घर पर ऐसे करें वैक्सिंग

चाहे लड़का हो या लड़की महिला हो या पुरुष खूबसूरत दिखने के लिए क्या नहीं करते.पार्लर जाते है मेकअप , फेशिअल आदि करवाते हैं. और वैक्सिंग भी. जिसके द्वारा शरीर के सभी बालों को हटाया जाता है या रिमूव किया जाता है. वैक्सिंग के जरिये  शरीर के किसी भी भाग के अनचाहे बालों को आसानी से हटा जा सकता है. ताकि स्किन में निखार आ सके .

लेकिन क्या आप जानती है वैक्सिंग खुद घर पर भी की जा सकती है. इसे करने के लिए आपको ज्यादा कुछ करने की भी आवश्यकता नहीं है. बस मार्केट से अपनी स्किन को सूट करती हौट या कोल्ड वैक्स ले आईये. और वैक्स कीजिए. आपका पार्लर जाने का खर्चा तो बचेगा ही साथ-साथ आपका समय भी बचेगा.

दो प्रकार की होती है वैक्स

हौट वैक्स :- हौट वैक्स का प्रयोग शरीर के नाजुक अंगो पर किया जाता है. इसे सीधा गरम करके ही स्किन पर लगाया जाता है. लेकिन इसे लगाने से पहले टेलकम पाउडर लगाना न भूले.

कोल्ड वैक्स :- कोल्ड वैक्स का प्रयोग हाथो, पैरो और अंडर आर्म्स के लिए उपयोगी है. कोल्ड वैक्स को सीधे ही स्किन पर लगाया जाता है.

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ऐसे करें वैक्स

स्टेप-1

वैक्सिंग करने के लिये सबसे पहले सभी आवशयक सामग्री इकठ्ठा कर लें. इसके लिए वैक्स टेप या स्ट्रिप्स, बॉडी स्क्रब, बॉडी लोशन और सुन्न करने के लिए कोई क्रीम ले आये.

स्टेप-2

फिर हलके हाथो से बौडी वौश को शरीर पर लगाकर सभी बालों को साफ़ कर ले और उन्हें नरम बना लें. इसके द्वारा बालों को निकालने में आसानी होगी.

स्टेप-3

इसके बाद जिस जगह वैक्स करनी है उस पर सुन्न करने वाली क्रीम लगा लें. ये आपको किसी भी कौस्मेटिक की दुकान पर मिल जाएगी. इस क्रीम से वैक्सिंग कराते समय आपको दर्द नहीं होगा. आप चाहे तो इसके स्थान पर बर्फ का भी प्रयोग कर सकती है. लेकिन एक बात का ध्यान रखें की पीरियड्स और मासिक धर्म के दौरान वैक्सिंग नहीं करनी चाहिए. क्योकि इस दौरान अधिक दर्द होता है.

स्टेप-4

अब वैक्स लगाएं. इसके बाद किसी भी कॉटन के कपडे या रेडिमेड स्ट्रिप्स की मदद से इसे निकाल लें. वैक्स के साफ़ हो जाने के बाद स्किन के उस हिस्से को ठन्डे पानी से धो लें. धोने के बाद तेल लगाना न भूलें. ऐसा करने से स्किन की चमक और अधिक हो जाती है.

फायदे

वैक्स कराने के बाद स्किन मुलायम हो जाती है. इसके अलावा मृत और शुष्क स्किन भी निकल जाती है.

वैक्सिंग कराने के बाद स्किन में बालों से होने वाली खुजली और जलन भी नहीं होती. इसके अतिरिक्त मार्किट की हेयर रिमूवर क्रीम के उपयोग से स्किन पर दाने पड़ने लगते है जो इसके प्रयोग से नहीं होते.

वैक्स कराने से स्किन का छोटे से चोट बाल भी निकल जाता है. ताकि पूरी स्किन साफ़ और अच्छी दिखाई दें.

हेयर रिमूवर क्रीम से प्रयोग से स्किन पर कालापन आ जाता है जो वैक्सिंग से नहीं आता.

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घर पर कैसे तैयार करें

आप स्वयं घर पर भी वैक्स बना सकती है. इसके लिए आपको 1/2 कप चीनी, 1/2 कप पानी, 11/2 कप सिट्रिक एसिड या नींबू, एक चम्मच ग्लिसरीन की आवश्यकता होगी.

विधि :- वैक्स बनाने के लिए चीनी को पानी में घुलने के लिए गैस पर रख दें. चीनी के घुलने के बाद उसमे नींबू का रस डाल दें. गाढ़ा होने के बाद इसे गैस से उतार लें. अब इसमें एक चम्मच ग्लिसरीन मिलाएं. लीजिये हो गयी आपकी वैक्स तैयार. लेकिन एक बात और वैक्स करने के ठीक 5 मिनट बाद ही कोल्ड क्रीम लगा लें. जिससे लालीपन कम होगा.

फराह, ब्यूटी एक्सपर्ट, ग्लैमर ब्यूटी पार्लर से बातचीत पर आधारित.

‘प्रेरणा’ की ये साड़ियां है हर ओकेजन के लिए परफेक्ट

सीरियल ‘कसौटी जिंदगी के 2’ में नजर आने वाली ‘प्रेरणा’ यानी एरिका फर्नांडीस इन दिनों सुर्खियों में छाई हुई हैं. हाल ही में अपने को-स्टार पार्थ समथान से ब्रेकअप के बाद एरिका अकेले टाइम स्पैंड करती हुई नजर आती हैं, लेकिन कुछ दिनों से खबरें हैं कि एरिका एक्स बौयफ्रेंड पार्थ के दोस्त विकास गुप्ता को डेट कर रही हैं. पर आज हम एरिका की लव लाइफ की बजाय फैशन लाइफ के बारे में बात करेंगे. एरिका अक्सर अपने सीरियल में साड़ी में नजर आती हैं, जिसमें वे बेहद खूबसूरत नजर आती हैं. आइए आपको बताते हैं एरिका के कुछ साड़ी टिप्स, जिसे आप वेडिंग से लेकर नौर्मल फैमिली गैदरिंग में ट्राय कर सकती हैं.

1. एरिका का ये साड़ी लुक है परफेक्ट

अगर आप किसी आउटिंग में जानें की सोच रही हैं तो एरिका की ये ग्रीन साड़ी के साथ ब्लैक औफस्लीव ब्लाउज एकदम परफेक्ट है. साड़ी का ये सिंपल लुक आपके लिए एकदम परफेक्ट है. अगर आप इस साड़ी को थोड़ा और ट्रेंडी बनाना चाहते हैं तो इसके साथ पर्ल की ज्वैलरी जरूर ट्राय करें. ये आपके लुक के लिए परफेक्ट रहेगा.

 

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2. एरिका का यैलो वाइट की कौम्बिनेशन करें ट्राय

अगर आप कुछ नया ट्राय करना चाहते हैं तो एरिका का ये यैलो और वाइट के कौम्बिनेशन वाली ये साड़ी आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. फ्रिल ब्लाउज के साथ हैवी मौर्डर्न ज्वैलरी आपके लुक के लिए एकदम परफेक्ट रहेगा. साथ ही आपके लुक को फैशनेबल बनाने में मदद करेगा.

3. रफ्फल साड़ी वाला लुक है परफेक्ट

 

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अगर आप साड़ी का कुछ नया लुक ट्राय करना चाहते हैं तो रफ्फल लुक आपके लिए बेस्ट औप्शन है. सिंपल फ्लावर प्रिंटेड साड़ी के साथ रफ्फल फैशन आपके लुक परफेक्ट बनाने का काम करेगा. अगर आप भी फैशनेबल दिखना चाहते हैं तो एरिका की ये साड़ी जरूर ट्राय करें.

4. रफ्फल फैशन के साथ फ्लावर प्रिंटे़ड साड़ी करें ट्राय 

अगर आप भी फ्लावर प्रिंटेड के शौकीन हैं तो एरिका की ये रफ्फल फैशन के साथ फ्लावर प्रिंटे़ड साड़ी जरूर ट्राय करें. ये कम्फरटेबल के साथ ट्रेंडी है, जो आपके लुक के लिए एकदम परफेक्ट रहेगी. साथ ही अगर आपका कलर थोड़ा डस्की है तो ये कलर आपके लिए एकदम परफेक्ट है.

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आखिर क्या है फैशन को लेकर सोनाक्षी सिन्हा की सोच, जानें यहां

कौस्टयूम डिजाइनर से एक्टिंग के क्षेत्र में आई अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा ने फिल्म ‘दबंग’ से फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनायीं. फ़िल्मी कैरियर में कई उतार-चढ़ाव के बाद भी सोनाक्षी ने एक्टिंग को ही अपनी पहली चौइस मानी और मेहनत कर आगे बढ़ी. इन सबके बावजूद सोनाक्षी को फैशन को लेकर नए-नए एक्सपेरिमेंट करना पसंद है. उसकी देसी गर्ल की इमेज ने उसे हर घर की लड़की का दर्ज़ा दिया. यही वजह है कि वे हर इवेंट में अलग अंदाज़ में दिखाई पड़ती है. मिंत्रा की पहली डिजिटल फैशन रियलिटी शो ‘फैशन सुपरस्टार’ की जज बनी सोनाक्षी सिन्हा से बात हुई पेश है कुछ अंश.

सवाल-इस शो में जज बनने की खास वजह क्या है?

फैशन मुझे हमेशा से पसंद है यह हमारी जिंदगी का सबसे डायनामिक और आकर्षक पक्ष है. मैं देश में सबसे बड़े फैशन रियलिटी शो की जज बनकर बहुत खुश हूं. आत्मविश्वास, उर्जा, मनोरंजन और अलग-अलग स्टाइल के परिधान को देखना और उसे दर्शकों तक पहुंचाना मेरे लिए बड़ी बात है.

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सवाल-आज के यूथ की स्टाइल सेन्स कितनी है और आप उन्हें क्या निर्देश देना चाहती है?

आज की यूथ स्टाइलिस्ट है. उनकी ब्राइट आइडियाज और सही माइने में फैशन सेन्स मुझे बहुत अच्छी लगी है. इसके लिए कुछ डिजाइनर को चुनना मेरे लिए बहुत मुश्किल रहा है, क्योंकि आज के डिजाइनर फैशन ट्रेंड और उसकी बारीकियों पर बहुत मेहनत करते है.

मुझे साधारण, आकर्षक और आरामदायक वस्त्र पसंद है. मैंने डिज़ाइनर के रूप में बहुत सारी गलतियां की है और उससे ही सीखा है. ऐसा हर किसी के साथ होता है. क्रिएटिव फील्ड में आप अपने अनुभव और आस-पास से बहुत कुछ सीखते है. फैशन साधारण होने पर अगर स्टाइलिश हो तो पसंद आता है.

सवाल- आप की स्टाइल स्टेटमेंट क्या है? कुछ फिल्मों में जहाँ फैशन अधिक मायने नहीं रखती वहाँ आपका रुख क्या होता है?

मेरे पास एक बहुत ही स्टाइलिश व्यक्ति मोहित राय है. वह जानता है कि कौन सी परिधान मुझे अच्छा लगेगा और उसी के अनुसार मैं कपड़े पहनती हूं. मैं अपने चरित्र के हिसाब से ही कपड़े पहनना पसंद करती हूं फिर चाहे वह ‘राउडी राठौर’ की नीरजा हो या ‘दबंग’ की रज्जो. पिछले 9 सालों से मैंने वैसे ही काम किया है और वही मेरा स्टाइल स्टेटमेंट है.

सवाल- घरेलू महिलाएं फैशन करने को इतना महत्व नहीं देती, फैशन कितना जरुरी है? इससे जीवन में क्या-क्या परिवर्तन हो सकते है?

फैशन जब आप अपने लिए करते है तो ज्यादा मजा आता है. घर बैठी महिलाएं अगर अपने लिए कुछ क्रिएट करेंगी तो उन्हें अधिक अच्छा लगेगा. किसी दूसरे को देखकर कभी भी फैशन ट्राई न करें, न ही किसी ट्रेंड में अपने आपको बाधें. ऐसा मैंने हमेशा किया है. ट्रेंड चाहे कैसी भी हो, अगर वह परिधान मुझ पर सूट नहीं करती, तो मैं कभी नहीं पहनती. आजकल दुनिया बहुत छोटी हो गयी है. जरुरत के अनुसार आप फैशन औनलाइन जाकर कुछ भी देख सकते है. अपने लिए इसे बना सकते है, क्योंकि इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ता है.

सवाल-बौलीवुड की स्टाइलिश जोड़ी किसे मानती है?

रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण की जोड़ी सबसे स्टाइलिश जोड़ी है. रणवीर जो भी कपड़े पहनता है, केवल वही पहन सकता है, क्योंकि वह उसे सूट करता है. उसकी एक इंडिविजुअल स्टाइल है और दीपिका इतनी खूबसूरत है कि वह जो भी पहने सुंदर दिखती है, क्योंकि वह इसे अच्छी तरह से कैरी कर सकती है.

सवाल-क्या कभी आपके साथ फैशन हज़ार्ड्स हुए है? आपने उसे कैसे सम्भाला?

बहुत बार हुए, क्योंकि कोई भी ड्रेस अच्छा लगेगा सोचकर मैंने पहनी है, पर बाद में मीडिया में जब इसकी चर्चा होती है, तब पता चलता है कि ये ठीक ड्रेस मैंने नहीं पहनी है. ऐसे में किसी को बिना कुछ कहे आगे बढ़ जाना ही अच्छा होता है.

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सवाल- फैशन इंडस्ट्री की वजह से हमारे पर्यावरण को काफी खतरा होता है और एक खतरा मुंबई के आरे क्षेत्र में पेड़ काटकर मेट्रो की डिपो बनाने को लेकर है, इस बारें में आपकी सोच क्या है?

फैशन इंडस्ट्री पर्यावरण का अभी ख्याल रख रही है और उसी प्रकार के वस्त्र का निर्माण कर रही है. मुझे दुःख इस बात का है कि ब्राजील के अमेजन फ़ॉरेस्ट में जब आग लगी थी, तो सभी लोगों ने बवाल मचाया था, लेकिन आरे क्षेत्र में इतने सारे पेड़ काटने के बारें में कोई भी आगे नहीं आ रहा है. ग्लोबल वार्निंग आज की दुनिया में एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. यूथ और मीडिया को इस पर अधिक जोर देने की जरुरत है, ताकि पेड़ बचे रहे. पेड़ों को बचाना आज एक चुनौती है और मैं हमेशा इसके साथ हूं.

एक बार फिर नई मिस्ट्री गर्ल के साथ नजर आए ‘अनुराग’, देखें वीडियो

स्टार प्लस के सीरियल ‘कसौटी जिंदगी के 2’ में ‘अनुराग’ के कैरेक्टर से फैंस का दिल जीतने वाले एक्टर पार्थ समथान अक्सर सुर्खियों में रहते हैं. हाल ही में अपनी को-स्टार एरिका फर्नांडीस से ब्रेकअप के बाद वह अक्सर अपने दोस्तों संग पार्टी मूड में नजर आ रहे हैं. खास बात ये है कि पार्थ अक्सर नई-नई मिस्ट्री गर्ल के साथ नजर आते हैं, वहीं इस बार भी पार्थ नई मिस्ट्री गर्ल के साथ पार्टी करते नजर आए. जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. आइए आपको बताते है कौन है ये नई मिस्ट्री गर्ल…

वीडियो में इस लड़की के साथ नजर आए पार्थ

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में पार्थ ‘कसौटी जिंदगी के 2’ में ‘कोमोलिका’ की बहन ‘मिश्का’ का किरदार निभाने वाली अदाकारा अरिहा अग्रवाल के साथ नजर आ रहे है. इस वीडियो में पार्थ और अरिहा फिल्म ‘इश्क’ के गाने ‘नींद चुराई मेरी किसने…’ पर डांस करते हुए नजर आ रहे हैं.

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दूसरे वीडियो में भी साथ नजर आए पार्थ

 

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बीती रात #ParthSamthaan ने मचाया खूब धमाल #kasautiizindagiikay2 #anuragbasu #tv

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पार्टी से एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह प्यार किया तो डरना क्या के सुपरहिट गाने ओ ओ जाने जाना… पर डांस करते हुए नजर रहे है.

गणेश चतुर्थी के सेलिब्रेशन पर भी दिखे पार्थ

 

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A blissful festival ? Ganpati bappa maurya #aboutyesterday❤

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हाल ही में पार्थ समथान एक साउथ इंडस्ट्री की एक्ट्रेस के साथ गणेश चतुर्थी का जश्न मनाते हुए नजर आए थे, जिसके बाद से अफवाहें उड़ने लगी कि वह उस हसीना को डेट कर रहे है.

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बता दें, पार्थ समथान एकता कपूर के सीरियल ‘कसौटी जिंदगी के’ के रिबूट वर्जन में ‘अनुराग बासु’ के किरदार में ‘प्रेरणा’ यानी एरिका फर्नांडीस साथ आ गए थे, जिसके बाद दोनों कईं बार पार्टिज में साथ दिखाई देते थे, लेकिन कुछ समय बाद ही दोनों एक दूसरे से अलग हो गए. वहीं इसके बाद से दोनों फैंस के बीच अक्सर सुर्खियों में आ चुके हैं.

‘ये रिश्ता’ में नया ट्विस्ट, ‘नायरा-कार्तिक’ की लाइफ में दो कैरेक्टर लेंगे नई एंट्री

टीआरपी के चार्ट्स में नंबर वन पर चल रहा स्टार प्लस का सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ फैंस के लिए नए-नए ट्विस्ट लाने को तैयार है. हाल ही में हमने आपको ‘‘अखिलेश’’ के ‘लीजा’ को न पहचानने वाली बात बताई थी, लेकिन अब शो में एक नए ट्विस्ट के साथ नए कैरेक्टर जोड़कर नया ट्रैक लाने वाले हैं. आइए आपको बताते हैं कौन हैं ‘नायरा-कार्तिक’ की जिंदगी में आने वाले खास दो नए कैरेक्टर…

फैमिली में बवाल के बीच ‘लव और कुश’ की होगी एंट्री

शो में ‘अखिलेश’, ‘लीजा’ और ‘‘सुरेखा’’ के बवाल के बीच ‘लव और कुश’ की एंट्री होगी. अपकमिंग एपिसोड में दिखाया जाएगा कि ‘सुरेखा’ और ‘अखिलेश’ का रिश्ता टूटने की कगार पर आ होगा, जिसमें दोनों के जुड़वा बच्चे यानी ‘लव और कुश’ की एंट्री होगी.

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लीप के बाद बड़े हो चुके हैं ‘लव-कुश’

पांच साल के लीप के बाद ‘ये रिश्ता’ में पिछले एपिसोड में दिखाया गया था कि ‘लव और कुश’ ‘नायरा’ की मौत की खबर से टूट गए थे और उन्होंने इंडिया से बाहर जाकर अपनी पढ़ाई पूरी करने की ठानी थी, जिसके बाद वह एक बार फिर फैमिली में वापस लौटेंगे. खबरों की माने तो बड़े हो चुके ‘लव और कुश’ में से एक किरदार यूवी सिंह अदा करने वाले है.

यूवी ‘नायरा’ के संग शेयर कर चुके हैं ये वीडियो

यूवी सिंह ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर भी शिवांगी जोशी के वीडियो को एडिट करके एक मजेदार वीडियो अपलोड किया है, जिसमें वह ‘नायरा’ के देवर बने हुए नजर आ रहे है. सोशल मीडिया पर ये वीडियो वायरल हो रहा है, जिसके कारण ‘कार्तिक-नायरा’ के ‘लव और कुश’ के कैरेक्टर को शो में एक बार फिर देखने के लिए फैंस बेकरार है.

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बता दें, शो में ‘नायरा’ के करीब सबसे ज्यादा ‘लव और कुश’ थे, जो ‘नायरा’ को काफी पसंद भी करते थे. आपको बता दें आने वाले एपिसोड में ‘लव और कुश’ के कैरेक्टर ‘नायरा और कार्तिक’ को फिर एक बार साथ लाने की बजाय दोनों के दुश्मन बनते नजर आएंगे, लेकिन अब देखना ये है कि दोनों नाराजगी भूल पाएंगे.

किन्नरों की मुफ्तखोरी- क्या है किन्नरों से जुड़ा दूसरा सच

यह भी सच है ;

दिल्ली में किन्नरों की बढ़ती कमाई को देखते हुए बाहर से भी किन्नर बुलाए जाते हैं. ये किन्नर यूपी, बिहार और राजस्थान से आते हैं.

कमाई के हिसाब से चौराहों की भी ग्रेडिंग की हुई है.

किन्नर अपनी कमाई का एक हिस्सा पुलिस को भी देते हैं.

बढ़ती कमाई के कारण कई बार जबरन किन्नर बनाए जाने की घटनाएं भी सामने आती हैं.

बहुत से किन्नर गलत धंधों से भी पैसा कमा रहे हैं.

भारत में साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें सरकारी दस्तावेज़ों में बाक़ायदा थर्ड जेंडर के तौर पर एक पहचान दी है. ये सरकारी नौकरियों में जगह पा सकते हैं. स्कूल- कॉलेज में जा कर पढ़ाई भी कर सकते हैं. उन्हें वही अधिकार दिए गए हैं जो किसी भी भारतीय नागरिक के हैं.

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किन्नरों से जुड़ी कुछ बेसिरपैर की मान्यताएं

ऐसा माना जाता है कि अगर आप काफी समय से धन की कमी से जूझ रहे हों तो किन्नरों से एक सिक्का ले कर अपने पर्स में रख लें. ऐसा करने से आप को फिर धन की कमी नहीं होगी. यदि कुंडली में बुध गृह कमजोर हो तो किसी किन्नर को हरे रंग की चूड़ियां व साड़ी दान करनी चाहिए. इस से अवश्य फायदा होता है. इस तरह की मान्यताएं समाज में अस्थिरता फैलाती हैं.

हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार किन्नर बुध ग्रह का प्रतीक होते हैं. ऐसा माना जाता है कि किन्नर बुध ग्रह को शांत करते हैं. इसलिए अगर किसी जातक को बुधवार के दिन ये आशीर्वाद दे दें तो उस की किस्मत खुल जाती है.

माना जाता है कि ये अगर खुश हो कर दुआ देते हैं तो उन्हें पूरा होने में थोड़ा भी समय नहीं लगता है. लेकिन अगर ये गुस्से में कुछ कहे तो सब कुछ खत्म हो जाता है.

मान्यता है कि अगर धन में कमी हो रही है तो किसी किन्नर से एक रुपया ले कर अपने पर्स में रखने या फिर उस सिक्के को किसी कपड़े में बांध कर तिजोरी में रखने से धन की कमी नहीं रहती.

किन्नरों को दान करने की प्रथा बहुत पुराने जमाने से है. जब भी घर में कोई अच्छा काम होता है तो किन्नरों का आना और उन का दुआएं देना बहुत अच्छा माना जाता है. इसीलिए लोग कभी भी किन्नर को खाली हाथ वापस नहीं भेजते.

माना जाता है कि अगर बुरा समय चल रहा है तो किन्नर को पूजा की सुपारी सिक्के के ऊपर रख कर दान करने से बुरा समय खत्म हो जाता है.

विवाहित जीवन में दिक्कतें हैं तो किन्नरों को सुहाग की चीजें जैसे कि हरी चूड़िया, लाल साड़ी, कुककुम, लिपस्टिक आदि दान में देने से समस्या का समाधान होता है.

मानसिकता में बदलाव जरुरी

वास्तव में हिजड़ों को इस तरह रुपएपैसे और वस्तुएं देने का मतलब इन की अकर्मण्यता को बढ़ावा देना है. जरुरी है कि हम लोगों की मानसिकता में बदलाव लाएं. बहुत से किन्नर ऐसे भी हैं जो पढ़ाईलिखाई कर ऊंचे ओहदों तक पहुंचे है. मगर ऐसे किन्नरों की संख्या काफी कम है.

जब तक समाज निठल्लों को बैठेबिठाये खिलाता रहेगा तब तक इस तरह के लोग पनपते रहेंगे. ऐसा नहीं कि इन का शरीर अशक्त है , ये देख नहीं सकते या चल नहीं सकते. ये पूरी तरह स्वस्थ और मजबूत होते हैं. महज एक अंग की आकृति दूसरों से भिन्न होने का मतलब यह नहीं कि हम इन्हें सिर पर बिठा ले , इन्हे मुफ्त की रोटियां तोड़ने को बढ़ावा दे या फिर इन की बदतमीजी और दादागिरी सहते रहे, इन के चरणों में झुक जाए या अपनी मेहनत की कमाई इन पर लुटाते रहे.

भारत में इस तरह की रूढ़िवादी सोचो का ही नतीजा है कि करीब एकचौथाई आबादी दूसरों पर परजीवी की तरह जीने की आदी हो चुकी है. एक तरफ पंडेपुजारियों ने धर्म की दुकानें खोल रखी है और धार्मिक चोंचलों के जरिए लोगों से रूपए ठगते हैं तो दूसरी तरफ भिखारी और हिजड़ों की पूरी जमात निठल्ले घूमते हुए अपनी जिंदगी गुजार देती है.

ये चाहे तो क्या नहीं कर सकते ? प्रकृति ने उन्हें जननांग छोड़ कर सब कुछ दुरुस्त दिया है. ये देख सकते हैं, सुन सकते हैं, पढ़लिख सकते हैं, मेहनत कर के रोजीरोटी कमा सकते हैं मगर नहीं. जब भारत की बेवकूफ जनता इतनी इज्जत के साथ इन्हें मुफ्त की रोटियां खिला रही है तो भला ये अपने हाथपैर हिलाने का कष्ट क्यों करेंगे ? ज्यादातर किन्नर या तो भीख मांगते हैं या फिर वैश्यावृति के पेशे में उतर जाते हैं.

सोच बदलनी जरूरी

राजधानी दिल्ली में रहने वाली 56 वर्षीया मीता कहती हैं, “हमारे एक परिचित सज्जन है जो काफी धनाढ्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उन के पास धनदौलत की कोई कमी नहीं. मगर वे हिजड़ों, भिखारियों और पंडेपुजारियों की मुफ्तखोरी को ले कर काफी रुष्ट रहते हैं. वे कभी भी पूजापाठ, शुभअशुभ, ग्रहनक्षत्रों या पापपुण्ड्य के चक्कर में नहीं पड़ते. मेहनत से अपना काम करते हैं और चिंतारहित खुशहाल जिंदगी जीते हैं. अपने बच्चों को भी उन्होंने यही शिक्षा दे रखी है.

“एकबार उन की पौत्री की शादी के दौरान मैं उन के पास ही बैठी थी. कहीं से हिजड़ों को इस शादी की खबर लग गई और वे दलबल के साथ आ धमके. लोगों को लगा कि आज के दिन तो यह मना नहीं कर पाएंगे और हिजड़ो के हाथ में खुशी से कुछ रखेंगे. आखिर बिटिया के जीवन का सवाल है. पर मैं यह देख कर चकित रह गई जब वह हौले से मंदमंद मुस्कुराते हुए उठे और हिजड़ो के पास जा कर सहज स्वर में बोले,

“भाई न तो हमें तुम्हारी दुआओं से फर्क पड़ता है और न बददुआओं से. इसलिए बेहतर होगा कि कहीं और शिकारी ढूंढो. हमें आप की जरूरत नहीं है.”

हिजड़ों का मुखिया अवाक नजरों इन्हें देखता रहा फिर भुनभुनाता हुआ अपने काफिले को ले कर चला गया. आज बच्ची की शादी के 5 साल गुजर चुके हैं. उन का पूरा परिवार खुशहाल जिंदगी जी रहा है. मैं भी उन से काफी प्रभावित रहने लगी हूं और मैं ने भी अपने घर में हिजड़ों और भिखारियों का प्रवेश निषिद्ध कर रखा है.”

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इस तरह के लोग समाज को बदलने का दायित्व निभा सकते हैं. वर्षों से जकड़ी पुरातन सोच को जड़ से मिटाना मुश्किल है पर नामुमकिन नहीं. धीरेधीरे यदि कुछ लोग समाज के सामने उदाहरण पेश करें और मानसिकता बदले तो संभव है कि एक दिन हमारा समाज हिजड़ो के चंगुल से पूरी तरह मुक्त हो सकेगा.

जब पीछा छुड़ाना हो हिजड़ों और किन्नरों से

हेल्पलाइन -ट्रेन में किन्नरों का पैसे मांगना गैरकानूनी है. रेलयात्रा के दौरान किन्नरों के गलत व्यवहार का सामना करना पड़े तो शिकायत इस पते पर करें : जनरल मैनेजर, नॉर्दर्न रेलवे हेडक्वार्टर, बड़ौदा हाउस, नई दिल्ली-110001, फोन 011-2338 7227, फैक्स : 011-2338 4548

किन्नरों की बदसलूकी से तुरंत निजात पाने के लिए पुलिस कंट्रोल रूम नंबर 100 या फिर लोकल पुलिस स्टेशन से संपर्क कर सकते

स्टाइलिश हो गए सनग्लासेज

पहले सनग्लासेज धूप से बचने के लिए प्रयोग होते थे. अब ये स्टाइल दिखाने के काम आने लगे हैं. इन का साइज तो बड़ा हुआ ही है, इन के फ्रेम भी स्टाइल सिंबल बन गए हैं. ऐसे में ये धूप से बचने के लिए कम और स्टाइल दिखाने के लिए ज्यादा प्रयोग किए जा रहे हैं. यह बात और है कि सनग्लासेज स्टाइल के साथसाथ आंखों की सुरक्षा के लिए भी बहुत काम आते हैं.

सुरभि जब भी धूप में निकलती थी, तेज धूप से उस की आंखों में परेशानी आ जाती थी. उसे समझ नहीं आता था कि क्या करे? घर वालों ने उसे सलाह दी कि धूप में सनग्लासेज लगा कर निकला करे. इस से तेज धूप आंखों के सामने बेअसर रहेगी. सुरभि ने चश्मा लगाया तो वह अपनी उम्र से बड़ी नजर आने लगी. उस के साथ काम करने वाले उसे बहनजी कह कर चिढ़ाने लगे.

तब एक दिन सुरभि की एक सहेली उसे सनग्लासेज के बड़े शोरूम में ले कर गई. वहां सुरभि ने अपनी आंखों पर कई तरह के सनग्लासेज लगा कर देखे. इन में से एक बहुत अच्छा लगा, जिसे सुरभि ने खरीद लिया. अब जब सुरभि सनग्लासेज लगा कर बाहर निकलती है तो लोग बस देखते रह जाते हैं.

तेज धूप आंखों के आसपास की त्वचा पर बड़ी तेजी से प्रभाव डालती है. यह आंखों में कई किस्म की बीमारियों को भी पैदा कर देती है जैसे आंखों का लाल होना, आंखों में पानी आना, खुजली होना, आंखों में सूजन होना. इस से कभीकभी आंखों को बहुत नुकसान हो जाता है. अच्छी क्वालिटी के सनग्लासेज आंखों को इन परेशानियों से दूर रखते हैं. सनग्लासेज आंखों की सुरक्षा करने के अलावा लगाने वाले को दूसरों से अलग भी करते हैं. ये धूप में आंखों की सुरक्षा और स्टाइल दोनों का काम करते हैं.

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कई बार आंखों पर लगाया जाने वाला चश्मा खरीदते समय लोग केवल उस के रूप और रंग को ही देखते हैं. ऐसा करने पर वे कई बार गलत चश्मा भी खरीद लेते हैं, जिस का आंखों पर बुरा असर पड़ता है. खराब चश्मा लगाने से दृष्टि दोष भी पैदा हो जाता है.

आंखों पर पड़ने वाले प्रभाव

सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणें आखों की रेटिना पर सीधा प्रभाव डालती हैं. धूल, मिट्टी, हवा में मौजूद दूसरे बैक्टीरिया और वायरस आंखों को नुकसान पहुंचाते हैं. चश्मा आंखों पर सुरक्षा कवच का काम करता है. आंखों को इन सब परेशानियों से दूर रखता है. समुद्री रेत, बर्फ की सफेदी, कंकरीट आदि आंखों को नुकसान पहुचाते हैं. यदि आंखों पर सही क्वालिटी का चश्मा लगा हो तो इन से आंखों का बचाव किया जा सकता है.

सस्ते लैंस आंखों की सुरक्षा करने में सफल नहीं होते हैं. खराब लैंस से आंखों के स्नायू पर बुरा प्रभाव पड़ता है. लैंस खराब होने पर दिमाग के तंत्रिका तंतुओं को भी ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. हलके और सस्ते किस्म के लैंस से दिखने वाली आकृति सही से दिखाई नहीं देती है, जिस से सिर और आंखों में दर्द बना रहता है. इस के अलावा तनाव और थकान भी रहती है.

सही लैंस का चुनाव

लैंस चश्मे का सब से अहम हिस्सा होते हैं. सही चश्मे का चुनाव करने के लिए लैंसों को परखना जरूरी है, लैंस को आंख से आधा फुट दूर रख कर सामने किसी एक वस्तु को देखें, चश्मे को थोड़ा इधरउधर हिला कर वस्तु को देखें, अगर वस्तु सही दिखाई दे तो समझें कि चश्मे के लैंस सही हैं, अगर वस्तु का आकार सही से दिखाई न दे तो समझ लें लैंस सही नहीं हैं.

धूप से आंखों को बचाने वाले चश्मे कई तरह के फ्रेमों और रंगों में मिलते हैं. धूप के चश्मे के लिए बहुत गहरे और हलके रंग वाले लैंस सही नहीं होते हैं, अगर लैंस का रंग गहरा है तो बाहर देखने के लिए आंखों को बहुत मेहनत करनी पड़ती है, इसी तरह हलके रंग में रोशनी से आंखों का बचाव सही तरह से नहीं हो पाता है, लैंसों के रंग का चुनाव सही हो ताकि आंखों का धूप से बचाव हो सके और देखने में भी कोई परेशानी न हो.

कई तरह के रंग छोड़ने वाले लैंस वाले चश्मे का प्रयोग किसी हालत में नहीं करना चाहिए. इसी तरह मरकरी लैंस वाले चश्मे धूप से आंखों का बचाव तो करते हैं पर ये सामने वाले को नुकसान पहुंचा सकते हैं. सूर्य की नुकसानदायक किरणें इन से टकरा कर तेजी से लौटती हैं जो सामने वाले की आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है. अगर सामने वाले ने चश्मा न लगाया हो तो उस पर प्रभाव ज्यादा पड़ता है. फोटोक्रोमैटिक लैंस जो प्रकाश के घटने और बढ़ने के साथसाथ हलके और गहरे रंग के होते हैं वे आंखों के लिए सही माने जाते हैं. डबल शेड यानी ऊपर से गहरे रंग और नीचे से हलके रंग वाले चश्मे भी सही माने जाते हैं.

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सुविधाजनक भी हो

लैंस के साथसाथ चश्मे के फ्रेम का चुनाव भी बहुत सोचसमझ कर करना चाहिए. बाजार में सस्ते और महंगे किस्म के फ्रेम मौजूद हैं. इन के रंग और डिजाइन दोनों इतने खूबसूरत होते हैं कि सही और गलत का चुनाव करना मुश्किल हो जाता है, अच्छे फ्रेम का पता लगाने के लिए उसे हाथ में ले कर सावधानी से देखना चाहिए.

जिन चश्मों की फ्रेमिंग एक तरह की न हो कर ऊंचीनीची होती है वे आंखों के लिए सही नहीं होते हैं. अच्छे ब्रैंड का चश्मा संतुलित होता है. आंखों पर उस की पकड़ भी सही होती है. आंखों को ठीक तरह से ढकने वाले चश्मे ही सही रहते हैं. इस तरह के चश्मे तेज धूप और धूलमिट्टी से आंखों का बचाव करते हैं.

खराब किस्म के चश्मे आंखों का बचाव करने में सक्षम नहीं होते हैं. धूप के चश्मे की लंबाई भौंहों के किनारों तक होनी चाहिए ताकि आंखों का सही तरह से बचाव हो सके. ज्यादा छोटे और बहुत बड़े फ्रेम आंखों के लिए सही नहीं होते हैं. ये आंखों का सही तरह से बचाव नहीं कर पाते हैं.

यदि फैशन के लिए चश्मा पहनना है तो उस का चुनाव भी सही तरह से करना चाहिए. अच्छे ब्रैंड के सही डिजाइनों वाले चश्मे ही खरीदने चाहिए. ये आंखों की सुरक्षा का खयाल कर के ही बनाए जाते हैं. इन में प्रयोग होने वाले लैंस और फ्रेम की क्वालिटी अच्छी होती है. ये आंखों को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. आंखों के अलावा ये चेहरे को भी ध्यान में रख कर बनाए जाते हैं, जो देखने में खूबसूरत लगते हैं और पहनने वाले को स्टाइलिश बनाते हैं, जिस से दूसरों पर प्रभाव डालने में सफल होते हैं.

सावधानी से करें प्रयोग

सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों को रोकने वाले चश्मे का ही प्रयोग करें. चश्मा चौंधरहित होना चाहिए. तेज चौंध आंखों के रेटिना को नुकसान पहुंचाती है. चश्मे के लैंस ऐसे हों, जिन में खरोंच पड़ने की संभावना कम से कम हो. खरोंच वाले चश्मे आंखों को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकते हैं. चश्मे का फ्रेम नौनऐलर्जिक होना चाहिए ताकि आंखों के आसपास की त्वचा पर किसी तरह का कोई प्रभाव न पड़े.

अगर आंखों में किसी तरह का कोई दोष नहीं है तो धूप में निकलते समय केवल धूप वाले चश्मे का ही प्रयोग करें. अगर आप की नजर कमजोर है तो फोटोक्रोमैटिक लैंसों वाले चश्मे का ही प्रयोग करें. शीशे वाले लैंसों की जगह अब प्लास्टिक लैंसों का प्रयोग होने लगा है. प्लास्टिक लैंसों वाले चश्मे का प्रयोग सावधानी से करें. इस में खरोंचें ज्यादा पड़ती हैं. अगर महिलाओं को नजर का दोष है तो वे आंखों में कौंटैक्ट लैंस लगवा सकती है. कौंटैक्ट लैंस लगा कर धूप और धूल में निकलते समय धूप वाले चश्मे का प्रयोग जरूरी होता है.

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जब शादी पर हावी होने लगे दोस्ती तो हो जाएं सावधान

हफ्ते के 5 दिन का बेहद टाइट शेड्यूल, घर और आफिस के बीच की भागमभाग. लेकिन आने वाले वीकेंड को सेलीब्रेट करने का प्रोग्राम बनातेबनाते प्रिया अपनी सारी थकान भूल जाती है. उस के पिछले 2 वीकेंड तो उस के अपने और शिवम के रिश्तेदारों पर ही निछावर हो गए थे. 20 दिन की ऊब के बाद ये दोनों दिन उस ने सिर्फ शिवम के साथ भरपूर एेंजौय करने की प्लानिंग कर ली थी. लेकिन शुक्रवार की शाम जब उस ने अपने प्रोग्राम के बारे में पति को बताया तो उस ने बड़ी आसानी से उस के उत्साह पर घड़ों पानी फेर दिया.

‘‘अरे प्रिया, आज ही आफिस में गौरव का फोन आ गया था. सब दोस्तों ने इस वीकेंड अलीबाग जाने का प्रोग्राम बनाया है. अब इतने दिनों बाद दोस्तों के साथ प्रोग्राम बन रहा था तो मैं मना भी नहीं कर सका.’’ऐसा कोई पहली बार नहीं था. अपने 2 साल के वैवाहिक जीवन में न जाने कितनी बार शिवम ने अपने बचपन की दोस्ती का हवाला दे कर प्रिया की कीमती छुट्टियों का कबाड़ा किया है. जब प्रिया शिकायत करती तो उस का एक ही जवाब होता, ‘‘तुम्हारे साथ तो मैं हमेशा रहता हूं और रहूंगा भी. लेकिन दोस्तों का साथ तो कभीकभी ही मिलता होता है.’’

शिवम के ज्यादातर दोस्त अविवाहित थे, अत: उन का वीकेंड भी किसी बैचलर्स पार्टी की तरह ही सेलीब्रेट होता था. दोस्तों की धमाचौकड़ी में वह भूल ही जाता था कि उस की पत्नी को उस के साथ छुट्टियां बिताने की कितनी जरूरत है.

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बहुत से दंपतियों के साथ अकसर ऐसा ही घटता है. कहीं जानबू कर तो कहीं अनजाने में. पतिपत्नी अकसर अपने कीमती समय का एक बड़ा सा हिस्सा अपने दोस्तों पर खर्च कर देते हैं, चाहे वे उन के स्कूल कालेज के दिनों के दोस्त हों अथवा नौकरीबिजनेस से जुड़े सहकर्मी. कुछ महिलाएं भी अपनी सहेलियों के चक्कर में अपने घरपरिवार को हाशिए पर रखती हैं.थोड़े समय के लिए तो यह सब चल सकता है, किंतु इस तरह के रिश्ते जब दांपत्य पर हावी होने लगते हैं तो समस्या बढ़ने लगती है.

यारी है ईमान मेरा…

दोस्त हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा होते हैं, इस में कोई शक नहीं. वे जीवनसाथी से कहीं बहुत पहले हमारी जिंदगी में आ चुके होते हैं. इसलिए उन की एक निश्चित और प्रभावशाली भूमिका होती है. हम अपने बहुत सारे सुखदुख उन के साथ शेयर करते हैं. यहां तक कि कई ऐसे संवेदनशील मुद्दे, जो हम अपने जीवनसाथी को भी नहीं बताते, वे अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं, क्योंकि जीवनसाथी के साथ हमारा रिश्ता एक कमिटमेंट और बंधन के तहत होता है, जबकि दोस्ती में ऐसा कोई नियमकानून नहीं होता, जो हमारे दायरे को सीमित करे. दोस्ती का आकाश बहुत विस्तृत होता है, जहां हम बेलगाम आवारा बादलों की तरह मस्ती कर सकते हैं. फिर भला कौन चाहेगा ऐसी दोस्ती की दुनिया को अलविदा कहना या उन से दूर जाना.

लेकिन हर रिश्ते की तरह दोस्ती की भी अपनी मर्यादा होती है. उसे अपनी सीमा में ही रहना ठीक होता है. कहीं ऐसा न हो कि आप के दोस्ताना रवैए से आप का जीवनसाथी आहत होने लगे और आप का दांपत्य चरमराने लगे. विशेषकर आज के व्यस्त और भागदौड़ की जीवनशैली में अपने वीकेंड अथवा छुट्टी के दिनों को अपने मित्रों के सुपुर्द कर देना अपने जीवनसाथी की जरूरतों और प्यार का अपमान करना है. अपनी व्यस्त दिनचर्या में यदि आप को अपना कीमती समय दोस्तों को सौंपना बहुत जरूरी है तो उस के लिए अपने जीवनसाथी से अनुमति लेना उस से भी अधिक जरूरी है.

ये दोस्ती…

कुछ पुरुष तथा महिलाएं अपने बचपन के दोस्तों के प्रति बहुत पजेसिव होते हैं तो कुछ अपने आफिस के सहकर्मियों के प्रति. श्वेता अपने स्कूल के दिनों की सहेलियों के प्रति इतनी ज्यादा संवेदनशील है कि अगर किसी सहेली का फोन आ जाए तो शायद पतिबच्चों को भूखा ही आफिस स्कूल जाना पड़े. और यदि कोई सहेली घर पर आ गई तो वह भूल जाएगी कि उस का कोई परिवार भी है. दूसरी ओर कुछ लोग किसी गेटटूगेदर में अपने आफिस के सहकर्मियों के साथ बातों में ऐसा मशगूल हो जाएंगे कि उन की प्रोफेशनल बातें उन के जीवनसाथी के सिर के ऊपर से निकल रही हैं, इस की उन्हें परवाह नहीं होती.

इस के अलावा आफिस में काम के दौरान अकसर लोगों का विपरीत सेक्स के प्रति आकर्षण और दोस्ती एक अलग गुल खिलाती है. इस तरह का याराना बहुधा पतिपत्नी के बीच अच्छीखासी समस्या खड़ी कर देता है. कहीं देर रात की पार्टी में उन के साथ मौजमस्ती, कहीं आफिशियल टूर. कभी वक्तबेवक्त उन का फोन, एस.एम.एस., ईमेल अथवा रात तक चैटिंग. इस तरह की दोस्ती पर जब दूसरे पक्ष को आब्जेक्शन होता है तो उन का यही कहना होता है कि वे बस, एक अच्छे दोस्त हैं और कुछ नहीं. फिर भी दोनों में से किसी को भी इस ‘सिर्फ दोस्ती’ को पचा पाना आसान नहीं होता.

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दोस्ती अपनी जगह है दांपत्य अपनी जगह

यह सच है कि दोस्ती के जज्बे को किसी तरह कम नहीं आंका जा सकता, फिर भी दोस्तों की किसी के दांपत्य में दखलअंदाजी करना अथवा दांपत्य पर उन का हावी होना काफी हद तक नुकसानदायक साबित हो सकता है. शादी से पहले हमारे अच्छेबुरे प्रत्येक क्रियाकलाप की जवाबदेही सिर्फ हमारी होती है. अत: हम अपनी मनमानी कर सकते हैं. किंतु शादी के बाद हमारी प्रत्येक गतिविधि का सीधा प्रभाव हमारे जीवनसाथी पर पड़ता है. अत: उन सारे रिश्तों को, जो हमारे दांपत्य को प्रभावित करते हैं, सीमित कर देना ही बेहतर होगा.

कुछ पति तो चाहते हुए भी अपने पुराने दोस्तों को मना नहीं कर पाते, क्योंकि उन्हें ‘जोरू का गुलाम’ अथवा ‘बीवी के आगे दोस्तों को भूल गए, बेटा’ जैसे कमेंट सुनना अच्छा नहीं लगता. ऐसे पतियों को इस प्रकार के दोस्तों को जवाब देना आना चाहिए, ध्यान रहे ऐसे कमेंट देने वाले अकसर खुद ही जोरू के सताए हुए होते हैं या फिर उन्होंने दांपत्य जीवन की आवश्यकताओं का प्रैक्टिकल अनुभव ही नहीं किया होता.

सांप भी मरे और लाठी भी न टूटे

जरूरत से ज्यादा यारीदोस्ती में बहुत सारी गलतफहमियां भी बढ़ती हैं. साथ ही यह जरूरी तो नहीं कि हमारे अपने दोस्तों को हमारा जीवनसाथी भी खुलेदिल से स्वीकार करे. इस के लिए उन पर अनावश्यक दबाव डालने का परिणाम भी बुरा हो सकता है. अत: इन समस्याओं से बचने के लिए कुछ कारगर उपाय अपनाए जा सकते हैं :

अपने बचपन की दोस्ती को जबरदस्ती अपने जीवनसाथी पर न थोपें.

अगर आप के दोस्त आप के लिए बहुत अहम हों तब भी उन से मिलने अथवा गेटटूगेदर का वह वक्त तय करें, जो आप के साथी को सूट करे.

बेहतर होगा कि जैसे आप ने एकदूसरे को अपनाया है वैसे एकदूसरे के दोस्तों को भी स्वीकार करें. इस से आप के साथी को खुशी होगी.

जीवनसाथी के दोस्तों के प्रति कोई पूर्वाग्रह न पालें. बेवजह उन पर चिढ़ने के बजाय उन की इच्छाओं पर ध्यान दें.

‘तुम्हारे दोस्त’, ‘तुम्हारी सहेलिया’ के बदले कौमन दोस्ती पर अधिक जोर दें.

अपने बेस्ट फ्रेंड को भी अपनी सीमाएं न लांघने दें. उसे अपने दांपत्य में जरूरत से ज्यादा दखलअंदाजी की छूट न दें.

आफिस के सहकर्मियों की भी सीमाएं तय करें.

अपने दांपत्य की निजी बातें कभी अपने दोस्तों पर जाहिर न करें.

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अगर आप भी करती हैं 8-9 घंटे काम तो ऐसे रखें अपनी फिटनेस का ख्याल

कौरपोरेट लाइफ की जो सब से बड़ी कमी है वह है सेहत से समझौता और बढ़ता मोटापा. जंक फूड्स, शारीरिक गतिविधि की कमी, काम का तनाव और लगातार बैठे रहने  की वजह से आप की सेहत प्रभावित हो सकती है. सारा दिन काम करने के बाद हम इतना थक जाते है और वैसे भी उस के बाद इतनी एनर्जी नहीं बचती कि हम जिम जा कर अपने शरीर का ध्यान रखें. इस सन्दर्भ में जानते हैं फिटनेस एक्सपर्ट विकास डबास से फिटनेस के कुछ खास टिप्स और ट्रिक्स ;

1. ज्यादा चाय-कौफी हो सकती है खतरनाक

देखा जाये तो हम सभी को सुबह और शाम के वक्त चाय और कौफी पीना बहुत पसंद होता है. कुछ लोगो की दिन की शुरुआत ही कौफी से होती है. पर अगर आप उन में से है जो लगातार 7 से 8 घंटे औफिस में एक जगह बैठ कर काम करती है तो चाय और कौफी पीना आप के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है. चाय और कौफी में चीनी और हैवी क्रीम मिल्क का इस्तेमाल किया जाता है. दोनों ही हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक है. इस की जगह आप ग्रीन टी या फिर ग्रीन कौफी पी सकती है जो आप को काफी फ्रेश और एक्टिव रखेगा और साथ ही साथ आप की क्रेविंग्स पर भी संतुलन बनाए रखेगा.

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2. करें तबाटा व्यायाम

तबाटा व्यायाम उन लोगों के लिए है जो प्रतिदिन निर्धारित समय पर व्यायाम नहीं कर पाते. तबाटा व्यायाम के लिए आप को बस एक कार्डियो गतिविधि चुननी है जैसे कि दौड़ना, रस्सी कूदना, या साइकिल चलाना और 20 सेकंड तक लगातार यह करना है. 10 सेकंड के लिए आराम कर के  5-7 बार यह क्रिया दोहरानी होती है.

3. फ्रूट्स है जरूरी

जितना जरूरी सही मात्रा में खाना और सोना होता है उतना ही जरुरी सही मात्रा में वेजटेबल्स और फ्रूट्स लेना भी है. हमे पूरे दिन में कम से कम 5 अलग तरह की सब्जियां और 2 तरह के फल खाने चाहिए. कोशिश करे कि आप एक सब्जी उबली हुई और एक कच्ची खाएं. फ्रूट्स की बात करे तो हमें रोज सेब, केला और पपीते का सेवन जरूर करना चाहिए. इन सभी में एंटी-औक्सीडेंट और माइक्रो-न्यूट्रीशन की काफी मात्रा होती है जो हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है .

 

4. ग्रीन टी है बेस्ट

शाम को चाय के समय हमें बाहरी तली भुनी चीजें या पैकेट्स की चीजें बिस्कुट आदि नहीं खानी चाहिए. कोशिश करें की चाय की जगह ग्रीन टी लें और किसी बिस्कुट या समोसे के बजाए रोस्टेड चना या फिर मूंगफली खाए. आप चाहे तो फ्रूट सलाद भी खा सकती है जिस में अपने मनपसंद के फ्रूट्स डाल सकती हैं. अगर आप को कुछ चटपटा खाने का मन है तो उबली हुई मूंगदाल में प्याज,टमाटर चाट मसाला डाल कर टेस्टी स्नैक बना कर ऑफिस ले जा सकती हैं. इस में फाइबर और प्रोटीन की मात्रा भरपूर होती है.

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5. नींद है जरूरी

न्यूनतम 8 घंटे की नींद शरीर के लिए बेहतर होती है. इस 8 घंटे की नींद में आप के शरीर को अच्छे से आराम करने का समय मिलता है जिस से आप सारा दिन एक्टिव फील करती है. सोते समय यह सुनिश्चित करें लें कि आप के आसपास लैपटॉप, मोबाइल फोन, गेमिंग गैजेट्स जैसी चीज़े दूर हो.

त्यौहारों के लिए खुद को ऐसे करें तैयार

त्यौहारों के आगमन की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में आप की तैयारियों की शुरुआत भी हो जानी चाहिए. क्योंकि जब तैयारियों में दम होगा तभी तो आप के रंगरूप पर त्यौहारों का ग्लो नजर आएगा. त्यौहारों पर औरों से अलग दिखने के लिए जानिए कौस्मैटोलौजिस्ट व एल्पस कौस्मैटिक क्लीनिक की फाउंडर डायरैक्टर भारती तनेजा से कुछ फैस्टिव मेकअप टिप्स, जिन पर गौर कर त्यौहार के मौके पर जब आप शृंगार कर के घर से बाहर निकलेंगी तो लोग आप को देखते ही रह जाएंगे.

फेशियल चार्म

अपनी स्किन की चमक को त्यौहारों की चमक के साथ मिलाने के लिए समयसमय पर स्किन के अनुरूप फेशियल करवाएं. वैसे इन दिनों के लिए गोल्ड फेशियल काफी अच्छा रहता है. इस तकनीक में एक विशेष स्क्रबर मशीन की मदद से डैड सैल्स को रिमूव किया जाता है और फिर मशीन द्वारा फलों के रस और गोल्ड सौल्यूशन को स्किन के भीतर गहराई तक पहुंचाया जाता है. ऐसा करने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और रक्त में मौजूद बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं. यह फेशियल फैस्टिवल शुरू होने से कुछ दिन पहले ही करवा लें. ताकि पूरा फैस्टिव सीजन आप को चेहरा चमकतादमकता रहे.

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घरेलू उपाय: 1 चम्मच सूजी को गरम दूध में मिला कर अच्छी तरह फेंट लें. गाढ़ा हो जाने पर 2 बूंद नीबू का रस व 2 बूंद शहद मिला कर चेहरे पर अप्लाई करें. सूख जाने पर चेहरे को पानी से धो लें. आप को थोड़ी देर में ही अपना चेहरा ग्लोइंग नजर आने लगेगा.

बौडी ग्लो

एक तरफ जहां त्यौहारों की शौपिंग के लिए मन उत्साहित होता है वहीं दूसरी तरफ इन तैयारियों के चलते शरीर थक कर चूर भी हो जाता है. दिनभर तेज धूप में रहने के कारण टैनिंग हो जाती है. अत: बौडी को टैन फ्री व रिलैक्स करने के लिए बौडी स्क्रबिंग करवाना ठीक रहता है. इस से स्किन की मृत कोशिकाएं हटती हैं, साथ ही टैनिंग भी रिमूव हो जाती है, जिस से स्किन के सौफ्ट होने के साथसाथ उस में निखार भी आ जाता है.

घरेलू उपाय: 1 चम्मच बेसन व 2 चम्मच चोकर में चुटकीभर हलदी, नीबू की कुछ बूंदें और मलाई मिला लें. रोज सुबह नहाने से पहले इस पेस्ट को पूरी बौडी पर लगाएं. सूखने पर हलके हाथों से छुड़ा लें. धीरेधीरे बौडी पर ग्लो नजर आने लगेगा.

शाइनिंग बाल

रूखेपन से बाल बेजान से दिखाई देने लगते हैं. ऐसे में उन्हें सौफ्ट व सिल्की लुक देने के लिए हेयर स्पा जरूरी है. हेयर स्पा करवाने से स्कैल्प का ब्लड सर्कुलेशन इंप्रूव होता है, डिटौक्सिफिकेशन होता है, हेयर फौल रूकता है और साथ ही बालों को भरपूर पोषण मिल जाता है, जो उन के लिए बहुत जरूरी होता है.

घरेलू उपाय: घरेलू कंडीशनर के तौर पर अंडे में नीबू का रस और जैतून के तेल की कुछ बूंदें मिला कर बालों में आधा घंटा लगा कर रखें. फिर बालों को शैंपू करें. फिर देखिए आप के शाइनी बाल आप के कौन्फिडैंस को कैसे बढ़ाते हैं.

सौफ्ट हैंड व फुट

त्यौहारों की खूबसूरती में सिर्फ आप का चेहरा व बाल ही नहीं, बल्कि आप के हाथ व पांव भी आकर्षण का केंद्र होते हैं. अत: इन की खूबसूरती को बनाए रखने के लिए मैनीक्योर व पैडिक्योर करवाती रहें. ऐसा करने से आप के हाथों व पांवों का रंग तो निखरेगा ही, साथ ही वे सौफ्ट भी हो जाएंगे.

घरेलू उपाय: पहले नेलपौलिश को हटा लें. इस के बाद आधा टब कुनकुने पानी में 1 चम्मच शैंपू, 1 चम्मच हाइड्रोजन पैराक्साइड और थोड़ा सा ऐंटीसैप्टिक लोशन डाल कर हाथों को उस में 5 मिनट के लिए डिप कर के रखें. लूफा की मदद से डैड स्किन रिमूव कर दें. आखिर में हाथों पर मौइश्चराइजिंग क्रीम से मसाज कर लें.

घर पर पैडीक्योर करने के लिए आधा टब कुनकुने पानी में 1 चम्मच शैंपू, 1 चम्मच नमक और थोड़ा सा ऐंटीसैप्टिक लोशन डाल कर पैरों को उस में 10 मिनट तक डिप कर के रखें. ऐसा करने से नेल्स सौफ्ट हो जाएंगे. अब स्क्रबर की मदद से डैड स्किन रिमूव कर दें और नेल्स को काट कर फाइल कर लें. इस के बाद क्यूटिकल पुशर की मदद से क्यूटिकल को पुश कर क्यूटिकल कटर से निकाल दें. आखिर में पैरों पर मौइश्चराजिंग क्रीम से मसाज कर लें.

मेकअप से पहले क्लीनिंग

अच्छे मेकअप के लिए साफ और निखरी स्किन पहली जरूरत है. इस के लिए पहले स्किन को क्लीन करें. स्किन को क्लीन करने के लिए आप क्लींजिंग मिल्क का इस्तेमाल कर सकती हैं. रूई में क्लींजिंग मिल्क डाल कर चेहरे, गरदन व आसपास के एरिया को क्लीन करें. क्लीनिंग के बाद टोनिंग करना बेहद जरूरी है. टोनिंग के लिए अच्छी क्वालिटी के टोनर का इस्तेमाल करें.

टोनिंग के लिए चेहरे पर बर्फ का भी इस्तेमाल कर सकती हैं, फिर चेहरे पर मौइश्चराइजर अप्लाई कर के मेकअप करना शुरू करे. फैस्टिव मूड ऐक्साइटमैंट से भरा हुआ होता है, जिस कारण पसीना भी काफी आता है. अत: मेकअप का वाटरपू्रफ होना जरूरी है. इस के लिए आप अपने फेस पर फाउंडेशन लगाएं और उसे सैट करने के लिए कौंपैक्ट का इस्तेमाल जरूर करें.

होंठों को दें खूबसूरत टच

अगर होंठ गुलाब की पंखुडि़यों की तरह हों तो चेहरा बेहद मोहक लगता है. अगर आप चाहती हैं कि आप के होंठ भी ऐसे ही खूबसूरत लगें तो होंठों को लिप लाइनर से शेप दें. अगर होंठ मोटे हैं तो लाइनर नैचुरल लाइन से थोड़ा अंदर की तरफ लगाएं और अगर पतले हैं तो लाइनर होंठों की नैचुरल लाइन से जरा सा बाहर लगाएं.

आई मेकअप

आई मेकअप के लिए वाटरप्रूफ प्रोडक्ट्स का ही इस्तेमाल करें. अच्छे मेकअप के लिए बेस सब से पहली जरूरत होती है. अगर आप की स्किन पर कोई दाग है तो उस पर कंसीलर लगा कर उसे कंसील कर दें. यदि आंखों के पास के काले घेरों को छिपाना है तो एक शेड डार्क कंसीलर लगाएं.

त्यौहार के अवसर पर आंखों को आकर्षक दिखाने के लिए रैड या मैरून आईशैडो आंखों के नजदीक थोड़ा लाइट और बाहर की तरफ थोड़ा डार्क लगा सकती हैं. अगर आप चाहें तो रात के समय इस के ऊपर गोल्डन कलर की स्पार्कल डस्ट भी लगा सकती हैं. आईब्रोज के नीचे हाईलाइटर लगाएं. शेड्स के अनुसार हाईलाइटर गोल्डन या सिल्वर ले सकती हैं. अब आईलाइनर अप्लाई करें. फिर पलकों को कर्ल कर लें.

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अगर आप रात का मेकअप कर रही हैं तो मसकारा का डबल कोट लगाना सही रहेगा. फिर आईब्रोस को आईब्रो पैसिंल की सहायता से शेप दें. यदि आप आईशैडो नहीं लगाना चाहतीं तो आंखों को कलरफुल लाइनर से सजाएं. आखिर में काजल से आंखों को दें कजरारा लुक.

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