कीर्तन: धार्मिक किट्टी पार्टी

‘‘शैलजा, कल तुम औफिस से छुट्टी ले लेना. नवदुर्गा के पहले दिन हमारे घर पड़वा का कीर्तन है. माता रानी के चरणों में मन लगाएंगे,’’ सास के कहने पर शैलजा को हामी भरनी पड़ी.

शैलजा की नईनई शादी हुई थी. ससुराल का बेहद धार्मिक वातावरण उसे शादी में हुए पूजापाठ से ही समझ आ गया था. खैर, हर लड़की को अपनी ससुराल के अनुसार ढलना होता है, सोच कर शैलजा भी अपनी ससुराल के हर रीतिरिवाज, तीजत्योहार मनाने लगी थी.

महानगर में पलीबढ़ी, आज के जमाने की लड़की होते हुए भी एक अच्छी बहू बनने के लिए उस ने अपनी तार्किक सोच को मन ही मन दबा लिया.

नि:श्वासे न हि विश्वास: कदा रुद्धो भविष्यति।

कीर्तनीयमतो बाल्याद्धरेर्नामैव केवलम्॥

कैवल्याष्टकम्- 4 शात्रानुसार सांसों का कोई भरोसा नहीं, इसलिए बचपन से ही भजनकीर्तन में मन लगाना चाहिए. इसी सोच का फायदा उठाते हैं आज के भ्रष्ट गुरू जो भेड़ की खाल ओढ़े भेडि़ए हैं. अब सोचने की बात यह है कि अगर बचपन से ही भजनकीर्तन में समय बिताना शुरू कर दिया और इष्टदेव या गुरू का जाप करते रहे तो पढ़ने का समय कब मिलेगा, ऊपर से कैरियर का हश्र होगा सो अलग. ऊपर से आसाराम या रामरहीम जैसे गुरू मिल गए तो परिणाम क्या होगा, सर्वविदित है.

कीर्तन के पीछे एक ही मानसिकता बेची जाती है-पुण्य कमाना है तो कीर्तनसत्संग करना होगा. जो भगवान का नाम नहीं जपेगा या फिर दूसरे को ऐसा करने से रोकेगा अथवा हतोत्साहित करेगा वह पाप का भागीदार बनेगा.

कीर्तन करने के 2 मोटे फायदे हैं- अपने धनवैभव का शो औफ करना, साथ ही समाज में एक सुछवि बड़ी आसानी से स्थापित करना.

कीर्तन बनाम आडंबर

कीर्तन केवल भगवान में मन लगाने का जरीया नहीं है, अपितु समाज में अपनी अमीरी स्थापित करने का अचूक तरीका बनता जा रहा है. पूजा के दरबार को कोरी गोटेदार चुन्नियों, लाइट की झालरों व फूलों से सजाना, आने वाली सभी औरतों के लिए बैठने की व्यवस्था करना, धूप अगरबत्तीकपूर को थाली में सजा कर रखना, आने वाली मंडली के लिए ढोलक, मंजीरे का इंताजाम करना, प्रसाद के लिए व्रत वाला खाना लाना यही दर्शाता है.

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इतना ही नहीं, कीर्तन के बाद चायनाश्ते का इंतजाम भी करना होता है. कीर्तन आयोजित करने वाली महिला कितनी सुगढ़ है, यह उस के कीर्तन मैनेजमैंट पर निर्भर करता है.

मोक्ष की नहीं, प्रशंसा की लालसा

एक कथा के अनुसार एक बार नारद मुनि ने ब्रह्माजी से कहा, ‘‘ऐसा कोई उपाय बताइए जिस से मैं विकराल कलिकाल के जाल में न आऊं.’’

इस के उत्तर में ब्रह्माजी ने कहा:

आदिपुरुषस्य नारायणस्य नामोच्चारणमात्रेण निर्धूत कलिर्भवति.

अर्थात यदि मनुष्य भगवान का नाम लेगा तो केवल इसी उपाय से वह इस जन्ममृत्यु के जाल से मुक्त हो जाएगा. ऐसा ही एक श्लोक पद्म पुराण में भी आता है:

ये वदंति नरा नित्यं हरिरित्यक्षरद्वयम्।

तस्योच्चारणमात्रेण विमुक्तास्ते न संशय:॥

इस में यहां तक कहा गया है कि शुद्ध (पवित्र) या अशुद्ध (अपवित्र), सावधानी या असावधानी यानी किसी भी स्थिति में ‘हरि’ नाम जपने या उच्चारण करने से मनुष्य की मुक्ति हो जाती है, इस में कोई शंका नहीं है. अब सोचने की बात यह है कि ‘मुक्ति’ है क्या? धर्म के अनुसार मुक्ति यानी सांसारिक आवागमन से छुटकारा. अगलापिछला जन्म क्या है, क्या इस बात को कोई भी प्रमाणित रूप से बता सकता है? कीर्तन करने से किसी को जन्ममृत्यु से छुटकारा मिला या नहीं, इस की भी कोई प्रामाणिकता नहीं हो सकती. तो फिर मुक्ति का क्या अर्थ?

जो औरतें कीर्तन में ढोलकमंजीरा संभालती हैं, उन्हें मुक्ति से अधिक वाहवाही आकर्षित करती है. उन के बैठने के लिए खास जगह निश्चित रहती है. उन के आने पर ही कीर्तन शुरू होता है और जो औरतें माइक पर भजन गाती हैं, उन का तो मानो कोई सानी ही नहीं. एक बार माइक जिस के पास आ गया, उस के पास सुरताल हो या नहीं, वह माइक नहीं छोड़ती. बेसुरी आवाज, गलत धुन या फिर कंपकंपी आवाज में भी भजन गाने की होड़ सी लग जाती है.

इस समय इन में से किसी को भी भगवान के नाम या फिर मोक्ष की इच्छा नहीं रहती. होती है तो बस अपना नाम ऊंचा करने की तमन्ना. यही औरतें सब को निर्देश देती हैं कि पूजा कैसे करनी है, भोग कैसे चढ़ाना है, आरती कैसे करनी है. इन्हीं के कहे अनुसार सारा कार्यक्रम चलता है.

व्यक्तिगत तौर पर कोई महिला कैसी भी हो, किंतु यदि वह धार्मिक आडंबरों को भली प्रकार निभा जाती है तो हमारा समाज उसे ‘एक अच्छी महिला’ का मुकुट पहनाने में जरा भी नहीं झिझकता.

कीर्तन खत्म, किट्टी पार्टी चालू

कीर्तन के बाद जैसे ही चायनाश्ता परोसा जाता है, साथ ही रस ले कर बांटी जाती हैं चुगलियां और बुराइयां. जो महिलाएं कुछ देर पहले तक पूरे जोरशोर से भजन गा रही थीं कि यह संसार एक मिथ्या है, संसार के रिश्तेनाते, धनसंपत्ति, सचझूठ सब यहीं रह जाएगा, वही महिलाएं अब अपनी सासपतिबहू या फिर पड़ोसियों की बुराई करने में एकदूसरे से होड़ लगाने लगती हैं. कहने को ये सभी धार्मिक कार्य करने को एकत्रित हुई हैं, किंतु सच यह है कि धर्म की आड़ ले कर ये सभी केवल अपना दिल बहलाती हैं. उस पर इन्हें समाज की नजरों में इज्जत और ओहदा मिल जाता है, जो इन के लिए सोने में सुहागा हो जाता है.

जो महिलाएं घर में बच्चोंबुजुर्गों की जिम्मेदारियों या तार्किक विचारों के कारण कीर्तन में सम्मिलित नहीं होतीं, उन्हें ये धार्मिक चोला ओढ़ने वाली महिलाएं जी भर कर सुनाती हैं. उन के जीवन में आए किसी भी कष्ट का श्रेय पूजाकीर्तन न करने को देती हैं. अफसोस कि हमारे सामज में प्रगतिशीलता से अधिक महत्त्व रूढि़वादिता तथा अंधभक्ति को दिया जाता है. संभवतया इसीलिए जिन महिलाओं के जीवन में कोई दिशा या काम नहीं बचा, वे विदेशी महिलाओं की तरह अपने आसपास के समाज को सुधारने, साफ करने और सुंदर बनाने के बजाय कीर्तन में टाइम वेस्ट करना पसंद करती हैं.

बृहन्नारदीय पुराण में कहा गया है:

संकीर्तनध्वर्नि श्रुत्वा ये च नृत्यतिंमानवा:।

तेषां पादरजस्पर्शान्सद्य: पूता वसुंधरा॥

अर्थात जो भगवन्नाम की ध्वनि को सुन कर प्रेम में तन्मय हो कर नृत्य करते हैं, उन की चरणरज से पृथ्वी शीघ्र ही पवित्र हो जाती है. इसी से प्रेरित हो कर चैतन्य महाप्रभु ने सामूहिक संकीर्तन की प्रणाली चलाई. इस्कौन के संस्थापक श्रील प्रभुपाद ने इसी हरीनम संकीर्तन को विश्व के हर गलीकोने तक प्रसारित कर दिया.

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यदि ऊपर दिए श्लोक के अर्थ पर विश्वास किया जाए तो इतना कीर्तन, इतनी जगहों पर कीर्तन होने से अब तक पृथ्वी का कितना भला हो जाना चाहिए था. किंतु पृथ्वी तो दिनोंदिन दूषित हो रह??ी है. इस के संसाधन समाप्त होते जा रहे हैं, इस पर प्रदूषण का असर हो रहा है… क्या इस सब का उपचार कीर्तन में छिपा है? यदि हां तो पूरे संसार में इतने कीर्तनों का असर क्यों नहीं दिखाई दे रहा?

स्पष्ट है कि यदि हमें अपने जीवन को बेहतर बनाना है, इस संसार को उत्तमतर बनाना है और अपनी पृथ्वी को सुधारना है तो हमें कीर्तनों में समय व्यर्थ न कर काम करने की आवश्यकता है. समाज को श्रेष्ठतर बनाने हेतु हमें वैज्ञानिक सोच को अपनाना होगा.

छोटी सरदारनी: क्या परम की बीमारी की सच्चाई मेहर से छिपा पाएगा सरब?

कलर्स के शो, ‘छोटी सरदारनी’ में सरब, परम की बीमारी के बारे में सुनकर हैरान है. लेकिन वह मेहर से अपना दर्द छिपा रहा है ताकि मेहर के आने वाले बच्चे की जिंदगी को किसी तरह का नुकसान ना हो. पर क्या मेहर समय रहते परम की बीमारी के बारे में पता लगा पाएगी. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

झूठी रिपोर्ट देता है सरब

अब तक आपने देखा कि सरब, परम के ट्यूमर की रिपोर्ट की जगह मेहर को झूठी रिपोर्ट देता है ताकि वह किसी तरह का तनाव ना ले, लेकिन हरलीन और डौली, मेहर को परम की फ्रिक करने का झूठा नाटक बताते हैं, जिसे सुनकर सरब को गुस्सा आ जाता है. सरब, हरलीन और डौली को अलग ले जाकर परम के ट्यूमर का सच बताता है और कहता है कि इस बारे में मेहर को पता नही लगना चाहिए.

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डौक्टर से मिलेगा सरब

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आज आप देखेंगे कि मेहर, सरब को कहीं जाते हुए देखेगी, जबकि सरब कहेगा कि वह औफिस में है. दूसरी तरफ, सरब होटल जाकर परम की डौक्टर संजना से मिलेगा और कहेगा कि जितने भी पैसे चाहिए वो दे देगा, लेकिन ये बात किसी को पता नही लगनी चाहिए. मेहर सरब की ये बातें सुनकर हैरान हो जाएगी. साथ ही मेहर को इस बात का यकीन हो जाएगा कि सरब कोई न कोई बात छिपा रहा है.

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अब देखना ये है कि क्या सरब, परम की बीमारी का सच मेहर से छिपाने में कामयाब हो पाएगा? जानने के लिए देखते रहिए ‘छोटी सरदारनी’, सोमवार से शनिवार, रात 7:30 बजे, सिर्फ कलर्स पर.

बेकार पड़ी प्लास्टिक की चम्मच से सजाएं घर

घर में ऐसी बहुत सी चीजें होती हैं जिसे आप बेकार समझ कर फेंक देते हैं. लेकिन घर में पड़ी ऐसी बहुत सी बेकार चीजें घर की डेकोरेशन में काम आती है. घर में बेकार पड़ी प्लास्टिक चम्मच, प्लास्टिक पाईप और स्प्रे पेंट घर की सजावट के लिए बहुत काम की चीज है. घर में पड़े बेकार प्लास्टिक से स्टाइलिश सुंदर फ्लावर से लेकर एक से बढ़कर एक डेकोरेटिड चीजें बनाई जा सकती है और घर को सजाया जा सकता है.

1. प्लास्टिक फ्लावर

सभी प्लास्टिक चम्मच को मोमबत्ती से गर्म करके फूल की शेप की तरह मोड़कर इसे अलग-अलग तरह के कलर कर दें. अब इसमें प्लास्टिक की पाइप पर चिपकाते हुए फूल की शेप देते जाएं. गुलाब बनकर तैयार होने पर कागज से पत्तियां बना कर इसमें चिपका दें. अब आप इसे फ्लावर पौट में लगा सकती हैं.

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2. फ्लावर पौट

चम्मच से फ्लावर पौट बनाने के लिए एक कांच की बेकार बोतल के चारों तरफ चम्मच के गोलाई वाले हिस्से को नीचे करके ग्लू की मदद से चिपका दें. इन कलरफुर चम्मच को उपर तक लगाने के बाद इसमें फूलों को डाल दें. अब इसे आप अपनी टेबल पर रख कर उसकी शोभा को बढ़ा सकती हैं.

3. लैंप

लैंप बनाने के लिए आप चम्मच को स्प्रे पेंट करने के बाद बोतल के चारों तरफ इसके गोलाई वाले हिस्से को नीचे की तरफ करके लगाए. इसे लगाने के बाद इसमें बल्ब होल्डर लगा कर बल्ब को जला कर देखें. इससे आप अपने घर को अटरैक्टिव लुक दे सकती हैं.

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4. कैंडल स्टैंड

कैंडल स्टैंड बनाने के लिए आप चम्मच के गोलाई वाले हिस्से को बाहर की तरफ करके उसकी डेडी को अंदर की तरफ चिपका दें. इसी तरह इसे एक के उपर एक लगाते जाएं. जब ये काफी बड़ा हो जाएं तो आप इसके बीच में कैंडस को लगा दें. चम्मच के गोलाई वाले हिस्से में आप मोती भी लगा सकती हैं.

दुल्हन बनीं शिवांगी जोशी, भाई-बहन के साथ ऐसे की मस्ती

टीवी के पौपुलर एक्ट्रेसेस में से एक शिवांगी जोशी इन दिनों शो की शूटिंग में काफी बिजी हैं, जिसके कारण उन्हें अपनी फैमिली से भी मिलने का टाइम नही मिल पा रहा है. वहीं बिजी शिवांगी को सरप्राइज देने के लिए शो के सेट पर उनके भाई-बहन पहुंचे, जिसकी फोटोज सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है. आइए आपको दिखाते हैं शिवांगी और उनके भाई-बहन की खास फोटोज…

भाई पर शिवांगी ने लुटाया प्यार

बहन को सरप्राइज देने पहुंचे भाई समर्थ जोशी पर खूब प्यार लुटाया. वहीं शिवांगी ने भाई-बहनों को देखते ही अपना फोन फटाफट निकाल लिया और भाई-बहनों के साथ मिलकर ढेर सारी सेल्फी क्लिक की.

 

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दुल्हन के लिबास में दिखीं शिवांगी

शो के सेट पर शिवांगी जोशी दुल्हन के लिबास में दिखीं और इस दौरान उनका दुल्हन के लुक में खूबसूरत आउटफिट शिवांगी के लुक पर चार चांद लगा रहा था.

भाई ने लिया शिवांगी का फोन

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शिवांगी के भाई समर्थ ने उनका फोन लेकर खुद ही तस्वीरें क्लिक करनी शुरु कर दी, इसी के साथ दोनों बहनों ने भाई के साथ फोटोज क्लिक करवाई.

फैंस बना रहे है कोलॉज

ये रिश्ता की एक्ट्रेस शिवांगी जोशी अपने सीरियल में नायरा के रोल के लिए काफी पौपुलर हैं. वहीं उनके फैंस भी उनकी फोटोज के साथ कईं सारे कोलाज बनाते हैं, ऐसे ही फैंस सोशल मीडिया पर शिवांगी जोशी की नई फोटोज बनाकर वायरल कर रहे हैं.

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पंखुड़ी संग डांस करती नजर आईं थी शिवांगी

एक्ट्रेस शिवांगी जोशी की हाल ही में एक वीडियो वायरल हुई थी, जिसमें वह अपनी को-स्टार वेदिका संग डांस करते हुए नजर आई थीं. फैंस ने शिवांगी की इस वीडियो को काफी पसंद किया था.

बता दें, इन दिनों शिवांगी जोशी अपने को स्टार मोहसिन खान से ब्रेकअप की खबरों को लेकर काफी सुर्खियों में हैं. दूसरी तरफ शो में कार्तिक और नायरा की शादी का सीन आने वाला है.

शादी के बाद यूं एंजाय कर रही हैं मोहेना कुमारी, ऐसे ख्याल रखते हैं पति

डांस रियलिटी शो और टीवी सीरियल से पहचान बना चुकी रीवा की राजकुमारी मोहेना कुमारी सिंह की हाल ही में पति सुयश रावत संग फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. मोहेना भले ही इंडस्ट्री से दूर हो गई हैं, लेकिन वह अपनी शादी को लेकर आज भी सुर्खियों में है. वहीं पति सुयश में मोहेना का पूरी तरह से ख्याल रख रहे हैं. आइए आपको दिखाते हैं मोहेना की ये खास फोटोज….

सुयश करते हैं मोहेना की फोटोज क्लिक

हाल ही में वायरल हुई फोटोज से साफ पता चल रहा है कि सुयश वाइफ मोहेना को पूरी तरह समय दे रहे हैं. साथ ही उनकी खुशी का भी ख्याल रख रहे हैं. दरअसल, मोहेना कुमारी की वायरल हुई सारी फोटोज उनके पति सुयश रावत ने ही क्लिक की हैं, जिसे फैंस काफी पसंद कर रहे हैं.

 

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Have a caption for this one ? Picture credit – Photographer husband @suyeshrawat

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पत्नी के हर पल को कैमरे में कैद करते हैं सुयश

मोहिना अक्सर सोशल मीडिया पर अपनी फोटोज शेयर करती रहती हैं, जिनमें वह अकेले नजर आती हैं. लेकिन वह बात अलग है कि सुयश मोहेना कुमारी के साथ बिताए हर पल को कैमरे में कैद कर लेना चाहते हैं, जिसके लिए वह फोटोज खींचते रहते हैं.

पति के दिल की धड़कन हैं मोहेना कुमारी

 

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Absorbing the Beauty of Love and Light all around.

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इन फोटोज को देख साफ पता लगता है कि ये रिश्ता क्या कहलाता है कि स्टार रही मोहेना कुमारी अपने पति के दिल पर राज करती है.

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सिक्किम दौरे पर भी खींची फोटोज

 

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वसुधैव कुटुम्बकं

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बीते दिनों जब अदाकारा अपने पति सुयश और फैमिली संग सिक्किम घूमने गई थीं, इस दौरान भी उनकी फैमिली के साथ वक्त बिताते हुए सुयश ने सारी फोटोज क्लिक की है. वहीं मोहेना कुमारी की नेपाली ड्रेस में फोटोज भी काफी वायरल हुई थीं.

बता दें, हाल ही में मोहेना अपनी घूंघट वाली फोटोज को लेकर काफी चर्चा में रही थीं, जिसके बाद मोहेना ना ट्रोलर्स को करारा जवाब दिया था.

शुभारंभ: क्या रानी की खुशियों के लिए उसके ही ससुराल में चोरी करेगा उत्सव?

कलर्स के शो, ‘शुभारंभ’ में शादी के बाद राजा-रानी की नई जिंदगी का शुभारंभ हो गया है. धीरे-धीरे दोनों के बीच प्यार और नज़दीकियाँ बढ़ रही हैं. वहीं राजा की माँ, आशा ने राजा और रानी को हनीमून पर भेजने का मन बना लिया है, लेकिन क्या कीर्तिदा, आशा की इस चाहत को पूरा होने देगी? आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

हनीमून पर स्विट्जरलैंड भेजेगी आशा

RANI

अब तक आपने देखा कि शादी के बाद राजा-रानी की पहली रात आ चुकी है, जिसमें दोनों पहली बार करीब आने वाले होते हैं. दूसरी तरफ कीर्तिदा और गुणवंत ये सुनकर हैरान हो जाते हैं कि आशा ने राजा और रानी के हनीमून के लिए स्विजरलैंड की टिकट बुक कर दी है. वहीं रानी, राजा को बताती है कि उसे हवाई जहाज में बैठने से डर लगता है, तब राजा, रानी का डर मिटाने की एक प्यारी सी कोशिश करता है. 

RAJA 

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पगफेरे के लिए मायके जाएगी रानी

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आने वाले एपिसोड में आप देखेंगे कि, राजा और रानी दोनों पगफेरे के लिए रानी के मायके जाएंगे. वहीं राजा की माँ को पैसे देने का डर रानी के भाई, उत्सव को सताएगा, जिसके लिए उत्सव का दोस्त रानी के ससुराल से पैसे चुराने की सलाह देता है. अपनी माँ से ससुराल की बातें करते वक्त जब रानी उन्हें चाबियाँ दिखाती है, उत्सव के मन में चोरी का ख्याल घर करने लगता है.

अब देखना ये है कि क्या उत्सव अपनी बहन, रानी की खुशियों के लिए उसके ही ससुराल में चोरी करेगा? जानने के लिए देखते रहिए शुभारंभ, सोमवार से शुक्रवार रात 9 बजे, सिर्फ कलर्स पर.

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लेजर ट्रीटमैंट से पाएं बेदाग स्किन

बेदाग चेहरा हर किसी को पसंद होता है. लेकिन यदि खूबसूरत चेहरे पर कोई दाग लग जाए तो वह भद्दा दिखने लगता है. जरूरी नहीं कि यह दाग जलने या कटने का हो. हो सकता है जन्म से हो. चेहरे पर कई प्रकार के मार्क्स हो जाते हैं जैसे तिल, मस्सा, फ्रैकल्स, बर्थमार्क इत्यादि. इन मार्क्स की वजह से चेहरे की खूबसूरती छिन सी जाती है. मगर अब बदलते समय के साथ ईजाद होती नई तकनीकों से इन मार्क्स को आसानी से हटाया जा सकता है.

इन्हीं नई तकनीकों में एक लेजर ट्रीटमैंट है. लेजर ट्रीटमैंट क्या है और यह कितना कारगर है, आइए जानते हैं ऐक्सपर्ट निमीषा गुप्ता से:

क्या है लेजर ट्रीटमैंट?

लेजर ट्रीटमैंट में लाइट की तेज किरणें ट्रीटमैंट किए जाने वाले हिस्से पर डाली जाती हैं, जो स्किन के ऊपर या अंदर वाली लेयर तक जा कर ट्रीटमैंट करती हैं. लेजर ट्रीटमैंट से स्किन के अनचाहे हिस्से को बर्न कर दिया जाता है, जिस से अनचाहा दाग खत्म हो जाता है.

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क्या बर्न करते समय स्किन के बाकी हिस्से को नुकसान पहुंचने का डर रहता है?

बिलकुल नहीं. बर्न सिर्फ  स्किन के उस हिस्से को किया जाता है जहां ट्रीटमैंट करना है. लेजर ट्रीटमैंट करते समय ऐनर्जी भी उतनी ही सैट की जाती है जितनी जरूरत होती है. यदि किसी के चेहरे पर लाइट फ्रैकल्स हैं तो ऐसे में ऐनर्जी लैवल 0.5 रखा जाता है. लेकिन फ्रैकल्स ज्यादा डार्क हों तो ऐनर्जी लैवल 0.5 से 1.5 तक रखा जाता है.

लेजर ट्रीटमैंट कितने प्रकार का होता है?

लेजर ट्रीटमैंट कई प्रकार का होता है, लेकिन ज्यादातर लोग Co2  और फ्रैकल्स लेजर करवाते हैं. इन की मदद से स्किन पर किसी भी प्रकार का निशान या दाग आसानी से ठीक हो जाता है.

Co2  लेजर क्या है और इस की प्रक्रिया क्या है?

Co2  लेजर से मस्सा, तिल या चेहरे पर होने वाला कोई भी निशान आसानी से हटाया जा सकता है. Co2  लेजर 0.5 ऐनर्जी पर किया जाता है. इस से चेहरे पर हुए अनचाहे निशान को जला दिया जाता है.

Co2  लेजर करने से पहले डाक्टर चेहरे के उस हिस्से को सुन्न करते हैं. कुछ देर बाद उस हिस्से को क्लीन कर दिया जाता है. फिर उस सुन्न किए गए हिस्से पर लेजर ट्रीटमैंट किया जाता है. लेजर करते समय हलकी बर्निंग होती है, जिस से चेहरे पर हुआ मार्क  जल जाता है और कुछ ही दिनों में यह सूख जाता है और पपड़ी बन कर रिमूव हो जाता है.

कितना समय लगता है निशान को चेहरे से हटने में?

करीब 5 दिनों के भीतर दाग रिमूव हो जाता है.

Co2  लेजर के बाद किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है?

Co2  लेजर के बाद लेजर किए गए हिस्से पर डाक्टर द्वारा दी गई दवा को समय पर लगाना जरूरी है. जब भी चेहरा वाश करना हो तो गरम पानी का इस्तेमाल करना चाहिए. Co2  लेजर होने के कुछ दिनों तक किसी भी प्रकार के कौस्मैटिक का इस्तेमाल करना मना होता है.

फ्रैकल्स लेजर और Co2  लेजर में क्या फर्क है?

Co2  और फ्रैकल्स लेजर लगभग समान हैं. दोनों ही स्किन पर हुए अनचाहे मार्क्स को खत्म करने के लिए किए जाते हैं. फ्रैकल्स लेजर का इस्तेमाल बर्थ मार्क, चेहरे पर खड्डे और स्ट्रैच मार्क्स को कम करने के लिए किया जाता है.

स्ट्रैच मार्क्स व अन्य मार्क्स को रिमूव करने के लिए फ्रैकल्स लेजर कितना समय लेता है?

फ्रैकल्स लेजर में कम से कम 15 दिन लगते हैं. स्ट्रैच मार्क्स को रिमूव करने में थोड़ा ज्यादा समय लगता है. कई बार स्ट्रैच मार्क्स अधिक डार्क होने की वजह से कई सिटिंग्स लेनी पड़ती हैं. इस में कम से कम 7-8 सिटिंग्स की जरूरत पड़ती ही है.

क्या स्ट्रैच मार्क्स पूरी तरह ठीक हो जाते हैं?

स्ट्रैच मार्क्स पूरी तरह खत्म नहीं होते, लेकिन 80% पहले से दिखने में हलके जरूर हो जाते है.

फ्रैकल्स लेजर किस तरह काम करता है?

फ्रैकल्स लेजर स्किन की बाहरी और अंदर की लेयर को बर्न कर देता है, जिस से कुछ दिनों में वह सूख कर पपड़ी बनने लगती है और धीरेधीरे रिमूव होती जाती है. फ्रैकल्स लेजर का इस्तेमाल स्किन पर हुए डार्क निशान के लिए किया जाता है.

क्या लेजर से कोई साइड इफैक्ट भी हो सकता है?

बिलकुल नहीं, लेजर से किसी भी प्रकार का साइड इफैक्ट नहीं होता. बस डाक्टर द्वारा दी गई सलाह को मानना जरूरी है. हां, यह ट्रीटमैंट प्रशिक्षित चिकित्सक से ही कराएं.

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इन बातों का ध्यान रखें:

– लेजर के बाद मेकअप का इस्तेमाल न करें.

– लेजर की गई जगह नाखून न लगे.

– उस जगह को गरम पानी से साफ  करें.

– डाक्टर द्वारा दी गई दवा का रोजाना इस्तेमाल करें.

– चेहरे पर साबुन या फेस वाश का भी इस्तेमाल न करें.

6 लक्षण जो बताएं विटामिन की कमी के बारे में

शरीर अंदरूनी तौर पर मजबूत रहे, इम्यून सिस्टम में इजाफा हो, इसके लिए शरीर में विटामिन्स के सही लैवल का होना बेहद जरूरी है. लेकिन जब हम अपनी डाइट में पौष्टिकता से भरपूर चीज़ें नहीं लेते हैं तो हमारे शरीर में विटामिन्स की कमी हो जाती है, जो हमारे समक्ष ढेरों समस्याएं खड़ी कर देती हैं. जिसे शायद आप शुरुआती स्तर पर न पहचान पाएं, लेकिन जैसेजैसे स्थिति गंभीर होती जाती है, इसके लक्षण स्पष्ट तौर पर दिखने लगते हैं. जानिए क्या है विटामिन्स की कमी के लक्षण.

1. नाखून व बालों का कमजोर पड़ना

विटामिन बी 7 ,जिसे बायोटिन के नाम से भी जानते हैं, जो शरीर में ऊर्जा प्रदान करने का काम करता है. लेकिन इसकी कमी से नाख़ून व बाल कमजोर पड़ने के कारण टूटने लगते हैं. साथ ही जल्दी थकान होना, मांसपेशियों में दर्द , हाथपैरों में झनझनाहट आदि की समस्या भी देखने को मिलती है. ऐसा अक्सर एंटीबीओटिक्स मेडिसिन्स व कच्चे अंडे खाने के कारण भी होता है.

क्या खाएं – आप अंडे के पीले भाग ,मछली ,मीट, नट्स, पालक, साबुत अनाज को अपने खाने में शामिल करें.

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2. मुंह का अल्सर

आमतौर पर विटामिन बी व आयरन की कमी के कारण मुंह का अल्सर हो जाता है. इसके साथ लिप्स व किनारों का फट जाना, ब्लीडिंग का कारण भी विटामिन बी 2 और आयरन की कमी से जुड़ा हुआ है. एक अध्ययन से पता चला है कि मुंह के अल्सर से पीड़ित रोगियों में आयरन की कमी दोगुना ज्यादा होती है.

क्या खाएं – इसकी कमी को पूरा करने के लिए आप मीट, फिश, हरी सब्ज़ियां ,नट्स, दूध, फलियाँ आदि लें.

3. दांतों से खून आना

विटामिन सी की कमी दांतों से खून आने, मांसपेशियों के कमजोर पड़ने व थकान का मुख्य कारण है. क्योकि शरीर में विटामिन सी खुद नहीं बनता बल्कि इसके लिए हमें अपनी डाइट में विटामिन सी की मात्रा को बढ़ाने की जरूरत होती है. आपको बता दें कि विटामिन सी जख्मों को भरने, इम्युनिटी बढ़ाने व इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स गुण होने के कारण यह कोशिकाओं को नष्ट होने से बचाते हैं.

क्या खाएं – आप अपने खाने में कीवी, फलों, स्प्राउट्स, मटर, बीन्स, नीम्बू, टमाटर आदि को ज्यादा से ज्यादा शामिल करें.

4. हेयरफौल की समस्या

बाल झड़ने की समस्या का कारण या तो गलत शैम्पू का इस्तेमाल करना होता है या फिर विटामिन्स की कमी. देखने में आया है कि आजकल खानपान में लापरवाही की वजह से 30 की उम्र के बाद से ही बाल झड़ने लग जाते हैं. जिसे रोकने के लिए पौष्टिक डाइट ,जिसमें आयरन, विटामिन बी 3 और विटामिन बी 7 को शामिल करना जरूरी है.

क्या खाएं – अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, मीट, नट्स, साबुत अनाज, मछली आदि को शामिल करें.

5. रैस्टलैस लैग सिंड्रोम

रैस्टलैस लैग सिंड्रोम के कारण पैरों में अजीब सी बेचैनी के साथ उसे हिलाने डुलाने में दिक्कत होती है, जिस का सीधा संबंध आयरन की कमी से जुड़ा हुआ है. अकसर प्रैग्नैंसी के समय भी आयरन के स्तर में कमी देखने को मिलती है, जिस की बहुत ज्यादा कमी होने पर आयरन सप्लिमैंट्ïस तक दिए जाते हैं. ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो इसलिए पहले से ही हैल्दी डाइट लें.

क्या खाएं –  आप हरी सब्जियां, मीट, मछली, साबुत अनाज, नट्ïस, फल आदि खूब खाएं.

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6. स्किन रैशेस की समस्या

स्किन के लाल व रैशेस पड़ने का खास कारण विटामिन बी 6 की कमी होती है. क्योकि विटामिन synthesize कोलेजन में मदद करता है, जो हैल्दी स्किन के लिए जरूरी है. कुछ लोग seborrheic dermatitis से प्रभावित हो जाते हैं, जिन्हें सबसे ज्यादा विटामिन बी 6 की जरूरत होती है.

क्या खाएं – ब्रेड, फिश, अंडे, ब्राउन राइस, सोयाबीन खूब खाएं.

घर पर बनाएं टेस्टी पनीर भुर्जी

पनीर के व्यंजन बच्चे, बड़े सभी को पसंद आते हैं? तो अगली बार पनीर की ये रेसिपी जरूर ट्राय करें. हमें लिखकर जरूर बतायें कि आपको और आपके घरवालों को ये रेसिपी कैसी लगी.

हमें चाहिए

– 250 ग्राम पनीर

– 1 टेबल स्पून तेल

– 1/4 टी स्पून जीरा

– 2 चुटकी हल्दी पाउडर

– 2 हरी मिर्च

– 1 इंच टुकड़ा अदरक कसा हुआ

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– 1 प्याज बारीक कटी हुई

– 1/2 कप हरी मटर

– 1 शिमला मिर्च बारीक कटी हुई

– 1 टमाटर कटा हुआ

– 1/2 टीस्पून गरम मसाला

– स्वादानुसार नमक

– 1 टेबल स्पून हरी धनिया कटी हुई.

बनाने का तरीका

1. पनीर को हलके हाथों से मसल लें. सारी सब्जियां धोकर काट लें.

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2. एक गहरे पैन में घी गर्म करें और उसमें जीरा डाल कर भून लें. उसके बाद उसमें प्याज, हल्दी पाउडर, कटी हुई हरी मिर्च, अदरक, मटर के दाने, शिमला मिर्च और टमाटर डाल कर अच्छी तरह भूनें.

3. पनीर, नमक व गरम मसाला डालकर अच्छी तरह मिलाएं.

4. हरी धनिया से सजाकर गरमागरम परांठे, चपाती या नान के साथ सर्व करें.

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