Kasauti Zindagi Kay 2: क्या टूट जाएगा ‘मिस्टर बजाज और प्रेरणा’ का रिश्ता?

स्टार प्लस के शो ‘कसौटी जिंदगी के’ का रिबूट वर्जन में एकता कपूर नए ट्विस्ट लाने की तैयारी में है. इन दिनों जहां ‘प्रेरणा और मिस्टर बजाज’ एक-दूसरे के करीब आ रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ ‘अनुराग’ के चलते दोनों के बीच अनबन भी देखने को मिल रही है, लेकिन क्या इस अनबन के चलते ‘मिस्टर बजाज’ और ‘प्रेरणा’ का रिश्ता टूट जाएगा. आइए आपको बताते हैं ‘कसौटी जिंदगी के 2’ में आने वाले ट्विस्ट के बारे में…

बीते एपिसोड में दिखा ‘मिस्टर बजाज’ का गुस्सा

बीते एपिसोड्स में आपने देखा कि ‘मिस्टर बजाज’ ‘अनुराग’ को चेतावनी देते हैं. लेकिन ‘अनुराग’ ‘मिस्टर बजाज’ की बात अनसुना कर देता है. इससे गुस्से में ‘मिस्टर बजाज’ ‘अनुराग’ का एक्सीडेंट कर देते है.

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‘प्रेरणा’ ठहराएगी जिम्मेदार

‘अनुराग’ के एक्सीडेंट से ‘मिस्टर बजाज और प्रेरणा’ के रिश्ते में दरार डालने वाला है. आने वाले एपिसोड्स में अब आप देखेंगे कि ‘प्रेरणा’ ‘मिस्टर बजाज’ को इसके लिए जिम्मेदार ठहराएगी और उनसे सवाल-जवाब करेगी. इन सवालों का जब ‘मिस्टर बजाज’ सही जवाब नहीं दे पाएंगे तो ‘प्रेरणा’ सीधे ‘मिस्टर बजाज’ को चुनौती देती हुई दिखाई देंगी.

‘अनुराग’ करेगा प्रेरणा को मनाने की कोशिश

 

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‘अनुराग’ ‘प्रेरणा’ को उसके लिए परेशान देखते हुए समझ जाएगा कि ‘प्रेरणा’ के दिल में अभी भी उसके लिए इमोशन है. ऐसे में अनुराग दोबारा ‘प्रेरणा’ को पाने की कोशिशों में जुट जाएगा.

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शो में होगी ‘मिस्टर बजाज’ की एक्स वाइफ की एंट्री

‘अनुराग’, ‘प्रेरणा’ और ‘मिस्टर बजाज’ की जिंदगी में नए ट्विस्ट के बारे में हमने बताया था कि ‘मिस्टर बजाज’ की एक्स वाइफ की शो में एंट्री होगी, जिसके चलते ‘मिस्टर बजाज और प्रेरणा’ की लाइफ में बदलाव आएंगे. अब देखना ये है कि इसका ‘प्रेरणा और मिस्टर बजाज’ की जिंदगी पर कितना असर पड़ता है.

Yeh Rishta Kya Kehlata Hai: ‘अखिलेश’ ने किया ‘लीजा’ को पहचानने से इंकार, अब क्या करेंगे ‘कार्तिक-नायरा’

सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में जहां ‘नायरा और कार्तिक’ के रिश्ते सुधरने ही वाले थे कि अब शो के मेकर्स ने शो में नए ट्विस्ट ले आए हैं. हाल ही में हमने आपको बताया था कि ‘नायरा’ अपनी दोस्त ‘लीजा’ की शादी ‘अखिलेश’ से कराने का फैसला लेगी, लेकिन अब शो में नए ट्विस्ट के चलते जहां ‘सुरेखा’ ‘नायरा’ के इरादों पर पानी फेरने की कोशिश करेगी. वहीं ‘अखिलेश’ ‘लीजा’ को पहचानने से इंकार कर देने के बाद क्या होगा ‘नायरा’ का अगला कदम.

‘नायरा’ जानेगी ‘अखिलेश’ का सच

हाल ही ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ के 3000 एपिसोड पूरे होने पर सीरियल में धमाकेदार ट्विस्ट के चलते बीते दिनों ही दिखाया गया है कि ‘नायरा’ को पता चल जाता है कि ‘अखिलेश’ ही वो इंसान है, जोकि ‘लीजा’ को डेट कर रहा है. इस बात का खुलासा होते ही ‘नायरा’ के पैरों तले जमीन ही खिसक जाती है. ऐसे में वह ‘कार्तिक’ को सबसे पहले ये बात बताना चाहती है.

 

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‘नायरा’ पर लगाया ‘कार्तिक’ ने आरोप

‘अखिलेश’ और ‘लीजा’ की तो जैसे ही उनके अफेयर की बात ‘नायरा और कार्तिक’ को बताई, वो उस पर भड़क गया. ‘कार्तिक’ ने ‘नायरा’ से कहा कि वह जानबूझकर उसके ‘अखिलेश’ चाचू और गोयनका खानदान पर आरोप लगा रही है. ‘कार्तिक’ की हरकतों को देखकर ‘नायरा’ काफी दुखी होते हुए कहती है कि उसे सिर्फ और सिर्फ ‘लीजा’ की खुशी चाहिए.

‘नायरा-कार्तिक’ का था ये फैसला

‘नायरा’ की बात सुनकर ‘कार्तिक’ मैच्योरिटी के साथ इस मामले को सोचेगा और फिर दोनों मिलकर फैसला लेते हैं कि ‘लीजा और अखिलेश’ को एक बार तो एक दूसरे का आमना-सामना करना ही होगा.

‘अखिलेश’ किया ‘लीजा’ को पहचानने से इंकार

‘लीजा’ ‘अखिलेश’ से मिलने के लिए एक्साइटेड हुई, लेकिन परेशान ‘अखिलेश’ ‘लीजा’ को पहचानने से ही इंकार कर दिया. जिससे ‘अखिलेश और लीजा’ का मामला उलझ जाएगा और ‘कार्तिक-नायरा’ कन्फ्यूज हो गए.

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‘नायरा-कार्तिक’ को साथ देख ‘वेदिका’ का होगा ये हाल

अपकमिंग एपिसोड में दिखाया जाएगा कि ‘नायरा और कार्तिक’ इस सिलसिले में मिलने के लिए एक कौफी हाउस पहुंचे. यहां पर ‘नायरा और कार्तिक’ को देखकर ‘वेदिका’ काफी दुखी हुई और इसके बाद ही वह ‘नायरा’ से ‘कार्तिक’ के आसपास भी रहने के लिए मना किया.

बता दें, शो के 3000 एपिसोड पूरे होने के चलते शो में कईं नए-नए ट्विस्ट आ रहे हैं, जिससे फैंस शो से जुड़े किसी भी एपिसोड को मिस नही करना चाहते.

जानें कौस्मेटिक्स की दुनिया के नए प्रोडक्ट्स

कौस्मैटिक्स की दुनिया में नित नए प्रोडक्ट्स आते रहते हैं, जो ब्यूटी इंडस्ट्री की चकाचौंध बनाए रखते हैं. विज्ञापन देख कर इन्हें खरीदने का मन तो करता है, किंतु सब से पहले जरूरी है इन के बारे में सही जानकारी जुटाना. कौन सा कौस्मैटिक प्रोडक्ट आप की स्किन टाइप के लिए उपयुक्त है और कौन से मेकअप कलर चुनने चाहिए, पेश हैं इस बारे में जानकारी. लिपस्टिक, मसकारा, फाउंडेशन आदि बहुत जनरल टर्म्स बन कर रह गए हैं. अब जमाना है सुपर स्पैसिफिक प्रोडक्ट्स का.

रिवोल्यूशनरी कौस्मैटिक प्रोडक्ट्स

सिलिकौन मेकअप ब्लैंडर: यह एक ऐसा स्पंज है, जिसे सही ढंग से फाउंडेशन व कंसीलर लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा है. पानी में भिगो कर और फिर निचोड़ कर इस का असली फुलाव लाया जाता है.

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फेशियल क्लींजिंग डिवाइस: इस से न सिर्फ मेकअप साफ किया जा सकता है, बल्कि यह औयली स्किन के लिए भी उत्तम है. डैड स्किन निकालने के साथसाथ यह चेहरे पर ब्यूटी प्रोडक्ट्स के एब्जौर्ब होने की क्षमता भी बढ़ाता है.

फेस स्लिमिंग चिन लिफ्टिंग स्ट्रैप: लाइक्रा से बनी यह स्ट्रैप चेहरे और चिन को कस कर पतला बनाने और डबल चिन हटाने का काम करती है.

अब आप को मार्केट में उपलब्ध कुछ नए मेकअप प्रोडक्ट्स और उन का दाम बताते हैं. इन सब की कीमत इन के ब्रैंड, क्वांटिटी और प्रोडक्ट टाइप पर निर्भर करती है.

वूमन बौडी कोर्सेट, टमी टकर, बौडी शेपर: कई नामों से आने वाले ऐसे प्रोडक्ट उन के लिए बने होते हैं जो अपने थुलथुले शरीर को सुडौल बनाना चाहती हैं. ब्लैंडेड कौटन और स्पैंडेक्स से बने ये प्रोडक्ट्स शरीर को कस कर करीब 1 से 3 इंच तक कम दिखाते हैं.

नोज शेपर: यह ऐसा टूल है जो खास मुलायम किस्म के मैटीरियल से बना होता है. क्लिप जैसी शेप का यह टूल नाक पर 10-15 मिनट लगाने से नाक नुकीली, सीधी और सुंदर बनती है.

इलैक्ट्रौनिक ब्लैकहैड रिमूवर: यह अपने हाई सक्शन की मदद से ब्लैकहैड निकालता है, जिस से स्किन पर कोई दाग नहीं छूटता और वह साफ दिखाई देती है.

मेकअप प्रोडक्ट्स

– फेस प्राइमर की हर महिला, जो मेकअप करती है महत्ता जानती है. मेकअप का पहला स्टैप होता है प्राइमर जो स्किन को स्मूद बनाता है और मेकअप के लिए रैडी करता है. क्रीम, जैल या वाटर में मैट और शिमर में उपलब्ध प्राइमर की कीमत ₹255 से ले कर ₹2,660 तक है.

– लिप ऐंड चीक स्टेन ऐसा प्रोडक्ट है जो गालों और होंठों को कलर करने के काम आता है. इस में कई रंग आते हैं जैसे पिंक, औरेंज, पौपी, कोरल आदि. इस की कीमत ₹220 से ले कर ₹2,890 तक है.

– ब्रौंजर को चीकबोंस हाईलाइट करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. यह करीब ₹170 से ले कर ₹1,700 का आता है.

– केवल नौर्मल मसकारा नहीं, बल्कि लैगिंग मसकारा और रोलर मसकारा भी अब उपलब्ध हैं. इन की कीमत लगभग ₹100 से ₹3,140 तक होती है.

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– आईब्रोज के लिए कई कौस्मैटिक प्रोडक्ट्स मार्केट में आ गए हैं जैसे गूफ प्रूफ आईब्रो पैंसिल, आईब्रोज शेपिंग ऐंड सैंटर जैल, आईब्रो प्राइमर, आईब्रो क्रीम जैल कलर, आइब्रो हाईलाइटर, आईब्रो शेपिंग किट, आईब्रो ऐनहांसर, आईब्रो ब्लैंडर आदि. इन प्रोडक्ट्स की कीमत अलगअलग होती है जो ₹1,240 से ले कर ₹3,290 तक है.

– इसी तरह मेकअप हाईलाइटर भी कई प्रकार के मिलने लगे हैं जैसे लिक्विड, पाउडर, क्रीम हाईलाइटर. इन की कीमत करीब ₹440 से ले कर ₹3,600 तक है.

– क्रीम टु पाउडर कंटूर स्टिक ₹525 से ले कर ₹1,800 तक मिल जाती है.

– फेस मास्क शीट जो अब तक केवल विदेशों में मिलती थीं, अब भारत में भी आसानी से मिल जाती है जिन की कीमत है ₹100.

– मेकअप सैटिंग स्प्रे ₹260 से ले कर ₹2,650 में मिलता है.

कौन से कलर के कौस्मैटिक प्रोडक्ट चुनें

किसी भी कौस्मैटिक प्रोडक्ट का चुनाव अपनी स्किन टोन का ध्यान रख कर ही करें. अपनी नसों को देखें. अगर वे हरे रंग की दिखती हैं तो आप की स्किन टोन वार्म है और अगर नीली दिखाई देती हैं तो आप की स्किन टोन कूल है. इसी हिसाब से कौस्मैटिक प्रोडक्ट्स के कलर चुनें.

– इंडियन फेयर कलर की महिलाएं न्यूट्रल शेड चुनें. न अधिक औरेंज और न अधिक ग्रे. बेज, पीच, कोरल सब से ज्यादा जंचेंगे.

– इंडियन गेहुंए रंग की महिलाओं पर ब्रौंज, औरेंज, यलो या औलिव शेड फबेगा.

– इंडियन सांवले रंग पर हलका सा लाल रंग वाला डार्क कलर का फाउंडेशन अच्छा लगता है. कोको, चैस्टनट, ब्रौंज कलर इन के लिए बेहतर हैं.

अब आप को प्रोडक्ट के हिसाब से चुनाव करने के टिप्स बताते हैं:

फाउंडेशन

स्किन टाइप को ब्रौडली 3 भागों में बांटा जाता है- औयली, ड्राई और नौर्मल. फाउंडेशन चूज करते समय अपनी स्किन टाइप और कौंप्लेक्शन को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है. यदि आप अब तक एक खास तरह का फाउंडेशन प्रयोग करती रही हैं तब भी उसे परखना सही रहता है. मसलन, मैट फिनिश फाउंडेशन औयली स्किन व ब्लेमिश प्रोन स्किन के लिए ठीक रहता है, लेकिन ड्राई स्किन के लिए बिलकुल नहीं. ड्राई या नौर्मल स्किन के लिए मौइश्चराइजिंग लिक्विड फाउंडेशन का इस्तेमाल करेंगी तो वह स्किन को चमकदार बनाएगा न कि ग्रीजी.

हलकी औयली या हलकी ड्राई स्किन वालों के लिए स्मूद फिनिश पाने का आसान तरीका है कौंपैक्ट या प्रैस्ड पाउडर. इसे सनस्क्रीन के साथ लगाएं. नैचुरल लुक के लिए बीबी क्रीम सब से अच्छी रहती है. इस का इस्तेमाल आप रोजमर्रा में कर सकती हैं. किसी पार्टी लुक के लिए यह कम पड़ती है. ऐसे में आप को फाउंडेशन ही चाहिए.

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अपनी स्किन टोन पर सही शेड का फाउंडेशन परखने के लिए दुकान पर 3-4 शेड्स चुनें और उन्हें अपनी जौ लाइन पर लगाएं. जो शेड आप की गरदन से मेल खा रहा हो, वही सही शेड है. जो शेड दूर से दिखाई दे, वह या तो ज्यादा लाइट है या फिर डार्क. फाउंडेशन के शेड को हमेशा दिन की रोशनी में चैक करें. ध्यान रखें, कंसीलर का कलर आप के फाउंडेशन के शेड से 1 शेड हलका होना चाहिए. दुकान पर जा कर सही शेड ट्राई करें और ऐसा ब्रैंड लें जिस में काफी सारे शेड आते हों न कि ऐसा जो लिमिटेड शेड निकालता हो.

फाउंडेशन की तरह अन्य मेकअप कलर जैसे ब्लश, लिप कलर, आई शैडो, आई लाइनर, मसकारा आदि के भी सही शेड चुनने बहुत जरूरी हैं.

लिपस्टिक

लिपस्टिक की शौपिंग करते समय वह रंग न उठा लें जो आप को अपील कर रहा हो. अपनी स्किन टोन और अंडर टोन पर पूरा ध्यान दे कर ही लिपस्टिक का रंग चुनें.

– लिप कलर का चुनाव इनर लिप के रंग के हिसाब से करें.

– कूल अंडरटोन वाली महिलाएं लाल, ब्राउन या बैंगनी रंग की लिपस्टिक चुनें.

– वार्म अंडरटोन वाली महिलाएं वाइन, कोरल, बरगंडी या औरेंज रंग की लिपस्टिक चुनें.

मैट या फिर ग्लौस लिपस्टिक की चौइस करते समय इन बातों पर ध्यान दें:

– यदि आप के होंठ पतले हैं तो ग्लौसी लिपस्टिक लगाएं. यह थ्री डाइमैंशनल इफैक्ट देते हुए होंठों को पूरे आकार का दिखाने में मदद करेगी.

– मैट लिपस्टिक अपने पिग्मैंट और जीरो शिमर के कारण देखने वाले का पूरा ध्यान अपनी शेप पर आकर्षित करती है. यदि आप के होंठ फुल हैं तो मैट लिपस्टिक आप के लिए सही है. लिप लाइनर से अपने होंठों को बाउंडरी दें और अंदर मैट लिपस्टिक भरें.

– यदि आप के होंठ कटेफटे हैं तो ग्लौसी फिनिश लिपस्टिक का चुनाव करें. इस में होंठों के लिए नमी रहती है और इस की चमक आप के होंठों की कमियों को छिपा लेगी.

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घर पर बनाएं काजू स्टार्स

काजू टेस्टी और हैल्दी दोनों होता है इसीलिए आज हम आपको हेल्दी और टेस्टी काजू स्टार्स की रेसिपी के बारे में बताएंगे, जिसे आप आसानी से घर पर अपने बच्चों और फैमिली को स्नैक्स के तौर पर खिला सकते हैं. काजू स्टार्स कम समय बनने वाला स्नैक्स है, जिसे आप कभी भी बना कर खिला सकते हैं.

हमें चाहिए

200 ग्राम खोया

50 ग्राम चीनी

1 बड़ा चम्मच काजू चूरा

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चुटकी भर खाने वाला पीला रंग

8-10 केसर के धागे

आवश्यकतानुसार कटा पिस्ता.

बनाने का तरीका

खोए को कस कर कड़ाही में मंदी आंच पर भून लें. चीनी में थोड़ा सा पानी, पीला रंग व केसर के धागे मिला कर गाढ़ी चाशनी बनाएं. फिर इस में भुना खोया व काजू चूरा डाल कर तब तक भूनें जब तक मिश्रण का गोला सा न बन जाए. फिर आंच से उतार कर चिकनाई लगी ट्रे में जमाएं. स्टार कटर से काट कर स्टार्स का आकार दें. प्रत्येक स्टार पर पिस्ता लगा दें.

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जब पति लगें बदले-बदले तो अपनाएं ये 8 टिप्स

जिंदगी का सफर उन पतिपत्नी के लिए और भी आसान बन जाता है, जो एकदूसरे को समझ कर चलते हैं. कई बार दिनबदिन बढ़ती जिम्मेदारियों व जीवन की आपाधापी की वजह से पति पारिवारिक जीवन में सही तालमेल नहीं रख पाते. जिस के कारण उन के व्यवहार में चिड़चिड़ापन व बदलाव आना स्वाभाविक होता है. ऐसी स्थिति में पत्नी ही पति के साथ सामंजस्य बैठा कर दांपत्य की गाड़ी को पटरी पर ला सकती है.

1. पति का सहयोग लें

पति की अहमियत को कम न आंकें. वैवाहिक जीवन से जुड़ी समस्याओं में उन की सलाह जरूर लें. परिवार की समस्याओं का समाधान अकेले न कर के उन का भी सहयोग लें. यकीनन उन के व्यवहार में बदलाव आएगा.

2. जब उम्मीदें पूरी नहीं होतीं

कई बार पति चाहते हैं कि घरेलू कामों में उन की साझेदारी कम से कम हो. लेकिन पत्नियां अगर कामकाजी हैं तो वे पति से घरेलू कामों में हाथ बंटाने की अपेक्षा करती हैं. इस स्थिति से उपजा विवाद भी पति के स्वभाव में बदलाव का कारण बनता है. ऐसे में कार्यों का बंटवारा आपसी सूझबूझ व प्यार से करें. फिर देखिएगा, पति खुशीखुशी आप का हाथ बंटाएंगे.

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3. छोटी पोस्ट को कम न आंकें

एक प्राइवेट फर्म में मार्केटिंग मैनेजर की पोस्ट पर कार्यरत आराधना को यह शिकायत रहती थी कि उन के पति एक फैक्टरी में सुपरवाइजर की छोटी पोस्ट पर हैं. इसे ले कर दोनों में गाहेबगाहे तकरार भी होती थी, जिस से पति चिड़चिड़े हो उठे. घर में अशांति रहने लगी. हार कर आराधना को साइकोलौजिस्ट के पास जाना पड़ा. उन्होंने समझाया कि पत्नी को पति के सुपरवाइजर पद को ले कर हीनभावना का शिकार नहीं बनना चाहिए और न ही पति की पोस्ट को कम आंकना चाहिए.

4. नजरिया बदलें

परिवार से जुड़ी छोटीछोटी समस्याओं का निबटारा स्वयं करें. रोज शाम को पति के सामने अपने दुख का पिटारा न खोलें. इस का सीधा असर पति के स्वभाव पर पड़ता है. वे किसी न किसी बहाने से ज्यादा समय घर के बाहर बिताने लगते हैं या स्वभाव से चिड़चिड़े हो जाते हैं.

संयुक्त परिवारों में रह रहे कपल्स में यह समस्या आम है. छोटीछोटी घरेलू समस्याओं का हल स्वयं निकालने से आप का आत्मविश्वास तो बढ़ेगा ही, पति भी आप जैसी समझदार पत्नी पर नाज करेंगे.

5. ज्यादा पजेसिव न हों

पति के पत्नी के लिए और पत्नी के पति के लिए जरूरत से ज्यादा पजेसिव होने पर दोनों में एकदूसरे के प्रति चिड़चिड़ाहट पैदा हो जाती है. अत: रिश्ते में स्पेस देना भी जरूरी है. पति की महिला मित्रों या पत्नी के पुरुष मित्रों को ले कर अकसर विवाद पनपता है, जिस का बुरा असर आपसी रिश्तों पर व पतिपत्नी के व्यवहार पर पड़ता है. जीवनसाथी को हमेशा शक की निगाहों से देखने के बजाय उन पर विश्वास करना आवश्यक है.

6. ईर्ष्यालु न बनने दें

कभीकभी ऐसा भी होता है कि कैरियर के क्षेत्र में पत्नी पति से आगे निकल जाती है. इस स्थिति में पति के स्वभाव मेंबदलाव आना तब शुरू होता है, जब पत्नी अपने अधिकतर फैसलों में पति से सलाहमशवरा करना आवश्यक नहीं समझतीं. ऐसे हालात अलगाव का कारण भी बन जाते हैं. अपनी तरक्की के साथसाथ पति की सलाह का भी सम्मान करें. इस से पति को अपनी उपेक्षा का एहसास भी नहीं होगा और रिश्ते में विश्वास भी बढ़ेगा.

7. खुल कर दें साथ

खुशहाल वैवाहिक जीवन जीने के लिए सैक्स संबंध में खुलापन भी बेहद जरूरी है. रोजरोज बहाने बना कर पति के आग्रह को ठुकराते रहने से एक समय ऐसा आता है कि पति आप से दूरी बनाने लगते हैं या कटेकटे से रहने लगते हैं, जिस से दांपत्य में नीरसता आने लगती है.

कभीकभी ऐसा हो सकता है कि आप पति का सहयोग करने में असक्षम हों. ऐसे में पति को प्यार से समझाएं. सैक्स में पति का खुल कर साथ दें, क्योंकि यह खुशहाल दांपत्य की ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य की भी कुंजी है.

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8. घर का बजट

घर का बजट संतुलित रखने की महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी पत्नी के कंधों पर होती है. अनापशनाप खर्चों का बोझ जब पति पर पड़ने लगे तो वे चिड़चिड़े होने लगते हैं. इस समस्या से निबटने का सब से सरल उपाय है महीने भर के बजट की प्लानिंग करना व खर्चों को निर्धारित करना. समझदार गृहिणी की तरह जब आप अपने बजट के अलावा बचत भी करेंगी, तो आप के पति की नजरों में आप के लिए प्यार दोगुना हो जाएगा.

किन्नरों की मुफ्तखोरी

कुछ दिन पहले सपना के यहां बच्चे की छठी का अवसर था. वहां बड़ी धूमधाम से सारे काम निबटाये जा रहे थे. ख़ुशी भरा माहौल था. खानेपीने का भी अच्छा प्रबंध था. तभी धूमधड़ाके के साथ हिज़ड़ों का समूह आ धमका. तालियां बजाते हुए उन्होंने बच्चे के दादा और घरवालों को घेर लिया. अपनी क्षमता के हिसाब से कहीं ज्यादा रकम उन लोगों ने हिजड़ों के हाथों में थमा दिया और बच्चे के सर पर हाथ फेरने का आग्रह करने लगे. मगर हिजड़े जिद पर अड़ गए कि कम से कम 50 हज़ार और दो.

सपना के पति ने हाथ जोड़ दिए मगर तब तक उस के ससुर दौडतेभागते कहीं से रूपए लाने चले गए. इतने समय में ही हिज़ड़ों ने अपनी जात दिखानी शुरू कर दी. वे ऐसा बर्ताव करने लगे जैसे वे लोग रूपए उगाहने आये हों और मनमाफिक रूपए न मिलने पर तेवर दिखाना उन का अधिकार हो. यही नहीं उन्होंने यह चेतावनी भी दे डाली कि वे बददुआ दे देंगे. सारी खुशियां जल कर भस्म हो जाएंगी. घर वाले हाथ जोड़े गिड़गिड़ा रहे थे कि बख्स दो. ऐसा न करो.

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बच्चे के दादा हैरानपरेशान से आये और उन्होंने 50 हजार की गड्डी हिजड़ों के मुखिया के हाथों पर रख दी. उस का चेहरा खिल गया और शब्दों का चोला बदल गया. वह बड़े प्यार से बच्चे के सर पर हाथ फिराने लगा,  ‘तेरा बेटा खूब पढ़ेगा, अफसर बनेगा, माँबाप की खूब सेवा करेगा. जा खुश रह. हम चलते हैं”, कह कर वे आँखों से ओझल हो गए. बूढ़े दादा की आँखें ख़ुशी से छलछला उठीं. आँखों में कृतज्ञता के भाव लिए उन्होंने हिज़ड़ों को विदा किया.

सवाल उठता है कि आखिर इन हिजड़ों से इतना डरने की क्या बात है. उन की बददुआ से इतना भयभीत होने की क्या जरुरत? समारोह में आये हजारों लोगों ने जब बच्चे के सुंदर भविष्य की कामना की, आशीर्वाद दिये तो 4 -5 हिजड़ों के श्राप से डरना कैसा? कोई उन्हें कुछ रूपए भी भला क्यों दे? घर में बच्चे ने जन्म लिया तो खुशियां मना रहे हैं. ये हिजड़े भला कौन होते हैं रंग में भंग डालने वाले? आखिर बिना किसी श्रम के उन्हें रूपए पाने का हक़ किस ने दे दिया?

क्या इन हिजड़ों के कहने भर से बच्चा अफसर बन जाएगा और माँबाप को निहाल कर देगा? क्या बच्चे का भविष्य हिजड़ों के शब्दों पर निर्भर है? वस्तुतः यह सब बेमतलब की बातें हैं. आज से 30 साल बाद क्या होगा यह देखने के लिए शायद बच्चे के दादा जीवित भी न बचें मगर मन को संतुष्टि देने के लिए इस तरह के अंधविश्वासों को हवा जरूर मिलती है.

समाज का तानाबाना मर्द और औरत से मिल कर बना है. लेकिन एक तीसरा जेंडर भी हमारे समाज का हिस्सा है. इस की पहचान कुछ ऐसी है जिसे सभ्य समाज में अच्छी नज़र से नहीं देखा जाता. समाज के इस वर्ग को थर्ड जेंडर, किन्नर या हिजड़े के नाम से जाना जाता है.

इन के कई नाम होते हैं. किन्नर, हिजड़ा और न जाने क्याक्या कहा जाता है. हमारे देश में इस समय 5 लाख से ज्यादा किन्नर रहते हैं. 2014 से इन को समाज में थर्ड जेंडर की श्रेणी में गिना जाने लगा. इस से पहले इन की न तो कोई पहचान थी और न ही कोई अधिकार. अभी भी इन के बलात्कार को हमारा कानून बलात्कार नहीं मानता.

क्यों डरते हैं लोग

ट्रैफिक पर जैसे ही बत्ती लाल होती है हाथ पसारे, तालियां बजाते हिजड़े जरूर आ धमकते है. भीख मांगने के इस पॉलिशड तरीके में वे दीनहीन बन कर रूपए नहीं मांगते बल्कि दादागिरी दिखा कर मांगते हैं. जबरदस्ती रूपए निकलवाते हैं. इंडिया गेट हो या सेंट्रल पार्क, बुद्धा जयंती पार्क हो या फिर कोई चौराहा, किन्नर हर जगह पैसे मांगते नजर आ जाएंगे. अगर किसी ने पैसे देने में आनाकानी की तो वे मूड खराब कर डालेंगे. शादी व बच्चे के जन्म पर घर में आने वाले किन्नरों की भी यही हालत है. आम आदमी इन के मांगने का ज़्यादा विरोध नहीं करता और चुपचाप पैसे निकाल कर इन के हाथों में पकड़ा देता है.

ऐसा करने के पीछे वजह वही डर है, हिज़ड़ों की बददुआ का डर. साथ ही सदियों से मन में बिठाया गया अन्धविश्वास. इस के पीछे एक मनोवैज्ञानिक कारण भी है वो यह कि किन्नरों की जब हम कोई बात नही मानते है तो वे लोगो को अपने गुप्तांगो को दिखाने का प्रयास करते है. उन की अप्राकृतिक बनावट के कारण लोगो का मन खराब हो जाता है. जिस का मनोवैज्ञानिक असर कही न कही लोगों की निजी जिंदगी पर भी पड़ता है.

मुफ्तखोरी की आदत

सवाल उठता है कि अगर व्यक्ति अपना लिंग बदलना चाहता है या जन्म से ही उस के साथ इस तरह की शारीरिक कमी है तो इस का मतलब यह तो नहीं कि उस को यह अधिकार मिल गया कि वह मेहनत करना छोड़ दे. शरीफ लोगो को सार्वजानिक स्थलों पर पैसे न देने के नाम पर प्राइवेट जगहों पर हाथ लगाने, बददुआ देने या गालीगलौच करने का काम करे. जबरदस्ती रूपए वसूले.

इस तरह के लोग विदेशों में भी होते हैं मगर वहां तो ये ऐसे निठल्ले और बदतमीज नहीं होते. वे किसी के आगे हाथ भी नहीं फैलातें. उन मुकामों तक पहुंच कर दिखातें है जहाँ कोई मर्द भी नहीं पहुंच पाता. हिज़ड़ा होने का मतलब यह नहीं कि उन्हें ज़िन्दगी भर काम से आज़ादी मिल गयी है और वे जो चाहे वह कर सकतें हैं.

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1. हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, वीर्य यानी स्पर्म की अधिकता से बेटा होता है और रज यानि रक्त की अधिकता से बेटी. अगर रक्त और वीर्य दोनों बराबर रहें तो किन्नर पैदा होते हैं. ऐसा भी माना जाता है कि ब्रह्माजी की छाया से किन्नरों की उत्पत्ति हुई है. दूसरी मान्यता यह है कि अरिष्टा और कश्यप ऋषि से किन्नरों की उत्पति हुई है.

2. इन का इतिहास बहुत पुराना है. इन का जिक्र महाभारत और उस,के बाद मुगलों की कहानियों में भी हैं.

3. ये ख़ुद को मंगलमुखी मानते हैं इसलिए ये लोग शादी, जन्म समारोह जैसे मांगलिक कामों में ही भाग लेते हैं. मरने के बाद भी ये लोग मातम नहीं मनाते बल्कि खुश होते हैं कि इस जन्म से पीछा छूट गया.

4. इन के समाज में नए सदस्य का आना कई तरीकों से होता है. अगर किसी के घर बच्चा पैदा होता है और उस बच्चे के जननांग में कोई कमी पायी जाती है तो उसे किन्नरों के हवाले कर दिया जाता है.

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स्टार प्लस के पौपुलर रियलिटी शो ‘नच बलिए 9’ में जल्द ही वाइल्ड कार्ड एंट्री फैंस के लिए नए ट्विस्ट लाने वाली हैं. शो में 4 वाइल्ड कार्ड एंट्री होगी, जिसमें खास बात ये है कि शो से बाहर हुई पौपुलर एक्स जोड़ियां उर्वशी ढोलकिया और अनुज सचदेवा विशाल आदित्य सिंह भी मधुरिमा तुली शो का हिस्सा बनते नजर आएंगे.

उर्वशी के डांस के साथ तेवर आएंगे नजर

उर्वशी ढोलकिया के यह तेवर उनके डांस की बजाय उनकी बातों में नजर आने वाले हैं. हाल ही में शेयर किए गए ‘नच बलिए 9’ का प्रोमो उर्वशी का नया लुक लोगों को एंटरटेन करने के लिए तैयार है.

शो के प्रोमो में नाराज दिखीं उर्वशी

‘नच बलिए 9’ के प्रोमो में उर्वशी ढोलकिया – अनुज सचदेवा और विशाल आदित्य सिंह-मधुरिमा तुली की जोड़ी शानदार एंट्री करते नजर आ रहे हैं. इस दौरान बातों के दौरान यह बात साफ दिख रहा है कि, उर्वशी पहले हो चुके एलीमिनेशन की वजह से अभी भी नाराज है.

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शो के जज भी नजर आए उर्वशी से नाराज

उर्वशी के बयानबाजी की कारण जजेस भी उनसे खफा खफा नजर आए. तभी तो प्रोमो में रवीना टंडन उर्वशी ढोलकिया से कहती नजर आ रही है कि, आपको हमने दोबारा मौका दिया है. ऐसे में बाहर जाकर आपको कुछ भी बोलने का हक नहीं है.

शो के मेकर्स पर बरस चुकीं है उर्वशी

शो से बाहर होने पर उर्वशी ने ‘नच बलिए शो 9’ शो के मेकर्स को बुरा भला सुनाया था, जिसके बाद वह कुछ दिन वेकेशन मनाने के लिए फ्रेंडस के साथ घूमती हुईं नजर आईं थीं.

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खैर प्रोमो को देखकर साफ पता चल रहा है कि आने वाले दिनों में शो में डांस के साथ ड्रामे के भी जबरदस्त डोज मिलने वाला है. अब देखना होगा कि शो में वापसी के बाद उर्वशी किस तरह शो से फैंस को एंटरटेन करती हुईं नजर आती हैं.

ड्रीम गर्ल फिल्म रिव्यू: आयुष्मान खुराना  की शानदार एक्टिंग’’

रेटिंगः ढाई स्टार

निर्माताः एकता कपूर, शोभा कपूर व नचिकेत पंत वैद्य

निर्देशकः राज शांडिल्य

कलाकारः आयुष्मान खुराना ,नुसरत भरूचा,मनजोत सिंह और अन्नू कपूर

अवधिः दो घंटे 12 मिनट

छोटे शहरों में होने वाली रामलीला में सीता का किरदार भी महिला की बजाय पुरूष ही निभाते हैं.और ऐसा युगो से होता आ रहा है.इसी को आधार बनाकर पहली बार लेखक से निर्देशक बने राज शांडिल्य ने हास्य फिल्म‘‘ड्रीम गर्ल’’में करमवीर का किरदार निभा रहे आयुष्मान खुराना को विभन्न मंचों पर सीता,राधा, द्रौपदी आदि के किरदार में पेश किया. इसके पीछे मूल वजह यह भी है कि करण के अंदर महिला की आवाज में बोलने की क्षमता है. इसके साथ फिल्मकार ने इसमें शहरी जीवन में अकेलेपन की समस्या को भी गूंठने का असफल प्रयास किया है.

कहानीः

कहानी शुरू होती है मथुरा से,जहां जगजीत सिंह (अन्नू कपूर) से, जिनकी दाह संस्कार का सामान बेचने की दुकान है. पर जगजीत सिंह ने कई बैंको से कर्ज ले रखा है. उनका मकान भी गिरवी है. जगजीत का युवा बेटा करम वीर सिंह (आयुष्मान खुराना) बेरोजगारी से परेशान है. मगर मोहल्ले के लोग सीता के रूप में उसकी पूजा करते हैं, क्योंकि करम सिंह बचपन से ही लड़की की आवाज बहुत ही खूबसूरती से निकालते आए हैं, जिसके चलते  बचपन से ही मोहल्ले में होने वाली ‘रामलीला’ में उन्हें सीता और ‘कृष्णलीला’ में राधा का किरदार मिलता आ रहा है. वह अपनी भूमिकाओं से वह पैसे भी कमा लेता हैं और उसे पहचान भी खूब मिलती है. पर जगजीत सिंह को बेटे की इस कला से आपत्ति है. वह चाहते हैं कि करम सिंह कोई सम्मानित नौकरी पा जाए. नौकरी की ऐसी ही तलाश में करम सिंह को डब्लू जी (राजेश शर्मा) के कौल सेंटर में मोटी तनख्वाह पर नौकरी मिलती है, जहां वह पूजा नामक लड़की की आवाज निकालकर ग्राहकों से लंबी मीठी-मीठी प्यार भरी बातें करनी होंती हैं.कर्ज और घर की जरूरतों को ध्यान में रखकर करमवीर,पूजा की आवाज बनकर काम करने लगता है,उसका यह राज उसके दोस्त स्माइली (मनजोत सिंह) के अलावा किसी को भी पता नहीं है.

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इसी बीच करमवीर को माही (नुसरत भरूचा) से प्यार होजाता है.और उनकी शादी तय हो जाती है.तो दूसरी तरफ कौल सेंटर में पूजा बनकर प्यार भरी बातें करने के चलते करम की आवाज का जादू पुलिस हवलदार राजपाल (विजय राज),माही के भाई महेंद्र (अभिषेक बनर्जी), किशोर टोटो (राज भंसाली),रोमा (निधि बिष्ट) के अलावा उसके अपने पिता जगजीत सिंह के सिर इस कदर चढ़कर बोलता है कि सभी उसके इश्क में पागल होकर शादी करने को उतावले हो उठते हैं.अब इस हालात से बाहर निकलकर माही से शादी करने के लिए करमवीर  और उसके दोस्त स्माइली कई तरह के कारनामें करते हैं.

लेखन व निर्देशनः

कुछ हास्य कार्यक्रम व फिल्मों का लेखन कर चुके राज शांडिल्य ने पहली बार निर्देशन में कदम रखा है,पर वह पूरी तरह से सफल नहीं रहे.अपने हास्यप्रद संवादों के माध्यम से वह दर्शकों को हॅंसाते जरुर है,मगर इस फिल्म का मजा दर्शक तभी ले सकता है,जब वह अपना दिमाग घर पर रखकर आए.तर्क की कसौटी पर बहुत कुछ गड़बड़ है.फिल्म की पटकथा में कई झोल व कमियां हैं.पूरी फिल्म कौमेडी सीरियल सी लगती है.फिल्म का आधार यह है कि शहरी जीवन में लोग अकेलेपन से बचने के लिए इस तरह के कौल सेंटर का सहारा लेते हैं,पर यह बात भी ठीक से उभर नही पाती. फिल्मकार ने जबरन हिंदू व मुस्लिम मुद्दा भी ठूंसने का प्रयास किया है.इंटरवल तक फिल्म घिसटती रहती है, पर इंटरवल के बाद गति पकड़ती है.फिल्मकार ने आयुष्मान खुराना और नुसरत भरूचा की प्रेम कहानी को विकसित करने में बहुत जल्दबाजी की, पर वह इसे भी सही ढंग से साकार नहीं कर पाए.हास्य के संदेश परोसने के लिए पितृसत्तात्मक रवैए की खिलाफत करते हुए माही का अपने दादाजी के दाह संस्कार में श्यमशान घाट जाने का ऐलान करना और फिल्म के क्लायमेक्स में आयुष्मान खुराना का सोशल मीडिया से दूर रहने का संदेश भी असरदार साबित नही होता. जबकि अपने भाषणनुमा संदेश में आयुष्मान संदेश देते हैं कि सोशल मीडिया व फेशबुक में व्यस्त रहने के  चलते हर इंसान अकेला है.

अभिनयः

यह फिल्म पूरी तरह से आयुष्मान खुराना के ही कंधे पर है.पूजा की आवाज में बात करना और उनकी बौडी लैंगवेज दर्शकों को हंसा-हंसाकर लोटपोट करती रहती है.यदि आयुष्मान खुराना  की जगह कोई दूसरा कलाकार होता तो शायद फिल्म का बंटाधार हो जाता.यह आयुष्मान खुराना की अभिनय क्षमता का परिणाम है कि वह मुस्लिम महिला जुबेदा के किरदार में भी खरे उतरते हैं.आयुष्मान खुुराना के बाद अन्नू कपूर की कौमिक टाइमिंग का हर कोई मुराद हो जाता है.नुसरत भरूचा के हिस्से कुछ खास करने को रहा ही नहीं. दोस्त स्माइली के किरदार में मनजोत सिंह भी हंसाने में कामयाब रहते हैं. विजय राज की अभिनय प्रतिभा को भी अनदेखा नही किया जा सकता. फिल्म में आयुष्मान खुराना और मनजोत सिंह की केमिस्ट्री अच्छी जमी है, मगर आयुष्मान खुराना और नुसरत भरूचा की केमिस्ट्री नही जमती.

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‘ये रिश्ता’ में ‘नायरा’ कराएगी ‘अखिलेश- लीजा’ की शादी तो भड़क जाएगी ‘सुरेखा’

स्टार प्लस के सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में आए दिन नए-नए ट्विस्ट आ रहे हैं. हाल ही में हमने आपको तीज सेलिब्रेशन में ‘नायरा और कार्तिक’ के करीब आने की बात बताई थी, जिसके कारण गोयनका फैमिली में तनाव पैदा हो जाएगा. अब वहीं नये ट्विस्ट के चलते अब ‘लीजा’ के कारण ‘नायरा’ के एक फैसले के चलते ‘नायरा’ ‘सुरेखा’ की नजरों में दुश्मन बन जाएगी. आइए आपको बताते हैं क्या होगा ‘नायरा’ का फैसला…

‘लीजा’ की एंट्री से होगा बवाल

‘नायरा’ की खास दोस्त ‘लीजा’ की भी एंट्री हो चुकी है. ‘लीजा’ इन दिनों इस बात से परेशान है कि उसका बौयफ्रेंड बिना उसे कुछ कहे ही छोड़कर चला गया है.

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‘कार्तिक-नायरा’ आए साथ

 

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जैसे ही ‘लीजा’ के बारे में ‘नायरा’ को पता चलेगा. वह उसकी मदद करने की हर तरह की कोशिश करने में लग जाएगा. वहीं इस मामले में ‘कार्तिक’ भी ‘लीजा’ की मदद करने के लिए अपने हाथ बढ़ाता हुआ नजर आएगा.

‘अखिलेश’ का सच चलेगा पता

अपकमिंग एपिसोड में ‘नायरा और कार्तिक’ को पता चल जाएगा कि ‘लीजा’ का बौयफ्रेंड कोई और नहीं बल्कि ‘अखिलेश’ ही है. ‘कार्तिक’ सभी को बता देगा कि वह ‘अखिलेश’ ही जोकि औफिस के नम्बर का इस्तेमाल करके लीजा से घंटों बातें किया करता था.

‘नायरा’ पर आएगा ‘सुरेखा’ को गुस्सा

‘अखिलेश’ का सच सुनकर ‘सुरेखा’ के पैरों तले जमीन ही खिसक जाएगी. वहीं ‘सुरेखा’ बड़ा झटका तब लगेगा जब ‘नायरा’ ‘लीजा’ और ‘अखिलेश’ को मिलवाने की सोचेगी.

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‘लीजा और अखिलेश’ की शादी का फैसला लेगी ‘नायरा’

खबरों के मुताबिक ‘नायरा’ को लगने लगेगा कि अगर ‘अखिलेश’ वाइफ ‘सुरेखा’ के साथ खुश नहीं है तो उन्हें अपने रिश्ते को जबरदस्ती नहीं खींचना चाहिए. ऐसे में ‘नायरा’ ‘लीजा’ और ‘अखिलेश’ की शादी करवाने का फैसला लेगी.

बता दें, आने वाले एपिसोड में ‘नायरा’ से परेशान ‘सुरेखा’ को बुरा भला सुनाने में कोई मौका नही छोड़ेगी. वहीं अब देखना ये होगा कि क्या ‘अखिलेश’ अपनी शादी से छुटकारा लेगा या फैमिली के चलते अपनी जिम्मेदारियों को निभाएगा.

छोड़िए शरमाना खुल कर हंसिए

संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी ‘विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट 2019’ में भारत का स्थान 140वां है, जबकि पिछले साल भारत 133वें स्थान पर था. पाकिस्तान और बंगलादेश समेत हमारे कई पड़ोसी राज्यों के लोग हम से ज्यादा खुश रहते हैं. फिनलैंड को लगातार दूसरे साल सब से खुशहाल देश का तमगा मिला. इस के बाद नौर्वे और डेनमार्क का स्थान आता है.

सवाल उठता है कि इन देशों की इस खुशहाली और प्रसन्नता का राज क्या है? हम इस मामले में पीछे क्यों हैं? क्या हम खुल कर हंसने की अहमियत भूल रहे हैं? क्या हमें खुश रहने की आदत नहीं है या हम ज्यादा स्ट्रैस लेने लगे हैं? क्या आप को याद है कि आप आखिरी बार कब खुल कर हंसे थे, ऐसी हंसी जिस से आप के पेट में हंसतेहंसते दर्द हो गया हो या फिर हंसी रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी?

दरअसल, आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में किसी के पास इतना समय नहीं होता कि वह खुद के लिए 2 मिनट भी निकाल सके, जबकि हंसना आप को हर तरह की बीमारी से बचाने के साथसाथ आप की बरदाश्त करने की क्षमता को भी बढ़ाता है, जीवन जीने का असली आनंद देता है.

हंसी के अंदर छिपे सेहत के इस राज ने ही तो हंसी को एक चिकित्सा का रूप दिया है. यदि आप तनाव से परेशान हैं, तो यह हंसी आप के हर गम का इलाज है.

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इस संदर्भ में तुलसी हैल्थ केयर के डा. गौरव गुप्ता बताते हैं कि हंसना हमारी सेहत के लिए कई तरह से लाभकारी है. हमारे शरीर में कुछ स्ट्रैस हारमोन होते हैं जैसे कि कोर्टिसोल, एड्रेनालिन आदि. जब कभी हम तनाव में होते हैं, तो ये हारमोन शरीर में सक्रिय हो जाते हैं. इन का लैवल बढ़ने पर घबराहट होती है. ज्यादा घबराहट होने पर सिर दर्द, सर्वाइकल, माइग्रेन, कब्ज आदि परेशानियां हो सकती हैं. शुगर लैवल तक बढ़ सकता है.

हंसने से कोर्टिसोल व एड्रेनालिन जैसे स्ट्रैस हारमोन कम होते हैं और ऐंडोर्फिंस फिरोटिनिन जैसे फीलगुड हारमोन बढ़ जाते हैं. इस से मन उल्लास और उमंग से भर जाता है. दर्द और ऐंग्जाइटी भी कम हो जाती है. इम्यून सिस्टम मजबूत होता है. हम जितनी देर तक जोरजोर से हंसते हैं उतनी देर तक हम एक तरह से लगातार प्राणायाम करते हैं, क्योंकि हंसते हुए हमारा पेट अंदर की तरफ चला जाता है, साथ ही हम लगातार सांस छोड़ते रहते हैं यानी शरीर से कार्बन डाइऔक्साइड बाहर निकलती रहती है. इस से पेट में औक्सीजन के लिए ज्यादा जगह बनती है.

दिमाग को ढंग से काम करने के लिए

20 फीसदी ज्यादा औक्सीजन की जरूरत होती है. खांसी, नजला, जुकाम, स्किन प्रौब्लम जैसी परेशानियां औक्सीजन की कमी से बढ़ जाती हैं. हंसी इन बीमारियों को कंट्रोल करने में मदद करती है. जब हम जोरजोर से हंसते हैं तो झटके से सांस छोड़ते हैं. इस से फेफड़ों में फंसी हवा बाहर निकल आती है और फेफड़े ज्यादा साफ हो जाते हैं. लाइफ में दिनरात, सुबहशाम सुख और दुख लगे रहते हैं. इन से बचा नहीं जा सकता. लेकिन अगर हम लगातार बुरा और नैगेटिव सोचते हैं तो दिमाग सही फैसला नहीं कर पाता और परेशानियां बढ़ जाती हैं. हंसने पर दिमाग पूरा काम करता है और हम सही फैसले ले पाते हैं.

हंसने से शरीर के अंदरूनी हिस्सों को मसाज मिलती है जिसे इंटरनल जौगिंग भी कहा जा सकता है. हंसी कार्डियो ऐक्सरसाइज है. हंसने पर चेहरे, हाथों, पैरों और पेट की मसल्स व गले की हलकीफुलकी कसरत हो जाती है. 10 मिनट की जोर की हंसी इतनी ही देर के हलकी कसरत के बराबर असर करती है. इस से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और मसल्स रिलैक्स होती हैं. जब हम हंसते हैं तो कोई भी तकलीफ या बीमारी कम महसूस होती है, क्योंकि जिस तरह के विचार मन में आते हैं हमारा शरीर वैसा ही रिएक्ट करता है. हंसने से हम लगभग शून्य की स्थिति में आ जाते हैं यानी सब भूल जाते हैं.

सेहत के लिए अच्छा है हंसना

– हंसी पेट, चेहरे, पैरों और कमर की मांसपेशियों के लिए अच्छा वर्कआउट है. हंसना रक्तदाब को कम करता है, साथ ही ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है. हंसी शरीर में औक्सीजन की मात्रा बढ़ाती है.

– हंसी से टैंशन और डिप्रैशन कम होते हैं. हंसने से स्ट्रैस हारमोंस का स्तर कम होता है. हंसी आत्मविश्वास और पौजिटिव नजरिए में इजाफा करती है.

– हंसी ट्यूमर और अन्य बीमारियों से लड़ने वाली कोशिकाओं जैसे गामा इंटरफेरैन और टीसैल की क्षमता बढ़ाती है.

– याद्दाश्त दुरुस्त रखती है और सीखने की क्षमता बढ़ाती है. शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाती है.

– हंसने से दर्द कम होता है. हंसी मांसपेशियों को आराम पहुंचाती है. यह नैचुरल पेनकिलर का काम करती है.

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– दिल की बीमारियों से बचाने के साथ ही उत्तेजना और भय से बचाती है. मूड भी दुरुस्त रखती है और रोगों से लड़ने की सामर्थ्य बढ़ाती है.

– शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी करती है. इस से काम करने की क्षमता बढ़ती है.

– इसे नैचुरल कौस्मैटिक भी कह सकते हैं, क्योंकि इस से चेहरा खूबसूरत बनता है.

हंसें और हंसाएं

कई लोग शरमीले स्वभाव के होते हैं. इस कारण वे समूह में नहीं जाते हैं. यदि आप के साथ भी ऐसा है तो निराश न हों. आप अकेले में घर के अंदर भी हंसी की प्रैक्टिस कर सकते हैं. रोजाना 15 मिनट के लिए शीशे के सामने खड़े हो जाएं और बिना वजह जोरजोर से हंसें.

– हंसी का असली फायदा तभी है जब आप कुछ देर तक लगातार हंसें. इस के अलावा बच्चों और दोस्तों के साथ वक्त गुजारना भी हंसने का अच्छा बहाना हो सकता है. कई बार डाक्टर भी अपने मरीजों को लाफ्टर थेरैपी की सलाह देते हैं. इस में सब से पहले खुद के चेहरे पर मुसकान लाने को कहा जाता है. हंसतेमुसकराते चेहरे वाले लोग अधिक स्वस्थ भी होते हैं.

जब आप हंसते हैं तो शरीर में अच्छे हारमोंस उत्पन्न होते हैं जो आप को अच्छा महसूस कराते हैं. यही कारण है कि लोग कौमेडी शो या मूवी देखना पसंद करते हैं. इस से वे रिलैक्स होते हैं. इस के अलावा हंसने से मन को अच्छा लगता है जिस से स्थिरता आती है. हंसने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है और व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से स्ट्रौंग हो जाता है. जब आप किसी बात पर गुस्सा हों या किसी बात पर बहुत खीज आ रही हो, तो हंसें, खिलखिलाएं और अच्छे पलों को याद करें.

अकेले हंसने के बजाय समूह हंसी अधिक फायदेमंद होती है. साथ में हंसने के अवसर

ऐसे ढूंढि़ए:

– कोई मजेदार फिल्म या टीवी शो देखिए.

– लाफ्टर क्लब की सदस्यता लीजिए.

– हंसमुख लोगों से मिलिए.

– पालतू जानवरों के साथ खेलिए.

– बच्चों के साथ समय बिताएं.

– चुटकुले सुनें और सुनाएं.

– अच्छा खाएं और सदा मुसकराते रहें.

– किसी कौमेडी क्लब में जाएं.

– हास्य पुस्तकें पढ़ें.

– कभीकभी कुछ मूर्खता भी करें. सब के साथ खुद को हंसने का मौका दें.

खास टिप्स

– हंसते समय सांस की गति पर ध्यान रखें. सांस की क्रिया सही न होने पर हंसी से शरीर को लाभ नहीं मिलेगा.

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– फुरसत के क्षणों के हलकेफुलके चुटकुले, अनुभव, रोचक संस्मरण याद कर खुल कर हंस सकते हैं.

– किसी बीमारी से पीडि़त होने पर ह्यूमर थेरैपी लेने के पहले ह्यूमर थेरैपिस्ट से यह जानकारी जरूर ले लें कि आप के लिए कौन सी हंसी कितनी देर के लिए ठीक रहेगी. ह्यूमर थेरैपी के साथसाथ दवा लेना चालू रखें.

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