6 टिप्स: मौनसून में रखें घर का खास ख्याल

मौनसून आते ही मौसम सुहाना तो हो जाता है, लेकिन इसकी शुरुआत के साथ ही कुछ ऐसी चीजें भी हैं जिनका ख्याल रखना जरुरी है. इसलिए बारिश के लिए खुद को तैयार करने के साथ-साथ घर को भी तैयार रखना जरूरी है. मौनसून में लकड़ी के फर्नीचर, दरवाजे और खिड़कियों का ख्याल रखने की ज्यादा जरूरत होती है क्योंकि बारिश के कारण नमी होती है और नमी लकड़ी में सीलन लगने का खतरा होता है. इसके साथ भी घर से जुड़ी और भी प्रौब्लम्स हैं, जिन्हें आज हम मौनसून से निपटने के लिए आपको बताएंगे, ताकि आप तैयार रह सकें.

1. फर्नीचर की करें खास देखभाल

मौसम की नमी लकड़ी की गुणवत्ता और शेप पर बहुत बुरा असर डालती है. इसमें फंगस जमा हो सकती है. इस मौसम में हल्के गीले कपड़े की बजाय साफनरम और सूखे कपड़े से फर्नीचर साफ करें. लेमिनेटेड फर्नीचर जैसे स्टडी डेस्क, अलमारी, शटर या डोर को साफ करने के लिए साबुन और पानी का इस्तेमाल करें. इस बात का खास खयाल रखें कि अलमारी में रखने से पहले कपड़े पूरी तरह से सूख चुके हों. अलमारी में थोड़ी-बहुत सूखी नीम की पत्तियां भी डाल दें.

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2. कारपेट्स और रग्स रखें साफ

मौनसून कारपेट्स और रग्स पर बहुत ही बुरा असर डालता है. बारिश में खिड़कियां खुली न रखें, उनसे नमी अंदर आकर कारपेट्स में समा जाएगी. नम कारपेट्स फंगस का बहुत बड़ा घर होते हैं. इसी तरह से कारपेट पर गीले फुटवियर ले जाने से भी बचें. बेहतर होगा कि पंखा चलाए रखें. कारपेट्स को नियमित रूप से वैक्यूम क्लीन करती रहें. वैसे अच्छा यही होगा कि इस मौसम में भारी कारपेट्स उठा कर रख दें. आप इकोफ्रेंडली कारपेट्स भी इस्तेमाल कर सकती हैं. इनकी ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती.

3. सीलन आने से रोकें

बारिश के दिनों में अक्सर दीवारों और छतों पर सीलन आ जाती है. अगर दीवार या छत पर हल्की सी भी दरार है, खिड़कियां सही नहीं हैं तो घर की दीवारें बुरी तरह से प्रभावित होती हैं. इससे पेंट भी पपड़ी के रूप में उतर सकता है. इन दिनों जो पेंट्स लगाए जाते हैं, वे भी नमी को आसानी से पकड़ लेते हैं और फिर पपड़ी के रूप में उतर जाते हैं. आरसीसी की छत में भी पानी घुस सकता है. इसलिए बारिश आने से पहले ही पूरे घर की दीवारों को चेक करें और सारे पाइपों और नालियों की सफाई करवा लें.

4. सोफों की करें सफाई

बारिश के मौसम सोफों को वैक्यूम क्लीन करना न भूलें. वैक्यूमिंग करते समय क्लीनर को गर्म हवा वाले मोड पर रखें. सोफे के कोनों में नेफ्थलीन की गोलियां डाल दें.

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5. किचन भी करें साफ

किचन के सारे केबिनेट्स को खाली करके अच्छी तरह साफ करें. खाना खुला न छोड़ें. फ्रिज को भी अच्छी तरह साफ करके देख लें, जो खाद्य सामग्री पुरानी हो गई है, उसे फेंक दें. पेड़पौधों की कटाई करें. बारिश में पेड़-पौधे जल्दी बढ़ते हैं, इसलिए इन्हें ट्रिम कर दें.

6. इलेक्ट्रौनिक सामानों का भी रखें खास ख्याल

बारिश की नमी से सबसे का असर इलेक्ट्रौनिक सामानों पर भी पड़ता है इसलिए कोशिश करें की इलेक्ट्रिकल गैजेट्स को लेकर खास सावधानी बरतें. उन्हें सिलिकौन पाउच में रखें ताकि सीलन से बच सकें.

इस एक्ट्रेस की पोस्ट के बाद इंस्टाग्राम ने लौन्च किया एंटी-बुलिंग फीचर

बौलीवुड में फिल्म स्टूडेंट औफ द ईयर से डेब्यू करने वाली एक्ट्रेस अनन्या पांडेय लोगों को इंस्पायर कर रही हैं. हाल ही में इंस्टाग्राम ने एंटी-बुलिंग फीचर लौन्च किया है, जिसका आइडिया अनन्या ने ‘सोशल मीडिया डे’ के मौके पर अपने इंस्टाग्राम एकाउंट से एक पोस्ट डालकर दिया था. आइए आपको दिखाते हैं अनन्या के पोस्ट की कहानी…

 सो पौजिटिवका फोटो किया था शेयर

सोशल मीडिया प्लेटफौर्म पर बुलिंग के खिलाफ लड़ने के लिए कदम उठाते हुए अनन्या ने ‘सो पौजिटिव’ का फोटो पोस्ट करते हुए लिखा था, ‘सोशल मीडिया डे के मौके पर हम सभी ‘सो पौजिटिव’ हो जाते हैं.’ अनन्या की इस पोस्ट पर फैन्स ने भी उनका समर्थन किया था. अनन्या पांडे द्वारा शुरू की गई डी.आर.एस पहल ‘सो पौजिटिव’ निश्चित रूप से सही दिशा में अपने कदम बढ़ा रही है. अब एक्ट्रेस अनन्या पांडेय को बुलिंग के खिलाफ आवाज उठाने के लिए देशभर से सराहना मिल रही है. अनन्या पांडेय के इस विचार का समर्थन करते हुए सबसे बड़े मीडिया प्लेटफौर्म ने भी इनका समर्थन किया है.

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इंस्टाग्राम ने किया नया फीचर लौंच

 

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So now that it’s established that I cannot sit on a chair normally – here’s another one ??

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इंस्टाग्राम ने अपने प्लेटफौर्म पर औनलाइन बुलिंग के मामलों को रिपोर्ट करने के लिए एक नया फीचर लौन्च किया है. हाल ही में इंस्टाग्राम के आधिकारिक हैंडल ने एंटी-बुलिंग के लिए नए फीचर की घोषणा करते हुए कहा,’हम जानते हैं कि बुलिंग एक ऐसा चैलेंज है, जिससे हर कोई सामना करता हैं, खासकर युवा पीढ़ी. हम औनलाइन बुलिंग के खिलाफ लड़ाई में इंडस्ट्री का नेतृत्व करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, और हम उस कमिटमेंट को पूरा करने के लिए इंस्टाग्राम के पूरे अनुभव पर पुनर्विचार कर रहे हैं. हम इंस्टाग्राम पर बुलिंग को रोकने के लिए कदम उठा सकते हैं, और हम खुद के लिए स्टेंड लेते हुए बुलिंग के टारगेट्स को सशक्त बनाने के लिए भी बहुत कुछ कर सकते हैं. आज हम दोनों क्षेत्रों में एक नए फीचर की घोषणा कर रहे हैं.’

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बता दें, बौलीवुड एक्ट्रेस अनन्या पांडेय इन दिनों अपनी अपकमिंग फिल्म ‘पति पत्नी और वो’ के लिए वजन बढ़ा रही हैं, जिसमें वो कार्तिक आर्यन और भूमि पेडनेकर के साथ लीड रोल निभाते नजर आएंगी. अनन्या की ये मूवी इस साल 6 दिसंबर को रिलीज होगी.

कंगना रनौत विवाद को राजनीतिक रंग दे रही हैं बहन रंगोली

कंगना रनौत और विवादो का चोली दामन का साथ हो गया है. वह अक्सर विवादों में रहती हैं. दूसरी तरफ उनकी बहन रंगोली चंदेल हर किसी को बुरा-भला कहती रहती है. हाल ही में फिल्म ‘‘जजमेंटल है क्या’’ के गाने के प्रमोशन के मौके पर कंगना रनौत ने एक पत्रकार से पंगा लेकर एक नए विवाद को जन्म दे दिया.

सात जुलाई, रविवार को मुंबई में एकता कपूर निर्मित फिल्म ‘‘जजमेंटल है क्या’’ के एक गाने के लौंच के मौके पर कंगना रनौत और पीटीआई के पत्रकार जस्टिन राव के संग चली तीखी बहस के बाद धीरे-धीरे कलाकार व पत्रकार के बीच संबंधों में कड़ुवाहट खुलती जा रही हैं. इसमें कंगना के साथ-साथ उनकी बहन रंगोली चंदेल का भी अहम योगदान है. अफसोस की बात यह है कि रंगोली चंदेल इस प्रकरण को पूरी तरह से राजनीतिक रंग देने में भी लगी हुई हैं.

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क्या हुआ था…

सात जुलाई को फिल्म ‘‘जजमेटल है क्या’’ के एक गाने की लौंचिंग थी, जहां फिल्म की निर्माता एकता कपूर, कंगना रनौत, राज कुमार राव के अलावा फिल्म की लेखक, निर्देशक के साथ ही प्रिंट मीडिया और टीवी चैनल के पत्रकार मौजूद थे.

जैसे ही पीटीआई के पत्रकार जस्टिन राव सवाल पूछने के लिए खड़े होकर अपना नाम बताया, तो उनका नाम सुनते ही कंगना ने उससे कहा कि उसने ‘मणिकर्णिका’ के समय उनके और उनकी फिल्म ‘‘मणिकर्णिका’’ के बारे में बहुत बुरा लिखा था. आखिर वह इतना बुरा कैसे सोच लेता है. कंगना के इस आरोप को पत्रकार जस्टिन ने सिरे से खारिज कर दिया. उसके बाद कंगना और पत्रकार के बीच साढ़े छह मिनट तक तूतूमैमैं चलती रही. किसी तरह एकता कपूर ने मामले को शांत किया और मसला वही खत्म हो गया.

रंगोली ने खोला पत्रकार के खिलाफ मोर्चाः

लेकिन उसके बाद कंगना की बहन रंगोली चंदेल ने इस विवाद की आग में घी डालते हुए अपने ट्विटर हैंडल से जस्टिन राव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. रंगोली ने पत्रकार को झूठा साबित करते हुए जस्टिन के कुछ पुराने ट्वीट भी पोस्ट किए और बहुत कुछ अनर्गल बातें लिख दी. सोमवार को रंगोली चंदेल ट्विटर पर पत्रकारों के खिलाफ लगी रही. दिन भर ट्विटर पर कंगना, रंगोली और पत्रकार के पक्ष और विपक्ष में हंगामा होता रहा.

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इंटरटेनमेंट जर्नलिस्ट गिल्ड ने लिया कंगना के बौयकाट फैसलाः

मंगलवार, नौ जुलाई की दोपहर तक सभी पत्रकार एकजुट हो गए और फिर ‘इंटरटेनमेंट जर्नलिस्ट गिल’’ ने एक जुट होकर कंगना का बायकौट करने और उनसे माफी की मांग कर दी.

रंगोली ने ट्वीटर पर पत्रकारों को कहा देशद्रोही

इसके बाद रंगोली ने अपने ट्विटर हैंडल से सारे पत्रकारों को गालियां देते हुए लिखा कि कंगना कभी माफी नही मांगेगी. रंगोली ने अपने ट्वीट में लिखा- ‘‘एक बात का मैं वादा करती हूं कि कंगना से अपोलौजी तो नहीं मिलेगी इन बिकाऊ, नंगे, देशद्रोही, देश के दलाल, लिबरेटेड, मीडियावालों को. मगर वो तुमको धो-धो कर सीधा जरूर करेगी…जस्ट वेट एंड वौच..तुमने गलत इंसान से माफी मांगने के लिए कहा है.’’

रंगोली कर रही है राजनीतिक रंग देने की कोशिश

इसके बाद इस ट्वीटर पर कुछ दर्शकों ने अपनी प्रतिक्रिया दी. जिसके जवाब में रंगोली ने ट्वीट किया कि कंगना बीजेपी ओर मोदी की समर्थक है, इसलिए लोग उनकी जान के दुश्मन बने हुए हैं. रंगोली ने अपने ट्वीट में यह लिखा कि मोदी को सपोर्ट करने के बाद लिबरल्स कंगना की जान के दुश्मन बन गए हैं. उन्होंने आगे लिखा कि यही जस्टिन राव ब्लश करता हुआ कंगना के आगे पीछे घूमता था. गौरतलब है कि जस्टिन वही पत्रकार हैं ,जिनसे रविवार को प्रेस कौफ्रेंस बहस हो गई थी.

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रंगोली ने एक और ट्वीट पर लिखा कि अब वह दुश्मन बन गया है. उन्होंने लिखा कि कैसे वह मणिकर्णिका जैसे राष्ट्रीय नायक का मजाक उड़ा सकता है. उन्होंने आगे लिखा कि सरकार को उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही करनी चाहिए.

रंगोली के इस ट्वीट पर जहां कइयों ने उन्हें समर्थन दिया. तो कई लोगों ने उनसे कंगना द्वारा पत्रकार पर लगाए गए इल्जामों का भी सबूत मांगा है.

एकता कपूर से मुलाकातः

इधर ट्वीटर पर दिन भर युद्ध चलता रहा. तो उधर ‘‘इंटरटेनमेंट जर्नलिस्ट गिल’’के प्रतिनिधि मंडल ने फिल्म ‘‘जजमेंटल है क्या’’ की निर्माता से मंगलवार 9 जुलाई की शाम सात बजे उनके आफिस में मुलाकात कर उन्हें एक पत्र थमाया और एकता कपूर को बता दिया कि वह कंगना रानौट का बायकौट कर रहे हैं, लेकिन इससे उनकी फिल्म पर कोई असर नहीं होगा.

प्रतिनिधिमंडल ने एकता को लिखे पत्र में कहा, ‘हमने एक गिल्ड के रूप में मिल जुलकर कंगना का बहिष्कार करने और उन्हें मीडिया कवरेज नही देने का फैसला किया है. प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि इस बहिष्कार का फिल्म और उसकी बाकी टीम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. पत्रकारों ने एकता से कहा कि जब तक कंगना रविवार की घटना के लिए माफी नही मांग लेती, तब तक वह भविष्य के उनके कार्यक्रमों का बहिष्कार करते रहेंगे.

एकता कपूर के साथ बैठक में मौजूद रहे पत्रकारों ने कहा कि ‘इंटरटेनमेंट जर्नलिस्ट गिल्ड’ के सदस्यों ने एकता कपूर और कंगना से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने के लिए कहा है. पत्रकारों ने कहा कि कंगना की आगामी फिल्म ‘जजमेंटल है क्या’की निर्माता एकता ने माफीनामा जारी करने पर सहमति जताई और रविवार की घटना को लेकर खेद प्रकट किया.

विवाद की असली जड़ः

इस विवाद की जड़ें मार्च में पत्रकार द्वारा किए गए उस ट्वीट से जुड़ी हुई हैं, जिसमें उसने कंगना की फिल्म ‘मणिकर्णिकाः द क्वीन औफ झांसी’ की पाकिस्तान में रिलीज पर सवाल उठाया था. पत्रकार जस्टिन ने उस वक्त अपने ट्वीट में लिखा था- उरी और पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के एक इवेंट में जाने की वजह से कंगना ने शबाना आजमी और दूसरे सेलेब्स पर भड़की थी. मैंने उनसे पूछा था कि फिर उसी उसी हमले के बाद उन्होंने अपनी फिल्म ‘मर्णिकर्णिका’ पाकिस्तान में रिलीज कैसे की, इस पर उनका रिएक्शन देखिए और जस्टिन राव ने वह वीडियो पोस्ट कर दिया था.

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एकता कपूर की कंपनी ‘‘बालाजी टेलीफिल्मसका आधिकारिक बयानः

बहरहाल, बुधवार सुबह साढ़े ग्यारह बजे ‘‘बालाजी टेलीफिल्मस’’ की तरफ से कुछ पत्रकारों के पास व्हाटअप्स पर आधिकारिक बयान आ गया. “7 जुलाई 2019 को फिल्म के गीत लांच इवेंट में हमारी फिल्म ‘जजमेंटल हैं क्या’ के अभिनेता और पत्रकार जस्टिन राव के बीच हुई बहस के बारे में बहुत कुछ बताया जा रहा है. दुर्भाग्य से इस घटना ने एक अप्रिय मोड़ ले लिया. जबकि इसमें शामिल लोगों ने निष्पक्ष रूप से अपने दृष्टिकोण रखे. लेकिन क्योंकि यह हमारी फिल्म के इवेंट पर हुआ था, इसलिए हम निर्माता के रूप में इस अप्रिय घटना के लिए क्षमा चाहते हैं और खेद व्यक्त करना चाहते हैं.

हम यह सुनिश्चित करना चाहेंगे कि हमारा इरादा किसी की भावनाओं का अपमान या चोट पहुंचाना नहीं था. हमारी फिल्म ‘जजमेंटल है क्या’26 जुलाई 2019 को रिलीज हो रही है और हम मीडिया से आग्रह करते हैं कि इस घटना को फिल्म बनाने के पीछे गई टीम के प्रयास से बाधा न बनने दें.”

क्या कंगना रानौट भारत में कौन्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल की परिपाटी शुरू करना चाहती हैं?

कंगना व रंगोली के रवैऐ से इस बात का अहसास हो रहा है कि वह अब भारत में भी ‘‘कौन्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल’ की परिपाटी लागू करना चाहती हैं. ‘‘कौन्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल’’ में पत्रकार किसी की आलोचना नहीं कर सकता. किसी से भी प्रेस कौफ्रेंस में उसके खिलाफ सवाल नहीं कर सकता. ऐसा करने पर फिल्म फेस्टिवल के आयोजक उस पत्रकार का बौयकाट कर देते है. फिर पत्रकार किसी भी प्रेस कौफ्रेंस में या फिल्म के शो में घुस नहीं सकता.

एडिट बाय- निशा राय

‘ये रिश्ता’ के ‘कायरव’ को लेकर मां ने तोड़ी चुप्पी, किया ये खुलासा

स्टार प्लस के पौपुलर सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ मे इन दिनों नए-नए चेंज देखने को मिल रहे है. जिसमें सीरियल के ट्रेक से लेकर कैरेक्ट भी शामिल है. हाल ही में कार्तिक-नायरा के बेटे कायरव (शौर्य शाह) का शो में नया ट्रैक लाया गया था, लेकिन कुछ दिन बाद ही ‘कायरव’ का रोल निभाने वाले शौर्य शाह को अचानक रिप्लेस कर दिया. अब सोशल मीडिया पर लगातार वापसी के मांग कर रहे फैंस के लिए शौर्य शाह ने रिप्लेस करने की वजह बताते हुए चुप्पी तोड़ दी है. आइए आपको बताते हैं पूरा मामला…

8-10 घंटे लगातार शूटिंग नही कर सकते शौर्य

 

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शौर्य की मां ने कहा है कि शौर्य की तबीयत ठीक नहीं है, जिसके कारण वह 8 से10 घंटे की लगातार शूटिंग करने की इजाजत नहीं दे सकती हैं. साथ ही यह भी कहा कि ”यहां पर कई तरह की खबरें चल रही हैं लेकिन सच यह है कि शौर्य को वायरल फीवर हुआ है. बीते पांच दिनों से वह शूट पर भी नहीं जा पा रहा है. यहां तक कि उसने आज का स्कूल भी अटेंड नहीं किया है. मेरे पास उसके सभी मेडिकल सर्टिफिकेट भी हैं. इसलिए प्रोड्क्शन हाउस को तुरंत उसे रिप्लेस करना पड़ा.”

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ये थी रिप्लेस करने का फैसला

 

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शौर्य की मां ने कहा कि प्रोड्क्शन हाउस की ओर से शूटिंग के लिए कौल आया था. उन्होंने कहा, ”हां, बेशक उन्होंने शौर्य को एक दिन के शूट के लिए बुलाया था, लेकिन हमने कहा कि वह आने की स्थिति में नहीं है. हालांकि बातचीत के बाद हम शूट के लिए गए, लेकिन वह दो घंटे से ज्यादा शूट नहीं कर सका. जिसके बाद हमें वापस आना पड़ा. जबकि उसके 8-10 घंटे शूट करने की जरूरत थी, जोकि संभव ही नहीं था. इसलिए उन्होंने रिप्लेस करने का फैसला लिया. उनके पास शौर्य के साथ कोई भी बैंक एपिसोड भी नहीं थे, इसलिए उनके पास इंतजार करने का समय नहीं था.”

 

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Thank u all my well wishers.I luv u all??

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बता दें, ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में कायरव के कैरेक्टर से लोगों के दिल में जगह बनाने वाले शौर्य शाह ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से शो से नाता तोड़ने पर एक नोट लिखा था. हालांकि बाद में उसे डिलीट कर दिया गया था.

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बागपत के बागी

18मई, 2019 को शाम के करीब 5 बजे वर्षा तोमर (इंटरनैशनल मैडलिस्ट शूटर) की व्हाट्सऐप कौल जब मेरे पास आई तो मुझे लगा कि वे मऊ से वापस फरीदाबाद आ गई हैं और हालचाल जानने के लिए बात करना चाहती होंगी. लेकिन आपसी बातचीत में उन्होंने बताया कि अहमद बिलाल ने उन पर एक शौर्ट डौक्यूमैंटरी मूवी ‘बागपत के बागी’ बनाई है, जिस की एक स्पैशल स्क्रीनिंग उन के घर पर रविवार 19 मई को रात 9 बजे होगी. उन्होंने मुझे भी परिवार के साथ आमंत्रित किया.

मैं रविवार को तय समय से पहले उन के घर पहुंच गया. उन की हाउसिंग सोसाइटी के कम्युनिटी हौल में फिल्म दिखाने का पूरा इंतजाम किया गया था. उन के बहुत से दोस्त, रिश्तेदार और पड़ोसी भी वहां जमा थे. कुल मिला कर एक उत्सव का सा माहौल था. प्रोजैक्टर लगा, अंधेरा हुआ और ‘बागपत के बागी’ अपनी बगावत पर उतर आए. करीब आधे घंटे की इस शौर्ट मूवी में दिखाया गया है कि उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के गांव जोहड़ी में खोली गई एक निजी शूटिंग रेंज में किस तरह बच्चों को शूटिंग यानी निशानेबाजी की ट्रेनिंग दी जाती है. इतना ही नहीं, कैसे वहां की लड़़कियों ने समाज और परिवार के उलाहनों की परवाह किए बिना वहां इस खेल को सीखा और देशविदेश में नाम कमाया.

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इस शौर्ट मूवी की 2 अहम पात्र थीं- वर्षा प्रताप तोमर और डौली जाटव. वर्षा तोमर ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि जब वे इस खेल से जुड़ी थीं तब किस तरह उन की जानपहचान के लोग ही ताने देदे कर उन की राह में रोड़े अटकाते थे कि लड़की हो कर लड़कों के खेल में जाएगी, बाहर लड़कों में रह कर बिगड़ जाएगी, पिस्तौल चला कर कौन सा तीर मार लेगी. और भी न जाने क्याक्या…

नहीं हारी हिम्मत

मगर वर्षा तोमर ने हिम्मत नहीं हारी. अपने पिता की सपोर्ट से उन्होंने इस खेल को न सिर्फ सीखा, बल्कि देशविदेश में कई मैडल जीत कर देश और अपने गांव का नाम भी रोशन किया. आज वे सेना में नौकरी करती हैं और अपने खेल को और बेहतर बनाने के लिए ट्रेनिंग भी ले रही हैं. चूंकि वर्षा तोमर को इस खेल से जुड़े हुए कई साल हो गए हैं और गांव जोहड़ी की वह शूटिंग रेंज भी अब खूब चर्चा में रहती है, इस के बावजूद वहां प्रैक्टिस करने वाली एक बालिका डौली जाटव को कोई खास फायदा हुआ है, ऐसा लगता नहीं है. एक गरीब मजदूर मांबाप की लाडली डौली का दलित होना उस की सब से बड़ी कमी है, पैसा तो खैर उन के पास है ही नहीं. इस के बावजूद पिता चाहते हैं कि इतनी कम उम्र में इतने सारे मैडल जीतने वाली उन की बेटी को ट्रेनिंग की लिए अच्छी क्वालिटी की पिस्टल मिल जाए, पर तमाम कोशिशों और नेताओं से फरियाद करने के बाद ऐसा हो नहीं पा रहा है. फिल्म के एक सीन में दिखाया गया है कि पिस्टल का वजन झेलने के लिए डौली जाटव एक पतली रस्सी पर ईंट बांध कर उस से प्रैक्टिस करती है. वह कदकाठी में बेहद दुबलीपतली है और भोजन के नाम पर उसे रूखासूखा ही मिलता है. जातिवाद का दंश उसे अलग से परेशान करता है.

दोहरी जिम्मेदारी

वर्षा तो मेरे एक और सामाजिक दीवार के बारे में बताती हैं कि अगर किसी महिला खिलाड़ी की शादी के बाद अगर उसकी ससुराल वाले उसे मन से सपोर्ट नहीं करते हैं, तो उस खिलाड़ी का तनाव और ज्यादा बढ़ जाता है. चूंकि वह सारा दिन घर से बाहर रह कर नौकरी और अपनी प्रैक्टिस करती है, तो उसे इस बात की बहुत कम ही छूट मिलती है कि घर लौटने की बाद वह रिलैक्स महसूस करे. घर के काम निबटाना भी उस की ड्यूटी का हिस्सा बन जाता है. दूसरी तरफ इन सब बातों से अनजान डौली जाटव, जो वर्षा तोमर को अपना आदर्श मानती है, को उम्मीद है कि एक दिन वह भी अपने शूटिंग स्किल से लोगों को अचंभित करेगी. उम्मीद करते हैं कि ऐसा ही हो, लेकिन फिलहाल तो ये दोनों शूटर अपनेअपने दायरों में बागी ही नजर आती हैं, जो सामाजिक बंदिशों पर अपने आक्रोश का बारूद उगल रही है.

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सीसीटीवी और प्राइवेसी  

युवाओं को प्राइवेसी की बहुत जरूरत होती है, लेकिन आधे से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे व बायोमीट्रिक सिस्टम युवाओं की प्राइवेसी को खत्म कर रहे हैं. भोपाल के एक होस्टल ने सुरक्षा के नाम पर सीसीटीवी लगाने शुरू किए हैं. जाहिर है कि वहां कौन कब आ रहा है, किस के साथ आ रहा है, यह अब पकड़ में रहेगा. कहने को चाहे यह अच्छा लगे कि सब सुरक्षित हैं पर यह इलैक्ट्रौनिक जेल है.

युवाओं को बहुत से काम गुपचुप करने होते ही हैं चाहे पढ़ाई का मामला हो, प्रेम का हो या पार्टियों का. युवाओं को नए प्रयोग करने की छूट होनी चाहिए, हुड़दंग मचाने की छूट होनी चाहिए. युवाओं पर रैजिमैंटेड रिजीम थोप कर आप उन से कुछ नया करने की उम्मीद नहीं कर सकते. हमेशा से युवा शैतानी भी करते रहे हैं और नएनए प्रयोग भी.

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स्कूलों, कालेजों में छात्रों को अनुशासन में रखने के नाम पर आजकल क्लासरूमों में, कौरीडोरों, खेल के मैदानों व चारदीवारी पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो पलपल को रिकौर्ड कर रहे हैं. इस से चाहे अपराध कम हो रहे हों पर युवाओं की आजादी भी कम हो रही है. वैसे ही, सैल्फी और वीडियो आजकल फटाफट बनाए जाने लगे हैं और कब वे वायरल कर दिए जाएं पता नहीं. सो, अपराधी प्रवृत्ति के लोग सीसीटीवी की फुटेज खंगाल कर उस की रिकौर्डिंग को बेचने का धंधा भी कर सकते हैं.

जब हर तरफ कोनोंकोनों पर सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे तो हर कदम किसी न किसी कैमरे में कैद हो जाएगा और युवाओं को गुपचुप प्यार करने का एक भी मौका न मिलेगा. आज की तकनीक, असल में, अब आम आदमी पर भारी पड़ने लगी है. आप का मोबाइल हर समय औन रहता है और स्क्रीन बंद हो तो भी रिकौर्डिंग चालू रहती है.

आप की हर हरकत आज विशाल डेटा सैंटरों में बंद हो रही है. सीसीटीवी अगर सिमकार्ड से जुड़े हैं तो वह फुटेज न जाने कहां जमा हो रही है. फेस रिकौग्नीशन टैक्निक और आर्टिफिशियल इंटैलिजैंस के सहारे आप का भूत और वर्तमान एक जगह जमा किया जा सकता है.

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रमा और रमेश का प्रेमप्रसंग कैसे परवान चढ़ रहा है, यह एकसाथ जमा करना अब कंप्यूटरों के लिए मुश्किल नहीं है. युवाओं को अब इस ओवर प्रोटैक्शन का विरोध करना चाहिए. टैक्निक के दीवानों को समझना चाहिए कि मोबाइल और सीसीटीवी के तारबेतार न जाने कहांकहां से जुड़े हैं और वे खुद अपनेआप को इलैक्ट्रौनिक जंजीरों से बांध रहे हैं. इस से आजादी पाना एक बड़ा मुद्दा है इस का मुकाबला करना जरूरी है.

5 टिप्स: 30 के बाद ऐसे पाएं ब्यूटीफुल स्किन

उम्र के हर पड़ाव पर हर महिला की इच्छा होती है कि उस की स्किन अच्छी हो. वह कहीं भी जाए बस सब की नजरें उस पर ही हों. मगर धूप, धूल, प्रदूषण आदि से स्किन की खूबसूरती खो जाती है. ऐसे में उस की सही देखभाल बहुत जरूरी है. स्किन को झुर्रियों, पिगमैंटेशन, ऐज स्पौर्ट्स आदि से बचाना भी जरूरी है. इस बारे में ‘क्यूटिस स्किन स्टूडियो’ की स्किन स्पैशलिस्ट डा. अप्रतिम गोयल कहती हैं कि स्किन को सुंदर बनाए रखने के लिए सही डाइट व लाइफस्टाइल, हारमोन लैवल, स्ट्रैस लैवल आदि सभी किसी न किसी रूप में मददगार होते हैं. इसलिए स्किन की उम्र को बढ़ने से रोकने के लिए सही मात्रा में संतुलित भोजन लेने, अधिक मात्रा में पानी पीने, नियमित व्यायाम करने, तनाव कम करने, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने आदि की जरूरत होती है. साथ ही गुड स्किन केयर रिजीम और स्किन ट्रीटमैंट भी जरूरत के अनुसार करवाते रहना चाहिए. अगर एंटीएजिंग ट्रीटमैंट कराना पड़े, तो अनुभवी डाक्टर के पास ही जाएं ताकि आप को स्किन में आप की चाह अनुसार सकारात्मक परिवर्तन, ग्लोइंग स्किन मिले. आज के आधुनिक ट्रीटमैंट्स से अधिकतर महिलाएं या पुरुष मनचाहा रूप पाने में समर्थ हो रहे हैं. स्किन को सुंदर बनाए रखने के लिए इन बातों पर ध्यान दें:

1. सूर्य की किरणों से स्किन को करें प्रौटेक्ट

आप वर्किंग हों या हाउसवाइफ सूर्य की किरणों से अपनी स्किन को हमेशा प्रोटैक्ट करें, क्योंकि इन से स्किन खराब होने लगती है, जिस से जल्दी झुर्रियां पड़ने लगती हैं. इस के लिए सनस्क्रीन एसपीएफ 25 का प्रयोग करें. अगर आप मेकअप करती हैं तो सनस्क्रीन लगाने के बाद मेकअप करें. इस के अलावा धूप से बचने के लिए स्कार्फ या दुपट्टे का प्रयोग करें.

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2. हारमोन स्पैशलिस्ट से करवाएं जांच

पौलिसिस्टिक ओवेरियन डिजीज अधिकतर मिडल ऐज की महिलाओं को अपना शिकार बनाती है. इस से हारमोन का संतुलन बिगड़ जाता है, जिस से अनियमित माहवारी, चेहरे पर बालों का उगना, एक्ने होना, वजन बढ़ना जैसी परेशानियां हो जाती हैं, ऐसे में हारमोन स्पैशलिस्ट से अपनी जांच करवाएं. अगर चेहरे पर बाल उगने लगें तो लेजर से रिमूव करना सब से अच्छा औप्शन है.

 3. विटामिंस और मिनरल्स की कमी से बचना है जरूरी

विटामिंस और मिनरल्स की कमी से भी स्किन बेजान सी हो जाती है. अत: ऐसा होने पर डौक्टर की सलाह पर दवा लें. स्किन पर पतली रेखाएं होने का कारण आप की स्किन का ड्राई होना है. ऐसे में मौइश्चराइजर का प्रयोग उन्हें कम करने में सहायक होता है.

4. एंटीएजिंग क्रीम लगाने के लिए डौक्टर से लें सलाह

एंटीएजिंग क्रीम लगाने का सही समय तय करने के लिए डाक्टर की सलाह लेनी जरूरी है, क्योंकि स्किन के अनुसार ही ऐंटीएजिंग क्रीम लगानी चाहिए. कुछ क्रीमें चेहरे की पतली रेखाओं को मिटाने में सहायक होती हैं, जबकि कुछ स्किन को मौइश्चराइज करने के साथसाथ उस में खोए पोषक तत्त्वों को वापस लाने में भी समर्थ होती हैं. कुछ प्राकृतिक चीजें भी स्किन को सुंदर बनाए रखने के लिए कारगर होती हैं. मसलन, खीरे, पपीते आदि को घिस कर लगाने से स्किन पर थिन लाइंस होने से बचाया जा सकता है.

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5. सही फेशियल टिप्स है जरूरी

स्किन को फेशियल करना या साफ रखना बहुत जरूरी है. 30 की उम्र पार करते ही अगर स्किन औयली है और मुंहासे होते हैं, तो फेशियल कभी न करें. सिर्फ स्किन को साफ रखने की कोशिश करें. इस के लिए पानी और तरल पदार्थों का प्रयोग ज्यादा करें. अगर स्किन ड्राई या नौर्मल है, तो महीने में 1 बार फेशियल और 3 महीने में 1 बार स्किन पौलिशिंग करवाएं.

मौनसून में ट्राय करें ये टेस्टी मैकरौनी

आजकल के बिजी लाइफस्टाइल में अक्सर हम पास्ता खाते हैं. पास्ता अलग-अलग तरह के होते हैं, जिनमें मैकरौनी भी आता है. मैकरौनी सूजी की बनी होती है, इसलिए यह हेल्दी भी होती है. आज हम टेस्टी और हेल्दी मैकरौनी की रेसिपी बताएंगे, जिसे आप स्नैक्स या फिर ब्रेकफास्ट में बनाकर खा सकते हैं.

हमें चाहिए

मेकरोनी  – 1 कप

शिमला मिर्च – 1

बंदगोभी –  आधा कप बारीक कटे हुये

टमाटर – 2

गाजर – 1- 2

हरी मिर्च – 1 (बारीक कटी हुई)

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टमैटो सौस – 3-4 टेबल स्पून

तेल – 2 टेबल स्पून

हरा धनिया – 2 टेबल स्पून (बारीक कटा हुआ)

चाट मसाला – 1 छोटी चम्मच

लाल मिर्च पाउडर – ¼ छोटी चम्मच से थोडी़ कम

नमक – छोटी चम्मच या स्वादानुसार

अदरक पेस्ट – 1 छोटी चम्मच

बनाने का तरीका

सबसे पहले मेकरोनी को किसी बर्तन में 2-3 कप पानी डालकर उबलने के लिये रख दीजिए. पानी में उबाल आने पर इसमें 1 चम्मच तेल, ½ छोटी चम्मच नमक और मेकरोनी डालकर 10-12 मिनट उबलने दीजिए और बीच-बीच में चलाते भी रहें.

सारी सब्जियों शिमला मिर्च, गाजर, टमाटर और बंदगोभी को अच्छे से धोकर सुखाकर बारीक-बारीक काट कर तैयार कर लीजिए और जब मेकरोनी पककर तैयार हो जाए तो इसे छलनी से छान लीजिए और पानी निकाल कर अलग कर दीजिए.

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पैन में तेल डालकर गरम कर लीजिये, तेल गरम होने पर इसमें अदरक का पेस्ट डाल, बारीक कटी हरी मिर्च डालकर हल्का सा भून लीजिए. अब इसमें बारीक कटी हुई गाजर और शिमला मिर्च डालकर थोडा़ सा भूनें.

सब्जियों के क्रन्ची हो जाने पर  इसमें  बंदगोभी और टमाटर डालकर इन्हें भी 2 मिनट भून लीजिए. सब्जियों में नमक, चाट मसाला, लाल मिर्च पाउडर और टमैटो  सॉस डाल कर अच्छे से मिक्स करते हुए थोडा़ सा पकाएं. अब इसमें मेकरोनी डाल कर मिक्स करें थोडा़ सा हरा धनिया डाल दीजिए और 1 मिनिट चलाते हुए मेकरोनी को सब्जियों के साथ पका लीजिए. और गरमा गरम मौनसून में अपनी फैमिली को खिलाएं.

हड्डियां मजबूत बनाने के लिए फौलो करें ये 9 टिप्स

अधिकतर महिलाएं सोचती हैं कि उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों की कमजोरी एक प्राकृतिक प्रक्रिया है. अगर आप भी ऐसा सोचती हैं तो गलत हैं, क्योंकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ सुरक्षात्मक उपाय अपना कर न केवल आप अपनी हड्डियों को सुरक्षित रख सकती हैं, बल्कि उन्हें कमजोर होने से भी बचा सकती हैं.

हड्डियां रहेंगी स्वस्थ और मजबूत

आधुनिक जीवनशैली ने हमारी दिनचर्या और खानपान की आदतों में ऐसा बदलाव किया है कि मेनोपौज को पहुंच चुकी महिलाएं ही नहीं, युवा महिलाएं भी तेजी से हड्डियों की कमजोरी का शिकार हो रही हैं. पेश हैं, हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखने के कुछ उपाय:

1. संतुलित और पोषक भोजन का करें सेवन

पोषक और संतुलित भोजन का सेवनकरें यानी ऐसे भोजन का जो कैल्सियम और विटामिन डी से भरपूर हो, जिस में हरी पत्तेदार सब्जियां और डेयरी प्रोडक्ट्स शामिल हों.साबूत अनाज खाएं. यह उन पोषक तत्त्वों से भरपूर होता है, जो हड्डियों के स्वास्थ्य केलिए आवश्यक होते हैं. प्रोसैस्ड फूड, नमक, सोडा और कैफीन का सेवन कम करें.

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अपने डाइट चार्ट में सब्जियों को जरूर शामिल करें. ये विटामिन सी की अच्छी स्रोत हैं. विटामिन सी हड्डियों का निर्माण करने वाली कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाता है. यह बोन लौस को कम करता है और बोन डैंसिटी को भी बढ़ाता है. डाइटिंग न करें. जरूरत से अत्यधिक कम कैलोरी का सेवन करने से मैटाबोलिज्म धीमा हो जाता है, जो हड्डियों की सेहत को नुकसान पहुंचाता है और उन की डैंसिटी भी कम हो जाती है.

2. शारीरिक रूप से रहें सक्रिय

जो महिलाएं नियमित रूप से ऐक्सरसाइज नहीं करतीं उन में हड्डियों के कमजोर होने का खतरा उन से अधिक होता है जो नियमित ऐक्सरसाइज करती हैं. ऐक्सरसाइज हड्डियों को मजबूत बनाती है और बोन लौस को कम करती है. आप जितना अपनी हड्डियों को हिलाएंगीडुलाएंगी वे उतनी ही मजबूत बनेंगी. हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए टहलें, दौड़ें और एक्सरसाइज करें. प्रतिदिन 1 मील पैदल चलने की कोशिश करें. पैदल चलना बोन मास को बढ़ाने में सहायक होता है.

3. धूप में बिताएं समय

आजकल लोग धूप में नहीं निकलते. दिनभर एसी में बैठे रहते हैं. इस से भी युवावस्था में ही हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, क्योंकि शरीर को विटामिन डी नहीं मिल पाता जो हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत रखने के लिए बहुत जरूरी होता है. अत: धूप में समय बिताएं. सूर्य की रोशनी में हमारा शरीर प्राकृतिक रूप से विटामिन डी का निर्माण करता है. यह हड्डियों की सुरक्षा करता है और शरीर के द्वारा कैल्सियम को अवशोषित करने में सहायता करता है. विटामिन डी की कमी से औस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है. इस से पीडि़त 50% महिलाओं में विटामिन डी की कमी पाई जाती है. विटामिन डी प्राप्त करने के लिए मछली, अंडे, दूध, अंकुरित अनाज आदि का भी सेवन करें.

4. न होने दें प्रोटीन और कैल्सियम की कमी

युवावस्था में शरीर कैल्सियम और फास्फेट का उपयोग कर हड्डियों का निर्माण करता है. अगर उचित मात्रा में कैल्सियम का सेवन न किया जाए या शरीर भोजन से उचित मात्रा में कैल्सियम का अवशोषण न करे तो हड्डियां कमजोर हो कर आसानी से टूटने वाली हो जाती हैं. एक महिला को 50 की उम्र तक प्रतिदिन 1000 एमएल और 50 के बाद 1200 एमएल कैल्सियम का सेवन करना चाहिए. हरी पत्तेदार सब्जियां कैल्सियम का अच्छा स्रोत हैं. इन के अलावा मछली, सालमन, साबूत अनाज, केला, ब्रैड, पास्ता, सोया मिल्क, टोफू, बादाम आदि भी कैल्सियम के अच्छे स्रोत हैं. कम वसायुक्त डेयरी प्रोडक्ट्स में वसायुक्त डेयरी प्रोडक्ट्स की तुलना में अधिक कैल्सियम होता है.

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प्रोटीन का भी पर्याप्त मात्रा में सेवन करना जरूरी है, क्योंकि हड्डियां 50% प्रोटीन से बनी होती हैं. प्रोटीन का कम मात्रा में सेवन करने से कैल्सियम का अवशोषण प्रभावित होता है जिस से हड्डियों का निर्माण भी प्रभावित होता है.

5. धूम्रपान और शराब से रहें दूर

अगर आप अपनी हड्डियों को स्वस्थ रखना चाहती हैं तो धूम्रपान और शराब से दूर रहें. अनुसंधानों में यह बात सामने आई है कि तंबाकू का सेवन हड्डियों को कमजोर बना सकता है. जो महिलाएं धूम्रपान करती हैं उन में औस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है. शराब का अधिक मात्रा में सेवन करने से उन हारमोनों का निर्माण प्रभावित होता है जो हड्डियों के लिए जरूरी होते हैं. और शराब के ज्यादा सेवन से कैल्सियम का अवशोषण भी प्रभावित होता है.

6. न बढ़ने दें वजन

हड्डियों को स्वस्थरखने के लिए अपना आदर्श भार बनाए रखें.वजन अधिक होने से औस्टियोपोरोसिस और औस्टियोपीनिया का खतरा बढ़ जाता है. यहखतरा मेनोपौज के बाद अधिक बढ़ जाता है, क्योंकि ऐस्ट्रोजन हारमोन का स्तर कम हो जाताहै, जो हड्डियों के लिए सुरक्षा कवच का काम करता है. वजन अधिक होने से जोड़ों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, जिस से वे क्षतिग्रस्त हो जाते हैं.

7. स्टेराइड से दूर रहें

इंटरनैशनल औस्टियोपोरोसिस ऐसोसिएशन के अध्ययन की मानें तो स्टेराइड दवाइयां मेनोपौज के बाद महिलाओं की हड्डियों को कमजोर बनाती हैं, जिस के लक्षण 50 साल की उम्र के बाद नजर आते हैं. अगर किसी स्वास्थ्य समस्या के कारण स्टेराइड युक्त दवा का सेवन करना आवश्यक हो तो अलकोहल और सिगरेट का इस्तेमाल बिलकुल बंद कर दें और भोजन में कैल्सियम तथा विटामिन डी की मात्रा बढ़ा दें.

8. नींद लें पूरी

हड्डियों की सेहत और मजबूती बनाए रखने के लिए 7-8 घंटे की नींद जरूरी है. जब हम गहरी नींद में होते हैं तभी ग्रोथ हारमोंस का स्राव उचित मात्रा में होता है. इन का स्राव हड्डियों के विकास के लिए बहुत जरूरी है. नींद में ही शरीर में मरम्मत का काम चलता है. इम्यून तंत्र को मजबूत बनाए रखने के लिए भी गहरी नींद जरूरी है. जिन का इम्यून तंत्र जितना मजबूत होता है वे शारीरिक रूप से उतने ही स्वस्थ होते हैं और स्वस्थ हड्डियों के लिए स्वास्थ्य का सही होना बहुत जरूरी है.

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9. बोन डैंसिटी टैस्ट

40 की उम्र के बाद बोन डैंसिटी टैस्ट जरूरी है ताकि हड्डियों की डैंसिटी और बोन लौस के बारे में पता चल सके. इस टैस्ट में एक विशेष प्रकार के एक्स रे जिसे डीएक्सए कहते हैं के द्वारा स्पाइन, कूल्हों और कलाइयों की स्क्रीनिंग की जाती है. इन भागों की हड्डियों की डैंसिटी माप कर इन की शक्ति का पता लगाया जाता है ताकि हड्डियों के टूटने से पहले ही उन का उपचार किया जा सके. अगर आप की हड्डियां कमजोर हो गई हैं तो कैल्सियम और विटामिन डी के सप्लिमैंट्स आप की हड्डियों को मजबूत बना कर उन्हें टूटने से बचा सकते हैं. यह टैस्ट हर5 साल के बाद कराना जरूरी है. इसी तरह अगर आप के घुटनों या कूल्हों के जोड़ घिस गए हैं तो रिप्लेसमैंट के द्वारा क्षतिग्रस्त जोड़ों को निकाल कर उन की जगह नए जोड़े लगा दिए जाते हैं. औपरेशन के बाद सामान्य रूप से चलनाफिरना संभव हो जाता है. -डा. ईश्वर बोहरा

सीनियर कंसल्टैंट और्थोपैडिक ऐंड जौइंट रिप्लेसमैंट सर्जन, बीएलके सुपर स्पैश्यलिटी अस्पताल, नई दिल्ली

4 टिप्स: मौनसून में ऐसे करें गंदे जूतों की सफाई

मौनसून में कपड़ें और जूते गदें होना आम बात है, लेकिन जूते गंदे होने के कारण घर से बाहर निकलना हम बंद कर सकते. बच्चे हो या औफिस वर्किंग लोग घर से बाहर निकलते ही हैं. इसलिए आज हम आपको जूतों को कैसे साफ करें इसके बारे में टिप्स बताएंगे. ज्यादातर लोग होममेड टिप्स का इस्तेमाल करना ज्यादा पसंद करते हैं जबकि बाहर के सौल्यूशन को इस्तेमाल करना पसंद नही करते हैं. आइए आपको बताते हैं होममेड टिप्स से गंदे जूते को कैसे करें क्लीन….

1. गीला स्‍पंज से करें जूतों को क्लीन

अपने सफेद जूतों को गीले स्‍पंज से पोछें. इससे जूतों पर गहरे निशान कभी नहीं पडे़गें और जो धूल आपके जूतों को पीला बनाती है वह भी नहीं रहेगी. आप घर पर डिटर्जेंट को गीले स्‍पंज के साथ प्रयोग कर सकते हैं.

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2. डिटर्जेंट से करें स्क्रब

जूते को अगर डिटर्जेंट वाले घोल में डाल कर कुछ देर रख दिया जाए और बाद में उसे स्‍क्रब कर के साफ किया जाए तो उस पर से दाग साफ हो जाएंगे.

3. बेकिंग सोडा से करें जूतों को ब्लीच

आप बेकिंग सोडे की मदद से मोजे और जूते दोनों ही ब्‍लीच कर सकते हैं. डिटर्जेंट के घोल में बेकिंग सोडा मिक्‍स करें और फिर उससे जूते में लगी मैल को किसी साफ स्‍पंज से साफ करें. फिर जूतों को सूरज की रौशनी में सुखाएं.

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4. नींबू है जूतों को क्लीन करने के लिए बेस्ट औप्शन

मौनसून में नमी के कारण पैर चिपचिपे हो जाते हैं. अगर आपके पैरों से भी पसीना ज्‍यादा आता है तो, जूतों को साफ करते वक्‍त पानी के घोल में नींबू का रस मिलाएं. आप चाहें तो पानी के घोल में थोड़ा सा नमक भी मिक्‍स कर सकते हैं. नींबू एक ब्‍लीचिंग एजेंट है, जो जूतों की गंदगी को साफ करने के साथ-साथ उसमें मौजूद बदबू को भी खत्म करने में भी मदद करेगा.

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