अर्जुन के बर्थडे पर मलाइका ने किया प्यार का इजहार, फोटो वायरल…

बौलीवुड की सुर्खियों में रहने वाली जोड़ी मलाइका अरोड़ा और अर्जुन कपूर एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं. 26 जनवरी यानी बीते दिन अर्जुन कपूर का बर्थडे था, जिस पर मलाइका ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अर्जुन के साथ रोमेंटिक पोज करते हुए उनको बर्थडे विश किया और अब इसके बाद फैंस ने इसी फोटो को लेकर मलाइका को ट्रोल करना शुरू कर दिया है. आइए आपको बताते हैं पूरा मामला…

हाथ थामते हुए अर्जुन के साथ मलाइका ने की फोटो शेयर

 

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Happy bday my crazy,insanely funny n amazing @arjunkapoor … love n happiness always

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बौलीवुड एक्टर अर्जुन कपूर के बर्थडे के मौके पर मलाइका अरोड़ा ने उन्हें खास अंदाज में विश करते हुए अपने इंस्टाग्राम पर अपनी और अर्जुन की एक रोमांटिक फोटो शेयर की है, जिसमें दोनों एक दूसरे का हाथ थामे नजर आ रहे हैं. जिसे मलाइका ने शेयर करते हुए एक कैप्शन लिखा, Happy bday my crazy,insanely funny n amazing @arjunkapoor … love n happiness always.

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फैंस ने फोटो को लेकर कर दिया ट्रोल

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मलाइका और अर्जुन की ये फोटो जितनी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है उतना ही ट्रोल भी हो रही है. दोनों की फोटो पर यूजर्स तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं. कुछ लोग अर्जुन को जन्मदिन की बधाई दे रहे हैं तो कुछ मलाइका और अर्जुन को मां-बेटे की जोड़ी बता रहे हैं. तो कुछ दोनों के बीच के एज गैप को लेकर उन्हें ट्रोल कर रहे हैं.

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एयरपोर्ट पर भी आए थे नजर

 

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#malaikaarora & #arjunkapoor snapped at airport last night #airportdiaries #viralbhayani @viralbhayani

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हाल ही में अपने बर्थडे के लिए अर्जुन के साथ मलाइका एयरपोर्ट पर नजर आईं थी, जिसके बाद उनकी फोटोज वायरल हो गई थी. वहीं इन फोटोज से अर्जुन और मलाइका के रिलेशन पर भी विराम लग गया था.

बता दें, मलाइका के अलावा अर्जुन कपूर के बर्थडे पर कई सैलिब्रिटीज ने उन्हें विश किया है. सोनम कपूर ने अर्जुन के साथ अपनी दो तस्वीरें शेयर कीं. पहले तस्वीर उनके बचपन के दिनों की है और दूसरी तस्वीर में दोनों यंग दिख रहे हैं. वहीं अर्जुन कपूर की बहन जाह्न्वी कपूर भी इंस्टाग्राम पर कैप्शन के साथ फैमिली फोटो शेयर कर चुकी हैं.

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लौंग डिस्टेंस रिलेशनशिप में इन बातों का रखें ध्यान

क्या आप लौंग जिस्टेंस रिलेशनशिप में हैं वैसे ये कोई पूछने वाला सवाल लगता नहीं क्योंकि 50 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो लौंग डिस्टेंस रिलेशनशिप में होते हैं, लेकिन तब उसको रिश्ता कायम रखना मुश्किल होता है. रिलेशन में अक्सर ऐसा होता है जब दो लोग साथ होकर भी दो अलग-अलग जगह पर रहते हैं. एक-दूसरे से दूर रहते हैं. अक्सर ऐसा होता है कि जब महीने दो महीने या फिर उससे भी ज्यादा समय बाद दोनों मिलते हैं. फिर भी उनका रिश्ता बना रहता है, लेकिन अगर उस रिश्ते को अच्छा बना कर रखना है और हमेशा साथ रहना रहना है तो आपको कुछ ऐसी बातों पर ध्यान देना होगा जो आपके रिश्ते को मजबूत रखेगी… हम आपको बताएंगे की कौन सी ध्यान देने वाली मुख्य बातें हैं…

1. एक-दूसरे पर रखें भरोसा हमेशा

अगर आप अपने पार्टनर से दूर हैं तो उसमें सबसे जरूरी बात होती है भरोसा. आप दूर होकर अगर भरोसा नहीं कर सकतीं तो फिर आपका रिश्ता सिर्फ नाम का रिश्ता है, क्योंकि लौंग डिस्टेंस रिलेशनशिप भरोसे पर ही टिका होता है. लोग तमाम बातें कहतें हैं, आपको भड़काने का काम करते हैं कि अरे वो तो तुम्हारा फोन ही नहीं उठा रहा है तो ऐसे में आपको चौकन्ना रहने की जरूरत है. मैं ये नहीं कहती की सब लड़के अपनी जगह सही होते हैं, लेकिन भरोसे नाम की भी एक चीज होती है,जो आपके रिश्ते को मजबूती प्रदान करती है.

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2. शक को कम करना है जरूरी

अक्सर ऐसा होता है जब आपका पार्टनर फोन नहीं उठाता या आपको प्रौपर समय नहीं दे पाता तो आपके दिमाग में ये खयाल आता है कि कहीं वो मुझे इग्नोर तो नहीं कर रहा, कहीं वो मुझे धोखा तो नहीं दे रहा, कहीं किसी और के साथ तो नहीं है या उसे कोई और पसंद आ गया. ये सभी खयाल आपके रिश्ते को अन्दर से खोखला कर देते हैं और रिश्ता कमजोर पड़ने लगता है. अगर आप शक कम करेंगी तो आपका रिश्ता अच्छा बना रहेगा.

3. झगड़ा करें कम

अक्सर आप अपने पार्टनर से लड़ाई-झगड़ा करने लगती हैं अगर वो आपका फोन नहीं उठाता या आपको समय नहीं दे पाता तो इसका मतलम ये नहीं की हर वक्त आप उससे झगड़ा ही करेंगी एक तरह से ये भी आपके रिश्ते को कमजोर करता है और फिर उस रिश्ते में कुछ नहीं रह जाता है. अब ये आपके उपर डिपेंड करता है की आप कितना झगड़ा करेंगी और कितनी प्यार से रहकर अपने रिश्ते को मजबूत रखेंगी.

4. रिलेशनशिप में दिखाएं समझदारी

जिस तरह आप अपनी जिंदगी में सेटल होने की कोशिश करती हैं और लाइफ में कुछ अच्छा करना चाहती हैं उसी तरह आपका पार्टनर भी अपनी लाइफ में स्टैंड होने की कोशिश कर रहा होता है जिसके कारण वो आपको समय नहीं दे पाता पर इसका मतलब ये नहीं की वो आपसे प्यार नहीं करता हां कुछ रिश्ते झूठे होते हैं आपका पार्टनर आपको धोखा दे रहा होता है लेकिन हर रिश्ता ऐसा हो ये जरूरी नहीं इसलिए आपको समझदारी दिखानी जरूरी होती है.

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5. पार्टनर को समझना है जरूरी

कभी-कभी आपका पार्टनर बहुत उदास होता है उसे अकेलापन सा महसूस होता है ऐसे में अपना मन और दिल हल्का करने के लिए  वो आपको ही फोन करता है तो आप उसे कुझ बोलें नहीं,झगड़े नहीं कि आप तो फोन ही नहीं करते जब खुद मन हो तो करते हैं बल्कि आप उसे समझें, उसकी प्रॉब्लम को समझें. उसका साथ दें, उसके अकेलेपन को दूर करें.

ये सभी वो तरीके हैं जिससे आप आपने रिश्ते को मजबूत कर सकतीं हैं. इन सभी तरीकों को अपनी जिंदगी में अपना कर देंखें यकीन मानें एक अच्छा रिश्ता बनाने में मदद मिलेगी.

मैं चीज नहीं हूं मस्त-मस्त…

‘कभीकभी मेरे दिल में खयाल आता है कि ये बदन ये निगाहें मेरी अमानत हैं, ये गेसुओं की घनी छांव है मेरी खातिर, ये होंठ और ये बांहें मेरी अमानत हैं…’ गाने की इन पंक्तियों को सुन कर जो पहला खयाल जेहन में आता है वह यह है कि पुरुष को यह अधिकार किस ने दिया कि वह किसी भी महिला को यह कह सके कि तुम्हारा शरीर, तुम्हारी खूबसूरती और तुम्हारा वजूद मेरे लिए है या मेरी अमानत है? हां, प्यार और उस में लिप्त प्रेमी के लिए यह कहना भावों में बहने समान है, परंतु क्या यह समाज को आईना दिखाने जैसा नहीं है? क्या यह लोगों की सोच को उजागर करने जैसा नहीं है? क्या यह सोच हर लड़की के जीवन को प्रभावित नहीं करती?

हर साल 13 अक्तूबर के दिन ‘वर्ल्ड नो ब्रा डे’ मनाया जाता है. इसे मनाने के पीछे मुख्य कारण कैंसर अवेयरनैस को बढ़ाना है. लेकिन इस नो ब्रा डे में भाग लेने वाली अधिकतर महिलाओं का मत है कि वे इस में भाग केवल इसलिए लेती हैं, क्योंकि उन्हें बिना ब्रा के जो कंफर्ट मिलता है वह ब्रा पहनने पर नहीं मिलता.

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यकीनन इस से बहुत सी महिलाएं और लड़कियां सहमति रखती होंगी. ब्रा के विषय में लोगों की पहली प्रतिक्रिया यही होती है कि यह स्तनों को सपोर्ट देती है, जिस से उन का भार कंधों पर नहीं आता और हिलनेडुलने पर होने वाली परेशानी भी खत्म हो जाती है.

अगर भारत की बात करें तो लड़कियों को 12-13 साल की उम्र से ही ब्रा पहनने की हिदायतें दी जाने लगती हैं, जबकि उन्हें उस समय ब्रा के सपोर्ट की कोई जरूरत ही नहीं होती है. कारण पूछे जाने पर जवाब मिलता है कि यह जरूरी है. पर जरूरी क्यों है? लड़कों की नजर से खुद को बचाने के लिए? यदि देखा जाए तो ब्रा पहनने के बाद स्तनों का आकार ज्यादा उभर कर आता है और लोगों की नजरें भी ज्यादा पड़ती हैं तो ये हिदायतें लड़कियों को छोटी सी उम्र से इसलिए देनी शुरू कर दी जाती हैं ताकि वे उन लड़कों की नजरों को पढ़ सकें जिन से वे बचना चाहती हैं.

लिंगभेद ने अपने पांव इतनी मजबूती से पसार रखे हैं कि उन्हें उखाड़ फेंकने के बजाय लोगों ने उन के साथ जीना स्वीकार लिया है. लड़कियों को छोटी उम्र से ही लिंगभेद का शिकार बना दिया जाता है. उन्हें समझा दिया जाता है कि तुम्हारी दूसरी प्राथमिकता तुम खुद हो और पहली पुरुष. उसे तुम अच्छी लगनी चाहिए, उस की आंखों को भानी चाहिए, उस के बनाए नियमों पर चलो और सवाल मत करो, क्योंकि जवाब में खुद महिलाएं ही इन पुरुषों की ढाल बन कर तुम्हारे सामने खड़ी हो जाएंगी.

तुम चीज हो, सामान हो

एक वह समय था जब लड़कियों को पैर की जूती कहा जाता था और अब यह समय है जब उन्हें बस, ट्रेन, पर्स, हलवा और न जाने क्याक्या कह कर पुकारा जा रहा है. हैरानी की बात तो यह है कि खुद लड़कियां ही ऐसे गानों की ताल पर नाचतीठुमकती नजर आती हैं, खुद वही ‘लड़की बस जैसी होती है एक जाएगी तो दूसरी आएगी’ जैसे डायलौग पर ठहाके मारती नजर आती हैं.

‘बदनाम है तू भी मदमस्त मस्त, तू चीज बड़ी है मस्तमस्त, तू चीज बड़ी है मस्त…,’ यह गाना एक बार नहीं, बल्कि 2 बार, दशकों के अंतराल में फिल्मों में दोहराया गया है. अर्थ क्या है इस का? नारी सशक्तीकरण की बात करने वाले, नारी के सम्मान के दावे करने वाले और बौडीशेमिंग जैसी धारणाओं से खुद को परे बताने वाले लोग ही ऐसे गाने बना रहे हैं, उन्हें गा रहे हैं, सुन रहे हैं और यहां तक कि नाच भी रहे हैं.

‘लक 28 कुड़ी दा 47 वेट कुड़ी दा…..मोटी दा ब्याह हो गया तू रह गई कुंवारी’, ‘चिकनी चमेली छुपके अकेली पउआ चढ़ा के आई’, ‘मैं तो तंदूरी मुरगी हूं यार गटका ले सैयां अलकोहल से…’, ‘पल्लू के नीचे दबा के रखा है उठा दूं तो हंगामा हो,’ कुछ ऐसे ही गानों के उदाहरण हैं जो लड़की के अंगों, उस की बनावट और उस के वजूद को कितनी सफाई से बदल कर रख देते हैं. इन सब गानों का उद्देश्य क्या है? मनोरंजन? किस का मनोरंजन?

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हर गाने में पुरुष को गुंडा, पति या बौयफ्रैंड के रूप में दिखाया गया है जहां उस के सामने एक लड़की आइटम नंबर करती नजर आती है. मतलब साफसीधे तौर पर पुरुष का मनोरंजन ही एक औरत का पहला धर्म बताया जा रहा है.

शुद्ध उन्मुक्त विचार

लड़कियों को ले कर विचार तो समाज में इतने शुद्ध हैं कि समझ नहीं आता इतनी शुद्धता संभाली कैसे जाए. नेताअभिनेता तो अकसर अपने उन्मुक्त विचार लोगों तक पहुंचाते रहते हैं, जिन में वे लड़कियों को बौडीशेम से ले कर उन के वजूद को पुरुषप्रधानकारी तक बोल उठते हैं. संजय लीला भंसाली ने कुछ ऐसा ही कमैंट किया था, ‘‘महिलाओं को पुरुष से ज्यादा इंट्रैस्टिंग होना ही चाहिए, यही हैं जो आप को चारा देती हैं, अट्रैक्ट करती हैं और सीड्यूस करती हैं.’’

इस लिंगभेद और लड़कियों को चीज समझने वाली धारणा के अनुयायी क्रिकेट खिलाड़ी भी हैं.

‘कौफी विद करण’ के एक ऐपिसोड में आए हार्दिक पंड्या से जब यह पूछा गया कि लड़की में आप सब से पहले क्या देखते हैं और उस का नाम कैसे याद रखते हैं, तो इस पर हार्दिक ने उत्तर दिया, ‘‘यह तो डिपैंड करता है कि वह आ रही है या जा रही है… यार, मैं सब का नाम कैसे याद रखूंगा, बहुत मुश्किल है.’’

वैसे हम बात भी किस शो की कर रहे हैं, जहां हर दूसरे सैलिब्रिटी से यह कहा जाता है कि अन्य अभिनेत्रियों को उन की सैक्स अपील पर रैंक करो.

राजनेता भी इन विचारों की दौड़ में पीछे नहीं हैं. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल में एक रैली के दौरान शशि थरूर और सुनंदा पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि वाह क्या गर्लफ्रैंड है? आप ने कभी देखा है 50 करोड़ की गर्लफ्रैंड को? इसी तरह मुलायम सिंह ने अपने एक भाषण में कहा था कि सिर्फ शहर की लड़कियां ही इस योजना से आगे बढ़ सकती हैं क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं अट्रैक्टिव नहीं होतीं. यही नहीं उन्होंने तो बलात्कार के विषय में भी कहा था कि लड़के हैं, गलती हो जाती है.

ये तो कुछ जानेमाने लोग हैं. समाज के बाकी लड़कों की सोच भी कोई अलग नहीं है. चाहे प्रियंका हो या मिथाली राज, तापसी हो या सोनम कपूर, किसी को प्रधानमंत्री के सामने टांगें दिखाने पर, किसी को उन के पसीने के लिए, किसी को उन के बिकिनी पहने जाने पर न जाने क्याक्या सुनना पड़ा. आखिर पुरुष होते कौन हैं किसी भी लड़की को यह सिखानेपढ़ाने वाले कि उसे क्या पहनना चाहिए, कैसा दिखना चाहिए, क्या करना चाहिए और क्या नहीं.

बात साफ है, पुरुष यह स्वीकार कर ही नहीं सकते कि एक औरत या एक लड़की अपने लिए कुछ करे. उन की नजर में पहले वह भोगविलास की चीज है और बाद में एक इंसान. सुनने में कठोर लगता है, लोग इस के वादविवाद में भी खड़े होंगे पर असल में बात है तो यही.

लड़कियों की छवि बिगाड़ते यूट्यूबर्स

युवावर्ग में यूट्यूब का कितना क्रेज है यह तो उस पर मिलियंस में ऐक्टिव यूजर्स की गिनती से ही पता चल जाता है. चाहे गाने, फिल्मों के ट्रेलर, शौर्ट फिल्म, टिप्स एंड ट्रिक्स, सौंग कवर्स, इंटरव्यूज या मूवी लौंच हों, यूट्यूब पर सब उपलब्ध है. बड़ी से बड़ी और छोटी से छोटी बीमारी का लेखाजोखा भी अब यूट्यूब रखता है. हजारों साल पुराने रहस्यों का पता लगाना हो या वैज्ञानिक खोजों की जानकारी चाहिए हो, यहां आइए. अब यूट्यूब है तो इसे चलाने वाले चैनल्स और उन चैनल्स को चलाने वाले लोग भी हैं.

यूट्यूब पर 2 करोड़ से ज्यादा यूट्यूब चैनल्स हैं, जिन में भारतीय यूट्यूबर्स की गिनती भी कुछ कम नहीं. इंडियन यूट्यूबर्स की बात करें तो भुवन बाम, आशीष चंचलानी, लिली सिंह, संदीप महेश्वरी, कैरी मिनाती जैसे नामों ने यूट्यूब से अपनी अलग ही पहचान बनाई है. इन यूट्यूबर्स की गिनती में वे यूट्यूब चैनल्स भी हैं, जिन के मिलियंस में सब्सक्राइबर्स हैं. इन में हर्ष बेनीवाल, रियल शिट जैसे नाम भी मशहूर हैं. लेकिन जिस तरह का कंटैंट ये बताते हैं वह बेहद चिंतनीय है.

14 वर्षीय नमित अपने मातापिता और बड़ी बहन के साथ दिल्ली के राजेंद्र प्लेस में रहता है. उस की बड़ी बहन नीलिमा की उम्र 19 वर्ष है. दोनों भाईबहन के पास अपना-अपना मोबाइल फोन है और घर पर वाईफाई भी लगा है. 1 सप्ताह पहले की ही बता है जब नमित के दोस्त उस के घर आए हुए थे. वे सभी आपस में कुछ बातचीत कर रहे थे. नीलिमा मम्मी के कहने पर उन सभी के लिए चायनाश्ता ले कर कमरे में दाखिल हो ही रही थी कि उस ने नमित को कहते सुना कि इतनी क्या टैंशन लेनी यार, वह थी ही ऐसी. तभी तो काट गई.

यह वाक्य सुन कर नीलिमा को थोड़ा झटका लगा. उस ने यह वाक्य कई यूट्यूब चैनल्स पर सुना था. अकसर उस के दोस्त भी ऐसे वाक्य इस्तेमाल किया करते थे पर उसे तब ये सब कैजुअल लगा था. मगर आज खुद के भाई के मुंह से यह सुनना उसे अच्छा नहीं लगा.

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शाम को सभी के जाने के बाद नीलिमा ने नमित को एक वीडियो देखते हुए देखा. वीडियो में उस के औफिस की एक लड़की चाहे चपरासी हो या दूसरे कर्मचारी, सभी के कंधे पर प्यार से हाथ रख कर अपना काम निकलवा रही थी. यह देखते ही नीलिमा ने नमित के हाथ से उस का फोन छीन लिया, तो नमित ने हैरानी से पूछा, ‘‘क्या हुआ दीदी, फोन क्यों छीन रही हो?’’

‘‘तू यह कैसी वीडियो देख रहा है, ये सब बकवास है. इन वीडियोज का ही नतीजा है जो तेरी सोच इतनी खराब होती जा रही है,’’ नीलिमा ने गुस्से से कहा.

‘‘अगर ऐसा है तो आप खुद क्यों ऐसे वीडियोज देखती हो? मैं ने भी आप को बीबी की वाइंस देखते हुए पकड़ा था. यह वीडियो तो फिर भी उस से बेहतर है. गालियां तो नहीं हैं इस में?’’

‘‘चाहे गालियां न हों, मगर इस में लड़कियों की जो छवि दिखाई जा रही है असल में ऐसा कुछ नहीं होता.’’

‘‘होता है. लड़कियां ऐसी ही होती हैं,’’ नमित ने कहा.

अपने भाई के मुंह से लड़कियों के बारे में यह विचार सुन कर नीलिमा स्तब्ध रह गई. आखिर इस यूट्यूब का कीड़ा उसे भी तो है. लेकिन ये वीडियोज किस तरह एक व्यक्ति के विचारों को आकार देते हैं, यह उस ने पहली बार जाना था.

स्क्रिप्ट का चक्कर बाबूभैया

यूट्यूब युवाओं और समाज पर कितना असर डालता है यह तो दिनप्रतिदिन युवाओं में यूट्यूबर बनने की ललक देख कर भी पता चलता है. जहां यूट्यूब के फैंस शहर क्या गांवगांव हों वहां अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि यूट्यूब पर दिखाई जाने वाली सामग्री किस प्रकार जंगल में लगी आग की तरह फैलती है और लोग इसे बारबार देख कर अपने जीवन में उतारते हैं. नएपुराने यूट्यूबर्स जिन वीडियोज को बनाते हैं, उन की शूटिंग से पहले स्क्रिप्ट तैयार की जाती है. कभी स्क्रिप्ट कागज पर लिखी हुई होती है तो कभी बस आमनेसामने बैठ कर आधे घंटे में तैयार की जाती है.

यह स्क्रिप्ट आखिर लिखता कौन है? बुद्धिजीवी? बड़े महान लेखक? विद्वान? नहीं. ये केवल आम लोग हैं जो अपने तर्कहीन विचारों को वीडियो के माध्यम से लोगों तक पहुंचाते हैं और अगले ही दिन से लोग इन दबेकुचले विचारों का डंका बजाना शुरू कर देते हैं, घटिया डायलौग्स दोहराते फिरते हैं, सब से ऊपर इस विकृत मानसिकता के शिकार होते जाते हैं, जिस के अनुसार लड़की लड़कों से फायदा उठाना चाहती है, धोखा देना उस की फितरत है, हर समय बेबीशोना कहना ही उस का काम है, पैसों का तो इतना लालच है उस में कि सच्चा प्यार तक ठुकरा कर भाग जाती है. इस विकृत मानसिकता और लड़कियों की छवि को बिगाड़ने वाले वीडियोज का यूट्यूब पर जमावड़ा है, जिन पर लाखों की संख्या में व्यूज आते हैं.

ठुकरा के मेरा प्यार, मेरा इंतकाम देखेगी

राजकुमार राव की फिल्म का गाना इस तरह इस्तेमाल होगा इस की कल्पना तो खुद राजकुमार राव या सौंग राइटर ने भी नहीं की होगी. फिल्म की कहानी ही कुछ ऐसी थी कि लड़की सरकारी नौकरी के लिए खुद की ही शादी से भाग निकलती है, क्लर्क की नौकरी कर रहा हीरो हैरान रह जाता है और फिर अपने दुख को कम करने के लिए वह आईएएस की परीक्षा पास कर कलैक्टर बन जाता है, उस के अंडर वही लड़की काम कर रही होती है जो उसे छोड़ कर भागी थी. तो यह था उस का बदला और उस का इंतकाम. इस कहानी की पृष्ठभूमि पर जाने कितनी ही यूट्यूब वीडियोज आधारित हैं.

इस पर आधारित लगभग हर वीडियो की कहानी एक सी है, लड़कालड़की प्यार में हैं, लड़की पैसों के चलते लड़के का प्यार ठुकरा देती है, लड़का कुछ समय बाद अमीर हो कर लड़की के पास आता है और बस लड़की मुंह बिचकाए उसे देखती रह जाती है. यही था लड़के का रिवेंज. और हां, बैकग्राउंड में तेजी से बजते ‘ठुकरा के मेरा प्यार… मेरा इंतकाम देखेगी…’ गाने को कैसे भूल सकते हैं, आखिर वही तो इन वीडियोज में चार चांद लगाता है.

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तो बस एक घिसीपिटी कहानी को आधार बना लोग एक से एक वीडियोज निकाल रहे हैं, जिन का निष्कर्ष है तो बस यह कि लड़की है तो पैसों के पीछे ही भागेगी और उस का धोखा लड़के के जीवन में मकसद देने का काम करता है. इन सभी वीडियोज में एक और सामान्य बात जो देखने को मिलती है वह यह है कि लड़का तो इस में निहायत गरीब या कहें देहाती जैसा और लड़की मानो हूर की परी. दोनों का न कोई मेल ही बैठता है न जोड़ी, फिर भी 2 मिनट अपने प्रेमालाप में निकाल देते हैं. फिर वही सब पैसों का लालच और एक अच्छी शक्लसूरत वाले लड़के के लिए उस लड़की ने देहाती बौयफ्रैंड जो उसे बेहद चाहता था, को छोड़ दिया.

अरे भई, यह भी तो देखो कि सांवली शक्लसूरत वाले उस यूट्यूबर ने भी तो गोरीचिट्टी, छोटे मौडर्न कपड़े पहनने वाली लड़की को वीडियो में लिया है, वह भी सिर्फ इसलिए ताकि वीडियो में ग्लैमर आ सके. मतलब लड़के को पूरा हक है अपनी औकात से बाहर की लड़की के सपने देखने का, मगर वहीं लड़की अपनी बराबरी के लड़के की इच्छा जताए तो वह बेवफा है, बदचलन है, वाह. अब इसे दोगलापन न कहें तो क्या कहें?

सोच पर हावी

ये वीडियोज चाहे मजाक के नाम पर ही बनाए जाएं लेकिन करते तो ये लोगों की सोच को प्रभावित ही हैं न. अभी कुछ समय पहले इस विषय पर यूट्यूब फैन से राय मांगी तो उस के विचार कुछ इस तरह के थे, ‘‘हां, तो इन वीडियोज में गलत क्या है? सच तो यही है कि लड़कियां ऐसी ही होती हैं. वह अलग बात है कि सब लड़के ऐसे नहीं होते जो बदला लेने की मंशा रखें.’’

यह सुन कर पहले तो मुझे अचंभा हुआ और फिर एक सवाल मन में कौंधा कि एक व्यक्ति किस तरह अपने फैवरेट यूट्यूबर्स की कही बातों को अपने जीवन और आसपास के माहौल से कनैक्ट करता है कि उस के लिए लड़कियों की छवि धोखा देने वाली, बेवफा की हो जाती है.

बीज की तरह दिमाग के धरातल पर जब यह सोच उपजती है तो व्यक्ति की बातें तो हिंसक होती ही हैं, उस के आपसी रिश्ते और अपने आसपास की लड़कियों के प्रति उस का व्यवहार भी बदल जाता है. फिर होता यही है कि मैट्रो में पुरुष द्वारा छेड़खानी पर हल्ला मचाने वाली लड़की वहां खड़े हर पुरुष को तेजतर्रार और सो काल्ड फैमिनिस्ट नजर आती है. छोटे कपड़े पहनने वाली अमीर लड़कियां लड़कों को गोल्ड डिगर दिखती हैं और लड़के से ब्रेकअप होते ही ‘क्यों भाई काट गई’ जैसी बातें कही जाती हैं.

लड़कियां परोस रहीं खुद को

बात जब सैक्सिज्म की हो ही रही है तो उन वीडियोज को कैसे पीछे रखा जाए जो सैक्सुअल कंटैंट या कहें फीमेल सैक्सुअल औरिएंटेड कंटैंट पर जोर दे रहे हैं. जी हां, बात टिकटौक, लाइक और कवाई जैसी ऐप्स की ही की जा रही है. ये युवाओं को तो अपनी चपेट में ले ही चुके हैं, साथ ही किशोर और अधिक उम्र के लोग भी इन से अछूते नहीं हैं.

कुछ दिन पहले की ही बात है जब मेरी यूट्यूब रिकमैंडेशन में एक वीडियो पौपअप हुआ. इस वीडियो का टाइटल था, ‘‘वैरी हौट टिकटौक म्यूजिकली वीडियो कंपाइलेशन.’’ मैं ने इस वीडियो को देखने के लिए बटन प्रैस ही किया था कि इस की शुरुआत के 15 सैकंड्स में ही मुझे यह ‘किड्स फ्रैंडली’ कहे जाने वाले ऐप का ‘पोर्न फ्रैंडली’ रूप देखने को मिल गया. इस वीडियो की शुरुआत में ही फिल्म ‘ग्रेट ग्रैंड मस्ती’ का डायलौग था जिसे एक लड़की डीपनैक का टौप पहने लिप सिंक कर रही थी. वह डायलौग कुछ इस प्रकार है, ‘‘जो आप कहोगे वह करूंगी, जैसे आप कहोगे वैसे करूंगी.’’

उस के बाद विवेक ओबेराय की आवाज में डायलौग आता है, ‘‘बस कर पगली जौइनिंग के ही दिन प्रमोशन लेगी क्या?’’

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यह कहने की जरूरत नहीं है कि यह कितनी विकृत और भद्दी सोच को उजागर करने वाली बात है. आखिर ऐसे डायलौग किड्स फ्रैंडली कही जाने वाली इस ऐप में क्या कर रहे हैं? हैरानी तो इस बात की भी है कि लड़कियां बड़ी खुशी से ऐसे डायलौग्स पर ऐक्टिंग कर भी रही हैं.

प्रतिदिन 1 करोड़ से ज्यादा वीडियोज केवल टिकटौक पर अपलोड होते हैं. मतलब साफ है कि देश की 1 करोड़ आबादी के पास इतना समय है कि वह नाचगा कर वीडियो बना सकती है, वह भी किसलिए? लाइक्स, पैसे और फेम के लिए. फेम कमाने के सब से अच्छे तरीकों में तो झटकमटक डांस करने, छोटे और कभीकभी अश्लील कपड़े पहन कर नाचना और डबल मीनिंग डायलौग्स दोहराना शुमार है.

इन सब क्रियाओं में जो एक सामान्य चीज है वह यह है कि सब के सब सैक्सिज्म अर्थात लिंगभेद से जुड़े हैं. ‘तू लटका के मटका के झटका के चलती है चैन मेरा…’, ‘अब करूंगा तेरे साथ गंदी बात, गंदी बात…’, ‘तू है डिलाइट मेरा, है तुझ पे राइट मेरा’, ‘तेरा रास्ता जो रोकूं टोकने का नहीं…’ मतलब छिछोरापंती की हदें पार करने वाली सामग्री को जहां बिलकुल नैगलैक्ट किया जाना चाहिए उस पर वीडियो बनाबना कर उन्हें वायरल किया जा रहा है. इन पर बच्चों से ले कर बड़े तक थिरक रहे हैं.

क्या यह एक कला है? शायद. इस से कुछ सीखने को मिल रहा है? शायद. क्या यह प्रोडक्टिव काम है? बिलकुल भी नहीं. इस तरह के प्लेटफौर्म्स किसी टैलेंट को बढ़ावा नहीं दे रहे, बल्कि लिंगभेद को बढ़ावा दे रहे हैं और इन लड़कियों के नाचगाने का मजा भी उन लड़कों को मिल रहा है, जिन से दूर रहने की हिदायतें यही समाज देता फिरता है.

लड़कियों के अधिकारों की, उन की मानमर्यादा की बड़ीबड़ी बातें करने से आखिर होने वाला क्या है जब सिरपैर वाले इन लिंगभेदी वीडियोज और सोच को 12-13 साल के बच्चों तक को एटरटेनमैंट के रूप में परोसा जा रहा है?

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शाहिद कपूर- मैं कबीर सिंह बनकर घर नहीं जा सकता था…

फिल्म ‘इश्क-विश्क’ से बौलीवुड कैरियर की शुरुआत करने वाले एक्टर शाहिद कपूर ने कई सफल फिल्में देकर फिल्म इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान बनायीं है. हालांकि उनकी फ़िल्मी सफ़र कई उतार-चढ़ाव के बीच रहा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और जो भी फिल्में मिली, करते गए. उन्होंने हर तरह की फिल्मों में काम किया है. ‘विवाह’, ‘जब वी मेट’, ‘पद्मावत’, ‘उड़ता पंजाब’ आदि उनकी कई ऐसी फिल्में है, जिससे बौक्स औफिस पर काफी सफलता मिली. उन्होंने जिंदगी को जैसे आया वैसे जीने की कोशिश की. काम के दौरान ही उन्होंने मीरा राजपूत से शादी की और दो बच्चों के पिता बने. सुलझे व्यक्तित्व के एक्टर शाहिद कपूर की फिल्म ‘कबीर सिंह’ की सफलता पर वे बहुत खुश है. पेश है उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश…

सवाल. इस फिल्म में कबीर सिंह बनना कितना कठिन था?

तेलुगू फिल्म ‘अर्जुन रेड्डी’ सबको अच्छी लगी थी और इसमें कबीर राजधीर सिंह बनना मेरे लिए चुनौती थी. ये हिंदी मेनस्ट्रीम के दर्शकों के लिए बनाया गया है, जिसे लोग पसंद कर रहे है. इसमें बैकड्राप अलग है, क्योंकि ये दिल्ली और मुंबई को बेस बनाकर बनायीं गयी है. बाकी इसमें अधिक बदलाव नहीं किया गया.

सवाल. इतनी इंटेंस भूमिका करने के बाद फिर से नार्मल होना कितना कठिन था?

मुश्किल नहीं था, हर दिन मुझे अपनी भूमिका से निकलना पड़ा और अपनी पत्नी और बच्चों के पास जाना था, ऐसे में कबीर सिंह बनकर घर नहीं जा सकता था. मैं एक प्रैक्टिकल एक्टर हूं. काम और निजी जिंदगी को नहीं मिलाता.

 

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सवाल. आपने अलग-अलग भूमिका की है, क्या कभी आपको ऐसे एक्सपेरिमेंट से डर लगा?

ये सही है कि आज के दर्शकों के मनोभाव को समझना मुश्किल होता है. मैंने हमेशा सोच-समझकर काम करने की कोशिश की और कबीर सिंह पहले से ही एक सफल फिल्म है. इसलिए इसके लिए मुझे कभी भी डर नहीं लगा. चरित्र और कंटेंट दोनों ही फिल्म की सफलता को निर्धारित करते है. इस फिल्म में मैंने एक दिल टूटे आशिक की भूमिका निभाई है, जिससे कई लोग रिलेट कर सकते है. दर्शक अगर फिल्म की कहानी से रिलेट कर पाए, तो फिल्म सफल होती है. फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ का सब्जेक्ट बहुत ही डार्क था, इसलिए उससे सबका जुड़ना संभव नहीं था, पर वह सफल रही, क्योंकि कहानी में सच्चाई थी. अलग भूमिका निभाने में मुझे कभी डर नहीं लगा. आज लोग रियलिटी को देखना पसंद करते है और वैसी फिल्में बन भी रही है.

सवाल. क्या आप कभी इस तरह के इंटेंस प्यार के शिकार हुए?

इस फिल्म के साथ मेरी कई पुरानी यादें ताज़ा हो गयी थी. ये एक कैंपस लव स्टोरी है. कौलेज के जमाने में जब प्यार हुआ था, मैंने जब किसी लड़की को पहली नजर में पसंद किया था तो कैसे बातें की थी. जब दिल टूटा तो कैसे अनुभव हुए थे. मसलन अकेले बैठे रहना, किसी से बातें न करना, इमोशनल गाने सुनना आदि बहुत सारे अनुभव हुए थे, जबकि ऐसा रियल में होता नहीं. जिंदगी हमेशा आगे बढती जाती है. अभी मैं 38 साल का हो चुका हूं और मेरे अंदर भी कई सारे परिवर्तन हुए है, जो पहले नहीं था.

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सवाल. आजकल आप फिल्मों के माध्यम से मैसेज देने की कोशिश कर रहे है, क्या फिल्में परिवेश को बदलने में सफल होती है?

आज के दर्शक काफी जागरूक है. वे फिल्मों को फिल्मों के नजरिये से ही देखते है और हर फिल्म में मैसेज नहीं होता. जबरदस्ती इससे डालने की भी जरुरत नहीं होती, क्योंकि फिल्में मनोरंजन का माध्यम है. इस फिल्म में मुझे एक बात अच्छी लगी है कि इसमे डिप्रेशन में जाने वाले को दिखाया गया है और अधिकतर लोग जब डिप्रेशन में होते है, तो उन्हें लगता है कि उन्हें कोई समझ नहीं रहा. वे अकेले इससे दौर से गुजर रहे है, जबकि ऐसा नहीं होता. बहुतों को ऐसा होता है और उससे खुद ही व्यक्ति निकल सकता है. मैंने अलग-अलग इमोशन की फिल्में करने की कोशिश की है. आम जीवन में हर दिन एक जैसे नहीं होता और फिल्में भी उसी की प्रतिबिम्ब होती है.

सवाल. प्यार के बारे में आपकी सोच क्या है?

मैं प्यार को स्ट्रोंगली मानता हूं और इससे जुड़ी शादी को भी अहमियत देता हूं. प्यार को सही नाम देना भी आपके उपर निर्भर करता है. प्यार की जरुरत हमेशा सभी को होती है.

सवाल. आप किस तरह के पिता है और बच्चों को किस तरह की आजादी देते है?

मैंने जरुरत के अनुसार काम किया है. जैसे बच्चों को खाना खिलाना, उनके डायपर बदलना, खेलना, स्कूल जाना, उनकी किताबें पढ़ना, सुलाना आदि सब किया है. मीरा कई बार परेशान हो जाती है ,पर मैं उन्हें सम्हाल लेता हूं. बच्चों को हर काम की आजादी, उनके उम्र के हिसाब से देता हूं. मैं बच्चों के साथ रोज समय बिताने की कोशिश करता हूं और अगर न बिता पाया तो असहज महसूस करता हूं.

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सवाल. क्या अभिनय के अलावा और कुछ करने की इच्छा है?

मैं फिल्मों से जुड़े हुए ही कुछ काम करने की इच्छा रखता हूं, लेकिन वह समय मिलने पर ही करना चाहता हूं.

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मौनसून टिप्स: बारिश में डेयरी प्रौडक्ट्स को ऐसे बचाएं

अक्सर गरमियों या मौनसून में घर में रखीं कईं खाने की चीजें खराब हो जाती है. जिनमें डेयरी प्रौडक्ट भी आते हैं. कई बार ऐसा होता है कि आप बाहर से दूध के पैकेट खरीदकर लाते होंगे और जब उसे रात को या सुबह गर्म करते हैं तो वह फट जाता है या खराब हो जाता है. ये आम बात है, लेकिन इन चीजों का ख्याल रखना जरूरी है. खासकर गरमियों या मौनसून के सीजन में डेयरी प्रौडक्टस खराब हो जाते हैं. इसीलिए आज हम आपको दूध और दूसरे डेयरी प्रोडक्ट्स को स्टोर करके रख सके.

1. टैम्प्रेचर का हमेशा रखें ख्याल

डेयरी प्रोडक्ट्स को कूल टैम्प्रेचर में ही स्टोर करना चाहिए. हालांकि डेयरी प्रोडक्ट्स को नमी से बचाकर ही रखें. कूल एंड ड्राई जगह पर रखने से डेयरी प्रोडक्ट्स और दूध लंबे समय तक सही रहते हैं. इसी तरह गरम टैम्प्रेचर में भी ये चीजें आसानी से खराब हो जाती हैं. दरअसल, नमी और गर्मी में बैक्टीरिया ज्यादा पनपते हैं, जिससे डेयरी प्रोडक्ट खराब हो जाते हैं.

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2. डेयरी प्रौडक्ट का करें उबालकर इस्तेमाल

अगर आप रोजाना दूध पीते हैं तो ये सुनिश्चि‍त करें कि उबाले बिना दूध न पिएं. दूध को उबालकर पीने से इसमें मौजूद बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं. हल्का गुनगुना दूध पीना, ठंडा दूध पीने से कहीं अधि‍क फायदेमंद है.

3. मैन्युफैक्चरिंग डेट देखकर ही खरीदें प्रौडक्ट

दूध ओर डेयरी प्रोडक्ट्स पर ही नही बल्क‍ि हर चीज पर ये बात लागू होती है जो बाहर से खरीदी जाती है. दूध और दूसरे डेयरी प्रोडक्ट्स खरीदते समय हमेशा उस पर लिखी तारीख देख लें. बेस्ट बीफोर में तारीख चेक कर लें. साथ ही अगर पैकेट कहीं से फटा हो तो उसे गलती से भी न खरीदें.

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4. धूप से रखें बचाकर

दूध को धूप से बचाकर रखें. इससे दूध में मौजूद पौष्ट‍िक तत्व नष्ट हो जाते हैं. विटामिन डी और रिबोफ्लेविन जैसे पोषक तत्व सूरज की रोशनी में नष्ट हो जाते हैं. इसीलिए डेयरी प्रौडक्ट को स्टोर करके रखने के लिए जरूरी है कि उन्हें धूप से बचाकर रखा जाए.

दिमाग से होती है फिटनेस की शुरुआत- पूजा बनर्जी

पूजा बनर्जी टीवी की लोकप्रिय अभिनेत्री हैं. वे नेशनल की तैराक भी रह चुकी हैं. एम टीवी ‘रोडीज सीजन 8’ की वे फाइनलिस्ट रही हैं. ‘स्विम टीम’, ‘नागार्जुन-एक योद्धा’, ‘चंद्र नंदिनी’, ‘चंद्रकांता’, ‘दिल ही तो है’ जैसे कई शोज में वे नजर आ चुकी हैं. इन दिनों ‘कसौटी जिंदगी की’ और अल्ट बालाजी की वैब सीरीज कहने को हमसफर हैं सीजन-2’ में नजर आ रही हैं. पिछले दिनों वैब सीरीज के प्रमोशन के लिए दिल्ली आई थीं. वहीं पूजा बनर्जी ने अपनी फिटनेस के बारे में विस्तार से बताया. आइए जानें, क्या करती हैं पूजा अपनी फिटनेस के लिए और क्या सलाह देती हैं अपने फैंस को:

1. खुद पर ध्यान देना हा जरूरी

आज हम सभी अपनी जिंदगी में इतने उलझे हुए हैं कि सब से ज्यादा अनदेखा हम खुद को ही करने लगे हैं जोकि बहुत गलत है. हम सभी के पास कम से कम 24 घंटों में से 1 घंटा तो अपनी फिटनेस के लिए होना ही चाहिए. यह हमारी शारीरिक और मानसिक शांति के लिए है. यह 1 घंटा हमें जरूर निकालना चाहिए. मैं खुद से प्यार करती हूं, इसलिए 1 घंटा रोज अपने लिए निकालती ही हूं चाहे कितनी ही व्यस्त क्यों न रहूं. मैं मानती हूं कि फिटनेस सब से पहले खुद के लिए होनी चाहिए तभी हम परिवार में औरों के बारे में सोच पाएंगे, दूसरों की मदद कर पाएंगे. फिट रहने की भावना हमारे दिमाग में होनी चाहिए.

 

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2. मनपसंद करें एक्सरसाइज

जैसा कि मैंने बताया कि 1 घंटा हमारे पास केवल अपनी फिटनेस के लिए जरूर होना चाहिए. तो इस 1 घंटे में हमें करना यह है कि जिसे जो काम पसंद हो वह उसे करे. किसी को स्वीमिंग पसंद हो तो वह स्वीमिंग करे, किसी को डांस पसंद है तो वह डांस करे या अपनी पसंद का कोई और खेल खेले. फिजिकल ऐक्सरसाइज करें यानी अपने शरीर को एक ऐसे जोन में ले जाएं जहां आप का पसीना निकले और शरीर पूरी तरह से एक्टिव रहे. ऐसा हर महिला को जरूर करना चाहिए, क्योंकि हमारे यहां अपनी फिटनेस को ले कर सब से ज्यादा लापरवाह महिलाएं ही रहती हैं. शहरों में तो फिर भी अब जारूकता आने लगी है, लेकिन छोटे शहरों व गांवों में अभी भी महिलाएं इस बात को समझ नहीं पाती हैं कि उन का रोज व्यायाम करना कितना जरूरी है. मेरे दिन की शुरुआत ऐक्सरसाइज से ही होती है.

3. डाइट का भी रखें ध्यान

आज शहरों में ज्यादातर महिलाएं कामकाजी हैं, इसलिए उन्हें बाहर खाने का मौका ज्यादा मिलता है, लेकिन बाहर का खाना सेहत के लिए ठीक नहीं होता है. इसलिए जरूरी है कि रोज घर से टिफिन बना कर ले जाएं. मैं बाहर भी हमेशा घर का बना खाना ही खाती हूं. मैं रोज खुद खाना बनाती हूं.

जितना हो सके घर के बने खाने को प्राथमिकता दें. मैं रोज खाने में देसी घी जरूर शामिल करती हूं. अगर शहर से बाहर होती हूं तो अलग बात है, लेकिन मुंबई में ही हूं तो सैट पर घर से ही खाना ले कर जाती हूं. खाने को ले कर मेरा सब से ज्यादा जोर इस बात पर रहता है कि मैं सही चीज खाऊंगी तो बाकी चीजें अपनेआप ठीक हो जाएंगी.

4. स्वीमिंग है फिटनेस का राज

जैसाकि सब जानते हैं कि मैं अभिनेत्री के साथसाथ राष्ट्रीय स्तर की स्वीमर भी रह चुकी हूं. स्वीमिंग की वजह से मेरा शरीर बहुत फिट है. मैं रोज स्वीमिंग करती हूं और यह सिलसिला बचपन से जारी है. तनाव से मुक्ति दिलाने में भी स्वीमिंग मेरी बहुत मदद करता है. जैसे ही मैं स्वीमिंग पूल में उतरती हूं मेरी थकान, मेरा तनाव पानी के साथ बह जाता है और मैं खुद को बहुत ही तरोताजा महसूस करती हूं.

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मैं ने एक शो किया था जिस का नाम था ‘स्विम टीम’. शो को करते हुए मुझे बहुत मजा आया था, क्योंकि उस में मैं ने खूब स्वीमिंग की. काम के साथ ही मेरी ऐक्सरसाइज भी हो जाती थी. जो लोग स्वीमिंग कर सकते हैं वे जरूर स्वीमिंग करें. जो सीखना चाहते हैं वे भी जरूर सीखें, क्योंकि स्वीमिंग फिटनेस के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद ऐक्सरसाइज है.

 

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कुछ लड़कियां स्वीमिंग से इसलिए दूरी बनाती हैं, क्योंकि उन्हें अपनी स्किन के टैन होने का डर रहता है. उन्हें लगता है कि स्वीमिंग कर के वे काली हो जाएंगी. लेकिन ऐसा नहीं है. आप अगर कुछ बातों को ध्यान में रखें तो टैनिंग की समस्या से बचा जा सकता है जैसे आप सुबहसुबह या फिर देर शाम को स्वीमिंग करें. कोशिश करें कि स्वीमिंग इंडोर पूल में हो. स्वीमिंग से पहले व बाद में अपनी त्वचा पर सनस्क्रीन लोशन या फिर ऐलोवेरा जैल अथवा क्रीम लगा लें. ये सब चीजें टैनिंग से बचाती हैं.

5. नींद पूरी करना है जरूरी

अच्छी नींद अच्छी हेल्थ की निशानी है. इसलिए रोज 8 घंटे की नींद जरूर लें. चैन से सोएं. अगर किसी वजह से नींद पूरी न हो तो दिन में सो लें. चूंकि हमें सुबह जल्दी सैट पर पहुंचना होता है, इसलिए मैं कई बार अपनी नींद रास्ते में यानी गाड़ी में भी पूरी कर लेती हूं. आप को यह जान कर हैरानी होगी कि मैं रात को सोने से पहले स्टै्रचिंग ऐक्सरसाइज करती हूं. इस से दिनभर की थकान मिट जाती है. बौडी लचीली हो जाती है और रात को बहुत अच्छी नींद आती है.

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6. फ्री टाइम में करें डांस करें

मुझे जब भी फ्री टाइम मिलता है मैं म्यूजिक चलाती हूं और डांस करने लगती हूं. डांस के कुछ स्टैप्स मैं ने औनलाइन वीडियो देख कर सीखे और कुछ मैं खुद ही अपने मुताबिक डांस कर लेती हूं. डांस करने से पसीना आता है जोकि फिटनेस के लिए बहुत जरूरी है. जिम जा कर भी तो हम पसीना ही बहाते हैं और खुश होते हैं. ऐसे में अगर आप जिम नहीं भी जा पा रही हैं तो रोज 1 घंटा कोई भी डांस कर के देखिए. खुद को बहुत हलका महसूस करेंगी.

5 होममेड टिप्स: मौनसून में स्किन एलर्जी को रखें ऐसे दूर

मौनसून आते ही हमारे फेस पर मुस्कान आ जाती है क्योंकि हमें गरमी से राहत मिल जाती है. लेकिन मौनसून जितना हमें गरमी से राहत देता है उतना ही कई परेशानियों का कारण भी बनता है. इस मौसम में कईं प्रौब्लम्स जैसे स्किन एलर्जी, इचिंग, रैशेज आदि होने लगती हैं. स्किन प्रौब्लम एक नौर्मल प्रौब्लम है, पर अगर उसका सही इलाज न किया जाए तो ये स्किन को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है. इसीलिए स्किन प्रौब्लम्स का इलाज करना जरूरी है. आज हम आपको कुछ होममेड टिप्स बताएंगे, जिससे आप मौनसून में होने वाली स्किन प्रौब्लम से आसानी से छुटकारा पा सकते हैं.

  1. मौनसून में स्किन प्रौब्लम के लिए सेब के सिरके का करें इस्तेमाल
    एलर्जी का उपचार करने के लिए सेब का सिरका लंबे समय से इस्तेमाल किया जाता रहा है. इसमें एंटी-बायोटिक और एंटी हिस्टामिन गुण होते हैं जो एलर्जिक रिएक्शन से लड़ने में मदद करते हैं. इसके इस्तेमाल के लिए एक गिलास पानी में एक चम्मच सेब का सिरका मिला लें. इसमें एक चम्मच नींबू का रस और शहद मिला लें. इसका दिन में तीन बार सेवन करें.

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2. बेकिंग सोडा का करें इस्तेमाल
एक कप बेकिंग सोडा लेकर इसे एक बाल्टी हल्के गुनगुने पानी में मिला लें. इस पानी में प्रभावित हिस्से को 30 मिनट के लिए भिगो कर रखें. इसके अलावा बेकिंग सोडा का पानी के साथ पेस्ट बनाकर भी आप इसे प्रभावित हिस्से पर लगा सकते हैं

3. एंटी इंफ्लेमेटरी गुण से भरपूर है नींबू
नींबू में एंटी सेप्टिक और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो कि मौनसून में होने वाली एलर्जी के कारण इचिंग की प्रौब्लम से राहत दिलाते हैं. थोड़ा नींबू का रस लेकर इसे प्रभावित हिस्से पर लगाएं. इससे आपको स्किन प्रौब्लम तुंरत राहत मिलेगी.

4. स्किन प्रौब्लम्स के लिए बेस्ट है एलोवेरा
एलोवेरा का एक पत्ता लेकर इसे बीच से काट लें. अब इसके जेल को प्रभावित हिस्से पर लगाएं और सूखने दें. एलोवेरा में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी फंगल और एंटी वायरल प्रोपर्टीज होती है जो त्वचा को राहत देती हैं और खुजली को कम करती है.

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5. स्किन के लिए ओटमील का करें इस्तेमाल
मौनसून में होने वाले चिपचिप पसीने से स्किन को बहुत नुकसान पहुंचता है, जिससे खुजली और स्किन इन्‍फेक्‍शन की प्रौब्लम पैदा हो जाती है, लेकिन अगर हम अपने किचन में मौजूद सुपरफूड ओट्स से एक ब्‍यूटी पैक के रूप में इस्तेमाल करें तो ये मौनसून में स्किन प्रौब्लम से दूर रखने के साथ-साथ ग्लो भी देता है. इसे इस्तेमाल करने के लिए एक कप पिसी ओटमील को हल्के गर्म पानी में मिला लें. इस पेस्ट को प्रभावित हिस्से पर लगाएं.

Web Series Review: स्ट्रेंजर थिंग्स

रिलीज इयर – 2016

क्रिएटर – द डफ्फर ब्रदर्स

कास्ट – विनोना रायडर, डेविड हार्बर, फिन वोल्फर्ड, मिल्ली बॉबी ब्राउन, नतालिया डायर, चार्ली हीटन

जोनर – साइंस फिक्शन, हॉरर, सुपरनेचुरल, टीन ड्रामा

नेटफ्लिक्स ओरिजिनल सीरीज स्ट्रेंजर थिंग्स फनी एंड स्केरी कौम्बिनेशन है. इस सीरीज में एक सेंस ओफ मिस्ट्री है जो आप को बोर नहीं होने देती. इसकी कास्टिंग आउटस्टैंडिंग है, हर केरैक्टर को बारीकी से लिखा गया है और परफेक्ट स्क्रीनटाइम दिया गया है.

कहानी को 80 के दशक में सेट किया गया है जिस में करैक्टर्स का पहनावा, बोलचाल, रिएक्शंस सभी उस समय के मुताबिक़ हैं. सीरीज तीन अलगअलग ऐज ग्रुप के लोगों को दिखाती है जिस में बच्चे, टीनएजर्स और उनके पेरेंट्स हैं.

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इस सीरीज का एसेंस ( विदाउट स्पॉइलेर्स) ये है कि यह इंडिआना के एक स्माल टाउन की कहानी है जहां शहर से दूर एक लेबोरेटरी है जो कुछ ऐसे एक्सपेरिमेंट्स करती है जिस से पूरे शहर की जान खतरे में पड़ जाती है. कहानी एक रहस्यमयी लड़की पर आ कर रूकती है जिस का नाम इलेवन है.

स्ट्रेंजर थिंग्स नेटफ्लिक्स की सब से अमेजिंग सीरीज में से एक है जिसे देखने के बाद ही आप इस में छिपे रहस्यों और थ्रिल को समझ पाएंगे. इस के तीन सीजन हैं. इस के एपिसोड छोटे हैं और जबरस्ती खींचे नहीं गए हैं. मुख्य केरैक्टर्स को मिली बौबी ब्राउन, फिन वोल्फर्ड, विनोना रैडर, डेविड हारबर आदि एक्टर्स ने निभाया है.

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एक और एक्ट्रेस बनीं विदेशी बहू, देखें वेडिंग फोटोज

बौलीवुड से काफी टाइम से दूर चल रहीं एक्ट्रेस आरती छाबड़िया ने बीते दिन शानदार वेडिंग में अपने बौयफ्रेंड विशारद बीडेसी से सात फेरे ले लिए हैं. शादी में आरती ब्राइड के लुक में जलवे बिखेरते हुए कैमरे के सामने पोज देती हुईं नजर आईं. जिसकी फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल हो गई.

चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं आरती के पति

बौलीवुड के कई स्टार्स के साथ कम कर चुकीं आरती के पति विशारद बीडेसी मौरिशस में रहते हैं. जहां वह चार्टर्ड अकाउंटेंट की पोस्ट पर हैं.

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पति के साथ पोज देती हुई नजर आईं आरती

शादी की रस्मों में विशारद आरती के माथे पर किस करते हुए नजर आए तो वहीं फोटो खिचवाने के दौरान आरती ब्राइडल लुक में पति विशारद के साथ पोज देती नजर आईं.

शादी में आए खास लोग नजर

 

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शादी की रस्मों में शामिल होने कुछ ही सितारे हिस्सा लेने पहुंचे जिनमें टीवी इंडस्ट्री से शीना बजाज और रोहित पुरोहित ने नजर आए. इन दोनों सितारों ने अपनी तस्वारें सोशल मीडिया पर शेयर करके आरती को शादी की बधाई दी.

टीवी रियलिटी शो में रह चुकीं है आरती

 

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& I love that someone…

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भले ही आरती फिल्मों से दूर रहीं हो लेकिन वह टीवी का हिस्सा भी रहीं हैं. आरती टीवी के रियलिटी शो खतरों के खिलाड़ी सीजन 4 की विनर रह चुकी हैं. बता दें, एक्ट्रैस आरती बौलीवुड की कई फिल्मों में एक्टर गोविंदा के साथ स्क्रिन शेयर कर चुकीं हैं, इसके अलावा भी वह कईं फिल्में कर चुकी हैं.

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जेठ की शादी के लिए पेरिस पहुंचीं प्रियंका, पति के साथ यूं किया डांस

बौलीवुड से हौलीवुड तक पहचान बनाने वाली एक्ट्रैस प्रियंका चोपड़ा इन दिनों पेरिस में हैं, जहां वह अपने पति निक जोनास के साथ अपने जेठ की शादी में शामिल होने के लिए पहुंची. शादी से पहले जोनस फैमिली याच पर गैट-टूगैदर करने पहुंची, जिसकी फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. यहां निक और प्रियंका अपने लिए क्वालिटी टाइम भी निकालते दिखें. आइए आपको दिखाते हैं उनकी कुछ रोमेंटिक फोटोज…

ठुमके लगाती दिखीं प्रियंका

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प्रियंका चोपड़ा अपने पति निक के साथ अपने जेठ की शादी में जहां लंच एन्जौय करती दिखाई दी तो वहीं डांस करती भी नजर आई.

जोनस परिवार भी आया नजर

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प्रियंका के जेठ यानी जो जोनस और सोफी टर्नर की शादी में शामिल होने के लिए पूरी जोनस फैमिली पेरिस पहुंच चुकी हैं.

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सेलिब्रेशन से जुड़ी फोटोज हुईं वायरल

खूबसूरत ड्रेस में प्रियंका आईं नजर

सेलिब्रेशन के दौरान प्रियंका चोपड़ा औरेंज कलर की रफल डीप नेक मैक्सी ड्रेस में नजर आईं. जिसके साथ लाइट मेकअप उनको परफेक्ट लुक दे रहा था.

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पति के साथ रोमांटिक अंदाज में नजर आईं प्रियंका

सोशल मीडिया पर वायरल फोटोज में प्रियंका चोपड़ा पति निक के साथ रोमांटिक मूड में नजर आईं.

निक के साथ भी डांस करती दिखीं प्रियंका

सेलिब्रेशन में जहां एक तरफ प्रियंका फैमिली के साथ ठुमके लगाती नजर आईं तो वहीं पति निक के साथ कपल डांस करती हुई भी नजर आईं.

 

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बता दें,  प्रियंका के जेठ जो और सोफी इससे पहले लौस वेगास में शादी कर चुके हैं. जिसमें केवल बेहद करीबी लोग ही शामिल हुए थे. जिसके बाद अब वह पेरिस में सोफी और जो धूमधाम से शादी करेंगे. वहीं शादी से पहले हाल ही में उन्होंने ने एक बैचलरेट पार्टी भी रखी थी.

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