर्जा के साथ अपने काम का संचालन कर सकते हैं. इस प्रयोग से आप 7 से 8 घंटे तक बिना रुके काम कर सकते हैं.

किचन चमकानेे के 6 खास टिप्स

आप अपना अधिकतर समय अपने किचन को बेहतर बनाने और उसकी साज-सज्जा में बीता देती है. पर सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि किचन को सजाने में आप होम डेकोर की चीजें इस्तेमाल न करें. आइए आज आपको बताते हैं, आप अपने किचन को कैसे सजाएं.

  1. डिज़ाइनर डिनर सेट्स किचन को सजाने में काफी मददगार हैं. ब्रांडेड कंपनियों के सेट इस्तेमाल करें. यदि आपकी किचन का कोई विशेष कलर थीम नहीं है तो दीवारों के कलर से विपरीत कलर के सेट्स लें. इन्हें बेहतरीन तरीके से सजाएं.
  2. आपके किचन में विजिटर्स का ध्यान सबसे ज्यादा किचन वेयर्स पर जाता है जैसे कि कप, प्याले, सौसर और प्लेट्स आदि. सामान्य डिज़ाइन के बजाय इनकी कुछ अनूठी डिज़ाइन लेकर आए और लोगों का ध्यान आकर्षित कर सकती हैं.
  3. स्टोरेज कंटेनर्स ऐसे जार इस्तेमाल ना करें जो कि अन्य चीजों के साथ आते हैं. अलग-अलग आकार और डिज़ाइन के जार काम में लें. इससे किचन ज्यादा व्यवस्थित लगेगा. स्पाइस जार इसका शानदार उदाहरण हैं.

सेंटर टेबल से दें अपने घर को न्यू लुक

  1. हर अच्छी लगने वाली चीज खरीदने के बजाय कोई थीम निर्धारित करें. उस थीम और कलर के अनुसार चीजें खरीदें. इससे कम समय में ही आपका किचन अच्छा लगने लगेगा. अपने किचन को चमकाने का ये एक रचनात्मक तरीका है.
  2. दीवारों का कलर आपका किचन लाइट कलर से ज्यादा आकर्षक लगेगा. इससे जगह ज्यादा लगेगी. यदि आपको लगता है कि दीवारें जल्दी गंदी हो रही हैं तो वाशेबल पेंट का इस्तेमाल करें. यदि आपकी कोई कलर थीम है तो इसके अनुसार प्लान करें.
  3. किचन का फर्नीचर और अलमारियां खरीदने से पहले थोड़ी रिसर्च करें. आपके किचन के अनुसार जो सूट करे वो खरीदें. अलमारी या सन्दूक जो आप खरीदें उसमें सामान रखने की पूरी जगह हो, ताकि किचन बिखरा सा ना लगे. ये किचन को चमकाने का एक क्रिएटिव आइडिया है.

कैसा हो बच्चे का कमरा

गरमी में इन टिप्स से घर पर बनाएं मैंगो आइस्क्रीम

तेज गरमी के साथ फलों का राजा आम की भी खरीददारी बढ़ जाती है. सभी को आम बहुत पसंद आता चाहे वह काटकर खाओ या शेक बनाकर पीयो, लेकिन अगर आम वाली आइस्क्रीम खानी हो तो हम मार्केट से खरीदकर ले आते हैं. इसीलिए आज हम आपको घर पर मैंगो आइस्क्रीम कैसे बनाएं, इसकी रेसिपी बताएंगे. को गरमी में

सामग्री

चार पके हुए आम

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500 ग्राम आइसक्रीम मिक्स

दो गिलास दूध

बनाने का तरीका

– मैंगो आइसक्रीम बनाने के लिए सबसे पहले आमों को धोकर काट लें और उनका गूदा एक बर्तन में निकाल लें.

– आम के गूदे को अच्छी तरह पीस लें.

– इसके बाद मीडियम आंच में एक पैन में दूध डालकर उबालने के लिए रखें.

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– एक उबाल आते ही इसमें आइसक्रीम मिक्स मिलाकर 10 से 15 मिनट तक पकाएं. और आंच बंद कर दें मिश्रण को ठंडा कर लें.

– जब मिश्रण ठंडा हो जाए तो इसमें आम का पेस्ट डालकर मिला लें.

– तैयार पेस्ट को आइसक्रीम जमाने के बर्तन में डालकर फ्रीजर में 2-3 घंटे जमने के लिए रख दें.

– और फिर स्कूप से मैंगो आइसक्रीम का लुत्फ उठाएं और आप चाहें तो मैंगो आइसक्रीम को वनीला आइसक्रीम के साथ भी सर्व कर सकते हैं या खा सकते हैं.

बहार: भाग 3- क्या पति की शराब की लत छुड़ाने में कामयाब हो पाई संगीता

लेखिका- रिचा बर्नवाल

पार्क में आरती ने संगीता को कुछ ऐक्सरसाइजें सिखाईं. लौटने के समय संगीता बहुत खुश थी.

‘‘मम्मी, शादी के बाद से मेरा वजन लगातार बढ़ता जा रहा है. क्या व्यायाम से मैं पतली हो जाऊंगी,’’ आंखों में आशा की चमक ला कर संगीता ने अपनी सास से पूछा.

‘‘इन के अलावा वजन कम करने का और क्या तरीका होगा? पर एक समस्या है,’’ आरती की आंखों में उलझन  के भाव पैदा हुए.

‘‘कैसी समस्या?’’

‘‘सुबह पार्क में आने की.’’

‘‘मैं जल्दी उठ जाया करूंगी.’’

अचानक आरती ताली बजाती हुई बोलीं, ‘‘मैं तुम्हारे ससुर को जोश दिलाती हूं कि वे

रवि को नाश्ते की चीजें बनाना सिखाएं. उन दोनों को रसोई में उलझ कर हम पार्क चली आया करेंगी.’’

‘‘बिलकुल ऐसा ही करेंगे, मम्मी. आम के आम और गुठलियों के दाम. मेरा वजन भी कम होने लगेगा और नाश्ता भी बनाबनाया मिल जाएगा,’’ संगीता प्रसन्न नजर आने लगी.

उधर रसोई में रमाकांत अपने बेटे को समझ रहे थे, ‘‘रवि, मैं ने कुछ चीजें तेरी मां

से बनानी सीखीं क्योंकि अब उस की तबीयत ज्यादा ठीक नहीं रहती. मैं ने देखा है कि तू भी अधिकतर डबलरोटी मक्खन खा कर औफिस जाता है. मैं तुझे ये 5-7 चीजें बनानी सिखा देता हूं. ढंग का नाश्ता घर में बनने लगेगा, तो तेरा और बहू दोनों का फायदा होगा.’’

‘‘पोहा बनाने में आप की सहायता करना मुझे अच्छा लगा, पापा. आप मुझे बाकी की चीजें भी जरूर सिखाना,’’ रवि खुश नजर आ रहा था.

‘‘अब ब्रश कर के आ. फिर हम दोनों साथ बैठ कर नाश्ता करेंगे.’’

‘‘मम्मी और संगीता के आने का इंतजार नहीं करेंगे क्या?’’

‘‘अरे, तेरी बहू जितनी ज्यादा देर घूमे अच्छा है. अपनी मां के साथ उसे रोज पार्क भेज दिया कर. उस का बढ़ता मोटापा उस की सेहत के लिए ठीक नहीं है.’’

रमाकांत की यह सलाह रवि के मन में बैठ गई. उस दिन ही नहीं बल्कि रोज उस ने सुबह उठ कर अपने पिता के मार्गदर्शन में कई नईर् चीजें नाश्ते में बनानी सीखीं.

आरती और संगीता रसोई में आतीं, तो बापबेटा उन्हें फौरन बाहर कर देते. तब आरती अपनी बहू को पार्क में ले जाती.

वहां से सैर और व्यायाम कर के दोनों लौटतीं, तो उन्हें नाश्ता तैयार मिलता. सब बैठ कर नाश्ते की खूबियों व कमियों पर बड़े उत्साह से चर्चा करते. सुबह की शुरुआत अच्छी होने से बाकी का दिन अच्छा गुजरने की संभावना बढ़ जाती.

संगीता अपने सासससुर के आने से अब सचमुच बड़ी प्रसन्न थी. सास के द्वारा काम में मदद करने से उसे बड़ी राहत मिलती. बहुत कुछ नया सीखने को मिला उसे आरती से.

रवि का मन बहुत होता अपने दोस्तों के साथ शराब पीने का, पर हिम्मत नहीं पड़ती. अपनी खराब लत के कारण वह अपने मातापिता को लड़तेझगड़ते नहीं देखना चाहता था.

धीरेधीरे शराब पीने की तलब उठनी बंद हो

गई उस के मन में. उस में आए इस बदलाव के कारण संगीता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

सप्ताहभर तक नियमित रूप से पार्क जाने का परिणाम यह निकला कि संगीता के पेट का माप पूरा 1 इंच कम हो गया. उस ने यह खबर बड़े खुश अंदाज में सब को सुनाई.

‘‘आज पार्टी होगी मेरी बहू की इस सफलता की खुशी में और सारी चीजें संगीता और मैं घर में बनाएंगे,’’ आरती की इस घोषणा का बाकी तीनों ने तालियां बजा कर स्वागत किया.

उस रविवार के दिन के भोजन में मटरपनीर, दहीभल्ले, बैगन का भरता, सलाद, परांठे और मेवों से भरी खीर सबकुछ संगीता और आरती ने मिल कर तैयार किया.

खाना इतना स्वादिष्ठ बना था कि सभी उंगलियां चाटते रह गए. आरती ने इस का बड़ा श्रेय संगीता को दिया, तो वह फूली न समाई.

‘‘मैं कहता हूं कि किसी होटल में क्व2 हजार रुपए खर्च कर के भी ऐसा शानदार खाना नसीब नहीं हो सकता,’’ रवि ने संतुष्टि भरी डकार लेने के बाद घोषणा करी.

‘‘चाहे वह स्वादिष्ठ खाना हो या दिल को गुदगुदाने वाली खुशियां, इन्हें घर से बाहर ढूंढ़ना मूर्खता है,’’ बोलते

हुए आरती की आंखों में अचानक आंसू छलक आए.

‘‘मम्मी, आप की आंखों में आंसू क्यों आए हैं?’’ रवि

ने अपनी मां का कंधा छू कर भावुक लहजे में पूछा.

‘‘हम से कोई गलती हो गई क्या?’’ संगीता एकदम घबरा उठी.

‘‘नहीं, बहू,’’ आरती ने उस का गाल प्यार से थपथपाया, ‘‘सब को एकसाथ इतना खुश देख कर आंखें भर आईं.’’

‘‘यह तो आप दोनों के आने का आशीर्वाद है मम्मी,’’ संगीता ने उन का हाथ पकड़ कर प्यार से अपने गाल पर रख लिया.

रमाकांत ने गहरी सांस छोड़ कर कहा, ‘‘आज शाम को हम वापस जा रहे हैं. शायद इसीलिए पलकें नम हो उठीं.’’

‘‘यों अचानक जाने का फैसला क्यों कर लिया आप ने?’’ रवि ने उलझन भरे स्वर में पूछा.

‘‘नहीं, आप दोनों को मैं बिलकुल नहीं जाने दूंगी,’’ संगीता ने भरे गले से अपने दिल की इच्छा जाहिर करी.

‘‘हम दोनों तो आज के दिन ही लौटने का कार्यक्रम बना कर आए थे, बहू. तेरे जेठजेठानी व दोनों भतीजे बड़ी बेसब्री से हमारी प्रतीक्षा कर रहे हैं,’’ आरती ने मुसकराने की कोशिश करी, पर जब सफल नहीं हुईं तो उन्होंने संगीता को गले लगा लिया.

संगीता एकाएक सुबकने लगी. रवि की आंखों में भी आंसू ?िलमिलाने लगे.

‘‘मम्मीपापा, आप दोनों अभी मत जाइए. मेरे घर में आई खुशियों की बहार कहीं आप

दोनों के जाने से खो न जाए,’’ रवि उदास नजर आने लगा.

रमाकांत ने उस का माथा चूम कर समझया, ‘‘बेटा, अपने घर की

खुशियों, सुखशांति और मन के संतोष के लिए किसी पर भी निर्भर मत रहना. तुम दोनों समझदारी से काम लोगे, तो यह घर हमारे जाने के बाद भी खुशियों से महकता रहेगा.’’

‘‘बस, सदा हमारी एक ही बात याद रखो तुम दोनों,’’ आरती उन दोनों से प्यारभरे स्वर में बोलीं.

‘‘आपसी मनमुटाव से दिलोदिमाग पर बहुत सा कूड़ाकचड़ा जमा हो जाता है. इंसान को प्यार करने व लड़नेझगड़ने दोनों के लिए ऊर्जा खर्चनी पड़ती है. तुम दोनों चाहे लड़ो चाहे प्यार करो, पर सदा ध्यान रखना कि ऊर्जा के बहाव में दिलोदिमाग पर जमा वह कूड़ाकचरा जरूर बह जाए. बीते पलों की यादों को फालतू ढोने से इंसान कभी भी नए और ताजे जीवन का आनंद नहीं ले पाता.’’

रवि और संगीता ने उन की बात बड़े ध्यान से सुनी. जब उन दोनों की नजरें आपस में मिलीं, तो दोनों के दिलों में एकदूसरे के लिए प्र्रेम की ऊंची लहर उठी.

‘‘आप अगली बार आएंगे, तो मुझे पूरी तरह बदला हुआ पाएंगे,’’ संगीता ने फौरन अपने सासससुर से मजबूत स्वर में वादा किया

‘‘हमारी आंखें खोलने के लिए आप दोनों को धन्यवाद,’’ कह रवि ने अपने मातापिता के हाथों को चूमा.

‘‘मिल कर अपने बच्चों का शुभ सोचना हमारी एकमात्र इच्छा है. हमारे लड़नेझगड़ने को तो तुम दोनों नाटक समझना,’’ आरती बोलीं.

आरती के इस बचन को सुना कर रमाकांत रहस्यमयी अंदाज में मुसकराने लगे.

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Video: जब कपिल के शो में वरुण धवन ने बांधे इस एक्टर के जूतों के फीते

हाल ही में टीवी के पौपुलर कामेडी शो द कपिल शर्मा के सेट पर फिल्म कलंक की टीम प्रमोशन के लिए पहुंचीं थी. इस एपिसोड में वरुण धवन, आलिया भट्ट, सोनाक्षी सिन्हा और आदित्य रौय कपूर नजर आए. सेट पर मस्ती भरा माहौल था. इसी बीच कुछ ऐसा हुआ कि सभी हैरान हो गए.

वरुण ने की कृष्णा की मसाज…

सपना बने कृष्णा अभिषेक जब अपना मसाज वाला कौमिक आइटम ले कर आए तो वरुण धवन ने उनकी मसाज की, वह भी ऐसी कि कृष्णा जिंदगीभर याद रखेंगे. इस सब में वरुण के कपड़े खराब हो गए थे इसलिए वे थोड़ी देर के लिए कपड़े बदलने चले गए थे. जब वे वापस आए तो आदित्य ने कहा कि वरुण ने कपड़े बदले हैं तो वे कुछ तो बदलेंगे ही और उन्होंने जूते बदलने का फैसला लिया.

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सेट पर मंगवाए जूते…

सेट पर दूसरे जूते मंगवाए गए. अचंभे की बात तो तब हुई जब सोफे पर बैठे आदित्य के जूते के फीते वरुण ने बांधे. वे जमीन पर बैठे और एक दोस्त की तरह आदित्य को जूता पहनने में मदद की. कपिल शर्मा ने वरुण के इस कदम की खूब सराहना की. ये वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है.

Edited by- Nisha Rai

शादी की खबरों पर मलाइका ने तोड़ी चुप्पी, कही ये बात

कई दिनों से बौलीवुड में ये खबरें वायरल हो रही थी कि मलाइका अरोड़ा और अर्जुन कपूर जल्द ही शादी करने वाले हैं. लेकिन अब मलाइका ने इन खबरों पर चुप्पी तोड़ दी है. और अपनी शादी के प्लांस को लेकर भी अहम खुलासा किया है.

अभी नहीं कर रही शादी…

एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत करते हुए मलाइका अरोड़ा ने बताया- ‘‘इन बेवकुफाना खबरों में कोई सच्चाई नहीं है. मैं शादी नही कर रही हूं.’’

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गोवा में थी शादी की खबरें…

चर्चा थी कि मलाइका अरोड़ा व अर्जुन कपूर 18 से 22 अप्रैल के बीच गोवा में कैथोलिक रीति रिवाज से शादी करने वाले है. और इन दोेनों के रिश्तेदार इन तारीखों में गोवा पहुंचने की तैयारी कर रहे हैं. इसके अलावा कुछ दिन पहले जब मलाइका अरोड़ा व अर्जुन कपूर मालदीव गए थे, तब चर्चा हुई थी कि यह दोनों की बैचलर पार्टी का हिस्सा है.

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Aye aye captain …… I see u #throwbackthursday ….. #seriouswithdrawlsymptoms #takemebacktomaldives @niyamamaldives

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आलिया और वरुण ने भी किया शादी की खबरों से इंकार…

मलाइका से पहले आलिया भट्ट और वरुण धवन की भी शादी की खबर वायरल हुई थी. दरअसल 2019 की शुरूआत के साथ ही बौलीवुड में चर्चाएं हो रही थीं कि अप्रैल महीने तक आलिया भट्ट  -रणबीर कपूर और वरूण धवन-नताशा दलाल शादी के बंधन में बंध जाएंगे. मगर कुछ दिन पहले ही आलिया और वरूण ने अपनी फिल्म कलंक के प्रमोशन के दौरान शादी की खबरों का खंडन कर दिया और ये साफ कह दिया कि वो अभी शादी नहीं कर रहे हैं.

Edited by- Nisha Rai

जलियांवाला बाग पर बनेगी फिल्म, 100वीं वर्षगांठ पर ऐलान

इंडियन फिल्ममेकरों ने समय-समय पर आजादी, पौराणिक कथाओं के साथ-साथ इतिहास के कई पन्नों को सिनेमा के जरिए से पेश कर भारतीय इतिहास को गौरवान्वित करने के साथ ही देशवासियों को भी शिक्षित भी किया है. ऐसे में फिल्ममेकर सौ साल पहले घटी विनाशकारी और दर्दनाक घटना को कैसे भुला सकते हैं.

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‘‘लंदन ड्रीम्स’’ जैसी फिल्म के निर्माताओं ने 13 अप्रैल 2019 को मुंबई में तमाम फिल्म कर्मियों व पत्रकारों की मौजूदगी में फिल्म ‘‘जलियांवाला बाग’’के निर्माण की घोषणा की. उससे पहले सरबजीत ‘बोनी’ दुग्गल, विनीता मेनन, केशव पनेरी, हरीश कोहली ने पत्रकारों से बात की. कार्यक्रम की शुरूआत अरदास से की गयी. जिसमें जलियां वाला बाग नरसंहार में शहीद हुए सभी लोगो को श्रद्धांजलि दी गयी.

JALIAYAN-WALA-BAGH-

भारतीय इतिहास में ‘जलियांवाला बाग’ नरसंहार हिंसा के अति क्रूर राजनीतिक कृत्य के रूप में चित्रित है. ‘जलियांवाला बाग’ नरसंहार ऐसी घटना है, जो देशभक्ति की भावना को प्रज्वलित करती है. यह भारतीय इतिहास का एक काला अध्याय है.

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अरदास के कार्यक्रम के बाद ‘टर्बन फिल्म’ के तहत सरबजीत ‘बोनी’ दुग्गल और उनकी बेटी विनीता मेनन इसी काले अध्याय पर ‘‘जलियांवाला बाग’नामक फिल्म का निर्माण की घोषणा की. इस फिल्म में स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े हजारों निर्दोष स्त्री व पुरूषों की हत्या की त्रासदी के साथ उनके बलिदान को भी दिखाया जाएगा.

Edited by- Rosy

न्यूडिटी और इंटिमेट सीन्स को गलत नहीं मानतीं- श्वेता

चाइल्ड एक्ट्रेस के रूप में फिल्म ‘मकड़ी’ और सीरियल कहानी घर-घर की से शोहरत बटोर चुकी एक्ट्रेस श्वेता बासु की फिल्म ‘ताशकंद फाइल्स’ रिलीज हो चुकी है, जिसमें उन्होंने एक जर्नलिस्ट का रोल निभाया है. आइए उनसे जानते है इस फिल्म से जुड़े कुछ रोचक किस्से…

फिल्म ताशकंदकी ख़ास बात क्या थी, जिसे करने के लिए लिए आप तैयार हुई?

इसमें मैंने एक जर्नलिस्ट का रोल निभाया है और मुझे ख़ुशी है कि मैंने मास मीडिया में पढ़ाई की है. इसलिए इस रोल को निभाना आसान था. इसमें मैंने एक ईमानदार जर्नलिस्ट की भूमिका निभाई है.

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रियल लाइफ में आप कैसी है?

मैनें जर्नलिस्ट का रोल बहुत स्ट्रौंग निभाया है, जबकि रियल लाइफ में मैं बहुत शांत और खुश रहना पसंद करती हूं. इसके अलावा मैंने एक डाक्युमेंट्री बनायी है. एक दो कौलम भी लिखती हूं.

क्या एक्टिंग आपके लिए इत्तेफाक था या बचपन से ही सोचा था?

मैं पैदा जमशेदपुर में हुई थी, लेकिन जब 5 साल की थी तब मुंबई आ गयी थी. मैंने 2 हिंदी फिल्में ‘मकडी’ और ‘इकबाल’ की थी. फिल्म मकड़ी के लिए मुझे राष्ट्रीय पुरस्कार मिला. इसके बाद मेरे माता-पिता चाहते थे कि मैं ग्रेजुएशन पूरा कर फिल्मों में काम करूं और मैंने वैसा ही किया.

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फिल्मों में आने की प्रेरणा कहां से मिली?

मेरे पिता का खुद का थिएटर ग्रुप था. वहां मैंने थिएटर कभी नहीं किया, लेकिन माहौल को मैंने देखा है. इत्तेफाक से फिल्म मकड़ी, इक़बाल और अब ताशकंद फाइल्स.

आपने टीवी, वेब और फिल्मों में काम किया है, इनमें में कितना फर्क महसूस करती है?

एक कलाकार का काम एक्शन और कट के बीच में होता है. चाहे वह टीवी, वेब सीरीज हो या फीचर फिल्म किसी के लिए क्यों न हो. काम वही करना पड़ता है. इसलिए माध्यम कुछ भी हो, एक्टिंग में कोई फर्क नहीं पड़ता. एक मिनट के अंदर आप कितना भी सौ प्रतिशत अभिनय दे सकते है, वही सबकुछ होता है.

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क्या पहले की मीडिया और आज की मीडिया में अंतर को आप मानती है? अगर हुआ भी है तो इससे कैसे निपटना चाहिए?

झूठ कहना और लिखना बहुत आसान होता है, लेकिन सच को लिखना बहुत मुश्किल होता है. मीडिया अब पहले जैसी नहीं रही, क्योंकि सच कोई सुनना नहीं चाहता. उन्हें जो आसानी से मिल जाए, उसे ही सुनते है, ऐसे में अगर कोई बाहर निकलकर उसकी सच्चाई को परखे, तो अच्छा होगा. आज लोग एफर्ट नहीं लगाते.

यहां तक पहुंचने में आपके परिवार का सहयोग आपको कितना मिला?

फिल्म ‘मकड़ी’ की सफलता के बाद मैंने कई बड़ी पिक्चरों को ना कह दिया था, ताकि मैं माता-पिता के कहे अनुसार अपनी पढ़ाई पूरी कर सकूं. उन्होंने मेरी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ दोनों में बहुत सहयोग दिया है. मेरे पति और सास-ससुर भी मुझे बहुत प्रोत्साहन देते रहते है.

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परिवार के साथ काम को बैलेंस कैसे करती है?

कोई मुश्किल नहीं होती, फिल्मों का काम लगातार नहीं होता, बीच-बीच में ब्रेक होता है ऐसे में परिवार के साथ सामंजस्य में कोई समस्या नहीं आती. आज शादी किसी भी एक्ट्रेस के लिए कोई प्रौब्लम नहीं.

न्यूडिटी और इंटिमेट सीन्स को करने में आप कितनी सहज होती है?

विदेश की फिल्मों में भी न्यूडिटी और इंटिमेट सीन्स होते है. देखना ये पड़ता है कि उसे आप पर्दे पर कैसे दर्शाते है. वल्गैरिटी उसमें कितनी है. पहले की पेंटिंग्स में कितनी खूबसूरत तरीके से इंटिमेट सीन्स को दिखाया जाता रहा है, जिसमें प्यार का एहसास होता है. इसलिए जितना एस्थेटिक तरीके से आप ऐसे सीन्स को दिखायेंगे, उतना ही अच्छा प्रभाव समाज पर सकारात्मक होगा. मैं न्यूडिटी और इंटिमेट सीन्स को गलत नहीं कहती.

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आपके ड्रीम प्रोजेक्ट क्या है?

कोई ड्रीम नहीं है. मुझे पुरानी फिल्में बहुत अच्छी लगती है, लेकिन आज के दर्शकों का टेस्ट बदल चुका है. वे अपने आस-पास की फिल्मों को देखना चाहते है. हर तरह के कलाकार को आज काम मिल रहा है. इस तरह जैसी मांग होगी, वैसी फिल्में बनेंगी. मैं हर तरह की फिल्में करने की इच्छा रखती हूं. मैं देविका रानी के उपर बायोपिक करना चाहती हूं, क्योंकि वह इंडस्ट्री की पहली सुपर स्टार थी. उन्होंने साल 1930 में फेमिनिज्म पर तब बात की थी, जिसकी आज हम करते है. इसके अलावा मैं फिर से मृनाल सेन और रितुपर्न घोष को इंडस्ट्री में देखना चाहती हूं.

समय मिले तो क्या करती है?

मुझे खाना बनाना बहुत पसंद है. मैं हर तरह का खाना बना लेती हूं. बांग्ला भोजन मुझे बहुत अच्छा लगता है. मेरे पति मारवाड़ी है उनके लिए मैं गट्टे की कड़ी भी बना लेती हूं. इसके अलावा मैं किताबें बहुत पढ़ती हूं. साल में 30 से 40 किताबें पढ़ लेती हूं. फिल्म्स देखती हूं और सितार बजाती हूं.

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कितनी फैशनेबल है?

मुझे फैशन बहुत पसंद है. मैं बालों से लेकर नाख़ून तक सुंदर रखती हूं. मेकअप मैं खुद करती हूं. फैशन जो आरामदायक हो, उसे करती हूं. कपड़ों से ही व्यक्ति के व्यक्तित्व का पता चलता है. हर यूथ को ये बात समझने की जरुरत है.

तनाव होने पर क्या करती है?

नकारात्मक बातें आती रहती है. उसे पढ़ने में मुझे अच्छा लगता है, क्योंकि वे अपनी राय मेरे लिए देते है और ये सही है. इसलिए मुझे तनाव अधिक नहीं होता.

Edited by- Rosy

सब्‍जी के छिलके से लाएं अपने चेहरे पर निखार

आप अपने चेहरे को निखारने के लिए घरेलू चीजों और कई तरह के चीजों का इस्तेमाल करती हैं. पर आज हम आपको सबसे आसान और सस्ता तरीका बता रहे हैं, जिससे आप आसानी से  कर सकती हैं. जी हां, आप अपने चेहरे पर निखार लाने के लिए सब्‍जियों के छिलके का इस्तेमाल कर सकती हैं. तो चलिए जानते हैं आप कैसे इन छिलकों का इस्तेमाल करें.

  1. आलू: आलू को छिलकों को चेहरे पर लगाने से धब्‍बे, झाईयां आदि की समस्‍या दूर हो जाती है. अगर चेहरे पर बहुत दाने होते हैं तो उसमें भी आराम मिलता है.
  2. खीरे के स्‍लाइस काटकर आंखों पर रखने से आंखों को ताजगी मिलती है और सारी थकान उतर जाती है. चेहरे पर खीरे के छिलकों को 15 मिनट तक लगाकर रखने और इसके बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें. इससे आपके चेहरे पर निखार आएगा.

कैसे चुनें बैस्ट ब्यूटी प्रोडक्ट्स

3. टमाटर: टमाटर मौजूद एंटीऑक्‍सीडेंट त्‍वचा को स्‍वस्‍थ बनाते हैं. इसके छिलके से चेहरे की मसाज करने से चेहरा दमकने लगता है.

4. नींबू: नींबू का रस और उसका छिलका दोनों ही फायदेमंद होता है.गाजर: गाजर को मिक्‍सी में पीस लें और उस लेप को चेहरे पर लगा लें. इससे चेहरे की गंदगी निकल जाती है. गाजर में विटामिन सी होता है जो चेहरे को साफ-सुथरा और दमकदार बना देता है.

5. चुकंदर: चुकंदर का रस या चुकंदर को पीसकर चेहरे पर लगाने से चेहरे के डार्क स्‍पौट सही हो जाते हैं और स्‍कीन टोन भी सही हो जाती है.

6. करेला: करेला सिर्फ स्‍वाद में कड़वा होता है लेकिन उसके गुण बहुत होते हैं. इसे पीसकर लगाने से चेहरे पर संक्रमण या दाने आदि की समस्‍या दूर हो जाती है. साथ ही चेहरे की त्‍वचा में कसाव हो जाता है.

हेयर केयर और हेयर स्टाइलिंग टिप्स

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