फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ का फर्स्ट लुक जारी, देखें आलिया भट्ट का शानदार लुक

बौलीवुड की खूबसूरत एक्ट्रेस आलिया भट्ट  के लीड रोल वाली  फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ का फर्स्ट लुक जारी  हो गया है. इस फ़िल्म में आलिया  दो अलग लुक में ही नजर आ रही है. आलिया भट्ट ने फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ के दो पोस्टर अपने इंस्टाग्राम पर शेयर किए हैं. उन्होंने पोस्ट पर कैप्शन लिखा है- Here she is, Gangubai Kathiawadi

इस पोस्ट में आलिया भट्ट ऐसे लुक में नजर आ रही हैं कि  उन्हें पहचान पाना मुश्किल है. एक फोटो में वो साड़ी पहने, माथे पर लाल बिंदी  लगाए और बड़ी नोजपिन पहने दिख रही हैं  वहीं दूसरी फोटो में आलिया डी ग्लैम लुक में दिखी रही है. बीच की मांग निकाले दो चोटी, हाथ में चूड़ी और घनी आइब्रो में नजर आ रही है. वे एक टेबल के बगल में बैठी है और टेबल पर पिस्टल रखी है.

 

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Gangubai ❤

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फिल्म की रिलीज डेट शेयर करते हुए आलिया ने ट्विटर पर लिखा- एक नाम जो आपने सुना होगा मगर आपने उसकी कहानी नहीं सुनी होगी. ये बेहद खास होने वाला है.आलिया की यह पहली फिल्म है, जिसमें उनका लुक ऐसा नजर आया है. वैसे इस पोस्ट से ये कयास लगाया जा सकता है कि इस फिल्म में आलिया का किरदार उनके निभाए बाकी किरदारों से काफी अलग और बेस्ट  होने वाला है.

आपको बता दे फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ हुसैन जैदी की किताब ‘माफिया क्वीन्स ऑफ मुंबई’ पर आधारित है. फिल्म में डॉन गंगूबाई की कहानी दिखाई जाएगी. गंगूबाई 60 के दशक में मुंबई माफिया का बड़ा नाम थीं. बताया जाता है कि उन्हें पति ने महज पांच सौ रुपए के लिए बेच दिया था. इसके बाद से ही वे वेश्यावृत्ति में लिप्त हो गईं थीं. इस दौरान उन्होंने मजबूर लड़कियों के लिए भी बहुत काम किए.

 

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Look what Santa gave me this year ?❤️

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फिल्म की रिलीज डेट शेयर करते हुए आलिया ने ट्विटर पर लिखा- एक नाम जो आपने सुना होगा मगर आपने उसकी कहानी नहीं सुनी होगी. ये बेहद खास होने वाला है. संजय लीला भंसाली के निर्देशन में 11 सितंबर, 2020 को रिलीज की जाएगी. फिल्म को संजय लीला भंसाली डायरेक्ट कर रहे हैं.

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रिपोर्ट्स के मुताबिक फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ में अजय देवगन की स्पेशल अपीयरेंस होगी, वहीं कॉमेडी रोल्स के लिए मशहूर विजय राज फिल्म में अहम भूमिका में नजर आ सकते हैं. ये फिल्म 11 सितंबर को रिलीज की जाएगी है. इसके निर्माता भंसाली और जयंतीलाल गढ़ा हैं.

आंखों को स्मौग से बचाएं ऐसे

लेखक- पारूल

बढ़ता स्मौग आज लोगों के लिए एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है. इस के कारण खतरनाक हैल्थ प्रौब्लम्स जैसे सांस लेने में दिक्कत, दिल संबंधी बीमारियों को  झेलना पड़ रहा है. यहां तक कि इस से हमारी आंखों पर भी प्रभाव पड़ता है, क्योंकि आंखें बहुत ही सैंसिटिव जो होती हैं, जिन पर प्रदूषण का जल्दी असर पड़ने के कारण ऐलर्जी हो जाती है.

अभी हाल के दिनों में जिस तरह से ऐयर क्वालिटी इंडैक्स बढ़ा है उस से लोगों को आंखों में जलन, रैडनैस, ड्राईनैस, ऐलर्जी, आंखों में सूजन व धुंधलेपन की समस्या को फेस करना पड़ रहा है, जिस के कारण उन की दिनचर्या प्रभावित हो रही है. ऐसे में जरूरी है आंखों की खास केयर.

कैसे करें आंखों की केयर

कूलिंग आई ड्रोप

आंखों में जलन होने पर हम कंफर्टेबल फील नहीं कर पाते हैं. ऐसे में कूलिंग आई ड्रौप बैस्ट औप्शन है, क्योंकि यह तुरंत आंखों की जलन को कम कर उसे ठंडक पहुंचाने का काम करता है और साथ ही ड्राईनैस दूर कर आंखों को लूब्रिकेशन भी प्रदान करता है. डाक्टर के परामर्श से उस तरह के आई ड्रौप का प्रयोग करें. जब भी आंखों में इरिटेशन हो तो पानी के छींटे मारना न भूलें.

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इन बातों का भी रखें खास खयाल

– आंखों को कंफर्टेबल फील तभी होता है जब उन में पर्याप्त मौइस्चर हो. इस के लिए आप आंखों को थोड़ीथोड़ी देर में  झपकाते रहें, क्योंकि जबजब आप आंखों को  झपकाते हैं तो लारसिमल ग्लैंड द्वारा टियर फिल्म बनती है, जो आंखों की सतह के चारों ओर फैल कर उसे मौइस्चर प्रदान करती है. आप को बता दें कि टियर्स तीन लेयर्स पानी, औयल और मूसिन से मिल कर बनती है और हर लेयर आंखों को सुरक्षा प्रदान करने का काम करती है. इसलिए जरूरी है कि आंखों के मौइस्चर को बनाए रखें.

– अगर आप की आंखों में जलन हो रही है तो उन्हें रगड़ें नहीं, क्योंकि इस से इन्फैक्शन फैलने का डर रहता है.

– बौडी को हाइड्रेट रखें. इस के लिए रोजाना 2 लिटर पानी पीएं.

– चिकित्सक के परामर्श से लूब्रिकेटिंग आई ड्रौप लें. ये आप को काफी आराम पहुंचाने का काम करेगा.

– घर से बाहर निकलने से पहले यूवी प्रोटैक्शन वाले सनग्लासेज पहनना न भूलें, क्योंकि इस से आंखें सेफ रहती हैं.

– अगर आंखों में थोड़ी सी भी जलन व रैडनैस है तो कौंटैक्ट लैंस व आई मेकअप को अवौइड करें, क्योंकि इस से इन्फैक्शन बढ़ने के चांसेज होते हैं.

– सुबह उठते ही व जब भी बाहर से आएं तो साफ पानी से अपनी आंखों को धोएं. इस से आंखों की गंदगी बाहर निकलती है.

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– आंखों की अच्छी सेहत के लिए हैल्दी डाइट लें. ऐसे भोजन को अपनी डाइट में शामिल करें, जिस में ओमेगा 35 और ऐंटीऔक्सीडैंट्स हों जैसे मछली, गाजर, हरी पत्तेदार सब्जियां, पालक, बादाम, अखरोट आदि.

इस बात का भी खास ध्यान रखें कि ज्यादा प्रदूषण वाले इलाकों में जाने से बचें व अपने घर की खिड़कियां व दरवाजे बंद कर के रखें. जैसे ही आंखों में जलन की शिकायत हो तो चिकित्सक की सलाह जरूर लें. इस से आप काफी हद तक आंखों को हैल्दी रख सकते हैं.

पलकों को बनाएं घना और सुंदर

घनी और लंबी पलकें आंखों को और भी आकर्षक बनाती है . हर महिला की चाह होती है कि उनकी पलकें सुंदर दिखें. यदि आप भी अपनी पलकों को सुंदर दिखाना चाहती हैं तो आइए कुछ टिप्स अपनाकर आप अपनी पलकों को घना कर सकती हैं.

1. तिल का तेल

घनी पलके चेहरे पर चार चांद लगा देती हैं. लेकिन अगर आपकी पलकें प्राकृतिक रूप से ऐसी नहीं है तो आप इसके लिए तिल के तेल का इस्तेमाल कर सकती हैं .तिल के तेल में मौजूद विटामिन, मिनरल्स और कैल्शियम पलकों को मजबूत और घना बनाते हैं.

2. जैतून का तेल

घनी पलकों के लिए वैसे तो बाजार में कई तरह के उत्पाद मौजूद होते हैं. लेकिन पलके लंबी पाना चाहती हैं तो नेचुरल तरीके को अपनाना सही रहता है .इसके लिए जैतून का तेल एक अच्छा विकल्प है.

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3. नारियल का तेल

कहा जाता है कि जिनकी पलके लंबी होती हैं वह बहुत ही आकर्षक और मासूम लगती हैं .रात को सोने से पहले नारियल के तेल को रुई से अपनी पलकों की जड़ों पर लगाए .सुबह आंखें धो लें. कुछ ही दिनों में ही आपकी पलके घनी और लंबी हो जाएंगी.

4. बादाम का तेल

सिर्फ बदाम ही नहीं बल्कि बादाम का तेल भी बहुत असरदार है. रात को सोने से पहले बादाम के तेल को पलकों पर लगाएं .सुबह उठकर धो ले .इसमें विटामिन ए पाया जाता है .जिससे  पलके घनी और मजबूत होती हैं.

5. सरसों का तेल

सरसों के तेल में हमारी पलकों को घना और लंबा करने की क्षमता है .सरसों के तेल की कुछ बूंदों से रात को सोते वक्त पलकों की मालिश करें और सुबह आंखों को सादे पानी से धो लें.

6. ग्रीन टी

ग्रीन टी को फिटनेस का प्राय माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ग्रीन-टी  में मौजूद पोषक तत्व स्वास्थ्य  साथ-साथ हमारी पलको के लिए भी बेहद लाभकारी है. ग्रीन टी के सेवन से पलके घनी होती हैं.

7. ब्रश करें

पलकों वाले ब्रश से रोज कम से कम चार बार अपनी पलकों पर ब्रश करें .ताकि ब्लड सरकुलेशन बढ़े और पलकों पर जमीं धूल निकल जाए. ऐसा करने से सुंदर और घनी होंगी.

8. एलोवेरा जैल

एलोवेरा का जेल स्वास्थ्यवर्धक तो है ही, साथ ही बालों और स्किन के लिए भी फायदेमंद है. सुंदर पलकों  के लिए सप्ताह में तीन बार एलोवेरा जेल को निकालकर पलको पर लगाएं. एलोवेरा में मौजूद विटामिन्स  पलको को घना बनाने का काम करते है.

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9. नींबू

नींबू सिर्फ पाचन को दुरुस्त करने के लिए ही नहीं बल्कि इसके छिलके  पलकों को सुंदर  और घना बनाते हैं.

10. पेट्रोलियम जेली

पेट्रोलियम जैली के इस्तेमाल से भी पलकों को घना और मजबूत बनाया जा सकता है.

ब्यूटी एक्सपर्ट निधि अस्थाना से बात चीत पर आधारित.

लड़कों में क्या खोजती हैं लड़कियां

लड़कों की कौन सी अदाएं लड़कियों को अपना दीवाना बना सकती हैं, जान कर हैरान रह जाएंगे आप…

1. बौडी लैंग्वेज

कोई भी लड़की इस बात पर जरूर ध्यान देती है कि आप खड़े कैसे होते हैं, आप का उठनाबैठना कैसा है, दूसरों से बातचीत करते वक्त आप के बोलने की टोन कैसी होती है, आप की चाल कैसी है, आप सीधा, कंधों को उठा कर, कौन्फिडैंटली चलते हैं या नहीं, दूसरों के प्रति आप का व्यवहार कैसा है वगैरह. इसलिए किसी लड़की से मिलने जाना हो तो अपनी बौडी लैंग्वेज पर जरूर ध्यान दें. लड़कियों को वे लड़के भी बिलकुल पसंद नहीं आते जिन के शरीर से दुर्गंध आती हो.

2. लंबे पैर

‘यूनिवर्सिटी औफ कैंब्रिज’ में हुई एक स्टडी में यह निष्कर्ष निकाला गया है कि महिलाओं और लड़कियों को पुरुषों के लंबे पैर आकर्षित करते हैं. इस औनलाइन सर्वे में पाया गया कि अमेरिका की 800 महिलाओं ने ऐसी मेल फिगर्स को तरजीह दी जिन के पैर औसत से थोड़े ज्यादा लंबे थे.

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3. सफाई और व्यवस्थित जीवनशैली

लड़कियों की नजरों में आने के लिए पर्सनल हाइजीन का खास खयाल रखना जरूरी है. लड़कियों की नजर सब से पहले लड़कों के बालों और दाढ़ी की ओर जाती है. उन्हें लड़कों के उलझे, बेतरतीब और गंदे बाल बिलकुल पसंद नहीं होते. अगर वे रोजाना सेव नहीं करते, कोई हेयरस्टाइल मैंटेन नहीं रखते तो भी लड़कियों की नजरों में उन का आकर्षण घट जाता है. यही नहीं पहली बार किसी लड़की से मिलने जा रहे हैं तो अपने नाखूनों पर भी नजर डालना न भूलें. लड़कियों को गंदे नाखून बिलकुल पसंद नहीं आते. वे यह भी जरूर देखती हैं कि आप ने जो कपड़े पहने हैं वे साफ हैं या नहीं, कपड़े प्रैस किए हैं या नहीं.

4. रियल पर्सनैलिटी

कुछ लड़कों की आदत होती है कि बातबेबात लड़कियों के आगे अपनी शेखी बघारने लगते हैं. अपना नौलेज, इनकम या लुक से संबंधित बातें बढ़ाचढ़ा कर बोलते हैं ताकि लड़कियां इंप्रैस हों. मगर होता इस का उलटा है. बनावटी लड़के कभी लड़कियों को पसंद नहीं आते. उन्हें हर समय रियल रहने वाले लड़के ही पसंद आते हैं.

5. सपाट पेट फिट शरीर

सांइटिफिक जनरल सैक्सियोलौजी में प्रकाशित एक अध्ययन की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि लड़कियां लड़कों के बाइसैप्स से पहले उन के पेट पर नजर डालती हैं. अगर पेट निकला हुआ नहीं है, आप फिट और स्मार्ट हैं तो लड़कियां आप के साथ जुड़ना चाहेंगी. वजह साफ है जो इंसान अपने शरीर की तंदुरुस्ती का खयाल नहीं रख सकता वह रिश्तों को कितना संभाल पाएगा. बढ़ा पेट कहीं न कहीं आप के आलसी स्वभाव, ढीले रवैए और अधिक खाने की आदत का परिचायक होता है. इसलिए किसी खास को पाना चाहते हैं तो सब से पहले अपने पेट पर काम करना शुरू करें.

6. पीछे पड़ने वाला न हो

लड़कियों को हर वक्त पीछे पड़े रहने वाले लड़कों के बजाय थोड़े रिजर्व और हलके ऐटिट्यूट वाले लड़के पसंद आते हैं. जो लड़के बारबार अप्रोच करने और ध्यान आकर्षित करने का प्रयास करते रहते हैं उन्हें ज्यादातर लड़कियां हलके में लेने लगती हैं. ऐसे में जरूरी है कि आप धैर्य रखना सीखें वरना बनती बात बिगड़ सकती है. किसी भी बात को ले कर अपनी पार्टनर के साथ जबरदस्ती न करें, उसे तनाव में न आने दें.

7. सम्मान की चाह

हर लड़की चाहती है कि उस का प्रेमी या होने वाला जीवनसाथी उस की परवाह करे, उसे इज्जत दे, उस के घर वालों के साथ प्यार से पेश आए. वह जब भी आप की आंखों में देखे तो उसे उन में अपने लिए इज्जत महसूस हो. ऐसे में उसे एहसास होता है कि आप उसे दिल से प्यार करते हैं और यही आप को उस की नजरों में खास बनाता है.

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8. मैच्योरिटी

लड़कियां सदैव समझदार और मैच्योर व्यवहार वाले लड़कों को ही चुनती हैं. छिछोरी या बचकानी हरकतों वालों से दूर भागती हैं. इसलिए जरूरी है कि आप अपने व्यवहार पर नियंत्रण रखें. बहुत ज्यादा बोलने वाले लड़के भी लड़कियों को पसंद नहीं आते. हर समय जल्दी में रहने वाले और बिना सोचेसमझे फैसले लेने वाले लड़के लड़कियों को पसंद नहीं आते. छोटीछोटी बात पर अपना आपा खो देने वाले लड़कों से भी लड़कियां दूरी बढ़ाती हैं, क्योंकि ऐसे लड़कों के साथ कभी रिश्ता लंबा नहीं खिंच पाता. लड़कियां उन लड़कों को पसंद करती हैं, जिन पर वे आंख मूंद कर भरोसा कर सकें.

9. सैंस औफ ह्यूमर

लड़कियों को वे लड़के ज्यादा पसंद आते हैं, जिन  का सैंस औफ ह्यूमर अच्छा होता है. अगर आप बोर किस्म के इंसान हैं तो लड़कियां आप से दूर भागेंगी. इसलिए अपने स्वभाव को ऐसा बनाने का प्रयास करें कि आप गंभीर माहौल को भी हलकाफुलका कर पाने में समर्थ हों.

10. दोस्ताना व्यवहार

अकड़ू, घमंडी लड़के कभी लड़कियों की फैवरिट लिस्ट में नहीं होते. वे वैसे लड़कों को ही पसंद करती हैं जो उन से फ्रैंडली बिहेवियर करते हैं और जिन के साथ वे कंफर्टेबल फील करती हैं. संकोची या बहुत कम बात करने वाले लड़कों से भी वे दूर भागती हैं. सकारात्मक सोच और अच्छे सैंस औफ ह्यूमर वाले लड़के लड़कियों की पहली पसंद होते हैं. तनावभरे माहौल को भी खुशनुमा बना देने की आदत रखने वाले लड़के लड़कियां को बहुत पसंद आते हैं.

11. बात करने का सलीका

आप के बात करने का तरीका कहीं न कहीं आप के व्यक्तित्व की पहचान होती है. आप दूसरों से कितने सलीके और कायदे से बात करते हैं उस आधार पर लड़कियां आप को परखती हैं. बातबात पर गालियां देने, लड़नेझगड़ने वाले लड़कों से लड़कियां दूर भागती हैं.

12. प्यार जाहिर करने की अदा

यदि आप किसी लड़की को प्यार करते हैं और उस की तरफ से भी स्वीकृति है तो आप को उसे स्पैशल फील कराने का प्रयासकरना होगा. अपनी रिलेशनशिप को मजबूत बनाने और उस लड़की के दिल में बने रहने के लिए अपने प्यार का एहसास कराते रहें. मगर इस का मतलब यह नहीं कि आप पूरी दुनिया में इस बात का ढिंढोरा पीटें. लड़कियां आप का समय चाहती हैं. आप साथ हों तो पूरी दुनिया से उन्हें कोई वास्ता नहीं होता. लड़की को दीवानों की तरह प्यार करें, फिर देखें कैसे वह सिर्फ आप की बन कर रहती हैं.

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छोटी सरदारनी: परम की बीमारी का सच जानने के बाद क्या होगा मेहर का अगला कदम?

कलर्स के शो छोटी सरदारनी में सरब हर तरह से कोशिश कर रहा कि मेहर को परम की बीमारी का सच पता ना लग पाए, लेकिन मेहर को आखिरकार परम का सच पता चल गया है. परम के बारे में जानने के बाद क्या होगा मेहर का अगला कदम आइए आपको बताते हैं….

मेहर को पता चलता है परम की बीमारी का सच

अब तक आपने देखा कि डौक्टर संजना डोनर के साथ-साथ परिवार के किसी भी सदस्य का ब्लड टैस्ट परम के साथ मैच नही होने की बात बताती है, जिससे सरब और ज्यादा घबरा जाता है. वहीं मेहर, सरब के चेहरे को देखकर समझ जाती है कि वह कुछ छिपा रहा है. आखिर में मेहर सच का पता लगाने के लिए अपना भेष बदलकर सरब का पीछा करती है. वहीं सरब उसे परम का डोनर समझकर परम की हालत बयां कर देता है.

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मेहर करेगी परम के लिए ये फैसला

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आज के एपिसोड में आप देखेंगे कि परम की बीमारी का सच जानने के बाद मेहर डौक्टर से कहेगी कि वह अपना लीवर परम को देने के लिए तैयार है क्योंकि परम का खून उसके खून से मिलता है. वहीं डौक्टर मेहर की प्रेग्नेंसी की हालत देखकर, उसे परम का डोनर मानने से इंकार कर देगी.

पिकनिक पर जाने की जिद करेगा परम

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डोनर ढूंढने में लगे मेहर और सरब, परम को हर तरह से खुश रखने की कोशिश कर रहे हैं. इसी बीच परम अपने स्कूल पिकनिक पर जाने की बात कहेगा, लेकिन सरब इस बात को पूरी तरह इंकार कर देगा, जिससे परम दुखी हो जाएगा. वहीं परम को दुखी देखकर मेहर उसे पिकनिक पर ले जाने का वादा करेगी.

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अब देखना ये है कि क्या मेहर डौक्टर के मना करने के बावजूद परम को अपना लीवर देगी? जानने के लिए देखते रहिए ‘छोटी सरदारनी’, सोमवार से शनिवाररात 7:30 बजेसिर्फ कलर्स पर.

आप हम और ब्रैंड

 पामेला ग्रैविएट

 (सीनियर मार्केटिंग डाइरैक्टर, कैलिफोर्निया वालनट कमीशन)

अखरोट यानी वालनट्स स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं. भारत में इन की उपयोगिता दिनों दिन बढ़ती जा रही है. 5 साल पहले कैलिफोर्निया वालनट ने भारत में प्रवेश किया था. उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले इन वालनट्स की मांग आज इतनी है कि उसे पूरा कर पाना मुश्किल हो रहा है. असल में अखरोट व्यक्ति की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के अलावा और कई बीमारियों को भी आने से रोकते हैं. इसीलिए इन का नियमित सेवन अपनी डाइट में करना बहुत जरूरी है ताकि आप स्वस्थ रह सकें. इस बारे में कैलिफोर्निया वालनट कमीशन की सीनियर मार्केटिंग डाइरैक्टर इंटरनैशनल, पामेला ग्रैविएट से अखरोटों की उपयोगिता और इन की क्वालिटी के बारे में बातचीत हुई. आइए, जानते हैं वे क्या कहती हैं:

कैलिफोर्निया वालनट में जौइन करने के बाद आप की प्लैनिंग क्या रही?

पिछले 5 सालों से वालनट्स के बारे में सब को शिक्षित करना मेरा मुख्य उद्देश्य रहा है ताकि वे इन की गुणवत्ता को समझ सकें. भारत में इस की उपयोगिता धीरेधीरे बढ़ रही है. इस में मैं लोगों को इन से जुड़े स्वास्थ्य संबंधी लाभों को अधिक समझाने की कोशिश करती हूं, क्योंकि लोग यह जानते नहीं हैं. मैं ने 4 साल तक इस बारे में पहले लोगों को शिक्षित किया और उस से संबंधित इवैंट्स जानकारी युक्त कार्ड्स, डाक्टर्स, डाइटीशियन आदि का सहारा लिया. इस के बाद मैं ने इन्हें स्टोर करने की विधि समझाई ताकि वे समय रहते इन का उपयोग करें.

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अखरोट कब और कितने लेने चाहिए ताकि स्वास्थ्य ठीक रहे?

अगर हम प्रौपर मात्रा की बात करें तो 6-7 अखरोट एक इंसान के लिए 1 दिन के लिए काफी होते हैं और इन का सेवन दिन में कभी भी किया जा सकता है. कुछ लोग सुबह, तो कुछ रात में लेना पसंद करते हैं. दोनों ही समय ठीक हैं. 1 मिट्ठी अखरोट एक व्यक्ति के लिए सही मात्रा होती है, जो 28 से 30 ग्राम तक होती है. बच्चों के लिए भी उन की मुट्ठी के अनुसार ही लेना उचित रहता है और कम से कम सप्ताह में 3 बार लेने जरूरी हैं.

ये किस तरह की बीमारी को कम कर सकते हैं और कितना रिसर्च वर्क इस में होता है?

इन के सेवन से रक्त की धमनियों की इलास्टिसिटी बढ़ती है, जिस से ब्लड अच्छी तरह पूरे शरीर में दौड़ता है और आप कई बीमारियों से बच जाते हैं. डायबिटीज के मरीजों के लिए ये ब्लड शुगर को स्थिर रखने का काम करते हैं. मस्तिष्क के लिए भी ये अच्छे फैट का संचार करते हैं. बच्चों के विकास और उम्रदराज लोगों की यादाश्त को अच्छा बनाते हैं.

अखरोट खाने से किसी बीमारी का इलाज नहीं होता वरन हार्ट हैल्थ, ब्रेन हैल्थ, ब्रैस्ट कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर या कोलोन कैंसर होने पर ये शरीर को उस से लड़ने की क्षमता को बढ़ाते हैं. इन के अलावा ये वजन को भी मैंटेन करने में मदद करते हैं. इतना ही नहीं, ये पुरुषों में रिप्रोडक्शन की क्षमता को भी बढ़ाते हैं.

हैल्थ की दिशा में पिछले 26 साल पहले से हम इस पर रिसर्च कर रहे हैं और अब तक करीब 17 मिलियन डौलर इस पर खर्च कर चुके हैं.  इस में पूरे विश्व के वैज्ञानिक इस दिशा में काम कर रहे हैं. 55 यूनिवर्सिटीज इस पर रिसर्च कर रही हैं. प्रोडक्शन की दिशा में 50 साल से इन की फार्मिंग हो रही है. नई वैराइटी लाने की लगातार कोशिश की जा रही है,

जो स्ट्रौंग और स्वास्थ्यवर्धक हो.

एक अच्छे अखरोट के पेड़ को विकसित करने के लिए 20 से 40 साल लगते हैं. इस के लिए करीब 20 से 40 पौधों को लगा कर उन में से एक अच्छी क्वालिटी के अखरोट देने वाले पौधे को बड़ा करना आसान काम नहीं होता.

आप अखरोटों की गुणवत्ता को कैसे बनाए रखती हैं?

इसे उगाने वाले किसान पीढ़ीदरपीढ़ी इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं और वे अच्छी क्वालिटी के अखरोट को अच्छी तरह पहचानते हैं. इस के अलावा विश्व में हम फूड सेफ्टी पर भी काम करते हैं. इसलिए जमीन से ले कर प्लेन तक पहुंचने तक इन की पूरी क्वालिटी को बनाए रखते हैं.

‘यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमैंट औफ ऐग्रीकल्चर’ के स्टैंडर्ड को मानते हुए काम करते हैं. अब यह पूरा काम मशीन से होता है,

जिस से इन की क्वालिटी को मैंटेन करना और अधिक आसान हो गया है. सैंट्रल वैली में इस की अधिक खेती होती है,  क्योंकि यह बहुत ही उपजाऊ घाटी है.

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भारत में इन का परिचय करवाने में कितनी चुनौती रही?

भारत में इन का परिचय करवाना मुश्किल नहीं था. हम इन्हें शेल के साथ लाते हैं, क्योंकि यहां लोग खुले अखरोट पसंद नहीं करते. शिप से पहले इन्हें कोल्ड स्टोरेज में रखा जाता है. इस तरह हार्वेस्ंिटग के 5 महीने तक ये कोल्ड स्टोरेज में रहते हैं. यहां गरमी में कोल्ड स्टोरेज कर के ही लाए जाते हैं, पर ठंड में अधिक समस्या नहीं होती.

हर घर में कैलिफोर्निया अखरोट पहुंचाने के लिए क्या करती हैं, क्योंकि आज की महिलाएं औनलाइन सर्च बहुत करती हैं?

मैं इस की फूड सेफ्टी, स्वास्थ्य लाभ और हार्वेस्टिंग के बारे में अधिक समझाती हूं. इस से सब को इन की अच्छाइयां समझ में आ जाती हैं. इस के अलावा आप कहीं से भी अखरोट खरीदें, इन्हें सही तरीके से स्टोर करने की जरूरत होती है. अखरोटों को नमी पसंद नहीं, इसलिए इन्हें फ्रिज में रखने की जरूरत

होती है और 12 महीने के अंदर कंज्यूम कर लेना चाहिए. फ्रिज में एअरटाइट कंटेनर में रखें ताकि इन का स्वाद और सुगंध सही बनी रहे.

आप खुद अपनी डाइट में वालनट्स को कितनी मात्रा शामिल करती हैं?

मैं सप्ताह में 3 दिन अपने ब्रेकफास्ट में इन्हें शामिल करती हूं. गरमी के मौसम दही के साथ अखरोट और फ्रैश फ्रूट की ब्रेकफास्ट करती हूं या फिर सलाद के रूप में लेती हूं. जाड़े में खिचड़ी, सूप आदि के साथ या फिर इन की स्मूदी बनाती हूं. मैं 1 बार में 1 मुट्ठी अखरोट लेती हूं.

आगे की योजना क्या है?

अधिक से अधिक लोग इन का सेवन अपनी डाइट में करें. इस के लिए मैं ने कई शैफ को अपनी टीम में शामिल किया है, जो औनलाइन अलगअलग रैसिपीज की सहायता से अखरोटों का सेवन करने के बारे में बताते हैं. भारत में इन की बहुत मांग है, जिसे पूरा करना बहुत मुश्किल हो रहा है. यही मेरी चुनौती और प्लैनिंग है. ये लोकल किराने की दुकानों, खुदरा विक्रेताओं, शौपिंग मौल्स, औनलाइन आदि हर जगह आसानी से मिलते हैं.

अखरोट खरीदते समय किस बात का ध्यान रखना जरूरी है?

यहां बहुत सारी कंपनियों के  अखरोट मिलते हैं, पर 99% अखरोट कैलिफोर्निया में उगाए जाते हैं. इसलिए कैलिफोर्निया वालनट्स की स्टैंप देख कर ही खरीदना सही रहता है.  इस से अच्छी क्वालिटी के वालनट्स मिलने की गारंटी होती है.

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समधन के निधन के बाद बेटे और बहू के साथ अंतिम दर्शन करने पहुंचे अमिताभ बच्चन

बौलीवुड में कपूर खानदान का नाम बहुत मशहूर हैं. हाल ही में राजकपूर की बेटी ऋतु नंदा का बीते दिन निधन हो गया था. मीडिया में खबर फैलने के बाद से कई बौलीवुड सितारों ने उनके निधन पर शोक जताया है. वहीं ऋतु नंदा के अंतिम संस्कार में भी बौलीवुड के बड़े सितारे समेत कई लोग पहुंचे. आइए आपको दिखाते हैं ऋतु नंदा के अंतिम संस्कार की फोटोज…

अंतिम दर्शन में पहुंची कपूर फैमिली

एक्टर ऋषि कपूर को जैसे ही ऋतु नंदा के निधन की जानकारी मिली, वैसे ही वो अंतिम विदाई देने के लिए निकल पड़े. रणधीर कपूर की बेटी ऋद्धिमा कपूर भी ऋतु नंदा के अंतिम दर्शन करने पहुंची. इसी के साथ रणबीर कपूर के फुफेरे भाई आदर जैन भी ऋतु नंदा की अंतिम यात्रा का हिस्सा बने.

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बच्चन परिवार भी आया नजर

 

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#amitabhbachchan & #aishwaryaraibachan leave for #ritunanda funeral in Delhi #viralbhayani @viralbhayani

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ऋतु नंदा, श्वेदा नंदा की सास थीं, जिस कारण ऐश्वर्या राय बच्चन भी अंतिम संस्कार का हिस्सा बनने के लिए पहुंची. वहीं अपनी समधन के अंतिम विदाई देने के लिए अभिषेक बच्चन, ऐश्वर्या राय बच्चन के साथ पहुंचे थे. ऋतु नंदा के अंतिम दर्शन करके लौटे अभिषेक बच्चन के चेहरे पर उदासी नजर आई.

नव्या नवेली भी आईं नजर

 

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#AbhishekBachchan snapped with #NavyaNaveliNanda and #AgastyaNanda at #RituNanda’s funeral.

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अपनी दादी ऋतु नंदा के निधन के मौके पर नव्या नवेली नंदा भी नजर आईं. नव्या के चेहरे पर साफ नजर आ रहा था कि उन्हें उनके दादी के जाने का बहुत दुख है.

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सोशल मीडिया पर शेयर किया दर्द

 

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On a sad note #rishikapoor sister and #shwetabachchan mother in law #ritunanda passed away due to cancer. Bollywood celebs will fly down today to Delhi to attend her funeral. #gaurikhan who had hosted a grand bash tonite has also cancelled it after this sad news came. Ranbir Kapoor’s sister Ridhima Kapoor Sahni took to her Instagram handle to mourn the death of her aunt and wrote: “To the kindest most gentle person I’ve ever met – They don’t make them like you anymore – RIP bua #missyoualways.” Amitabh Bachchan took to his blog to inform and wrote: “My ‘samdhan’ Ritu Nanda, Shweta’s Mother in Law passed away suddenly at 1.15 Am .. cannot communicate .. travelling.” #rip ?

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ऋतु नंदा के निधन के बाद बौलीवुड सेलेब्स ने सोशल मीडिया पर अपने दर्द को बयां करते हुए काफी पोस्ट शेयर किए, जिनमें नीतू कपूर का नाम भी शामिल है. नीतू कपूर ने ऋतु नंदा की पुरानी फोटो शेयर की.

तलाक की खबरों से पहले ही आमिर ने बयां किया था अपने दिल का दर्द बयां, लिखी थी ये बात

टीवी के स्टार कपल एक्टर आमिर अली और संजीदा शेख की जिंदगी में इन दिनों कुछ ठीक नही चल रहा है. हाल ही में दोनों अपने तलाक को लेकर सुर्खियों में है, लेकिन आमिर अपने तलाक की खबरों से पहले से अपना दर्द सोशल मीडिया पर बयां कर रहे हैं. आइए आपको दिखाते हैं कौन से हैं आमिर के वो पोस्ट….

आमिर का ये पोस्ट

एक्टर आमिर अली ने अपनी इस फोटो के साथ कैप्शन देते हुए लिखा कि ‘अगर मेरी राहें अलग है तो इसका ये मतलब नहीं है कि मैं गुम हो चुका हूं.’इसी के साथ दूसरे पोस्ट में लिखा, ‘जब आप सिर्फ अच्छी चीज पर फोकस करते है तो सारी चीजें बेहतरीन होती चली जाती है.’

 

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What we think we become.. #believeinyourself #believe

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इससे पहले भी किए कईं पोस्ट

 

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When u focus on de good, the good gets better.. #happysunday

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एक फोटो के साथ आमिर ने कैप्शन देते हुए लिखा है कि ‘हमेशा जिंदगी के अच्छे साइड को देखो.’ वहीं दूसरे पोस्ट में लिखा कि किसी नामुमकिन चीज को पाने के लिए सिर्फ ये विश्वास रखना है कि ‘वह मुमकिन जरुर होगा.’

पोस्ट में लिखी ये बात

 

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Just because my path is different, doesn’t mean I’m lost.. #2020 #newyear #newbeginnings. Pic-@popmercy

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आमिर ने एक फोटो के साथ कैप्शन दिया कि ‘अपने आप से मतलब रखो…किसी और का होने के लिए ये जिंदगी बहुत छोटी है. जो जैसा हो रहा है…वैसा होने दो…फिर देखते है क्या रुकता है.’ इसे देखकर लगता है जैसे आमिर अपने दिल के दर्द को इन पोस्ट के जरिए बयां कर रहे हैं.

 

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No long message, no gyan, no bak….. ?.. Jst a simple #happynewyear #happynewyear2020 .. looking ahead #positivevibes #palmangeles

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बता दें, हाल ही में खबरें थी कि आमिर और संजीदा के तलाक का कारण और कोई नहीं बल्कि दोनों की फैमिली है. वहीं ये भी कहा जा रहा था कि संजीदा लंदन में अपना काम खत्म करने के बाद से आमिर से दूरियां बना रहीं थीं. असल वजह तो दोनों ने खुलकर नही बताई है.

धर्म को केवल घर में और लोगों के दिलों में रहने की है जरुरत – कबीर खान

डौक्युमेंट्री फिल्म निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखने वाले निर्देशक कबीर खान दिल्ली के है. उन्हें हमेशा से ही कला और साहित्य से जुड़े विषयों पर काम करने का शौक था. उनका शुरूआती दौर बहुत संघर्षमय था, पर उन्हें जो भी काम मिला करते गए. उनकी सबसे सफलतम फिल्म ‘एक था टाइगर’ थी. जिसके बाद से उन्हें इंडस्ट्री में पहचान मिली. उन्हें बड़ी फिल्मों से अधिक डौक्युमेंट्री फिल्में बनाना पसंद है, जिसमें वे दर्शकों को कुछ सन्देश दे सके. उनकी वेब सीरीज ‘द फौरगोटन आर्मी- आज़ादी के लिए’ अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज होने वाली है. पेश है उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश.

सवाल-इस कहानी में खास क्या है?

ये कहानी मेरे लिए बहुत ख़ास है, 20 सालों से मैं इसे कहना चाहता था, पर किसी न किसी कारणों से ये नहीं बन पायी. मेरे लिए ये एक बड़ी कामयाबी है कि मैं इसे दर्शकों तक पहुंचा पाया. ये उन वीरों की कहानी है, जिन्होंने अपने जान की कुर्बानी दी, पर बहुत कम लोगों को इसकी जानकारी है. मैंने बीच में कई डॉक्युमेंट्री और फिल्में भी बनायीं, पर इसे नहीं बना पाया, क्योंकि मैं इसे बड़े स्केल पर बनाना चाहता था. कई बड़े बैनर नजदीक आये पर कुछ कारणों से नहीं बन पायी. ये लम्बी फोर्मेट कि फिल्म है, इसमें मुझे कई चीजों को अच्छी तरह से दिखाने का अवसर मिला है. इसकी 5 सीरीज है.

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सवाल-आप इस तरह की वार फिल्में अधिक बनाते है, इस तरह की रूचि होने की वजह क्या है?

मैंने हमेशा ह्यूमन स्टोरी बनाने की कोशिश की है, इसमें ऐसी बातें आ जाती है. इसके अलावा आजादी के लिए हुई रियल लड़ाई के बारें में बहुत कम लोग जानते है. इसलिए ऐसी कहानियां जिसे कोई जानता नहीं है, उसे कहने में अच्छा लगता है. पहले की कहानियों में नेता की दृष्टी से स्टोरी बताई गयी थी, लेकिन इसमें सैनिको की मोटिवेशन क्या थी. आर्मी में काम करना उनके लिए कैसी होती है आदि कई बातों को दिखाने की कोशिश की गयी है.

सवाल-आज आजादी की महत्व कम होती जा रही है, इसे सहेज कर रखना कितना जरुरी है?

आजादी बहुत मुश्किलों से मिली है. इसे सहेज कर रखना आसान नहीं है. इसके लिए किसी भी गलत काम का उठकर विरोध करना जरुरी है, बिना समझे कुछ भी करना कभी भी सही नहीं होता.

सवाल-आप अपनी जर्नी से कितने संतुष्ट है, जबकि आपका शुरूआती दौर संघर्षपूर्ण था?

मैं दिल्ली में डौक्युमेंट्री मेकर था और मेरा सपना मुंबई आकर एक फिल्म बनाने की थी. मैंने काबुल एक्सप्रेस बनाकर उस सपने को पूरा किया. उसके बाद जो मिला. वह मेरे लिए बोनस था. मैं उसके लिए बहुत आभारी हूं कि मैं बाहर से आकर भी बड़े-बड़े प्रोजेक्ट किये है. मैंने जो करना चाहा मैंने किया और मुझे इसके लिए पैसे भी लोग दे रहे है. इससे बढकर और मुझे कुछ भी नहीं चाहिए.  मैंने कभी असुरक्षा की भावना महसूस नहीं किया. पिक्चर सफल होने के बाद मुझे सिक्वल बनाने के ऑफर आये ,पर मैंने उसे नहीं किया, क्योंकि एक फिल्म मेकर के रूप में उसी कहानी को अगर आगे बढाऊं, तो मुझे कुछ नया करने का अवसर कब मिलेगा. मुझे वह कभी पसंद नहीं आया.मेरे लिए अगर कोई फिल्म मेरी असफल होती है, तो मैं फिर से डॉक्युमेंट्री बनाने लगूंगा, क्योंकि उसे भी मैं एन्जॉय करता हूं.ये जरुरी है कि आप अपनी जर्नी को एन्जॉय करें. फिल्म की रिलीज केवल 3 दिन के लिए होती है. हिट होती है तो बहुत मज़ा आता है और फ्लॉप होने पर डिप्रेशन हो जाता है, लेकिन बनाने का प्रोसेस तो एक से डेढ़ साल तक का रहता है. वह जिंदगी है उसी को एन्जॉय करना चाहिए. सफलता और असफलता को मैं अधिक सीरियसली नहीं लेता और ये कहा भी जाता है कि सफलता व्यक्ति को असफलता से अधिक डिस्ट्रॉय करती है. 15 साल की इस जर्नी में मैंने इसे सीखा है और मैं बहुत खुश हूं.

सवाल-परिवार का सहयोग आपके काम में कितना रहता है?

परिवार का सहयोग मेरे लिए बहुत रहा है. मेरे पिता जे एन यू के फाउंडर प्रोफेसर रहे है. पूरा माहौल राजनीति का होता था. हम राजनीति की चर्चा डाइनिंग टेबल पर करते थे. इसलिए मेरी हर फिल्म में राजनीति की थोड़ी माहौल होती है. मेरी पत्नी मिनी मेरी स्क्रिप्ट की आलोचक है. फिल्में बनने के बाद देखती है और एक क्रिएटिव पर्सन को ये सब चाहिए. घर का वातावरण सही होने पर आप किसी भी दिशा में बहुत ऊंचाई तक पहुंच सकते है.

सवाल-जे एन यू की मारपीट की घटना के बारें में आपकी सोच क्या है?

मुझे बहुत दुःख होता है जब मैं इस सब चीजों को देखता और सुनता हूं. इन्ही रास्तों पर मैं क्रिकेट खेलता हुआ बड़ा हुआ हूं. किसी भी कॉलेज के लिए ये सही नहीं है. मेरी मां इसे देखकर बहुत दुखी होती है.

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सवाल-राजनीति को शिक्षा से दूर रखना कितना आवश्यक है?

धर्म को राजनीति से दूर रखना बहुत जरुरी है. धर्म को केवल घर में और लोगों के दिलों में रहनी चाहिए. जब वह सडको पर आ जायेगा, तब ये समस्याएं आएंगी. हर चीज को धर्म के नजरिये से आज देखा जा रहा है. वह सबसे खतरनाक है. मुझे याद आता है कि जब हम बड़े हो रहे थे, तब धर्म के बारें मैंने कभी नहीं सोचा. हम हर धर्म के त्यौहार को एन्जौय करते थे.यही इंडिया है, जिसमें हम सब बड़े हुए है. आज मैं जो भी कह रहा हूं वह एक भारत की नागरिक होने के नाते कह रहा हूं. धर्म अगर रास्ते पर आ जाय, तो उसका प्रभाव हमेशा निगेटिव ही होता है. ये समाज और लोगों को विभाजित कर देती है, जो आगे चलकर सही नहीं होता.

सवाल-26 जनवरी के लिए क्या मेसेज देना चाहते है?

मैं अपने देश के लिए बहुत गर्वित हूं, मैं तब बोलता हूं, जब लगता है कि कुछ ख़राब देश के लिए हो रहा है. इस आजादी को सम्हाल कर रखना सभी की जिम्मेदारी है.

एथनिक लुक के साथ ऐसे सजाएं घर-आंगन

सभी अपना घर अलग अलग तरीके से सजाना पसंद करते हैं इसके लिए कई दिनों तक शौपिंग भी की जाती है. यह सब कई तरह से खर्चीला भी साबित हो सकता है. तो क्यों ना आज अपने बजट के अंदर खुद घर सजाया जाए.

1. हैंडीक्राफ्ट का प्रयोग

हैंडीक्राफ्ट के मामले में भारत काफी धनी है. यहां जूट , ब्रास , क्ले, मार्बल ,लकड़ी और मेटल के आर्ट पीस विदेश तक धूम मचाते हैं.हमें यह बड़ी आसानी से उपलब्ध भी हो जाते हैं .ब्रास के डेकोरेटिव पीस सजावट के लिए काफी अच्छे रहते हैं . ब्रास से बने टेबल लैंप ,वॉल आर्ट बॉक्स, बाउल, आदि का यूज़ बड़े आराम से किया जा सकता है. इसी तरह क्ले की बनी हुई पाॅटरी जो आपके घर के सजावट से मेल खाते हुए टेराकोटा ,रेड, ब्लैक या ग्रे हो सकती है. लकड़ी में भी कई ऑप्शन मिल जाते हैं. मार्बल के भी अनगिनत टाइप के हैंडीक्राफ्ट वास ,मूर्तियां , पूजा थाली आदि से घर सजाया जा सकता है.

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2. दीवारों पर आर्ट वर्क

घर से मैच करते हुए कुछ आर्ट पीस  घर को एथनिक लुक प्रदान करते हैं.  जब कोई फेस्टिवल हो तब मिथिला पेंटिंग, तंजौर पेंटिंग के अलावा कुछ अलग तरह से यदि घर सजाना चाहती हैं तो अपनी वार्डरोब से कुछ ऐसी सिल्क की साड़ियां या जरी की साड़ियां निकालें और उन्हें फ्रेम करवाकर आप सबको हैरान कर सकती हैं .इसी तरह फुलकारी के कुछ पीस को आप प्रिंट करवा कर दीवारों पर सजा सकती हैं.

3. कुशन और सोफा कवर

अगर आपके यहां का फर्नीचर ट्रेडिशनल इंडियन लुक का है तो एथनिक रूप से सजावट करने में आपको अधिक जद्दोजहद नहीं करनी पड़ेगी. एथनिक लुक के लिए कुशन कवर या सोफा कवर एक हथियार के जैसे काम करते हैं.

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4. सेंटर पीस

एथनिक रूप से घर की सजावट तभी पूरी होती है जब सेंटरपीस इंडियन स्टाइल का हो. इसके लिए आप लकड़ी ,राजस्थानी  संगमरमर,मिट्टी या ट्राइबल संस्कृति का भी कोई आर्ट पीस लगा सकते हैं .यही नहीं राजस्थानी ब्रासो या लकड़ी की बनी कोई भी कलाकृति रखी जा सकती है. इससे आपके घर की लुक बदल जाएगी.

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