‘ये रिश्ता…’ के ‘पुराने कायरव’ की होगी टीवी पर वापसी, इस नए शो में आएंगे नजर

स्टार प्लस के सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ से जुड़ने वाले सितारे अक्सर फैंस के दिल में अपनी जगह बना लेते हैं चाहे वह हिना खान हो या शो में ‘कायरव’ का रोल अदा कर चुके शौर्य शाह. ‘नायरा’ के बेटे का रोल निभा चुके एक्टर शौर्य शाह के फैंस के लिए खुशखबरी है कि वह जल्द ही नए शो में नजर आने वाले हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

‘ये रिश्ता…’ से मिली थी पहचान

शो ‘ये रिश्ता’ में शौर्य शाह ने ‘कार्तिक-नायरा’ के बेटे ‘कायरव’ का किरदार निभाया था, लेकिन तबियत बिगड़ने की वजह से उन्हें शो छोड़ना पड़ा था. ‘ये रिश्ता’ शो में शौर्य की एक्टिंग को काफी सराहा गया. शौर्य के शो छोड़ने पर उनके फैन्स काफी निराश हुए थे.

 

View this post on Instagram

 

Happy Friendship Day??

A post shared by shaurya shah (@shaurya2105) on

ये भी पढ़ें- मां बनना चाहती हैं प्रियंका चोपड़ा, पति निक जोनस भी चाहते हैं बेबी

स्टार प्लस के नए शो में आएंगे नजर

 

View this post on Instagram

 

Something special is coming up. ❤️

A post shared by shaurya shah (@shaurya2105) on

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शौर्य शाह को ‘ये रिश्ता’ शो छोड़ने के बाद अब एक नया टीवी सीरियल मिल गया है. रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि शौर्य अब स्टार प्लस के नए शो ‘राज महल’ में नजर आ सकते हैं. शौर्य नए शो में एक अहम किरदार निभाते हुए दिखाई देंगे. हालांकि, अभी शौर्य के पैरेंट्स और ‘राज महल’ के मेकर्स ने इसपर कुछ भी नहीं कहा है.

हौरर ड्रामा से करेंगे दोबारा एंट्री

 

View this post on Instagram

 

And Finally we met?

A post shared by shaurya shah (@shaurya2105) on

मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा दावा किया जा रहा है कि पौपुलर शो इश्कबाज, कुल्फी कुमार बाजेवाला और नजर की प्रोड्यूस गुल खान अब एक नया हौरर ड्रामा शो राज महल लेकर आ रही हैं. इस शो में शौर्य नजर आ सकते हैं.

ये भी पढ़ें- ‘‘मुझे हर भाषा की फिल्में करनी हैं..’’ -आकांक्षा सिंह

बता दें, शौर्य के पुराने शो ‘ये रिश्ता’ की बात करें तो नए ‘कायरव’ के आने से शौर्य के फैंस काफी नाराज हो गए थे, लेकिन अब शो के नए ट्रेक के चलते शो टीआरपी लिस्ट में नंबर वन पर आ गया है, जिसके चलते शो की फैन फौलोइंग भी काफी बढ़ गई है.

फेस्टिवल में बनाएं बादाम कुकीज

फेस्टिवल में हर घर में मीठा जरूर बनता है. अगर आप भी कुछ मीठा ट्राय करना चाहते हैं तो आज हम आपको बादाम कुकीज के बारे में बताएंगे. कुकीज बच्चों को बेहद पसंद होती हैं. साथ ही इसे आप लंबे समय तक के लिए स्टोर करके भी रख सकते हैं और फेस्टिवल में अपनी फैमिली और फ्रेंड्स को आसानी से बनाकर कभी भी खिला सकते हैं. ये टेस्टी के साथ-साथ हेल्दी डिश है.

हमें चाहिए

200 ग्राम मैदा

11/2 छोटे चम्मच बेकिंग पाउडर

25 ग्राम पिस्ता कटा

ये भी पढ़ें- फेस्टिवल में परोसें मेवा लड्डू

50 ग्राम बादाम

200 ग्राम पिसी चीनी

2 बड़े चम्मच दूध

200 ग्राम मक्खन.

बनाने का तरीका

मैदा और बेकिंग पाउडर मिला कर 2-3 बार छान लें. मक्खन को हलका गरम कर के पिघला लें. चीनी मिला कर अच्छी तरह फेंटें. अब इस में मैदा मिला लें. आवश्यकतानुसार दूध मिला कर गूंध लें. बेकिंग ट्रे को चिकना कर लें. तैयार मिश्रण की बौल्स बना कर हथेली से दबाएं और हार्टशेप के कटर से काट लें. बिस्कुटों के ऊपर बादाम, पिस्ता बुरक कर दबा दें. अब इन्हें चिकनाई लगी ट्रे में रख कर 180० सैं.ग्रे. पर प्रीहीटेड ओवन में 15 मिनट तक रखें. हलके ब्राउन हो जाने पर निकाल लें. ठंडा हो जाने पर ऐअरटाइट कंटेनर में रखें.

ये भी पढें- फेस्टिवल में परोसें टेस्टी बादाम कटलेट

ट्रैडिशनल लुक के लिए ट्राय करें ये 6 मेकअप ट्रिक्स

लेखक- पूजा भारद्वाज  

त्योहारों में जब बात कुछ खास पहनने की आती है, तो महिलाएं साड़ी, सूट, लहंगे जैसे ट्रैडिशनल कपड़ों की खरीदारी में जुट जाती हैं, क्योंकि वे सब से हट कर दिखना चाहती हैं, लेकिन उन के लिए यह भी जानना जरूरी है कि सिर्फ ऐथनिक वियर ही उन्हें अट्रैक्टिव लुक नहीं देते, बल्कि सही तरह से किया गया मेकअप भी उन का और उन की ड्रैस का ओवरऔल लुक चेंज कर देता है. मगर गलत मेकअप महंगे ट्रैडिशनल वियर के लुक को बिगाड़ भी सकता है. फैस्टिव मेकअप के दौरान इन बातों का रखें ध्यान:

1. फाउंडेशन लाए ग्लो

आप साड़ी पहन रही हों या लहंगाचोली या सलवारसूट फाउंडेशन, हर आउटफिट में आप का ग्लो रखेगा बरकरार, क्योंकि यह न केवल चेहरे की स्किन टोन को हलका करता है, वरन चेहरे पर मौजूद दागधब्बों को छिपाने में भी मदद करता है. यह त्वचा को चमकदार बनाता है. बावजूद इस के बहुत सी महिलाएं मेकअप करते समय फाउंडेशन का यूज न कर सिर्फ कंसीलर से दागधब्बे छिपाती हैं, जो उन की सब से बड़ी गलती होती है. फाउंडेशन तो स्किन को एकसमान बनाता है. इसलिए मेकअप करते समय कंसीलर के साथ इस का इस्तेमाल जरूर करें,

2. हाईलाइटर दे परफैक्ट लुक

अपने ट्रैडिशनल लुक को पूरा करने के लिए फाउंडेशन के बाद मैट हाईलाइटर इस्तेमाल करें, क्योंकि यह परफैक्ट कैमरा लुक जो देता है. अगर आप कुछ ब्लैक, आइवरी, ब्लू, ग्रीन आदि रंगों की कोई ट्रैडिशनल ड्रैस पहन रही हैं, तो अपनी नोज ब्रिज, चीकबोंस और चिन को गोल्ड कलर से हाईलाइट करें. ऐसा करने से आप के फीचर्स उभर कर आएंगे. आप चाहें तो अपनी स्किन और पसंद के अनुसार ब्रौंज, पीच, पिंक शेड हाईलाइट चुन सकती हैं.

3. आंखों को खूबसूरत बनाएं

आंखें चेहरे का सब से खूबसूरत हिस्सा होती हैं और मेकअप से इन की खूबूसरती को और निखारा जा सकता है. इसलिए ट्रैंडी आईशैडो, मसकारा और काजल से अपने लुक को बदल डालें. आजकल विंग्ड आईलाइनर इन है जो आंखों को परफैक्ट लुक देता है. इस के अलावा कलर्ड आईलाइनर भी फैशन में हैं.

4. ताकि होंठ दिखें डिफरैंट

लिपस्टिक के साथ ही मेकअप लुक पूरा होता है, इसलिए अपने लिए सही शेड का चुनाव करें ताकि आप सब से अलग दिखें और लोग त्योहारों से ज्यादा आप के चेहरे में खोए रहें. आप चाहें तो मैट या ग्लौसी लिपस्टिक चुन सकती हैं. अगर आप का आई मेकअप डार्क है तो चेहरे पर मेकअप का बैलेंस बनाए रखने के लिए लिप्स पर लाइट शेड जैसे बेबी पिंक या लाइट पीच ही लगाएं या होंठों पर रैड शेड लगा कर मेकअप को बोल्ड लुक भी दे सकती हैं.

5. बैलेंस है जरूरी

ट्रैडिशनल, ऐथनिक वियर में ऐंब्रौयडरी ब्लाउज, लहंगा, हैवी साड़ी आती है, तो यह जरूरी है कि आप का मेकअप और ड्रैस एकदूसरे के पूरक हों. इसलिए अगर आप हैवी ड्रैस और हैवी ज्वैलरी पहन रही हैं तो मैट मेकअप करें और अगर कंटैंपररी लुक चाह रही हैं, तो मेकअप न्यूड ही रखें.

6. यह भी जानें

– आजकल न्यूड मेकअप भी काफी फैशन में है. यह बिलकुल साधारण होता है और ऐसा फील ही नहीं होता कि मेकअप किया है. यह मेकअप बिलकुल अलग दिखाता है. बहुत सी सैलिब्रटीज भी इस लुक को अपना रही हैं.

– आजकल विंग्ड आईलाइनर का काफी क्रेज है. कई बार लड़कियां ट्रैडिशनल ड्रैस के साथ पूरा आई मेकअप न कर केवल विंग्ड आईलाइनर लगाती हैं और खुद को डिफरैंट दिखती चाहती हैं.

– लाल लिपस्टिक काफी समय से ट्रैंड में है, जो बोल्ड लुक देती है.

– आंखों को और खूबसूरत बनाने के लिए आप नकली आईलैशेज का भी यूज कर सकती हैं. इस से आंखें बड़ी दिखेंगी.

– ट्रैडिशनल लुक के संग स्मोकी आई मेकअप काफी अच्छा लगता है. लेकिन इन दिनों प्लेन स्मोकी लुक आउट औफ फैशन है तो ऐसे में आप अपनी ड्रैस से मैचिंग कलर आंखों पर ऐड कर सकती हैं.

– अगर आप टाइमलैस लुक चाहती हैं, तो जैल आईलाइनर इस्तेमाल करें यह आप को शानदार लुक देगा.

– आप का मेकअप लंबे समय तक टिका रहे, तो मेकअप की शुरुआत प्राइमर से करें ताकि फोटो में भी आप फ्रैश नजर आएं.

स्किन के लिए परफेक्ट है और्गेनिक हार्वेस्ट के ये प्रोडक्ट

बदलते दौर में स्किन केयर का मतलब हाईजीन और मौइश्चराइजर तक सीमित नहीं रह गया है. ऐसे में यह ध्यान रखें कि स्किन केयर उत्पादों में कैमिकल तत्त्व और प्राकृतिक अवयव किस अनुपात में मिलाए गए हैं. साबुन या अन्य स्किन केयर उत्पाद खरीदते समय उस के अवयवों की सूची जरूर पढ़ें.

1. और्गेनिक हार्वेस्ट की पेशकश

और्गेनिक हार्वेस्ट ने ब्लू लाइट टैक्नोलौजी से युक्त सनस्क्रीन की नई रेंज पेश की है, जो इलैक्ट्रौनिक उपकरणों से निकलने वाली ब्लू लाइट और खतरनाक यूवी किरणों से त्वचा को बचाती है. यह प्रोडक्ट नौर्मल और औयली त्वचा के लिए एसपीएफ 30, एसपीएफ 50 और एसपीएफ 60 की रेंज में उपलब्ध है. और्गेनिक हार्वेस्ट के सनस्क्रीन महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए उपयुक्त हैं.

ये भी पढ़ें- अब शिशु का ध्यान रखना होगा आसान

2. क्लोविया की पेशकश

क्लोविया अपने नवीनतम पावरपफ गर्ल्स नाइट वियर कलैक्शन के साथ पुरानी यादों के सफर पर ले जाता है. शुगर, स्पाइस ऐंड ऐवरीथिंग नाइस के साथ तैयार की गई सुंदर शैलियों के साथ अपने बचपन की यादों को फिर से ताजा करें. सुंदर डिजाइन में तीन सुपर गर्ल्स-बटरकप, ब्लौसम और बबल्स इन में शामिल हैं.

3. मिस्टर बटलर इटालिया सोडामेकर

मिस्टर बटलर इटालिया सोडामेकर एक ऐसा हैल्दी प्रोडक्ट है, जिस की मदद से आप अपने घर में पीने के पानी से सोडा या कोई भी शानदार पेय बना सकते हैं. इस की मदद से आप अपने मनपसंद पेय में फिज मिला कर उस का आनंद ले सकते हैं. यह कार्बन डाईऔक्साइड गैस (सीओटू) के सिलैंडर के साथ आता है जो लगभग 25 लिटर सोडा बना सकता है. इस का रिफिल सिलैंडर सिर्फ रू130 में उपलब्ध है, जिस से1 लिटर सोडे पर सिर्फ रू4 लागत आती है. सोडामेकर 500 एमएल बीपीए बोतल के साथ आता है. इस की कीमत रू3,400 से रू3,950 के बीच है.

4. क्यूरा मेन का हिमालयन चारकोल फेस वाश

क्यूरा मेन ने हिमालयन चारकोल प्यूरीफाइंग फेस वाश बाजार में उतारा है जो त्वचा की समस्याओं से ग्रस्त पुरुषों की मदद करने के लिए चारकोल के अर्कों से समृद्ध है. यह पुरुषों की स्वस्थ त्वचा के लिए ऐक्टिवेटिड चारकोल के साथ बनाया गया है. यह त्वचा को साफ महसूस कराता है और अतिरिक्त तेल कम करता है. इस फेस वाश के 100 ग्राम पैक की कीमत रू270 है.

5. ब्लैक गोल्ड काली मेहंदी

वी जौन ने आंवला और बादाम के तेल के गुणों से भरपूर ब्लैक गोल्ड काली में दी बाजार में पेश की है. बालों को काला बनाने के साथसाथ उन्हें संतुलित पोषण देने वाली इस मेहंदी के 10 एमएल के पैक की कीमत रू10 है.

6. स्ट्रौबेरी हेयर सीरम

ऐस्टाबेरी बायोसाइंसेज ने बालों को उलझन मुक्त और मुलायम बनाने के लिए नया ऐस्टाबेरी हेयर सीरम बाजार में उतारा है. यह हेयर सीरम सभी प्रकार के बालों को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है. यह बालों को चमकदार बनाते हुए उन के विकास को बढ़ाता है. इस में मौजूद बादाम का तेल और विटामिन ई एसीटेड, मोरक्को का तेल, विटामिन बी 3 सुस्त और खुरदरे बालों को स्वस्थ और मुलायम बनाते हैं. इस के100 एमएल पैक की कीमत रू175 है.

ये भी पढ़ें- फैस्टिव होम डैकोर के लिए अपनाएं ये 8 टिप्स

7. ओशिया कलर्स मेस्मेरिक लिक्विड आईलाइनर

ओशिया कलर्स ने आंखों को चमकाने और ग्लैमराइज करने के लिए मेस्मेरिक लिक्विड आईलाइनर लौंच किया है. यह लिक्विड आईलाइनर आंखों के अंदरूनी कोनों से ले कर बाहर की तरफ तक अपने गहरे रंग से आंखों को परिभाषित करने के लिए बिलकुल परफैक्ट है. यह पूरी तरह से स्मज प्रूफ, लंबे समय तक टिके रहने, एक ही स्ट्रोक में इंटेंस रंग, आसानी से पानी से हटाने योग्य और रोजाना इस्तेमाल के लिए पूरी तरह उपयुक्त है. यह रू345 में उपलब्ध है.

8. सुविधाजनक मयूर जग

स्टेनलैस स्टील उत्पादों की श्रेणी में रू500 से ले कर रू2,500 के बीच उपलब्ध मयूर जग के प्रोडक्ट्स सुविधाजनक मोड, लिफ्ट कवर और ट्विन हैंडलिंग वाले हैं. इन प्रोडक्ट्स में वाटर जग, मयूर जग, कैंपर, इंसुलेटेड वाटर जग और आइसबौक्स, कैसरोल, स्टेनलैस स्टील कैसरोल, फ्लास्क, थर्मोफ्लास्क, वैक्यूम स्टेनलैस स्टील फ्लास्क, गिफ्ट सैट्स, थर्मो वेयर प्रोडक्ट्स, टिफिन आदि शामिल हैं.

 रिश्तेदारी क्या ऐसे निभेगी

पत्नी की बहन से कहासुनी में भी अदालतों के दरवाजे खटखटाए जा सकते हैं, यह अजीब बात है पर यूनाईटेड अरब अमीरात जैसे एक दकियानूसी समाज में ऐसा ही हुआ. वहां एक आदमी ने अपनी पत्नी की बहन पर मुकदमा कर दिया कि उस ने उसे खुदगर्ज कहा था, जिस से उसे बहुत ठेस पहुंची.

इस शिकायतकर्ता की दोस्ती पत्नी की बहन के पति से भी थी और उन दोनों के झगड़ों में एक का पक्ष लेने पर साली ने उसे खुदगर्ज कह डाला था.

इस तरह के शब्द दुनियाभर में परिवारों में कहे जाते हैं, कभी बहुत कटुता से, कभी थोड़ी नर्मी से पर यह तो स्वाभाविक ही है कि जहां आपसी संबंध होंगे भाईबहन और उन के संबंधी विवादों में बीचबचाव करेंगे ही. इस बीचबचाव में एक का पक्ष लेने पर कानून का सहारा ले लिया जाए यह बहुत अजीब है.

ये भी पढ़ें- औरतों के हक पर हमला  

कानून का सहारा व्यक्तिगत मामलों में परमानैंट क्रैक डाल देता है. जब भी भाईबहन, पतिपत्नी या अन्य रिश्तेदार एकदूसरे पर मुकदमे करते हैं तो बंद कमरों की बातें बाहर आती हैं, वकीलों को पता चलती हैं. जज के सामने बहुत कुछ कहना पड़ता है. वे तथ्य भी निकलने लगते हैं, जिन का विवाद से मतलब ही न हो. दोनों तरफ के वर्षों के गड़े मुरदे भी उखाड़े जाते हैं और इस भंवर में कई रिश्ते फंस जाते हैं.

रिश्तों को बनाए रखना न पहले आसान था न आज है. रिश्तेदार कभी संबल बनते हैं तो कभी जड़ खोदने वाले होते हैं पर आज की उलझती जिंदगी में रिश्तों की पूंजी ऐसी है जिस के बिना जीना आसान नहीं. जब 5-7 बच्चे होते थे, 5-7 भाईबहन होते थे, 2-4 से झगड़ा हो जाए तो भी काम चल जाता था पर आज यह संभव नहीं है. अकेलों को वक्त पर सहारा देने वाला चाहिए होता है और जिन्हें दोस्त कहा जाता है वे अच्छे दिनों के होते हैं, बुरे दिनों के नहीं. लंगोटिया स्कूली दिनों के दोस्तों को छोड़ दें तो रिश्तेदारों से बढ़ कर कोई भरोसेमंद नहीं होता.

ये भी पढ़ें- मासूमों की जिंदगी में फरिश्ता बनकर आया शिक्षक

रिश्तों में बुराभला कहने की पूरी छूट होनी चाहिए जैसी बचपन में होती है. रिश्तेदारी वही होती है जिस में किसी का कहा बुरा न माना जाए और माना भी जाए तो 2-4 दिनों के लिए. मगर अफसोस यह है कि हमारे यहां तो पाठ पढ़ाया जाता है कि तेरा कोई अपना नहीं, तू अकेला आया था, अकेला जाएगा, यहां कोई सगा नहीं. पौराणिक युग से ले कर आज तक यही चलता आ रहा है. यूएई में अगर बहन के पति ने बुरा मान लिया तो क्या बड़ी बात है, वह हमारी संस्कृति का अनुमोदन ही कर रहा है.

जानें क्यों वर्किंग वुमंस के लिए जरूरी है इमोशनल बैलेंस

आज की तेज रफ्तार भागतीदौड़ती जिंदगी में रोजमर्रा की कामकाजी चुनौतियों तथा घरपरिवार दोनों जिम्मेदारियों को संभालते हुए तनाव तथा भावनात्मक उतारचढ़ाव आज की नारी की जिंदगी का हिस्सा बन गए हैं.

आज महिलाएं घर की चारदीवारी से बाहर निकल कर व्यावसायिक जगत में अपनी पहचान बनाने व पांव जमाने के लिए प्रयत्नशील हैं. किंतु पुरुष वर्चस्व को चुनौती देने का यह सफर आसान नहीं होता. आमतौर पर महिला को कहीं लिंग भेद का सामना करना पड़ता है, तो कहीं पुरुष की कामुक दृष्टि का. मातृत्व का दायित्व तथा घरेलू उत्तरदायित्वों का बोझ उस पर होने से अकसर बिना परखे ही उसे अयोग्य मान लिया जाता है. घर तथा बाहर के इस संघर्ष में खीज, क्रोध और चिड़चिड़ापन मन पर हावी होने लगता है और मन तनाव से घिरने लगता है. मानसिक संतुलन तथा निराशावादी सोच उसे हतोत्साहित करने लगती है. ऐसे में अपनी भावनात्मक ऊर्जा व शक्ति को बढ़ा कर स्थितियों का संयम, बुद्धिमत्ता तथा दृढ़ता से सामना करना और घर व नौकरी दोनों के अंतहीन कार्यों के मध्य सामंजस्य की क्षमता बढ़ाना ई क्यू यानी इमोशनल कोशंट ही करता है.

आप नौकरी के लिए इंटरव्यू देने जाती हैं तो आजकल आप का आईक्यू चैक नहीं किया जाता. इंटैलिजैंट तो आप हैं पर क्या आप का ईक्यू भी उतना ही स्ट्रौंग है? क्या आप में इतनी भावनात्मक शक्ति है कि आप प्रैशर में, तनाव में रह कर कार्य कर सकेंगी? आप टीम स्पिरिट में कितना चल पाएंगी? कहीं आप का नर्वस ब्रेकडाउन तो नहीं हो जाएगा? ऐसा कुछ न हो इस के लिए आप को अपना ई क्यू बढ़ाना पड़ेगा.

आज की नारी निस्संदेह बहुमुखी प्रतिभा संपन्न है. लेकिन जहां एक ओर दफ्तर में उस से पूर्ण अपेक्षा की जाती है, वहीं घर को सुरुचिपूर्ण ढंग से व्यवस्थित करना, बच्चों को समुचित मार्गदर्शन देना, उन्हें प्यार व देखभाल से पालना, पढ़ाईलिखाई व खेलकूद में सहयोग देना, सोसाइटी में पति के कंधे से कंधा मिला कर चलना, परिवार व मित्रों के साथ सामाजिक आचारव्यवहार निभाना जैसे कार्य भी उसी से अपेक्षित होते हैं. ऐसे में शारीरिक व मानसिक थकावट कब तनाव का रूप धारण कर लेती है, पता ही नहीं चलता. बिना मानसिक संतुलन खोए आने वाली हर कठिन परिस्थिति का संयम, बुद्धिमत्ता तथा दृढ़ता से सामना करने के योग्य बनाना ही ई क्यू का लक्ष्य होता है.

परिस्थिति का मुकाबला

आज जब आप इंटैलिजैंस तथा अवेयरनैस यानी बुद्धिमत्ता व जागरूकता को अपने व्यक्तित्व का एक अहम पहलू मानती हैं, तो यह अति आवश्यक है कि इमोशनल स्मार्टनैस का भी ध्यान रखें. घर हो या दफ्तर, आप को हर रोज कई तरह की परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है. याद रखें की विपरीत परिस्थितियां तो रहेंगी, कहीं न कहीं ऐसे लोग भी आप के आसपास रहेंगे, जो सिर्फ दूसरों के लिए परेशानियां तथा कठिनाइयां उत्पन्न करना ही अपना फर्ज मानते हैं.

ये भी पढ़ें- अगर आपका भी है इकलौता बच्चा तो हो जाएं सावधान

दफ्तर में बौस अगर आप को बेवजह डांटते हैं या आप के सहकर्मी आप से व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा रखते हैं अथवा किसी प्रोजैक्ट की डैड लाइन तक आप काम पूरा नहीं कर पा रही हैं, तो समस्या की जड़ पर ध्यान दें.

यह आप का नितांत व्यक्तिगत निर्णय होता है कि दुख, तनाव और परेशानी में घिर कर रोनाबिसूरना है या शांत व तटस्थ रह कर समस्या का हल ढूंढ़ना है.

यही इमोशनल स्मार्टनैस है, जिस के अभाव में आप अपनी अक्षमताओं, असफलताओं तथा बेबसी पर बैठ कर आंसू बहाते हुए सब के सामने ‘इमोशनल फूल’ बन कर रह जाएंगी.

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने वर्ष 2001-2011 के बीच किए अध्ययन में पाया है कि 30 से 45 साल की 36% कामकाजी महिलाएं तनाव तथा हाई ब्लडप्रैशर की शिकार हैं. इतना ही नहीं, 31% कामकाजी युवा महिलाएं माइग्रेन के अथवा किसी अन्य प्रकार के दर्द की शिकार हैं. 65% दर्द के कारण 6 से 8 घंटे की सामान्य नींद नहीं ले पातीं. 49% पर दर्द की वजह से मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर हो रहा है. वहीं 13% को क्रौनिक दर्द की वजह से नौकरी तक छोड़नी पड़ी है.

नैशनल इंस्टिट्यूट औफ औक्युपेशनल हैल्थ की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 5 सालों में युवाओं की कार्यक्षमता पर प्रतिकूल असर पड़ा है. मैट्रो शहरों में काम करने वाले पुरुष ही नहीं महिलाएं भी तनाव, अनिद्रा, डायबिटीज और मोटापे का शिकार पाई गई हैं.

आप क्या करें

आप ई क्यू के प्रयोग से कार्यक्षेत्र का तनाव कम करें और इस के लिए अपनाएं आगे बताए जा रहे तरीके:

न कहना सीखें

यह सत्य है कि अधिक योग्य व्यक्ति को ही अधिक जिम्मेदारियां सौंपी जाती हैं. बेशक आप योग्य हैं तथा सभी कार्य पूर्ण कुशलता से कर सकती हैं. पर कभीकभी ‘न’ कहने की कला भी सीखें. कोई भी व्यक्ति पूर्ण नहीं होता, इस बात को स्वीकारें. बौस की नजरों में ऊपर उठने के लिए क्षमता से अधिक स्ट्रैस लेना ठीक नहीं.

रखें सकारात्मक सोच

कार्यक्षेत्र से जुड़ी समस्याओं से जूझने के लिए हमेशा अपनी सोच को आशावादी तथा सकारात्मक रखें. दूसरों से मिली आलोचनाओं तथा अतीत में मिली असफलताओं को स्वयं पर हावी न होने दें.

ये भी पढ़ें- ब्रेकअप के बाद सोशल मीडिया पर यह भूल न करें

एकाग्रता बढ़ाएं

जब आप तनावमुक्त तथा शांत हो कर कोई कार्य करेंगी तभी उस कार्य की गुणवत्ता प्रभावशाली होगी. इसलिए अपने लक्ष्य की ओर ध्यान केंद्रित करें तथा एकाग्रचित्त हो कर बिना इधरउधर की व्यर्थ की बातों पर ध्यान दिए लगन से अपना कार्य करें.

कार्यक्षेत्र की राजनीति से दूर रहें

अकसर कार्यस्थलों में वैचारिक एवं कार्यप्रणाली संबंधी राजनीति हावी रहती है. आप बिना तनाव में आए ध्यानपूर्वक अपना कार्य करें. इमोशनल ब्लैकमेलिंग की राजनीति से बच कर रहें.

बौस के साथ संपर्क में रहें

कार्यक्षेत्र की किसी भी प्रकार की शारीरिक अथवा मानसिक परेशानी सदैव बौस के साथ शेयर करें. अपने क्रियात्मक तथा व्यावहारिक सुझाव भी बौस के साथ बांटने की हिम्मत रखें. इस से आप की कार्यशैली का पता चलता है.

यह सदैव याद रखें कि तनाव तो हर कार्यक्षेत्र में होता ही है, किंतु अपनी योग्यता एवं इमोशनल स्मार्टनैस से आप अपने कार्य को सरल एवं तनावमुक्त बना सकती हैं. उसी कार्यकुशलता से आप घर में भी छोटेछोटे प्रयोगों द्वारा अपने कामकाज को सहजता से कर पाने में सक्षम होंगी.

नियमित करें व्यायाम

फिजियोथेरैपिस्ट रजनी कहती हैं कि व्यायाम से ऐंडोर्फिंस में वृद्धि होती है. यह रसायन दिमाग में उल्लास का संचार करता है, जिस से शारीरिक तनाव अपनेआप ही कम हो जाता है. व्यायाम शरीर की क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को निर्मित करता है. याद रखें कि मोटापा तथा वजन कम करना ही व्यायाम का एकमात्र कार्य नहीं होता. इम्यून सिस्टम में सुधार के साथसाथ व्यायाम तनाव के नकारात्मक असर को भी समाप्त करता है.

यदि हम इमोशनली स्मार्ट व सुदृढ़ होंगे तो अपनी कार्यशैली व जीवनशैली में सकारात्मक परिवर्तन ला कर तनाव को दफ्तर ही नहीं घरेलू कामकाज में अड़चन बनने से भी रोक पाएंगे.

ये भी पढ़ें- फैमिली के साथ ऐसे स्पेशल बनाएं फेस्टिवल

मान लीजिए कि आप को दफ्तर समय पर पहुंचना है किंतु आप की कामवाली बाई बिना पूर्व सूचना के छुट्टी पर चली गई है. सारा घर व रसोई फैली पड़ी है. नाश्ता बनाना, सब का लंच पैक करना, बच्चों को स्कूल भेजना आदि अंतहीन कामों में आप की चिड़चिड़ाहट सातवें आसमान को छूने लगती है. तनाव तथा बौखलाहट में आप अपना सारा क्रोध पति तथा बच्चों पर निकालेंगी. स्वयं पर तरस खाएंगी कि सब कुछ आप को अकेले ही झेलना पड़ता है. यह स्थिति वास्तव में विकट होती है किंतु इस से जूझने का जो तरीका आप चुनती हैं, वह आप की इमोशनल दृढ़ता व स्मार्टनैस पर ही निर्भर करता है.

आप स्मार्ट हैं तो सुबहसुबह क्रोध व तनाव से घिरीं रोतेझींकते हुए दिन की शुरुआत करने के बजाय धैर्य से काम लेंगी. पति को मुसकरा कर एक कप गरम चाय का प्याला पकड़ाएंगी तथा प्यार से उन्हें रसोई में अपनी सहायता के लिए बुलाएंगी. बच्चों के साथ मित्रवत व्यवहार करते हुए उन्हें अपना स्कूल बैग, यूनिफौर्म तथा जूते इत्यादि स्वयं तैयार करने को प्रेरित करेंगी. लंच यदि न भी पैक हो पाया तो कोई बात नहीं. चिकचिक करने से कहीं बेहतर होगा कि बच्चे स्कूल कैंटीन से ले कर कुछ खा लें. एकाध दिन बाहर खा लेने में कोई हरज नहीं. आप भी खुश और बच्चे भी.

रिश्तों का तनाव

कहते हैं कि रिश्ते बनाए नहीं निभाए जाते हैं. यदि आप इमोशनली स्मार्ट हैं, तो इस बात को आप बेहतर ढंग से समझ पाएंगी कि 2 व्यक्तियों में वैचारिक मतभेद होता ही है. अत: छोटीछोटी बातों से घबरा कर रिश्तों में कड़वाहट तथा तनाव लाने से बेहतर है उन्हें नजरअंदाज कर देना. कभीकभी ऐसा भी होता है कि न चाहते हुए भी आप स्वयं को भावनात्मक रूप से टूटा व हारा हुआ पाती हैं. घर का कोई न कोई सदस्य बेवजह आप को कुछ चुभने वाली बातें सुना जाता है. सास, जेठानी या ननद आप के हर काम में मीनमेख निकालती हैं, पति की अपेक्षाओं पर आप खरी नहीं उतरती हैं, इसलिए उन के क्रोध का पात्र बनी रहती हैं.

घबराएं नहीं, धैर्य से काम लें. एकांत में बैठ कर एकाग्रचित्त हो कर अपने व्यवहार तथा कार्यों का निष्पक्षता से विश्लेषण करें. यदि वास्तव में आप को अपने व्यवहार में कुछ गलत लगे तो बिना किसी पूर्वाग्रह व अहं को आड़े लाए स्वयं को बदलने की कोशिश करें तथा संबंधित व्यक्ति से माफी मांग लें. वार्त्तालाप कभी बंद नहीं होना चाहिए. ऐसा होने पर गलतफहमियां और बढ़ जाती हैं. आप स्मार्ट हैं, स्ट्रौंग हैं, आप में आत्मविश्वास भरा है, तो आप ये सब निश्चित रूप से कर पाएंगी, क्योंकि आप जानती हैं कि तनाव तथा परेशानियों में जीना स्वयं की गलतियां सुधार लेने से कहीं कठिन होता है.

यदि आप सही हैं तो अनर्गल तथा व्यर्थ की बातों से व्यथित होने की कतई आवश्यकता नहीं. स्वयं को भावनात्मक रूप से सबल बनाएं तथा परिवार वालों को अपना दृष्टिकोण प्यार से समझाएं. सामने वाला गरम हो रहा हो तो आप ठंडी रहें. पहले उसे ठंडा होने दें फिर स्नेह से उसे पिघला कर अपने सांचे में ढाल लें. बात बन जाएगी.

ये सब मेरे साथ ही क्यों होता है? सब मुझे ही गलत क्यों समझते हैं? सब मिल कर मेरे लिए सिर्फ समस्याएं ही क्यों बढ़ाते हैं? हर बार सिर्फ मैं ही क्यों झुकूं? यह सब सोचते ही आप स्वयं को बेचारी तथा शक्तिहीन मानने लगती हैं. ‘मैं ही क्यों’ आप को एहसास दिलाता है कि आप लोगों एवं परिस्थितियों की सताई हुई हैं. ‘बेचारी मैं’ का भाव आप को आत्मदया के अंधे कुएं में धकेल देता है.

समस्याओं का हल

परीक्षा में बच्चों के परिणाम अच्छे न आना अथवा युवा होते बच्चों के साथ वैचारिक संघर्ष होना अथवा बच्चों की समुचित देखभाल की कमी के चलते बच्चों में असंयमित तथा असंतुलित व्यवहार का बढ़ना भी महिलाओं के लिए बहुत बड़ा सिरदर्द बन जाता है. ऐसे में आप क्या करेंगी? संयम खो कर अनापशनाप डांटफटकार एवं टोकाटाकी तथा रोकटोक शुरू कर करेंगी या स्वयं पर काबू रख कर बच्चों के मनोविज्ञान को समझते हुए अपने मित्रवत व्यवहार से उन्हें अपने विश्वास में ले कर समस्याओं का युक्तिपूर्ण हल निकालने की चेष्टा करेंगी? बच्चों के सामने कभी भी ‘परफैक्ट’ या ‘रोल मौडल’ बनने की चेष्टा न करें. अपनी समस्याओं, सफलताओं, कठिनाइयों, अपने डर, सपने, उम्मीदों तथा असफलताओं को खुल कर बच्चों के साथ बांटें.

ये भी पढ़ें- आजादी पर भारी शादी

ऐसा भी होता है

कई बार महिलाओं के साथ ऐसा भी होता है कि सब कुछ जानतेसमझते हुए भी वे अपनी भावनाओं पर काबू पाने में असमर्थ रहती हैं तथा ‘इमोशनल ब्लास्ट’ का शिकार हो जाती हैं. इस की परिणिति डर, निराशा, अवसाद, हीनभावना, डिप्रैशन तथा आत्मविश्वास की कमी जैसी समस्याओं में होती है. हारमोनल परिवर्तन इस समस्या का कारण हो सकते हैं. बड़ी उम्र में मेनोपौज के समय में ऐसे लक्षण अकसर महिलाओं में दिखने लगते हैं.

ऐसे में योग्य चिकित्सक से सलाह लें. खानपान तथा जीवनशैली में सकारात्मक परिवर्तन लाएं. अच्छी तथा आशावादी सोच को बढ़ाने वाली पुस्तकें पढ़ें तथा छोटीछोटी बातों में प्रसन्न रहना सीखें.

मिशन ‘चंद्रयान-2’: बाकी है उम्मीद…

‘चंद्रयान-2’ अभियान पर सारी दुनिया के साथ भारत के जन-जन की निगाह थी. हर भारतीय बड़ी आशा और बेसब्री के साथ आज की खुशियों की बाट जोह रहा था. दुनिया की निगाह में हमारा अभियान असफल हो सकता है मगर हर भारतीय जानता है और मानता है कि हमारा चंद्रयान अभियान भले ही 100% सफल ना हुआ हो मगर 90 प्रतिशत तो हम सफल रहे हैं. आइए देखते हैं चंद्रयान अभियान में हम कहां कहां सफल हुए और कहां चूक हो गई.

2.1 किलोमीटर पहले थम गया सफर…

यहां उल्लेखनीय है कि भारत के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट चंद्रयान-2 का सफर अपनी मंजिल से महज 2.1 किलोमीटर पहले थम गया. चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग से मात्र 2.1 किलोमीटर की दूरी से पहले कंट्रोल रूम से संपर्क टूट गया. मगर ये मिशन पूर्णता फेल नहीं हुआ है. 978 करोड़ रुपए के लागत वाले चंद्रयान-2 मिशन का सब कुछ समाप्त नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि लैंडर विक्रम का संपर्क टूटने से मिशन का सिर्फ 5 फीसदी का नुकसान हुआ है. अतः विश्लेषण करें तो हम पाते हैं 90 प्रतिशत ‘चंद्रयान 2’ अभियान फलीभूत हुआ है.

ये भी पढ़ें- ‘प्लास्टिक’ की दुनिया: मौत या दोस्त

और रो पड़े इसरो प्रमुख…

निसंदेह भारत के लिए आज का दिन ऐतिहासिक होता, मगर थोड़ी सी चूक हमारे सारे सपनों पर मानो पानी फिर गया. आज की इस सफलता को देखने के लिए हर एक भारतवासी उतावला था. लोग जाग रहे थे, पल-पल की खबर लेने को बेताब थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी स्वयं इसरो मुख्यालय पहुंच चुके थे. इससे पता चलता है कि यह अभियान कितना हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण था, मगर अंतिम पलों में जो हुआ वह हमें स्तब्ध कर गया और इसरो प्रमुख की आंखें छलछला आई. प्रधानमंत्री ने उन्हें गले से लगा ढांढस बंधाया. यह दृश्य हौसले और हिम्मत का सुबूत बन गया.

ऑर्बिटर अब भी अपना काम कर रहा है

दरअसल, मिशन को सिर्फ लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर का नुकसान हुआ है, जबकि अंतरिक्ष यान का तीसरा हिस्सा “ऑर्बिटर” अब भी चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगा रहा है. क्या यह हमारी सफलता नहीं है हमे अपनी सफलता और असफलता को समझना होगा. यहां समझने वाली बात है

चंद्रयान-2 में तीन खंड हैं -ऑर्बिटर (2379 किलोग्राम, आठ पेलोड), विक्रम (1471 किलोग्राम, चार पेलोड) और प्रज्ञान (27 किलोग्राम, दो पेलोड). और विक्रम 2 सितंबर को आर्बिटर से अलग हो गया था. विक्रम ने ‘रफ ब्रेकिंग’ और ‘फाइन ब्रेकिंग’ चरणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया, लेकिन ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ से पहले इसका संपर्क धरती पर मौजूद स्टेशन से टूट गया जो हमारी एक बड़ी क्षति है.

ये भी पढ़ें- मड कुकीज से पेट भरने को मजबूर

Chandrayaan-2 की समीक्षा अपरिहार्य…

इसरो के प्रमुख के. सिवन ने कहा है- आंकड़ों का विश्लेषण किया जा रहा है. लैंडर विक्रम का संपर्क टूट जाने के बाद पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि देश को उन पर गर्व है, उन्होंने इसे काव्य मय भाषा में संपूर्ण चंद्रयान अभियान को देश की बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. भविष्य में सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद करें. आपके लिए जानना जरूरी है कि चंद्रयान-2 को 22 जुलाई को भारत के हेवी रॉकेट जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हिकल मार्क-3 (जीएसएलवी एमके-3) के जरिए अंतरिक्ष में लॉन्‍च किया गया था.

इसके पश्चात 24 जुलाई को इसने अपनी परिक्रमा पूर्ण की थी. 24 जुलाई से 6 अगस्त के मध्य chandrayaan-2 ने चार और परिक्रमा पूर्ण की. तत्पश्चात 20 अगस्त को chandrayaan-2 अपनी कक्षा में प्रवेश कर गया.

2 सितंबर को लेंडर विक्रम सफलतापूर्वक अलग हुआ. 6-7 सितंबर की मध्य रात्रि 1:30 से 2:30 के बीच लेंडर विक्रम को चांद पर पहुंचना था.

यहां यह बताना सामूहिक होगा कि हमारे वैज्ञानिक पहले ही यह कयास लगा रहे थे कि चंद्रमा पर जहां ज्यादा ढलान है वहां बहुत संभल कर लैंडिंग करनी होगी क्योंकि ऐसी स्थिति में क्षति पहुंच सकती है और यही हुआ भी. दरअसल दक्षिण ध्रुव पर कदम रखना अपने आप में जोखिम भरा था बेहद सौफ्ट लैंडिंग की प्लानिंग की गई थी विक्रम के भीतर रोवर था जिसे प्रज्ञान का नाम दिया गया था. यह आज सुबह 6 बजे चंद्रमा पर बाहर आ अपना काम प्रारंभ करता.

ये भी पढ़ें- तीन तलाक कानून: मुहरा बनी मुस्लिम महिलाएं

मां बनना चाहती हैं प्रियंका चोपड़ा, पति निक जोनस भी चाहते हैं बेबी

बौलीवुड से लेकर हौलीवुड तक अपनी पहचान बनाने वाली एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा और उनके हस्बैंड निक जोनस की शादी को दिसंबर में एक साल होने वाला है. वहीं शादी के एक साल पूरे होने से पहले उनकी प्रैग्नेंसी को लेकर सवाल उठने लगे हैं. पर अब प्रियंका ने अपनी प्रैग्नेंसी को लेकर खुलासा कर दिया है. आइए आपको बताते हैं आखिर क्या कहा प्रियंका ने…

पति निक भी कर चुके हैं पापा बनने की इच्छा जाहिर

वहीं, उनके पति निक जोनस कई बार इस बात का इशारा दे चुके हैं कि उन्हें बच्चे बहुत पसंद है. निक ने यहां तक कहा है कि वो जल्दी पापा बनना चाहते हैं. अब पहली बार ‘देसी गर्ल’ ने भी इस मामले में खुलकर अपनी बात रखी है. एक इंटरव्यू में एक्ट्रेस प्रियंका ने कहा कि वो जल्दी से जल्दी नया घर खरीदना और मां बनना चाहती है.

 

View this post on Instagram

 

So proud. When you own your own tequila at 27! @villaone ❤

A post shared by Priyanka Chopra Jonas (@priyankachopra) on

ये भी पढ़ें- ‘‘मुझे हर भाषा की फिल्में करनी हैं..’’ -आकांक्षा सिंह

प्रियंका ने कहा ये

 

View this post on Instagram

 

The best kind!! An Aydin sandwich.. #babylove

A post shared by Priyanka Chopra Jonas (@priyankachopra) on

एक्ट्रेस ने कहा, ‘मेरे लिए घर वहां हैं जहां मैं खुश हूं और जहां मेरे आस-पास मुझे प्यार करने वाले मेरे अपने लोग हों.’ इसके अलावा एक्ट्रेस ने ये भी खुलासा किया कि वो लंबे समय के लिए लौस एंजेल्स में रहना चाहती है. अदाकारा ने कहा, ‘मेरा मुंबई और न्यूयौर्क में घर है. जो रहने के लिए काफी मुश्किल जगह है. लौस एंजेल्स थोड़ा सुकून देने वाला है.’

घर खरीदना चाहती हैं प्रियंका

 

View this post on Instagram

 

My ?

A post shared by Priyanka Chopra Jonas (@priyankachopra) on

प्रियंका ने खुलासा किया कि उन्हें घर में पूल होना और घर के पीछे आंगन होना बहुत पसंद है और लौस एंजेल्स का समंदर और मौसम उन्हें मुंबई की याद भी दिलाता है. इसी के साथ एक्ट्रेस ने ये भी खुलासा कर दिया कि जल्दी से जल्दी नया घर लेना और मां बनना उनकी टू-डू-लिस्ट में सबसे ऊपर है. प्रियंका ने कहा, ‘मां बनना और नया घर लेना मेरे सबसे जरुरी काम है.’

ये भी पढ़ें- ये रिश्ता: ‘नायरा’ के सामने बेहोश होगी ‘वेदिका’ तो घरवाले पूछेंगे सवाल

बता दें, जहां एक तरफ प्रिंयका अपनी पर्सनल लाइफ के चलते अक्सर वेकेशन मनातीं नजर आती हैं तो वहीं अपनी फिल्मों को लेकर भी बिजी रहती हैं. वहीं प्रियंका की अगली बौलीवुड फिल्म ‘द स्काई इज पिंक’ जल्द रिलीज होने वाली है.

‘‘मुझे हर भाषा की फिल्में करनी हैं..’’ -आकांक्षा सिंह

आकांक्षा सिंह की पहचान भले ही अदाकारा के रूप में हो, मगर वह बहुमुखी प्रतिभा की धनी इंसान हैं. वह एक एक्ट्रेस होने के साथ साथ अच्छी कवियत्री,गायक, संगीतकार व प्रशिक्षित फिजियो थेरेपिस्ट डाक्टर हैं. मूलतः जयपुर निवासी आकांक्षा सिंह ने टीवी सीरियल‘‘ ना बोले तुम ना बोले हम’’ से एक्टिंग करियर की शुरूआत की थी.उसके बाद उन्होने दक्षिण भारत में नागार्जुन के साथ तेलगू फिल्में की.एक तेलगू फिल्म में गाना गाया. हिंदी फिल्म ‘‘बद्रीनाथ की दुल्हनिया’’ में छोटा सा किरदार निभाया. इन दिनों वह 12 सितंबर को प्रदर्शित हो रही फिल्म ‘‘पहलवान’’ को लेकर चर्चा में है. यूं तो ‘‘पहलवान’’ मूलतः कन्नड़ फिल्म है,जिसे हिंदी के अलावा तमिल, तेलगू व मलयालम भाषा में डब करके प्रदर्शित किया जा रहा है.इसमें आकांक्षा सिंह के साथ सुदीप, सुनील शेट्टी व कबीर दुहान सिंह भी हैं.

सवाल- फिजियोथेरेपिस्ट डाक्टरी की पढ़ाई पूरी करने की बजाय एक्टिंग की तरफ मुड़ने की क्या वजह रही?

-मैं स्पष्ट कर दूं कि मैं फिजियोथेरेपी की पढ़ाई छोड़ कर एक्टिंग से नहीं जुड़ी. जब मैं फिजियोथेरेपी की दूसरे साल की पढ़ाई कर रही थी, तभी मुझे सीरियल ‘‘ना बोले तुम ना बोले हम’’ में एक्टिंग करने का अवसर मिल गया था. मेरे कौलेज के सहपाठियों ने जोर डाला कि इस अवसर को हाथ से जाने नहीं देना चाहिए. सभी ने मुझसे कहा कि जाकर अपना सपना पूरा करो. मैंने इस सीरियल की शूटिंग के साथ ही अपनी पढ़ाई पूरी की. मैं परीक्षा देने के लिए हमेशा जयपुर जाती थी. मैने अपनी परीक्षा दी. मैं यूनिवर्सिटी टौपर रह चुकी हूं. ऐसा नहीं है कि मैंने अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ी है. मैंने पढ़ाई को हमेशा महत्व दिया. मुझे लगता है कि इंसान कुछ भी करें, मगर जिंदगी में उसके पास अच्छी शिक्षा का होना बहुत जरूरी है. एक्टिंग जैसे प्रोफेशन में हमेशा अनिश्चय की स्थिति बनी रहती है. यहां कल का कुछ भी पता नहीं होता. ऐसे में मुझे लगता है कि आपके हाथ में एक और हूनर तो होना ही चाहिए. एक्टिंग के क्षेत्र में नहीं है कि एक्टिंग में आने के आने के बाद मैंने फिजियोथैरेपी की पढ़ाई पूरी की.

ये भी पढ़ें- ये रिश्ता: ‘नायरा’ के सामने बेहोश होगी ‘वेदिका’ तो घरवाले पूछेंगे सवाल

सवाल- पर यह एक्टिंग कर सिलसिला?

-थिएटर मेरा पैशन रहा है.मैं स्कूल व कौलेज में भी थिएटर में अपना पैशन पूरा कर रही थी.मेरी मम्मी खुद थिएटर से हैं. मेरी बहन थिएटर से है. तो एक्टिंग मेरे खून में ही है. इसलिए थिएटर मेरा कैरियर था ही. पर कभी यह नहीं सोचा था कि मुंबई जाना है. स्ट्रगल करना है या एक्ट्रेस बनना है. पर मम्मी के मन में कहीं ना कहीं था. वह कहते हैं ना कि ‘‘पूत के पांव पालने में नजर आ जाते हैं. ’’जब मुझे सीरियल में एक्टिंग करने का अवसर मिला, तो मुझे लगा कि यही करना चाहिए. मैं एक्टिंग करते हुए इंज्वौय करती थी. इसलिए मैं थिएटर करती थी. वह चांस मिला, तो मुझे लगा कि इसे छोड़ना नहीं चाहिए.

सवाल- सीरियल ने आपको जबरदस्त शोहरत दिलायी, पर फिर आपने दक्षिण भारत की तरफ रूख कर लिया?

-मैं मानती हूं कि ‘‘ना बोले तुम ना बोले हम’’के बाद मुझे बहुत सारे एक जैसे किरदार औफर हुए, जिन्हें मैंने ठुकराया. मैं अपने आपको दोहराना नही चाहती थी. मेरा मानना है कि आप सिर्फ पैसे के लिए काम न करें. मैं तो अपनी खुशी के लिए काम करती हूं. मेरा मानना है कि मैं अपनी खुशी के लिए काम करूं, जिस चीज में मुझे मजा आता है, वही करती हूं. जिस किरदार में मेरे करने के लिए कुछ नजर आता है, उसे ही करना चाहूंगी. भगवान की कृपा से मुझे अच्छा काम करने का लगातार अवसर मिल रहा है.

मैं कभी भी अपनी लाइफ को प्लान नहीं करती.टीवी सीरियल के हिट होते ही मुझे तेलुगु फिल्म ‘मिल्ली रा’मिली. फिर नागार्जुन सर के साथ फिल्म ‘देवदास’ में काम करने का मौका मिला. ‘‘पहलवान’’मेरी तीसरी फिल्म है,जो कि पांच भाषाओं में डब हुई है.इसके बाद फिल्म ‘क्लैप’’की शूटिंग कर रही हूं, जो कि तेलगु और तमिल दोनों भाषाओं में शूट कर रही हूं. यह भी स्पोर्ट्स ड्रामा है.

सवाल- लेकिन आपने हिंदी फिल्म‘‘बद्रीनाथ की दुल्हनिया’’में छोटा सा किरदार क्यों निभाया था?

-सच कहूं तो उन्होंने मुझे औडीशन के लिए बुलाया था. जिस किरदार को मैने निभाया,उस किरदार के लिए वह लोग करीबन तीन सौ कलाकारों के आॅडीशन ले चुके थे.इस फिल्म में मेरा किरदार ही आलिया के किरदार  को अहसास दिलाता है कि,‘अरे तुम प्यार करती हो उससे, तो बोल क्यों नहीं देती हो?’तो पूरी फिल्म की कहानी का टर्निंग प्वाइंट मेरे किरदार के ही कारण है. मैने निर्देशक से इसकी स्क्रिप्ट मांगकर पढ़ी थी. मुझे किरदार अच्छा लगा.फिर निर्देशक शशांक खेतान ने

मुझे यकीन दिलाते हुए कहा था,‘‘डोंट वरी जितना दिख रहा है,उससे ज्यादा ही होगा.’’मैंने कहा कि मैं ऐसा किरदार नही करना चाहती जो कि महत्वहीन हो,सिर्फ फिलर हो.   मैं लक्की हूं कि लोगों ने मुझे इस फिल्म में देखा,मुझे पहचाना.यह मेरे लिए बहुत खुशी की बात है कि मैंने यह फिल्म की.वैसे मैंने बेसिकली एक्सपीरियंस के लिए किया था.

सवाल- फिल्म बद्रीनाथ की दुल्हनियाको सफलता मिली.लोगों ने आपके किरदार को भी पसंद किया.पर आपको फायदा नही मिला?

-मैं यह तो नहीं कहूंगी कि मुझे फायदा मिला,पर जिन लोगों को लगता था कि मैं ऐसा नहीं कर सकती,उन्हे मैंने दिखा कि मैं काम करना चाहती हूं. इसमें मैंने एकदम वेस्टर्न पोशाक पहनने वाली लड़की का किरदार निभया था. हालांकि मैंने अपने दूसरे सीरियल ‘‘गुलमोहर ग्रैंड’ में वेस्टर्न किया निभाया था. पर जिन्हें लगता था कि मैं बड़ी दिखती हूं और ग्लैमरस किरदार नहीं निभा सकती, उन्हे अपनी सोच ‘बद्रीनाथ की दुलहनिया’ देखकर बदलनी पड़ी. उन्होंने माना कि मैं ग्लैमरस लगती हूं. इस फिल्म से लोगों के परसेप्शन में बदलाव आया,यह मेरे लिए फायदा ही हुआ.

ये भी पढ़ें- ये क्या! रैंप वौक करते करते ही स्टेज पर डांस करने लगी दीपिका

सवाल- जयपुर में पली-बढ़ी व आपकी भाषा हिंदी है.ऐसे में तेलगू भाषा में काम करना कितना आसान रहा?

-आसान तो कदापि नही रहा.पर सब कुछ आसानी से हो रहा है और इसका श्रेय मैं अपनी फिल्म की टीम को देना चाहूंगी.अगर मैं पहली तेलगू फिल्म की बात करूं,तो उन लोगों ने मुझे एक माह पहले स्क्रिप्ट दी थी. मैंने पढ़ना शुरू किया.अपने संवाद पढ़े, जिनका हिंदी व इंग्लिश में मतलब भी उन्होंने लिख कर दिया था,वह पढ़ा समझा. फिर संवाद रटे.याद किए. मैंने अपने दिमाग को ट्रेंड किया. संवाद याद हो गए,तो उसका मतलब समझ में आ गया. फिर शूटिंग में तकलीफ नही हुई. आप यकीन नही करेंगे, उस फिल्म में दो पेज का सीन था,जिसमें मैं हीरो को बोल रही हूं आई लव यू. और दो पेज के सिर्फ मेरे संवाद थे, जिसे मैंने वन टेक में शूट किया था.जब फिल्म रिलीज हुई,मेरे काम को बहुत सराहा गया.संवाद तो किसी अन्य ने बाद में डब किए थे. लेकिन अब में अपनी तीसरी फिल्म के संवाद स्वयं डब करने वाली हूं.

सवाल- पर संवाद अभी भी रट कर याद कर बोलेंगी?

-जी हॉ!अभी भी मैं याद करके ही बोल रही हूं.जब हम लगातार एक ही भाषा में काम कर रहे होते हैं,तो उस भाषा के संवाद याद करना आसान हो जाता है.अब ‘पहलवान’के साथ मुझे तेलगु थोड़ी सी समझ में आने लगी है.इसी के चलते मैं अपनी तीसरी फिल्म में भाषा को लेकर मैं ज्यादा ध्यान दे रही हूं.

सवाल- ‘‘पहलवानतो मूलतः कन्नड़ फिल्म है?

-जी हॉ!यह मूलतः कन्नड़ फिल्म है.जो कि हिंदी के अलावा तमिल,तेलगू व मलयालम भाषा मे डब की गयी है.मैने‘पहलवान’में सिर्फ हिंदी के संवाद डब किए हैं.वैसे कलाकार के तौर पर हम सारी भाषाओं में काम करना चाहते हैं.पर सारी भाषाओं को सीखना बहुतमुश्किल होता है.पर मैं तेलगू भाषा सीखने की सोच रही हूं.

सवाल- ‘‘पहलवान’’किस तरह की फिल्म है?

-मैं दावे के साथ कह सकती हूं कि इस तरह की फिल्म अब तक नहीं बनी है.इसमें मेरा किरदार हीरोईन वाला नही,मगर महत्वपूर्र्ण है.परफार्र्मेंस वाला किरदार है. फिर जब मैने स्क्रिप्ट सुनी ते मुझे लगा कि यह फिल्म करनी ही चाहिए. इस तरह की फिल्म और इस तरह का किरदार मैने अब तक नही निभाया है.यह एक्शन व एडवैंचरस फिल्म है,मगर इसमें कुश्ती और मुक्केबाजी दो खेल भी हैं.

सवाल- ‘‘पहलवान’’के किरदार को लेकर क्या कहेंगी?

-मैने इसमें रुक्मिणी का किरदार निभाया है.मेरे किरदार में दो तरह के शेड्स हैं.इंटरवल से पहले मेरा किरदार बहुत अलग है.लेकिन इंटरवल के बाद वह एकदम बदलता है. यानी कि इंटरवल के पहले और बाद वाले किरदार में कोई समानता नहीं है. सिर्फ देखने में ही नहीं,बल्कि इमोशंस में भी और परफौर्मेंस में भी. इससे अधिक इस किरदार को लेकर कुछ भी बताना फिलहाल मेरे लिए संभव नहीं है.

सवाल- कुश्ती पर बहुत सारी फिल्में आ गई है.तो उनसे आपकी कितनी अलग है?

-इस तरह हौकी पर भी बहुत सारी फिल्में आ चुकी हैं. बौक्सिंग पर भी कई फिल्में बनी है. पर हर फिल्म की अपनी एक अलग यात्रा व इमोशंस होते हैं. इसलिए मैं यही कहूंगी कि कथा के स्तर पर‘पहलवान’जैसी फिल्म अब तक नहीं बनी.

ये भी पढ़ें- ‘Yeh Rishta…’ में तीज सेलीब्रेशन के दौरान करीब आएंगे “नायरा-कार्तिक’

सवाल- नई फिल्म?

-मैं तमिल व तेलगू भाषा में फिल्म ‘‘क्लैप’’कर रही हूं. यह एक स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म है. इसमें स्प्रिंटिंग रनिंग स्पोर्ट्स शुरू करने से पहले जो क्लैप देते है, उसकी बात है. मैंने इसमें राष्ट्रीय स्तर की हौकी खिलाड़ी का  किरदार निभा रही हॅूं.

सवाल- हिंदी में कोई फिल्म?

-हां!हिंदी में बात चल रही है.पर मेरा काम से इतना सा होता है कि अगर मुझे औडीशन के लिए बुलावा आया,तो मैं औडीशन देती हूं और फिर भूल जाती हूं. मेरी राय में जो फिल्म मेरे लिए है, वह मुझे ही मिलेगी.

सवाल- इन दिनों बौलीवुड के कई बड़े कलाकार वेब सीरीज कर रहे हैं. आप भी कुछ कर रही हैं?

-वेब सीरीज के औफर तो आ रहे हैं, पर अभी तक ऐसा कोई औफर नहीं आया, जिसने मुझे करने के लिए उत्साहित किया हो.मैं महज वेब सीरीज करने के लिए नहीं कर सकती. कुछ हंगामेदार वेब सीरीज हो, तो करने में मजा आएगा.

ये रिश्ता: ‘नायरा’ के सामने बेहोश होगी ‘वेदिका’ तो घरवाले पूछेंगे सवाल

सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में आने वाले लेटेस्ट ट्रैक के बारे में हाल ही में हमने बताया था कि तीज सेलिब्रेशन के चलते ‘नायरा और कार्तिक’ करीब आएंगे, लेकिन अब हम आपको शो में धमाकेदार ट्विस्ट के बारे में बताने वाले हैं. तीज सेलिब्रेशन में जहां ‘वेदिका’ के साथ ‘दादी’ साथ देती नजर आएंगी तो दूसरी तरफ ‘कायरव’ अपनी मां ‘नायरा’ का साथ देता दिखाई देगा. आइए आपको बताते हैं आने वाले ट्विस्ट की खास बातें…

‘दादी’ रखवाएगी ‘वेदिका’ से तीज का व्रत

इन दिनों गोयनका परिवार तीज सेलीब्रेशन की तैयारियों में जुटा हुआ है और ‘दादी’ चाहती हैं कि ‘वेदिका’ अपने पति ‘कार्तिक’ के लिए व्रत रखे. ऐसे में ‘नायरा’ को अंदर ही अंदर काफी बुरा लगेगा, लेकिन उसने ‘सुवर्णा’ के अलावा किसी से भी अपने दिल की बात नहीं कही है.

 

View this post on Instagram

 

#todayyrkkh #today #precap #yehrishtakyakehlatahai #yrkkh @khan_mohsinkhan @shivangijoshi18 #6sep2019

A post shared by kaira World best couple. (@kaira_update) on

ये भी पढ़ें- ये क्या! रैंप वौक करते करते ही स्टेज पर डांस करने लगी दीपिका

व्रत के कारण बेहोश होगी ‘वेदिका’

तीज का व्रत रखने की वजह से ‘वेदिका’ को कमजोरी हो जाएगी और वह व्रत के बीचों बीच में ही बेहोश हो जाएगी. खबरों की माने तो ‘नायरा’ के सामने ही ‘वेदिका’ बेहोश हो जाएगी और फिर उसके बाद बाकी घरवाले ‘नायरा’ से ही ‘वेदिका’ के बेहोश हो जाने पर सवाल-जवाब करेंगे.

‘कायरव’ लगाएगा मां ‘नायरा’ को मेंहदी

जब सभी लोग तीज मनाने से पहले मेंहदी लगवाएंगे तब वहीं से ‘कायरव’ मेंहदी का एक कोन चुरा लेगा और उसके बाद वह उसी मेंहदी से नायरा के हाथ पर ‘कार्तिक’ का नाम लिखेगा.

ये भी पढ़ें- ‘Yeh Rishta…’ में तीज सेलीब्रेशन के दौरान करीब आएंगे “नायरा-कार्तिक’

बता दें, ‘कायरव’ के कारण ही अभी तक शो में ‘नायरा और कार्तिक’ धीरे-धारे एक दूसरे के करीब आ रहे हैं. वहीं ‘नायरा को कार्तिक’ से नजदीकियों के चलते ‘वेदिका’ और ‘दादी’ की नाराजगी का भी सामना करना पड़ रहा है, लेकिन अब ये देखना होगा कि क्या ‘नायरा और कार्तिक’ इस तीज सेलिब्रेशन में एक होंगे, जिसका इंतजार उनके फैंस बेसब्री से कर रहै हैं और आने वाले एपिसोड का इंतजार कर रहे हैं.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें