TV की ‘गुड्डन’ के ये 4 ट्रेडिशनल ड्रेस आपको देगें परफेक्ट देसी लुक

सीरियल ‘गुड्डन तुमसे न हो पाएगा’ इन दिनों फैंस को एंटरटेन कर रहा है. शो में लीड रोल में नजर आने वाली एक्ट्रेस कनिका मान की फैंन फौलोइंग काफी बढ़ रही है. लेकिन इन दिनों ये शो काफी सुर्खियों में दरअसल सीरियल के लीड एक्टर निशिकांत ने शो को अलविदा कहने का फैसला कर लिया है. पर आज हम उनके शो की कौंट्रवर्सी या खबरों की नहीं बल्कि एक्ट्रेस कनिका मान के फैशन की करेंगे. लोग उन्हें और उनके लुक को काफी फौलो कर रहे हैं. आज हम आपको ‘गुड्डन’ यानी कनिका मान का इंडियन आउटफिट क्लेक्शन के कुछ टिप्स आपको बताएंगे, जिसे आप आसानी से किसी पार्टी वेकेशन या कहीं भी ट्राय कर सकती हैं.

1. बनारसी साड़ी है परफेक्ट

अगर आप कुछ नया ट्राय करना चाहती हैं तो फेस्टिवल या वेडिंग में बनारसी साड़ी आपके लिए परफेक्ट औप्शन रहेगा. औफ स्लीव ब्लाउज के साथ रेड कलर की बनारसी साड़ी आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. इस कौम्बिनेशन के साथ आप गोल्डन पैटर्न के इयरिंग्स मैच करके आप अपने लुक को रौयल लुक दे सकती हैं इससे आप खूबसूरत के साथ-साथ एलीगेंट लगेगा.

 

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“Jab kisi aur ki barbadi apni jeet jaisi lage, to hamse zada barbad aur koi nahi is duniya mein.”

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2. चिकन कुर्ते का कौम्बिनेशन है बेस्ट

चिकन कढ़ाई वाले कुर्ते मार्केट में काफी पौपुलर है अगर आप भी कुछ नया ट्राय करना चाहते हैं तो पीला कलर के चिकन के संग वाइट पैंट का कौम्बिनेशन परफेक्ट रहेगा. आप इसके साथ सिंपल इयरिंग्स के संग बेली शूज भी ट्राय कर सकते हैं. ये लुक सिंपल के साथ साथ आपको ब्यूटीफुल लुक देगा.

 

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Jutti kasoori , paeri na poori ??‍♀️ Juttis by – @notjustthreads

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3. वाइट कलर है परफेक्ट

 

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Meri taqdeer ko ishq Pasnd ni Ae shaqs Muje itna acha na lag …. Wearing – @ambraee_ Jutti – @notjustthreads

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अगर आप कुछ लाइट कलर ट्राय करने का सोच रहे हैं तो कनिका का ये वाइट क्रौप टौप विद लौंग स्कर्ट आपके लिए परफेक्ट औप्शन रहेगा. सिंपल क्रौप टौप के साथ लाइट प्रिंटेड वाइट लौंग स्कर्ट के साथ लहंगा आपके लुक के लिए परफेक्ट रहेगा. इसके साथ ज्वैलरी की बात करें तो आप सिंपल जंक ज्वैलरी भी ट्राय कर सकते हैं. ये गरबा फेस्टिवल के लिए अच्छा लुक रहेगा.

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4. रफ्फल लुक करें ट्राय

 

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The belly rules the mind ?

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सिंपल प्लेन यैलो कलर की साड़ी के साथ ब्लैक एंड गोल्डन कलर के कौम्बिनेशन वाला औफ शोल्डर ब्लाउज आपके लिए परफेक्ट रहेगा. इसके साथ गोल्डन झुमके आपके लुक को और भी ब्यूटीफुल बनाने में मदद करेंगे.

घर पर बनाएं टेस्टी और हेल्दी ताजा पनीर

ये तो हम सभी जानते है की दूध में बहुत सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो हर व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए जरूरी होते है. लेकिन ये जरूरी नहीं की दूध सभी को पसंद हो. इसलिए अगर आपको दूध नापसंद है तो पनीर से बेहतर आपके लिए और कुछ नहीं हो सकता.पनीर सिर्फ स्वाद ही नहीं बल्कि सेहत का भी पर्याय बना हुआ है. यह प्रोटीन का पावरहाउस और कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत है जो दांतों और हड्डियों को मजबूत बनाता है. पनीर पाचन के लिए भी अच्छा होता है, इसमें बहुत अच्छी मात्रा में फास्फोरस तत्व होते है जो हमारे पेट के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते है.

कुल मिलाकर पनीर के अविश्वसनीय स्वास्थ्य लाभ हैं जो आप घर के बने पनीर से प्राप्त कर सकते हैं. अगर आप अक्सर मार्केट का बना हुआ पनीर खाते है तो आपको सावधान होने की जरूरत है. क्योंकि बाजार में मिलने वाले पनीर में बहुत मिलावट होती है. जिससे वह हमारे शरीर को फायदे की जगह नुकसान पहुंचाती है.
यह पनीर अधिकांशत: फुल क्रीम दूध ने नहीं बनाया जाता और इसकी सैल्फ लाइफ बढ़ाने के लिये इसमें अरारोट भी मिला दिया जाता है.
तो क्यों न हम रेडीमेड पनीर का use न करके खुद ही घर पर पनीर बनाये. घर में बना पनीर बाजार के पनीर की अपेक्षा मुलायम और अधिक स्वादिष्ट होता है और इसे बनाना बहुत ही आसान है. तो चलिए जानते है की घर पर पनीर कैसे बनाये.

कितना पनीर बनेगा-500 ग्राम
समय-15 से 20 मिनट
मील टाइप-veg

हमें चाहिए-

दूध (Full Cream Milk)- 2 लीटर
नीबू -2 मध्यम आकार के

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बनाने का तरीका

1- सबसे पहले दोनों नीम्बू का रस एक कटोरी में निकाल कर रख लीजिये और नीम्बू के बीजों को अलग कर दीजिये.
2- अब दूसरी तरफ गैस पर दूध को किसी बर्तन में निकाल कर गरम कर लीजिये. जब दूध में उबाल आ जाय तो गैस को धीमा कर दीजिये.
3- अब नीम्बू के रस को चम्मच से धीरे धीरे करके दूध में डालते जाएँ और चमचे से चलाते जाएँ .4 से 5 मिनट बाद आप देखेंगे की दूध में पानी अलग हो गया है.
4- अब गैस को बंद कर दे. अब इसे सूती कपड़े में छानिये और इसमें थोड़ा ठंडा पानी मिला दीजिये ताकि पनीर एकदम मुलायम बने और नीबू का टेस्ट भी पनीर में न रहे.
5- यदि आप इस पनीर का प्रयोग मिठाई के बजाय सब्जियां बनाने के लिये करना चाहें तो पनीर को कपड़े से निकालने के बजाय कपड़े सहित किसी भारी वजनदार चीज से दबा कर 1 घंटे के लिए रख दीजिये, पनीर सख्त हो जायेगा.अगर आप चाहे तो 1 घंटे बाद पनीर को कपडे से निकाल कर किसी बर्तन में रखकर फ्रिज में सेट होने के लिए रख दीजिये. पनीर तैयार है.

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हुंडई की इस गाड़ी का इंजन है बेहद खास

किसी भी कार की सबसे बड़ी खासियत का पता उसके इंजन से चलता है. तो अगर आप एक बढ़िया कार की तलाश में हैं तो नई हुंडई वरना में हुड BS6-compliant इंजन के तीन ऑप्शन हैं जो कार ग्राहकों इंप्रेस करने के लिए काफी हैं.

पहला 1.5-लीटर 113-bhp पेट्रोल इंजन है. स्टार्टर बटन से यह तुरंत ही स्टार्ट हो जाता है जिससे वरना कार को आसानी से ड्राइव किया जा सकता है. साथ ही इसमें मैनुअल और ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन भी होता है.

तो आपको अब समझ आ गया होगा कि क्यों वरना #BetterThanTheRest है.

‘‘खाली पीली’’ Teaser: ईशान और अनन्या की पागलपन वाली सवारी

काफी लंबे समय से बौलीवुड में चर्चाएं रही हैं कि मकबूल खान निर्देशित और ईशान खट्टर व अनन्या पांडे के अभिनय से सजी फिल्म कब प्रदर्शित होगी?वास्तव में यह फिल्म अप्रैल माह में प्रदर्शित होनी थी.मगर कोरोना व लाॅक डाउन के चलते ऐसा संभव नही हो पाया.दूसरी फिल्मों की ही तरह इस फिल्म के ‘ओटीटी’प्लेटफार्म पर आने की भी कोई सुगबुगाहट नही थी.इसलिए अफवाहों का बाजार गर्म था.मगर चूहे बिल्ली की लुका छिपी के बाद अब सोमवार फिल्म ‘‘खाली पीली’’ का टीजर आ ही गया और आते ही इसने सोशल मीडिया पर धमाल मचा दिया.

एक मिनट के लंबे टीजर से समझ में आता है कि हत्या के आरोपी ईशान खट्टर और एक नर्तकी अनन्या मुंबई की काली पीली टैक्सी में कुछ नकदी और गहने लेकर भाग रहे हैं. पर इस टैक्सी की नंबर प्लेट अजीब है. इसकी नंबर प्लेट है- 6969.

‘‘पताललोक’’जैसी सर्वाधिक चर्चित वेबसीरीज से स्टार बन चुके अभिनेता जयदीप अहलावत भी इस फिल्म का हिस्सा हैं.वह मकबूल खान निर्देशित इस फिल्म को लेकर कहते हैं-‘‘युवा, आकर्षक, पागल रोलर- कोस्टर की सवारी.‘‘

जबकि स्वयं निर्देशक मकबूल खान ने एक बयान में कहा, “ईशान खट्टर और अनन्या पांडे के साथ काम करना खुशी की बात है.यह दो पॉवरहाउस हैं,जिन्होंने शानदार अभिनय का प्रदर्शन किया है!‘खाली पीली’ एक युवा, नुकीला, पागल रोलर- कोस्टर की सवारी है,मुझे उम्मीद है कि दर्शकों को यह फिल्म अच्छी तरह से मजा देगी.’’

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‘‘मेरे ब्रदर की दुल्हन’’,‘गुंडे’, ‘सुल्तन’’,‘टाइगर जिंदा है’और‘भारत’जैसी  सफल फिल्मों के निर्देशक अली अब्बास जफर इस फिल्म के निर्माता हैं,जो पहली बार ‘जी स्टूडियो’के साथ इस फिल्म के निर्माता बने हैं.वह कहते हैं-‘‘फिल्म ‘खाली पीली’ एक पूर्ण देसी मनोरंजन है.ईशान व अनन्या की ऊर्जावान केमिस्ट्री और जयदीप की विश्वसनीयता इस राइड को और बेहतर बनाती है.‘‘

फिल्म के दूसरे निर्माता हिमांशु किशन मेहरा कहते हैं- “हमने इस फिल्म को बहुत दिल और मेहनत के साथ बनाया है और मैं सुपर उत्साहित हूं कि दर्शकों को जल्द ही हमारी फिल्म का अनुभव मिलेगा. मुझे उम्मीद है कि ‘खाली पीली’ ऐसे अभूतपूर्व समय में दर्शकों का मनोरंजन करेगी.’’ जबकि ‘‘जी स्टूडियो’’के सीईओ शारिक पटेल ने कहा, ‘‘खाली पीली उच्च-ऑक्टेन एक्शन, गीत और नृत्य और भावनाओं पर उच्च का एक पूरा पैकेज है.यह फिल्म लंबे समय के बाद फिल्म में प्रयुक्त बंबइया भाषा की सर्वोत्कृष्ट भावना को वापस लाने वाली है.ऐसे समय में जब दर्शक  नई सामग्री के भूखे होते हैं, हम इस फिल्म को लाने की प्रतीक्षा नहीं कर सकते हैं! ”

ईशान खट्टर ने इस फिल्म में कुछ दिलचस्प एक्शन दृश्यों में भी नजर आने वाले हैं,उन्होने इसके टीजर को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर साझा करते हुए लिखा-‘‘शानो की बस्ती में आ रेला है डे डेढ़ शना से चल अब्बी बत्ती बुझा, और देख  खाली पीली का टीजर …जल्द ही आ रहा है..’’

यश केसवानी और सीमा अग्रवाल लिखित फिल्म ‘‘खाली पीली’’का टीजर जरुर आ गया है,मगर इसके रिलीज की तारीख  को लेकर अभी भी रहस्य बना हुआ है.

हिमांशु किशन मेहरा, अली अब्बास जफर और जी स्टूडियो द्वारा निर्मित, मकबूल खान द्वारा निर्देशित फिल्म‘‘ खाली पीली’’को अभिनय से संवारने वाले कलाकार हैं-ईशान खट्टर, अनन्या पांडे,जयदीप अहलावत व अन्य.

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‘Ye rishta’ पर कोरोना का कहर, मनीष और दादी समेत 7 लोग हुए कोरोना पॉजिटिव

कोरोनावायरस के बढ़ते खतरों के बीच सीरियल्स की शूटिंग शुरू हो  गई है. बीते  दिनों सीरियल कसौटी जिंदगी के सीजन 2 पर  पार्थ समथान कोरोना पौजिटिव पाए गए थे, जिसके  बाद सीरियल की शूटिंग रोक दी गई गई थी. हालांकि वह अब बिल्कुल ठीक हो गए हैं. लेकिन अब खबर है कि सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है के सेट पर भी कुल 7 लोग कोरोना पौजिटिव पाए गए हैं, जिनमें सीरियल की मेन कास्ट भी शामिल हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

कार्तिक के पिता भी हुए कोरोना पीड़ित

सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ के सेट पर कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी है. इस वायरस ने सबसे पहले मनीष गोयनका का किरदार निभाने वाले एक्टर सचिन त्यागी को अपनी चपेट में लिया. वहीं बीती शाम ही प्रोडक्शन हाउस से जुड़े लोगों ने ये बात साफ की थी कि सचिन त्यागी के साथ-साथ कुछ क्रू मेंबर्स की कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव ही आई है और बाकी कलाकार अपनी कोरोना रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं.

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ये कलाकार भी हुए कोरोना पौजिटिव

 

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تم تأكيد اصابه الممثلين الاتيين بڤيروس “كورونا” ساشين تياچي المؤدي دور ( مانيش غوينغا ) سمير اونكار المؤدي دور ( سامر غوينغا ) سواتي ستينش المؤديه دور ( سوهاسني غوينغا ) وتم عزلهم و توقف التصوير لحين يتم التعقيم مجددا نتمني لهم الشفاء العاجل 🙏 #yrkkh #kaira #kartik #kairav #shivangijoshi #shivin #naira #mohsinkhan #ماذا_اسمي_هذه_العلاقة #محسن_خان #شيفين #شيفانجي_جوشي #كارتيك #كايرا #نايرا @swatichitnisofficial @samir_onkar @sachintyagiofficial

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खबरों की मानें तो सचिन त्यागी के बाद कार्तिक की दादी उर्फ एक्ट्रेस स्वाति चिटनिस और समीर ओंकार भी कोरोना वायरस की चपेट में आ गए हैं. स्वाति चिटनिस और समीर ओंकार सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में दादी और समर्थ का किरदार अदा करते है. वहीं स्वाति और समीर के साथ-साथ कुछ और क्रू मेंबर्स की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.

बता दें, ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ की कहानी इन दिनों कार्तिक के पिता सचिन त्यागी के इर्द गिर्द ही घूम रही है, लेकिन सचिन के कोरोनावायरस के शिकार होने के बाद से अब मेकर्स को जल्द ही अपने ट्रैक में बदलाव लाना होगा. वहीं खबरें हैं कि जल्द ही शो की कहानी कीर्ति और उसके एक्स हस्बैंड पर चेंज हो जाएगी.

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Serial Story: खुद की तलाश (भाग-3)

लेखिका- नमिता दुबे

भले ही मानसी की अपनी पहचान थी, लेकिन शहर के सोशल सर्किल में मांपापा विभा के अभिभावक के रूप में मशहूर थे.

‘‘जानती हो विभा, जब मैं अकेले बैंगलुरु में रहती थी तब मु झे तुम से काफी ईर्ष्या होती थी. मैं तुम्हें देखदेख के कुंठित हो उठती थी.’’

‘‘क्या? मु झ से ईर्ष्या? मैं ने ऐसा क्या किया है दीदी जीवन में?’’ विभा ने हैरान हो कर पूछा.

‘‘तुम ने जिंदगी में रिश्ते बनाए हैं विभा… यह हर किसी के बस की बात नहीं होती है. तुम में साहस है कि तुम अपनी परवाह किए बिना अपनेआप को पूर्णत: समर्पित कर दो. हां, मेरी आज अपनी एक पहचान है विभा, मैं ने यही पहचान सर्वथा चाही थी. तुम स्वयं से पूछो, क्या तुम्हें जीवन से वही चाहिए जो मु झे?’’

काफी देर शांत रहने के बाद विभा ने सिर ‘न’ में हिलाया, ‘‘फिर तुम मु झ से क्यों जलती थीं दीदी?’’ उस ने कुतुहल से पूछा.

‘‘बस तुम्हारी बातें सुनसुन कर… नित घूमनाफिरना, मिलनाजुलना. हालांकि ये सब सम झ में ज्यादा नहीं आता पर फिर भी तुम्हें देख ईर्ष्या होती थी.’’

‘‘मैं तो बिलकुल बच्ची थी, दीदी,’’ विभा ने एक दुखी मुसकान के साथ कहा.

‘‘मैं बहुत बाद में सम झी विभा,’’ मानसी ने विभा का हाथ पकड़ते हुए कहा, ‘‘मु झे ईर्ष्या तुम से नहीं थी. मु झे ईर्ष्या तुम्हारे जीवन से थी , इस बात से थी कि तुम ने जो जीवन से चाहा वह तुम्हें मिल गया पर जो मैं चाहती थी वह मु झ से काफी दूर था. इसलिए मैं ने मन कड़ा कर अपना सबकुछ अपने कैरियर को बनाने में दे दिया.’’

दोनों कुछ देर शांत रहीं. चांद आसमान में काफी ऊपर तक चढ़ गया था.

‘‘पर मु झे कहां कुछ मिला दीदी?’’ विभा ने थके स्वर में बोला.

‘‘हुआ क्या है विभा? किस बात ने इतना दुखी कर दिया है तुम्हें?’’ यह कह मानसी ने उसे गले लगा लिया.

बस इतने भर से उस के मन का बांध फूट पड़ा और वह 1-1 कर सब बताती चली गई…

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कैसे अभय के होने के कुछ वक्त बाद उस के ससुर, अशोकजी की तबीयत खराब होने लग गई. विभोर का ट्रांसफर दूसरे शहर में हो गया. छोटे बच्चे और पिता की बिगड़ती हालत के कारण उस ने अकेले ही वहां रहना उचित सम झा. विभा और उस की ननद शीला ने खूब सेवा की पर उन्हें बचाया नहीं जा सका.

इस दौरान काफी जोरआजमाइश के बाद विभोर का स्थानांतरण वापस पटना हुआ पर आर्थिक स्थिति बिगड़ गई. जब विभा प्रैगनैंट हुई तो विभोर ने अबौर्शन की सलाह दी. तब शीला ने सम झाबु झा कर विभोर को मनाया था. कुछ वक्त सब ठीक रहा, लेकिन जब शीला ने ससुराल से ज्यादा मायके रहना शुरू कर दिया तो सभी को आश्चर्य हुआ. विभा को ज्ञात था कि शीला जीजी और जीजाजी के संबंध बहुत मधुर नहीं हैं. उसे डर लगा कि मायके में ज्यादा समय देने के कारण कहीं वह जीजी से रुष्ट न हो जाएं. फिर आखिरकार एक दिन टूट कर शीला ने बता ही दिया कि वह वापस नहीं जाएगी. कोर्टकचहरी में पैसा बहा सो अलग. मां की तबीयत फिर खराब होने लगी. रोजरोज के तनाव, पैसों को ले कर  झगड़े से तंग आ कर आखिर विभा बच्चों को ले कर घर आ गई.

एक लंबे वक्त तक दोनों बहनें एकदूसरे से लिपटी रहीं, ‘‘तुम ने पहले कुछ क्यों

नहीं बताया विभा?’’

‘‘परिस्थिति ही कुछ ऐसी थी,’’ उस ने एक ठंडी सांस छोड़ते हुए कहा, ‘‘और क्या बताती दीदी?’’ एक रूखी हंसी हंसते हुए उस ने कहना जारी रखा, ‘‘तुम कह रही थीं कि मैं रिश्ते निभाती हूं. अब देखो न दीदी आज जब मेरे परिवार को मेरी सब से ज्यादा जरूरत थी, मैं परिस्थितियों से घबरा कर भाग आई.’’

‘‘विभा, विषम परिस्थितियों से जू झते हुए हर किसी के लिए आवश्यक हो जाता है कि कभीकभी थोड़ी दूरी बना ली जाए. तुम वहां रहती तो बच्चों पर भी गलत प्रभाव पड़ता.’’

‘‘हमारी कई दिन से बात नहीं हुई है दीदी.’’ उस ने घबराई हुई आवाज में कहा, ‘‘अगर मेरे साथ भी शीला जीजी जैसा हुआ तो…’’

‘‘बेकार की बातें मत सोचो विभा. वह तुम्हें याद कर रहा होगा पर नहीं चाहता कि तुम कोई दबाव महसूस करो. तुम ने उसे बताया कि वापस कब जा रही हो?’’ तभी अचानक कुछ सोचते हुए उस ने पूछा, ‘‘तुम वापस तो जा रही हो न?’’

‘‘हां, दीदी,’’ उस ने दृढ़तापूर्वक जवाब दिया. ‘‘वह मेरा घर है.’’

कुछ दिन बाद जब विभा वापस अपने घर लौटी तब मानसी भी उस के साथ गई.

‘‘भाभी,बड़ी देर लगा दी. अब संभालो अपनी गृहस्थी. एक चीज नहीं मिलती थी मु झे, विभोर ने पागल कर दिया,’’ शीला रोते हुए विभा के गले लग गई थी.

काफी देर तक ननदभाभी ऐसे ही खड़ी रहीं. विभोर गाड़ी से सामान निकालने में व्यस्त था और बच्चे दादी के कमरे की ओर दौड़ गए थे. मानसी भी उन के पीछे हो ली. उस ने वह मौन संवाद देखा था, जब विभोर उन्हें घर से लेने आया था. बिन कुछ कहे ही विभाविभोर ने एकदूसरे से माफी मांग ली थी. बच्चे पापा क गले लग गए थे. थोड़ेबहुत शिष्टाचार के बाद वे लोग निकल पड़े थे.

मानसी यों तो विभा को संबल देने आई थी पर उस के आने का एक कारण और था. उसे बस सही मौके की तलाश थी. शाम को खाना शीला ने ही बनाया था, ‘‘तुम थक गई होंगी, भाभी’’ कह कर उस ने विभा को कुछ नहीं करने दिया.

उन सब के आपसी प्रेम को देख कर मानसी को बड़ी खुशी हुई. रात को जब सब सोने चले गए, मानसी बगीचे में टहलने निकल गई. अब उस के पास कुछ ही दिन थे, फिर उसे वापस जाना होगा. वह विचारों में मग्न थी कि तभी किसी के वहां होने का एहसास हुआ. उस ने पलट कर देखा तो शीला खड़ी थी. दोनों में शुरू में इधरउधर की बातें होती रहीं…

‘‘जब पापा…’’ कहतेकहते रुक गई थी शीला, ‘‘तब उन के पास विभा ही थी.’’

मानसी ने उस की आंखों में वेदना को देखा.

‘‘फिर विभोर का इतना दूर होना, वापस आने पर…’’ उस ने बात अधूरी छोड़ दी.

मगर मानसी सम झ गई कि वह क्या कहना चाहती है.

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‘‘अच्छा हुआ जो आप आ गईं. लंबे अरसे बाद मैं ने विभा का यह रूप देखा है.’’

शीला के इस कथन पर मानसी के अधरों पर स्वत: ही मुसकान खेल गई.

उसी रात मानसी और शीला ने निकट भविष्य के लिए कुछ महत्त्वपूर्ण निर्णय

ले लिए.

1 वर्ष बाद मानसी, मम्मीपापा के पास जा रही है. इस बार उस की यात्रा एकांत में नहीं है. कुछ माह में ही शीला ने देश की सर्वोच्च साहित्यिक संस्थान में अपनी जगह बना ली. अब वह देशभर में लिटरेरी इवेंट्स करवाती है. संभवत: शीघ्र ही वह इंटरनैशनल कम्युनिटी में भी इवेंट्स और्गेनाइज करे. गत वर्ष की घटनाएं मानसी के मन में उभरने लगी.

उस ने कितना सही फैसला लिया था शीला को और्गेनाइजर बनाने का. उस निर्णय का इतना प्रभावपूर्ण परिणाम निकलेगा इस की कल्पना तो उस ने भी नहीं की थी. जब विभा ने उसे सबकुछ बताया था तभी उस ने सोच लिया था कि वह शीला की जितनह बन पड़ेगी उतनी मदद करेगी. उस रात जब शीला उस से बात करने आई, उसे ऐसी अनुभूति हुई मानो यदि स्वयं मानसी ने कभी दबाव में आ कर आननफानन में विवाह कर लिया होता तो वह भी यों ही बिखर गई होती. तभी उस ने निश्चय कर लिया था कि वह शीला की हरसंभव सहायता करेगी. इसी उद्देश्य से वह उसे अपने साथ दिल्ली ले आई.

विभा और विभोर की गृहस्थी वापस पटरी पर आ गई. शीला को काम संभाले कुछ ही सप्ताह हुए थे कि अशोकजी ने जग को अलविदा बोल दिया. जाने से पहले उन्होंने बड़ी सहृदयता से मानसी का धन्यवाद किया था. उन को प्रसन्न करने में मानसी का भी योगदान था, इतना भर उस के लिए बहुत था.

आज जब वह पटना जा रहे हैं, इस के पीछे सिर्फ परिवार से मिलना ही इकलौता

उद्देश्य नहीं है. एक तो उन की एक गोष्ठी है, जिसे शीला संभाल रही है और जिस में मानसी अपनी रचना पढ़ने वाली है. दूसरी और अधिक महत्त्वपूर्ण बात यह है कि इस गोष्ठी से एकत्रित राशि एक संस्था जिस से कि हाल ही में विभा जुड़ी है, उस के द्वारा एक सेहतगाह को जाएगी. इस सैनेटोरियम में उन बुजुर्गों की देखभाल होती है, जिन का कोई नहीं है या जिन की देखभाल का जिम्मा उन का परिवार उठा नहीं सकता या उठाना नहीं चाहता.

‘यदि हमें पता हो कि जिंदगी में क्या चाहिए तो उसे पा लेने की यात्रा तनिक सरल हो जाती है,’ मानसी के मन में खयाल आया. वह ट्रेन के बाहर फैली सुंदर धूप को निहार रही थी. ‘यदि नहीं भी पता हो, तो कदाचित यात्रा आरंभ होने पर उस का एहसास हो जाता है. यह यात्रा होती तो सब की एकांत में ही है पर कभीकभी 2 लोग ऐसे मिल जाते हैं, जो अपना एकांत आपस में बांट सकते हैं. वह रिश्ता सिर्फ एक ही हो ऐसा तो आवश्यक नहीं. कभी हमें जीवन में सहारा एक दोस्त से मिलता है, कभी परिवार से, कभी किसी अजनबी से भी. हरकोई अपना जीवन सिर्फ किसी एक रिश्ते के पीछे भागने में लगा दें, यह तो बुद्धिमत्ता नहीं होगी.’

मानसी को पता है बहुत से लोग आज भी अपने जीवन का आधार किसी अन्य को बनाना ही जीवन का महत्त्व सम झते हैं. हो सकता है ऐसा करना आसान होता हो या हो सकता यह दुष्कर हो, परंतु जीवन में सभी का एक ही मार्ग हो, यह तो संभव नहीं. उसे उम्मीद है कि लोग यह धीरेधीरे सम झने लगेंगे और फिर शीलाओं को यों टूट, बिखर कर पुन: खुद को तलाशने की जरूरत नहीं होगी.

‘‘एक अच्छी शिक्षिका होने के नाते उस की

ख्याति दिनबदिन बढ़ती जा रही थी. विद्यार्थी ही नहीं

शिक्षक भी उस की बुद्धि का लोहा मानते थे….’’

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कोरोना महामारी में शादी की उलझनों से मैं परेशान हो गई हूं?

सवाल

मैं 24 वर्षीय युवती हूं. हाल ही में मेरी शादी होने वाली है. अभी चूंकि कोरोना महामारी का प्रकोप है इसलिए शादी सादे समारोह और 10-20 लोगों के बीच ही होगी. मगर समस्या सुहागरात को ले कर है. सुना है, इस समय सैक्स संबंध बनाना भी खतरे से खाली नहीं है. कृपया उचित सलाह दें?

जवाब

यह अच्छा है कि शादी समारोह में सावधानी बरतने को    ले कर आप व आप का परिवार सजग है. इस समय अधिक भीड़ न जुटाई जाए, यह दोनों पक्षों के लिए अच्छा है.

रही बात शादी के बाद सैक्स संबंध को ले कर, तो कोरोना काल में सुहागरात के दिन सैक्स संबंध को ले कर मन में किसी तरह का भय नहीं रखें.

अगर आप व आप का पार्टनर ऐहतियात बरत रहे हैं और भीड़भाड़ वाले इलाके में नहीं गए हैं तो डर की कोई बात नहीं है.

जब तक व्यक्ति में कोरोना का कोई लक्षण न दिखे, उसे बुखार, सर्दीजुकाम, नाक बहना, भूख न लगना व स्वादहीन होने को अनुभव न हो वह पूरी तरह सुरक्षित है और दैनिक कार्यों की तरह ही शारीरिक संबंध भी बना सकता है.

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अपनी शादी की बात सुन कर दिव्या फट पड़ी. कहने लगी, ‘‘क्या एक बार मेरी जिंदगी बरबाद कर के आप सब को तसल्ली नहीं हुई जो फिर से… अरे छोड़ दो न मुझे मेरे हाल पर. जाओ, निकलो मेरे कमरे से,’’ कह कर उस ने अपने पास पड़े कुशन को दीवार पर दे मारा. नूतन आंखों में आंसू लिए कुछ न बोल कर कमरे से बाहर आ गई.

आखिर उस की इस हालत की जिम्मेदार भी तो वे ही थे. बिना जांचतड़ताल किए सिर्फ लड़के वालों की हैसियत देख कर उन्होंने अपनी इकलौती बेटी को उस हैवान के संग बांध दिया. यह भी न सोचा कि आखिर क्यों इतने पैसे वाले लोग एक साधारण परिवार की लड़की से अपने बेटे की शादी करना चाहते हैं? जरा सोचते कि कहीं दिव्या के दिल में कोई और तो नहीं बसा है… वैसे दबे मुंह ही, पर कितनी बार दिव्या ने बताना चाहा कि वह अक्षत से प्यार करती है, लेकिन शायद उस के मातापिता यह बात जानना ही नहीं चाहते थे. अक्षत और दिव्या एक ही कालेज में पढ़ते थे. दोनों अंतिम वर्ष के छात्र थे. जब कभी अक्षत दिव्या के संग दिख जाता, नूतन उसे ऐसे घूर कर देखती कि बेचारा सहम उठता. कभी उस की हिम्मत ही नहीं हुई यह बताने की कि वह दिव्या से प्यार करता है पर मन ही मन दिव्या की ही माला जपता रहता था और दिव्या भी उसी के सपने देखती रहती थी.

‘‘नीलेश अच्छा लड़का तो है ही, उस की हैसियत भी हम से ऊपर है. अरे, तुम्हें तो खुश होना चाहिए जो उन्होंने अपने बेटे के लिए तुम्हारा हाथ मांगा, वरना क्या उन के बेटे के लिए लड़कियों की कमी है इस दुनिया में?’’ दिव्या के पिता मनोहर ने उसे समझाते हुए कहा था, पर एक बार भी यह जानने की कोशिश नहीं की कि दिव्या मन से इस शादी के लिए तैयार है भी या नहीं.

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घर पर बनाएं वेजिटेबल मंचूरियन

अगर आप फैमिली के लिए घर पर कुछ टेस्टी और हेल्दी डिश ट्राय करना चाहती हैं तो वेजिटेबल मंचूरियन आपके लिए परफेक्ट डिश है. ये आप आसानी से और हेल्दी तरीके से बनाकर अपनी फैमिली को खिला सकती हैं.

सामग्री:

– बंद गोभी (1 कप कटी हुई)

– अदरक (बारीक कटा 2 इंच)

– हरी मिर्च (2 बारीक कटी)

– कौर्न फ्लोर (50 ग्राम)

– नमक (2 टेबलस्पून)

– टोमेटो कैचअप (2 चम्मच)

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– पानी (1 कप)

– गाजर (कटी और कद्दूकस की हुई)

– लहसुन की कलियां (बारीक कटी हुई)

– स्प्रिंग अनियन (बारीक कटा हुआ 1/2 गुच्छा)

– मैदा (2 टेबलस्पून)

– काली मिर्च पाउडर (1 चम्मच)

– सोया सास (2 चम्मच)

– रिफाइंड तेल (1 कप)

गार्निशिंग के लिए

बारीक कटी हुई स्प्रिंग अनियन की पत्तियां 1 डंठल

बनाने की वि​धि

– बंदगोभी और गाजर से एक्सट्रा पानी निकाल दें.

– इसमें कौर्नफ्लोर, काली मिर्च पाउ़र, नमक, अदरक, लहसुन, कटा स्प्रिंग अनियन और मैदा डालकर मिलाएं.

– अगर इसकी बौल्स बनाने में दिक्कत आ रही हो तो इसमें और कौर्न फ्लोर डाल सकती हैं.

– बौल्स को आधे घंटे के लिए फ्रिज में रख दें.

– इन्हें तेल में डीप फ्राई कर लें, ब्राउन होने तक इन्हें तलें.

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– ग्रेवी बनाने के लिए पैन में तेल गरम करें और उसमें अदरक, लहसुन और स्प्रिंग अनियन का सफेद हिस्सा डालें.

– इसे तेज आंच पर थोड़ी देर चलाएं और नमक, काली मिर्च, टमैटो सौस और सोया सौस डालें.

– इसमें एक कप पानी डालें और जब ये उबलने लगे तो इसमें कार्न स्टार्च पेस्ट डालें.

– जैसे ही सास गाढ़ा होने लगे, इसमें पहले से तैयार की हुई बौल्स डाल दें और आग से हटा लें.

– स्प्रिंग अनियन का हरा हिस्सा काटें और सौस पर डालें.

– इसे फ्राइड राइस या नूडल के साथ सर्व करें.

मजबूत रिश्ते के लिए लड़ना भी है जरूरी

‘‘जराजरा सी बात पर तकरार करने लगे हो,

लगता है मुझ से बेइंतहा प्यार करने लगे हो…’’

किसी भी रिश्ते में प्यारमनुहार के साथसाथ छोटीमोटी नोकझोंक और झगड़ा होना स्वाभाविक है और इस से प्यार बढ़ता ही है. पर ध्यान रखें कि यहां छोटेमोटे झगड़े की बात की गई है जिसे हम 1-2 दिन के अंदर सुलझा लेते हैं. ऐसे झगड़े के बाद कपल्स एकदूसरे के और भी ज्यादा करीब हो जाते हैं.

भारत के लगभग 44% विवाहित जोड़े यह स्वीकारते हैं कि कभीकभार होने वाला झगड़ा जरूरी है. इस से आप को अपने पार्टनर की पसंदनासंद के साथसाथ अच्छेबुरे पहलुओं को समझने का मौका मिलता है.

हाल ही में की गई एक स्टडी भी इस बात की पुष्टि करती है. स्टडी के मुताबिक पार्टनर के साथ किसी बात पर हुई बहस या झगड़े से रिश्ता मजबूत बनता है. लगभग 1,000 लोगों पर किए गए सर्वे पर आधारित इस रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि जो कपल्स छोटीछोटी बातों को ले कर अपने पार्टनर से झगड़ने लगते हैं वे उन लोगों के मुकाबले 10 गुना ज्यादा खुश रहते हैं जो पार्टनर की किसी बात पर बुरा मान अकेले में ही रोते रहते हैं.

स्टडी के मुख्य लेखक जोसेफ ग्रेनी के मुताबिक, कई कपल्स किसी सैंसिटिव टौपिक पर पार्टनर से लड़ाई करने से बचते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि ऐसा करने से उन का रिश्ता टूट सकता है. लेकिन स्टडी में शामिल 5 में से

4 लोगों ने माना कि पार्टनर के साथ उन का रिश्ता खराब होने की अहम वजह खराब संवाद यानी बातचीत में कमी है.

इस अध्ययन से पता चलता है कि अपनी भावनाओं को अपने पार्टनर से शेयर करने और किसी बात के बुरा लगने पर पार्टनर से झगड़ा करने से रिश्ता कमजोर नहीं, बल्कि मजबूत बनता है.

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झगड़ा करने वाला पार्टनर ज्यादा वफादार

शोधकर्ताओं का मानना है कि रिलेशनशिप में नाराज रहने वाले पार्टनर एकदूसरे के प्रति ज्यादा वफादार होते हैं. वे अपने पार्टनर से प्यार करते हैं, उन पर ध्यान देते हैं और उन की कुछ बातें, जो उन्हें पसंद नहीं आतीं उन में सुधार करते रहना चाहते हैं जबकि वैसे लोग जो पार्टनर से ज्यादा मतलब नहीं रखते और उन की तरफ ध्यान ही नहीं देते सामान्यतया बेवफा होते हैं. एक शोध के मुताबिक, रिलेशनशिप में झगड़ने वाले कपल्स की लवलाइफ ज्यादा स्ट्रौंग होती है और वे ज्यादा वफादार होते हैं.

शोधकर्ताओं ने 192 ऐसे जोड़ों पर शोध किया जो करीब 32 सालों से एकदूसरे के साथ थे. शोध में हर कपल से सवाल किया गया कि रिलेशनशिप में टकराव की स्थिति पैदा होने पर वे कैसी प्रतिक्रिया देते हैं? क्या झगड़े के बाद खुद को अलग कर लेते हैं या फिर स्थिति पर काबू पा लेते हैं या जो कुछ भी उन के दिमाग में चल रहा है उसे बाहर निकालना पसंद करते हैं?

ज्यादा लंबी लवलाइफ

शोधकर्ताओं ने पाया कि पार्टनर के झगड़े का रिस्पौंस उसी के अंदाज में देने वाले लोगों की लवलाइफ ज्यादा लंबी होती है. अगर आप झगड़े के दौरान अपने पार्टनर की बातों का जवाब पूरे तेवर में दे रहे हैं और अपनी बातों को पूरी तरह क्लियर कर रहे हैं, तो निश्चित तौर पर आप की बौंडिंग ज्यादा मजबूत होगी.

शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि झगड़े के दौरान अपने इमोशन जाहिर न करने के बजाय उन पर बातचीत करना ज्यादा बेहतर विकल्प है. अपने पार्टनर को समझने और अपने रिश्ते को बेहतर बनाने के लिए अपनी भावनाओं को जाहिर करना भी जरूरी होता है.

झगड़ा करना गलत नहीं मगर इस झगड़े को आप कैसे मैनेज करते हैं यह महत्त्वपूर्ण है. झगड़े के बाद चुप न रहें. अपनी भावनाओं को बह जाने दें. मगर इस बात का खयाल भी जरूर रखें कि आप झगड़े के दौरान अपनी सीमा पार न करें, क्योंकि झगड़ा अगर लंबा खिंच जाए या बात कड़वाहट और मारपीट तक पहुंच जाए तो फिर रिश्तों में मुहब्बत को सहेजना मुश्किल हो जाता है. कुछ बातें ऐसी होती हैं जो लड़ते वक्त भी आप को अपने पार्टनर से नहीं कहनी चाहिए. मसलन:

तुम से कुछ नहीं होगा

झगड़े के दौरान अगर आप अपने पार्टनर की इंसल्ट करने लगे हैं, तो जरा संभल जाइए. झगड़ा बढ़ रहा हो तो आप को थोड़ा रुक कर गहरी सांस लेनी चाहिए और सिचुएशन से निबटने के बारे में सोचना चाहिए न कि उसे और भी ज्यादा बिगाड़ने के बारे में. बस, इस बात का ध्यान रखें कि ऐसी कड़वी बात कभी न बोलें जिस की चोट आप का पार्टनर कभी भूल न पाए.

हमें अलग हो जाना चाहिए

झगड़े के दौरान या तुरंत बाद कोई भी बड़ा फैसला लेने से बचें. याद रखें कि इस समय अलग होने की बात करना हमेशाहमेशा के लिए आप के रिश्ते को खत्म कर देगा. आप का पार्टनर भी आप पर भरोसा नहीं करेगा, क्योंकि इस से उसे ऐसा लगेगा कि थोड़ीबहुत परेशनी आने या मतभेद होने पर ही आप भाग खड़े होने वालों में से हैं.

तुम हमेशा ऐसा करते/करती हो: वैसे तो हर बार झगड़े का मुद्दा अलगअलग होता है पर झगड़े के वक्त पुरानी बातों को ले कर बैठ जाना गलत है. वह भी ऐसी बातें जिन्हें आप पहले ही सुलझा चुके हैं, उन पर फिर से बहस करना बेवकूफी है. याद रखें, अगर आप अपने पार्टनर से प्यार करते हैं तो गड़े मुरदे उखाड़ने की भूल कतई न करें. इस से आप को कुछ भी हासिल नहीं होगा.

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मैं कमाता हूं तुम उड़ाती हो

यह ऐसी लाइन है जिसे कोई भी पत्नी सुनना नहीं चाहेगी. कभी भी अपनी कमाई का रुतबा झाड़ कर पत्नी को दबाने का प्रयास न करें, क्योंकि पति हो या पत्नी दोनों अपनीअपनी जिम्मेदारियां निभा रहे होते हैं. इन में तुलना करने का कोई सवाल ही नहीं उठता.

बात का बतंगड़ क्यों बना रहे/रही हो

बात बड़ी हो या छोटी आप के पार्टनर को पूरा हक है कि वह अपना पक्ष रखे. आप को उस की बात तो सुननी ही चाहिए. कई बार आप का साथी सिर्फ यह चाहता है कि आप बस उस की बात सुन लें. ऐसे में अपनी राय को किनारे रख कर पार्टनर के नजरिए से चीजों को देखने की कोशिश करें. इस से मामला सुलझाने में मदद मिलेगी.

तुम से बात करने का कोई फायदा नहीं

अगर आप भी कुछ ऐसा ही कहते हैं तो याद रखें कि आप बातचीत से मुंह मोड़ रहे हैं न कि वे. हां, यह अलग बात है कि कुछ लोग जिद्दी होते हैं और उन्हें समझाना मुश्किल होता है, लेकिन आप को धैर्य से काम लेना चाहिए, क्योंकि सचाई यह है कि आप और आप का पार्टनर एकदूसरे से लड़ रहे हैं और ऐसे में मुद्दे का समाधान तभी निकल सकता है जब आप बात करेंगे.

तुम अपने ऐक्स के पास वापस जाओ: झगड़े के दौरान पुराने रिश्ते के बारे में बात करना गलत है. आप के पार्टनर के दिमाग में अगर एक्स का खयाल नहीं है तो भी इस तरह की बातें उसे यह सोचने पर विवश करेंगी कि कहीं सचमुच आप भी ऐक्स की तरह छोड़ कर तो नहीं चली जाएंगी? इस तरह की बात कर के आप वास्तव में अपने जीवनसाथी को खो बैठेंगी. इसलिए बेहतर होगा कि झगड़े का रुख मोड़ने और रिश्ते को उलझाने के बजाय आप समाधान निकालने का प्रयास करें.

तुम्हारे रिश्तेदार ऐसे ही हैं

अकसर होता यह है कि जिस बात पर झगड़ा शुरू होता है उसे भूल कर हम अपने पार्टनर के रिश्तेदारों को कोसना शुरू कर देते हैं. याद रखें, झगड़े के दौरान एकदूसरे के मातापिता या भाईबहन को निशाना बनाते हुए उन के बारे में कोई अप्रिय बात न कहें. इस से झगड़ा सुलझने के बजाय और उलझ सकता है, क्योंकि अपने घर वालों के खिलाफ कोई भी नहीं सुन सकता. ऐसे में दोनों को खुद पर नियंत्रण रखना जरूरी होता है.

तुम से तो अच्छे तुम्हारे भाई/बहन/दोस्त हैं

‘तुम से तो समझदार तुम्हारी बहन/भाभी/देवरानी है. वह कभी अपने पति से बहस नहीं करती. पता नहीं तुम्हारी जबान इतनी लंबी क्यों है.’, ‘अरे पहले खुद को तो देखो. मेरे पापा और भाई जैसे कौन से गुण हैं तुम में? मैं तो तुम से शादी कर के फंस गई.’, ‘मेरी सहेली के पति को देखो. कितनी केयर करता है उस की और एक तुम हो…’

पतिपत्नी के झगड़े में ऐसी बातें अकसर सुनने को मिलती हैं. झगड़ा आप दोनों में हो रहा है. एकदूसरे की तुलना दूसरों से न करें. स्त्री हो या पुरुष कोई भी इसे सहन नहीं कर पाता.

शक्ल देखी है अपनी

‘कितनी भी क्रीम लगा लो माधुरी दीक्षित नहीं बन जाओगी, रूपरंग तो यही रहेगा न गंवारों जैसा.’, ‘अपनी कमर देखो, कमर नहीं कमरा बन गया है.’, ‘तोंद देखी है कैसे बेढंगे लगते हो.’ या ‘फिर कितनी बार कहा है सफेद बालों को रंग लो मेरे आगे एकदम बूढ़े लगते हो.’

इस तरह कभी भी अपने पार्टनर के लुक्स पर कमैंट न करें. अपनीअपनी जबान पर नियंत्रण रखें, क्योंकि ऐसी बातें इंसान कभी भूल नहीं पाता. वैसे भी उम्र के साथ मैच्योरिटी तो आती ही है.

तुम्हें कुछ समझ नहीं आता

इस तरह की बात कहने का मतलब है कि आप पूरी तरह से अपने पार्टनर के अस्तित्व को नकार रहे हैं और उन्हें इस बात का एहसास दिला रहे हैं कि वे किसी काम के नहीं हैं. झगड़े के वक्त बारबार तुम नहीं समझोगे/समझोगी कह कर आप अपने पार्टनर को नीचा दिखाने का प्रयास करते हैं और यकीन मानिए ऐसी बातें रिश्ते को ज्यादा दिनों तक सहेज कर रखने नहीं देतीं.

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धार्मिक कारण

काफी विवाद धार्मिक कारणों से भी होते हैं. ‘औरतें होती ही पैर की जूती हैं’, यह सोच धर्म ने थोपी है जो हर प्रवचन, पौराणिक कथा, व्रत, उपवास में सुनीसुनाई जाती है. धार्मिक अनुष्ठानों में औरतें अपनी शक्ति और पैसा खर्च डालती हैं. यह एक अलग गुस्से का कारण बनता है जिस पर धर्मभीरू पति सीधे नहीं बोल पाता पर कुढ़ता रहता है. औरतें धर्म में समय भी बरबाद करती हैं और खुद को थका देती हैं.

कोरोनाकाल में सैनिटाइजेशन का महत्त्व

देश में जैसेजैसे अनलौक की प्रक्रिया गति पकड़ रही है वैसेवैसे स्वच्छता और सैनिटाइजेशन का महत्त्व भी बढ़ता जा रहा है. अनलौक का दूसरा चरण शुरू हो चुका है, जिस के साथ काफी गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं. औफिस, मौल, रैस्टोरैंट, मार्केट आदि सार्वजनिक स्थानों पर लोगों का आनाजाना फिर से शुरू हो चुका है. ऐसे में संक्रमण से बचाव के लिए इन स्थानों को हर 2-3 घंटे में सैनिटाइज करना जरूरी है. सही माने में अब सब से ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता है.

कई अध्ययनों से इस बात की पुष्टि हुई है कि यदि कोरोना का मरीज पहले से डायबिटीज और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों से ग्रस्त हो तो जान का खतरा 8 गुना ज्यादा होता है. इस का सीधा संबंध कमजोर इम्यूनिटी और बढ़ती उम्र से है. ऐसे में मृत्यु का खतरा 60 से अधिक उम्र के लोगों में 4 गुना, 70 से अधिक उम्र के लोगों में 9 गुना और 80 से अधिक उम्र के लोगों में 15 गुना ज्यादा है.

एक तरफ जहां अधिकतर देशों का मुख्य लक्ष्य कोविड-19 के लिए वैक्सीन बनानी है, तो दूसरी ओर लोगों को बारबार इस की रोकथाम के तरीकों के बारे में भी बताया जा रहा है जैसेकि सोशल डिस्टैंसिंग, सैनिटाइजेशन, हाथ धोना, मास्क पहनना, ग्लव्स पहनना, किसी से हाथ न मिलाना आदि.

अनलौक की प्रक्रिया के साथ सभी स्थानों पर लोगों को थर्मल स्कैनिंग और सैनिटाइजेशन के बाद ही अंदर जाने की अनुमति दी जा रही है, जो बेहद जरूरी प्रक्रिया है. सरकार भी बारबार सैनिटाइजेशन और हाथों की सफाई पर जोर दे रही है ताकि लोगों को इस घातक संक्रमण से बचाया जा सके.

सैनिटाइजेशन और हाथ धोने की प्रक्रिया इस घातक स्थिति से लड़ने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. जहां, कुछ लोग इस बात को अच्छी तरह सम?ाते हैं वहीं अभी भी कुछ लोग ऐसे हैं, जो इसे महत्त्व न दे कर लापरवाही बरत रहे हैं, जिस कारण उन्हें बाद में भुगतना पड़ेगा. इसी बात को ध्यान में रखते हुए लोगों को सैनिटाइजेशन के महत्त्व के बारे में जागरूक करना जरूरी है.

क्यों जरूरी है सैनिटाइजेशन

– आमतौर पर लोग साफसफाई और सैनिटाइजेशन के बीच फर्क नहीं कर पाते हैं, लेकिन असल में दोनों एकदूसरे से काफी अलग हैं. साफसफाई गंदगी, धूलमिट्टी और कुछ कीटाणुओं को हटाने में मदद करती है. सफाई से सभी कीटाणुओं को नहीं हटाया जा सकता है जबकि सैनिटाइजेशन कीटाणुओं की संख्या को लगभग न के बराबर कर देता है.

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– सैनिटाइजेशन कीटाणुओं का खत्म कर संक्रमण के खतरे को कम करता है.

– सैनिटाइजेशन संक्रमण को फैलने से भी रोकता है.

– सैनिटाइजेशन के लिए आप को पानी और साबुन की आवश्यकता बिलकुल नहीं है.

इसे आसानी से स्प्रे के जरीए इस्तेमाल किया जा सकता है.

– जगह छोटी हो या बड़ी, सैनिटाइजेशन कभी भी कहीं भी आसानी से किया जा सकता है.

– कंटेनमैंट जोन और अस्पतालों से संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए भी नियमित रूप से सैनिटाइजेशन का उपयोग किया जा रहा है.

– कीटाणु चाहे किसी सतह पर हों या वातावरण में, सैनिटाइजर हर प्रकार के कीटाणुओं को खत्म करने की शक्ति रखता है. यही वजह है कि हर सार्वजनिक स्थान की न सिर्फ बारबार सफाई की जा रही है, बल्कि उसे हर कुछ घंटों में अच्छी तरह सैनिटाइज भी किया जा रहा है.

बारबार धोएं हाथ

हम दिनभर में अनगिनत चीजों को हाथ लगाते हैं, जिस के कारण हमारे हाथों पर हजारोंकरोड़ों की संख्या में कीटाणु आ जाते हैं. ये कीटाणु न सिर्फ हमें बीमार कर सकते हैं, बल्कि हमें किसी बड़ी और घातक बीमारी का भी शिकार बना सकते हैं जैसेकि कोरोना वायरस.

किनकिन स्थानों पर सब से ज्यादा कीटाणु पनपते हैं?

– स्विचबोर्ड

– दरवाजों के हैंडल

– पानी की बोतल

– कुरसी

– डस्टबिन

– वाटर प्यूरीफायर

– अन्य मशीनें

– बाथरूम का नल, फ्लैश बटन, साबुन, हैंडवाश आदि

– वाशबेसिन

– परदे

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– टीवी का रिमोट कंट्रोल

इसलिए इन्हें सैनिटाइज करना भी जरूरी है तभी कोरोना के संक्रमण से बचा जा सकता है.

 -डा. बी के अग्रवाल

सीनियर कंसल्टैंट, इंद्रप्रस्थ अपोलो हौस्पिटल, दिल्ली. –   

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