कपिल शर्मा ने मनाया अपनी ‘लाडो’ अनायरा का पहला बर्थडे, Photos Viral

कौमेडी किंग कपिल शर्मा अक्सर अपनी पर्सनल और प्रौफैशनल लाइफ को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. जहां लोग उनकी हाजिर जवाबी की तारीफ करते हैं तो वहीं कुछ लोग उन्हें ट्रोल करना नही भूलते. बावजूद इसके वह अपनी जिंदगी की हर खुशी को फैंस के साथ शेयर करते नजर आते हैं. हाल ही में कपिल शर्मा ने अपनी बेटी अनायरा के पहले बर्थडे की कुछ फोटोज शेयर की हैं, जो सोशलमीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं. आइए आपको दिखाते हैं अनायरा के बर्थडे पार्टी की खास झलक…

दादी ने पोती पर लुटाया प्यार

कपिल शर्मा की बेटी अनायरा के बर्थडे के मौके पर दादी भी पोती पर जमकर प्यार लुटाती नजर आईं. वायरल फोटोज में कपिल शर्मा की मां अनायरा को गोद में लेती दिखा रही हैं. वहीं अनायरा भी उनके साथ खेल रही है.

बेटी के साथ मस्ती करते नजर आया कपल

 

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बर्थडे के दौरान कपिल शर्मा अपनी बेटी अनायरा के साथ खूब मस्ती करते नजर आए. फोटो की बात करें तो कपिल शर्मा अपनी बेटी को जहां निहारते दिखे तो वहीं अनायरा केक खाने में बिजी नजर आईं. वहीं एक फोटो में कपिल शर्मा अपनी बेटी और वाइफ गिन्नी संग पोज देते भी नजर आए.

कपिल शर्मा ने फैंस का किया शुक्रिया

 

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अपनी बेटी के बर्थडे फोटोज वायरल होने के बाद हर कोई उन्हें बधाई देता नजर आया. वहीं इन बधाइयों का शुक्रिया करने के लिए कपिल ने लिखा, ‘हमारी लाडो अनायरा के पहले जन्मदिन को इतना खास बनाने के लिए आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया. आप सभी का प्यार हमारे लिए मायने रखता है. वहीं केक की वीडियो शेयर करते हुए भी फैंस को शुक्रिया किया.

 

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मस्ती करते नजर आए भारती और कपिल

 

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बेटी अनायरा के बर्थडे पार्टी में शिरकत करने वाले मेहमानों में भारती सिंह भी शामिल हैं, जिसकी एक वीडियो में कपिल भारती और उनके फैमली संग मस्ती करती नजर आ रही हैं.

 

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बता दें, खबरे हैं कि कपिल शर्मा एक बार फिर पापा बनने वाले हैं. हालांकि अभी इसे लेकर कोई अधिकारिक घोषणा नही की गई है.

यह कैसा लोकतंत्र

लव जिहाद, गौपूजा, गौटैक्स, नागरिक संशोधन कानून, मंदिर  निर्माण, जातियों के आधार पर आर्थिक सहायता, जातिगत आरक्षण, एक ही जाति के लोगों का शीर्ष स्थानों पर कब्जा कर लेना साफ कर रहा है कि देश अब छोटेछोटे खानों में तेजी से बंट रहा है और उस विभाजन की लपटें घरों में भी पहुंच रही हैं.

इस विभाजनकारी सोच का नतीजा है कि लोग ऐसा पड़ोस घर के लिए चुनते हैं, जहां उन के जैसे लोग ही रहते हों. निरंकारी कालोनी, अंबेडकर ऐन्क्लेव, परशुराम नगर, जाकिर कालोनी, गुप्ता कोऔपरेटिव सोसायटी जैसे नामों से रिहायसी इलाकों में बुरी तरह जातिगत भेदभाव है. इन कालोनियों में दूसरों को आमतौर पर जगह ही नहीं दी जाती और कोई घुस जाए तो पासपड़ोस के लोग उस से संबंध नहीं रखते.

हिंदूमुसलिम भेदभाव तो पुराना और बहुचर्चित है पर अब कमा सकने वाले पिछड़े और दलित भी यदि ऊंचों की कालोनी में जाना चाहें तो उन्हें घर बंद मिलते हैं.

हाल यह है कि प्रौपर्टी ब्रोकर पहले ही पूछ लेता है या नाम, काम, पृष्ठभूमि से अंदाजा लगा लेता है कि खरीदार कौन से वर्ग, कौन से धर्म और कौन सी जाति से है और उसे वहीं जगह दिखाता है जहां उसी के जैसे लोग रहते हैं. अलग वर्गों के लोग भी उन्हीं इलाकों में रहने को जमा हो जाते हैं जहां उन के जैसे लोग रहते हैं.

देश के विभाजन की यह पहली लकीर होती है. दुनिया में जो भी लकीरें नकशों में बनी हैं उन के पीछे धर्म, जाति, भाषा, रंग आदि के कारण ही रहे हैं. बहुत से युद्ध इसी कारण हुए थे. द्वितीय विश्व युद्ध जो सब से संहारक युद्ध रहा है एडोल्फ हिटलर की जाति श्रेष्ठता के भाव के कारण ही लड़ा गया. हिटलर साबित करना चाहता था कि जरमन आर्य सर्वश्रेष्ठ हैं.

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उधर जापानी यह सोच कर बैठे थे कि सूर्य को सब से पहले देखने के कारण वे ही दुनिया के मालिक हैं और बाकी सब देश, समाज, लोग उन से कमतर हैं. युद्धों में जापानियों की बर्बरता व कू्ररता हमेशा ही अति करती रही है.

इस का फर्क आज घरों में देखने को मिल रहा है. उन्हें बहुत कुछ अपनी जाति के कारण झेलना पड़ता है. कभी श्रेष्ठता सिद्ध करने के लिए नाटकीय प्रपंच करने होते हैं, व्रतउपवास करने होते हैं, तो कभी पड़ोसी से कम होने के कारण भरे समाज में एकांतवास झेलने को मजबूर होना पड़ता है. आपात स्थिति में भी कोई एकदूसरे का साथ नहीं देता.

शहरों में जो अजनबीपन आसपास के लोगों के बीच पसरने लगा है, उस के पीछे कारण यही है कि हम अपना कुछ को ही समझते हैं और वह पड़ोस में रहता हो यह जरूरी नहीं. पैसा फेंको, सुरक्षा लेने की आदत के कारण अब पड़ोसी पर निर्भरता न के बराबर है. मकान बड़े हों या छोटे, लोगों से बराबर वाले घरों में औपचारिक दुआसलाम के अलावा कोई संबंध नहीं रखो.

कामकाजी औरतें बढ़ गई हैं तो वे और कम चिंता करती हैं कि पड़ोस में कौन रहता है. सब अपने में मस्त हैं. सब ऐसे रहते हैं मानो होटल में रह रहे हों जहां पड़ोस के कमरे में रहने वाले के बारे में पूछताछ करना भी असभ्यता की निशानी माना जाता है और निजता में दखल समझा जाता है.

भारत, अमेरिका, रूस जैसे देशों में यह समस्या अब बढ़ रही है. भारत 1947 में एक विभाजन देख चुका है. पाकिस्तान 1947 और 1971 में विभाजन देख चुका है. आज देश में घरघर में विभाजन की तैयारी चल रही है.

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विवाह अपने धर्म में, अपनी जाति में, गोत्र के हिसाब से, अपने आर्थिक वर्ग के अनुसार ही और इसी चक्कर में आजकल फिर विवाहों में प्रेम कम समझौते ज्यादा होने लगे हैं. कमजोर होते निकाह संस्कार का एक कारण यह भी है कि एक वर्ग के लोग बिलकुल बदलने को तैयार नहीं होते और उन की सोच में लचीलापन नहीं रहता. अलग तरह के लोग जब साथ मिल बैठते हैं तो अपनी आदतों को दूसरों के अनुसार बदल लेते हैं. वैवाहिक विवाद व हिंसा अपनी जाति, अपने धर्म, अपने गोत्र के अनुसार किए विवाहों में ज्यादा होती है, क्योंकि उन में एक साथी के हिंसा के विरोध का हिसाब नहीं होता. जो है जैसा है, सहने की आदत हो जाती है.

देश लोगों से बनता है, लोग घरों और परिवारों से बनते हैं. जब घरों और परिवारों में हम एक हैं की भावना को जानबूझ कर कुचला जा रहा हो तो महान विशाल देश का बने रहने में भ्रष्ट होने लगता है

REVIEW: निर्वाण इन में आदिल हुसेन का शानदार अभिनय

रेटिंग: तीन स्टार

निर्माताः मैजिक आवर फिल्म्स (सिंगापुर) के सहयोग से स्ट्राय फैक्ट्री,  अनकॉम्ड बुद्धा,  स्टॉप व्हिंगिंग (औस्ट्रेलिया) और हरमन वेंचर्स

निर्देशकः विजय जयपाल

कलाकारः आदिल हुसेन, संध्या मृदुल, राजश्री देशपांडे, संदीप महाजन, राज शर्मा, राजीव शर्मा

अवधिः एक घंटा 42 मिनट

ओटीटी प्लेटफार्मः सिनेमाप्रिन्योर डॉट कॉम पर 11 दिसंबर से

‘नेटफ्लिक्स’पर मौजूद लोकप्रिय तमिल फिल्म‘‘रिवीलेशंस’’ के तीन साल बाद लेखक व निर्देशक विजय जयपाल हिंदी भाषा की मनोवैज्ञानिक हॉरर फिल्म‘‘निर्वाण इन’’लेकर आए हैं, जिसमें आदिल हुसेन, संध्या मृदुल और राजश्री देशपांडे की प्रमुख भूमिकाएं हैं. इस फिल्म का 2019 में ‘‘24 वें बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल’’में विश्व प्रीमियर हो चुका है. ‘निर्वाण इन’एशियन प्रोजेक्ट मार्केट  ’के तहत बुसान में चुनी गई एकमात्र भारतीय फिल्म रही. इसके अलावा इस फिल्म को प्रतिष्ठित एशियाई सिनेमा फंड से सम्मानित किया गया. अब यह फिल्म 99 घंटों के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म ओटीटी प्लेटफार्म ‘‘सिनेमाप्रिन्योर डॉट कॉम’’पर 11 दिसंबर 2020 से देखी जा सकती है. आदिल हुसेन का जानदार अभिनय और संध्या मृदुल व राजश्री देशपांडे का शानदार अभिनय फिल्म को खास बना देता है. यह फिल्म एक अंधेरे अतीत से भागे हुए व्यक्ति के अशांत, उदास मन की मनोवैज्ञानिक जांच करती है.

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कहानीः

फिल्म की कहानी के केंद्र में असम के माजुली निवासी लोक नर्तक व नाविक जोगी (आदिल हुसैन) के इर्दगिर्द घूमती है. जो कि अपनी कुछ समस्याओं से त्रस्त होकर एक दिन अचानक आत्महत्या करने का फैसला कर लेता है. इस प्रयास में वह तो जीवित बच जाता है, मगर उसकी नाव पर सवार सभी बच्चों,  पुरूषों व महिलाओं की मौत हो जाती है. इस घटना से जोगी अपराध बोध से ग्रस्त हो जाता है. जबकि उनके नृत्य के गुरू कहते है, ‘भगवान हमेशा आपके साथ रहेंगे. ’फिर वह हिमाचल प्रदेश के मनाली में विचित्र पर्वत स्थल में ‘निर्वाण इन’रिसोर्ट में प्रबंधक के रूप में कार्य करने लगते हैं. पर उसकी स्थिति जल से निकली मछली की तरह है. इस रिसोर्ट में पहले दिन से ही उसे कई अलौकिक घटनाओं का सामना करना पड़ता है. उसे अपना अतीत सामने प्रतीत होता है. उसके अतीत के लोग होटल में पहुंचने लगते हैं और बहुत अजीब तरह से व्यवहार करते हैं, जबकि एक रहस्यमय नकाबपोश व्यक्ति उसे जंगल में घूरता रहता है, मगर हमेशा जोगी की समझ से बच जाता है. जैसे ही वह रिसोर्ट में रह रही फिल्म निर्माता लीला (संध्या मृदुल) के करीब जाना शुरू करता है, तभी वहां पर नौकरी करने मोहक महिला मोहिनी (राजश्री देशपांडे)पहुॅच जाती है. जो कि जोगी को छेड़ना शुरू कर देती है. जबकि जोगी को लगता है कि मोहिनी बदला लेने व उसकी हत्या करने आयी है, मगर मोहिनी कहती है कि वह तो उसे नुकसान पहुॅचाने के बारे में सोच भी नही सकती. जिस गॉंव में यह रिसोर्ट है, वहां पर बुरी आत्माओं में विश्वास करने वाले लोग हंै और महिलाओं के उपर से  भूत भगाने के अनुष्ठान गहरी जड़ें हैं. अनजान घटनाओं की एक श्रृंखला दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को रास्ता देती है, जब तक कि रिसॉर्ट में आतंक को ढीला नहीं किया जाता है. इन सब के बीच जोगी वर्तमान और भयावह अतीत से भ्रमित और पस्त पकड़ा जाता है, फिर वह एक बड़ा कदम उठाता है.

लेखन व निर्देशनः

यह लेखक व निर्देशक की कुशलता का ही परिचायक है कि फिल्म‘‘निर्वाण इन’’आम हॉरर फिल्मों से हटकर है. फिल्म शुरूआत में धीमी और शिथिल है, मगर धीरे धीरे प्रभावशाली होती जाती है. इंटरवल के बाद तो फिल्म कुछ ज्यादा ही बेहतर बन जाती है. यह फिल्म लोक कथा की जड़ता के साथ एक डरावनी कहानी की परंपराओं को जोड़ती है. इस प्रक्रिया में, फिल्म शाब्दिक और रूपक के बीच चमकती है. निर्देशक फिल्म में अंत तक रहस्य व हॉरर को बनाए रखते हैं. मगर कुछ सवालांे के जवाब अधूरे छोड़ दिए गए हैं. वैसे जब तक मोहिनी को फिल्म के हाशिये पर नहीं रखा जाता, तब तक जोगी के साथ उनकी केमिस्ट्री फिल्म को जीवंत करती है. निर्देशक की निर्देशकीय कुशलता के परिणाम स्वरूप यह फिल्म मनुष्य के मस्तिष्क के गंभीर चिंतन के साथ ही अपराध बोध व मृत्यु ग्रस्त व परेशान आत्मा का आकर्षक वायुमंडलीय अनुभव है. फिल्म में अपराध बोध से ग्रस्त इंसान की जीवन शैली के ही साथ उसकी मनोवैज्ञानिक मानसिक स्थिति,  डर, शक आदि का सटीक चित्रण है. यह फिल्म एक किरदार की धीमी यात्रा है, जो यथार्थवाद और रहस्य के बीच की रेखा को धुंधला करती है.

फिल्मकार ने बिना किसी भाषणबाजी या नाटकीयता के यह सवाल उठाया है कि ‘आखिर कोई भी इंसान अपने जीवन को ही नहीं, बल्कि दूसरों के जीवन को भी खत्म करने का फैसला कैसे कर सकता है?’

फिल्मकार ने असम को नदी, पहाड़, नाव और अखाड़े (जहां पर जोगी असमिया लोक नृत्य भोआ किया करते थे.) को सटीक रूप से उकेरा है.

फिल्म हिंदी भाषा में है, मगर बीच में कुछ दृश्यों में असमिया भाषा है.

फिल्म के एडीटर की कमजोरी के चलते फिल्म प्रारंभ में  लय हासिल करने के लिए संघर्ष करती है. दृश्य जल्दी दिखाई देते हैं और अचानक अतीत के भ्रम में डूब जाते हैं और कहानी को पटरी से उतार देते हैं.

फिल्म के कैरामैन जयनाथ मथावन बधाई के पात्र हैं.

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अभिनयः

आदिल हुसेन ने मानसिक यातना से गुजर रहे इंसान जोगी के किरदार को अपने अभिनय से जीवंतता प्रदान की है. जोगी स्पष्ट असमिया उच्चारण के साथ हिंदी बोलता है. ऐसे किरदार को प्रमाणिक बनाना आदिल हुसेन जैसे कलाकार के ही वश की बात है. किरदार के साथ न्याय करने के लिए चेहरे के भाव और टकटकी का आदिल हुसेन ने भरपूर उपयोग किया है.

मोहक, रहस्यमयी व डरावनी मोहिनी के किरदार में राजश्री देशपांडे का अभिनय उत्कृष्ट है. उनके हर कृत्य से शक उभरता है. जबकि लीला के छोटे किरदार में भी संध्या मृदुल अपना प्रभाव छोड़ जाती हैं. अन्य सहयोगी कलाकार ठीक हैं.

हैप्पी प्रैग्नैंसी के लिए अपनाएं ये 9 टिप्स

सदियों से यह चलन है कि महिला के गर्भवती होते ही घर की अन्य औरतें उस के खानेपीने का खास खयाल रखने लगती हैं. पुराने वक्त में चना, गुड़, दूध, मावा, फल, पंजीरी का सेवन करना गर्भवती के लिए जरूरी था ताकि उस के शरीर में खून की कमी न होने पाए, मगर आजकल जब संयुक्त परिवार टूट चुके हैं और शहरों और महानगरों में महिलाएं एकल परिवार में हैं और ऊपर से नौकरीपेशा हैं तो किचन में अपने लिए इतना  झं झट करने का न तो उन के पास वक्त होता है और न जानकारी.

इस के अलावा आज की महिलाएं अपनी फिगर को ले कर ओवर कौंशस रहती हैं. उन्हें यह डर सताता रहता है कि अगर वेट बढ़ गया तो सारी खूबसूरती जाती रहेगी. इस चक्कर में महिलाएं प्रैगनैंसी के वक्त भी ठीक से खातीपीती नहीं हैं और बच्चा होने के वक्त ऐनिमिक हो जाती हैं.

प्रैगनैंसी के दौरान शिशु के विकास के लिए शरीर अधिक मात्रा में खून बनाता है और अगर इस दौरान आप पर्याप्त आयरन या अन्य पौष्टिक तत्त्व नहीं ले रही हैं तो आप के शरीर में अधिक खून बनाने के लिए जरूरी लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण रुक जाता है. ऐनीमिया होने पर उस के शरीर के ऊतकों और भू्रण तक औक्सीजन ले जाने के लिए खून पर्याप्त मात्रा में स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाएं नहीं बना पाता है. प्रैगनैंसी में हृदय को भू्रण के लिए जरूरी पोषण प्रदान करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है.

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गर्भावस्था के दौरान शरीर में खून का वौल्यूम 30 से 50 फीसदी बढ़ जाता है. गर्भावस्था के दौरान खून की आपूर्ति के लिए और हीमोग्लोबिन का स्तर संतुलित रखने के लिए पौष्टिक आहार लेना जरूरी है. हीमोग्लोबिन ही लाल रक्त कणिकाओं तक पर्याप्त मात्रा में औक्सीजन ले जाता है. प्रैगनैंसी में ऐनीमिया होना सामान्य बात है. शरीर महिलाओं में प्रैगनैंसी के वक्त खून की कमी होना आजकल आम हो गया है.

गर्भावस्था का समय बहुत नाजुक होता है और इस दौरान आप को बहुत एहतियात बरतने की जरूरत होती है. बेहतर होगा कि आप कंसीव करने से पहले ही डाक्टर की सलाह पर जरूरी सप्लीमैंट लेना शुरू कर दें ताकि प्रैगनैंट में खून की कमी न हो. गर्भावस्था में ऐनीमिया होने की वजह से मां और गर्भस्थ शिशु को कई तरह की समस्याएं आ सकती हैं, इसलिए बेहतर होगा  कि प्रैगनैंट महिला ऐनीमिया से बचने की  कोशिश करे.

कोई बात नहीं अगर आप को मां या सास के हाथों के बने आटे, घी और मावे के लड्डू और पंजीरी नहीं मिल रही है. आप उन की जगह अपनी किचन में मौजूद वे चीजें खाने में बढ़ा दें जिन में आयरन अधिक मात्रा में पाया जाता है. शरीर में हीमोग्लोबिन और लाल रक्त कणिकाओं की मात्रा ठीक रखने के लिए आयरन युक्त खाद्यपदार्थ लेना गर्भवती के लिए बहुत जरूरी है. गर्भवती किन पदार्थों से खुद को और अपने होने वाले बच्चे को स्वस्थ रख सकती हैं आइए जानते हैं:

1. पत्तेदार सब्जियां

हरी सब्जियां आयरन से युक्त होती हैं. इन्हें अपनी प्रैगनैंसी डाइट में जरूर शामिल करें. अगर आप का हीमोग्लोबिन लैवल कम है तो आप को आयरन युक्त आहार से लाभ होगा. आयरन हीमोग्लोबिन बनाने में मदद करता है जोकि  लाल रक्त कोशिकाएं बनाता है. पालक, केला, ब्रोकली, धनिया, पुदीना और मेथीदाना आयरन से युक्त होता है. हरी पत्तेदार सब्जियों में विटामिन और जरूरी पोषक तत्त्व  होते हैं.

2. ड्राई फ्रूट्स

खजूर और अंजीर में आयरन की उच्च मात्रा होती है, जो हीमोग्लोबिन के लैवल को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं. अन्य सूखे मेवे और नट्स जैसेकि अखरोट, किशमिश और बादाम खा सकती हैं, क्योंकि ये गर्भवती महिला में हीमोग्लोबिन के लैवल को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं. खजूर और अखरोट भी खून बढ़ाने में मददगार होते हैं. 3 अखरोट रात में पानी में भिगो कर दें और सुबह खाएं.

3. दालें

दालों में आयरन और प्रोटीन खूब होता है. सलाद या सूप में दालों को शामिल कर खा सकती हैं. मटरों, दालों और बींस में विटामिन, मिनरल, फाइबर, आयरन और प्रोटीन होता है, इसलिए गर्भवती महिला अपने आहार में इन्हें शामिल कर सकती है.

4. एस्पैरेगस

इस में उच्च मात्रा में आयरन होता है. 1 कप गरम ऐस्पैरेगस सूप ले सकती हैं. इस में आयरन की मात्रा को बढ़ाने के लिए तिल के बीजों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

5. ताजे फल

ताजे फल जैसेकि अनार और संतरे से हीमोग्लोबिन लैवल बढ़ सकता है. अनार में आयरन बहुत होता है और संतरा विटामिन सी से युक्त होता है जो इम्यूनिटी को बढ़ाता है और हीमोग्लोबिन के स्तर में इजाफा होता है. कीवी, आड़ू, चकोतरा और अमरूद में भी खूब आयरन होता है.

6. फौलिक ऐसिड

फौलेट या फौलिक ऐसिड एक प्रकार का विटामिन बी है, जो कि घुलनशील विटामिन है. यह गर्भावस्था में शिशु को न्यूरल ट्यूब डिफैक्ट से बचाने में मदद करता है. यह विटामिन हीमोग्लोबिन बनाने में अहम भूमिका निभाता है. फौलिक ऐसिड की आपूर्ति के लिए कौर्न, केला, स्प्राउट्स, ऐवोकाडो और भिंडी खाएं. इन में प्रचुर मात्रा में फौलिक ऐसिड होता है.

7. स्मूदी और बीज

कद्दू के बीजों, बादामों और सूरजमुखी के बीजों में भी आयरन उच्च मात्रा में होता है. प्रैगनैंट महिला इन्हें खा कर अपने शरीर में हीमोग्लोबिन के लैवल को बढ़ा सकती है. सेब, चुकंदर और गाजर की स्मूदी भी फायदेमंद होती है. इस स्मूदी से प्रैगनैंट महिला के शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है.

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8. सप्लीमैंट

प्रैगनैंट महिला के शरीर में हीमोग्लोबिन काउंट को बढ़ाने के लिए आमतौर पर डाक्टर आयरन के सप्लीमैंट लिखते हैं. डाक्टर ही बताते हैं कि आप को कब, कौन सा और कितनी मात्रा में आयरन सप्लीमैंट लेना है.

9. मोबाइल से दूरी

प्रैगनैंसी के दौरान मोबाइल और सोशल मीडिया से दूरी बना कर रखिए. मोबाइल उतनी ही इस्तेमाल करें जितनी जरूरत हो. इस दौरान आप अच्छा साहित्य और अच्छी पत्रिकाएं पढ़ सकती हैं.

रंगों से सजाएं सर्दियों में अपना आशियाना

सर्दियों का मौसम अक्सर लोगों को पसंद आता है.जहाँ सर्दियों में क्रिसमस और नए साल का जोश समाया नज़र आता है वहीं पर लोग अपने घरों को रंग बिरंगे  रंगों से सजाना नहीं भूलते. ख़ूबसूरत रंग जहाँ घरों के कमरों की रौनक़ बढ़ने का काम करते हैं,वहीं पर मन में ख़ुशी और शांति का एहसास भी दिलाते हैं. कैसे आईए देखें-

दीवारों पर हों ब्राइट कलर्स-

अगर आप इस उलझन में फँसे हैं कि,शीत ऋतु में घर को पेंट करने के लिए कौन सा रंग चुने जो घर को ब्राइट लुक दे तो परेशान न हों.प्रस्तुत हैं कुछ सुझाव-

सफ़ेद

सफ़ेद रंग सर्दियों में काफ़ी पसंद किए जाते हैं.आप चाहें तो सफ़ेद के साथ अलग अलग रंगों का मेल कर के ,घर को सज़ा सकती हैं

क्रिमसन-

जब बात लिविंग रूम को पेंट करने की आती हैं तो,बात थोड़ी चैलेंज़िंग भरी लगती है.लेकिन यक़ीन मानिए जो लोग आपके कमरे में प्रवेश करेंगे उन्हें इस रंग को देख कर अलग सा एहसास ज़रूर होगा.

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नीला

नीला रंग हर मौसम की शान है.यह प्यारा सा रंग दीवारों में चमक भर देता है,चाहे यह ब्राइट रंग का हो या फिर फीके रंग का,यह सर्दियों में काफ़ी पसंद किया जाता है.

भूरा

भूरा रंग किसी भी महिला का प्रिय हो सकता है,क्योंकि ,इस रंग में रंगी दीवारों पर लगी गंदगी एक तो दिखाई नहीं देती दूसरे इन्हें साफ़ करना आसान भी होता है.

नारंगी-

नारंगी रंग आपके घर को एक सुंदर सा लुक दे सकता है.इसके काफ़ी अलग अलग शेड्ज़ आते हैं जो काफ़ी लुभावने होते हैं.

आइवरी-

आइवरी सर्दियों के लिए बेस्ट कलर है जो आपके घर को चमकदार दिखा सकता है.इस रंग को आप अपने लिविंग रूम और बेडरूम में लगवा सकती हैं.

हरा-

हरा एक ऐसा रंग है जो,आपकी आँखों को सुकून प्रदान करने में मददगार हो सकता है.इसका हल्का शेड प्रयोग करें और देखें कि आपका रूम कितना बड़ा लगता है.

गुलाबी-

रंग आपके घर और आँगन को बड़ा और ब्राइट लुक दे सकता है.

लाल रंग-

लाल रंग आपके घर और कमरों को उज्जवल लुक दे सकता है.आप चाहें तो रेड के साथ कोई दूसरा रंग भी मैच कर के लगवा सकती हैं.यह एक रोमांटिक रंग भी माना जाता है,इसलिए इसे अपने बेडरूम में लगवाना न भूलें

पर्दे हों दीवारों के रंग जैसे-

आजकल मार्केट में कई तरीक़े के पर्दे आते हैं लेकिन उनको किस तरह से,किस मौसम में लगाना है ,फेब्रिक कैसा हो यह हमारी समझ पर निर्भर करता है.सर्दियों में अपने घर के पर्दों का रंग ऐसा होना चाहिए-

ज़मीनी रंग

अगर आपके कमरे बड़े हैं तो यह कमरों को बेहद ख़ूबसूरत बना देते हैं और अगर कमरे छोटे हैं तो ये उन्हें बड़ा बड़ा सा लुक देंगे.सामान्य परदों से महँगे इन पर्दों की क्वालिटी काफ़ी अच्छी होती है.चाहें तो आप दीवार की डिज़ाइन से मैच करते हुए पर्दे लगा सकते हैं.सर्दियों में इस टेक्सचर का पर्दा बेहद ख़ूबसूरत लगेगा,

खिला हुआ लाल रंग

जहाँ सर्दियों में काफ़ी गर्माहट देकर मौसम के हिसाब से पर्फ़ेक्ट लुक देता है,वहीं पीले पर्दे कमरे में जान डाल देते हैं.अगर आपको डार्क कलर के पर्दे पसंद नहीं हैं तो लाइट कलर में येलो चुनें.इस से रूम में बाहर से पर्याप्त रोशनी भी  आएगी और लुक भी नया आएगा.

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ओरेंज-

ये पर्फ़ेक्ट सर्दियों वाला कलर है.अगर घर को थोड़ा फ़नकी और ट्रेंडी लुक से हटकर दिखाना है तो ओरेंज कलर के पर्दे लगाएँ. ये घर को फ़्रेश लुक देते हैं.

बोल्ड कलर के पर्दे-

अगर आपके घर या कमरे में हल्का सा रंग है और उस पर कोई टैक्सचर नहीं बना हुआ है तो बोल्ड कलर के पर्दे लगाएँ.

मैरून और विंटर ब्लू-

सर्दियों में मैरून रंग के पर्दे एक अच्छा ओप्शन है.ये रोशनी को अवशोषित करके कमरे को गरमी प्रदान करते हैं.विंटर ब्लू रंग के परदों को बच्चों के कमरे या बैठक में लगाएँ.यह रंग सर्दियों के लिए ही होता है.अपनी समझ के हिसाब से कई कोम्बिनेशन भी तैयार कर सकते हैं

पौधे भी हों रंग बिरंगे-

सर्दियों का मौसम कम धूप और ठंडे तापमान के साथ कठोर होता है.कई फूल वाले पौधे अपने पत्ते छोड़ देते हैं और सर्दियों के मौसम में सूख भी जाते हैं.लेकिन कुछ पौधे हैं,जो साल के ठंडे महीनों में यानि सर्दियों के मौसम में ही पनपते हैं. मौसमी फूलों के पौधे रंग और आकार में भिन्न होते हैं ,जैसे

कैलेण्डुला

-वे विभिन्न रंगो में पीले से गहरे नारंगी तक पाए जा सकते हैं

शीतकालीन चमेली-

चमकीले पीले रंगों वाली शीतकालीन चमेली आपके बग़ीचे के लिए एक शानदार विकल्प है.

पेटूनिया-

सर्दियों में बग़ीचे को सुंदर बनाने के लिए सफ़ेद,पीला,गुलाबी,गहरा क्रिमसन और काला बैंगनी पैटूनिया एकदम सही फूल है.

इंग्लिश प्रिमरोज़-

सफ़ेद,पीले,नारंगी से नीले गुलाबी और बैंगनी रंग के लगभग हर रंग में उगने वाले ये फूल सर्दियों में आपके बग़ीचे को सजाने के लिए एक बेहतर विकल्प हैं. प्लांटर्ज़ को ब्राइट कलर से पेंट करके उन्हें और ब्राईंट बना सकती हैं.

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ब्राइडल मेकअप के 9 टिप्स

शादी की बात हो तो नैचुरल है रेशम, जरी, बीड्स, मिरर, सिल्वर व गोल्डन काम से सजाए गए हैवी वर्क के लहंगे से सजी दुलहन का रूप कल्पना में उभर आता है, जिस में वह किसी अप्सरा से कम नहीं लगती. जरदोजी से सजे कपड़ों के साथ आप का रूप भी दमके, इस के लिए कैसा मेकअप किया जाए, आइए जानते हैं डाक्टर भारती तनेजा से:

सब से पहले यह तय कर लें कि आप को नैचुरल लुक रखना है या हैवी मेकअप लुक. आजकल कई ब्राइड्स नैचुरल लुक पसंद करती हैं, इसलिए अगर नैचुरल लुक रखना है, तो आप के मेकअप स्टेप्स पूरी तरह से हैवी मेकअप के ही होंगे लेकिन उस में यूज किए जाने वाले कलर लाइट होंगे, इस मेकअप में एक तो स्किन शेड का बेस यूज किया जाता है, दूसरा मेकअप थोड़ा लगा कर उसे पाउडर लगा कर ब्लैंड किया जाता है ताकि स्किन इवन हो जाए, इस के लिए ब्यूटी ब्लैंडर या स्पंज को गीला कर के उसे अच्छी तरह निचोड़ कर बेस के ऊपर थपथपा दिया जाता है. ऐसा करने से मेकअप लाइट दिखता है.

नैचुरल मेकअप

नैचुरल लुक के लिए आई शैडो ब्लशर, लिपस्टिक और हाइलाइटर के कलर लाइट ही रखे जाते हैं. इस मेकअप में विंग्ड आईलाइनर नहीं लगाया जाता केवल आंखों की आउटलाइनिंग की जाती है. इस के साथ आप छोटी बिंदी लगा सकती हैं.

हैवी मेकअप

1.  ब्राइडल मेकअप को घंटों तक बरकरार रखने के लिए आप वाटरप्रूफ मेकअप का इस्तेमाल करें ताकि विदाई तक चेहरे की चमक बनी रहे. इस के अलावा शादी की झिलमिलाती रोशनी में दुलहन के चेहरे की लालिमा न छिपे, इस के लिए फेस पर हाईलाइटिंग के लिए शिमर और गालों पर डार्क क्रीमी ब्लश औन का यूज करना चाहिए.

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2.  वैसे ब्लशर ऐप्लिकेशन की राइट ट्रिक जानने के लिए सब से पहले आईने के सामने मुसकराएं और इसे चीक बोन से शुरू करते हुए कनपटी की ओर ले जाएं.

3. आईज और लिप्स दोनों के मेकअप को ही लाउड कर देना अब बीते दिनों की बात है. अब या तो लिपस्टिक लाइट शेड की लगाएं और यदि आई मेकअप लाइट किया है तो लिपस्टिक बोल्ड शेड की लगाएं. बस एक बात का ख्याल रखें कि मेकअप आप के लहंगे या शादी के जोड़े से मैचिंग या कौंप्लिमेंटिंग ही रहे.

4. इन दिनों ग्लिटर्स ट्रैंड में हैं, इसलिए आईज पर मैटेलिक बेस्ड कौपर, सिल्वर या गोल्डन शेड लगाएं और फिर डार्क ब्राउन शेड से डीप सैट कर लें ताकि आंखें उभरी हुई नजर आ सकें. आईब्रोज के नीचे हाईलाइटिंग के लिए ड्रैस के अकौर्डिंग गोल्डन, सिल्वर या व्हाइट गोल्ड शेड का इस्तेमाल कीजिए.

5. आंखों को कंप्लीट सैंशुअल लुक देने के लिए पलकों पर अर्टिफिशियल लैशेज लगवा सकती हैं. इन्हें आईलैश कलर से कर्ल कर के मसकारे का कोट लगाएं ताकि वे नैचुरल लैशेज के साथ परफैक्टली मर्ज हो जाएं. आप चाहें तो अपनी शादी के 2 दिन पहले परमानैंट आईलैशेज भी लगवा सकती हैं.

6. आईज की शेप को डिफाइन करने के लिए कंट्रास्टिंग कलर्स के ड्यूल लाइनर का इस्तेमाल कर सकती हैं. जैसे आईलिड के इनर कौर्नर पर इलैक्ट्रिक ब्लू और आउटर कौर्नर पर ग्रीन शेड से विंग्ड लाइनर लगाएं. आंखों के नीचे भी हलका सा ग्रीन शेड विंग्ड से कनैक्ट करते हुए लगाएं साथ ही वाटर लाइन पर बोल्ड जैल काजल लगा लें.

7.  इन दिनों माथे पर बड़ेबड़े मांगटीकों का ट्रैंड है, ऐसे में यदि मांगटीके से आप का आधे से ज्यादा माथा कवर हो रहा है तो अपने माथे के अनुसार लहंगे से मैचिंग बिंदी लगाएं. अगर मांगटीका छोटा है तो माथे के बीचोंबीच बड़ी सी बिंदी भी लगाई जा सकती है.

8. ऐसे मौके पर दुलहन बारबार टचअप नहीं कर सकती, इसलिए लिप्स पर अपने लहंगे से मैचिंग या कौंप्लिमेंटिंग लौंगस्टे लिपस्टिक लगाएं.

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9. बाल तो सिर का ताज होते हैं तो इस ताज को स्टोन्स व स्टड्स से सजाने के लिए हेयरस्टाइल में डिजाइनर नैक पीस,

स्वरोस्की जड़ी आर्टिफिशियल चोटियां, कुंदन जड़ी माथापट्टी, टीका, पासा, स्टोन्स लगे हुए आर्टिफिशियल फ्लौवर का इस्तेमाल किया जा सकता है. आजकल फूलों का ट्रैंड है, इसलिए बालों को सजाने के लिए पूरी तरह फूलों का ही इस्तेमाल किया जा रहा है.

-डा. भारती तनेजा

डाइरैक्टर औफ ऐल्प्स ब्यूटी क्लीनिक ऐंड ऐकैडमी –   

पटियाला में फिल्माया गया सीरियल ‘शौर्य और अनोखी की कहानी‘, जानें क्या है वजह

इन दिनों मनोरंजन जगत में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा है. इसी वजह से अब सभी चैनल अपने सीरियल की कहानी की पृष्ठभूमि के अनुसार कुछ शुरूआती एपीसोड वास्तविक जगहों पर फिल्माने लगे हैं. इसी वजह से कोरोना महामारी के वक्त भी ‘स्टार प्लस’पर अतिशीघ्र प्रसारित होने वाले सीरियल ‘शौर्य और अनोखी की कहानी‘ का फिल्मांकन छोटी टीम के साथ पंजाब के पटियाला हर में किया गया.

इस सीरियल में शौर्य का किरदार निभा रहे अभिनेता करणवीर शर्मा ने कोरोना महामारी के दौरान आउटडोर में शूटिंग करने के अपने अनुभवों का जिक्र करते हुए कहते हैं-‘‘यूं तो हमने इस सीरियल की शूटिंग कुछ ही दिनों पहले मुंबई में शुरू की थी,  हालांकि शुरुआती दृश्यों के कुछ सिक्वेंस को ही फिल्माया गया था, क्योंकि उन्हें वास्तविक लोकेशंस में फिल्माना आवश्यक था. ताकि दर्शकों को इसका प्रामाणिक एहसास हो सके. इसके अलावा इस सीरियल की कहानी पंजाब की पृष्ठभूमि पर है, इसलिए इसकी आउटडोर शूटिंग को पटियाला में करने का फैसला किया गया. मेरी सह-कलाकार,  देबतमा और मैंने एक छोटी  क्रू टीम के साथ पटियाला की यात्रा की. हमने वहां कुछ दिनों तक शूटिंग की और सुरक्षित मुंबई लौट आए. यह वास्तव में एक यादगार अनुभव था. ”

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पटियाला में शूटिंग के दौरान अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए अनोखी का किरदार निभानेवाली अभिनेत्री देबतमा साहा ने कहा-“मैं यह सुनकर बहुत खुश और उत्साहित थी कि हम पटियाला में शूटिंग करने जा रहे थे. पटियाला एक खूबसूरत जगह है, बहुत कलरफुल और इन सबसे ऊपर यह कि यह जगह मुझे अपने होम टाउन असम की याद दिलाता है. सभी सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करते हुए यूनिट ने हमारी बहुत देखभाल की. कुल मिलाकर यह एक सुखद अनुभव था और मैं खुद को इस अद्भुत टीम के साथ काम करने के लिए भाग्यशाली मानती हूं. ”

पटियाला में ‘‘शौर्य और अनोखी की कहानी’’के फिल्मांकन में दीपा परब,  पंकज कालरा,  फलक नाज और प्यूमोरी घोष जैसे अन्य कलाकारों ने भी हिस्सा लिया.

कहानीः

सीरियल की कहानी पंजाब के एक छोटे शहर की लड़की अनोखी भल्ला (देबतमा साहा) की है, जिसके करियर बनाने और आत्मनिर्भर होने जैसे बहुत ही साधारण सपने हैं.  हालाँकि, वह पुरुष प्रधान समाज और रूढ़िवादी सोच के चलते कई  विभिन्न चुनौतियों का सामना करती है.

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ऑफिस में नहीं चलेगी किचन मौम की इमेज

पूर्व करियर काउंसलर और ह्यूमन रिर्सोस एवं रिक्रूमेंट स्पेशलिस्ट कंपनी रैंडस्टैड के मालिक स्टीव शेपहर्ड कहते हैं, ‘भले कई जगह स्त्रियोचित या फेमिनिन इमेज के कुछ फायदे होते हों मसलन पार्टी आदि में ‘पहले आप पहले आप’ का सम्मान मिलता हो,लेकिन करियर में इसका फायदा नहीं मिलता उल्टे नुक्सान होता है.’ महिलाओं की करियर काउंसलिंग करते हुए वह इसीलिये बार बार विशेष रूपसे जोर देकर कहते हैं, ‘बी प्रोफेशनल’. उनकी बात को हम इस तरह भी समझ सकते हैं कि जैसे न्याय मिलना ही नहीं चाहिए बल्कि मिलते हुए दिखना भी चाहिए,ठीक उसी तरह आपको महज हार्ड वर्कर ही नहीं होना चाहिए बल्कि दफ्तर में प्रोफेशनल भी दिखना चाहिए तभी प्रमोशन आसानी से मिलता है.

अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन[एपीए] भी इस राय से सहमत है. एपीए के मुताबिक यूरोप और अमरीका में तीन पुरुषों के मुकाबले सिर्फ एक महिला को प्रमोशन मिलता है,तो उसके पीछे सबसे बड़ी वजह महिलाओं का दफतर में कम प्रोफेशनल होना और दिखना होता है. ऐसा तब भी हो सकता है जब वह पुरुषों से ज्यादा मेहनती हों. दरअसल कई महिलाएं जिम्मेदारी की पोस्ट पर पहुंचकर भी अपनी फेमिनिन इमेज से बाहर नहीं आतीं. ऐसी ही महिलाओं को आमतौर पर अपने पुरुष समकक्षों की तुलना में प्रमोशन देर से मिलता है,या नहीं भी मिलता अथवा वो जितना डिजर्व करती हैं,उतना नहीं मिलता. क्योंकि ये महिलाएं मेहनती होने के बावजूद प्रोफेशनल नहीं होतीं. दफ्तर में रहते हुए भी दफ्तर के मूल्यों को व्यवहार में नहीं अपनातीं.क्योंकि ऐसी महिलाएं अपने महिला होने की परंपरागत छवि से मुक्त नहीं हो पाती हैं.

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याद रखिये दफ्तर में आपकी एक ‘नाजुक मिजाज’ महिला की इमेज,आपका कॅरिअर बर्बाद कर सकती है.आश्चर्यजनक ढंग से इसमें आपकी काम में जुटे रहने की छवि भी काम नहीं आती. दरअसल, कुछ चीजें काम नहीं आपके स्वभाव और आदतों के चलते निर्धारित होती हैं,प्रमोशन भी इनमें से एक है. प्रोफेशनल होकर ही आप,अपने बॉस से अपनी परफार्मेंस के निष्पक्ष आंकलन की उम्मीद कर सकती हैं.जिन महिलाओं को लगता है कि उन्हें खूब मेहनती होने के बावजूद भी प्रमोशन नहीं मिल रहा तो उन्हें एक बार दफ्तर में अपनी छवि पर ध्यान देना चाहिए. कहीं घरवालों की तरह आप अपने सहकर्मियों से भी तो अपनी पाक कला का लोहा नहीं मनवाती रहतीं ? कहीं उन्हें आये दिन नयी-नयी डिशेज़ बनाकर तो नहीं खिलाती रहतीं ?

अगर ऐसा है तो अपनी इस आदत को तुरंत बदलें वर्ना आपकी यह आदत आपके करियर को तबाह कर देगी.आफिस में अपने सहकर्मियों से आधुनिक और प्रोफेशनल बर्ताव की बजाय अगर आप उन्हें अपने हाथों का बनाया केक खिलाने में ज्यादा रुचि दिखाएंगी तो इसका नकारात्मक नतीजा आपके हिस्से ही आयेगा.‘योर जॉब एंड जेंडर’ नामक पुस्तक के लेखक केल सैंडी के अनुसार पुरुषों के वर्चस्व वाले इस प्रोफेशनल वर्ल्ड में तो खासतौर पर महिलाओं को आधुनिकता के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना पड़ता है. कुछ महिलाओं के काम करने की टेबिल के आसपास कुकीज, चोकलेट जैसी खाने की चीजें हर समय मौजूद रहती हैं. खिलाने-पिलाने की इस छवि को अक्सर महिलाओं के पालन-पोषण करने की उनकी मूल प्रवृत्ति से जोड़कर देखा जाता है.

आफिस में इस प्रकार के कार्यकलाप आपको ‘मम्मी जी’ या ‘आंटी जी’ की इमेज से जोड़ते हैं.यह बिल्कुल आधुनिक मूल्यों के विरुद्ध है. ऐसे में आप भले ही अपने परफारमेंस में कितनी परफेक्ट हों, आपका यह स्वभाव आपकी प्रोफेशनल छवि को खराब करता है. जाहिर है, इस प्रोफेशनल दुनिया में इस तरह की छवि कतई पसंद नहीं की जाती है. ‘नाइस गल्र्स डू नॉट गेट दि कार्नर ऑफिस 101’ के लेखक डा. लुईस पी फ्रेकुल के मुताबिक, यदि आप भी अपनी परंपरागत ‘पालक’ होने की छवि से मुक्त होना चाहती हैं तो मॉडर्न गर्ल बनने में जरा भी देर न लगाएं. अपनी डेस्क में कोई भी खाने की चीज रखने से पहले बार-बार इस बारे में सोचें.आपके डेस्क पर रखी खाने-पीने की चीजें इस बात का आमंत्रण देने का सूचक होती हैं कि आइये, रुकिए, थोड़ी देर बातचीत कीजिए. महिलाओं की खिलाने-पिलाने, सिप करने की परंपरागत छवि का यह सूचक होती है.

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अतः अगर कॅरियर को बैक गियर में नहीं डालना चाहतीं तो इन बातों का ध्यान रखें-

• अपनी डेस्क पर खाने की चीजें न रखें.

• रात का बचा स्वादिष्ट खाना, केक, पेस्ट्री, या कोई अन्य चीज सुबह-सुबह डेस्क पर भूलकर भी न खोलें.

• अपने सहकर्मियों के बीच अपने आपको पाक कला मर्मज्ञ की तरह पेश न करें.

• ऑफिस मीटिंग के दौरान यदि कोई आपसे औरत होने के नाते कॉफ़ी बनाने या सैंडविच बनाने की फरमाइश करे तो उसे विनम्रता से मना कर दें.

• कोई सहकर्मी किसी अवसर विशेष पर आपसे कोई खास व्यंजन बनाकर लाने की फरमाइश करे तो उसे न मानें.

Winter Special: मूंग दाल का हलवा

मूंग दाल का हलवा उत्तर भारत की मशहूर मिठाईयों में से एक है. इसे सभी बड़े चाव से खाते है. खाना खानें के बाद कुछ मीठा खाने को मिल जाए तो मुंह से सिर्फ यही बात निकलती है कि वाह क्या बात है.

मूंग दाल का हलवा खानें में बहुत ही स्वादिष्ट होता है. यह एक ऐसा हलवा है जिसे ठंडा कर आप फ्रीज में 7-8 दिनों तर स्टोर कर सकती है. जानिए मूंग की दाल का हलवा बनाने का तरीका.

सामग्री

एक कप मूंग की धुली दाल

एक कप घी

एक कप मावा

एक चौथाई कप चीनी

छोटे-छोटे टुकडें में 20-25 काजू

5-6 बारीक काटा हुए बादाम

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15-20 किशमिश

आधा चम्मच इलाइची पाउडर

बारीक काटा हुआ पिस्ता

विधि

सबसे पहलें हलवा बनाने के 3-4 घंटे पहले दाल को पानी में भिगो दे. इसके बाद इसे थोडा सा पानी के साथ दरदरा करके पीस लें, फिर इस दाल को एक पतलें कपड़े में डालकर 1 घंटे के लिए लटका दे जिससे कि इसका पानी निकल जाए.

एक घंटे बाद गैस में एक कढाई रखें और उसमें घी डाले. गर्म हो जाने के बाद इसमें पीसी दाल डाल दे और गैस की धीमी आंच करके गोल्डन ब्राउन होने तक फ्राई करिए. इसके बाद इसे एक बाउल में निकाल लें.

एक पैन में चाशनी बनानें के लिए पानी लें औक उसमें चीनी डालें फिर इसे उबलनें दे. 3-4 मिनट बाद जब यह चाशनी बन जाए तो गैस बंद कर दे.

अब दूसरी कढाई में मावा डालकर भूनें फिर इसमें भूनी हुई दाल डाल दें. इसके बाद इसमें पहलें से बनाई चाशनी को डाल कर मिला साथ में इसमें किशमिश और काजू डाल दें और धीमी आंच में इसे लगभग 10 मिनट तक भूनें.

जब हलवा घी छोड़नें लगे तब गैस बंद कर इसमें इलायची पाउडर डालें, फिर इसे एक बाउल में काल लें और कतरी हुई बादाम डालकर सर्व करें.

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अब लहंगा नहीं पड़ेगा महंगा

वैडिंग की बात आए और लहंगे का जिक्र न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता. लेकिन इस सचाई से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि एक दिन के लिए खरीदा लहंगा सिर्फ एक दिन का ही हो कर रह जाता है, क्योंकि शादी के बाद इतने भारीभरकम लहंगे को सहजने के लिए जगह नहीं मिलती है.

ऐसे में मन में बस यही अफसोस होता है कि काश इतना भारी और महंगा लहंगा न लिया होता. लेकिन अगर आप चाहें तो आप एक ही लहंगे को कई तरह से यूज कर सकती हैं और भी किसी को पता चले बगैर, क्योंकि हम आप को बता रहे हैं 9 तरीके अपने लहंगे को रीयूज करने के:

1. लहंगे को पहनें स्लीवलैस चोली के साथ

स्लीवलैस चोली का फैशन न सिर्फ आप को स्टाइलिश बनाने, बल्कि आप के लहंगे को रीयूज करने का एक और मौका देता है. ऐसे में आप वैडिंग लहंगे की चोली से स्लीव्स को निकाल कर अपने लुक को खूबसूरत हाथों को दिखा कर और बढ़ा सकती हैं. आप डिफरैंट कलर की स्लीवलैस चोली भी बनवा सकती हैं. यकीन मानिए जब इस लुक वाले लहंगे को आप किसी फ्रैंड की शादी में यह फिर किसी फैमिली फंक्शन में वियर करेंगी तो कोई पहचान भी नहीं पाएगा कि यह आप की लहंगा है, क्योंकि आप ने उस के चोली के लुक को ही बदल जो दिया है. बाद में आप इस चोली को किसी साड़ी के साथ भी वियर कर सकती हैं. इस से आप हर बार पाएंगी नया लुक.

 

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2. चोली को पहनें प्लेन लहंगे के साथ

 

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भारीभरकम लहंगे को एक बार पहनने के बाद दोबारा पहनने की हिम्मत नहीं होती है. लेकिन अगर आप उसी लहंगे के साथ ऐक्सपैरिमैंट करेंगी तो आप का लहंगा भी नया बन जाएगा और आप को नया लुक भी मिल जाएगा. बात करें अगर चोली की तो ब्राइडल लहंगे की चोली काफी हैवी व शिमरी होती है, जिस के साथ लहंगा भी काफी भारी होता है. ऐसे में आप अपनी चोली को रीयूज करें जैसे अगर आप की ग्रीन कलर की हैवी चोली है तो आप उस के साथ प्लेन रैड कलर का लहंगा बनवा कर उस के साथ नैट का दुपट्टा पहन सकती हैं. इस से आप का लहंगा काफी खूबसूरत लगने के साथसाथ वजन में भी हलका होने के साथ आप को उसे वियर करना काफी आसान हो जाएगा. आप चाहें तो चोली के रंग का ही प्लेन लहंगा बनवा कर मैचिंग दुपट्टा ले सकती हैं. यकीन मानिए आप का लहंगा आप की खूबसूरती को बढ़ाने के साथसाथ लोगों की नजरें आप पर से हटने ही नहीं देगा.

3. ड्रैपिंग के तरीके को बदलें

लहंगे की हो या फिर मेकअप की, हर लड़की या महिला खुद को हर पार्टी में अलग तरीके से सवारना पसंद करती है ताकि उस का लुक रिपीट न हो और हर बार वह अलग ही दिखे. ऐसे में अगर आप क्रिएटिव सोचती हैं तो फिर अपनी शादी के लहंगे को भी अलगअलग तरह से ड्रैप कर के पाएं अपनी पसंद का लुक. अगर आप गुजराती लुक चाहती हैं तो गुजराती स्टाइल में दुपट्टे को ड्रैप करें, अगर सिंपल और स्वीट लुक चाहती हैं तो सिर्फ पिन से वन साइड दुपट्टे को टक कर दें. बंगाली लुक के लिए दुपट्टे को उस स्टाइल में पहन सकती हैं. यहां तक कि आप लहंगे को साड़ी लुक देने के लिए वन साइड पिन से टक कर के दूसरी तरफ से उसे अंदर होल्ड कर लें या फिर अगर नैट का दुपट्टा है तो आप उसे अपने दोनों कंधों पर ले कर उसे श्रग जैसा लुक दे कर लहंगे को मोर अट्रैक्टिव बना सकती हैं. बस आप को अपने ड्रैपिंग के तरीके को बदलना है आप का लहंगा नए जैसा लगने लगेगा.

4. प्ले विद दुपट्टा

कहते हैं कि लहंगे के साथ पहना दुपट्टा सिर्फ लहंगे के साथ ही यूज हो सकता है. मगर थोड़ा क्रिएटिव सोचो तो ढेरों औपशंस मिल जाएंगे, जिन से आप का लहंगा दोबारा यूज भी हो जाएगा और आप पार्टी के लिए उसी लहंगे से दूसरी ड्रैस भी तैयार कर पाएंगी, क्योंकि वैडिंग लहंगे में दुपट्टे पर खास हैवी लुक दिया जाता है ताकि लहंगा उभर कर आए. ऐसे में आप अपने हैवी दुपट्टे से डिजाइनर कुरती या फिर वन पीस ड्रैस बनवा सकती हैं अथवा इस दुपट्टे को प्लेन सिल्क के सूट के साथ भी वियर कर के ट्रैंडी लुक पा सकती हैं. चाहें तो दुपट्टे को श्रग, ट्रांसपेरैंट जैकेट की तरह भी बनवा कर उसे शौर्ट व लौंग कुरती के साथ वियर कर सकती हैं.

5. कैरी विद लौंग कुरती

अगर आप का लहंगा भी काफी समय से वार्डरोब में टंगा हुआ है और आप हर बार उसे देख कर यही सोचती हैं कि इसे अगर दोबारा पहना तो रिपीट हो जाएगा और साथ ही काफी हैवी लुक भी देगा. तो ऐसे में अब अपनी सोच को थोड़ा क्रिएटिव बनाएं. आप अगर चोली को देख कर ऊब गई हैं तो आप अपने लहंगे के ऊपर लौंग कुरती के स्टाइल को कैरी करें. आप अपने लहंगे से मैच करती फ्रंट स्लिट वाली शिफौन या फिर शिमरी कपड़े की कुरती बनवा सकती हैं. यह काफी अलग स्टाइल होने के साथसाथ फैशन इंडस्ट्री में भी इन दिनों काफी धूम मचाए हुए हैं.

6. लहंगे के साथ लौंग जैकेट

अगर आप अपने लहंगे को चार्मिंग लुक देना चाहती हैं, तो अपने वैडिंग लहंगे को लौंग नेट की जैकेट के साथ पहन कर उस के पूरे लुक को ही बदल सकती हैं, जो बिलकुल लौंग कुरती जैसा ही लुक देता है. इस पर आप को अपने वैडिंग दुपट्टे को भी वियर करने की जरूरत नहीं होगी. इस बात का ध्यान रखें कि आप लहंगे को वाइब्रैंट इफैक्ट देने के लिए जैकेट का कलर लहंगे से मिलताजुलता ही चूज करें. यकीन मानिए इसे पहन कर आप को बिलकुल ड्रैस जैसा फील आने के कारण आप खुद को काफी कंफर्टेबल फील कर पाएंगी. फिर चाहे इसे आप फैस्टिवल पर पहनें या फिर पार्टी फंक्शन में, हर जगह के लिए परफैक्ट रहेगा.

7. मिक्स ऐंड मैच विद ब्लाउज

आजकल प्लाजो काफी ट्रैंड में हैं, जिन्हें आप अलगअलग मौकों पर पहन कर अलगअलग लुक पा सकती हैं जैसे अगर आप प्लाजो को कुरते के साथ वियर करेंगी तो आप ट्रैडिशनल लुक पा सकती हैं, वहीं अगर आप इसे क्रौप टौप के साथ पहनेंगी तो आप को पार्टी लुक मिल जाएगा. अगर आप के घर में कोई फंक्शन है तो आप अपने वैडिंग लहंगे के टौप को ट्राउजर से मैच कर के खुद को मौडर्न दिखाने के साथसाथ खुद के लिए एक अलग ट्रैंडी आउटफिट तैयार कर सकती हैं. मार्केट में आप को ढेरों डिफरैंट डिजाइनों के प्लाजो मिल जाएंगे, जिन्हें आप अपनी पसंद के हिसाब से चूज कर सकती हैं.

8. बौर्डर्स को रीयूज करें

हो सकता है कि आप का अपने लहंगे के भारी बौर्डर्स को देख कर उसे पहनने को मन न करता हो. ऐसे में आप अपने लहंगे के बौर्डर्स को टेलर से निकलवा कर अपनी किसी दूसरी ड्रैस में लगवा सकती हैं. इस से आप का लहंगा सिंपल हो जाएगा, जिस से आप उसे किसी पार्टी में पहन पाएंगी और बौर्डर्स को दूसरी ड्रैस में यूज करने से आप के पैसे भी बरबाद नहीं जाएंगे.

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9. लहंगे से लेयर्स हटवाएं

ब्राइडल लहंगे का लुक निखारने के लिए उस में नैट, फ्रिल लगाई जाती है ताकि लहंगे में फुलावट रहे और वह अच्छा लुक दे पाए. हर ब्राइड भी अपने लहंगे के सलैक्शन के वक्त इस बात का खास ध्यान रखती है कि उस में ज्यादा से ज्यादा फ्लेयर हों. लेकिन यही फ्लेयर वाला लहंगा शादी के बाद पहनना अच्छा नहीं लगता. ऐसे में अगर आप अपने लहंगे को डिफरैंट व हलका बनाना चाहती हैं तो उस की सभी लेयर्स व कलियों को हटवा दें और फिर डिफरैंट तरीके से वियर कर के दिखें गौर्जियस.

10. लहंगे को रैंट पर दें

अगर आप की शादी का लहंगा सालों से यों ही पड़ा है और आप का कोई इरादा भी नहीं है कि आप उसे आगे कभी इस्तेमाल करने वाली हैं तो उसे औनलाइन साइट्स पर रैंट पर भी दे सकती हैं. इस से आप का लहंगा भी बेकार नहीं जाएगा और पैसे भी मिल जाएंगे या चाहें तो इसे बेच भी सकती हैं.

 

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