बचत करने के लिए इन बातों को ध्यान में रखें महिलाएं

घर के वित्तीय मामलों में घर की औरतों का खासा दखल होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि वो घर की वित्तीय कार्यों को पुरुषों से बेहतर ढंग से संभाल लेती हैं. उनमें प्रबंधन और बचत की भावना भी पुरुषों की अपेक्षा बेहतर रहती है. ऐसे में हम महिलाओं के लिए कुछ जरूरी टिप्स ले आए हैं जो उन्हें इन बातों में खासा मदद करेंगे और इन मामलों में उनकी समझ को और अधिक विकसित करने में मदद करेंगे.

सोचें निवेश के बारे में

पैसों के बचत के लिए जरूरी है कि आप निवेश जरूर करें. पैसा बचा कर घर में रखने से कोई लाभ नहीं होता. बेहतर होगा कि आप उसे बाजार और पौलिसी में निवेश करें. इससे आपका पैसा भी सुरक्षित रहेगा और निवेश से पैसों में बढ़ोत्तरी होगी.

वित्तीय मामलों की समझ

एक महिला के लिए ये बेहद जरूरी है कि वो वित्तीय मामलों के बारे में समझ अच्छी रखे. इसके लिए आप चाहें तो फाइनेंशियल प्लानर की मदद ले सकती है.

जरूरत की चीजों की करें खरीदारी

जो भी चीजें जरूरी हैं उसे खरीदने से पीछे ना हटें पर गैर जरूरी खर्चों से दूर रहें. अगर आप शौपिंग करने जा रहीं और आपको अचानक कुछ खरीदने का मन होने लगा तो खुद से पूछें कि क्या आपको उस सामान की जरूरत है. क्या जरूरत है उस सामन की आपको?  इसके बाद भी अगर आपको लगता है कि आपको सामान खरीदना चाहिए तो खरीदें नहीं तो छोड़ दें.

ध्यान रखें कहां और कितना करना है खर्च

जहां भी आपको पैसे खर्च करने हैं उसकी पूरी जानकारी रखें. बेहतर होगा कि आप अपने खर्चों को नोट करते रहें. ध्यान रखें कि जहां और जितनी जरूरत हो उतना ही खर्च करें.

7 उपाय, जो किचन को स्मार्ट और कुकिंग को ईजी बनाएं

किसी भी घर का रसोईघर अतिथियों का स्वागत करने और परिवार के लोगों की सेहत का खयाल रखने में अहम भूमिका निभाता है. पेश हैं, रसोई को सुविधाजनक बनाने के सुझाव:

घर के अन्य कोनों की साफसफाई के साथसाथ रसोईघर की सफाई भी बहुत जरूरी है. रसोईघर में इस्तेमाल होने वाली सभी वस्तुएं भी बाहर और भीतर से अच्छी तरह साफ होनी चाहिए. सभी उपकरण, शैल्फ की दराजें, बरतन रखने के होल्डर आदि को अच्छी तरह झाड़ापोंछा जाना चाहिए. खासकर दराजों और कैबिनेट में रखी वस्तुओं को समयसमय पर बाहर निकाल कर साफ करना तो बहुत ही जरूरी है.

रसोईघर की खानेपीने से ले कर दूसरे कामों में इस्तेमाल आने वाली वस्तुओं को उपयोगिता की क्रमबद्धता के अनुसार कैबिनेट या उन के लिए बनाई गई उपयुक्त जगहों पर रखा जाना चाहिए. यह ध्यान रखना चाहिए कि कौनकौन सी वस्तुएं बारबार इस्तेमाल में आती हैं और कौन सी कभीकभार. इस आधार पर उन्हें अपने ध्यान में रखते हुए स्टोर में रखा जाना चाहिए. जैसे हमेशा इस्तेमाल वाली चीजों को अपनी पहुंच में ज्यादा मात्रा में तथा कभीकभी काम आने वाली वस्तुओं को थोड़ा दूर रखा जाना चाहिए. सभी को एकसाथ रख कर एकदूसरे का बाधक नहीं बनने दिया जाना चाहिए.

प्रत्येक वस्तु को आसानी से पहुंच के दायरे में रखना चाहिए और उसे अच्छी तरह साफ होना चाहिए. लेकिन उन्हें पास में रखने से पहले यह तय किया जाना चाहिए कि उन की उपयोगिता कितनी हो सकती है. उदाहरण के तौर पर यदि नाश्ते में आप टोस्टब्रैड का इस्तेमाल करते हैं, तो टोस्टर को रसोईघर के काउंटर के ठीक नीचे रखना चाहिए ताकि उसे आसानी से तुरंत बाहर निकाला जा सके. अन्यथा इस उपकरण को अलग सुरक्षित स्थान पर रख देना चाहिए.

पसंदीदा और हमेशा काम में आने वाली खाना पकाने की चीजों में विशेषकर खाद्यपदार्थों को एकसाथ रखना चाहिए ताकि उन के इस्तेमाल के समय आसानी से चुना जा सके. हालांकि उन्हें अलग बरतनों में रखना चाहिए ताकि प्रयोग के समय काम में बाधा नहीं आए और जीरा और आजवाइन जैसी चीजों को आसानी से पाया जा सके.

शैल्फ में वस्तुओं को करीने से रखना चाहिए. आवश्यकतानुसार और एकजैसी वस्तुओं के हिसाब से व्यवस्थित करना चाहिए. बड़ी और लंबी वस्तुएं पीछे की ओर तथा आकार एवं साइज में छोटी वस्तुओं को आगे की ओर रखा जाना चाहिए. ट्रे वाले रैक, बरतन रखने के विभिन्न खानों वाले होल्डर और खूंटियों वाले शैल्फ बरतनों को रखने के लिए इस्तेमाल किए जाने चाहिए. इन में हर प्रकार के बरतनों को व्यवस्थित ढंग से रखने की जगह बनी होती है. इन्हें रसोईघर की दीवार के सहारे लगाया जा सकता है.

यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि रसोईघर में काम करने के दौरान नजर के सामने क्याक्या रखा जाना है. जिन वस्तुओं का इस्तेमाल नहीं किया जाना है उन्हें हटा देना चाहिए. यदि कोई वस्तु टूटी हुई है, तो उस की तत्काल मरम्मत करवा ली जानी चाहिए और बेकार हो जाने की स्थिति में फेंक कर नई ले आनी चाहिए. सब्जी वगैरह काटने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले चाकू की धार तेज होनी चाहिए.

यदि रसोई में जरूरत से ज्यादा रद्दी पेपर या फिर बेकार सामान इकट्ठा हो जाए तो उसे स्टोर में रख देना चाहिए.

थोड़ा देसी थोड़ा चाइनीज कलीफ्लौवर कोरमा

सामग्री

– 1 सैचेट फ्राइड राइस मसाला

– 1 प्याज कटा

–  1/2 कप मटर

– 1 कप गोभी कद्दूकस की

–  थोड़ी सी हरीमिर्च

– 1 बड़ा चम्मच तेल

– थोड़ी सी धनियापत्ती कटी

–  नमक स्वादानुसार

बनाने की विधि

–  कड़ाही में तेल गरम कर प्याज भूनें.

–  हरीमिर्च, मटर, गोभी, नमक और फ्राइड राइस मसाला डाल कर धीमी आंच पर ढक कर पकाएं.

–  पकने पर धनियापत्ती डाल कर परोसें.

स्वीट पोटैटो वैज करी

सामग्री

– 2 शकरकंदी उबली

– 2 बड़े चम्मच शिमलामिर्च कटी

– 1 प्याज कटा

– 1 हरीमिर्च कटी

– 1 बड़ा चम्मच पनीर चिली मसाला

– 1 बड़ा चम्मच तेल द्य 1/2 कप पानी

– नमक स्वादानुसार

बनाने की विधि

– कड़ाही में तेल गरम कर प्याज व शिमलामिर्च भूनें.

– शकरकंदी को छील कर टुकड़ों में काट कर डालें.

– नमक, हरीमिर्च, पनीर, चिली मसाला और 1/2 कप पानी डाल कर पकने दें.

– गाढ़ा होने पर गरमगरम परोसें.

पार्टनर संग बिताएं यहां क्वालिटी टाइम

अगर आपको हौलिडे डेस्टिनेशन ढूंढने में परेशानी हो रही है तो हम आपकी मदद के लिए लाए हैं ऐसे जगहों की लिस्ट जो अक्टूबर में घूमने के लिए बेस्ट हैं. खास बात यह है कि यहां आपको पार्टनर के साथ क्वालिटी टाइम बिताने का काफी अच्छा मौका मिलेगा.

पचमढ़ी, मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश के इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी को सतपुड़ा की रानी भी कहा जाता है. यहां आप प्रकृति को नजदीक से महसूस कर पाएंगे. चारों ओर हरियाली के बीच गुफाओं से लेकर तालाब और झरने देखने पर आपकी थकान मिट जाएगी. पचमढ़ी में सनराइज देखने का एक्सपीरियंस भी आप कभी नहीं भुला पाएंगे. इसके साथ ही आप सतपुड़ा नेशनल पार्क भी जा सकते हैं.

कच्छ, गुजरात

गुजरात का कच्छ दुनियाभर में मशहूर है. यहां बड़ी संख्या में लोग छुट्टियां मनाने के लिए आते हैं. कच्छ में देखने और करने के लिए बहुत ऐसी चीजें हैं जो आपके एक्सपीरियंस को यादगार बना देगी. कच्छ में घूमने के लिए, कच्छ का रण, प्राग महल और आईना महल, कच्छ म्यूजियम, मांडवी और धौलावीरा बेस्ट हैं.

हम्पी, कर्नाटक

कर्नाटक राज्य के बेल्लारी जिले में स्थित बेहद खूबसूरत और ऐतिहासिक गांव हम्पी अक्टूबर में छुट्टियां मनाने के लिहाज से बेहतरीन है. हम्पी मध्यकालीन हिंदू राज्य विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था. उस समय के कई मंदिर समूहों के अवशेष आज भी आपको यहां देखने को मिल जाएंगे. इन ऐतिहासिक जगहों पर घूमने के साथ ही दारोजी स्लोथ भालू अभ्यारण्य, तुंगभद्रा बांध और मतंग हिल भी ट्रैवल के लिए शानदार हैं.

जिरो घाटी, अरुणाचल प्रदेश

अरुणाचल प्रदेश स्थित जिरो घाटी अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए मशहूर है. यहां आप कपल या सोलो ट्रिप प्लान कर सकते हैं. जिरो घाटी जाने पर आप टैली घाटी वन्य जीव अभ्यारण्य, मेघना गुफा मंदिर, जिरो पुटो, पाइन बाग और डोलो-मांडो जरूर घूमें. इन जगहों पर आप रोमांच और शांति का अनुभव कर सकेंगे.

ऋषिकेश, उत्तराखंड

रोमांच से लेकर स्पिरिचुअल टूरिज्म के लिए ऋषिकेश से बेहतर जगह शायद ही कोई हो. अक्टूबर से फरवरी महीने के बीच यहां का तापमान 19 डिग्री से 27 डिग्री तक रहता है, जो घूमने के अनुभव को सुहाना बना देता है. अडवेंचर पसंद हैं तो आप रिवर राफ्टिंग का मजा ले सकते हैं.

मोटापे से पाएं निजात

वजन कम करना अपनेआप में एक चैंलेंज है. यदि आप खानेपीने के मामले में जितनी कैलोरीज ले रही हैं, उतनी ही बर्न नहीं करती तो आप का वजन बढ़ना तय है. असल में बची हुई कैलोरीज हमारे शरीर में फैट के रूप में इकट्ठी होती है.

खानपान : शरीर का वजन बढ़ने में सब से बड़ा हाथ खानपान का है अगर हमारे खानेपीने में कैलोरी की मात्रा अधिक होगी तो वजन भी उतनी ही तेजी से बढ़ेगा. ज्यादा तलाभूना फूड, फास्डफू्ड, कोलड्रिंक आदि ऐसी चीजों का सेवन करने से हमारे शरीर में ज्यादा कैलोरी इकट्ठी हो जाती है.

हां अगर आप इस बात का ध्यान रखें की आप के शरीर को हर रोज कितनी कैलोरी की आवश्यकता है और आप उतनी ही कैलोरी लें रही है तो आप का वजन नहीं बढ़ेगा. और अगर आप की दिनचर्या में रोज फिजीकल एक्टीविटी कम और मैनटली ज्यादा होती है यानी कि आप कुर्सी पर बैठी रहती हैं तो वजन बढ़ेगा ही. इसलिए आप अपनी दिनचर्या में फिजीकल एक्टीविटी शामिल करें जैसे की लिफ्ट की जगह सीढि़यों का प्रयोग करें. कोई खेल जैसे बैडमिंटन आदि खेलें.

अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखें तो आप अपना वजन कंट्रोल में रख सकती हैं.

  • हर रोज 45 मिनट टहलिए. हर रोज 30 मिनट टहलने से आप का वजन नहीं बढेंगा परंतु अगर आप अपना वजन कम करना चाहती हैं तो 45 मिनट टहलना चाहिए.
  • अपने खाने में टमाटर, लौकी, खीरा आदि अधिक शामिल करें.
  • चायकौफी बनाने के लिए स्कीम मिल्क इस्तेमाल करें. जिस में कि कैल्शियम ज्यादा और कैलोरीज कम होती है.
  • बाहर का खाना खाने से बचे. बाहर के खाने में ज्यादा हाई फैट और हाई कैलोरीज होती है.
  • धीरेधीरे खाएं. जब भूख लगे तभी खाए.
  • जूस पीने की जगह फल खाएं. फल आप की भूख को कम करेगा और आप कम खाएंगी.
  • ज्यादा से ज्यादा चलें, आसपास पैदल जाएं. मेट्रो स्टेशन से औफिस अगर 10-15 मिनट की दूरी है तो पैदल ही जाने की कोशिश करें.
  • नींबू और शहद का प्रयोग करें, रोज सुबह हल्के गुनगुने पानी के साथ नींबू शहद लें.
  • जितनी भूख है उस से कम खाएं. जबरदस्ती पेट न भरे.
  • भरपूर नींद लें. जब हम सोते हैं तो शरीर रिलैक्स मोड में रहता है. जो लोग पूरी नींद नहीं लेते है उन की बौड़ी का सिस्टम डिस्टर्ब हो जाता है, हारमोंस डिसबैंलंस हो जाते हैं, इस का असर शरीर पर पड़ता है और मोटापा बढ़ता है.

वजन कम करने के लिए आप को थोड़ा धैर्य रखना होगा, और आप वजन कम करने के लिए जो कुछ भी कर रही हैं उस पर यकीन रखना होगा.

मैं कोई रईस बाप का बेटा नहीं : नवाजुद्दीन सिद्दीकी

हिंदी फिल्म ‘शूल’ और ‘सरफरोश’ से अभिनय कैरियर की शुरुआत करने वाले अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरपुर जिले के बुधाना कस्बे के एक किसान परिवार से हैं. अभिनय की इच्छा उन्हें बचपन से ही थी. यही वजह थी कि विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने दिल्ली के नेशनल स्कूल औफ ड्रामा से भी स्नातक की शिक्षा पूरी की और थिएटर में अभिनय करने लगे. शुरुआत में उन्होंने कई बड़े और छोटे फिल्मों में काम किया, पर वे अधिक सफल नहीं रहे. असली पहचान उन्हें फिल्म पिपली लाइव, कहानी, गैंग्स औफ वासेपुर, लंचबौक्स जैसी फिल्मों से मिली. साधारण कदकाठी के होते हुए भी उन्होंने फिल्मों में अपनी एक अलग पहचान बनायीं. अभी उनकी फिल्म ‘फोटोग्राफ’ रिलीज पर है. जिसे लेकर वे काफी उत्सुक हैं. पेश है कुछ अंश.

इस फिल्म में आपकी चुनौती क्या रही?

इसमें अपने आपको साधारण रखना ही चुनौती थी. निर्देशक रितेश बत्रा ने मुझे एक आम फोटोग्राफर की तरह लुक रखने को कहा, जो मेरे लिए आसान नहीं था, क्योंकि एक्शन बोलते ही एक्टिंग का सुर लग जाता है और उसी को निर्देशक ने दबाया है. एक्टिंग न करना ही इसमें चुनौती रही. जब हम कैजुअल होते थे, तभी निर्देशक उसे शूट करता था.

आपने इस चरित्र के लिए क्या-क्या तैयारियां की है?

गेट वे औफ इंडिया से कई फोटोग्राफर को बुलाया गया और उनके काम को मैंने नजदीक से देखा और पाया कि कैसे वे पूरा दिन काम करते हैं, दोपहर तक कैसे थक जाते हैं आदि सभी को फिल्म में दिखाने की कोशिश की गयी है.

आपने पहला पोर्टफोलियो कब बनाया था?

मैं साल 2000 में मुंबई आ गया था. उस समय मेरे पास पैसे नहीं थे, इसलिए वर्ष 2003 में मैंने पहला पोर्टफोलियो बनाया था.

इस फिल्म में दिखाए गए बेमेल रिलेशनशिप पर आप कितना विश्वास रखते हैं?

ऐसे रिश्ते बहुत होते हैं और इसमें मैं विश्वास रखता हूं. फिल्मों में उन्ही घटनाओं को दिखाया जाता है, जो रुचिकर और अलग हो. जिसमें ड्रामा होता है. इसमें एक पड़ाव है कोई ड्रामा नहीं है.

शादी का प्रेशर आप पर कितना था और अपने रिश्ते को परिवार तक कैसे ले गए?

मुझपर अधिक शादी का प्रेशर नहीं था. मैंने अपने रिश्ते को बताया और उन्होंने हां कर दी.

आपकी फिल्में लगातार आ रही हैं क्या आपको ओवर एक्सपोज होने का डर नहीं है?

मैंने अपने जीवन में थिएटर में 211 चरित्र निभाए हैं. 200 नाटक किये हैं और रियल लाइफ में मैंने तकरीबन 3 हजार लोगों को औब्जर्व किया है, क्योंकि जब मेरे पास काम नहीं था. आगे के सौ साल भी मेरे लिए कोई मुश्किल नहीं, क्योंकि मेरे पास मसाला बहुत है. मैंने हर तरह के लोगों के साथ मिलकर समय बिताया है, मैं कोई रईस बाप का बेटा नहीं हूं, जिसे आस-पास के बारें में पता न हो.

क्या आपको लगता है कि अभी फोटोग्राफ की कोई एल्बम नहीं बनती, जिसे देखकर पुरानी बातों की यादें ताजा की जा सके?

ये सही है कि अब यादें जल्दी धुंधली पड़ जाती है, क्योंकि मोबाइल और उसकी तस्वीरें अधिक दिनों तक नहीं रहती, पर जमाना ऐसा है और लोग इसे ही पसंद कर रहे हैं. तस्वीरों की एल्बम होना आवश्यक है, जिसे आप बाद में याद कर सकें.

आपने खेतिहर किसानों के लिए अपने गांव में काफी सारा काम किया है, अभी वह कैसा चल रहा है?

मैंने डेढ़ साल से गांव में जाना कम कर दिया है. मेरा किसान भाई आधुनिक तरीके से खेती कर रहा है, जिसमें कम पानी में अधिक फसल उगाई जा सकती है. इसके लिए अधिक से अधिक प्रयोग किसानों को करना जरुरी है, क्योंकि हमारे यहां ट्यूबवेल से जो पानी आता है. उसका लेवल कम हो रहा है. पहले जब मैं खेती करता था तो 80 फीट पर पानी आ जाता था. अब 400 फीट पर पानी आता है. मैं चाहता हूं कि किसानों में इस बारें में जागरूकता बढे. अभी हमारे गांव के आसपास के क्षेत्र में काम हो रहा है, आगे और अधिक काम करने की इच्छा है.

आप स्टारडम को कितना एन्जाय करते हैं?

मैं अभी काम कर रहा हूं, स्टारडम को एन्जाय करने का समय नहीं है.

क्या दूसरे भाषाओं की फिल्में करने की इच्छा है?

मैं अच्छी किसी भी भाषा की कहानी को करना पसंद करता हूं.

अभी आप अपने व्यक्तित्व में क्या परिवर्तन पाते हैं?

मेरी पर्सनालिटी कभी कुछ खास नहीं थी. मैंने सोच रखा था कि मुझे जो काम मिलेगा, उसे मैं करता रहूंगा. मेरा कोई ड्रीम नहीं था, उसकी कोई शुरुआत भी नहीं थी, पर अब मैं खुश हूं.

मधुरा नायक ने सोशल मीडिया पर बिखेरा बोल्ड अदाओं का जलवा

सोशल मीडिया पर अपनी कई हौट और बोल्ड तस्वीरे शेयर करने के बाद टीवी अभिनेत्री मधुरा नायक चर्चा में आ गई हैं. बता दें कि मधुरा स्टार प्लस के मशहूर सीरियल ‘दीया और बाती हम’ की अगली कड़ी ‘तू सूरज, मैं सांझ पियाजी’ में संस्कारी महिला ‘पालोमी’ की भूमिका निभा रही हैं.

 

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मगर ये टीवी अभिनेत्री असल जिंदगी में अपने छोटे पर्दे के अपने किरदार से काफी अलग और बोल्ड हैं. इस बात पर यकीन करने के लिए मधुरा की हालिया तस्वीर ही काफी है जिसे उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है.

 

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मधुरा टीवी इंडस्ट्री की उन ग्लैमर अभिनेत्री में से एक हैं जो अपनी एक्टिंग के साथ साथ अपनी खूबसूरती के लिए भी मशहूर हैं. कुछ दिनों पहले पूल के किनारे मधुरा का बोल्ड अंदाज उनके फैंस को काफी पसंद आया था. मधुरा की इन तस्वीरों पर उनके फैंस लाइक और कमेंट करते नहीं थकते हैं.

 

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मधुरा ने बोल्ड तस्वीरों को शेयर करने का सिलसिला जारी रखा है और वह लगातार अपनी बोल्ड तस्वीरों को अपने चाहने वालों के बीच शेयर करती रहती हैं. मधुरा एक लंबे समय से टीवी इंडस्ट्री का हिस्सा रही है. वह कई हिट शो जैसे ‘विदाई’, ‘दिल मिल गए’, ‘नागिन’ जैसे अन्य मशहूर सीरियलों का हिस्सा रह चुकी हैं.

दवाइयों से डिप्रेशन का इलाज संभव नहीं

आज की लाइफस्टाइल के कारण लोगों में डिप्रेशन का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. इसके इलाज के लिए बहुत से लोग तरह तरह के उपाय करते हैं. बहुत से लोगों का मानना है कि केवल डाइट बदल देने से ये परेशानी दूर हो सकती है. कई लोग दवाइयों पर ज्यादा भरोसा करते हैं और कई तरह की दवाइयां लेने लगते हैं. इन सब के बाद भी उनकी स्थिति में सुधार नहीं होता तो उनकी मानसिक हालत और खराब होने लगती है. हाल ही में एक नई स्टडी में दावा किया गया कि दवाइयों से डिप्रेशन को ठीक नहीं किया जा सकता है.

अमेरिका के एक जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट की माने तो न्यूट्रिशनल सप्लिमेंट आपने डिप्रेशन को ठीक नहीं कर सकता. इस नतीजे पर पहुंचने के लिए एक शोध किया गया, जिसमें उन लोगों को शामिल किया गया जिन्हें डिप्रेशन है नहीं पर भविष्य में हो सकता है. स्टडी में करीब 1000 लोगों को शामिल किया गया. इस स्टडी को करीब एक साल तक किया गया. इसमें कुछ लोगों को न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट दिया गया. जबकि कुछ को प्लेसबो और कुछ लोगों को लाइफस्टाइल कोचिंग दी गई.

स्टडी का परिणाम किसी भी तरह से सकारात्मक नहीं था पर इसका नीचोड़ ये जरूर था कि डाइट में परिवर्तन और बिहेवियरल थेरेपी डिप्रेशन को कुछ हद तक कम करने में सक्षम है. जानकारों की माने तो डिप्रेशन अब एक बेहद समान्य सी परेशानी बन गई है. बहुत से लोग इसके चपेट में हैं. न्यूट्रिशनल सप्लिमेंट लेने से लोगों में डिप्रेशन कम तो नहीं होता पर ये जरूर है कि डाइट में परिवर्तन करने से इसे कुछ हद तक कम जरूर किया जा सकता है. इस पर अभी और अधिक शोध करने की जरूरत है.

डाइट में फल, ताजी सब्जियां, दाल मछली और डेरी उत्पादों को डाइट में शामिल कर इस परेशानी से नीजात पाई जा सकती है. जो लोग मोटापे से परेशान हैं, वो अपना वजन कम कर के डिप्रेशन की तीव्रता कम कर सकते हैं.

अपने सपने को देखना कभीबंद न करें : फाल्गुनी नायर

सब से अच्छे और गुणवत्ता वाले ब्यूटी प्रोडक्ट्स तथा जो हर जगह आसानी से ग्राहकों को मिलें, इसी सोच के साथ 2012 में सफल बैंकर से व्यवसायी वूमन बनीं फाल्गुनी नायर ने ‘नायका डौटकौम’ की स्थापना की. आज वे एक सफल महिला उद्यमी बन चुकी हैं.

फाल्गुनी ने इंडियन ब्यूटी इंडस्ट्री के क्षेत्र में बहुत योगदान दिया है, जिस की वजह से उन्हें 2018 में ‘फौर्च्यून इंडिया’ की ‘50 मोस्ट पावरफुल वूमन इन बिजनैस’ में शामिल किया गया.

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इस के अलावा उन्हें ‘वूमन अहैड अवार्ड’ सहित और कई प्रसिद्ध पुरस्कारों से नवाजा गया है. उन से हुई बातचीत के अंश प्रस्तुत हैं:

इस क्षेत्र में आने की प्रेरणा कहां से मिली?

जब मैं ट्रैवलिंग के दौरान मल्टीब्रैंड स्टोर जाती थी, तो हमेशा मुझे ग्राहकों और उन की जरूरत के ब्यूटी प्रोडक्ट्स के बीच एक फासला महसूस होता था, क्योंकि हर ग्राहक को एक स्थान पर सारे ब्यूटी प्रोडक्ट्स नहीं मिलते थे. मैं ने इसी पर काम किया, जिस में हमारी पूरी टीम ने सहयोग दिया. ग्राहकों को भी हमारा कौंसैप्ट पसंद आया और फिर ई कौमर्स की बढ़ती पौपुलैरिटी को देख कर हम ने औनलाइन बिक्री की योजना बनाई, जिस में एक ही प्लेटफार्म पर ग्राहकों को सारे ब्यूटी प्रोडक्ट्स पूरी जानकारी के साथ मिलें.

इस क्षेत्र में क्या चुनौतियां होती हैं?

इस में अपनी ग्रोथ को हमेशा आगे बढ़ाते रहने की जरूरत होती है. जैसेजैसे ग्राहक बढ़ते हैं, हमें अपनी भंडारण क्षमता को बढ़ाना, डिलिवरी को चुस्त बनाना और ग्राहकों के अनुभव को जानना बहुत जरूरी हो जाता है. मगर ऐसे किसी भी काम के लिए सही टीम और रिसोर्स का होना आवश्यक है.

आप के प्रोडक्ट्स बाकी ब्यूटी प्रोडक्ट्स की तुलना में कितने किफायती और गुणवत्ता वाले हैं?

प्रोडक्ट सही हो इस की जांच पूरी टीम करती है, क्योंकि मैं हमेशा हर उत्पाद की गुणवत्ता और शुद्धता पर विश्वास रखती हूं, इसलिए मैं ने हर प्रोडक्ट के साथ उस की पूरी जानकारी भी औनलाइन मुहैया करवाई है. इस के अलवा हर उत्पाद के रिव्यू को भी मैं देखती हूं. अभी हमारे साथ 1 हजार ब्रैंड जुड़े हैं और 1 लाख प्रोडक्ट्स औनलाइन उपलब्ध हैं.

हर महिला का काम करना कितना जरूरी है?

हर महिला को कुछ न कुछ करते रहना चाहिए. ‘नायका’ का अर्थ है ‘वन इन स्पौटलाइट.’ मुझे महिलाओं से कहना है कि वे अपने सपने को कभी देखना बंद न करें. अपनेआप को सामाजिक दायरे में कभी कैद न करें. हम महिलाओं की उन के उद्देश्य तक पहुंचने में मदद करते हैं. बाहर निकलने के लिए उन्हें सिर्फ साहस की जरूरत है. थोड़े ही दिनों बाद वे खुद देख सकती हैं कि उन्होंने जो अपने बारे में सोचा था, उस से भी कहीं अधिक वे कामयाब हुईं.

महिला सशक्तीकरण की दिशा में अपने व्यवसाय के जरीए क्याक्या करती हैं?

वूमन ऐंपावरमैंट को मनाने के लिए हम ने टीवी पर एक कैंपेन ‘हसीन तू हसीन दिन’ शुरू किया है. इस में दिखाया गया है कि महिलाओं ने कितनी सुंदरता के साथ स्टीरियोटाइप इमेज को छोड़ कर अपनी एक सफल दुनिया बनाई.

आज की महिला अपनी सुंदरता को ले कर कितनी जागरूक हैं?

आजकल महिलाएं नए उत्पाद को परखना पसंद करती हैं और ‘नायका’ ने इस दिशा में उन्हें संतुष्ट किया है. हम ग्राहक के विश्वास को मजबूती देते हैं और उसे प्रोडक्ट रिव्यू, गाइड, वीडियो और ब्लौग्स के द्वारा शिक्षा प्रदान करते हैं ताकि उन्हें सही स्किन टोन के साथ सही फाउंडेशन, फेस पाउडर, लिपस्टिक आदि का ज्ञान हो. ‘ब्यूटी बुक’ और ‘ब्यूटी नो हाऊ’ इसी दिशा में काम करते हैं.

काम के साथ अपने परिवार की देखभाल कैसे करती हैं?

मुझे हमेशा पूरे परिवार का सहयोग मिला है, जिस से काम में कोई मुश्किल नहीं आई. मेरी बेटी भी मेरे व्यवसाय में बहुत हाथ बंटाती है.मुझे उस के नए विचार भी मिल रहे हैं, जिस से मैं खुश हूं.

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