पौल्यूशन से स्किन को दूर रखने के लिए ट्राय करें ये 5 फेशियल

आज कल दिल्ली और आसपास की हवा प्रदुषण के कारण काफी जहरीली हो रही है. क्या आप जानते हैं प्रदूषण न सिर्फ आप की सेहत के लिए नुकसानदेह है वरन आप के चेहरे की खूबसूरती चुराने का काम भी करता है. समय से पहले स्किन एजिंग, पिगमेंटेशन, स्किन पोर्स में ब्लॉकेज जैसी कई समस्याएं खड़ी हो रही हैं. दरअसल जहरीली धुंध में मौजूद बहुत सूक्ष्म रासायनिक कण हमारे रोमछिद्रों के मुकाबले 20 गुना छोटे होने के कारण बाहरी स्किन से होते हुए रोमछिद्रों में प्रवेश कर के स्किन की नमी खत्म कर देते हैं. इस से स्किन में लालिमा, सूजन, काले दागधब्बे आदि दिखने लगते है और स्किन निर्जीव, शुष्क, और बुझीबुझी सी दिखने लगती है . आइये जानते हैं एल्पस कौस्मेटिक क्लीनिक की फांउडर डायरेक्टर भारती तनेजा से कुछ फेशियल ट्रीटमेंट के बारे में जो प्रदूषण से रौनक खो चुकी आप की स्किन में पहले जैसी चमक ला सके.

1. एंटीऔक्सीडेंट फेशियल

एंटीऔक्सीडेंट एक तरह के केमिकल्स होते हैं जो स्किन पर जमी डस्ट और खराब हुई स्किन को साफ करने में मदद देते हैं . इस फेशियल में क्रीम और मास्क होते है जो विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन ई से समृद्ध होते हैं .यह फेशियल पोर्स को गहराई से साफ कर हर तरह की अशुद्धियों को दूर करता है .  स्किन साफ कर उसे पोषण डाटा है और स्किन को मुलायम और नरम बनाता है. यह फेशियल हमारे फेस से डेड सेल्स, पिम्पलस, वाइट हेड्स और ब्लैक हेड्स हटाने में मदद करता है.

ये भी पढ़ें- वेडिंग लुक में ऐसे दिखें खूबसूरत

2.चारकोल फेशियल

चारकोल में एंटी पॉल्यूशन प्रॉपर्टीज होती हैं. इस फेशियल में एक्टिवेटेड प्योर चारकोल को स्किन पर एप्लाई किया जाता है. इस में एडवांस टेक्नोलॉजी वाला लेजर ट्रीटमेंट दिया जाता है जिस से थोड़ी ही देर में ही चेहरा साफ और तरोताजा नजर आने लगता है. अगर आप की स्किन बेजान और मुरझाई हुई नजर आ रही है तो कम से कम एक बार इस फेशियल को जरूर ट्राई करें. तेजी से बदलते मौसम और डस्ट को हटाने में यह बहुत उपयोगी है. इस से स्किन को पूरी तरह से डीप क्लीन किया जाता है. इसे फेस पर 20 मिनट तक लगाने के बाद स्किन के सारे पोलूटेड पार्टिकल्स बाहर आ जाते है. चारकोल में नेचुरल मिनरल्स होने से फेस की स्किन को बहुत टाइटनेस मिलती है.

3. फ्रूट  फेशियल

फ्रूट फेशियल में किसी भी तरह के केमिकल्स नहीं होते जिस की वजह से यह स्किन के लिए सुरक्षित है. फ्रूट्स में मौजूद सभी पोषक तत्व जैसे कि मिनरल्स और विटमिन्स भरपूर मात्रा में चेहरे को मिलते हैं. स्ट्रॉबेरी फेशियल स्किन की टोन को लाइट करने में मदद करता है. इस में मौजूद विटमिन सी और ऐंटीऑक्सिडेंट्स स्किन से फ्री रेडिकल्स और अन्य गंदगी को निकालने में मदद करते हैं और फ्रेश लुक देते हैं. चेहरे की खूबसूरती के लिए एप्पल फेशियल भी कारगर माना जाता है. सेब में ऐसे तत्व होते हैं जो स्किन की टोन को लाइट करते हैं और चमक बढ़ा देते हैं. यह एजिंग इफेक्ट को भी कम करता है.

4. रेड वाइन फेशियल

रेड वाइन एक एंटीऔक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है जो विटामिन सी से 20 गुना अधिक प्रभावी होता है और विटामिन ई से पचास गुना अधिक प्रभावी होता है. रेड वाइन फेशियल से नमी और झुर्रियां घटती हैं. रेड वाइन रेस्वेराट्रोल जैसे एंटीऔक्सीडेंट से समृद्ध है जो नई स्किन सेल्स के निर्माण में मदद करता है. अगर स्किन ड्राई है तो इसे न कराएं क्यों कि इस से स्किन काली पड सकती है. रेड वाइन को स्किन पर सीधे नहीं लगाया जाता क्यों कि इस में एल्कोहॉल की मात्रा ज्यादा होती है. रेड वाइन फेशियल को हमेशा पानी या रोजवॉटर के साथ मिला कर ही लगाया जाता है .  तैलीय स्किन वालों के लिए रेड वाइन फेशियल अच्छा है. इस में मौजूद औषधीय घटक स्किन की सूजन को कम करने में भी मददगार साबित होता है. वाइन फेशियल्स से चेहरे पर चमक आ जाती है.

ये भी पढ़ें- हेयर ऐक्सटैंशन की ऐसे करें केयर

5. अल्फा हाइड्रोक्सी  एसिड  फेशियल

जब हमारी अंदरुनी स्किन को ताजी हवा नहीं मिल पाती तब हमारा फेस फेडेड नजर आने लगता है. फेस की चमक को वापिस लाने और डेड स्किन सेल्स को हटाने के लिए अल्फा हाइड्रोक्सी एसिड फेशियल किया जाता है. अल्फा हाइड्रोक्सी एसिड नेचुरल और सिंथेटिक इंग्रेडिएंट्स का एक समूह होता है.अल्फा हाइड्रोक्सी एसिड फेशियल आपकी स्किन के लिए बेस्ट एक्सफोलिएटर का काम करता है. इस फेशियल को चेहरे पर लगाने से स्किन में कोलेजन तेजी से बनने लगता है जिस से चेहरे पर झुर्रियां नहीं पड़ती हैं. यह फलों से निकाला गया एसिड स्किन में गोरापन और निखार लाता है. इस फेशियल को करवाने के बाद स्किन रूखी नजर नहीं आती है.

जब सोलो ट्रिप पर निकलें अकेली महिलाएं

महिलायें और लड़कियां कई बार सोलो ट्रिप पर निकलती हैं. कभी किसी जरुरी काम से तो कभी यों ही घूमने के ख्याल से. कई बार वे रात को भी बाहर अकेले सफ़र करती हैं. ऐसे में उन के साथ छेड़छाड़ या बलात्कार जैसी घटनाएं हो सकती हैं. यही नहीं उन्हें झपटमारों या धोखेबाजो से भी दोचार होना पड़ता है. जरुरी है कि अकेली जा रही महिलाओं और लड़कियों को अपनी खुद की सुरक्षा खुद करनी आनी चाहिए. हर महिला या लड़की जुडोकराटे की एक्सपर्ट नहीं हो सकती. लेकिन थोड़ी सी सतर्कता बरत कर वे सुरक्षित सफर कर सकती हैं.

आइए जानते हैं कुछ ऐसे छोटेछोटे उपाय जिन्हें अपना कर आप अपनी सुरक्षा खुद कर सकती हैं…

1. अगर घर से बाहर अकेली पैदल जा रहीं हैं तो

हमेशा अपना मोबाइल फुल चार्ज रख कर उसे ऑन रखें. जहां घूमने गईं हैं वहां का महिला हेल्पलाइन नंबर और खुद के घर का नंबर स्पीड डायल पर रखे.

सुनसान रास्ते पर फोन पर ज्यादा देर तक बात न करें और हेडफ़ोन का इस्तेमाल भी न करें. ऐसा करने से आप आसपास की आवाज़ों को सुन नहीं पायेंगी जिस से आप को अपना बचाव करने में दिक़्क़तों का सामना करना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें- सर्दियों में ऐसे करें ऊनी कपड़ों की देखभाल

अपने मोबाइल का जीपीएस सिस्टम ऑन रखें ताकि रास्ता भटकने की स्थिति न आए.

पर्स हमेशा उस तरफ़ रखें जिधर ट्रैफिक नहीं है. इस से कोई आसानी से पर्स झपट कर भाग नहीं पाएगा.

अगर आप को लगे कि कोई पीछा कर रहा है तो बिना डरे पास के किसी एटीएम, दुकान या होटल में घुस जाएं और अंदर जा कर घरवालों को सूचित करें. एटीएम या होटल जैसी जगहों पर कैमरे होते हैं. आवश्यक होने पर पुलिस को भी खबर करें.

अपने पर्स में मिर्च स्प्रे, पेपर स्प्रे या छोटी सी प्लास्टिक की डब्बी में अलग से मिर्च पाउडर रखे. जरुरत पड़ने पर आप हमलावर की आंखों में यह सब डाल कर अपना बचाव कर सकती हैं.  पेन, छाता, बालों में लगानेवाली पिन जैसी चीजों का इस्तेमाल भी सुरक्षा के लिए किया जा सकता है.

2. औटो या बस में अकेली सफ़र कर रहीं हों तो

जहां तक संभव हो कैब या टैक्सी की जगह बस या ट्रेन जैसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट्स का इस्तेमाल करें. ऐसी बस में न चढ़ें जिस में केवल 2  या 3 ही लोग हों क्यों कि हो सकता है कि वे ड्राइवर या कंडक्टर के दोस्त हो और मौका मिलते ही आप के साथ बदतमीजी करने लगें.

अगर औटो में अकेली सफ़र कर रही हैं तो औटो ड्राइवर और औटो का नंबर किसी अपने को व्हाट्सएप कर दें. अगर फोन नहीं लग रहा हो तो भी फोन करने का नाटक करते हुए तेज आवाज में टैक्सी का नंबर बताएं. इस से ड्राइवर को डर रहेगा कि कुछ गलत करने की स्थिति में वह पकड़ा जा सकता हैं.

आप ने स्विमिंग, स्केटिंग, डांस आदि कोई क्लास किया हो या नहीं लेकिन जुडोकराटे का प्रशिक्षण ज़रुर लें ताकि कोई अनहोनी होने पर अपनी सुरक्षा खुद कर सके.

ये भी पढ़ें- सफर में कहीं न हो जाए बैगपैक चोरी

निजता के अधिकार पर हमला

भाजपा सरकार ने नैशनल इंटैलीजैंस ग्रिड तैयार किया है जिस में एक आम नागरिक की हर गतिविधि को एक साथ ला कर देखा जा सकता है. बिग ब्रदर इज वाचिंग वाली बात आज तकनीक के सहारे पूरी हो रही है. आज के कंप्यूटर इतने सक्षम हैं कि करोड़ों फाइलों और लेनदेनों में से एक नागरिक का पूरा ब्यौरा निकालने में कुछ घंटे ही लगेंगे, दिन महीने नहीं. अब एक नागरिक के घर के सामने गुप्तचर बैठाना जरूरी नहीं है. हर नागरिक हर समय फिर भी नजर में रहेगा.

इसे कपोलकल्पित न सम झें, एक व्यक्ति आज मोबाइल पर कितना निर्भर है, यह बताना जरूरी नहीं है. मोबाइलों का वार्तालाप हर समय रिकौर्ड करा जा सकता है क्योंकि जो भी बात हो रही है वह पहले डिजिटली कन्वर्ट हो रही है, फिर सैल टावर से सैटेलाइटों से होती दूसरे के मोबाइल पर पहुंच रही है. इसे प्राप्त करना कठिन नहीं है. सरकार इसलिए डेटा कंपनियों को कह रही है कि डेटा स्टोरेज सैंटर भारत में बनाए ताकि वह जब चाहे उस पर कब्जा कर सके.

ये भी पढ़ें- पर्यावरण को हानि पहुंचाने का हक नहीं

नागरिक की बागडोर बैंकों से भी बंधी है. हर बैंक एक मेन सर्वर से जुड़ा है, नागरिक ने जितना जिस से लियादिया वह गुप्त नहीं है. अगर सैलरी, इंट्रस्ट, डिविडैंड मिल रहा है तो वह भी एक जगह जमा हो रहा है. सरकार नागरिक के कई घरों का ब्यौरा भी जमा कर रही है ताकि कोई कहीं रहे वहां से जोड़ा जा सके.

सरकार डौक्यूमैंट्स पर नंबर डलवा रही है. हर तरह का कानूनी कागज एक तरह से जुड़ा होगा. बाजार में नागरिक ने नकद में कुछ खरीदा तो भी उसे लगभग हर दुकानदार को मोबाइल नंबर देना होता है, यानी वह भी दर्ज.

सर्विलैंस कैमरों की रिकौर्डिंग अब बरसों रखी जा सकती है. 7 जुलाई, 2005 में जब लंदन की ट्यूब में आतंकी आत्मघाती हमला हुआ था तो लावारिस लाशें किसमिस की थी, यह स्टेशन पर लगे सैकड़ों कैमरों की सहायता से पता चल गया था. आदमी को कद के अनुसार बांट कर ढूंढ़ना आसान हो सकता है. अगर कोई यह कह कर जाए कि वह मुंबई जा रहा है पर पहुंच जाए जम्मू तो ये कंप्यूटर ढूंढ़ निकालेगा कि वह कहां किस कैमरे की पकड़ में आया. सारे कैमरे धीरेधीरे एकदूसरे से जुड़ रहे हैं.

यह भयावह तसवीर निजता के अधिकार पर हो रहे हमले के लिए चेतावनी देने के लिए काफी है. देश की सुरक्षा के नाम पर अब शासक अपनी मनमानी कर सकते हैं, किसी के भी गुप्त संबंध को ट्रेस कर के ब्लैकमेल कर सकते हैं. इन कंप्यूटरों को चलाने वालों के गैंग बन सकते हैं जो किसी तीसरे जने को डेटा दे कर पैसा वसूलने की धमकी दे सकते हैं. हैकर, निजी लोग, सरकारी कंप्यूटर में घुस कर नागरिक की जानकारी जमा कर के ब्लैकमेल कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- कोख पर कानूनी पहरा क्यों?

शायद इन सब से बचने के लिए लोगों को काले चश्मे पहनने होंगे, सारा काम नकद करना होगा, चेहरे पर नकली दाढ़ीमूंछ लगा कर चलने की आदत डालनी होगी. सरकार के शिकंजे से बचना आसान न होगा. यह कहना गलत है कि केवल अपराधियों को डर होना चाहिए, एक नागरिक का हक है कि वह बहुत से काम कानून की परिधि में रह कर बिना बताए करें. यह मौलिक अधिकार है. यह लोकतंत्र का नहीं जीवन का आधार है. हम सब खुली जेल में नहीं रहना चाहते न.

वाटर प्यूरीफिकेशन के नाम पर पानी की बर्बादी रोकता है Cuckoo

बड़े शहरों में अंडर ग्राउंड वाटर लेवल दिनों दिन गहरा होता जा रहा है. धरती पर पीने लायक पानी बहुत कम बचा है. ऐसे में किसी भी तरह से पानी वेस्ट करना सही नहीं है. ऐसे में वाटर प्यूरीफिकेशन के नाम पर पानी वेस्ट करना किसी अपराध से कम नहीं है.

ऐसे होती है पानी की बर्बादी…

दरअसल, वाटर प्यूरीफिकेशन के दौरान जितना पानी साफ होकर इकठ्ठा होता है उससे तीन गुना अधिक पानी बेकार यानी Waste हो जाता है. मतलब 10 लीटर पानी साफ करने के लिए करीब 30 लीटर पानी बेकार बहाना पड़ता है. ये बहाया जाने वाला पानी न तो पीने के लायक होता है और ना ही इस नहाने में काम लिया जा सकता है. क्योंकि इसमें अत्यधिक मात्रा में लवण घुले होते है जिसे TDS ( Total dissolved Salts ) कहते हैं.

साल 2020 तक खत्म हो जाएगा इन शहरों का पानी…

पिछले साल ही नीति आयोग (National Institution for Transforming India) ने एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसके मुताबिक साल 2020 तक दिल्ली और बैंगलुरू जैसी मेट्रो सिटीज का जमीन का पानी खत्म हो जाएगा,

इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद ये बहस शुरू हो गई है कि क्या ये क्लाइमेट चेंज की वजह से हो रहा है या फिर इंसान की गलत आदतों की वजह से. दरअसल कुछ जगहों पर तो ये एक्स्ट्रीम वेदर की वजह से हो रहा है लेकिन बाकी जगह में इंसानो की वजह से. ऐसे में सवाल ये उठता है कि हम इस सिचुएशन को बेहतर करने के लए क्या कर सकते हैं.

सरकार तो पानी को बचाने के लिए नई-नई पौलिसीज और प्लान बना ही रही है, लेकिन एक जिम्मेदार नागरिक की तरह हमें भी इस समस्या से खुद को उबारने के लिए कदम उठाना चाहिए.

इस कंपनी ने निकाला नया तरीका…

एक पौपुलर होम होम एप्लायंसेज ब्रांड है, जिसके पास इसका जवाब है. जी हां, कोरियन कंपनी Cuckoo का एक वाटर प्यूरीफायर आया है. जो पानी की वेस्टेज को लगभग जीरो परसेंट तक कम कर सकता है. Cuckoo क्लेम करता है कि ये वाटर प्यूरीफायर WHO (World Health Organization) द्वारा तय किए मानदंडों के हिसाब से डिजाइन किया गया हैं.

Cuckoo ने ये कैसे किया…

कंपनी ये दावा करती है कि वो अपने डिजाइन में नए जेनरेशन का फिल्ट्रेशन सिस्मट यानी ‘नेनो फिल्ट्रेशन सिस्टम’ यूज कर रही है. इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि इससे हमें पीने का साफ पानी मिल सकता है वो भी पानी का नुकसान किए बिना.

जानें, फेस्टिवल कैसे मानते हैं बौलीवुड स्टार्स   

सोनाक्षी सिन्हा को बचपन की यादें सताती हैं

मशहूर अभिनेता व राजनेता शत्रुघ्न सिन्हा की बेटी तथा बौलीवुड में कई कलाकारों के साथ काम कर चुकीं अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा यह बात मानती हैं कि समय व उम्र के साथ दीवाली पर्व को मनाने में उन की अपनी भूमिका बदलती रही है. पर उन्हें इस बात का एहसास नहीं हुआ.

ये भी पढ़ें- बाला फिल्म रिव्यू: जानें क्या है आयुष्मान की इस फिल्म में खास

सोनाक्षी कहती हैं, ‘‘बचपन में मेरे लिए दीवाली का मतलब अपनी मनपसंद चीजें खरीदना ज्यादा होता था. उस वक्त घर में बनने वाले पकवान, मिठाई आदि पर हमारा ध्यान ज्यादा रहता था. दीवाली के दिन घर पर हम सभी एकसाथ बैठ कर ट्रैडिशनल भोजन करते थे. मु झे याद है कि उन दिनों हमारे यहां बच्चों के लिए पटना से मिट्टी तथा शक्कर के बने हुए खास खिलौने आ जाया करते थे. उस तरह के खिलौने तब मुंबई में मिलते नहीं थे. बचपन की दीवाली के अपने अलग माने थे जोकि समय के साथ बदलते गए.’’

राजकुमार राव की दीवाली

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता राजकुमार राव अब तक ‘लव सैक्स और धोखा’, ‘शाहिद’,  ‘अलीगढ़,’ ‘बरेली की बर्फी’ और ‘स्त्री’ सहित कई सफलतम फिल्मों में विविधतापूर्ण किरदार निभा चुके हैं.

राजकुमार राव तो दीवाली का त्योहार परंपरागत तरीके से ही मनाने में यकीन करते हैं. वे कहते हैं, ‘‘मैं हमेशा परंपरागत तरीके से दीवाली मनाता हूं. मेरे लिए यह त्योहार मिठाई खाने की स्वतंत्रता वाला है. कलाकार के तौर पर मिठाई खाने को ले कर हमें कई तरह की बंदिशों का पालन करना होता है. दीवाली के मौके पर हम एकदम स्वतंत्र होते हैं. दोस्तों के साथ आतिशबाजी करते हैं, कम प्रदूषण फैलाने वाले एकदो पटाखे फोड़ते हैं. दोस्तों के संग फन के लिए ताश का खेल भी खेलते हैं, पर इस खेल में पैसों का कोई लेनदेन नहीं होता.’’

मृणाल दत्त रखते हैं प्रदूषण का खयाल

कई टीवी सीरियलों के अलावा वैब सीरीज ‘कोल्ड लस्सी चिकन मसाला’, ‘हेलो मिनी’ में अभिनय कर चुके मृणाल दत्त मूलतया दिल्ली से हैं. वे दीवाली को ले कर कहते हैं, ‘‘मेरे लिए दीवाली का मतलब सैलिब्रेशन है, उत्सव है. इस का जश्न मनाया जाना चाहिए. हम बचपन से दीवाली मनाते आए हैं. बचपन में हमें मिठाई और पटाखे के लिए ही दीवाली के आगमन का इंतजार रहता था. पर अब समय बदला है. हम भी सम झदार हो गए हैं, अब हमारी सोच बदली है.

‘‘मगर हमारी सोच यह कहती है कि दीवाली का जश्न मनाते हुए हम इतना खुशी में न  झूम जाएं कि बेतहाशा पटाखे फोड़ें और प्रदूषण को निमंत्रण दे कर संकट मोल ले लें. देखिए, दीवाली के समय सर्दी का मौसम शुरू हो जाता है और दिल्ली जैसे शहर में सर्दी के मौसम में प्रदूषण के कारण लोगों की जिंदगी पर बन आती है. ऐसे में हमें इस बात का खास खयाल रखना चाहिए कि हम जश्न मनाएं पर उस से हमें या दूसरों को तकलीफ न हो.’’

मौनी रौय की मिठाइयां

‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी,’  ‘नागिन’ जैसे कई सफलतम सीरियलों के साथ 9 वर्ष तक टैलीविजन पर अभिनय करती रही अभिनेत्री मौनी रौय ने फिल्म ‘गोल्ड’ से अक्षय कुमार के साथ बौलीवुड में कदम रखा था. फिर वे जौन अब्राहम के साथ फिल्म ‘रौ’ में नजर आईं. अब वे अपनी अगली फिल्म ‘मेड इन चाइना’ में नजर आएंगी. दीवाली को ले कर वे कहती हैं, ‘‘हमारे घर पर हर वर्ष दीवाली के अवसर पर कई तरह की ढेर सारी मिठाइयां बनती हैं. इस बार भी यही योजना है. इस बार दीवाली के अवसर पर मेरी फिल्म ‘मेड इन चाइना’ प्रदर्शित होने वाली है. यदि इस फिल्म ने बौक्स औफिस पर सफलता के  झंडे गाड़ दिए, तो मेरे लिए यह दोहरा जश्न मनाने का मौका हो जाएगा. मु झे तो पूरी उम्मीद है कि ऐसा ही होगा.’’

मिखिल मुसाले को ट्रिपल सैलिब्रेशन का मौका

गुजराती फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल कर चुके मिखिल मुसाले अब बतौर निर्देशक हिंदी फिल्म ‘मेड इन चाइना’ ले कर आए हैं. मूलतया महाराष्ट्रियन मगर पिछले 25 वर्षों से गुजरात में रह रहे मिखिल खुद को अब गुजराती ही सम झते हैं. मगर जब त्योहार का मामला होता है तो वह महाराष्ट्रियन पद्धति से ही त्योहार मनाते हैं.

दीवाली की चर्चा चलने पर मिखिल कहते हैं, ‘‘दीवाली के समय हमारी फिल्म रिलीज हो रही है और उसी सप्ताह में मेरा जन्मदिन भी है. यह ट्रिपल सैलिब्रेशन है. उत्साह है, नर्वस भी हूं.’’

वे आगे कहते हैं, ‘‘हम सब से ज्यादा दीवाली मनाते हैं. हम लोग रंगोली व मिठाई बनाने से ले कर आकाश कैंडिल तक बनाते हैं. मैं और मेरी बहन हम दोनों की क्राफ्ट में कुछ ज्यादा ही रुचि है. हम बचपन से रंगोली व आकाश कैंडिल बनाते आए हैं.’’

ये भी पढ़ें- क्या खत्म हो जाएगी ‘कार्तिक-नायरा’ की लव स्टोरी? ‘ये रिश्ता’ में आएगा बड़ा ट्विस्ट

गुलशन देवैय्या का पशु प्रेम

‘हंटर’, ‘हेट स्टोरीज’ सहित कई सफल फिल्मों व ‘स्मोक’ जैसी वैब सीरीज के अभिनेता गुलशन देवैया दीवाली नहीं मनाते हैं. वे कहते हैं, ‘‘पशु प्रेमी होने के चलते मैं दीवाली नहीं मनाता. मेरे घर में 3-3 बिल्लियां हैं. उन के लिए दीवाली का समय बहुत खौफ का समय होता है. पटाखों की आवाज से बेचारी बहुत डरती हैं. मु झे उन के लिए बहुत बुरा लगता है. बचपन में मैं बहुत पटाखे फोड़ा करता था. अब अंदर से भी पटाखे फोड़ने की इच्छा नहीं होती. दोस्तों के साथ पार्टी कर लेता हूं, मिठाइयां खा लेता हूं. मेरे कुछ दोस्त ताश खेलते हैं, पर मु झे उस का भी शौक नहीं है. मु झे ताश खेलना आता ही नहीं है.’’

सोनम कपूर को भाती है रोशनी और दीये

अदाकारा सोनम कपूर दीवाली को ले कर बेहद उत्साहित रहती हैं. वे कहती हैं, ‘‘मु झे रोशनी और दीयों से कुछ ज्यादा ही प्यार है, इसी कारण मु झे दीवाली का त्योहार ज्यादा पसंद है. वैसे भी दीवाली इस कदर खुशियों भरा त्योहार होता है कि हर कोई इसे मनाना चाहता है. स्वाभाविक तौर पर हम दीवाली के दिन दीये जलाते हैं. पूरे घर को रंगबिरंगे दीयों से रोशन करते हैं. लोगों को मिठाइयां बांटते हैं. इसी के साथ हम सभी एकसाथ मिल कर अच्छा समय गुजारते हैं.’’

पटाखों से रहती हैं दूर

नारी उत्थान की बात करने वाली अदाकारा तापसी पन्नू इस बार दीवाली के ही अवसर पर प्रदर्शित हो रही अपनी फिल्म ‘सांड़ की आंख’ को ले कर अतिउत्साहित हैं, जिस में उन्होंने 60 वर्ष की शार्प शूटर प्रकाशी तोमर का किरदार निभाया है.

दीवाली की चर्चा चलने पर तापसी कहती हैं, ‘‘बचपन में तो दीवाली के पहले से ही पटाखे फोड़ने लगती थी. फिर एक दिन मेरी सोच बदल गई क्योंकि सम झ में आया कि इस से प्रदूषण फैलता है. हुआ यह था कि हमारे घर के अंदर बहुत प्रदूषण हो गया था. मु झे अपने किचन से बैडरूम का दरवाजा साफसाफ नहीं दिख रहा था. उस दिन से मेरी सोच बदल गई और पटाखे जलाने बंद कर दिए. रंगोली बचपन से बनाती थी, अभी भी बनाती हूं. ताश के पत्ते या जुआ खेलने में कभी यकीन नहीं रहा. मु झे रंगोली बनाना बहुत पसंद है. अच्छी या बुरी जैसी भी हो, पर मु झे बनानी है. मैं अभी भी दीये पर पेंट करती हूं.’’

सही कौमेडी फिल्म चुनना मेरे लिए चुनौती होती है –अनिल कपूर

अपने अलग अभिनय और अंदाज की वजह से चर्चित अनिल कपूर की शक्सियत से कोई अंजान नहीं. उन्होंने हौलीवुड और बौलीवुड में अपनी एक अलग छवि बनायीं है. उन्होंने हर शैली में काम किया है और आज भी अपने अभिनय से दर्शकों को चकित कर रहे है. कौमेडी  हो या सीरियस हर अंदाज में वे फिट बैठते है. हंसमुख और विनम्र स्वभाव के अनिल कपूर अभिनय करना और खुश रहना हमेशा पसंद करते है और यही उनके फिटनेस का राज है. जीवन एक है और इसमें उतार-चढ़ाव का आना स्वाभाविक मानते है. उनकी फिल्म ‘पागलपंती’ में उन्होंने कौमिक भूमिका निभाई है. जिसे लेकर वे बहुत खुश है, पर यहां तक पहुंचना उनके लिए आसान नहीं था. इसका राज आइये जाने उन्ही से.

सवाल-आपके उपर फिल्म की सफलता और असफलता का प्रभाव अभी कितना रहता है? फिल्म की सफलता में अच्छी कहानी का होना कितना जरुरी होता है?

कोई भी कलाकार शुरू में छोटा काम कर धीरे-धीरे बड़ा अभिनय कर स्टार बनता है, लेकिन यहां ये समझना जरुरी है कि कलाकार से अधिक उसकी भूमिका हिट होती है जिसे लोग पसंद करते है. ये बात हर कलाकार को समझ में आनी चाहिए. इसका उदहारण अमिताभ बच्चन है, जो अभी तक भी पोपुलर है. मेरा भी यही सोच रही है. मैंने 17 साल से अपने ईगो को छोड़कर काम करना शुरू किया है और जो भी कहानी या किरदार सही हो, उसमें मैं काम करता हूं, लेकिन सही कौमेडी  फिल्म को चुनना मेरे लिए एक चुनौती होती है, क्योंकि अगर मैंने सही कौमेडी  को नहीं चुना, तो वह मेरे लिए ट्रेजिडी बन सकती है. कौमेडी  को सही स्तर तक ले जाने के लिए बहुत कम फासला होता है और वह सबके बस की बात नहीं होती.

ये भी पढ़ें- क्या खत्म हो जाएगी ‘कार्तिक-नायरा’ की लव स्टोरी? ‘ये रिश्ता’ में आएगा बड़ा ट्विस्ट

सवाल- पहले की फिल्मों में कलाकार और निर्देशक के बीच में एक गहरा सम्बन्ध होता था, जिससे कई बार कलाकार संबंधों की वजह से भी फिल्में साईन कर लेते थे, पर अब ये प्रोफेशनल अधिक हो चुका है आप इन बातों पर अब कितना ध्यान देते है?

मैं बहुत अधिक बदल नहीं सकता. पुराना स्वभाव आ ही जाता है. एक रिश्ता एक इमोशन अपने आप ही निर्माता निर्देशक के साथ आ जाता है. मैं एक आत्मविश्वासी इंसान हूं और बहुत अधिक किसी विषय पर नहीं सोचता. इसलिए फिल्म न चलने पर भी घबराहट नहीं होती.

सवाल-आपकी फिटनेस का राज क्या है? अपने अंदर सकारात्मकता को कैसे बनाए रखते है?

मैं नियमित वर्कआउट करता हूं. किसी प्रकार का नशा मैं नहीं करता. मुझे दक्षिण भारतीय व्यजन में स्टीम्ड इडली बहुत पसंद है, क्योंकि ये बहुत सुरक्षित भोजन है. इसके अलावा मेरे लिए मेरे कैरियर और लाइफ का हर दिन नया होता है. सुबह उठकर मैं जिन्दा हूं और काम कर रहा हूं. ये मेरे लिए बहुत बड़ी बात होती है. जीवन में उतार-चढ़ाव और तनाव को मैं अधिक समय तक अपने पास रहने नहीं देता. आधे से एक घंटे में उसका कोई सोल्यूशन निकाल ही लेता हूं. हर इंसान के जीवन में ऐसी परिस्थितियों से निकलने का एक नुस्खा होता है, जो उस व्यक्ति को खुद ही खोजकर निकालना पड़ता है. इसके साथ-साथ पौजिटिव लोगों की सान्निध्य में रहने की कोशिश करता हूं. जिसमें परिवार, दोस्तों और काम का सही होना जरुरी है.

असल में यहां तक पहुंचने में मैंने भी बहुत पापड़ बेले है. बहुत उतार-चढ़ाव से गुजरा हूं. मैंने बहुत मेहनत की है. मुझे अच्छा नहीं लगता, जब मेरी तुलना लोग मेरे बच्चों के साथ करते है. उन्हें इंडस्ट्री में आये कुछ ही साल हुए है. अनुभव से ही काम में परिपक्वता आती है. पहले मुझे भी फिल्म न चलने, मीडिया के कुछ लिख देने पर खराब लगता था. पहले मैं ऐसा पौजिटिव सोच नहीं पाता था. समय के साथ-साथ समझदारी बढ़ी है.

सवाल-आपकी प्रोड्यूस की गयी फिल्म ‘गांधी माय फादर’ नहीं चली, ऐसे में आपने अपने आपको कैसे सम्भाला?

मैंने उस फिल्म को बहुत ही मेहनत से बनायी थी, पर दर्शकों ने उसे पसंद नहीं किया, पर उसे दो अवार्ड मिले. टीम के सब लोग इसके न चलने से परेशान थे, पर मैं अधिक घबराया नहीं, क्योंकि उस समय मैं फिल्म ‘स्लम डौग मिल्लेनियर’ की शूटिंग कर रहा था. उसमें मैंने बहुत कम काम किया, पर फिल्म औस्कर में चली गयी. मुझे एक मोरल बूस्ट मिला. ‘गांधी माय फादर’ की असफलता में मुझे ‘स्लम डौग मिल्लेनियर’ की सफलता हासिल हुई और मैंने बहुत कम दाम में मेरी फिल्म को हाल तक जाने दिया, जिससे मेरा तनाव कम हो गया.जीवन में ऐसा होता है और आप इस दौर से गुजर कर बहुत सारी बातें सीखते है.

ये भी पढ़ें- TRP की लिस्ट में हिट होते ही ‘छोटी सरदारनी’ में आएगा नया ट्विस्ट, नया मोड़ लेगी ‘परम’ की जिंदगी

सवाल-क्या कभी राजनीति में आने की शौक रखते है ?

नहीं मुझे कोई शौक अभी नहीं है. मैं अपने परिवार, दोस्तों और काम के साथ बहुत खुश हूं, लेकिन कल क्या होने वाला है ये आज बताना संभव नहीं.

डैमोक्रेसी और भारतीय युवा

हौंगकौंग और मास्को में डैमोक्रेसी के लिए हजारों नहीं, लाखों युवा सड़कों पर उतरने लगे हैं. मास्को पर तानाशाह जैसे नेता व्लादिमीर पुतिन का राज है जबकि हौंगकौंग पर कम्युनिस्ट चीन का. वहां डैमोक्रेमी की लड़ाई केवल सत्ता बदलने के लिए नहीं है बल्कि सत्ता को यह जताने के लिए भी है कि आम आदमी के अधिकारों को सरकारें गिरवी नहीं रख सकतीं.

अफसोस है कि भारत में ऐसा डैमोक्रेसी बचाव आंदोलन कहीं नहीं है, न सड़कों पर, न स्कूलोंकालेजों में और न ही सोशल मीडिया में. उलटे, यहां तो युवा हिंसा को बढ़ावा देते नजर आ रहे हैं. वे सरकार से असहमत लोगों से मारपीट कर उन्हें डराने में लगे हैं. यहां का युवा मुसलिम देशों के युवाओं जैसा दिखता है जिन्होंने पिछले 50 सालों में मिडिल ईस्ट को बरबाद करने में पूरी भूमिका निभाई है.

ये भी पढ़ें- सिटी हलचल

डैमोक्रेसी आज के युवाओं के लिए जरूरी है क्योंकि उन्हें वह स्पेस चाहिए जो पुराने लोग उन्हें देने को तैयार नहीं. जैसेजैसे इंसानों की उम्र की लौंगेविटी बढ़ रही है, नेता ज्यादा दिनों तक सक्रिय रह रहे हैं. वे अपनी जमीजमाई हैसियत को बिखरने से बचाने के लिए, स्टेटस बनाए रखने का माहौल बना रहे हैं. वे कल को अपने से चिपकाए रखना चाह रहे हैं, वे अपने दौर का गुणगान कर रहे हैं. जो थोड़ीबहुत चमक दिख रही है उस की वजह केवल यह है कि देश के काफी युवाओं को विदेशी खुले माहौल में जीने का अवसर मिल रहा है जहां से वे कुछ नयापन भारत वापस ला रहे हैं. हमारी होमग्रोन पौध तो छोटी और संकरी होती जा रही है. देश पुरातन सोच में ढल रहा है. हौंगकौंग और मास्को की डैमोक्रेसी मूवमैंट भारत को छू भी नहीं रही है.

नतीजा यह है कि हमारे यहां के युवा तीर्थों में समय बिताते नजर आ रहे हैं. वे पढ़ने की जगह कोचिंग सैंटरों में बिना पढ़ाई किए परीक्षा कैसे पास करने के गुर सीखने में लगे हैं. वे टिकटौक पर वीडियो बना रहे हैं, डैमोक्रेसी की रक्षा नहीं कर रहे.

उन्हें यह नहीं मालूम कि बिना डैमोक्रेसी के उन के पास टिकटौक की आजादी भी नहीं रहेगी, ट्विटर का हक छीन लिया जाएगा, व्हाट्सऐप पर जंजीरे लग जाएंगी. हैरानी है कि देशभर में सोशल मीडिया पोस्टों पर गिरफ्तारियां हो रही हैं और देश का युवा चुप बैठना पसंद कर रहा है. वह सड़कों पर उतर कर अपना स्पेस नहीं मांग रहा, यह अफसोस की बात है. देश का भविष्य अच्छा नहीं है, ऐसा साफ दिख रहा है.

ये भी पढ़ें- आप हम और ब्रैंड

सर्दियों में ऐसे करें ऊनी कपड़ों की देखभाल

सर्दियों का मौसम धीरे-धीरे आ रहा है. वहीं लोगों ने अपने गर्म कपड़े भी निकालना शुरू कर दिया है, लेकिन सर्दियों में गर्म कपड़े यानी ऊनी कपड़ों की केयर करना जरूरी होता है. ताकि वह लंबे समय कर हमारे साथ रहे. ऊनी कपड़ों का रखरखाव करना आसान होता है, पर अगर उनकी केयर ठीक से न की जाए तो उनसे बीमारियों का भी खतरा रहता है. इसीलिए आज हम आपको कुछ टिप्स बताएंगे, जिनका इस्तेमाल करके आप अपने कपड़ों का रखरखाव ठीक से कर पाएंगे.

1. वौशिंग मशीन में धोने से बचें

स्वेटर को वौशिंग मशीन में धोने से बचें. वाशिंग मशीन में धोने से स्वेटर जल्दी पुराने हो जाते हैं. ऊनी कपड़ों को नए जैसा रखने के लिए उन्हें एक मुलायम ब्रश से झाड़ते रहें. उन्हें हवा के साथ धूप लगाना भी जरूरी होता है. ताकि उनमें फंगस लगने का खतरा कम रहे.

ये भी पढ़ें- ये हैं निवेश के बैस्ट औप्शन

2. दाग धब्बे छुड़ाने के लिए रगड़ें नहीं

स्वैटर में अक्सर दाग-धब्बे लग  जाते हैं, जिन्हें छुड़ाने के लिए रगड़ने के बजाए तुरंत ड्राई क्लीन कराएं. वहीं अगर धब्बा ज्यादा गहरा नहीं है तो उसे ऊनी कपड़ों के लिए बने डिटर्जेंट से साफ करें. इससे आपके कपड़े जल्दी साफ भी हो जाएंगे और कपड़े नए जैसे लगेंगे.

3. सुखाने का सही तरीका जानना है जरूरी

ऊनी कपड़ों को कभी भी तार पर लटकाकर नहीं सुखाने चाहिए. इससे उनकी शेप और साइज बिगड़ जाती है. इसीलिए कोशिश करें की ऊनी कपड़ों को कपड़े सुखाने वाले रैक में लटकाने की बजाय फैलाकर सुखाएं. इसके अलावा ऊनी कपड़ों की शिकन दूर करने के लिए स्टीम प्रेस का भी आप इस्तेमाल कर सकते हैं.

4. धूप लगाना है जरूरी

सबसे जरूरी बात ऊनी कपड़ों के इस्तेमाल के बाद उसे बिना धूप दिखाए, बक्से में न रखें. क्योंकि इसे फंगस और कीड़े फैलने का खतरा रहता है, जो कि हमें नुकसान पहुंचा सकता है. वहीं कपड़ों को बक्से में रखते समय नेफ्थलीन की गोलियां डालना न भूलें.

ये भी पढ़ें- सफर में कहीं न हो जाए बैगपैक चोरी

वेडिंग लुक में ऐसे दिखें खूबसूरत

वेडिंग सीजन करीब है और इस दौरान लड़कियों को सब से ज्यादा चिंता अपने लुक को ले कर होती है. हर लड़की सब से अलग और बेहतरीन दिखना चाहती है. वेडिंग सीजन में औफिस पार्टी, दोस्तों के साथ पार्टी और फैमिली के साथ पार्टी का सिलसिला लगातार चलता रहता है. ऐसे में खुद को सब से स्पैशल दिखाना तो बनता है. दीवाली के समय तक हलकी ठंड की शुरुआत तो हो ही जाती है और यह सब से अच्छी बात है क्योंकि ऐसे मौसम में मेकअप स्मज नहीं होता और जल्दी सैट भी हो जाता है. चेहरे पर मेकअप का ग्लो भी जल्दी देखने को मिल जाता है. आइए, जानते हैं मेकअप आर्टिस्ट शिवानी भारद्वाज से कैसा हो वेडिंग मेकअप.

वेडिंग सीजन में ब्राइट कलर यानी चटक रंग के कपड़े महिलाएं ज्यादा पहनना पसंद करती हैं, उस के अनुसार मेकअप लाइट हो तो चेहरा ज्यादा खिलाखिला नजर आएगा. मेकअप करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. कई महिलाएं केवल फाउंडेशन का ही इस्तेमाल करती हैं और उन्हें लगता है चेहरे पर ग्लो आ गया. लेकिन, सिर्फ फाउंडेशन के इस्तेमाल से चेहरा बिलकुल फ्लैट दिखने लगता है. इसलिए फीचर्स को शार्प करना बेहद जरूरी है तभी आप की खूबसूरती निखर कर आएगी. फीचर्स को शार्प करने के लिए 3 प्रोडक्ट का इस्तेमाल किया जाता है, ब्लशर, कंटूरिंग और हाईलाइटर. इन प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से चेहरा पहले से ज्यादा अट्रैक्टिव दिखने लगता है.

1. जब चेहरे को निखारना हो

मेकअप करने से पहले चेहरा क्लीन करें. फ्रैश चेहरे पर मेकअप करने से मेकअप आसानी से सैट हो जाता है. इस के बाद चेहरे पर मौइस्चराइजर लगाएं. चेहरे को सौफ्ट एवं फ्लालैस लुक देने के लिए फाउंडेशन से पहले प्राइमर का इस्तेमाल जरूर करें. अब जब आप फाउंडेशन का इस्तेमाल करेंगी तो आप के चेहरे पर एक नैचुरल ग्लो देखने को मिलेगा. फाउंडेशन का इस्तेमाल करने से पहले और करते वक्त एक बात का ध्यान रखना जरूरी है कि यह आप के स्किन कलर से मैच होना चाहिए और फाउंडेशन लगाते वक्त कान और गरदन को कवर जरूर करें. यदि आप के चेहरे पर ज्यादा दागधब्बे हैं तो आप कंसीलर का इस्तेमाल कर सकती हैं. चेहरे को परफैक्ट शेप और फिनिश देने के लिए ब्लशर, हाईलाइटर और कंटूरिंग का इस्तेमाल करना जरूरी होता है.

ये भी पढ़ें- हेयर ऐक्सटैंशन की ऐसे करें केयर

2. चेहरे को दें परफैक्ट शेप

फाउंडेशन लगाने के बाद अकसर चेहरा फ्लैट दिखने लगता है. इसलिए, चेहरे को उभारने के लिए कंटूरिंग जरूरी है. कंटूरिंग से आप चेहरे को जैसा चाहे वैसा लुक दे सकती हैं. यह फेस को पतला दिखाने के साथ फीचर्स को भी हाईलाइट करता है. कंटूरिंग हमेशा कान की शुरुआत और होंठों के कौर्नर तक जो लाइन बनती है उस पर की जाती है. कंटूरिंग के बाद गालों पर ब्लशर लगाएं. चेहरे पर शाइन लाने के लिए हाईलाइटर को अपने चीकबोंस, अपनी आईब्रोज के ऊपर इस्तेमाल करें. हाईलाइटर लगाने से पहले अपनी आईब्रोज को सेट कर लें.

इस से आप का चेहरा तैयार हो जाएगा. इस के बाद बारी आती है आंखों को सजाने की. अगर आप ने आंखों का सही मेकअप किया है तो आप की खूबसूरत आंखों की खूबसूरती और बढ़ जाती है.

3. आई मेकअप हो तो ऐसा

आई मेकअप आप की आंखों पर ज्यादा समय तक टिका रहे इस के लिए सब से पहले आंखों को औयल फ्री करने के लिए हलका प्राइमर लगाना जरूरी होता है. प्राइमर आंखों के ऊपर लगाएं और इसे आईब्रो तक फैलाएं. प्राइमर का इस्तेमाल आई शैडो को खराब होने और उस पर क्रैक पड़ने से बचाता है.

4. पीकौक टच आई मेकअप

आंखों को पीकौक टच लुक देने के लिए सब से पहले ब्राउन आईशैडो लगाएं. उस के बाद पर्ल और ग्रीन कलर के आईशैडो को आपस में मिला कर आईलिड पर लगाएं. शैडो को लगाने की शुरूआत आंखों के बाहरी तरफ वाले कोने से करें और फिर उसे ब्लैंड करते हुए दूसरे कोने तक ले जाएं. ब्लू आई लाइनर और मसकारा से इस लुक को पूरा करें.

5. स्मोकी आई लुक मेकअप

स्मोकी आई लुक देने के लिए आंखों पर पहले डार्क मैट आई शैडो लगाएं. फिर ब्लैक कलर के काजल को आंखों पर ब्लैंड करें. उस के बाद ब्लैक और ब्राउन आईशैडो को एकसाथ मिला कर आईलिड पर लगाएं. अब इस के बाद व्हाइट गोल्ड या कौपर कलर से हाईलाइटिंग करें और ऊपरनीचे की पलकों पर मस्कारा लगाएं.

6. बेबी पिंक आई मेकअप

बेबी पिंक आई मेकअप के लिए आंखों पर मैट गोल्डन आई शैडो का इस्तेमाल करें, फिर गुलाबी पिंक आई शैडो को लगा कर ब्लैंड करें. जब अच्छे से ब्लैंड हो जाए तब हलका व्हाइट पिंक आई शैडो इस के ऊपर लगाएं, अच्छे से ब्लैंड करने के बाद ब्लैक आई लाइनर से लुक को पूरा करें.

ये भी पढ़ें- एक्सपर्ट्स से जानें कैसे करें सर्दी में स्किन की देखभाल 

7. न्यूड आई मेकअप

आज का ट्रैंडी नो मेकअप लुक सभी लड़कियों को बेहद पसंद आता है. न्यूड आई मेकअप के लिए लाइट ब्राउन आईशैडो को आंखों पर लगाएं और अच्छे से ब्लैंड करें. ब्लैंडिंग के बाद मोटा आई लाइनर लगा लें. इस से आप की आंखें बहुत आकर्षक दिखेंगी.

8. होंठों को दे नया रंग

ड्राई लिप्स पर लिपस्टिक की फिनिशिंग सही ढंग से नहीं आ पाती, इसलिए लिपस्टिक लगाने से पहले होंठों पर लिप बाम को जरूर लगाएं. नैचुरल लुक के लिए न्यूड शैड के साथ जाएं या फिर एक ज्यादा बोल्ड लुक के लिए आप बरगंडी, मैरून, रैड, हौट पिंक और डार्क ब्राउन लिपस्टिक शेड को चुन सकती हैं. लिपस्टिक को हमेशा अपनी लिप के सैंटर से स्टार्ट करें और कलर को बाहर की तरफ ब्लैंड करें.

ब्रेकअप के बाद डिप्रैशन से बचें ऐसे

दिल टूटने की आवाज नहीं होती, पर दर्द बेहिसाब होता है. प्यार जैसी भावना में जब विश्वास टूटता है और साथ छूटता है, तो उस दर्द को बरदाश्त करने की ताकत तकरीबन खत्म हो जाती है. और यही वजह है कि प्यार में हारे लोग गहरे अवसाद में चले जाते हैं या जिंदगी से हार कर अपनी जान तक खत्म कर लेते हैं.

करीब 2 साल तक रिलेशनशिप में रहने के बाद मीता का उस के बौयफ्रैंड से ब्रेकअप हो गया. ब्रेकअप के पीछे की वजह जो भी हो, पर अपने बौयफ्रैंड से ब्रेकअप का सदमा मीता  झेल नहीं पाईर् और डिप्रैशन में चली गई. यह सोचसोच कर उस की आंखों से आंसू गिरते रहते थे कि जिसे दिलोजान से प्यार किया उसी ने उस का दिल तोड़ दिया, आखिर क्यों? उसे लगता था जैसे उस के शरीर से उस का एक अंग निकाल लिया गया हो, ऐसा दर्द महसूस होता था उसे. मर जाना चाहती थी वह और शायद मर भी गई होती अगर दोस्त और परिवार का सपोर्ट न मिला होता.

नेहा कक्कड़, काफी समय से अपनी लवलाइफ को ले कर सुर्खियों में हैं. कुछ समय पहले खबर आईर् थी कि नेहा का अपने बौयफ्रैंड हिमांश कोहली से ब्रेकअप हो गया है. ब्रेकअप के बाद से ही नेहा कक्कड़ इतना टूट चुकी थीं कि इंडियन आइडल के सैट पर जोरजोर से रोने लगती थीं. नेहा कक्कड़ ने खुलासा किया था कि वे डिप्रैशन में हैं. इस बात का खुलासा नेहा ने अपने इंस्टाग्राम पर किया था.

हाल ही में विक्की कौशल की पर्सनल लाइफ को ले कर खबरें आई थीं कि उन का अपनी गर्लफ्रैंड हरलीन सेठी से ब्रेकअप हो गया है. दोनों एक साल से रिलेशनशिप में थे. वजह तो अभी नहीं पता, पर पिंकविला की रिपोर्ट की मानें तो विक्की से अलग होने का सदमा हरलीन  झेल नहीं पा रही हैं और वे डिप्रैशन में चली गई हैं. अभी वे ज्यादा से ज्यादा समय अपने परिवार के साथ बिता रही हैं.

ये भी पढ़ें- बौयफ्रैंड बनाएं पेरैंट्स से न छिपाएं

कुछ अध्ययनों से संकेत मिलता है कि रोमांटिक ब्रेकअप के कारण 5 में से एक किशोर अवसादग्रस्त हो जाता है.

कंसल्टैंट साइकोलौजिस्ट डा. राशि आहूजा के अनुसार, आजकल के दौर में रिलेशनशिप बनना और उस का टूटना (खासतौर पर युवाओं में) बेहद आम हो गया है. साथ ही आजकल ब्रेकअप और तलाक आदि की संख्या में भी इजाफा हुआ है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि हम खुद पर थोड़ा ध्यान दें. किसी रिश्ते के टूटने पर हमारे दिल और दिमाग पर गहरा असर पड़ता है. लेकिन जो चीज खत्म हो चुकी है उस बारे में खुद को कोसने और दोष देने से कोई फायदा नहीं है. ब्रेकअप के बाद अकसर लोग बाहर निकलना बंद कर देते हैं और लोगों से मेलजोल भी कम कर देते हैं जिस के कारण वे और अकेले पड़ जाते हैं और डिप्रैशन का शिकार हो जाते हैं.

हर कोई नहीं जानता है कि कैसे ब्रेकअप के दर्द से बाहर निकलें, ब्रेकअप होने के बाद क्या करें और इस कारण व्यक्ति और डिप्रैशन में चला जाता हैं. लेकिन रोमांटिक ब्रेकअप के बाद डिप्रैशन से कैसे उबरें, यह जानते हैं इन टिप्स से.

अपनी भावनाओं को दबाएं नहीं

रोना आप की कमजोरी का संकेत नहीं है, इसलिए आप को कभी भी अपनी भावनाओं को दबाना नहीं चाहिए. भावनाओं को बह जाने दीजिए. इस से आप बेहतर महसूस करेंगे.

प्यार से जुड़ी चीजों को देखना और सोचना बंद कर दें

ब्रेकअप के बाद वही सब प्यार से जुड़ी बातें दिमाग में न चाहते हुए आती रहती हैं. लेकिन इस का अब कोई फायदा नहीं. तो सब से पहले आप उन सब बीती बातों के बारे में सोचना बंद कर दें. क्योंकि आप के सोचने से कुछ बदलने वाला नहीं है. इसलिए उस प्यार से जुड़ी सारी बातें, जैसे एक्स बौयफ्रैंड के दिए गिफ्ट, उस के साथ बिताए वे लमहे, सब भुला दें. वह फेवरेट रैस्तरां, कौफी शौप, जहां आप दोनों अकसर जाते थे, वहां जाने के बजाय एक नई जगह खोजें. जिन गीतों को आप ने एकसाथ सुना, उन्हें सुनने से बचें. जितना हो सके अपने जीवन से उस की उपस्थिति को मिटा दें. और नए सिरे से सोचना शुरू कर दें.

दोस्तों से बातें करें

अधिकांश लोग ब्रेकअप के बाद अकेले रहना पसंद करते हैं. लेकिन जान लें कि सब से ज्यादा सुकून आप को अपने दोस्तों के पास ही मिलता है. ब्रेकअप के बाद अगर आप मानसिक रूप से परेशान हैं, तो दोस्तों से मिलें और उन से बातें करें. ब्रेकअप के बाद जब आप अपने मन की बात दोस्तों से शेयर करेंगे तो आप को मानसिक तौर पर शांति मिलेगी और आप ज्यादा सुकून महसूस करेंगे.

हौबी को बढ़ावा दें

हर इंसान की कोई न कोई हौबी होती है. लेकिन, आप यह बात नहीं जानते होंगे कि दुख में हमारी सोच और गहरी हो जाती है जिस के कारण क्रिएटिविटी और बढ़ जाती है. इसलिए आप अपनी पसंद की हौबी चुनें, जैसे किसी को संगीत सुनना अच्छा लगता है, किसी को डांस, तो किसी को पेंटिंग करना आदि. इस से आप का मन बहलेगा और बेकार की बातों से ध्यान हटेगा. आप चाहें तो अपनी मनपसंद जगह पर घूमने भी जा सकते हैं.

कैरियर को महत्त्व दें

यंग एज में प्यार या ब्रेकअप होने पर लोगों का पढ़ाई से मन उचटने लगता है, मतलब कि वे अपने कैरियर को महत्त्व देना कम कर देते हैं. मगर प्यार के साथ इंसान के लिए कैरियर भी बहुत जरूरी है. इसलिए अगर आप ब्रेकअप के गम से उबरना चाहते हैं, तो अपने कैरियर पर फोकस करें. अपनेआप उस तरफ से, जिस से आप को दर्द हो रहा है, ध्यान हटने लगेगा.

ये भी पढ़ें- अकेले सफर पर जाने से पहले जान लें ये बातें

नए दोस्त बनाएं

नए दोस्त बनाएं, खूब मजेदार वीडियो देखें, गेम खेलें. उन दोस्तों से दूरी बना लें जो आप को पुरानी बातें याद दिला कर दुखी करें. हो सकता है नए दोस्त पुराने गम को दूर कर दें और आप की जिंदगी में फिर से रौनक आ जाए.

परिवार के साथ समय बिताएं

परिवार का साथ हो तो बड़े से बड़ा गम और परेशानियां दूर हो जाती हैं. ब्रेकअप के बाद इंसान पूरी तरह से टूट जाता है, लेकिन परिवार का साथ हो तो बुरा वक्त भी निकल जाता है. इसलिए ब्रेकअप के बाद ज्यादा से ज्यादा समय अपने परिवार के साथ बिताइए.

अपनेआप को व्यस्त रखें

अकेलापन दुख ज्यादा देता है, इसलिए अकेले रहने से बचें. आप जितना खुद को व्यस्त रखेंगे, उतनी जल्दी ब्रेकअप के गम से उबर पाएंगे. ऐसे बहुत से काम होंगे जिन्हें आप रिलेशनशिप में रहने के दौरान टालते जाते होंगे. उन कामों की लिस्ट बनाएं और उन्हें पूरा करें. पुराने और भूल चुके दोस्तों को फोन करें, उन से मिलें, बातें करें, फिल्म देखने जाएं, मनपसंद किताबें पढ़ें. किताबें हमारी सब से अच्छी दोस्त होती हैं. कुछ भी सार्थक करते रहें, ताकि आप के पास खाली समय ही न बचे.

एक्सरसाइज करें

एक्सरसाइज स्ट्रैस को खत्म करने का सब से आसान तरीका है. इस से आप के मन को शांति मिलेगी और पौजिटिव सोच भी आएगी और आप ब्रेकअप की यादों से बाहर आ सकेंगे.

लक्ष्य बनाएं

जिंदगी न मिलेगी दोबारा, यह सच है. लेकिन सच्चा प्यार फिर नहीं मिल सकता, यह सच नहीं है. इस एक रिश्ते के खत्म हो जाने से जिंदगी खत्म नहीं हो जाती. जो बीत गया सो बीत गया. आप कभी भी यह मत सोचिए कि आप की लाइफ बरबाद हो गई. सोचिए, हो सकता है लाइफ बर्बाद होने से बच गई. आप को एक नया मौका मिला है अपनी लाइफ खुल कर जीने का. तो खोलिए अपने पंख और उड़ान भरिए जी भर कर किसी की परवा किए बगैर. जीवन में आगे बढ़ने के लिए कोई लक्ष्य बनाइए और उसे हासिल करने की ठान लीजिए. इंसान के वश में सबकुछ है, बस, सोच होनी चाहिए.

ये भी पढ़ें- मस्ती भरा हो अकेला सफर

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें