Hyundai Creta देता है 5 साल तक की वारंटी

न्यू हुंडई क्रेटा के बारे में बात करें तो यह 3 साल की गारंटी के साथ आता है. हुंडई क्रेटा में दिया हुआ किकर यह बताता है कि क्रेटा के माइलेज की कोई वारंटी सीमा नहीं है. आप इसके साथ लंबी यात्रा पर जा सकते हैं बिना किसी परवाह के. कंपनी आपके साथ हमेशा है.

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इसके साथ ही हुंडई आपको 5 साल तक की 1,40,000 किलोमीटर की वारंटी देता है. इसलिए इसे कहा गया है #RehargeWithCreta

बिग बॉस 14 के घर में होगी असीम रियाज की एंट्री! जानें क्या है सच

कलर्स के पौपुलर रियलिटी शो ‘बिग बॉस 14’ में आए दिन नए नए ट्विस्ट देखने को मिल रहे हैं. वहीं शो के पुराने सीजन्स का हिस्सा रह चुके सीनियर्स सिद्धार्थ शुक्ला, हिना खान और गौहर खान की एंट्री के बाद शो में तड़का लगता दिख रहा है. इसी बीच खबर है कि असीम रियाज भी शो का हिस्सा बन सकते हैं. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला…

सोशलमीडिया पर असीम रियाज को लाने की है मांग

सिद्धार्थ शुक्ला के शो में आने के बाद फैंस असीम रियाज को ‘बिग बॉस 14’ के घर में लाने के लिए मेकर्स से मांग कर रहे हैं. वहीं खबरों की मानें तो मेकर्स ने असीम रियाज को ‘बिग बॉस 14’ के घर में लाने के लिए अप्रोच किया है, जिसके चलते  असीम रियाज को मोटी रकम भी देने की कोशिश की जा रही हैं. हालांकि बाद में ये खबर झूठ निकली है.

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हिमांशी खुराना से ब्रेकअप को लेकर सुर्खियों में हैं रियाज

 

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#afsoskaroge keep watching

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बिग बौस के घर से शुरू हुई हिमांशी खुराना और असीम रियाज की लव स्टोरी का आखिरकार अंत हो गया है, जिसके बाद से असीम सुर्खियों में आ गए हैं. हालांकि अगर असीम बिग बौस 14 का हिस्सा बनते हैं तो उन्हें सलमान खान का गुस्सा देखने को मिलने वाला है. क्योंकि सलमान से असीम ने हिमांशी को ना छोड़ने का वादा किया था.

बता दें, ‘बिग बॉस 14’ का हिस्सा बनने वाले स्टार्स को शो के मेकर्स ने मोटी रकम दी गई है. वहीं खबरों की मानें तो सीनियर सिद्धार्थ शुक्ला को ‘बिग बॉस 14’ में 2 हफ्ते रहने के लिए 12 करोड़ रुपए दिए गए हैं. वहीं पौपुलर एक्ट्रेस हिना खान ने दो हफ्ते के लिए 72 लाख रुपए फीस मेकर्स से वसूली है.

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शादी के 7 साल बाद ‘नागिन 4’ स्टार अनीता हसनंदानी ने किया प्रेग्नेंसी का ऐलान, सता रही है ये चिंता

साल 2020 में बौलीवुड से लेकर टीवी स्टार्स ने अपनी प्रैग्नेंसी की खबर से फैंस को चौंका दिया है. इसी बीच अब टीवी एक्ट्रेस अनीता हसनंदानी ने भी अपनी शादी के 7 साल बाद प्रैग्नेंसी की खबर को फैंस के साथ एक खूबसूरत तरीके से शेयर किया है. हालांकि उन्हें ट्रोलिंग का भी सामना करना पड़ा है. लेकिन इन सबके साथ अनीता को कई बातें भी सता रही हैं.

वीडियो के जरिए शेयर की दिल की बात

अनीता हसनंदानी ने अपनी प्रैग्नेंसी का ऐलान करते हुए एक वीडियो शेयर किया, जिसमें अनीता अपने पति रोहित के साथ पोज देती नजर आईं. वहीं वीडियो में अनीता का बेबी बंप साफ नजर आया, जिसके बाद सेलेब्स से लेकर फैंस सभी उन्हें बधाइयां दे रहे हैं.

 

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❤️+❤️=❤️❤️❤️ Love you @rohitreddygoa #gettingreadyforreddy

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प्रैग्नेंसी का एक्सपीरियंस किया शेयर

सोशलमीडिया पर शेयर की गई वीडियो में अनीता हसनंदानी अपनी प्रेग्नेंसी की खबर पता चलने का एक्सपीरियंस शेयर करते हुए बता रही हैं, कि ‘जल्द ही हमारे घर बेबी आने वाला है. सच बताऊं तो हमें केवल सही समय का इंतजार था. बच्चे भगवान की देन हैं. जो भी होता है भगवान की मर्जी से होता है. हम 10 साल से साथ हैं. 7 साल हमारी शादी को भी हो चुके हैं.’

फिगर को लेकर थी चिंता


अनीता हसनंदानी ने आगे बताया, ‘2020 में हमें लगा कि माता पिता बनने का सही समय आ चुका है. पहले तो मुझे इस बात से काफी डर लगा. मैं स्ट्रैच मार्क्स की वजह से डर रही थी. मुझे डर था कि कहीं मां बनने से मेरी फिगर न खराब हो जाए लेकिन अब मुझे इस बात की जरा भी परवाह नहीं है.’ वहीं प्रैग्नेंसी की खबर को लेकर शेयर करते हुए अनीता के पति रोहित रेड्डी ने बताया कि जून में हम गोवा वेकेशन पर गए थे. इस दौरान अनीता हसनंदानी बीमार हो गई थी. अनीता हसनंदानी को लगभग एक महीने तक हॉस्पिटल के चक्कर लगाने पड़े. 12 जून को अनीता हसनंदानी ने मुझसे कहा कि वह कुछ टेस्ट करवाने के लिए जा रही है, जिसके बाद हॉस्पिटल से वापस आकर अनीता हसनंदानी ने मुझे बताया कि वह मां बनने वाली है. ये बात सुनकर मेरे मुंह से केवल एक ही बात निकली और कहा अब हमारे घर एक मेहमान आने वाला है.’

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बता दें, अनीता हसनंदानी की प्रैग्नेंसी को लेकर फैंस उन्हें ट्रोल भी कर रहे हैं. दरअसल, ट्रोलर्स कह रहे हैं कि 50 की उम्र में मां बनने का क्या फायदा है. हालांकि अनीता के पति यूजर्स को करारा जवाब दे रहे हैं.

कोविड-19 के दौरान मासिक चक्र का रखें ध्यान

कोरोना वायरस से आज पूरी दुनिया परेशान हो रही है. इससे बचने के लिए लोग स्वच्छता और सोशल डिस्टेंगसिंग का पूरी तरह से पालन कर रहे है. जिससे इस वायरस से बचा जा सके, लेकिन क्या हम महिलाओं ने सोचा की कोविड-19 के समय में क्या करें, जब मासिक धर्म की तारीख के बाद ज्यादा रक्तस्राव हो या बिल्कुल नहीं हो, भले ही यह गर्भावस्था की स्थिति न हो, क्योंकि कोविड-19 महामारी के दौरान लड़कियां जांच कराने के लिए अस्पताल जाने में असमर्थ है. ऐसे समय में सी के बिरला होस्पिटल, गुरुग्राम की स्त्री रोग एवं प्रसूति विशेषज्ञ डाॅ. अरुणा कालरा असंतुलित हार्मोनल स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दे रही हैं.

मासिक चक्र

हर महीने मासिक रक्तस्राव हमारी हार्मोनल अवस्था का एक स्वस्थ संकेत है. सामान्य मासिक चक्र हमें हमारी शारीरिक फिटनेस, मानसिक स्वास्थ्य और संतुलित जीवनशैली से अवगत कराता है.

यह हमारे प्रजनन स्वास्थ्य, हड्डियों की मजबूती, त्वचा की सूजन, बाल और दिल एवं दिमाग की सुचारू गतिविधि बनाए रखने वाले हार्मोनल ग्लैंड्स का एक बेहद महत्वपूर्ण नेटवर्क है।

हमारा मासिक चक्र ओवरियन और पिट्यूटरी हार्मोन से नियंत्रित होता है। मासिक चक्र की पहली आधी अवधि मुख्य तौर पर एस्ट्रोजेनिक चरण से जुड़ी होती है और बाद की अवधि में प्रोजेस्टेराॅन हार्मोन का असर देखा जाता है और हार्मोन कर स्राव हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से प्रभावित होता है। हार्मोनल स्थिति बेहद नाजुक होती है.

मौजूदा समय में, कोविड-19 की वजह से पैदा हुई गंभीर स्थिति में कुछ भी सामान्य नहीं है और जिंदगी काफी बदल गई है और हमारे ऊपर दबाव बढ़ सकता है. यह दबाव न सिर्फ हमारे मानसिक स्वास्थ्य को, बल्कि हमारे हार्मोनल स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता हैं। अवसाद और चिंता हमारे मासिक चक्र को प्रभावित करते हैं और इस मौजूदा महामारी के दौरान हमारे लिए यह सामान्य बात है कि अगली तारीख में विलंब हो जाए या फिर मासिक चक्र की तारीख के बाद ज्यादा रक्तस्राव हो जाए.

डाॅ.अरुणा कालराके अनुसार ऐसे कई कारण हैं जो मासिक चक्र को प्रभावित कर सकते हैं। ये निम्नलिखित हैः

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1. तनाव
2. नींद नही आना
3. लंबा स्क्रीन टाइम
4. काम का अधिक दबाव
5. बैठक की समय सीमा
6. व्यायाम और कसरत ना करना
7. आहार संबंधी आदतेः ज्यादा जंक फूड और अस्वस्थ खानपान आदतों से मोटापे को बढ़ावा मिलता हैं, हार्मोन गतिविधि में समस्या आती है. कम खाने, भूखे रहने या वजन बढ़ने को लेकर ज्यादा चिंतित रहना भी हार्मोनल रिसेप्टर के नुकसान और असामान्य हार्मोनल चक्र के लिए जिम्मेदार हैं.
8. खाने की आदतों में बदलाव
9. मनोवैज्ञानिक आघात
10. किसी और बीमारी के लिए ज्यादा दवाएं लेना
11. अनियमित तौर से हार्मोनल टेबलेट्स लेना या गर्भनिरोधक गोलियां लेना
12. अनियमित थायराॅयड प्रोफाइल
13. अनियमित प्रोलैक्टिन वैल्यू
14. कार्य /स्वास्थ और भविष्य को लेकर अनिश्चितता
15. कोविड-19 महामारी से सम्बंधित होने का डर
16. मौजूदा समय में और भविष्य की वित्तीय अस्थिरता की आशंका.
17. समय का सही उपयोग करने में सक्षम नही रहना और दिमाग में खालीपन महसूस करना.
18. तनाव, अनिद्रा, चिंता और कोरोना आइसोलेशन का दबाव और आने वाले समय को लेकर अनिश्चितता को बढ़ावा देने में अहम योगदान दे रहे हैं.

उपर्युक्त कई कारण अस्वस्थ जीवनशैली की वजह से देखने को मिलते हैं.

कार्बोहाइड्रेट वाला आहार, वसायुक्त भोजन, कम प्रोटीन का आहार, देर से सेना, पर्याप्त नींद नहीं लेना, मोबाइल और कम्प्यूटर का ज्यादा इस्तेमाला करना, व्यायाम नहीं करना और ज्यादा मानसिक दबाव ऐसी अस्वस्थ आदते हैं जो अंडाशय के लिए नुकसानदायक हैं और पाॅलीसिस्टिक ओवरियन डिजीज सिंड्रोम यानी पीसीओएस/पीसीओडी के लिए जिम्मेदार हैं.

जब हम अपनी मासिक धर्म संबंधित अनियमितता के कारण का पता लगा लेंगे तो उपचार आसान हो जाएगा.

यह ध्यान रखना जरूरी है कि इसकी आशंका नहीं है कि यह महामारी हमारे मासिक चक्र को प्रभावित करेगी. लेकिन यदि हम कोरोना वायरस से जुड़ी खबरों को लेकर मानसिक रूप से ज्यादा प्रभावित महसूस करते हैं तो यह उपयुक्त होगा कि हम स्वयं पर ध्यान केंद्रित करें और स्वयं देखभाल पर जोर दें. कोविड-19 अपडेट्स पर नजर बनाए रखने के बजाय, हमें दिन में कुछ खास समय इससे संबंधित खबरें जानने की कोशिश करनी चाहिए. हमें हर दिन कुछ स्ट्रेचिंग और गहरी सांस लेने की भी कोशिश करनी चाहिए. यदि हम अपने पार्टनर्स, रूममेट, या फैमिली के साथ रहते हैं तो हमें इस खाली समय का इस्तेमाल अपने संबंधों को मजबूत बनाने के लिए करना चाहिए. हमें फोन या वीडियो काॅल के माध्यम से अपने दोस्तों और पड़ोसियों के साथ भी संपर्क बनाए रखना चाहिए, क्योंकि हमारा अच्छा संबंध किसी की मदद करने और एक-दूसरे से जुड़े रहने में मददगार साबित हो सकता है. नियमित व्यायाम, फाइबरयुक्त आहार, स्वस्थ हाॅबीज, कार्यालय घंटों को सीमित करने और तनाव को दूर बनाए रखने से असंतुलित हार्मोनल स्वास्थ्य में सुधार लाया जा सकता है और इससे नियमित मासिक चक्र में मदद मिल सकती है.

कई अन्य बातें भी ध्यान में रखी जा सकती हैं, जो निम्नलिखित हैंः
1. आयरन और मल्टीविटामिन सप्लीमेंट भी मददगार हैं.
2. उचित गर्भनिरोधक तरीके का ही इस्तेमाल करें.
3. ज्यादा रक्तस्राव होने पर दिन में 2-3 बार एंटी-इन्फ्लेमेटरी मेडिसिंस का इस्तेमाल करें.
4. मसिक चक्र के दौरान भी व्यायाम करते रहने से निश्चित तौर पर मासिक धर्म संबंधी समस्याएं दूर करने में मदद मिलेगी.

डिम्बग्रंथि रोग से संबंधित अत्यधिक रक्तस्राव एक ऐसी समस्या है. जिसमें अक्सर गंभीर अनियमित रक्तस्राव होता है. इसकी जांच में प्रेगनेंसी टेस्ट, बीटा सबयूनिट ऑफ ह्यूमेन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन टेस्ट, थायराॅयड-स्टिमुलेटिंग हार्मोन और प्रोलैक्टिन लेवल की जांच, हिस्टेरोस्काॅपी, या ट्रांसवैजाइनल अल्ट्रासोनोग्राफी जैसे टेस्ट शामिल हैं. डिम्बक्षरण के कारणों में किशोरावस्था, पेरीमेनोपाॅज, गर्भावस्था, हाइपरप्रोलैक्टिनेमिया, थायराॅयड रोग, प्राइमरी पिट्यूटरी रोग, प्रीमेच्योर ओवरियन फेलर, आइएट्रोजेनिक और मेडिकेशंस शामिल हैं. जांच की पुष्टि हो जाने पर निष्चित तौर पर उपचार किया जा सकता है.

इन समस्याओं से गर्भाशय में डिम्बग्रंथि अनियमितता से संबंधित असामान्य रक्तस्राव की स्थिति पैदा हो सकती है और शल्य चिकित्सा के बजाय सामान्य चिकित्सा के साथ इनका इलाज किया जाना चाहिए। उपचार के विकल्पों में शामिल हैं –

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1. प्रोजेस्टिन-ओनली कंट्रासेप्सन, ओर्जेट्रेल-रिलीजिंग इंट्राअटेरिन डिवाइस – आईयूडी, मिरेना)
2. मेडराक्सीप्रोजेस्टेरॉन एसीटेट (प्रोवेरा), नॉरीथिंड्रोन, और डिपोट मेडरॉक्सीप्रोजेस्टेरॉन एसीटेट (डिपो-प्रोवेरा) और
3. संयुक्त हार्मोनल गर्भनिरोधक (जैसे, ट्रांसडर्मल पैचेस, वैजाइनल रिंग्स, ओरल कंट्रासेप्टिव्स)

ये विकल्प एंडोमेट्रियम को पतला करते हैं और इस वजह से रक्तस्राव में कमी आती है.

यदि चिकित्सकीय उपचार विफल साबित होता है, या इसे सहन नहीं किया जाता है, तो एंडोमेट्रियल एब्लेशन और हिस्टेरेक्टोमी अन्य विकल्प हैं, हालांकि एंडोमेट्रियल एब्लेशन प्राथमिक विकल्प नहीं समझा गया है. उन महिलाओं में सर्वाइकल प्रिजर्वेशन के बगैर हिस्टेरेक्टोमी एब्लेशन पर विचार किया जा सकता है जो बच्चे पैदा करने की जिम्मेदारी पूरी कर चुकी हों, जिनमें मेडिकल थेरेपी विफल रही हों, या उपचार के लिए सहज स्थिति में नहीं हों.

माहौल बना देती रंगीन रोशनियां

दीपक और देविका की शादी को अभी चंद दिन ही हुए थे. मसूरी की हसीन वादियों से हनीमून मना कर घर वापस आए तो उन का तन और मन अभी भी वहां के रिसोर्ट के उस शानदार रूम में अटका हुआ था, जिस की दिलकश रोशनी ने उन की नई जिंदगी में मीठा उजाला भर दिया था.

उस रिसोर्ट की लाइटिंग सैंस गजब थी. कमरे में घुसे नहीं कि बैड के दाएंबाएं रखे लैंपशैड मद्धिम गुलाबी रोशनी से जगमगा उठते थे. यह देख कर दीपक और देविका की सारी थकान मिट जाती.

देखा जाए तो हर किसी का सपना होता है कि वह अपने घर को अपनी मरजी और खुशी से सजाएसंवारे, उस में अपने मन की रोशनियां भर दे, लेकिन शहरों के छोटेछोटे घर इस सपने को चारदीवारी में समेट देते हैं. ऐसी चारदीवारी, जो शुरू होते ही खत्म हो जाती है, फिर उन में महंगे रिसोर्ट की महंगी लाइट खरीद कर लगाना बड़ा मुश्किल और खर्चे वाला काम हो जाता है. लेकिन उम्मीद न छोड़ें, क्योंकि छोटे घरों को भी खूबसूरत और शानदार दिखाने के कई तरीके होते हैं. छोटे घर को बड़ा दिखाने के लिए कुछ सिंपल रूल्स फौलो करने की जरूरत होती है.

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इस सिलसिले में न्यू आर्क स्टूडियो, नोएडा की प्रिंसिपल आर्किटैक्ट नेहा चोपड़ा ने बताया,
“तरहतरह की रंगबिरंगी लाइटें लगाने से परिवारजन का मूड बनता है. जहां एक तरफ फ्लोरेसैंट लाइट आप को ऊर्जावान बनाएगी, वहीं दूसरी तरफ नीलीपीली लाइटें आप को थकान उतारने का एहसास देंगी, इसलिए जब भी रंगों का चुनाव करें तो हमेशा अपने और परिवार वालों के मूड को ध्‍यान में रख कर ही लें.

“सालों से बैडरूम के डेकौर में लैंप अहम भूमिका निभाते आए हैं. इन्हें आप अपने बैडरूम में भी लगाएं, क्योंकि रात के वक्त इन लैंप की लाइट न सिर्फ देखने में अच्छी लगती है, बल्कि दीवारों पर पड़ी इन की लाइट कमरे को बड़ा भी दिखाती है.”

नेहा चोपड़ा ने आगे बताया, “हर घर में लाइटिंग की जरूरत होती ही है. आर्टिफिशियल लाइटिंग के जरीए सिर्फ घर को पर्याप्त रोशनी ही नहीं मिलती, बल्कि यह आप के घर को सजाने और उसे एक न्यू लुक देने में भी मदद करती है. लाइटिंग के कारण ही आप अपने घर के पूरे लुक को चेंज कर सकती हैं.

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“एक बात और कि जरूरी नहीं आप महंगी लाइट बाजार से ही खरीद कर लाएं. घर पर भी कम पैसे और थोड़ी मेहनत से इन्हें बनाया जा सकता है, जैसे पुराने पीवीसी पाइप से आप एक सुंदर लैंप तैयार कर सकते हैं, बस पीवीसी पाइप पर अपनी इच्छा के अनुसार जो डिजाइन आप को पसंद हो, बना कर उस में छेद कर दें और नीचे की तरफ से होल्डर लगा कर बल्ब लगा दें और फिर आप का लैंप तैयार है. तो बिना बाजार से खरीदे आप खुद ही अपने घर में सजावट का सामान तैयार कर सकते हैं.”

कंगना: एक्ट्रेस या भगवा खिलाड़ी 

कभीकभी अतिमहत्त्वाकांक्षा, बेबाकी और बड़बोलापन खुद पर ही भारी पड़ जाता है. बौलीवुड क्वीन कंगना रनौत के साथ यही हो रहा है. ऐक्टर सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध परिस्थितयों में हुई मौत की जांच के मामले में महाराष्ट्र सरकार से बैर मौल ले कर कंगना ने अपने लिए कई मुसीबतें खड़ी कर ली हैं. एक ओर जहां उन का फिल्म कैरियर दांव पर लगा है, इंडस्ट्री के ज्यादातर लोग उन से अलग हो चुके हैं, वहीं बौंबे म्यूनिसिपल कारपोरेशन (बीएमसी) उन के बांद्रा स्थित ‘मणिकर्णिका फिल्म’ के औफिस पर चढ़ बैठा है. बीएमसी ने कंगना के दफ्तर को अवैध निर्माण बता कर ढहा दिया है और मुंबई पुलिस ड्रग्स लेने के आरोप में उन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर के जांच शुरू कर चुकी है.

9 सितंबर को मुंबई पहुंचने पर एयरपोर्ट पर कंगना को शिवसैनिकों ने काले झंडे दिखाए. उन के समर्थकों और विरोधियों के बीच एयरपोर्ट पर भारी हंगामा हुआ और नौबत मारपीट तक पहुंच गई. कंगना को वीआईपी गेट के बजाय दूसरे गेट से बाहर निकालना पड़ा. वे एयरपोर्ट से सीधे खार स्थित अपने घर पहुंचीं, जहां 50 से ज्यादा पुलिसकर्मी उन के घर के बाहर तैनात किए गए थे.

सोशल मीडिया का सहारा

गौरतलब है कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत की तह तक पहुंचने में जहां देश की 3 बड़ी जांच एजेंसियां लगी हैं और 3 माह बीतने के बाद भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची हैं, वहीं कंगना ने शुरू से ही सुशांत की मौत को हत्या करार दे कर सोशल मीडिया पर इस मामले में अपनी राय जाहिर करनी शुरू कर दी थी.

उन्होंने पहले बौलीवुड में फैले नैपोटिज्म यानी भाईभतीजावाद को उन की मौत का जिम्मेदार ठहराया और मुंबई पुलिस की जांच को भटकाने की कोशिश की, फिर जब इस मामले से ड्रग ऐंगल जुड़ा तो कंगना फिल्म इंडस्ट्री में कैंसर की तरह फैले ड्रग कारोबार का खुलासा करने लगीं और इस बड़बोलेपन में यह भी कबूल कर गईं कि उन्हें भी उन का मैंटर ड्रग्स लेने के लिए मजबूर करता था. हालांकि उन्होंने उस का नाम नहीं लिया. फिर वे अपने ट््वीट्स में इंडस्ट्री के लोगों को निशाना बनाने लगीं और अंत में जा भिड़ीं

शिवसेना के नेता और प्रवक्ता संजय राउत से. कंगना और संजय राउत के बीच ट्वीट पर भयानक जंग चली और यह कहना गलत न होगा कि दोनों के बीच जबानी जंग शब्दों की तमाम मर्यादाएं लांघ गई.

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अभिनय पर हावी राजनीति

एक तरफ जहां शिवसेना कंगना पर लगातार हमले बोल रही है और उन्हें बेईमान, देशद्रोही और हरामखोर तक कह चुकी है, वहीं अब अभिनेत्री के बचाव में भारतीय जनता पार्टी खुल कर सामने आ गई है. वरिष्ठ भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कंगना का हौसला बढ़ाया है. उन्होंने ट्वीट कर के कंगना से भरोसा रखने को कहा है. उन्होंने अपने ट्वीटर हैंडल से ट्वीट कर के कहा कि कगना से कहें कि वे भरोसा रखें. हम सभी इस संघर्ष में उन के साथ हैं.

इस से पहले सुब्रह्मण्यम स्वामी के वकील ईशकरण ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी थी कि कंगना को डा. स्वामी कानूनी रूप से मदद करने को तैयार हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि अगर कंगना या उन की टीम को पुलिस में स्टेटमैंट देने के दौरान किसी प्रकार की कोई कानूनी मदद चाहिए तो सुब्रह्मण्यम स्वामी कंगना की पूरी मदद करेंगे.

खुद स्वामी ने ट्वीट किया कि कंगना रनौत के औफिस ने ईशकरण से संपर्क किया. ईशकरण और मैं जल्द ही मिल कर चर्चा करेंगे कि कैसे कंगना की उन के कानूनी अधिकारों में मदद करें और मुंबई पुलिस के साथ कब मीटिंग की जाए. मुझे बताया गया है कि वे हिंदी सिनेमा की टौप 3 स्टार्स में से एक हैं लेकिन हिम्मत के मामले में वे सब से अव्वल हैं.

अब केंद्रीय गृहमंत्रालय द्वारा कंगना रनौत को वाई श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराने से साफ हो जाता है कि कंगना किस के दम पर इतना जोश दिखा रही हैं.

कंगना को सुरक्षा क्यों?

उल्लेखनीय है कि कंगना रनौत को अब चौबीस घंटे सीआरपीएफ के कमांडो कवर देंगे. बौलीवुड के अन्य सितारों को अधिकतर महाराष्ट्र पुलिस या निजी सुरक्षा ऐजैंसियों द्वारा सुरक्षा दी जाती है, लेकिन कंगना पहली बौलीवुड स्टार हैं, जिन की सुरक्षा सीआरपीएफ करेगी.

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सहित लगभग 60 हाई प्रोफाइल व्यक्तियों को सीआरपीएफ सुरक्षा देती है.

वाई प्लस की सुरक्षा के तहत कंगना रनौत को 10-11 सशस्त्र कमांडो द्वारा 24 घंटे सुरक्षा दी जाएगी. कंगना की सुरक्षा में 2-3 सशस्त्र पीएसओ भी शामिल होंगे, जो उन के साथ रहेंगे, जबकि अन्य सुरक्षाकर्मी उन के आवास पर तैनात रहेंगे. कंगना के घर से बाहर आने और जाने वाले सभी लोगों का कंट्रोल सुरक्षाकर्मियों के पास होगा. कंगना को अपनी सुरक्षा टीम ले जाने के लिए एस्कौर्ट वाहन भी मिलने की उम्मीद है. हालांकि एस्कौर्ट वाहन जैड कैटेगरी की सुरक्षाकर्मियों को मिलता है और जैड प्लस कैटेगरी को एस्कौर्ट वाहन के साथ पायलट भी मिलता है.

धमकी और गालीगलौच का दौर

कंगना का गृह राज्य हिमाचल प्रदेश है. कोरोना काल के दौरान कंगना मुंबई से दूर हिमाचल में अपने परिवार के साथ रह रही थीं. लेकिन सुशांत मामले पर वे पूरी नजर बनाए हुए थीं और लगातार ट्वीट्स के जरीए टिप्पणियां कर रही थीं. वे लगातार मुंबई पुलिस और इंडस्ट्री के लोगों पर आरोप लगा रही थीं. उन के वाक्बाणों ने कइयों को छलनी किया और बढ़तेबढ़ते महाराष्ट्र सरकार तक पहुंच गईं.

कंगना ने जब मुंबई की तुलना ‘पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर’ से कर दी तो संजय राउत भड़क उठे और फिर धमकी और गालीगलौच का जो दौर शुरू हुआ तो कंगना को कहना पड़ा कि उन्हें मुंबई से डर लगता है, उन की जान को वहां खतरा है. उन का यह कहना था कि देश के गृहमंत्री अमित शाह ने उन के लिए वाई श्रेणी की सुरक्षा मुहैया करवा दी.

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कंगना रनौत को केंद्रीय सुरक्षा देने से काफी खुश हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे जानकारी मिली है कि सीआरपीएफ का 11 सदस्यीय कमांडो की टीम को कंगना की सुरक्षा के लिए गृह मंत्रालय द्वारा लगाया गया है. मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं और केंद्रीय गृहमंत्री का आभार व्यक्त करता हूं. कंगना की सुरक्षा हमारे लिए महत्त्वपूर्ण है.’’

खुद कंगना ने इस सुरक्षा को ले कर खुशी जताते हुए गृहमंत्री अमित शाह को टैग करते हुए लिखा, ‘‘ये प्रमाण है कि जब किसी देशभक्त आवाज को कोई फासीवादी नहीं कुचल सकेगा. मैं अमित शाहजी की आभारी हूं. वे चाहते तो हालातो के चलते मुझे कुछ दिन बाद मुंबई जाने की सलाह देते, मगर उन्होंने भारत की एक बेटी के वचनों का मान रखा, हमारे स्वाभिमान और आत्मसम्मान की लाज रखी, जय हिंद.’’

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अब इस में काई शक नहीं रह गया है कि कंगना के पीछे भाजपा की ताकत काम कर रही है. अब यह ताकत कंगना का राजनीतिक भविष्य तय कर रही है या उन के जरीए सिर्फ महाराष्ट्र सरकार को घेरना चाहती है यानी इस खेल में कंगना रनौत खिलाड़ी हैं या मुहरा, यह आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा, लेकिन अफसोस इस बात का है कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत इस राजनीतिक बिसात पर एक खेल बन कर रह गई है.

शिवसेना के धोखे से बिलबिलाती भाजपा

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के इर्दगिर्द खेला जा रहा सियासत का गंदा खेल मुंबई पर कब्जे को ले कर है. मुंबई में ड्रग माफिया, बौलीवुड और आईपीएल के अरबों रुपयों पर अब महाराष्ट्र की उद्धव सरकार का कब्जा है. इस कब्जे को उस से कैसे हथियाया जाए या ऐसा कुछ कर दिया जाए कि यह पैसा महाराष्ट्र सरकार की तिजोरी में न जा पाए, सारी साजिश इसी सोच के इर्दगिर्द है.

भाजपा शिवसेना से बेवफाई का बदला भी लेना चाहती है. गौरतलब है कि महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना ने मिल कर विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन सीएम पद के लिए शिवसेना अड़ गई थी. बाद में शिवसेना ने पाला बदल कर कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिल कर सरकार बना ली और उद्धव ठाकरे सीएम बन गए. शिवसेना के इस ‘धोखे’ को भाजपा अब तक पचा नहीं पाई है. ऐसे में सुशांत की मौत ने भाजपा को शिवसेना से बदला लेने का अच्छा अवसर दे दिया है और उस पर कंगना के बयानों ने आग में घी डालने का काम किया है.

सुशांत की मौत को हत्या कह कर कंगना ने जैसे ही मुंबई पुलिस की जांच पर सवाल खड़े किए तो उन के बयानों से भाजपा सियासी लाभ लेने की जुगत में लग गई. भाजपा एक तीर से दो निशाने साध रही है.

चंद माह बाद ही बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं. वहां एनसीपी और कांग्रेस पार्टी आरजेडी के साथ मिल कर चुनाव लड़ने की तैयारी में है. बिहार से तअल्लुक रखने वाले सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत को ले कर बिहार मानस व्यथित है. सशांत को न्याय दिलाने के लिए वहां काफी प्रदर्शन भी हुए हैं. उन्हें न्याय दिलाने की मुहिम भी चल रही है. बिहार सरकार के मंत्रियों तक ने मुंबई पुलिस पर आरोप लगाया कि वह ठीक से जांच नहीं  कर रही है.

इसी बीच कंगना ने भी महाराष्ट्र सरकार पर आक्रमण शुरू कर दिया. अब कंगना के माध्यम से एक ओर भाजपा चुनाव के दौरान बिहारी संवेदना अपने हक में भुनाने की कवायद में जुटी है तो वहां दूसरी ओर वह महाराष्ट्र सरकार को घेरने में लगी है. कंगना का हौसला बढ़ाए रखने के लिए उन्हें वाई श्रेणी की कमांडो सुरक्षा मुहैया कराने के पीछे भाजपा की यही रणनीति काम कर रही है, साथ ही बांद्रा का उन का औफिस तोड़ने वाले बीएमसी अधिकारियों को महाराष्ट्र के गवर्नर और भाजपा नेता भगत सिंह कोश्यारी ने अपने दफ्तर तलब किया है.

उकसाने का भरपूर प्रयास

कंगना को उकसाने और उन की पीठ थपथपाने में भाजपा पीछे नहीं है. दिल्ली से ले कर महाराष्ट्र तक के नेतामंत्री महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ कंगना को सपोर्ट कर रहे हैं. महाराष्ट्र में भाजपा नेता राम कदम ने शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत पर कंगना को धमकी देने का आरोप लगाया है. कदम ने कहा कि राज्य सरकार सुशांत मामले को आत्महत्या करार देने के लिए मुंबई पुलिस पर दबाव बना रही है. उन्होंने उद्धव सरकार पर बौलीवुड ड्रग माफिया को बचाने का भी आरोप मढ़ा.

भाजपा नेता ने कहा कि महाराष्ट्र विकास अघाड़ी मुंबई पुलिस पर अपने फायदे के लिए दबाव बना रही है ताकि सुशांत सिंह राजपूत को न्याय न मिले और बौलीवुड ड्रग माफिया और नेताओं को बचाया जा सके. राम कदम यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि कंगना रनौत, झांसी की रानी हैं, जो धमकियों से नहीं डरती हैं.

राम कदम के बयानों से कंगना को खूब हौसला मिला और सोशल मीडिया पर संजय राउत के साथ उन की खुली जंग शुरू हो गई. नतीजा यह हुआ कि कंगना की 15 साल की मेहनत पर बीएमसी का बुलडोजर चल गया और ‘मणिकर्णिंका फिल्म’ का दफ्तर पलक झपकते धूल में मिल गया.

महाराष्ट्र सरकार के इस हमले से कंगना काफी आहत हैं. उन के दुख का अंदाजा सोशल मीडिया पर आए उन के बयान से लगता है. कंगना ने अपने औफिस का वीडियो शेयर कर के कहा, ‘‘ये मुंबई में मणिकर्णिका फिल्म का औफिस है, जिसे मैं ने 15 साल मेहनत कर के कमाया, मेरा जिंदगी में एक ही सपना था कि मैं जब भी फिल्म निर्माता बनूं मेरा अपना खुद का औफिस हो, मगर लगता है यह सपना टूटने का वक्त आ गया है. आज वहां अचानक बीएमसी के लोग आए.’’

अभी तक संजय राउत से जबानी जंग लड़ने वाली कंगना अपना 48 करोड़ रुपए मूल्य का दफ्तर टूटता देख घायल शेरनी की तरह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर टूट पड़ीं. उद्धव के लिए उन के शब्द पहले से ज्यादा कर्कश थे. कंगना दहाड़ी, ‘‘उद्धव ठाकरे तुझे क्या लगता है कि तूने फिल्म माफिया के साथ मिल कर मेरा घर तोड़ कर मुझ से बहुत बड़ा बदला लिया है? आज मेरा घर टूटा है, कल तेरा घमंड टूटेगा. यह वक्त का पहिया है, याद रखना, हमेशा एकजैसा नहीं रहता.’’

कंगना की इस आक्रामकता का आने वाले समय में महाराष्ट्र सरकार की तरफ से क्या नया जवाब मिलेगा यह देखना दिलचस्प होगा. इतना तो साफ है कि सत्ता की बिसात पर कंगना अपना काफी व्यक्तिगत नुकसान कर बैठी हैं. नुकसान अभी और होगा. सुशांत सिंह राजपूत की मौत की वजह हत्या है या आत्महत्या, इसे जानने में लोगों की दिलचस्पी बढ़ती ही जा रही है.

क्या कंगना को मुंबई पुलिस ड्रग केस में पलटेगी? क्या बौलीवुड कंगना के समर्थन में आगे आएगा? उन के ऐक्टिंग कैरियर की दिशा और दशा अब क्या होगी? क्या कंगना का फिल्म कैरियर अब खत्म हो जाएगा? क्या भाजपा कंगना के लिए राजनीति की राह साफ करेगी या अपना काम निकाल कर उन्हें उन के हाल पर छोड़ देगी? क्या अपनी ‘जान से प्यारी मुंबई’ में कंगना सुरक्षित रहेगी? सवाल बहुतेरे हैं.

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17 साल की उम्र में ‘गैंगस्टर’ जैसी फिल्म से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाली कंगना रनौत ने ‘क्वीन’ और ‘तनु वेड्स मनु’ जैसी फिल्मों में बौलीवुड में अपनी एक खास जगह बनाई. 3 नैशनल अवार्ड्स समेत कमर्शियल फिल्मों में धमाकेदार कमाई के बावजूद कंगना के खाते में फिल्में आनी धीरेधीरे कम होती चली गईं. वजह है कंगना का बड़बोलापन और इंडस्ट्री के लोगों से उन के झगड़े.

कंगना खुद मानती हैं कि इंडस्ट्री में जगह बनाने के लिए उन्होंने कई लोगों का साथ पकड़ा, मगर बाद में रिश्ते खराब होने पर कंगना उन्हें सरेआम नंगा करने से भी नहीं चूकीं. फिर चाहे वे आदित्य पंचोली हों, अध्ययन सुमन हों या ऋतिक रोशन. सोशल मीडिया पर उन्होंने कई बड़े ऐक्टर्स को बदनाम किया.

उन पर प्रताड़ना और ब्लैकमेल करने के आरोप लगाए. मगर ये सब सिर्फ सोशल मीडिया पर ही चलता रहा, कभी पुलिस के रजिस्टर में एफआईआर के तौर पर दर्ज नहीं हुआ. सुशांत मामले में तो कंगना रनौत नैपोटिज्म से ले कर बौलीवुड माफिया, ड्रग्स कौकस तक पर बोलीं.

उल्लेखनीय है कि बौलीवुड में अपने शुरुआती दिनों के दौरान कंगना अभिनेता आदित्य पंचोली के साथ एक रिश्ते में थीं. आदित्य उन से करीब 20 वर्ष बड़े हैं और वे विवाहित भी थे. कंगना से उन का रिश्ता तब टूटा जब कंगना ने आदित्य पर उन के साथ हिंसा करने का आरोप लगाया. उन के बीच तलखी अभी भी बनी हुई है और समयसमय पर कंगना के ट्वीट्स में दिखती भी है.

अभिनेता शेखर सुमन के बेटे अध्ययन सुमन के साथ कंगना का रिश्ता रहा और जब यह टूटा तो अध्ययन ने कहा, ‘‘मेरे रिश्ते की वजह से मुझे भावनात्मक रूप से बदनाम किया जा रहा है. कंगना ने मेरा इस्तेमाल किया है और वह मेरा दुरुपयोग करती थी. वह मुझे अपमानजनक कौल करती थी और उस ने अपनी सीमाएं पार कर दीं. चूंकि वह मेरी मां को फोन कर के परेशान करने लग गई थी.’’

ऋतिक रोशन और कंगना रनौत के बीच की लड़ाई भी खूब सुर्खियों में रही. दोनों की लड़ाई इस कदर चर्चा में रही कि ऋतिक और उन की पत्नी सुजैन के अलग होने में भी कंगना का नाम अफवाहों में आया. लेकिन ऋतिक और कंगना के बीच तलखी चरम पर तब पहुंची जब कंगना ने एक इंटरव्यू के दौरान ऋतिक को अपना ऐक्स बताया और कहा कि ऋतिक उन की अटेंशन पाने के लिए उन के आगेपीछे घूमते हैं.

इस पर ऋतिक ने पलटवार करते हुए कंगना को कहा कि वे दिमागी तौर से बीमार हैं और वह उन की इमेज खराब कर रही हैं.

निशाने पर महाराष्ट्र सरकार क्यों

कंगना हमेशा से अपने बेबाक बोलों के लिए जानी जाती हैं और इस के चलते ही अब फिल्म इंडस्ट्री में लोग उन से कटने लगे हैं. कोई उन के साथ काम नहीं करना चाहता कि पता नहीं कब, किस पर, वे क्या इलजाम थोप दें. इंडस्ट्री में अपने खत्म होते कैरियर को देख कर भी कंगना के उग्र व्यवहार में रत्तीभर फर्क नहीं आया, बल्कि अब तो वे और ज्यादा मुखर हो गई हैं. अब तक कंगना के विवाद बौलीवुड ऐक्टर्स के साथ थे, लेकिन यह पहला मौका है जब कंगना एक ऐसे मुद्दे के केंद्र में आ गई हैं, जिस में उन के निशाने पर मुंबई पुलिस, बीएमसी और महाराष्ट्र सरकार है.

कंगना ने बीते दिनों बौलीवुड में ड्रग्स के इस्तेमाल को ले कर बड़े दावे किए हैं. बकौल कंगना फिल्म इंडस्ट्री ड्रग माफिया के चंगुल में है. उन्होंने यह भी कहा कि वह नारकोटिक्स ब्यूरो की मदद करने को तैयार हैं, क्योंकि उन्हें बौलीवुड पार्टीज में ड्रग्स के इस्तेमाल को ले कर काफी जानकारी है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मैं नारकोटिक्स ब्यूरो की मदद करने के लिए पूरी तरह तैयार हूं, लेकिन मुझे केंद्र सरकार से सुरक्षा चाहिए. मैं ने सिर्फ अपने कैरियर को जोखिम में नहीं डाला है, बल्कि मैं ने अपनी जिंदगी को भी जोखिम में डाला है. यह काफी स्पष्ट है कि सुशांत को कुछ बुरे राज पता थे, इसलिए उसे मार दिया गया.’’

सुशांत सिंह मामले में जब ड्रग ऐंगल सामने आया तो उन्होंने ट्वीट कर के कहा कि उन का मैंटर भी उन्हें पार्टीज में ड्रग्स लेने के लिए मजबूर करता था यानी कंगना ने खुद ड्रग्स लेने की बात स्वीकार की है, जिस का नतीजा यह हुआ कि मुंबई पुलिस ने उन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

महाराष्ट्र सरकार के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार कंगना रनौत के ड्रग्स लेने के मामले की जांच करेगी. इस पर पलटवार करते हुए कंगना ने महाराष्ट्र सरकार को चुनौती देते हुए कहा है कि अगर जांच में उन के और ड्रग पैडलर्स के बीच किसी तरह का संबंध होने का सुबूत मिलता है तो वे हमेशा के लिए मुंबई छोड़ने के लिए तैयार हैं.

उधर सुशांत केस में न्याय के लिए आवाज उठाने वाले शेखर सुमन के बेटे अध्ययन सुमन का कहना है कि कंगना खुद ड्रग्स लेती थीं और उन्हें लेने के लिए भी मजबूर करती थीं. इस बात को आधार मान कर अनिल देशमुख ने जांच के आदेश दिए हैं. मुंबई पुलिस इस केस को देखेगी.

आखिर कंगना ऐसा क्यों कर रही हैं

19 साल की उम्र में घर से बगावत कर के फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने के इरादे से आई कंगना रनौत अपनी हर अगली फिल्म के साथ बेहतर से बेहतर होती गईं, लेकिन जब बात उन के व्यवहार की होती है तो उन का बड़बोलापन, बिना सोचेसमझे बात कह देना, निजी संबंधों को बेदर्दी से उघाड़ देना, शब्दों की कटुता उन्हें इंडस्ट्री से दूर करती जा रही है.

उन्हें फिल्में मिलनी काफी समय से बहुत कम हो गई हैं और अब एक अभिनेत्री के रूप में कंगना रनौत को खुद इंडस्ट्री में अपना भविष्य कुछ खास नहीं दिख रहा है. इसीलिए उन्होंने फिल्म प्रोडक्शन की ओर कदम बढ़ाना शुरू किया था और बांद्रा में ‘मणिकर्णिका फिल्म’ के नाम से करोड़ों की लगात लगा कर औफिस खोला था.

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2017-18 तक कंगना मुख्यधारा की अभिनेत्रियों में गिनी जाती थीं, जिन्होंने अपने अच्छे काम से अपनी जगह बनाई, लेकिन इस के बाद धीरेधीरे उन की टिप्पणियां इतनी अपमानजनक होती गईं कि अब लोगों के लिए उन के साथ काम करना मुश्किल हो गया है.

हाल ही में मुंबई के प्रतिष्ठित डाइरैक्टर औफ फोटोग्राफी पीसी श्रीराम ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से कंगना के साथ काम न करने का ऐलान किया है. इंडस्ट्री में ऐसे बहुत कम लोग बचे हैं, जो उन के साथ फिल्म करने की हिम्मत रखते हैं. सुशांत मामले के बाद तो यह संख्या और भी घट गई है. कंगना को भी इस बात का एहसास है और इसीलिए उन्होंने अपने ऐक्टिंग कैरियर को महत्त्व देना बंद कर दिया है और जिस तरह उन्हें भाजपा से शह मिल रही है, शायद वे राजनीति में जाने के संकेत दे रही हैं.

कंगनाशिवसेना विवाद के पीछे सुशांत सिंह राजपूत को न्याय दिलाने से ज्यादा एक राजनीतिक अंडर करंट है, जिस की वजह से दोनों पक्षों के बीच आक्रामकता इतनी ज्यादा बढ़ गई है. भाजपा की मदद से कंगना अब अपनी राष्ट्रीय छवि गढ़ रही हैं. उन की महत्त्वाकांक्षाएं बड़ी हैं. हो सकता है आने वाले समय में वे राष्ट्रपति के कोटे से राज्यसभा पहुंच जाएं.

200 के बजट में खरीदें ये परफ्यूम

गरमी हो चाहे सरदी परफ्यूम हर किसी को पसंद आता है और हर किसी को लगाना पसंद होता है. परफ्यूम वेडिंग हो या डेली औफिस सभी को इसकी जरूरत पड़ती है, लेकिन कई बार बजट और अलग-अलग ब्रैंड के परफ्यूम के कारण कईं लोग परफ्यूम नही खरीदते. इसीलिए आज हम आपको 200 से कम कीमत के परफ्यूम के बारे में बताएंगे, जिसे आप वेडिंग हो या औफिस कभी भी लगा सकते हैं.

1. Envy Women Perfume Eau de Parfum

अगर आप परफ्यूम की शौकीन हैं तो ये परफ्यूम आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. ये आपको फ्रेशनेस का एहसास कराएगा. सिंपल लुक के साथ ये परफ्यूम आपके लिए परफेक्ट रहेगा. Envy Women Perfume Eau de Parfum की 30ml की बोतल आप केवल 134 रूपए में अपनी नजदीकी शौप से खरीद सकते हैं या फिर आप इसे औनलाइन भी और्डर कर सकते हैं.

औनलाइन खरीदने के लिए- Envy Women Perfume Eau de Parfum – 30 ml  (For Women)

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2. Engage W1 Perfume Body Spray

अगर आप कहीं डेट पर जाने वाले हैं कुछ नया और सिंपल बौडी स्प्रे ढूंढ रहे हैं तो ये बौडी स्प्रे आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. Engage W1 Perfume Body Spray – For Women  (120 ml) आपके खास दिन को और भी खास बनाने के लिए परफेक्ट औप्शन है. सिंपल फ्रेग्रेंस के साथ आप इस परफ्यूम को 120ml  केवल 139 रूपए में खरीद सकते हैं.

औनलाइन खरीदने के लिए- Engage W1 Perfume Body Spray – For Women  (120 ml)

3. Layer’r Wottagirl Secret Crush Body Spray

अगर आप कौलेज गोइंग लड़की हैं या फिर आप किसी कौलेज गोइंग लड़की को परफ्यूम गिफ्ट करना चाहते हैं तो ये परफ्यूम आपके लिए अच्छा औप्शन है. सिंपल फ्रेगरेंस वाला ये बौडी स्प्रे आपको कौलेज में फ्रेशनेस का एहसास कराएगा. Layer’r Wottagirl Secret Crush Body Spray For Women का 135ml की बोतल आप 195 रूपए में खरीद सकते हैं.

औनलाइन खरीदने के लिए- Layer’r Wottagirl Secret Crush Body Spray For Women, 135ml

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पति जब मां मां करे, तो क्या करें पत्नियां

नेहा की नई-नई शादी हुई है. वह विवाह के बाद जब कुछ दिन अपने मायके रहने के लिए आई तो उसे अपने पति से एक ही शिकायत थी कि वह उस का पति कम और ‘मदर्स बौय’ ज्यादा है. यह पूछने पर कि उसे ऐसा क्यों लगता है? उस का जवाब था कि वह अपनी हर छोटीबड़ी जरूरत के लिए मां पर निर्भर है. वह उस का कोई काम करने की कोशिश करती तो वह यह कह कर टाल देता कि तुम से नहीं होगा, मां को ही करने दो.

नेहा पति के ये सब काम खुद करना चाहती है, लेकिन उस की सास उसे कोई मौका नहीं देतीं. नेहा की मां माला ने बेटी को समझाया कि चिढ़ने और किलसने से कोई लाभ नहीं है. बेकार में अपना खून जलाओगी. मांबेटे की इस दोस्ती का खुलेदिल से स्वागत करो और फिर बड़ी होशियारी से उन के बीच अपनी जगह बनाओ. नेहा की बातें सुन कर माला को अपने पुराने दिन याद आ गए. जब वे इस घर में ब्याह कर आई थीं, इस समस्या को उन्होंने भी लंबे समय तक झेला था.

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नेहा की दादी भी अजय के सभी निजी काम खुद ही करती थीं. उन का कहना था कि उन्होंने बेटे को बहुत नाजों से पाला है, उसे अपने काम खुद करने की आदत नहीं है. उन्होंने बचपन से उस की हर छोटीबड़ी जरूरत का ध्यान रखा है. सुबह उठ कर चाय के पहले कप से ले कर नहाने का गरम पानी, अंडरगारमैंट्स, तौलिया, प्रैस किए हुए कपड़े, नाश्ता, लंच, जूतेजुर्राबें देना सब काम वे ही करती थीं.

सहज व स्वाभाविक

पति के जीवन में मां की इतनी ज्यादा भूमिका देख कर माला को भी बुरा लगता था. वे सोचती थीं कि अब उन का विवाह हो गया है तो ये जिम्मेदारियां उन्हें निभानी चाहिए. वैसे भी विवाह के शुरुआती दिनों में एकदूसरे के छोटेछोटे काम करना असीम सुख देता है, लेकिन माला को यह सुख कभी नहीं मिला. उन्होंने सास के हाथ से पति के काम की कमान लेने की बहुत कोशिश की, लेकिन वे जितनी कोशिश करतीं, सास की पकड़ और मजबूत होती चली जाती. यह समस्या कोई नई नहीं है. हां, समय के साथ इस का स्वरूप थोड़ा बदला जरूर है. विवाह से पहले अधिकतर लड़कों का पूरापूरा झुकाव मां की तरफ होता है. बचपन से ही वे मां के सान्निध्य में पलेबढ़े होते हैं और युवावस्था में भी मां ही उन की सर्वेसर्वा होती है, जिस के साथ वे अपने मन की हर बात शेयर कर लेते हैं. इसलिए मां के साथ उन का प्रेम सहज व स्वाभाविक है. सब से पहली बात कि इसे अन्यथा न लें, चिढ़ें नहीं. अगर वे दोनों नहीं समझते हैं तो आप खुश रहें और खुद को उसी माहौल में ढालने का प्रयास करें.

क्या करें पत्नी 

बहुत कम पुरुषों को अपना काम खुद करने की आदत होती है. वे अपने हर छोटेबड़े काम के लिए मां पर निर्भर होते हैं. पुरुष के जीवन में विवाह बहुत बड़ा बदलाव लाता है और इस नए जीवन में उसे कदमकदम पर अपनी चिरपरिचित सहायिका की तलाश होती है. 25-30 साल तक वह अपनी हर छोटीबड़ी जरूरत के लिए जिस औरत पर निर्भर था, उस से एकदम से अपने को कैसे अलग कर ले? फिर पत्नी के साथ खुलने में उसे थोड़ा समय लगता है, इसलिए वह उतने अधिकार से हर काम पत्नी से नहीं कह सकता जितने अधिकार से वह अपनी मां से कह लेता है. इसलिए उसे कुछ काम पत्नी से करवाने में थोड़ी हिचकिचाहट होती है. अत: उसे थोड़ा समय दें.

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कुछ मांएं तो बेटे के विवाह के बाद उस के  निजी कार्यों से खुद को स्वयं ही अलग कर लेती हैं और यह जिम्मेदारी बहू को सौंप देती हैं. अगर आप की सास यह जिम्मेदारी एकदम से छोड़ने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं हैं  उन्हें थोड़ा समय दें. इस से उन्हें बुरा नहीं लगेगा.अधिकतर मांएं अपने बेटे पर ज्यादा हक जमाती हैं. वे किसी न किसी बहाने बेटे को अपने साथ जोड़े रखना चाहती हैं. उन के मन में डर होता है कि विवाह होते ही बेटा पत्नी का हो जाएगा और उन्हें नहीं पूछेगा. बहू को सास के मन के इस डर को खत्म करना जरूरी है. उन्हें इस बात का एहसास कराना चाहिए कि वे सब परिवार में एकदूसरे के सुखदुख के पूरक हैं.

ज्यादातर घरों में झंझट बेटे की तनख्वाह को ले कर होता है. विवाह से पहले तक बेटा अपनी सारी तनख्वाह मां के हाथ पर रखता है, लेकिन विवाह के बाद पत्नी को लगता है कि पति की कमाई पर तो सिर्फ उस का अधिकार है. यह सोच गलत है, पति की कमाई पर सिर्फ उसी का नहीं, उस की मां का भी अधिकार है. अगर सारा घर खर्च एक ही जगह से होता है तो पत्नी को इस बात पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए. घर से बाहर जाने के लिए उन की इजाजत लेना या फिर उन्हें सूचित करना निहायत जरूरी है. अगर पति हर बार बाहर जाने से पहले अपनी मां को बता कर जाता है, तो इसे अन्यथा न लें.

मांबेटे के प्रेम को ले कर ज्यादा छींटाकशी या रोकटोक न करें. पति को प्यार से धीरेधीरे समझाएं. तीखे कटाक्षों और बिना वजह रोकटोक से पति कभीकभी बुरी तरह तिलमिला जाते हैं. फिर वे जानबूझ कर पत्नी को चिढ़ाने के लिए वही काम करते हैं, जो उसे बुरा लगता है.

अगर पति ज्यादा मांमां करता है तो आप भी मां की चहेती बनने का प्रयास करें. अगर वह हर बात में मां को महत्त्व देता है, तो आप भी हर काम में सास की सलाह ले सकती हैं.

विवाह के बाद भी अगर कुछ दिनों तक मां बेटे के निजी काम करना चाहती हैं तो करने दें, क्योंकि यह सब पहले उन की दिनचर्या का हिस्सा था, इस दिनचर्या को बदलने के लिए उन्हें समय दें. रोकटोक न करें.

पति की भूमिका

पति सास और बहू के बीच की कड़ी होता है, इसलिए उस की भूमिका सब से अधिक महत्त्वपूर्ण होती है. समझदार युवक वही होता है, जो हर रिश्ते के महत्त्व को समझता है और हर रिश्ते को बिना किसी को शिकायत का मौका दिए सही ढंग से निभाता है.

पति को विवाह के बाद धीरेधीरे अपने जीवन की बागडोर मां के हाथों से ले कर पत्नी के हाथों में सौंप देनी चाहिए, लेकिन यह काम प्यार और होशियारी से करना होगा. उसे खुद आगे बढ़ कर मां से कहना चाहिए कि मां तुम ने बहुत कर लिया, अब तुम्हारी आराम करने की बारी है.

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मां की भूमिका

अंदर से हर मां जानती है कि विवाह के बाद बेटे पर उस से अधिक अधिकार उस की पत्नी का होता है, इसलिए विवाह के बाद हर मां को चाहिए कि वह बेटे से जुड़ी हर निजी जिम्मेदारी बहू को सौंप दे. वह खुद उसे समझाए   उसे कब क्या करना चाहिए, उस का निजी सामान कहां रखा है. उसे खाने में क्या पसंद है, आदि. अगर विवाह के बाद बेटा मां को तनख्वाह ला कर देता है तो मां को कम से कम एक बार अवश्य कहना चाहिए कि इस पर अब उस की पत्नी का अधिकार है.

Festive Special: फेस्टिवल के लिए परफेक्ट है ‘अनुपमा गर्ल्स’ के ये 5 लुक्स  

स्टार प्लस का सीरियल ‘अनुपमा’ इन दिनों टीआरपी लिस्ट में धमाल मचा रहा है. लीड रोल में नजर आ रही रूपाली गांगुली, सुधांशु पांडे और मदालसा शर्मा को फैंस का बेहद प्यार मिल रहा है, जिसके चलते इस बार यह सीरियल टीआरपी लिस्ट में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है. वहीं सीरियल के ट्रैक की बात करें तो काव्‍या ने वनराज को शादी के लिए प्रपोज किया है. जबकि दूसरी तरफ वनराज पत्‍नी अनुपमा से एक्‍स्‍ट्रा मैरिटल अफेयर का सच छिपाने की पूरी कोशिश कर रहा है. हालांकि अब शो में इसी ट्रैक के चलते नए ट्विस्ट देखने को मिलने वाले हैं. लेकिन आज हम आपको शो की कहानी नही बल्कि कास्ट के एक सीन में कैरी किए गए लुक्स के बारे में बताएंगे, जिसे फैंस काफी पसंद कर रहे हैं.

अगर आप इस फेस्टिव सीजन रेड के कौम्बिनेशन से अपनी फैमिली के आउटफिट का थीम चुनने की सोच रहे हैं तो सीरियल ‘अनुपमा’ की लेडी गैंग के ये लुक ट्राय करना ना भूलें.

1. हैवी दुपट्टा है लहंगे के साथ परफेक्ट

अगर आप फेस्टिव सीजन में रेड कलर के साथ कुछ ट्रैंडी ट्राय करना चाहते हैं तो हैवी दुपट्टा और उसके साथ प्लेन रेड कलर लहंगा परफेक्ट औप्शन है. ये आपके लुक को स्टाइलिश बनाएगा.

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2. प्लेन रेड ड्रैस है परफेक्ट 

अगर आप अपने लिए प्लेन रेड का औप्शन तलाश रही हैं तो रेड कलर की ड्रेस आपके लिए परफेक्ट औप्शन है.

3. प्लेन लहंगे के साथ हैवी ज्वैलरी

अगर आप सिंपल लहंगा ट्राय करना चाहती हैं तो हैवी ज्वैलरी का कौम्बिनेशन आपके लिए बेस्ट औप्शन है. इससे आप अपने लुक को एलीगेंट दिखाएंगी.

4. बनारसी साड़ी है परफेक्ट

बनारसी साड़ी फेस्टिव सीजन में बेस्ट औप्शन होता है, जो आपके लुक पर चार चांद लगा देता है. अगर आप भी फैस्टिवल में कुछ ट्रैंडी लेकिन सिंपल रखने का मन बना रही हैं तो अनुपमा की बनारसी साड़ी परफेक्ट रहेगी.

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5. रफ्फल साड़ी है परफेक्ट

अगर आप रफ्फल लुक ट्राय करना चाहती हैं तो मदालसा शर्मा की ये रफ्फल साड़ी आपके लुक पर चार चाद लगा देगी. साथ ही चोकर आपके लुक को कम्पलीट कर देगा.

हार्ट अटैक और हार्ट फेल्योर में क्या फर्क है?

सवाल

मेरी उम्र 32 साल है. कुछ साल पहले मेरे पापा को दिल का दोरा पड़ा था और कुछ दिनों पहले ही पता चला कि मेरा दिल लगभग फेल हो चुका है. समस्या गंभीर होने के कारण डाक्टर ने हार्ट ट्रांसप्लांट की सलाह दी है. मैं जानना चाहता हूं कि हार्ट अटैक और हार्ट फेल्योर में क्या फर्क है?

जवाब-

किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक तब आता है, जब हृदय की तरफ बहने वाले रक्त में बाधा पैदा हो. अमूमन ऐसा धमनियों में प्लाक जमा होने के कारण होता है. हृदय तक खून नहीं पहुंच पाने की ऐसी गंभीर समस्या के चलते हृदय की मांसपेशियों के बुरी तरह क्षतिग्रस्त होने की आशंका पैदा हो जाती है. दूसरी तरफ, हार्ट फेल्योर एक ऐसी बीमारी है, जो व्यक्ति को धीरेधीरे शिकार बनाती है. इस में हृदय की मांसपेशियां कमजोर और कड़ी पड़ जाती हैं और ऐसे में उन्हें रक्त को पंप करने में मुश्किल आती है, जोकि रक्तप्रवाह के लिए एक जरूरी प्रक्रिया है.

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कार्डियक अरेस्‍ट होना आज के इस व्यस्त समय में एक आम बात हो गई है. आए दिन कार्डियक अरेस्‍ट से होने वाली मौत इस बात का सबूत है. पर क्या आप जानते है की कार्डियक अरेस्‍ट क्यूं और इसके लक्षण क्या होते है तो चलिए हम आपको बताते है.

 कार्डियक अरेस्‍ट

कार्डियक अरेस्‍ट का मतलब है अचानक दिल का काम करना बंद हो जाना. ये कोई लंबी बीमारी का हिस्‍सा नहीं है इसलिए ये दिल से जुड़ी बीमारियों में सबसे खतरनाक माना जाता है.

दिल के दौरे से क्यूं अलग है कार्डियक अरेस्‍ट  

कार्डियक अरेस्‍ट को अक्सर लोग दिल का दौरा समझते हैं, मगर ये उससे अलग है. जानकार बताते हें कि कार्डियक अरेस्ट तब होता है जब दिल शरीर के चारों ओर खून पंप करना बंद कर देता है. मेडिकल टर्म में कहें तो हार्ट अटैक सर्कुलेटरी समस्या है जबकि कार्डियक अटैक, इलेक्ट्रिक कंडक्शन की गड़बड़ी की वजह से होता है.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- जाने क्यूं हार्ट अटैक से अलग है कार्डियक अरेस्ट

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