सैक्स शिक्षा युवाओं के लिए जरूरी

दिया की उम्र महज 20 साल है. वह अविवाहित है, लेकिन कैसे गर्भवती हो गई, दिया के मातापिता की समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर उन से कहां कमी रह गई? क्या दिया की परवरिश में कहीं कोई कमी रह गई थी? क्या वे अपनी जवान हो रही बेटी की हरकतों पर समय की कमी के चलते ध्यान नहीं दे पाए?

दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक अच्छे कालेज में पढ़ने वाली दिया के मातापिता को जब उस के गर्भवती होने की बात पता चली तो वे सन्न रह गए. उन्होंने तुरंत सामान पैक किया और दिया को ले कर दिल्ली से बाहर दूसरे शहर चले गए, ताकि बात आसपड़ोस या फिर रिश्तेदारों में न फैले. शहर के बाहर उस के पिता ने किसी अच्छे डाक्टर से उस का गर्भपात कराया और कुछ समय तक वहीं होटल में रहे. बाद में उसे दिल्ली वापस ले आए.

यह उदाहरण सिर्फ  दिया का ही नहीं है, बदलते समय के साथसाथ यंगस्टर्स की सोच में काफी बदलाव आया है, पश्चिमी सभ्यता उन के सिर चढ़ कर बोल रही है. उम्र का यह दौर ऐसा होता है कि अगर मातापिता बच्चों को कुछ समझाएं तो उन्हें समझ नहीं आता. उन्हें पूरी दुनिया गलत नजर आती है.

एक अनुमान के मुताबिक, भारत की मैट्रो सिटीज से ले कर गांवों तक 25 से 30 फीसदी युवतियां किसी न किसी कारण गर्भपात कराती हैं. ये आंकड़े 25 साल से कम उम्र की युवतियों के हैं. अधकचरी जानकारी में टीनऐज में गर्भपात के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. सरकारी संस्था नैशनल सैंपल सर्वे औफिस के आंकड़ों पर गौर करें तो ग्रामीण क्षेत्रों में 20 साल से कम उम्र की युवतियों में गर्भपात का प्रतिशत मात्र 0.7 है, जबकि शहरों में यह 14त्न है.

युवती की बढ़ जाती हैं मुश्किलें

अविवाहिता जब संबंध बनाती है तब क्या सही और क्या गलत है, इस का खयाल तक उस के दिमाग में नहीं आता. तब मन गहरे समंदर में प्यार के गोते लगाता है. इस के दुष्परिणाम तब सामने आते हैं जब कम उम्र में युवती गर्भवती हो जाती है. इस उम्र में न तो प्रेमी शादी के लिए तैयार होता है और न ही प्रेमिका. लिहाजा, दोनों के सामने बस एक ही रास्ता होता है और वह है गर्भपात.

जब यह बात घर वालों को पता चलती है तो पूरे घर में बवंडर आ जाता है जो लाजिमी है, लेकिन इस गलती का युवती को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. उसे न केवल गर्भपात जैसे जटिल दौर से गुजरना पड़ता है बल्कि कई तरह की मानसिक परेशानियों से भी दोचार होना पड़ता है. प्रेमी के बदलते रवैए और घर वालों के तानों से पीडि़ता डिप्रैशन में चली जाती है जबकि कई मामलों में युवती ऐसे हालात में मौत को भी गले लगा लेती है.

कौन है जिम्मेदार

देश में अब टीनऐजर्स के लिए गर्भपात कोई नई बात नहीं है. युवा पहले शादी फिर सैक्स जैसी बातों को अब दकियानूसी मानते हैं और इस की वजह है उन्हें आसानी से सबकुछ उपलब्ध हो जाना, ऐसे में वे क्यों शादी का इंतजार करें और जिम्मेदारियों के बोझ तले दब जाएं.

इस के पीछे मुख्य कारण एकल परिवार भी है, जहां मातापिता दोनों कामकाजी हैं. ऐसे में वे बच्चों पर ज्यादा निगरानी नहीं रख पाते. बच्चे अकेले टीवी पर क्या देख रहे हैं या फोन पर क्या डाउनलोड कर रहे हैं, ये सब देखने की उन्हें फुरसत ही नहीं है. आजकल टीवी और इंटरनैट के माध्यम से सब चीजें उपलब्ध हैं, जिस के दुष्परिणाम आगे चल कर हमारे सामने गर्भपात के रूप में आते हैं.

प्रेमी का व्यवहार भी है इस की वजह

प्यार की शुरुआत में तो सबकुछ अच्छा लगता है और कई बार युवती इस उम्मीद में रिश्ता भी बना लेती है कि उस की प्रेमी से शादी हो जाएगी, लेकिन जब वह गर्भ ठहरने की बात प्रेमी को बताती है तो अधिकतर मामलों में वह प्रेमिका से पीछा छुड़वाने की भरपूर कोशिश करता है. वह न तो बच्चे को अपना नाम देना चाहता है और प्रेमिका से शादी करने से भी मना कर देता है, जिस के चलते युवती के पास सिवा गर्भपात के कोई उपाय नहीं बचता और फिर उसे कई तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ता है. इस से न केवल उस का स्वास्थ्य प्रभावित होता है बल्कि मानसिक रूप से भी उसे गहरा सदमा लगता है.

गर्भपात के बाद युवती खुद को अलगथलग महसूस करती है. बारबार उसे लगता है कि उस के साथ धोखा हुआ है. धीरेधीरे उस के व्यवहार पर भी इस का गहरा असर दिखाई देता है.

गलती दोनों की

यदि शादी से पहले कोई युवती गर्भवती हो गईर् है तो इस में सिर्फ उस की ही गलती नहीं है, जितनी दोषी वह युवती है उतना ही दोष उस युवक का भी है. दोनों इस में बराबर के हकदार हैं. हमारा समाज शादी से पूर्व युवती के गर्भवती होने पर उसे कई तरह के ताने जैसे बदचलन, कुलटा, कलमुंही कह कर उस का तिरस्कार करता है, लेकिन उस युवक का क्या, जो गर्भ में पल रहे बच्चे का बाप है? क्या उस का कोई कुसूर नहीं? लिहाजा, किसी एक पर गलती का दोष न डाला जाए तो अच्छा है.

कैसे निबटें ऐसे हालात से

अगर आप कामकाजी या हाउसवाइफ हैं तो जरूरी है कि अपने बढ़ते बच्चों का ध्यान रखें. वे क्या कर रहे हैं, कब कहां जा रहे हैं, किस से बात कर रहे हैं? इन सब बातों को नजरअंदाज न करें बल्कि बच्चे का खयाल रखें, उस के साथ दोस्त की तरह व्यवहार करें. ध्यान रखिए डराधमका कर वह आप को कभी कुछ नहीं बताएगा. यदि आप का बच्चे के साथ व्यवहार दोस्ताना रहेगा तो वह आप के साथ सारी बातें शेयर करेगा. उस का फोन और लैपटौप भी समयसमय पर चैक करते रहिए.

हम यह नहीं कह रहे हैं कि आप जासूसी कीजिए, लेकिन यदि आप कभीकभार ये सब चीजें चैक करेंगे तो आप को पता चल जाएगा कि आप का बच्चा किस दिशा में जा रहा है.

सैक्स शिक्षा बच्चों के लिए आज काफी अहम हो गई है. स्कूलकालेजों में यदि सैक्स शिक्षा दी जाए तो बच्चों को इस के सही और गलत प्रभाव का पता चल जाएगा जिस से टीनऐज में गर्भपात के हालात से निबटा जा सकता है.

आपको गुस्सा बहुत आता है..तो चीनी खाएं

यदि आपको बात-बात में गुस्सा आता है और आप अक्सर नाराज या तनाव में रहती हैं तो चीनी खाना आपके लिए लाभदायक हो सकता है. एक नए अध्ययन में पता चला है कि शरीर में शर्करा की अधिक मात्रा गुस्से को नियंत्रित करने में मदद करती है.

अमेरिका के ओहियो स्टेट विश्वविद्यालय ने अपने अध्ययन में खाने-पीने में मीठी चीजों का इस्तेमाल न करने और मीठे पेय पीने वाले लोगों के व्यवहार की तुलना की. उन्होंने देखा कि मीठे पेय पीने वाले लोगों को गुस्सा कम आता है.

‘एग्रेसिव बिहैवियर’ जर्नल के मुताबिक शोधकर्ताओं का मानना है कि खून में मौजूद ग्लूकोज (एक सरल प्रकार की शर्करा) से मस्तिष्क को ऊर्जा मिलने की वजह से गुस्सा कम आता है.

समाचार पत्र ‘डेली मेल’ के मुताबिक अध्ययनकर्ता ब्रैड बुशमैन कहते हैं कि गुस्से के आवेगों को नियंत्रित करने के लिए आत्म नियंत्रण की आवश्यकता होती है और आत्म नियंत्रण के लिए बहुत सी ऊर्जा चाहिए. मस्तिष्क को ग्लूकोज से यह ऊर्जा मिलती है.

बुशमैन कहते हैं कि मीठे पेय पदार्थो से यह ऊर्जा जल्दी मिलती है.अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि जिन लोगों में चयापचय ठीक से नहीं होता या जिनके शरीर में ग्लूकोज की कमी होती है. वे बहुत जल्दी नाराज होते हैं और ऐसे लोग दूसरों को बहुत कम ही माफ करते हैं.

बचत करने के लिए इन बातों को ध्यान में रखें महिलाएं

घर के वित्तीय मामलों में घर की औरतों का खासा दखल होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि वो घर की वित्तीय कार्यों को पुरुषों से बेहतर ढंग से संभाल लेती हैं. उनमें प्रबंधन और बचत की भावना भी पुरुषों की अपेक्षा बेहतर रहती है. ऐसे में हम महिलाओं के लिए कुछ जरूरी टिप्स ले आए हैं जो उन्हें इन बातों में खासा मदद करेंगे और इन मामलों में उनकी समझ को और अधिक विकसित करने में मदद करेंगे.

सोचें निवेश के बारे में

पैसों के बचत के लिए जरूरी है कि आप निवेश जरूर करें. पैसा बचा कर घर में रखने से कोई लाभ नहीं होता. बेहतर होगा कि आप उसे बाजार और पौलिसी में निवेश करें. इससे आपका पैसा भी सुरक्षित रहेगा और निवेश से पैसों में बढ़ोत्तरी होगी.

वित्तीय मामलों की समझ

एक महिला के लिए ये बेहद जरूरी है कि वो वित्तीय मामलों के बारे में समझ अच्छी रखे. इसके लिए आप चाहें तो फाइनेंशियल प्लानर की मदद ले सकती है.

जरूरत की चीजों की करें खरीदारी

जो भी चीजें जरूरी हैं उसे खरीदने से पीछे ना हटें पर गैर जरूरी खर्चों से दूर रहें. अगर आप शौपिंग करने जा रहीं और आपको अचानक कुछ खरीदने का मन होने लगा तो खुद से पूछें कि क्या आपको उस सामान की जरूरत है. क्या जरूरत है उस सामन की आपको?  इसके बाद भी अगर आपको लगता है कि आपको सामान खरीदना चाहिए तो खरीदें नहीं तो छोड़ दें.

ध्यान रखें कहां और कितना करना है खर्च

जहां भी आपको पैसे खर्च करने हैं उसकी पूरी जानकारी रखें. बेहतर होगा कि आप अपने खर्चों को नोट करते रहें. ध्यान रखें कि जहां और जितनी जरूरत हो उतना ही खर्च करें.

7 उपाय, जो किचन को स्मार्ट और कुकिंग को ईजी बनाएं

किसी भी घर का रसोईघर अतिथियों का स्वागत करने और परिवार के लोगों की सेहत का खयाल रखने में अहम भूमिका निभाता है. पेश हैं, रसोई को सुविधाजनक बनाने के सुझाव:

घर के अन्य कोनों की साफसफाई के साथसाथ रसोईघर की सफाई भी बहुत जरूरी है. रसोईघर में इस्तेमाल होने वाली सभी वस्तुएं भी बाहर और भीतर से अच्छी तरह साफ होनी चाहिए. सभी उपकरण, शैल्फ की दराजें, बरतन रखने के होल्डर आदि को अच्छी तरह झाड़ापोंछा जाना चाहिए. खासकर दराजों और कैबिनेट में रखी वस्तुओं को समयसमय पर बाहर निकाल कर साफ करना तो बहुत ही जरूरी है.

रसोईघर की खानेपीने से ले कर दूसरे कामों में इस्तेमाल आने वाली वस्तुओं को उपयोगिता की क्रमबद्धता के अनुसार कैबिनेट या उन के लिए बनाई गई उपयुक्त जगहों पर रखा जाना चाहिए. यह ध्यान रखना चाहिए कि कौनकौन सी वस्तुएं बारबार इस्तेमाल में आती हैं और कौन सी कभीकभार. इस आधार पर उन्हें अपने ध्यान में रखते हुए स्टोर में रखा जाना चाहिए. जैसे हमेशा इस्तेमाल वाली चीजों को अपनी पहुंच में ज्यादा मात्रा में तथा कभीकभी काम आने वाली वस्तुओं को थोड़ा दूर रखा जाना चाहिए. सभी को एकसाथ रख कर एकदूसरे का बाधक नहीं बनने दिया जाना चाहिए.

प्रत्येक वस्तु को आसानी से पहुंच के दायरे में रखना चाहिए और उसे अच्छी तरह साफ होना चाहिए. लेकिन उन्हें पास में रखने से पहले यह तय किया जाना चाहिए कि उन की उपयोगिता कितनी हो सकती है. उदाहरण के तौर पर यदि नाश्ते में आप टोस्टब्रैड का इस्तेमाल करते हैं, तो टोस्टर को रसोईघर के काउंटर के ठीक नीचे रखना चाहिए ताकि उसे आसानी से तुरंत बाहर निकाला जा सके. अन्यथा इस उपकरण को अलग सुरक्षित स्थान पर रख देना चाहिए.

पसंदीदा और हमेशा काम में आने वाली खाना पकाने की चीजों में विशेषकर खाद्यपदार्थों को एकसाथ रखना चाहिए ताकि उन के इस्तेमाल के समय आसानी से चुना जा सके. हालांकि उन्हें अलग बरतनों में रखना चाहिए ताकि प्रयोग के समय काम में बाधा नहीं आए और जीरा और आजवाइन जैसी चीजों को आसानी से पाया जा सके.

शैल्फ में वस्तुओं को करीने से रखना चाहिए. आवश्यकतानुसार और एकजैसी वस्तुओं के हिसाब से व्यवस्थित करना चाहिए. बड़ी और लंबी वस्तुएं पीछे की ओर तथा आकार एवं साइज में छोटी वस्तुओं को आगे की ओर रखा जाना चाहिए. ट्रे वाले रैक, बरतन रखने के विभिन्न खानों वाले होल्डर और खूंटियों वाले शैल्फ बरतनों को रखने के लिए इस्तेमाल किए जाने चाहिए. इन में हर प्रकार के बरतनों को व्यवस्थित ढंग से रखने की जगह बनी होती है. इन्हें रसोईघर की दीवार के सहारे लगाया जा सकता है.

यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि रसोईघर में काम करने के दौरान नजर के सामने क्याक्या रखा जाना है. जिन वस्तुओं का इस्तेमाल नहीं किया जाना है उन्हें हटा देना चाहिए. यदि कोई वस्तु टूटी हुई है, तो उस की तत्काल मरम्मत करवा ली जानी चाहिए और बेकार हो जाने की स्थिति में फेंक कर नई ले आनी चाहिए. सब्जी वगैरह काटने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले चाकू की धार तेज होनी चाहिए.

यदि रसोई में जरूरत से ज्यादा रद्दी पेपर या फिर बेकार सामान इकट्ठा हो जाए तो उसे स्टोर में रख देना चाहिए.

थोड़ा देसी थोड़ा चाइनीज कलीफ्लौवर कोरमा

सामग्री

– 1 सैचेट फ्राइड राइस मसाला

– 1 प्याज कटा

–  1/2 कप मटर

– 1 कप गोभी कद्दूकस की

–  थोड़ी सी हरीमिर्च

– 1 बड़ा चम्मच तेल

– थोड़ी सी धनियापत्ती कटी

–  नमक स्वादानुसार

बनाने की विधि

–  कड़ाही में तेल गरम कर प्याज भूनें.

–  हरीमिर्च, मटर, गोभी, नमक और फ्राइड राइस मसाला डाल कर धीमी आंच पर ढक कर पकाएं.

–  पकने पर धनियापत्ती डाल कर परोसें.

स्वीट पोटैटो वैज करी

सामग्री

– 2 शकरकंदी उबली

– 2 बड़े चम्मच शिमलामिर्च कटी

– 1 प्याज कटा

– 1 हरीमिर्च कटी

– 1 बड़ा चम्मच पनीर चिली मसाला

– 1 बड़ा चम्मच तेल द्य 1/2 कप पानी

– नमक स्वादानुसार

बनाने की विधि

– कड़ाही में तेल गरम कर प्याज व शिमलामिर्च भूनें.

– शकरकंदी को छील कर टुकड़ों में काट कर डालें.

– नमक, हरीमिर्च, पनीर, चिली मसाला और 1/2 कप पानी डाल कर पकने दें.

– गाढ़ा होने पर गरमगरम परोसें.

पार्टनर संग बिताएं यहां क्वालिटी टाइम

अगर आपको हौलिडे डेस्टिनेशन ढूंढने में परेशानी हो रही है तो हम आपकी मदद के लिए लाए हैं ऐसे जगहों की लिस्ट जो अक्टूबर में घूमने के लिए बेस्ट हैं. खास बात यह है कि यहां आपको पार्टनर के साथ क्वालिटी टाइम बिताने का काफी अच्छा मौका मिलेगा.

पचमढ़ी, मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश के इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी को सतपुड़ा की रानी भी कहा जाता है. यहां आप प्रकृति को नजदीक से महसूस कर पाएंगे. चारों ओर हरियाली के बीच गुफाओं से लेकर तालाब और झरने देखने पर आपकी थकान मिट जाएगी. पचमढ़ी में सनराइज देखने का एक्सपीरियंस भी आप कभी नहीं भुला पाएंगे. इसके साथ ही आप सतपुड़ा नेशनल पार्क भी जा सकते हैं.

कच्छ, गुजरात

गुजरात का कच्छ दुनियाभर में मशहूर है. यहां बड़ी संख्या में लोग छुट्टियां मनाने के लिए आते हैं. कच्छ में देखने और करने के लिए बहुत ऐसी चीजें हैं जो आपके एक्सपीरियंस को यादगार बना देगी. कच्छ में घूमने के लिए, कच्छ का रण, प्राग महल और आईना महल, कच्छ म्यूजियम, मांडवी और धौलावीरा बेस्ट हैं.

हम्पी, कर्नाटक

कर्नाटक राज्य के बेल्लारी जिले में स्थित बेहद खूबसूरत और ऐतिहासिक गांव हम्पी अक्टूबर में छुट्टियां मनाने के लिहाज से बेहतरीन है. हम्पी मध्यकालीन हिंदू राज्य विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था. उस समय के कई मंदिर समूहों के अवशेष आज भी आपको यहां देखने को मिल जाएंगे. इन ऐतिहासिक जगहों पर घूमने के साथ ही दारोजी स्लोथ भालू अभ्यारण्य, तुंगभद्रा बांध और मतंग हिल भी ट्रैवल के लिए शानदार हैं.

जिरो घाटी, अरुणाचल प्रदेश

अरुणाचल प्रदेश स्थित जिरो घाटी अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए मशहूर है. यहां आप कपल या सोलो ट्रिप प्लान कर सकते हैं. जिरो घाटी जाने पर आप टैली घाटी वन्य जीव अभ्यारण्य, मेघना गुफा मंदिर, जिरो पुटो, पाइन बाग और डोलो-मांडो जरूर घूमें. इन जगहों पर आप रोमांच और शांति का अनुभव कर सकेंगे.

ऋषिकेश, उत्तराखंड

रोमांच से लेकर स्पिरिचुअल टूरिज्म के लिए ऋषिकेश से बेहतर जगह शायद ही कोई हो. अक्टूबर से फरवरी महीने के बीच यहां का तापमान 19 डिग्री से 27 डिग्री तक रहता है, जो घूमने के अनुभव को सुहाना बना देता है. अडवेंचर पसंद हैं तो आप रिवर राफ्टिंग का मजा ले सकते हैं.

मोटापे से पाएं निजात

वजन कम करना अपनेआप में एक चैंलेंज है. यदि आप खानेपीने के मामले में जितनी कैलोरीज ले रही हैं, उतनी ही बर्न नहीं करती तो आप का वजन बढ़ना तय है. असल में बची हुई कैलोरीज हमारे शरीर में फैट के रूप में इकट्ठी होती है.

खानपान : शरीर का वजन बढ़ने में सब से बड़ा हाथ खानपान का है अगर हमारे खानेपीने में कैलोरी की मात्रा अधिक होगी तो वजन भी उतनी ही तेजी से बढ़ेगा. ज्यादा तलाभूना फूड, फास्डफू्ड, कोलड्रिंक आदि ऐसी चीजों का सेवन करने से हमारे शरीर में ज्यादा कैलोरी इकट्ठी हो जाती है.

हां अगर आप इस बात का ध्यान रखें की आप के शरीर को हर रोज कितनी कैलोरी की आवश्यकता है और आप उतनी ही कैलोरी लें रही है तो आप का वजन नहीं बढ़ेगा. और अगर आप की दिनचर्या में रोज फिजीकल एक्टीविटी कम और मैनटली ज्यादा होती है यानी कि आप कुर्सी पर बैठी रहती हैं तो वजन बढ़ेगा ही. इसलिए आप अपनी दिनचर्या में फिजीकल एक्टीविटी शामिल करें जैसे की लिफ्ट की जगह सीढि़यों का प्रयोग करें. कोई खेल जैसे बैडमिंटन आदि खेलें.

अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखें तो आप अपना वजन कंट्रोल में रख सकती हैं.

  • हर रोज 45 मिनट टहलिए. हर रोज 30 मिनट टहलने से आप का वजन नहीं बढेंगा परंतु अगर आप अपना वजन कम करना चाहती हैं तो 45 मिनट टहलना चाहिए.
  • अपने खाने में टमाटर, लौकी, खीरा आदि अधिक शामिल करें.
  • चायकौफी बनाने के लिए स्कीम मिल्क इस्तेमाल करें. जिस में कि कैल्शियम ज्यादा और कैलोरीज कम होती है.
  • बाहर का खाना खाने से बचे. बाहर के खाने में ज्यादा हाई फैट और हाई कैलोरीज होती है.
  • धीरेधीरे खाएं. जब भूख लगे तभी खाए.
  • जूस पीने की जगह फल खाएं. फल आप की भूख को कम करेगा और आप कम खाएंगी.
  • ज्यादा से ज्यादा चलें, आसपास पैदल जाएं. मेट्रो स्टेशन से औफिस अगर 10-15 मिनट की दूरी है तो पैदल ही जाने की कोशिश करें.
  • नींबू और शहद का प्रयोग करें, रोज सुबह हल्के गुनगुने पानी के साथ नींबू शहद लें.
  • जितनी भूख है उस से कम खाएं. जबरदस्ती पेट न भरे.
  • भरपूर नींद लें. जब हम सोते हैं तो शरीर रिलैक्स मोड में रहता है. जो लोग पूरी नींद नहीं लेते है उन की बौड़ी का सिस्टम डिस्टर्ब हो जाता है, हारमोंस डिसबैंलंस हो जाते हैं, इस का असर शरीर पर पड़ता है और मोटापा बढ़ता है.

वजन कम करने के लिए आप को थोड़ा धैर्य रखना होगा, और आप वजन कम करने के लिए जो कुछ भी कर रही हैं उस पर यकीन रखना होगा.

मैं कोई रईस बाप का बेटा नहीं : नवाजुद्दीन सिद्दीकी

हिंदी फिल्म ‘शूल’ और ‘सरफरोश’ से अभिनय कैरियर की शुरुआत करने वाले अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरपुर जिले के बुधाना कस्बे के एक किसान परिवार से हैं. अभिनय की इच्छा उन्हें बचपन से ही थी. यही वजह थी कि विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने दिल्ली के नेशनल स्कूल औफ ड्रामा से भी स्नातक की शिक्षा पूरी की और थिएटर में अभिनय करने लगे. शुरुआत में उन्होंने कई बड़े और छोटे फिल्मों में काम किया, पर वे अधिक सफल नहीं रहे. असली पहचान उन्हें फिल्म पिपली लाइव, कहानी, गैंग्स औफ वासेपुर, लंचबौक्स जैसी फिल्मों से मिली. साधारण कदकाठी के होते हुए भी उन्होंने फिल्मों में अपनी एक अलग पहचान बनायीं. अभी उनकी फिल्म ‘फोटोग्राफ’ रिलीज पर है. जिसे लेकर वे काफी उत्सुक हैं. पेश है कुछ अंश.

इस फिल्म में आपकी चुनौती क्या रही?

इसमें अपने आपको साधारण रखना ही चुनौती थी. निर्देशक रितेश बत्रा ने मुझे एक आम फोटोग्राफर की तरह लुक रखने को कहा, जो मेरे लिए आसान नहीं था, क्योंकि एक्शन बोलते ही एक्टिंग का सुर लग जाता है और उसी को निर्देशक ने दबाया है. एक्टिंग न करना ही इसमें चुनौती रही. जब हम कैजुअल होते थे, तभी निर्देशक उसे शूट करता था.

आपने इस चरित्र के लिए क्या-क्या तैयारियां की है?

गेट वे औफ इंडिया से कई फोटोग्राफर को बुलाया गया और उनके काम को मैंने नजदीक से देखा और पाया कि कैसे वे पूरा दिन काम करते हैं, दोपहर तक कैसे थक जाते हैं आदि सभी को फिल्म में दिखाने की कोशिश की गयी है.

आपने पहला पोर्टफोलियो कब बनाया था?

मैं साल 2000 में मुंबई आ गया था. उस समय मेरे पास पैसे नहीं थे, इसलिए वर्ष 2003 में मैंने पहला पोर्टफोलियो बनाया था.

इस फिल्म में दिखाए गए बेमेल रिलेशनशिप पर आप कितना विश्वास रखते हैं?

ऐसे रिश्ते बहुत होते हैं और इसमें मैं विश्वास रखता हूं. फिल्मों में उन्ही घटनाओं को दिखाया जाता है, जो रुचिकर और अलग हो. जिसमें ड्रामा होता है. इसमें एक पड़ाव है कोई ड्रामा नहीं है.

शादी का प्रेशर आप पर कितना था और अपने रिश्ते को परिवार तक कैसे ले गए?

मुझपर अधिक शादी का प्रेशर नहीं था. मैंने अपने रिश्ते को बताया और उन्होंने हां कर दी.

आपकी फिल्में लगातार आ रही हैं क्या आपको ओवर एक्सपोज होने का डर नहीं है?

मैंने अपने जीवन में थिएटर में 211 चरित्र निभाए हैं. 200 नाटक किये हैं और रियल लाइफ में मैंने तकरीबन 3 हजार लोगों को औब्जर्व किया है, क्योंकि जब मेरे पास काम नहीं था. आगे के सौ साल भी मेरे लिए कोई मुश्किल नहीं, क्योंकि मेरे पास मसाला बहुत है. मैंने हर तरह के लोगों के साथ मिलकर समय बिताया है, मैं कोई रईस बाप का बेटा नहीं हूं, जिसे आस-पास के बारें में पता न हो.

क्या आपको लगता है कि अभी फोटोग्राफ की कोई एल्बम नहीं बनती, जिसे देखकर पुरानी बातों की यादें ताजा की जा सके?

ये सही है कि अब यादें जल्दी धुंधली पड़ जाती है, क्योंकि मोबाइल और उसकी तस्वीरें अधिक दिनों तक नहीं रहती, पर जमाना ऐसा है और लोग इसे ही पसंद कर रहे हैं. तस्वीरों की एल्बम होना आवश्यक है, जिसे आप बाद में याद कर सकें.

आपने खेतिहर किसानों के लिए अपने गांव में काफी सारा काम किया है, अभी वह कैसा चल रहा है?

मैंने डेढ़ साल से गांव में जाना कम कर दिया है. मेरा किसान भाई आधुनिक तरीके से खेती कर रहा है, जिसमें कम पानी में अधिक फसल उगाई जा सकती है. इसके लिए अधिक से अधिक प्रयोग किसानों को करना जरुरी है, क्योंकि हमारे यहां ट्यूबवेल से जो पानी आता है. उसका लेवल कम हो रहा है. पहले जब मैं खेती करता था तो 80 फीट पर पानी आ जाता था. अब 400 फीट पर पानी आता है. मैं चाहता हूं कि किसानों में इस बारें में जागरूकता बढे. अभी हमारे गांव के आसपास के क्षेत्र में काम हो रहा है, आगे और अधिक काम करने की इच्छा है.

आप स्टारडम को कितना एन्जाय करते हैं?

मैं अभी काम कर रहा हूं, स्टारडम को एन्जाय करने का समय नहीं है.

क्या दूसरे भाषाओं की फिल्में करने की इच्छा है?

मैं अच्छी किसी भी भाषा की कहानी को करना पसंद करता हूं.

अभी आप अपने व्यक्तित्व में क्या परिवर्तन पाते हैं?

मेरी पर्सनालिटी कभी कुछ खास नहीं थी. मैंने सोच रखा था कि मुझे जो काम मिलेगा, उसे मैं करता रहूंगा. मेरा कोई ड्रीम नहीं था, उसकी कोई शुरुआत भी नहीं थी, पर अब मैं खुश हूं.

मधुरा नायक ने सोशल मीडिया पर बिखेरा बोल्ड अदाओं का जलवा

सोशल मीडिया पर अपनी कई हौट और बोल्ड तस्वीरे शेयर करने के बाद टीवी अभिनेत्री मधुरा नायक चर्चा में आ गई हैं. बता दें कि मधुरा स्टार प्लस के मशहूर सीरियल ‘दीया और बाती हम’ की अगली कड़ी ‘तू सूरज, मैं सांझ पियाजी’ में संस्कारी महिला ‘पालोमी’ की भूमिका निभा रही हैं.

 

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मगर ये टीवी अभिनेत्री असल जिंदगी में अपने छोटे पर्दे के अपने किरदार से काफी अलग और बोल्ड हैं. इस बात पर यकीन करने के लिए मधुरा की हालिया तस्वीर ही काफी है जिसे उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है.

 

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मधुरा टीवी इंडस्ट्री की उन ग्लैमर अभिनेत्री में से एक हैं जो अपनी एक्टिंग के साथ साथ अपनी खूबसूरती के लिए भी मशहूर हैं. कुछ दिनों पहले पूल के किनारे मधुरा का बोल्ड अंदाज उनके फैंस को काफी पसंद आया था. मधुरा की इन तस्वीरों पर उनके फैंस लाइक और कमेंट करते नहीं थकते हैं.

 

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मधुरा ने बोल्ड तस्वीरों को शेयर करने का सिलसिला जारी रखा है और वह लगातार अपनी बोल्ड तस्वीरों को अपने चाहने वालों के बीच शेयर करती रहती हैं. मधुरा एक लंबे समय से टीवी इंडस्ट्री का हिस्सा रही है. वह कई हिट शो जैसे ‘विदाई’, ‘दिल मिल गए’, ‘नागिन’ जैसे अन्य मशहूर सीरियलों का हिस्सा रह चुकी हैं.

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