झलकी फिल्म रिव्यू: गंभीर प्रयास और प्रभाव छोड़ने में असफल

रेटिंगः ढाई स्टार

निर्माताः ब्रम्हानंद एस सिंह और आनंद चैहाण

निर्देशकः ब्रम्हानंद एस सिंह और तनवी जैन

कलाकारः बोमन ईरानी,तनिष्ठा चटर्जी,संजय सूरी,जौयसेन गुप्ता, दिव्या दत्ता.

अवधिः एक घंटा 59 मिनट

‘बचपन बचाओ’का संदेश देने के लिए नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के कार्यों से प्रेरित होकर ब्रम्हानंद एस सिंह और तनवी जैन फिल्म ‘‘झलकी’’ लेकर आए हें. निर्देशकद्वय ने एक बाल मजदूर जैसे अति गंभीर विषय पर अपनी तरफ से गंभीर प्रयास किया है, मगर विषयवस्तु को लेकर सीमित सोच के चलते फिल्म अपना प्रभाव झोड़ने में नाकाम रहती है.

कहानीः     

फिल्म की कहानी गौरया नामक चिड़िया की एक पुरानी लोककथा के एनपीमेान मे काध्यम से शुरू होती है. गौरैया ,जिसका एक दाना बांस की खोल में फंस जाता है,जिसे पाने के लिए वह बढ़ई,राजा, उसकी रानी,सांप,एक छड़ी,आग, समुद्र और एक हाथी तक गुहार लगाती है. हाथी तक पहुंचने से पहले सभी उसे भगा देते हैं.मगर जब हाथी उसकी मदद के लिए उसके साथ चलता है, तो सभी मदद के लिए तैयार हो जाते हैं और गौरैया को उसका दाना मिल जाता है.

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फिर मूल कहानी शुरू होती है. कहानी है उत्तर प्रदेश के एक गाँव से रामप्रसाद(गोविंद नामदेव) नियमित रूप से बच्चों को श्रम के लिए शहर में ले जाता है. इसके लिए वह बच्चों के गरीब माता पिता को एलईडी टार्च या एफएम रेडियो अथवा कुछ पैसे देकर उनकी भलाई का नाटक करता है.पर उसी गॉंव की एक नौ साल की लड़की झलकी( बेबी आरती झा)को रामप्रसाद पसंद नहीं.वह हर हाल में अपने छोटे भाई सात साल के बाबू(गोरक्षक सकपाल)को रामप्रसाद से बचाकर रखना चाहती है. पर हालात कुछ इस तरह बदलते हैं कि राम प्रसाद के साथ झलकी और उसका भाई बाबू मिर्जापुर शहर पहुंच जाते है, जहां रामप्रसाद बड़ी चालाकी से उसके भाई बाबू को बाल मजदूरी के लिए दूसरों के हाथ बेच देते हैं और झलकी को किसी अन्य के हाथ वेश्यावृत्ति के लिए बेचते हैं. झलकी अपने भाई बाबू से अलग हो जाती है, पर वह भागकर खुद को बचा लेती है. फिर वह अपने भाई बाबू की तलाश शुरू करती है. कारपेट बनाने वाली फैक्टरी के मालिक चकिया (अखिलेंद्र मिश्रा ) के यहां बाबू कारपेट बनाने के काम में लग जाता है.

अपने भाई बाबू की तलाश के लिए झलकी गौरैया की कहानी को याद कर अपने काम पर लग जाती है. उसे सबसे पहले रिक्शा चालक रहीम चाचा (बचन पचेहरा) का साथ मिलता है.जलेबी बेचने वाले दुकानदार को सच पता है, पर वह कुछ बताने को तैयार नही. तब झलकी राजा यानी कि जिले के कलेक्टर संजय ( संजय सूरी)के पास पहुंचती है,संजय उसे भगा देते हैं. तब वह नाटकीय तरीके से रानी यानी कि कलेक्टर की पत्नी  सुनीता (दिव्या दत्ता) से मिलती है.सुनीता उसे अपने घर ले जाकर अपने साथ रहने के लिए कहती है और आश्वस्त करती है कि वह जल्द उसके भाई को ढुंढ़वा देंगी. पर संजय खुद को असमर्थ बताते हैं.रहीम चाचा की मदद से झलकी को यह पता चल जाता है कि उसके भाई बाबू से कारपेट बनाने वाली कंपनी के मालिक चकिया बाल मजदूरी करा रहे हैं. एक दिन जब वह छिपकर कंपनी के अंदर पहुंचती है तो वह कलेक्टर संजय के ज्यूनियर और एसडीएम अखिलेश (जौयसेन गुप्ता) को चकिया से घूस लेते देख लेती है. पर संजय चुप रहते हैं.उसके बाद नाटकीय तरीके से पत्रकार प्रीति व्यास(तनिष्ठा चटर्जी)और बच्चों को छुड़वाने काम कर रहे समाज सेवक(बोमन ईरानी)की मदद से झलकी अपने भाई व गांव के अन्य बच्चों का बाल मजदूरी से मुक्त कराकर अपने गांव पहुचती है.

कहानी खत्म होने के बाद कैलाश सत्यार्थी का लंबा चैड़ा भाषण और उनके द्वारा 86 हजार बच्चों को छुड़ाए जाने के दौरान के उनके कार्यों के वीडियो भी आते हैं.

लेखन व निर्देशनः

मूलतः डाक्यूमेंट्री फिल्मकार ब्रम्हानंद एस सिंह की बतौर निर्देशक यह पहली फीचर फिल्म है, जिसमें उनके साथ निर्देशन में सहयोगी के रूप में तनवी जैन भी जुड़ी हुई हैं. ब्रम्हानंद एस सिंह ने संगीतकार आर डी बर्मन और गजल गायक जगजीत सिंह लंबी डाक्यूमेंट्री बना चुके हैं. जिसका असर फिल्म में इंटरवल से पहले नजर आता है. इंटरवल से पहले जिस तरह से दृश्य व पाश्र्व में गाने पिरोए गए हैं, उससे फीचर फिल्म की बजाय डाक्यमेंट्री का अहसास होता है. इंटरवल के बाद घटनाक्रम घटित होते हैं. पर पटकथा में कुछ झोल के साथ निर्देशन में कुछ कमियां है.फिल्म बेवजह लंबी खींचीं गयी है.

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फिल्म में बच्चो के यौन शोषण को भी बहुत हलके फुलके से दिखाया गया है. फिल्मकार के रूप में ब्रम्हानंद ने बाल मजदूरी के साथ जुड़े हर इंसान को बेनकाब करने का प्रयास किया है. फिल्म में भाई कही तलाश में जुटी झलकी के अंदर के गहरे डर का भी बेहतरीन चित्रण है. कालीन बुनाई के लघु उद्योग में किस तरह छोटे छोटे बच्चे काम कर रहे है और उन्हे किस हालात में रखा जाता है, उसका यथार्थ चित्रण है. मिर्जापुर में घरेलू उद्योगों की लंबी श्रृंखला में कालीन की बुनाई उद्योग है.जहां बाल तस्करी का नेक्सस बड़ा और शक्तिशाली है. मगर फिल्मकार ने इसका बहुत सतही चित्रण किया है.

अभिनयः

जहां तक अभिनय का सवाल है,तो झलकी के किरदार में बाल कलाकार आरती झा अपने शानदार अभिनय से मन मोह लेती हैं. गोरक्षा सकपाल ने भी बाबू के किरदार के साथ न्याय किया है. यह दोनों भाई-बहन के रूप में एक अद्भुत, वास्तविक बंधन बनाते हैं. फिल्म में बेहतरीन कलाकारों की लंबी चैड़ी फौज है, मगर पटकथा लेखन व निर्देशकीय कमजोरी के चलते यह कलाकार बंधे से नजर आते हैं. कोई भी खुलकर अपनी प्रतिभा को सामने नहीं ला पाया.

शादी की पहली सालगिरह पर दीपिका-रणवीर ने किया कुछ ऐसा, फैन्स ने की तारीफ

दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह बौलीवुड की बेस्ट जोड़ी में से एक हैं. आज यानी कि 14 नवंबर को दोनों की पहली शादी की सालगिरह है. आम तौर पर ज्यादातर सेलेब्स इस स्पेशल डे पर पार्टी करते हैं, कहीं घूमने जाते हैं, लेकिन इस जोड़ी ने ऐसा न करके एक टेंपल में जाना सही समझा. दोनों वेंकटेश्वर पहुंचे थे जहां से उनकी फोटोज और वीडियोज सामने आए हैं. दोनों इस दौरान न्यूली वेड कपल की तरह लग रहे हैं. दीपिका ने इस दौरान रेड कलर की साड़ी के साथ हैवी ज्वैलरी पहनी हुई है. इसके साथ ही दीपिका ने मांग में सिंदूर लगा रखा है. दीपिका काफी खूबसूरत लग रही हैं.

ट्रेडिशनल लुक में नजर आए दोनों…

वहीं रणवीर ने इस दौरान औफ़ व्हाइट कलर का कुर्ता पजामा के साथ रेड कलर की चुन्नी कैरी की हुई है. दोनों की जोड़ी हमेशा की तरह प्यारी और परफेक्ट लग रही है. फैन्स को भी दोनों का ये अंदाज पसंद आ रहा है. सभी उनके इस सिंपल और प्यारे सेलिब्रेशन की तारीफ कर रहे हैं.

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दीपिका ने खुद भी इस विजिट की फोटो शेयर की है. दीपिका ने रणवीर के साथ फोटो शेयर कर लिखा, आप सभी के प्यार और बधाइयों के लिए बहुत धन्यवाद.

दोनों की फैमिलीज दिखीं साथ…

इस मौके पर दीपिका-रणवीर की फैमिलीज भी उनके साथ थी. दोनों के माता-पिता और बहन इस खास दिन पर उनके साथ मौजूद थे.

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रणवीर ने ऐसे की तैयारी…

रणवीर हर मौक़े पर बहुत एक्साइटेड रहते हैं तो जब बात उनकी शादी की सालगिरह की हो तो सोचिए कितने एक्साइटेड होंगे वो. इतना ही नहीं, रणवीर ने तो सालगिरह के लिए खूब तैयारी भी की. दरअसल, दीपिका ने बुधवार को रणवीर की एक फोटो इंस्टाग्राम पर शेयर की थी जिसमें रणवीर ने फेस मास्क लगाया हुआ था. दीपिका ने इस फोटो को शेयर करके हुए लिखा था, शादी की पहली सालगिरह के लिए रणवीर की तैयारी.

बता दें कि दीपिका और रणवीर ने एक दूसरे को छह साल तक डेट करने के बाद शादी के बंधन में बंधने का फैसला किया. इटली में बेहद ही कॉन्फीडेंशियल करीके से उन्होंने शादी की थी जिसकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुए थे.

दीपिका-रणवीर की पहली एनिवर्सरी पर देखिए शादी का रोमांटिक Wedding Album

बौलीवुड के पौपुलर कपल्स में से एक एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण और एक्टर रणवीर सिंह आज यानी 14 नवंबर को अपनी शादी की पहली एनिवर्सरी मना रहे हैं. 6 साल तक रिलेशनशिप में रहकर अपनी फिल्मों से फैंस को एंटरटेन करने वाले इन सितारों की लव स्टोरी जितनी खास है उतनी इनकी वेडिंग फोटोज भी फैंस का दिल जीतने वाले है. आज हम आपको दीपिका-रणवीर की पहली सालगिरह पर दोनों की शादी की कुछ फोटोज दिखाएंगे, जिसे देखकर आप कहेंगे ये मेड फौर इच अदर कपल है.

दो रीति रिवाजों से बंधे शादी के बंधन में

सभी को पता है कि रणवीर सिंधी फैमिली से ताल्लुक रखते हैं और दीपिका साउथ से, जिसके चलते दोनों की शादी दो रीति रिवाजों से हुई थी.

देश से बाहर की थी शादी

दीपिका का और रणवीर की शादी इटली के लेक कोमो में दोनों ने 14 नवंबर को तमिल रीति रिवाज से और 15 नवंबर को सिंधी रीति रिवाजों से शादी की थी, जिसकी फोटोज सोशल मीडिया पर काफी पौपुलर हुई थी.

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शादी में दोनों का अटायर था खास

 

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दो रीति रिवाजों से शादी होने के चलते दीपिका और रणवीर का अटायर भी खास था. जहां तमिल शादी के लिए दीपिका कांजीवरम साड़ी में और रणवीर धोती कुर्ते में नजर आए. वहीं सिंधी शादी के लिए दीपिका रेड कलर के लहंगे और रणवीर शेरवानी में नजर आए थे.

 

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पहली बार ऐसे हुई थी मुलाकात

 

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दीपिका और रणवीर की पहली मुलाकात Zee Cine Awards में हुई थी. यहीं रणवीर ने पहली बार दीपिका पादुकोण को आमने-सामने देखा था और रणवीर का कहना है कि वह उन्हें देखते ही फिदा हो गए थे.

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रामलीला से हुई साथ काम करने की शुरूआत

दोनों को साथ में ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताने के लिए जरूरी था कि वे साथ में काम करते और उन्हें ये मौका दिया दिग्गज फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली ने. फिल्म का नाम था “गोलियों की रासलीला – रामलीला”, जिसके बाद दिवानी मस्तानी जैसी फिल्मों में काम करके फैंस का दिल जीता.

वैब सीरीज रिव्यू- क्या देखें क्या नहीं

यू

रिलीज ईयर – 2018

क्रिएटर्स- ग्रैग बरलेंटी, सेरा गैंबल

कास्ट- पैन बेडज्ली, एलीजाबेथ लेयल, लुका पडोवन, जैक चैरी, शेय मिचेल 

जौनर- साइकोलौजिकल थ्रिलर, क्राइम ड्रामा

क्या हो अगर आप पर हर समय कोई नजर रख रहा हो, आप की हर एक्टिविटी को मौनिटर कर रहा हो, आप के करीबी लोगों को आप से दूर कर आप की जिंदगी पर एक काले साए की तरह छा रहा हो? और अब सोचिए कि क्या हो जब आप किसी इंसान की हकीकत जाने बिना उस से प्यार कर बैठें? कुछ ऐसी ही कहानी है कैरोलिन केपन्स के उपन्यास पर आधारित नैटफ्लिक्स औरिजिनल साइकोलौजिकल थ्रिलर सीरीज ‘यू’ की.

सीरीज की शुरुआत होती है गुइनिवर बेक और जोसफ से. बेक एक खूबसूरत, जवान और स्मार्ट लड़की है जिसे लिखना, पार्टी करना, सोशल मीडिया पर तसवीरें पोस्ट करते रहना पसंद है. वहीं, जोसफ उर्फ जो एक साधारण दिखने वाला लड़का है और एक बुकस्टोर का क्लर्क है. लेकिन, यह साधारण सा लड़का असल में एक स्टाकर है जो बेक को देखते ही उस का कायल हो जाता है और बेक उस के लिए एक मकसद बन जाती है.

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सीरीज की दिलचस्प बात यह है कि यह किसी हीरो के नहीं बल्कि असल में एक स्टाकर के पौइंट औफ व्यू से दिखाई गई है जोकि रोमांचक है और सनसनी पैदा करता है. इस में छिपे राज और बेक के लिए जो द्वारा उठाए गए कदम थ्रिलिंग हैं. कुछ ऐसे मौके भी हैं जहां लगता है कि चीजों को ज्यादा ही बढ़ाचढ़ा दिया है लेकिन फिर भी इसे बिंज वाच करने का मन करता है. सीरीज के सीजन वन में 10 एपिसोड्स हैं और जल्द ही इस का दूसरा सीजन आने वाला है. सीजन वन जिस सस्पैंस के साथ खत्म हुआ है उस से सीजन 2 में परदा उठेगा. आगे और कितने राज हैं यह देखना मजेदार होगा.

द फैमिली मैन

रिलीज ईयर- 2019

क्रिएटर्स- राज निदिमोरु, कृष्णा डी के

कास्ट- मनोज बाजपेयी, प्रियमिनी, शारिब हाशमी, नीरज माधव, पवन चोपड़ा, किशोर कुमार

जौनर- ऐक्शन, ड्रामा

देशभक्ति पर आधारित सीरीज की ही तरह ‘द फैमिली मैन’ भी है, बस फर्क इतना है कि इस की नरेशन स्लो है और यह श्रीकांत, जिस का किरदार मनोज बाजपेयी निभा रहे हैं, पर आधारित है जो वक्तबेवक्त अपने परिवार और देश के बीच में से किसी एक को चुनने पर मजबूर रहता है. यह सीरीज आतंकवाद और धार्मिक अतिवाद जैसे मुद्दे को उजागर करती है. बावजूद इस के सीरीज का केंद्र श्रीकांत की अपने काम और घरपरिवार के बीच सामंजस्य बैठाने की जद्दोजहद को दिखाना ज्यादा लगता है.

मनोज बाजपेयी एक फिक्श्नल क्राइम एजेंसी ‘टास्क’ का जासूस या कहें औफिसर है, लेकिन अपने परिवार और बाकी दुनिया के लिए वह किसी सरकारी दफ्तर में फाइल लाने ले जाने का काम करता है. सुन कर अटपटा जरूर लगता है कि कैसे उस के अपने परिवार खासकर उस की पत्नी को उस के इस काम के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

टास्क नामक यह फोर्स केवल आतंकवादी होने के शक पर 3 लड़कों को गोलियों से दाग देती है और गलती का एहसास होने पर उन्हें आतंकवादी करार दे देती है. अविश्वस?नीय जरूर लगता है पर फिर एहसास होता है कि यह सरकार पर बड़ी चालाकी से किया गया कटाक्ष है.

हर एपिसोड की शुरुआत में न्यूजपेपर कटिंग दिखा कर बताया गया है कि हर एपिसोड सत्य घटना से प्रेरित है जोकि सही भी लगता है क्योंकि असल में इस पूरी सीरीज में ही ऐसे मुद्दों को लिया गया है जिस से देश इस वक्त गुजर रहा है. सीरीज में ह्यूमर भी है और गंभीरता भी. यह सीरीज देखनी तो बनती है.

द मार्वलस मिसेज मेजल

रिलीज ईयर- 2017

क्रिएटर्स- एमी शरमन-पालाडीनो

कास्ट- रेचल ब्रोसनाहन, एलैक्स बोर्सटीन, माइकल जेगेन, मरीन हिंकल,

जौनर- कौमेडी ड्रामा, पीरियड ड्रामा

रीज की पृष्ठभूमि 1958 न्यूयौर्क की है. द मार्वलस मिसेज मेजल असल में मीरियम मिज मेजल है जो न्यूयौर्क में रहने वाली साधारण जूइश महिला थी लेकिन एक रात में ही उस की जिंदगी तब बदल गई जब उस के पति ने उसे यह कह कर छोड़ दिया कि उस का अपनी सैक्रेटरी के साथ अफेयर चल रहा है.

मिज खुद को अचानक ही सब से अकेला पाने लगती है, उसे लगता है जैसे अब यहां उस के लिए कुछ बचा ही नहीं है, लेकिन एपिसोड वन के ऐंड में ही यह सामने आता है कि मिज में स्टैंड अप कौमेडियन बनने की प्रतिभा है जिसे पूरे सीजन में आगे बढ़ाया गया है. प्रोफैशनल और पर्सनल लाइफ के बीच मिज की जद्दोजहद को दिखाया गया है.

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पूरा शो ही लाइट कौमेडी से घिरा हुआ है लेकिन जबतब दिखाए जाने वाले मिज के स्टैंड अप्स और मोनोलोग कमाल के हैं. यह सीरीज एक मस्ट वाच इसलिए भी है कि इस में एक फीमेल करैक्टर को अपनी पहचान बनाते और ख्याति पाते दिखाया गया है जिस के द्वारा रास्ते में आने वाली हर परेशानी को आड़ेहाथों लिया गया. सीरीज का तीसरा सीजन इस दिसंबर एमेजौन प्राइम पर आने वाला है.

पिनोकियो

रिलीज ईयर- 2014

क्रिएटर- पार्क हे रयून

कास्ट- ली जौंग सुक, पार्क शिन-हे, किम यंग-क्वांग, ली यू-बी

जौनर- रोमांस, ड्रामा, फैमिली, कौमेडी

यदि आप ने कोरियन ड्रामा के बारे में सुना होगा कि वे अत्यधिक रोमांटिक होते हैं या वे केवल प्यार के इर्दगिर्द ही घूमते हैं. लेकिन यह उन सभी केंड्रामा से बहुत ज्यादा अलग हैं. पिनोकियो कोरियन टैलीविजन ड्रामा सीरीज है. शो की गिनती एशिया के लोकप्रिय शोज में होती है जिस के किरदार कोरियाई ड्रामा जगत के जानेमाने चेहरे पार्क शिन और ली जोंग सुक हैं.

असल में प्यार और दोस्ती तो पिनोकियो में भी है लेकिन शो का मेन फोकस एक लड़के हा म्यूंग की कहानी दिखाना है जिस ने एक हादसे में अपने परिवार को खो दिया और वह भी उन पत्रकारों के कारण जिन्होंने उस के निर्दोष पिता को गुनहगार ठहराया. वह उन सभी पत्रकारों खासकर उस एक पत्रकार को यह साबित करना चाहता है कि असल में सच्ची पत्रकारिता क्या होती है. पर कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब वह उसी महिला की बेटी से प्यार कर बैठता है.

सीरीज हद से ज्यादा फनी है जिस में इमोशंस का तड़का बराबर लगाया गया. यह हिंदी और इंग्लिश सीरीज से बहुत अलग है क्योंकि इस में रिश्तों खासकर प्यार की जो परिभाषा दिखाई गई है वह स्लो पेस पर चलती है. इस सोशल मीडिया के जमाने में ऐसी कहानी पर विश्वास करना थोड़ा मुश्किल जरूर है मगर मन करता है कि इस पर विश्वास किया जाए.

द ऐंड औफ द फ***इंग वर्ल्ड

रिलीज ईयर- 2017

क्रिएटर्स- चार्ली कोवेल

कास्ट- एलैक्स लोथर, जेसिका बारडेन, गेमा व्हेलन, स्टीव ओरम

जौनर- डार्क कौमेडी, कौमेडी ड्रामा

लर्स फोर्समन की इसी नाम की ग्राफिक नौवल पर आधारित ‘द एंड औफ द फ***इंग वर्ल्ड’ ब्रिटिश डार्क कौमेडी ड्रामा टैलीविजन प्रोग्राम है जिसे नैटफ्लिक्स पर 8 एपिसोड के सीजन वन में दिखाया गया और जल्द ही इस का दूसरा सीजन भी आने वाला है. सीजन वन में जेम्स जोकि खुद को साइकोपाथ सम झता है अपनी क्लासमैट अलीसा से मिलता है जो रिबिलीयस है और उस की खुद की कई प्रौब्लम्स हैं. जिन से वह जूझ रही है. दोनों टीनएजर्स हैं और बाकी सभी सामान्य टीनएजर्स से बहुत अलग हैं.

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जेम्स को हौबी के तौर पर जानवरों को मारना पसंद है और एक दिन वह इस से ऊब जाता है और फैसला करता है कि वह किसी इंसान को मारेगा. अलीसा को लगता है कि जेम्स के साथ  झूठे रोमांस से शायद वह सचाई से दूर जा सकती है. जेम्स और अलीसा घर से भाग निकलते हैं जहां जेम्स का प्लान अलीसा को जान से मारना है. क्या जेम्स अलीसा को मार पाया? उन दोनों के बीच जो कैमिस्ट्रि डैवलप हुई, सच थी या नहीं? क्या दोनों अपनेअपने मकसद में कामयाब हुए? इन सब का जवाब सीरीज में है.

सीरीज मस्ट वाच है जो अपने साथ कई मुद्दे भी उजागर करती है. जेम्स और अलीसा को अपने सफर में कुछ ऐसी चीजों का सामना भी करना पड़ता है जो उन की आने वाली जिंदगी को हमेशा के लिए बदल कर रख देगी. सीरीज में डार्क ह्यूमर है जिस पर ठहाके मारमार कर हंसी तो नहीं आती लेकिन अच्छा लगता है, बोरियत नहीं होती.

https://www.youtube.com/watch?v=pLEBe5VWMX8

किटी पार्टी में बनाएं एग-फ्राइड राइस

एग-फ्राइड राइस न सिर्फ स्वाद के मामले में बल्कि सेहत के लिहाज से भी काफी पसंद की जाने वाली डिश है. अंडों के पोषण से भरपूर यह डिश बनाने में भी काफी आसान है. इस डिश को आप किटी पार्टी या फिर छोटे गेट टू गेदर के दौरान सर्व कर सकती हैं.

हमें चाहिए

2 कप चावल

2 मध्यम आकार के प्याज

2 छोटे आकार के शिमला मिर्च

2 हरी मिर्च

4 चम्मच सोया सॉस

3 चम्मच रिफाइंड ऑयल

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8 अंडे

2 गाजर

आधा चम्मच काली मिर्च पाउडर

2 चम्मच टमाटर प्यूरी

4 चुटकी नमक

गार्निश के लिए

उबले अंडे

बारीक कटी धनिया

बनाने का तरीका

एक बड़े बर्तन में दो कप चावल ले लें. चावल को अच्छी तरह धो लें. चावल धोने के बाद इसे उबालकर पका लें और किनारे रख दें.

सारी सब्जियों को धोकर अच्छी तरह काट लें. हर सब्जी को बारीक और एक आकार में काटें.

अब एक पैन लेकर उसमें तेल गर्म करें. अब इसमें बारीक कटी प्याज को डालकर हल्का भूरा होने तक भूनें. जब प्याज का रंग बदल जाए तो इसमें बाकी सब्जियां डालकर अच्छी तरह मिला लें.

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3-4 मिनट बाद इसमें हरी मिर्च का पेस्ट मिला दें. 1-2 मिनट बाद टमाटर की प्यूरी, नमक, सोया सॉस मिला लें. आंच तेज ही रखें.

अब पैन में अंडा फोड़ें और उसे हिलाते रहें. इसी समय इसमें बटर मिला लें. अब इसमें पके हुए चावल मिला लें. सारी चीजों को अच्छी तरह मिला लें.

इसे धनिया की पत्ती और उबले हुए अंडे के साथ सजाकर सर्व करें.

तिरंगा फहराने से पहले सोच लें

अंधभक्ति के प्रलोभन के लिए धर्म के दुकानदारों ने अब उस पर देशभक्ति की परत चढ़ा दी है. उन्होंने शायद किसी गुप्त आदेश के तहत सारे मंदिरों, धार्मिक जलूसों, तीर्थयात्राओं, कांवड़यात्राओं, भगवती जागरणों, सड़क पर चल रहे अखंड दुर्गा पाठों में भगवा की जगह राष्ट्रीय तिरंगा अनिवार्य कर दिया है. यानी आप इस ढकोसलेपन की आलोचना करेंगे तो आप पर देशद्रोही होने का आरोप लगाया जा सकता है, क्योंकि ढकोसले और पाखंड को तिरंगे में जो लपेट रखा है.

कट्टर, पौराणिक, वर्ण व जाति व्यवस्था के घोर समर्थक मंदिरों, देवीदेवताओं, कुंडलियों, पूजाओं, व्रतों, उपवासों, निरंतर चलने वाले हवनों को बेचने के लिए तिरंगा बड़े काम का है. अब कठिनाई यह है कि तिरंगा तो चाहिए पर जो सस्ता हो, टिकाऊ हो, सुंदर हो. मुश्किल है कि यह टैस्ट तो चीनी ही पूरा कर सकते हैं इसलिए चीनी फैक्टरियां तिरंगों को वैसे ही कंटेनरों में भेज रही हैं जैसे उन्होंने स्वदेशी सरदार पटेल की 597 फीट ऊंची मूर्ति गुजरात में भेजी थी.

चीनी तिरंगे ने इस तरह मार्केट कैप्चर कर ली कि खादी ग्रामोद्योगों, जिन्हें इसे बनाने का एकाधिकार मिला हुआ था, सरकार के पास रोतेकलपते गए कि देश के राष्ट्रवादी तो चीनी तिरंगा खरीद रहे हैं और उन के महंगे तिरंगों का स्टौक अनबिका पड़ा है.

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वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को यह ज्ञान देर से मिला और इस अक्तूबर में सरकार ने चीनी या कहीं और बने तिरंगे के आयात पर बैन लगा दिया है. अब आप को शुद्ध स्वदेशी हाथ से बुना और बना तिरंगा कई गुना दामों पर नया मिलेगा. अब स्कूलों में बच्चों के हाथों में तिरंगे दिखने बंद हो जाएं और यदाकदा चौराहों पर रैड लाइट के दौरान इन की बिक्री होते न दिखे, तो यह समझें कि राष्ट्रभक्ति का खुमार बढ़ती महंगाई के कारण उतर चुका है. खादी के तिरंगे इतने महंगे हैं कि वे आप को चौराहों पर नहीं मिलेंगे.

तिरंगों की साड़ी पर भी, बाई द वे, बैन है. इसलिए देशप्रेम दिखाने से पहले नैशनल फ्लैग कोड का खयाल रखें. तिरंगे के फट जाने पर उस का थैला नहीं बन सकता न उस के टुकड़े कर के फालतू के काम में लिया जा सकता, यह भी कोड में निर्धारित है.

जिस देश में किसी के देवीदेवताओं की मूर्तियों का निबटान करना वैसे ही मुश्किल है, एक तिरंगा उसी गिनती में और आ गया है. घर में तिरंगा फहराने से पहले 4 बार सोच लें कि राष्ट्र पाप तो नहीं हो जाने वाला आप के हाथों. हथकडि़यां न लगें, पर कट्टरपंथी थूथू कर ही सकते हैं. कोई सिरफिरा अदालत में छोटा सा आवेदन दे कर वर्षों परेशान कर सकता है. जय हिंदू धर्म, जय तिरंगा कहने से पहले सोच लें.

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नई दुल्हन के लिए परफेक्ट है ये फैशन टिप्स

हर दुल्हन अपनी शादी के दिन सिर से पैर तक खूबसूरत और आकर्षक दिखना चाहती  हैं .अगर आप शादी के दिन पहने जाने वाले फुटवियर को खरीद रही है तो फिर कुछ बातों का ध्यान रखें.

1. लहंगे की अतिरिक्त लंबाई के अनुसार हील की लंबाई होनी चाहिए. 2.स्टाइल के साथ सहजता का भी ध्यान रखें. इस बात का भी ध्यान रखें कि आपको सारे दिन खड़े रहना है तो वह आरामदायक भी होनी चाहिए.

2. जूती एक ही दुकान पर पसंद ना करें और भी दुकानों पर देखें और बजट के अनुसार खरीदें .

3. अपने फोटो वेयर को बार बार पहन कर जांच जरूर लें. जिससे शादी के दिन आपको किसी प्रकार की दिक्कत का सामना ना करना पड़े. फुटवेअर सहज ही हो.

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4. आधा दर्जन जूते, चप्पलें तो होने ही चाहिए. ताजा फैशन ट्रेंड की डिमांड है कि एक भारतीय दुल्हन के वार्डरोब में आधा दर्जन से अधिक शूज, सैंडिल्स और चप्पलें होनी चाहिए. अगर हाइट की दिक्कत है तो हील सैंडिल के साथ मिडिल हील को ट्राई करें.

5. प्लेटफौर्म को अवौइड करें. ये आउट आफ फैशन होते जा रहे हैं. रंगों के मामले में व्हाइट के साथ पिंक, औरेंज के साथ सौफ्ट व्हाइट, ब्लैक, क्रीम, ब्राउन, सिल्वर और गोल्डन से सजे फुटवियर ट्राई करें. सलवार सूट के साथ आप रोमन स्टाइल फुटवियर भी ट्राई करें.ये काफी ट्रेंडी और स्टाइलिश होते हैं.

पर्स और क्लच

वेडिंग शौपिंग का सबसे अहम हिस्सा ये भी है. इसलिए इसे सिरदर्द समझना नासमझी है. एक्सेसरीज में सबसे पहले पर्स का चुनाव कर लिया जाना बेहतर है.आजकल दुल्हनें एक से ज्यादा पर्स की शॉपिंग करती हैं, जो वेडिंग डे को छोड़कर अन्य समारोहों, पार्टीज और हनीमून आदि पर कैरी करने के काम आते हैं.

1. वैसे इन दिनों शोल्डर कैरी पर्स के अलावा क्लच कैरी करना ज्यादा आसान है, इसलिए क्लच को सबसे पहले ट्राई करें. क्लच में भी कई वैरायटीज हैं. इनमें लेदर क्लच के साथ-साथ पेंटेट लुक वाले शाइन करते क्लच शामिल हैं. ये आकार में छोटे, स्लीक और ट्रेंडी होते हैं. इन पर डिजाइन की गुंजाइश ज्यादा नहीं होती. इसलिए आपको बाजार में सिम्पल लुक वाले क्लच ज्यादा मिलेंगे, लेकिन कुछेक स्टोर्स ने हाल ही में थोड़ी बहुत डिजाइन वाले क्लच लान्च किए हैं .

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2. ध्यान रहे कि क्लच में ज्यादा सामान नहीं रखा जाता. इसलिए जरूरी है कि अगर आपको थोड़े ज्यादा स्पेस की जरूरत है तो फिर थोड़े चपटे और लंबे क्लच पर्स ही खरीदें.

3. इसके अलावा हैंडबैग्स में आजकल सौफ्ट एम्बेलिशमेंट, ज्वैल टोन्स, मल्टी पौकेट्स, डबल कैरी ऑप्शन, क्लासिप शेप्स का चलन देखा जा रहा है. 4.क्लासिप स्टील बैग्स को एक छोटी स्ट्रैप्स के साथ या डोरी के साथ कंधे के साथ और हाथ में लटका कर कैरी किया जाता है. हालांकि इसमें शोल्डर हैंग के औप्शन भी आते हैं, लेकिन उन्हें अपनी ड्रेस के अनुसार ही खरीदना चाहिए.

ऊनी कपड़ों को धोने के आसान टिप्स

सर्दियों के मौसम को अलविदा कहने का वक्त आखिरकार आ ही गया. अब चिपचिपाती गर्मी का सामना करने के लिए खुद को मानसिक तौर पर तैयार कर लें और अपने खूबसूरत, नर्म, मुलायम स्वेटरों को कुछ महीनों के लिए संभाल कर रखने का समय है. अब ऊनी और गर्म कपड़ों को अलमारी और ट्रंक में बंद करके रखना होगा.

ऊनी कपड़े पूरी सर्दी हमारी सुरक्षा करते हैं वहीं इनकी देखरेख करना एक मेहनत का काम है. ऊनी कपड़ों को संभालकर रखना, उनकी धुलाई, उन्हें सुखाना और फिर उन्हें सही तरीके से अलमारी में रखना एक लंबी प्रक्रिया है. पर ये टिप्स अपनाकर आप अपना काम आसान कर सकती हैं-

1. जिद्दी दाग हटाना

इसके लिए तो बेहतर यही होगा कि आप थोड़ा सावधान रहें. सावधान रहने के बावजूद अगर आप शॉल या स्वेटर पर इंक या चटनी आदी के दाग लग जाए तो उसे तुरंत पानी से धोएं. इसके बाद घर पर स्वेटर या शौल को ईजी और वेनिश में 1-2 घंटे के लिए भिगो दें. उसके बाद अच्छे से धो लें. दाग साफ हो जाएंगे.

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2. सौल्ट पेपर का करें इस्तेमाल

ऊनी कपड़ो पर धूल बहुत जल्दी बैठ जाती है. इसे साफ करने के लिए आप सॉल्ट पेपर का इस्तेमाल कर सकती हैं.

3. गर्म पानी में गलती से भी न डालें

ऊना कपड़ों को गलती से भी गर्म पानी में न डालें. इससे कपड़े खराब हो जाएंगे. ऊन सॉफ्ट होता है, इसलिए वुलन स्पेशल क्लिनर का ही इस्तेमाल करें.

4. ऊनी कपड़ों पर ब्रश न मारें

बहुत से लोगों की कपड़े धोने की आदत में ब्रश शुमार है. पर आप ब्रश का गलती से भी यूज न करें. इससे ऊनी कपड़े खराब हो जाते हैं.

5. हैंगर में ही सूखायें

ऊनी कपड़ों को हैंगर में सूखाना बेहतर उपाय है. आप ऊनी कपड़ों को हैंगर में ही सूखाएं, इससे कपड़ों पर सिलवटें नहीं पड़ेंगी.

6. पेपर बैग में ही रखें

ऊनी कपड़ों को पेपर बैग में ही रखें. नैपथलीन बौल डालना न भूलें.

7. कभी न करें ब्लीच

स्वेटर और ऊनी कपड़ों को कभी ब्लीच नहीं करना चाहिए. पर आप नमक के पानी का प्रयोग कर सकती हैं. नमक के पानी में स्वेटर को भिगो कर रखने से दाग निकल जाते हैं.

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8. पर्याप्त धूप है बहुत जरूरी

ऊनी कपड़ों को धूप दिखाना बहुत जरूरी होता है. अच्छे से धूप में सुखाकर ही कपड़ों को अलमारी या ट्रंक में स्टोर कर रखें.

हाउसफुल ‘कुमार’ और ‘शूटर दादी’ भूमि पेडनेकर बने पौपुलैरिटी में नम्बर-1

अपनी फिल्म ‘हाऊसफुल-4’ की वजह से बौलीवुड सुपरस्टार अक्षय कुमार स्कोर ट्रेंड्स इंडिया लोकप्रियता चार्ट में शीर्ष स्थान पर हैं. तो ‘सांड की आंख’ फिल्म की वजह से बहुमुखी प्रतिभा रहीं अभिनेत्री भूमि पेडनेकर भी अभिनेत्रीयों के चार्ट्स में टौप पोजिशन पर बनी हुई हैं. यह आंकड़े अमरिका की मीडिया टेक कंपनी स्कोर ट्रेंड्स इंडिया द्वारा प्रमाणित किए गयें हैं.

‘मिशन मंगल’ और ‘हाउसफुल-4’ की सफलता के बाद खिलाडी कुमार इस वक्त लोकप्रियता के शिखर पर हैं. 88 अंकों के साथ नंबर वन स्थान पर रहें अक्षय कुमार ने लोकप्रियता में किंग खान को पिछे छोड दिया हैं. 69 अंकों के साथ शाहरूख खान दूसरे स्थान पर है. शाहरुख का टेड टॉक शो और हाल ही में आए उनके जन्मदिन की वजह से उनकी डिजीटल, सोशल और प्रिंट पब्लिकेशन्स में काफी चर्चा हुई और इसी वजह लोकप्रियता में वह दुसरे स्थान पर पहुँचे.

फिल्म सांड की आंख की परफौर्मन्स की वजह से भूमि पेडनेकर बॉलीवूड अभिनेत्रीयों की लोकप्रियता में शीर्ष स्थान पर हैं. 53 अंकों के इस नंबर वन स्थान पर रहीं भूमी की को-स्टार और दूसरी शूटर दादी यानी की अभिनेत्री तापसी पन्नू 47 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर हैं.

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बौलीवुड के बादशाह अमिताभ बच्चन अपने लोकप्रिय गेम शो ‘कौन बनेगा करोडपती’ (KBC) के साथ तीसरे स्थान पर हैं. वहीं आश्चर्यजनक रूप से सुपरस्टार सलमान खान चौथे स्थान पर पहुंच गयें हैं. अपनी अगली रिलीज़ दबंग 3 और राधे की घोषणा के बाद वह चौथे स्थान पर पहुंच गयें है.

लोकप्रिय अदाकाराओं की फेहरिस्त में तिसरे स्थान पर अनुष्का शर्मा पहुँच गयीं हैं. उनके पति क्रिकेटर विराट कोहली के साथ की उनकी तस्वीरें विभिन्न सोशल प्लेटफार्मों और वायरल समाचार में काफी ट्रेंडिंग में बनी हुई हैं. इसीलिए तो वह 41 अंकों के साथ लोकप्रियता में छायी हुई हैं. अंतर्राष्ट्रीय आइकन प्रियंका चोपड़ा जोनास अपनी बॉलीवूड प्रोजेक्ट्स के साथ ही सोशल मीडिया पर अपनी रोज आती तस्वीरों की वजह से भी चौथे स्थान पर बनी हुई हैं.

स्कोर ट्रेंड्स इंडिया के सह संस्थापक अश्वनी कौल बतातें हैं, “हाऊसफुल-4 का लुक, उसका बाला गाना और इस फिल्म की पॉप्युलैरिटी इस सबकी वजह से सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म और वायरल पब्लिकेशन्स में अक्षय कुमार की काफी लोकप्रियता बढी. वहीं, भूमी पेडनेकर और तापसी पन्नू की फिल्म ‘सांड की आंखं’ में उनके परफॉर्मन्स को काफी सराहा गया. और इस वजह से इन दोनों प्रतिभाशाली अभिनेत्रीयों की लोकप्रियता बढी.“

अश्वनी कौल आगे बताते हैं, “ 14 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध 600 से अधिक समाचार स्रोतों से यह रैंकिंग उपलब्ध होती हैं. यह नंबर फेसबुकट्विटरप्रिंट प्रकाशनवायरल न्यूजब्रॉडकास्ट और डिजिटल प्लेटफौर्म जैसे सैकड़ों स्रोतों से उठाए गए हैं और फिर कई अत्याधुनिक एल्गोरिदम इस विशाल डेटा की प्रक्रिया में सहायता करते हैं. जिससे बौलीवुड सितारों के स्कोर और रैंकिंग तक हम पहुंच पाते हैं

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